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क्या हसीन थी पड़ोस की लड़की

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हेलो रीडर, ये कहानी मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की कृष्णा की है. तो मैं पहले इंट्रोडक्शन करता हु, मेरे घर के पास वाले घर में ही रहती है और उनके घर में उनके मम्मी – पापा और उनका बड़ा भाई रहते है. उनके पापा जॉब करते है और उनकी मम्मी धार्मिक संस्था में काम करती है. उनका भाई भी जॉब करते है. वो कॉलेज में पढाई करती है. मैं जब जॉब करता था अहमदाबाद में. तो मैंने जॉब को किसी वजह से अलविदा कह दिया और कुछ दिनों के लिए घर पर वापस आ गया. तब कृष्णा, वो अपने ५थ सेमेस्टर की तैयारी कर रही थी. उनके एग्जाम नजदीक थे. वो रीडिंग करने के लिए मेरे घर पर आई थी. तब तक मैंने उनको पूरी तरह से देखा नहीं था. लेकिन उनका भाई मेरे दोस्त की तरह था और मैं उनके घर आता – जाता रहता था. उनकी बहन मुझ से एक दो सब्जेक्ट पढना चाहती थी और उसके भाई ने भी मुझे कहा था, कि तू हमारे घर आता जाता रहता है.. इसको कुछ सिखा दे.

उसके एक्साम्स आने वाले है. तो मैंने कहा – कोई दिक्कत नहीं है. मैंने उनके घर कृष्णा को दोपहर के वक्त सिखाने के लिए गया. तो उस दिन वो क्या मस्त लग रही थी. वो घर उस वक्त नाईट ड्रेस पहन कर घूम रही थी. वो घर में नाईट ड्रेस ही पहन कर रहती थी और मैं अब उसको रोजाना देखा करता था और मैं दिल तो बेकाबू होने लगा था. मेरा दिल उन पर आ गया था. फिर एक दिन तो उसने हद ही कर दी. जब मैं उसके घर गया, तो क्या नज़ारा था. वो नहा रही थी और उसने बाथरूम को लॉक नहीं किया था. मैं उनको तिरछी नजरो से देख रहा था. क्या मस्त फिगर था.. वो नहा रही थी पूरी नंगी होकर. थोड़ी देर बाद, वो टॉवल लपेट कर रूम में आई और मुझे देख कर चौक पड़ी. फिर मैंने कहा – चलो. अब जल्दी से तैयार हो कर आओ. आज मुझे बाहर जाना है कुछ काम के लिए. तो वो बोली – कि आज पढ़ने का मूड नहीं है. मैंने कहा – फिर. तो उसने कहा – आज मुझे तुमसे कुछ बोलना है. तो मैंने कहा – क्या बात है? तो वो बोली मेरे कॉलेज में मैंने एक बॉयफ्रेंड बनाया है. वो मुझकोतंग कर रहा है. तो मैंने कहा – ऐसा क्यों? वो बोली – वो मुझ से मेरी नंगी फोटो मांग रहा है.

मैंने कहा – तू अपने बॉयफ्रेंड को क्यों नहीं कहती, कि तू उस से ऐसा रिश्ता नहीं बनाना चाहती है. तो उसने उनके बॉयफ्रेंड को बोल दिया और फिर दुसरे दिन बोली – वो अकेले घर पर है. तो मैं चुपके से उसके घर दाखिल हुआ, ये देखने के लिए; कि वो क्या कर रही है? मैंने अन्दर जाकर देखा, कि वो अपने लैपटॉप में एक पोर्न मूवी देख रही थी और वहां पर पूरी नंगी लेटी हुई थी. फिर मैंने डोर लॉक किया और उसने थोड़ी देर बाद खोला. मैंने अन्दर जाकर उनके बेड पर बैठ गया और उनके लेपटोप देखने लगा. मैंने कहा – कोई अच्छी मूवी है कि नहीं? वो बोली – आप अपने आप देख लो. मैंने कहा – कोई बात नहीं. मैंने एकदम से पोर्न मूवी खोल दी और उसको देख कर मुस्कुराने लगा. मैंने उसको पूछा – कभी किसी के साथ सेक्स किया है? उसने कहा – नहीं. मैंने कहा – किया तो होगा. बस मुझे बता नहीं रही हो. फिर हमने सेक्स के बारे में बातें करनी शुरू कर दी और वो बोलने लगी, कि मेरी सहेली के साथ किया है. लेकिन आज किसी लड़के के साथ सेक्स नहीं किया. फिर मैंने उसको पूछा – कभी सेक्स करने का मन नहीं किया तुम्हारा? उसने कहा – हुआ है बहुत बार. लेकिन मुझे डर लगता है. तो मैंने कहा – इस में डरने की क्या बात है? उसमे कुछ नहीं होता डर जैसा… फिर मैंने उसको छुने की कोशिश की, लेकिन वो एकदम से पीछे हट गयी और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली..

तो उसने कहा – तुम्हे कैसे पता? मैंने उसको फिर बोला – तू करना चाहती है तो बता? आज तुझे लाइव सेक्स का मजा दिलवाता हु. वरना पोर्न मूवी तो है ही. वो बोली – हाँ, ठीक है. मैंने लंड तो पहले से ही फनफनाया हुआ था. उसने मेरी पेंट में एकदम तम्बू बनाया हुआ था. वो इसको पहले ही नोटिस कर रही थी. मेरे लिए अब उसको कण्ट्रोल में और रखना बहुत ही मुश्किल होने लगा था. तो मैंने उनका हाथ मेरे लौड़े पर लगा दिया. मेरे लंड को महसूस करके वो बोली – इतना बड़ा? मैंने कहा – हाँ. देखा चाहती हो तुम? वो बोली – हाँ. तो मैंने एकदम से अपनी पेंट को उतार दिया और उसके सामने अपना लंड हिलाने लगा. मेरे लंड को देख कर उसकी आँखे एकदम से चौक गयी. दोस्तों, मेरे लंड का साइज़ है ही ऐसा… देखने वाला को एकदम से वहीँ अटक जाता है. वो मेरे लंड को देखने लगी. फिर उसने हलके से टच किया. तो मेरे लौड़े ने झटके मारने शुरू कर दिए. वो देखती रही. फिर मैंने उसको कहा – चल अब तू भी नंगी हो जा. वो बोली – मुझे शरम आ रही है.

तो मैंने कहा – इसमें शरम आने वाली क्या बात है. फिर मैं ने उनको नंगा कर दिया… मैं तो उसके शरीर को देखता ही रह गया. क्या मस्त बूब्स थे.. उसने अपनी चूत के बालो को भी क्लीन किया हुआ था. एकदम क्लीन शेव थी वो. मुझे तो देख कर वो एकदम वर्जिन लग रही थी. मैं तो उनके बूब्स पर फ़िदा हो गया था और उनसे खेलने लगा. उनके गोरे – गोरे बूब्स एकदम गोल थे और उनपर पिंक कलर के छोटे – छोटे निप्पल एकदम सीधे खड़े होकर अब तक मस्त टाइट हो गये थे. फिर वो मेरे लौड़े को अपने हाथ से सहलाने लगी. थोड़ी देर बाद, ऐसे ही करने के बाद.. मैंने कहा – चलो अब असली मज़ा करते है. तो वो बेड पर लेट गयी और मैंने अपने अपने लौड़े का सुपाडा उनकी चूत पर रख दिया. मैंने अपने अपने लौड़े के सुपाडे को हल्का सा पुश किया और फिर हल्का सा पुश कर दिया. वो एकदम से चिल्लाने लगी. मुझे समझ आ गया था, कि वो देखने में ही वर्जिन नहीं है. वो वास्तव में वर्जिन है और उसकी चूत अभी खुली भी नहीं है. मैंने अपनी उंगलियों से थोड़ा उसकी चूत को मसला और उसकी चूत के दाने को थोड़ा साथ अपनी ऊँगली से पकड़ कर खीच दिया. वो एकदम से कसमसा गयी थी और बोली – जो करना है जल्दी करो… अब बर्दाश्त नहीं होता.

फिर मैंने उनसे तेल लाने को बोला और वो बोली – लायी. फिर तेल लगा कर मैंने उनकी चूत और मैंने लौड़े को एकदम मस्त चिकना कर दिया और फिर से ट्राई किया. इस बार मेरे पुश से मेरा लौड़ा थोड़ा सा अन्दर चले गया. क्या मस्त टाइट चूत थी उसकी. फिर वो थोड़ा दर्द हो रहा है.. ऐसा बोलने लगी. तो मैं थोड़ी देर रुक गया और कहा – अभी तो तुम्हे दर्द हो रहा है. लेकिन बाद में तुम खुद ही कुदोगी. तुम मुझे बोलोगी – और करो… तेज करो… फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और हलके – हलके धक्के लगाने लगा. सिर्फ ५ मिनट में ही मैंने अपनी रफ़्तार बड़ा दी. और वो बोलने लगी… और करो.. और तेज… वो अब कम्पलीट मूड में आ गयी थी और बाद में, मैं झड गया. तो मैं झड़ने के बाद उसी पोजीशन में पड़ा रहा. फिर जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला, तो देखा कि उसकी उसकी साइज़ छोटी हो गयी थी. मैंने कृष्णा को बोला – तुम मेरे लंड अपने हाथ से सहलाना शुरू करो. ये फिर से तैयार हो जाएगा. उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू किया और वो एकदम से खड़ा हो गया. मैंने उसको कहा – तभी खड़ा करना, अगर दूसरी बार मज़ा करना हो तुम्हे. तो उसने मुझे कहा, हां.. अभी तो मज़ा लेना बाकी है और मम्मी भी ३ घंटे के बाद ही वापस आएँगी… फिर से मेरा लंड उसने सहला कर खड़ा कर दिया और मैंने फिर उसको अलग – अलग पोजीशन में उनकी चुदाई करने लगा.

और वो भी आधे घंटे के बाद झड गयी और बेड पर लेटी रही. मैं भी थोड़ी देर बाद झड गया और वहीँ उसी पोजीशन में पड़ा रहा. फिर जब मैं बाथरूम में नहाने चला गया. तो वो भी मेरे साथ चली आई और फिर उसे उसका चुदवाने का मन हो रहा था. तो मैंने बाथरूम में ही उसको चोदा और सेक्स किया मस्त वाला.. मैं उसके बूब्स को मस्त चूसता रहा और हल्का – हलका दबाने लगा. थोड़ी देर बाद मैं झड गया और अब मुझे भी पेन हो रहा था. उस दिन हमने तीन बार सेक्स किया. अब वो मुझ से नंगी ही चिपक गयी थी. हम दोनों ही बहुत खुश थे और फिर जब तक मैं घर पर रहा और मैंने उसको पढाया. मैंने उसकी रोजाना चुदाई की और मज़ा दिया.. उसके बाद तो उसका कॉलेज और मेरी जॉब एक ही शहर में हो गयी और उसने वहां पर हॉस्टल ले लिया और मैंने एक फ्लैट. उसके भाई ने मुझे ही उसका गार्डियन बना दिया. फिर तो वो हर वीकेंड मेरे फ्लैट पर आती और हम दो दिन नंगे रहते और मैं उसकी पुरे दिन और पूरी रात चुदाई करता और चुदाई का मज़ा लिया…

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पड़ोसन ने मुझे आंख मारी

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम सागर शर्मा है और मेरा आप सभी से निवेदन है कि अपने लंड और चूत को दबा दबाकर मुठ मारना शुरू कर दे.. क्योंकि शायद आप झड़े बिना रह नहीं पाएगे. दोस्तों में 18 साल का हूँ और में अच्छे शरीर, अच्छी हाईट और साफ कलर का हूँ और मेरा लंड 6.5 इंच बड़ा है और 2 मोटा. में आप सभी से आज एक कहानी शेयर करने जा रहा हूँ और मुझे मेरी पिछली कहानी के लिए आप सभी के बहुत मेल मिले उसके लिए आप सभी को धन्यवाद.. वैसे में पिछले कई सालों से कहानियाँ पढ़ रहा हूँ और वो मुझे बहुत पसंद भी है. दोस्तों यह बात मेरी गर्मियों की छुट्टी की है में उस समय अपनी बुआ के घर गया हुआ था और उन दिनों मेरा कुछ काम करने का तो मन नहीं था तो में मूड फ्रेश करने अपनी बुआ के घर पर चला गया. वो दिल्ली में रहती है और में वहाँ पर बहुत मज़े करता था क्योंकि उनके बच्चे बहुत छोटे है तो वो मस्ती किए बिना मानते नहीं है. वहाँ पर उनके घर के पास वाले घर में एक परिवार रहता है उसमे एक बहुत सुंदर लड़की भी रहती है.. लेकिन वो अनपड़ है और जब भी अक्सर में शाम को छत पर जाता था तो वो भी अक्सर छत पर आती थी. कभी किसी बहाने तो कभी किसी बहाने से और में इस बात पर गौर करता था.

उसका नाम रेणुका है और वो दिखने में सांवली है.. लेकिन कामुक भी लगती है. शाम को बहुत गर्मी होती थी तो वो नहाकर जब बाहर आती थी तो कसम से क्या सेक्सी लगती थी? और उसके बदन से साबुन की हल्की हल्की खुश्बू आती थी और में मदहोश सा होने लगता था. तो एक दिन जब शाम को छत पर वो जब आई तो मैंने पूछा कि कैसी हो? तो वो बोली कि में ठीक हूँ.. फिर मैंने कहा कि आप बहुत सुंदर लग रही हो. तो वो बोली कि अच्छा शुक्रिया.. मैंने कहा कि क्या आप मुझसे दोस्ती करोगी? तो वो बोली कि कैसी दोस्ती करोगे? क्या तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाओगे? तो मैंने कहा कि हाँ में बनाऊंगा तो क्या तुम खुश हो जाओगी? फिर वो बोली कि में तो बहुत खुश हो जाऊंगी.. लेकिन में अनपड़ हूँ और तुम मुझे कैसे पसंद करोगे? तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं में तुम्हे बहुत सारा प्यार दूँगा.. क्या तुम मेरी बनोगी? तो वो बोली कि मैंने तो जब से तुन्हें देखा है तब से तुम्हे अपना बनाना चाहती हूँ.

तो मैंने कहा कि तो फिर क्या हुआ बन जाओ मेरी.. लेकिन हम करेंगे क्या? वो बोली कि जो सब करते है वही या शायद उससे भी ज़्यादा. तो मैंने कहा कि क्या मतलब? वो बोली कि कल शाम को मिलना छत पर में तब तुम्हे सब बता दूंगी और वो मेरी तरफ आँख मारकर चली गयी. तो में अब मन ही मन बहुत खुश होता जा रहा था और मुझे उससे मिलने जाने की मन में बड़ी बेसब्री थी और में जब भी उसे देखता तो खुश हो जाता और उसे आँख मरता या फिर फ़्लाइंग किस दे देता. फिर आख़िर वो पल आ ही गया था और धीरे धीरे शाम हो चुकी थी और शाम के 5 भी बज गये थे और में छत पर बैठकर उसका इंतज़ार कर रहा था. तभी वो छत पर आई और में उस दीवार के पास गया.. सामने एक बड़ा घर था तो में आसानी से किसी को नज़र नहीं आ रहा था. फिर उसने मुझसे कहा कि कल सुबह उसके घर वाले बाहर चले जाएँगे और वो घर पर बिल्कुल अकेली रहेगी.. तो तुम किसी तरह छत से नीचे मेरे घर में आ जाना और परसों तक मेरे साथ ही रहना. तो मैंने कहा कि लेकिन मुझे मेरी बुआ आने नहीं देंगी. तो उसने कहा कि में आंटी को कह दूँगी कि तुम्हे छोड़ दे..

फिर मैंने कहा कि ठीक है और में उसके करीब गया उसके गाल पर अपना एक हाथ रखा और धीरे धीरे उसके होंठो के करीब गया तो वो अपनी आखें बंद करके थोड़ा आगे हुई और मैंने उसके होंठो से अपने होंठ लगाए और लिप किस करने लगा और फिर वो भी मेरा साथ दे रही थी वो क्या टाईम था पता ही नहीं चल रहा था? कभी मेरी जीभ उसके मुहं में जाती तो कभी उसकी मेरे मुहं में.. अब हमें बहुत मज़ा आ रहा था और बहुत देर तक लगे रहे. तभी थोड़ी देर बार उसकी माँ ने उसे बुला लिया तो वो बोली कि आज रात को मेरी माँ तुम्हारी बुआ से बात करने आएँगी. फिर वो मुझे अकेला छत पर छोड़कर जल्दी से वहाँ से नीचे चली गई.. लेकिन में अब भी उसके होंठो की गरमी महसूस कर रहा था और उसी के बारे में सोच रहा था. उसको सोच सोचकर मेरा लंड धीरे धीरे गरम होकर अपना आकार लेने लगा और कुछ देर बाद के ज़ोर के हवा के झोके ने मुझे नींद से उठा दिया और में उसके किस को सोचकर नीचे कमरे में आ गया.

फिर उसी दिन कुछ घंटो के बाद रात को उसकी मम्मी मेरी बुआ से बात करने आई और वो उन से बोली कि उन्हे कल दो दिन के लिए अचानक किसी काम से बाहर जाना है और क्या आप सागर को दो दिन के लिए हमारे घर पर रुकने की इजाजत दोगी.. क्योंकि हमारी रेणु की तबियत भी खराब है और उसे रात को अकेले घर पर बहुत डर लगता है. तो बुआ ने कहा कि ठीक है और में उन दोनों का खाना भी बनाकर भेज दूँगी आप उससे कहना कि वो खाना ना बनाए.. तो आंटी यह बात सुनकर चली गई. तो में अब अगले दिन के लिए बहुत बेसब्र हो रहा था और मुझे उस रात ठीक से नींद भी नहीं आई. में हर पल उसके ही बारे में सोचता रहा. फिर में सुबह जल्दी ही उठ गया और नहा धोकर जल्दी से उनके घर पर चला गया. तो आंटी मुझे वहीं पर मिली और वो बोली कि आ बैठ क्या कुछ लेगा? तो मैंने ना कहा और वहाँ सोफे पर बैठकर उनके जाने की बड़ी बेसब्री से राह देखता रहा और फिर जब वो चली गई तो मैंने रेणुका को अपने हाथों से खाना खिला दिया और मैंने भी खाया.

तो कुछ देर बाद वो हमारे पास आई और यह कहकर चली गई कि वो अपने किसी काम से बाहर जा रही है और शाम तक लौटकर आने वाली थी.. इसलिए अब रेणु और में घर पर अकेले थे. तो मैंने रेणु को कहा कि अब बताओ मुझे यहाँ पर बुलाकर क्या करना है? तो वो बोली कि आज में और तुम एक पति, पत्नी बनकर सुहागरात मनाएँगे. तो मैंने कहा कि लेकिन में कंडोम लेकर नहीं आया.. क्या में कंडोम लेकर आ जाऊँ? तो वो बोली कि वो मैंने अपने पास पहले ही रख लिये है.. मैंने अपने दोस्त से मंगवाए है. तो मैंने कहा कि तुम लाओ.. तो वो बोली कि अरे वो यहीं पर मेरे पास है. फिर मैंने कहा कि बताओ कहाँ पर है और तुम दुल्हन की तरह तैयार हो जाओ. वो बोली कि तुम चादर उठाओ.. तभी मैंने चादर उठाकर देखा कि वो पहले से ही तैयार थी और उसके हाथ में कंडोम का पैकेट भी था. फिर में अपने हाथ से उसके बदन को सहलाने लगा तो वो शरमाने लगी और में उसको गले लगाकर उसके सारे कपड़े धीरे से उतारने लगा..

पहले साड़ी का पल्लू, फिर ब्लाउज, फिर पेटिकोट और फिर उसकी ब्रा खोली. तो वो मुझसे चिपक गई.. मैंने उसको बाहों में लिया और उसको कसकर जकड़कर किस किया. फिर में उसकी पेंटी के ऊपर पर से हाथ घुमाने लगा और फिर उसकी पेंटी गीली होने लगी तो मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और उसे लेटा दिया और अपने सारे कपड़े उतार दिए. तभी वो मेरा बड़ा लंड देखकर बहुत खुश हो गई और मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और फिर मुहं में लेकर चूसने लगी और दबा दबाकर चूसने लगी. करीब 5 मिनट बाद में झड़ने वाला था तो मैंने कहा कि में झड़ रहा हूँ और उसने फिर मेरे लंड को मुहं में लिया और पूरा पानी पी गयी और मुझसे बोली कि यह बहुत स्वादिष्ट था. फिर हमने एक एक करके एक दूसरे के लंड और चूत चाटी. फिर में और वो 6-9 पोज़िशन में लेट गये.. मैंने पहले उसकी चूत में उंगली डालकर अच्छे से हिलाया और फिर अपनी जीभ को चूत पर लगाकर चूत में अंदर बाहर करके हिलाने लगा और फिर चूसने और चाटने लगा. फिर हम दोनों मोन करने लगे और कुछ देर के बाद वो कहने लगी कि अब में झड़ने वाली हूँ.

तो में उसकी चूत के दाने को ओर ज़ोर-ज़ोर से चाटे जा रहा था और फिर वो झड़ गई. फिर उसने पूरी तरह से झड़ने के बाद मेरे लंड को पकड़ा और लंड को कंडोम पहनाया और लंड को चूसकर फिर से टाईट किया. तो जब मेरा लंड खड़ा हो गया तब मैंने उसके दोनों पैर फैला दिए और अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोर का धक्का लगाया तो तभी मुझे पता चला कि वो वर्जिन थी और मेरा लंड अभी थोड़ा ही उसकी चूत में गया था.. लेकिन उसको बहुत दर्द हुआ और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी आईईई अह्ह्ह माँ मार दिया. इसे बाहर निकाल दो.. वरना में मर जाऊंगी और मैंने उसकी एक ना सुनी.. एक और ज़ोर का धक्का मारा तो वो और ज़ोर से चिल्लाई आहह उह्ह्ह माँ मर गई.

फिर में धक्के पे धक्के लगाता गया और 5 मिनट के बाद मेरा लंड बड़े आराम से अंदर बाहर होने लगा और वो मोन करने लगी.. वो बोली कि चोदो मुझे और ज़ोर से ज़रा और ज़ोर से और तेज़ी से मेरी चूत के अंदर आग लगी है आज बुझा दो.. आहह और ज़ोर से मारो मेरी हाहा आहा. फिर करीब 25 मिनट के बाद वो बोली कि में झड़ने लगी हूँ. तो में और भी तेज हुआ और बोला कि में भी अब झड़ने वाला हूँ और वो बोली कि हाँ में भी आईईईई और हम दोनों एक साथ झड़ गए और एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर लेटे रहे.. वो मेरी इस चुदाई से बहुत खुश नजर आ रही थी और जब मैंने उसकी चूत से लंड को बाहर निकाला तो उस पर थोड़ा उसकी चूत का खून लगा था.

दोस्तों उसके कुछ देर बाद हमने फिर से चुदाई शुरू कर दी और मैंने इस बार उसे कुतिया बनाकर चोदा. वो मेरी इस चुदाई से बहुत खुश हो गई और मैंने इस दो दिनों में उसे कई बार चोदा और उसकी चूत की आग को ठंडा किया.. लेकिन उसकी चूत में मेरा लंड जाने के बाद उसकी आग और भी बड़ चुकी थी. तो मैंने कई बार मौका पाकर कभी उसे मेरे घर में और कभी उसके घर में तो कभी रात को छत पर चोदा ..

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लिफ्ट दिया चूत लिया

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हेलो रीडर्स, मैं किंजल पटेल (बॉय) फ्रॉम बरोडा, गुजरात. हाजिर हु.. फिर से आपकी खिदमत में एक और स्टोरी लेकर. मुझे अच्छा लगा, कि आपने मेरी सारी पुरानी कहानी को पड़ा और मज़ा लिया और मुझे खूब तारीफे भी दी. मैं आप लोगो को उसके लिए धन्यवाद देना चाहता हु. तो दोस्तों, इस बार मैं फिर से अपनी एक और कहानी लिफ्ट से जुडी हुई ही लेकर आया हु.

बात अभी दो दिन पहले की ही है. गुजरात में सब जगह जोर से बारिश हो रही है. वैसे बरोडा में भी कुछ ज्यादा ही है इस बार. तो जैसे मैंने आपको पहले बताया हुआ है, कि मैंने किस तरह से रेशमा नाम की लड़की की चुदाई की हुई है और अब उस बात को भी १ साल के ऊपर होने को था. किस तरीके से मैंने उसको मानसून के मौसम में लिफ्ट देकर उसकी चुदाई की थी और फिर से उसको नवरात्री में चोदा था. उसके बाद से तो मुझे मौका ही नहीं मिला. लेकिन मैंने इस दौरान बहुत सी औरतो को चोदा. तो दोस्तों, बारिश गिर रही थी और सेम टाइम मैं इवनिंग में कंपनी में से छुटने के बाद घर की ओर जा रहा था. कि रास्ते में मुझे मेरी जानेमन रेशमा दिखी. वो शायद ऑटो का इंतज़ार कर रही थी. मैं तो एकदम से खुश ही हो गया था. क्योंकि हमारे बीच में डील थी, कि अकेले अचानक से मिल गए तो ठीक है. वरना कोई किसी से कांटेक्ट नहीं रखेगा. मैंने भी बाइक एकदम से उसके पास जाकर खड़ी कर दी.

वो मुझे देख कर बोली – व्हाट ए सरप्राइज? और मुस्कुराते हुए मेरी बाइक के पीछे बैठ गयी. वहां स्टैंड पर ३ – ४ और भी लोग थे और जो मुझे उसका हस्बैंड समझे होंगे शायद. फिर मैं बाइक चलाने लगा. हम दोनों तेज बारिश में पुरे भीग गये थे. मैं बोला – आज भी पेपर चेक करने में देरी हो गयी? वो बोली – नहीं, अभी स्कूल में थोड़ा काम था. इसलिए.. हम लोग इतने भीग चुके थे, कि अब हमको ठंडी लगने लगी. वो मुझसे चिपक गयी और मैं भी बार – बार ब्रेक लगाने लगा और वो बोली – अब बस भी करो. अब इतने भी बूब्स अपनी पीठ से मत दबाओ. घर चलो.. हाथ से और मुह से जितना चाहो.. उतने दबा लेना. मैंने कहा – क्या? तुम्हारे हस्बैंड घर पर नहीं है क्या? रेशमा बोली – नहीं. वो ५ दिन से एपी के टूर पर गये हुए है. मैंने बोला – ५ दिन और तुम मुझे अब बता रही हो? वो बोली – हमारे बीच डील थी. इसलिए रोज़ गॉड से परे करती थी, कि मुझे तुम जल्दी मिल जाओ.. और फाइनली आज तुम मुझे मिल गये. घर चलो आज तुम. खा जाउंगी मैं तुम्हे आज…

मैंने बाइक की रफ़्तार तेज कर दी और १५ मिनट में हम उसके फ्लैट पर पहुच गए थे. हम दोनों लिफ्ट में घुसे और जेसे ही डोर बंद हुआ, मैंने उसको कस कर पकड़ लिया और उसको किसिंग करने लगा. उसकी साड़ी के ऊपर से मैं उसके बूब्स को मसल रहा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी. इतने में उसका फ्लोर आ गया. बारिश की वजह से कोई बाहर नहीं था. उसने फटाफट डोर खोला और हम अन्दर चले गये. उसके डोर बंद करने से पहले ही मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और फुल मस्ती में किसिंग करने लगा. उसने हम दोनों की किस्सिंग करते – करते ही डोर को बंद किया. मैंने उसको अपनी गोदी में उठाया और उसको सोफे पर ले गया और उसको चूसने लगा. मैं उसके जूसी लिप्स छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. जितना मैं उसको जोर से किस कर रहा था और जोरो से मुझे किस्सिंग कर रही थी. मैंने उसकी साड़ी का पल्लू गिरा दिया. ऊऊ… मैंने आपको उसकी ड्रेसिंग तो बताना ही भूल गया… अहहाह.

उसने येलो कलर की साड़ी, स्लीवलेस ब्लाउज.. जिसमे से उसके बड़े बूब्स की क्लेवेज अवेसोम दिखती है. वो पहना था. उसका फिगर अब तो बढ़ गया था. मैंने उसकी चिक लिप सब जगह अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और वो पूरी तरह से मदहोश हो गयी और मेरे कपड़े उतारने लगी. हम दोनों के लिप्स अलग होने का नाम ही नहीं ले रहे थे. मैंने किसिंग में ही उसके टाइट ब्लाउज में हाथ डाल दिए और ब्रा के ऊपर से बूब्स को मसलने लगा. वो धीरे – धीरे सोफे पर लेटने लगी और मैं उसके लिप को छोड़ना नहीं चाहता था. तो मैं भी उसके ऊपर आ गया. मेरा हाथ ब्लाउज में जोरो से उसके युम्म्म्मीईईईइ बूब्सस्सस्सस्सस मसल रहा था. उसने मेरे शर्ट के बटन को तोड़ दिया और मेरे गले चेस्ट, सब जगह पर पागलो की तरह किस करने लगी थी. मैं भी जोश में आ गया और उसके ब्लाउज को फाड़ दिया और उसके ब्लाउज के सारे बटन टूट गये.

उसने अन्दर ब्रा भी येल्लो ही पहनी हुई थी. उसके अन्दर उसके गोरे – गोरे दूध जेसे वाइट बूब्स देख कर ही, कितनो का पानी निकल जाता है. वो मेरे शर्ट के अन्दर घुसे जा रही थी. और फिर अपनी जीभ को हर जगह फिराने लगी. मैंने उसकी पूरी साड़ी निकाल दी और ब्लाउज को भी निकाल दिया. अब वो ब्रा और पेटीकोट में आ अ गयी थी. फिर वो धीरे – धीरे किस्सिंग करते हुए ऊपर आ गयी और मेरे लिप्स को चूसने लगी थी. आज तो उसका दवाब ज्यादा था मेरे से. फिर मैंने उसकी ब्रा में मुह डाल दिया और उसके बूब्स चाटने लगा. वो बोल रही थी आममम अममम अममामा अममम ह्म्म्मम्म अममम्मा चुसो… चुसो… अममम अममम अममम हममम उम्म्मम्म्म्म.. प्लीज काटो ना… प्लीज करो ना… प्लीज और जोर से और जोर से … हाहाह अहहाह अहहाह अहः ममममम उम्म्म्म ह्म्म्मम्म… चुसो ना…

मैंने उसकी ब्रा निकाल कर फेंक दी और दोनों हाथो से उसके बिग बिग बूब्स…. मैं अपने हाथ में दबा कर चूसने लगा. मैंने उसके बूब्स को इतने जोरो से दबा रहा था, कि उसके मुह से अहः अहहाह अहहाह अहहः आऊवूऊ औच औच औच औक औच एच औच औच औच चीखने की आवाज़े निकल रही थी. मैंने इसी दौरान उसका पेटीकोट और पेंटी दोनों को निकाल दिया और वो अब पूरी नंगी हो गयी थी. मेरे सामने कोई परी के माफिक एक हसीं जलवा बिखेरने वाली औरत खड़ी थी, जिसकी कमसिन जवानी से मैं खेलने वाला था. मैं एकदम से उस पर टूट पड़ा और उसके फिर से सब जगह पर किसिंग करने लगा. वो बार – बार मेरा मुह पकड़ लेती और लिप किसिंग करने लगती. अब उसने मेरा पेंट और अंडरवियर निकाल दिया और वो बोली – ओये.. होए… मेरा छोटा राजा.. ये तो अब और भी ज्यादा मस्त हो गया है.. मैंने बोला – मेरी रानी.. तेरे बाद वो और बहुत सी सारी चूत के स्वाद को चख चूका है. वो बोली – अरे वहाह्ह्ह्ह… तब तो आज जितनी को जिस जिस पोजीशन में चोदा है.. मुझे उस – उस पोजीशन में चोद मेरे राजा… मैंने भी कहा दिया – ओके मेरी डार्लिंग.

फिर मैंने उसको बेडरूम में ले जाकर बेड पर लेटा दिया और मैं उसके साइड में आ गया. हम किसिंग करने लगे थे और मैं उसके बूब्स को दबा रहा था. फिर धीरे – धीरे से चूत पर हाथ ले गया. तो ऑब्वियस थी, कि हर बार की तरह ही बहुत ज्यादा चिकनी हो चुकी थी. उसका २ बार पानी निकल चूका था और अब मैं उसकी चूत के दाने को रब करने लगा. वो मचल उठी और बोलने लगी… प्लीज चोदो ना… मुझे… अब चोद भी डालो… और मत तड़पाओ… कितने महीनो से मैं प्यासी हु… मेरे पति टूर पर जाकर बाहर मौज कर लेते है और इधर मैं प्यासी ही रह जाती हु. मैंने बोला – मैं हु ना मेरी जान.. तेरे लिए… और ऐसा कहा कर, मैंने उसके पैरो को ऊपर कर दिया और अपने लंड को उसकी चूत पर रख कर अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो मुझ से एकदम चिपक गयी थी और मुझे किसिंग कर रही थी. मैंने उसकी चूत में एक झटका लगा कर अपने लंड डाल दिया और वो एकदम से सिहर गयी. वो चिल्ला भी नहीं सकती थी. क्योंकि उसका मुह अपने अपने होठो में लेकर एकदम टाइट बंद कर रखा था. अब मैंने उसको कस कर पकड़ लिया और अपनी गांड को बहुत तेजी से हिलाने लगा. मैंने रफ़्तार बहुत ही ज्यादा तेज थी और मैंने उसको बहुत ही जोरो से चोदना शुरू कर दिया.. वो भी अपनी गांड को हिला कर मुझ से चुदवा रही थी.

मैं साथ ही उसके बूब्स मसलने लगा. वो तो पूरी तरह से पागल हो गयी थी चुदाई में. मुझे लगने लगा था, कि वो बेहोश हो गयी है. करीब १५ मिनट मैंने उसको उस पोजीशन में चोदा और फिर मैं उसके बूब्स के ऊपर आ गया और उसके बूब्स पर बैठ गया और फिर मैंने अपना लंड उसके मुह में घुसा दिया. वो हिला – हिलाकर उसको चाटने लगी और बोली – उस बार की तरह ही मुझे चॉकलेट लगा कर चाटना है मुझे. मैंने बोला – ठीक है. रात को चॉकलेट लेते आऊंगा, मेरी डार्लिंग के लिए. वो और भी जोरो से चूसने लगी. फिर मैंने उसे डोगी स्टाइल में ले लिया और उसकी गांड में लंड डाल दिया. अब उसकी गांड मेरे लंड को आसानी से नहीं ले रही थी. क्योंकि उसकी गांड फर्स्ट टाइम मैंने ही मारी थी और उसका बहुत टाइम हो गया था. सो मैंने आयल मंगवाया और उसकी गांड की थोड़ी सी मालिश कर दी और फिर उसने मेरे लंड पर आयल लगाया और फिर वो डोगी हो कर मुझे बुलाने लगी और बोली – आओ मेरे राजा.. अपनी रानी की गांड का भुरता बना कर फाड़ दो… डालो ना. अपने लंड को अब मेरी गांड में… छोड़ना मत… बिलकुल भी… रगड़ डालो ढंग से…

मैंने उसकी गांड में लंड घुसा दिया और वो चिल्ला कर बोल रही थी… रुकना मत. मेरे राजा.. फाड़ दो उसको आज.. मैं उस से चिपक कर उसके बूब्स को मसलते हुए.. कंधो पर किसिंग करते हुए गांड मार रहा था. करीब २० मिनट बाद, मेरा छुटने वाला था. तो मैंने उसे पूछा वो बोली – अभी मेरी सुखी गांड को हरा कर दो.. रात में चूत को पानी पिलाना है. मैं तेज झटके मारने लगा. करीब १५ – २० धक्को के बाद, मेरा बहुत सारा क्रीम उसकी गांड में छोड़ दिया. उसकी गांड से सब बाहर आने लगा. वो बेड पर हाँफते हुए गिर गयी और मुझे पूरा अपने ऊपर खीच लिया और रोमांस करने लगी. उसके बाद हम २० मिनट एकदूसरे के बाहों में लेटे रहे और फिर वो बोली – तुम फ्रेश हो जाओ और घर जाना हो. तो जाकर आओ. मैंने तुम्हारे लिए खाना बनाकर रखती हु.

लेकिन जल्दी आना मेरे राजा.. मैंने उसको किस किया और जाने के लिए रेडी हुआ. तो याद आया, कि मेरी शर्ट के सारे बटन तो टूटे हुए थे. फिर उसने मुझे एक शर्ट निकाल कर दी पहनने को. फिर मैं घर आया और रात को ९:३० बजे उसके घर चॉकलेट और कंडोम का पैकेट लेकर पहुच गया. जब उसने रात को डोर खोला, तो उसने सिल्की ब्लैक कलर की नाइटी पहनी हुई थी. उसको देख कर पता चल रहा था, कि उसने अन्दर कुछ भी नहीं पहना हुआ था. फिर अन्दर जाकर हमने किसिंग की और डिनर किया. हमने एक दुसरे को भी खाना खिलाया. फिर पूरी रात हमने खूब एन्जॉय किया और ४ बार और सेक्स किया साथ में. बाद में हम लोग साथ में नहाये भी. सेक्स के बाद हम दोनों बहुत थक गये थे और फिर हम साथ में नंगे ही एक दुसरे की बाहों में सो गये. फिर में सुबह उधर से ही फ्रेश ही कर कंपनी चला गया और उसने बोला – अभी दिन और है. रात में मेरे हस्बैंड बन कर आना मेरे राजा… फिर मैं निकल गया. फिर जब तक उसका पति नहीं आया. मैं उसके घर में उसका पति बन कर रहा और खूब मज़ा किया.

सो फ्रेंड, कैसी लगी मेरी स्टोरी.. प्लीज मुझे बताना जरुर… मेरी कहानी लोगो को कैसी लगी और मुझे आप लोग मुझे अपने कमेंट जरुर दे. मैं आप लोगो के कमेंट का इंतज़ार कर रहा हु.. आप लोगो के कमेंट से मेरा लिखने का हौसला बढता है और मेरे और भी सेक्स अनुभव शेयर करने का मन करता है, ताकि मैं अपने और भी सेक्स अनुभव शेयर कर सकू…

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बहन को बनाया भाई ने रंडी

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रेखा है और मेरी उम्र 19 साल है.. हाईट 5 फिट 6 इंच और फिगर 34-28-34 है. मेरा रंग गोरा है… मेरी फेमिली में मम्मी, पापा, दो बड़े भाई और एक बड़ी बहन है और हम सभी खुले विचारों के है और हमारी फेमिली में किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं है. फिर मैंने एक दिन इंटरनेट पर मैंने एक क्लब का पता देखा. वहाँ पर एक नये साल की पार्टी थी और मेरा रौल सीक्रेट था सिर्फ़ मुझे मोबाईल नंबर दिया था. तो मैंने कुछ सोचकर संपर्क किया तो ऑर्गनाइज़र ने कहा कि यह एक गुप्त पार्टी है.. लडकियों और औरतों के लिए कोई एंट्री फीस नहीं है.. लेकिन आदमी के लिए है. अगर वो आदमी किसी लड़की के साथ है तो उसकी भी एंट्री फ्री है. तो मैंने पूछा कि इसमे सीक्रेट पार्टी की क्या बात है? तो उसने कहा कि यह एक सेक्स पार्टी है इसमे सभी मास्क पहन कर आयेगे… कोई भी किसी की सूरत नहीं देख सकता और इस पार्टी में फ्री सेक्स होता है और कोई भी किसी के भी साथ सेक्स कर सकता है इसमें लड़की और लड़का कोई भी मना नहीं करता है. फिर मैंने उससे कहा कि में भी शामिल होना चाहती हूँ तो उसने मेरा नाम और मोबाईल नंबर लिया और फिर एक कोड मुझे दिया और बोला कि यह कोड आपकी पहचान है और पार्टी वाले दिन आपके मोबाईल पर एक मैसेज आ जायेगा और आप बताये हुए पते पर आ जाना.. लेकिन मास्क पहनकर ही आना वरना एंट्री नहीं मिलेंगी.

तो मेरे मन में बहुत खलबली मची थी कि पार्टी में सेक्स कैसे होता है? क्योंकि में अभी तक सेक्स से बहुत दूर ही थी और यह सोचते हुए मैंने अपने लेपटॉप पर एक सेक्स साईट खोली और देखने लगी कि कौन ऑनलाईन है जिससे में चेट कर सकूं. तभी एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई और वो कोई लड़का था. मैंने उसे खोल लिया तो उसने वीडियो चेट का मैसेज भेजा और मैंने भी वेबकैम स्टार्ट किया और उसका मुँह अपनी छाती की तरफ कर दिया ताकि मेरा चेहरा उसमे ना आये और उस लड़के ने भी अपना चेहरा ढक रखा था. फिर हम थोड़ी देर नॉर्मल बातें करते रहे. फिर उसने सेक्स के बारे में बात करनी शुरू कर दी.. में तो वैसे भी खुले विचार की थी मैंने भी उसको जवाब दिया. तभी अचानक मेरी नज़र उसकी उंगली पर गयी उसने जो अंगूठी पहनी हुई थी ठीक वैसी अंगूठी मेरे बड़े भैया पहनते थे और में बहुत चौंक गयी.. क्या ये भैया है? फिर सोचा कि नहीं.. लेकिन फिर मेरा मन नहीं मान रहा था.. तो में धीरे से उठी और भैया के कमरे के पास गयी. फिर धीरे से एक होल में से देखा कि वो क्या कर रहे है?

तो वो भी अपना लेपटॉप स्टार्ट करके बेड पर बैठे थे.. लेकिन इससे यह कैसे पता चले कि चेट करने वाले मेरे भैया ही है? तभी अचानक मैंने दिमाग़ लगाया और अपने रूम में जाकर थोड़ी सी लिपस्टिक अपनी एक उंगली पर लगाई. फिर पानी का जग लेकर भैया के रूम का दरवाजा खटखटाया.. तो भैया ने पूछा कि क्या हुआ? तो में बोली कि में आपके लिए पानी लाई हूँ यह कहकर अंदर गयी.. लेकिन मुझे देखकर उन्होंने लेपटॉप का मुँह घुमा दिया और बोले कि ला मुझे दे और फिर मैंने उनको जग देने के बहाने उनकी रिंग वाली उंगली पर अपनी लिपस्टिक लगा दी. उन्हे इस बात का पता ही नहीं चला और में वापस अपने रूम में आई और मैंने देखा कि 8-9 मैसेज उनके आये हुए थे. फिर जब मैंने वापस मैसेज किया तो जवाब आया कि इतनी देर कहाँ थी? लेकिन मेरा ध्यान तो उनकी उंगली पर था और उनकी उंगली देखकर मेरा दिल धक-धक करने लगा..

क्योंकि मेरी लिपस्टिक की वजह से उनकी उंगली लाल हो गयी थी. उन्होंने फिर पूछा कि इतनी देर कहाँ थी तो में सोच रही थी कि क्या जवाब दूँ? फिर जवाब दिया कि में पानी पीने गयी थी और वो फिर से सेक्स के विषय पर आ गये और में सोच रही थी कि भैया से चेट करूं या ना करूं? फिर मैंने सोचा कि उन्हे पता तो चलेगा नहीं क्यों ना थोड़ी मस्ती कर ली जाये.. साथ ही सेक्स की बातें करते हुए मेरी भी चूत गीली हो रही थी. तो मैंने अपना रूम अच्छी तरह बंद किया और वापस चेट के लिए बैठ गयी और फिर एक उंगली मैंने अपनी चूत में डाली और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगी. तभी उनका मतलब मेरे भैया का मैसेज आया कि अपने बूब्स दिखाओ ना प्लीज. तो में एक बार तो सोच में पड़ गयी कि अब क्या करूँ? और मेरे दिल की धड़कन बड़ गयी.. लेकिन मुझे मज़ा भी आ रहा था.. फिर कुछ सोचकर मैंने अपना टॉप खोल दिया और मेरे बूब्स ब्रा में थे.

फिर उन्होंने कहा कि ब्रा भी उतारो ना और मैंने वो भी उतार दी.. वो मेरे बूब्स देखकर पागल हो गये. यह उनकी हरकत से पता लग रहा था. फिर उन्होंने कहा कि क्या तुम भी कुछ देखना चाहती हो? तो मैंने जवाब दिया कि हाँ. तो उन्होंने कहा कि क्या? तो में सोच में पड़ गयी और फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके लिखा कि आपका लंड.. तो उन्होंने जल्दी से अपनी पेंट खोल दी और अपना लंड केमरे के सामने हिलाने लगे और यह देखकर मेरे शरीर में आग लग गयी और में सोचने लगी कि अब तो यह लंड हक़ीक़त में ही लेना है.. पार्टी जब होगी तब देखा जायेगा. यह तो अभी मिल सकता है और मैंने अपने दिमाग़ में आगे का प्लान बना लिया और खुलकर चेटिंग करने लगी. फिर मैंने उनसे उनकी फेमिली के बारे में पूछा तो उन्होंने एकदम सही जवाब दिया.. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि क्या में एक बात बोलूं? तो मैंने कहा कि हाँ.. तो वो बोले कि क्या तुम मुझे अपनी चूत दिखाओगी? में भी तो यही चाहती थी और फिर मैंने कहा कि ज़रूर और मैंने अपनी स्कर्ट, पेंटी को उतार दिया और मैंने उनसे पूछा कि कभी किसी लड़की को चोदा है? तो उन्होंने कहा कि नहीं.. फिर मैंने पूछा कि क्यों कभी इच्छा नहीं हुई? और उनका जवाब सुनकर में बहुत हैरान हो गयी.. क्योंकि में इस बारे में पहले तो सोच भी नहीं सकती थी. लेकिन अब ज़रूर सोच रही थी और उस पर काम भी चालू कर दिया था. फिर उन्होंने जवाब दिया कि मेरी एक छोटी बहन है वो बहुत सेक्सी है और उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है लेकिन में उसे कैसे चोद सकता हूँ?

तो मैंने ख़ुश होकर कहा कि क्यों.. वो क्या लड़की नहीं है या उसके पास चूत नहीं है. तो वो बोले दोनों है लेकिन वो मेरी बहन है. फिर मैंने कहा कि तुम मेरे बताये हुए तरीको पर काम करो.. वो भी तुम्हे मिल जायेगी. तो उसने कहा कि वो कैसे? फिर मैंने कहा कि वो भी जवान लड़की है उसकी भी चूत में खुजली होती है और वो कहीं बाहर जाकर चूत मरवायेगी इससे तो अच्छा है तुम घर में ही उसकी चूत मार लो. तो उन्होंने कहा कि मुझे बहुत डर लगता है.. फिर मैंने कहा कि आज से ही शुरुआत कर लो. तो उसने कहा कि वो कैसे? में बोली कि वो अभी क्या कर रही है तो वो बोले कि शायद सो रही है.. तो मैंने कहा कि जाकर देखो.. अगर सोई है तो धीरे से एक लिप किस देना और देखना कि उसका क्या विरोध होता है. फिर मैंने अपना पी.सी साईड में किया और आँखे बंद करके लेट गयी और करीब 5 मिनट के बाद भैया मेरे रूम में आये तो वो धीरे-धीरे मेरे बेड की तरफ बड़ने लगे और मेरे पास आकर मुझे गौर से देखा कि में सो रही हूँ या नहीं? फिर बहुत डरते हुए.. धीरे से मेरे होंठ चूसने लगे.

तो फिर मैंने भी अपने होंठ उनके मुँह में डाल दिए और उन्होंने घबराकर अपना मुँह दूर कर लिया और रूम से बाहर चले गये.. तभी में तुरंत उठी और अपना पी.सी स्टार्ट किया तो वो फिर से ऑनलाइन थे. मैंने पूछा क्या हुआ? तो उन्होंने कहा कि उसने भी अपने होंठ मेरे मुहं में डाल दिए. तो मैंने कहा कि बस फिर क्या तुम्हारा काम बन गया. उसे भी लंड चाहिये और तुम्हे चूत.. आग दोनों तरफ बराबर लगी है और अब इसका फायदा उठाओ और आगे बड़ो.. तो उन्होंने पूछा कि वो कैसे? फिर मैंने कहा कि वापस उसके पास जाओ और इस बार बिल्कुल भी डरना मत और होंठ भी छोड़ना मत और उसे चूसते हुए धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाना.. वो कुछ ना बोले तो धीरे से उसकी निप्पल भी दबाना और चूसना. फिर इसका तुम कमाल देखना.. वो खुद तुम्हे अपनी चूत चोदने को बोलेगी. तभी भैया बोले कि अगर वो पहले ही जाग गयी और गुस्सा हो गयी तो क्या होगा? फिर मैंने कहा कि अगर उसे जगना होता तो वो अपनी होंठ तुम्हारे मुँह में नहीं देती और में भैया को उकसा रही थी कि वो पहले अपनी तरफ से करे.. क्योंकि मेरी चूत सेक्स के बिना जल रही थी लेकिन में खुद भैया को चोदने के लिए नहीं बोल सकती थी.

फिर मैंने अपना पी.सी बंद किया और नाईट ड्रेस पहन कर सो गयी. मेरे मन में गुदगुदी हो रही थी कि आज मेरी चूत की सील खुलने वाली है और वो भी अपने भाई के साथ. फिर 10 मिनट के बाद भैया वापस मेरे रूम में आये और इस बार वो पूरी तैयारी के साथ आये थे और वो मेरे पास आकर बैठे और मुझे प्यार से देखने लगे और धीरे-धीरे मेरे गालों को सहलाने लगे. में चुपचाप लेटी रही और मज़ा लेने लगी और मेरी चूत से रस निकलने लगा.. भैया ने धीरे से मेरे होठों को चूमा और फिर मेरी जीभ को चूसने लगे तो मुझसे रहा नहीं गया और में भी थोड़ा और खेलना चाहती थी. तो मैंने अपनी तरफ से कुछ हलचल नहीं की.. भैया की हिम्मत बढ़ गयी और वो मेरी जीभ से खेलते हुए मेरे बूब्स को भी दबाने लगे और धीरे-धीरे मेरे बूब्स टाईट होने लगे. निप्पल भी अंगूर के दाने की तरह फूलने लगे और में चाहती थी भैया इन्हे ज़ोर से मसल दे.

फिर भैया ने मेरे होंठ को छोड़कर मेरे टॉप को ऊपर किया और एक निप्पल को चूसने लगे और अब में उनको कामुक लगने लगी.. मैंने अपनी आँखे खोल दी और भैया को देखने लगी. तो मुझे जगा देखकर वो बहुत डर गये और बोले कि सॉरी. फिर मैंने पूछा कि किस बात के लिए? तो वो बोले कि में बहक गया था.. तो मैंने प्यार से कहा कि कोई बात नहीं.. लेकिन अब इसे पूरा तो कीजिये. तभी वो मेरी यह बात सुनकर बहुत चकित हो गये और बोले कि क्या मतलब? तो मैंने धीरे से उनके मुँह में अपना एक बूब्स दे दिया और बोली कि भैया अपनी इच्छा पूरी कीजिये और साथ में मुझे भी संतुष्ट कीजिये. तो वो बूब्स चूसते हुए बोले कि लेकिन मेरी एक शर्त है? तो मैंने कहा कि वो क्या? तो वो बोले कि मुझे सेक्स करते समय में गालियां बहुत पसंद है तो तुम भी गाली देकर सेक्स करोगी और आज के बाद मेरी बीवी बनकर रहोगी.. तो मैंने कहा कि मुझे मंजूर है बहनचोद राजा और वो बहुत खुश हो गये और मुझे अपनी गोद में उठा लिया. फिर में खड़ी हो गयी तो पहले उन्होंने मुझे नंगी कर दिया और लाईट जला दी और मुझे बहुत शर्म आ रही थी तो वो बोले कि रंडी तू मेरी अब बीवी है शरमा क्यों रही है अभी तो में तेरी चूत पिऊंगा और गांड में लंड भी डालूँगा.

फिर मैंने कहा कि चूतिये.. कुछ भी कर ले आज की रात तेरे नाम है और गौर से मेरी चूत को देखने लगे. फिर उन्होंने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और उनकी जीभ धीरे-धीरे मेरी चूत के अंदर जा रही थी. में पागलों की तरह आगे पीछे होने लगी और फिर मुझे पेशाब आने लगा. फिर मैंने कहा कि भोसड़ी के मेरा पेशाब निकल रहा है क्या तू पियेगा? तो वो ख़ुशी से बोले कि कुतिया आज तो में तेरा कुछ भी पी लूँगा और मैंने अपने दोनों पैर फैलाकर उनका मुँह अपनी चूत पर लगा लिया और ज़ोर से पेशाब करने लगी. वो मेरा पेशाब पीकर खुश हो गये और बोले कि आज तुमने मुझे खुश कर दिया.. बोल क्या चाहिए? तो मैंने कहा कि अभी तो तेरा लंड लेना बाकी है जान.. में उनका लंड चूसने लगी.. तभी थोड़ी देर में वो गर्म होकर बोले कि इसे मुँह में ही रखेगी या चूत में भी डलवायेगी? में जल्दी से बेड पर लेट गयी और उन्होंने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी गोरी चूत के मुँह पर रखा और धीरे धीरे अंदर डालने लगे. तभी मुझे मेरी चूत पर बहुत ज़ोर का दर्द महसूस हुआ और मैंने कहा कि थोड़ा धीरे.. लेकिन उन्होंने तो जैसे इसका मतलब उल्टा समझा और वो बोले कि रंडी ये ले और उन्होंने एक बार में ही पूरा का पूरा 8 इंच लम्बे लंड को मेरी चूत के अंदर कर दिया और फिर मेरी आँखो के सामने सतरंगी तारे नाचने लगे. अब मेरी चूत फट चुकी थी और उसमे से खून निकलने लगा.

फिर वो धक्के लगाते हुए मेरे बूब्स दबाने लगे.. तभी में थोड़ी देर में ठीक हो गयी और बोली कि डियर ओर ज़ोर से आज इस चूत को इस लंड की पूरी गर्मी निकालनी है तो भैया भी मेरी गोल-गोल गांड को पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत को ठोकने लगे. करीब 15 मिनट के बाद वो बोले कि रानी में झड़ने वाला हूँ. तो मैंने कहा कि राजा आज मेरी चूत में नहीं मेरे मुँह में झड़ना ताकि में अगली चुदाई से गर्भ निरोधक गोलियां शुरू कर दूँगी. फिर चाहो जितना माल मेरी चूत में डालना. तो उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया और फिर अपना ताज़ा पानी मेरे मुँह में छोड़ा. में तो जैसे स्वर्ग में पहुँच गयी.. मैंने लंड को जीभ से चाटकर साफ किया और पूछा कि क्या अब खुश हो? तो उन्होंने मुझे प्यार से गले लगा लिया और मेरी गांड को सहलाते हुए बोले कि तुम्हारी यह गोल-गोल गांड बड़ी प्यारी है.

तो में जल्दी ही उनकी बात का मतलब समझ गयी और मैंने कहा कि फिर देर किस बात की है आज इसे भी ले लो. फिर वो आगे बड़े और धीरे-धीरे मेरी गांड के छेद को सहलाने लगे तो मुझे गुदगुदी होने लगी और बहुत अच्छा भी महसूस कर रही थी और में भी उनके लंड से खेलने लगी. मैंने उनकी छाती पर हाथ फेरते हुए उनका लंड चूसने लगी.. वो मस्त हो रहे थे और फिर उन्होंने मुझे थोड़ा झुकने का इशारा किया तो में जल्दी से कुतिया बन गयी और मेरी गांड पूरी ऊपर हो गयी और मेरी गांड का टाईट छेद उन्हे मदहोश करने लगा. वो एक कुत्ते की तरह मेरी गांड के छेद में अपनी नाक घुसाने लगे और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर भैया अपनी जीभ मेरे छेद पर घुमाते हुए अंदर बाहर करने लगे. जिससे छेद थोड़ा रसीला हो गया और अब अपनी एक उंगली छेद में डालकर छेद को थोड़ा नरम करने लगे. तो मैंने भी अपनी तरफ से गांड को थोड़ा ढीला कर दिया. ताकि उनको कोई भी परेशानी ना हो और थोड़ी देर तक उंगली करने से छेद थोड़ा नरम हो गया.

फिर मैंने ऊपर आने का इशारा किया और भैया भी समझ गये और वो अपना लंड छेद में घुसाने की कोशिश करने लगे. लेकिन छेद बहुत टाईट था तो मैंने अपनी कोल्ड क्रीम उन्हें दी.. वो हंसते हुये उसे मेरी गांड के छेद पर लगाने लगे और अब उन्होंने अपना 8 इंच लंबा लंड मेरे छेद पर रखा और बोले कि जान थोड़ी सी हिम्मत रखना और मेरा जवाब सुने बिना ही एक ही बार में उन्होंने अपना पूरा का पूरा लंड गांड में उतार दिया.

तो में बहुत ज़ोर से चिल्लाई और मुझे लगा कि मैंने अपनी लाईफ की सबसे बड़ी ग़लती गांड मरवाकर की है.. लेकिन मेरे पछताने से अब कुछ नहीं हो सकता था और मेरी चूत के साथ-साथ आज मेरी गांड का भी कत्ल हो गया था.. वो भी फट चुकी थी. अब वो धीरे-धीरे धक्का लगाने लगे और बोले कि अब तुम्हे भी मज़ा आयेगा. तो में बोली कि मेरी गांड फाड़कर मुझे बोल रहे हो कि मज़ा आयेगा. लेकिन वो सच बोल रहे थे और धीरे-धीरे मुझे भी मज़ा आने लगा. करीब 20 मिनट के बाद वो बोले कि क्या गांड में तो माल छोड़ सकता हूँ ना? तो मैंने हँसकर कहा कि में इसमे तो पूरी दुनिया से माल छुड़ा सकती हूँ. तो भैया भी हंसते हुए बोले कि वक़्त आने पर दुनिया के लंड भी इसमे डाल दूंगा और मेरी गांड में झड़ने लगे और अब हम दोनों बहुत थक चुके थे. वो वापस अपने रूम में जाने लगे तो मैंने कहा कि अपनी बीवी को छोड़कर कहाँ जा रहे हो? वो बोले कि नीचे मम्मी, पापा, भाई और दीदी भी है. वो मुझे तुम्हारे रूम में सोया देखकर क्या सोचेंगे? तो मैंने कहा कि क्यों डर गये? तो वो बोले कि नहीं और मुझे गले लगा लिया. फिर हम एक दूसरे को बाहों में भरकर मेरे रूम में नंगे ही पति पत्नी की तरह सो गये ..

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आंटी और दीदी ने बनाया मुझे चूत मास्टर

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम शुभम है और यह मेरी पहली कहानी है और आज में आप लोगों से अपना एक सेक्स अनुभव शेयर करने जा रहा हूँ. यह मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है. मेरा नाम शुभम है.. लेकिन मेरा घर का नाम सब्बू, मेरी हाईट 5.10 इंच, वजन 62 किलो उम्र 23 साल और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. यह दो साल पहले की बात है जब मेरे मामाजी की शादी हो रही थी.. वो उस समय करीब 35 साल के थे और दुबई में नौकरी कर रहे थे और मेरे मामा के परिवार में यह आखरी शादी थी इसलिए मामाजी ने सबको बुलाया था. फिर जब वो हमारे घर पर आए तो उन्होंने मम्मी और मुझे साथ ले जाने के लिए पापा से आग्रह किया और उस समय मेरी छुट्टियाँ चल रही थी और इसलिए पापा भी मान गए और उसके अगले दिन हम सब मामाजी के यहाँ पहुँच गए. वहाँ पर रिश्तेदारों की भरमार थी.. वहाँ पर मुझे मेरी उम्र कोई भी नहीं देख रहा था इसलिए में थोड़ा निराश हो गया.. लेकिन यह सब ज़्यादा देर तक नहीं चला क्योंकि वहाँ पर निशा आंटी भी आई हुई थी.

दोस्तों अब में आपका उनके परिचय करा देता हूँ.. निशा आंटी 26 साल की थी और वो मेरी मम्मी की चचेरी बहन है और तब उनकी शादी को एक साल हुआ था.. लेकिन अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ था और वो बहुत गोरी थी. वो लाल कलर की साड़ी में बहुत सुंदर लग रही थी और वो एक कॉलेज में लेक्चरार थी और मुझे वो बहुत पसंद करती थी.. लेकिन मेरे मन में उनके लिए कोई बुरा ख्याल नहीं था. वो मुझसे उम्र में सिर्फ़ 3 या 4 साल बड़ी थी और इसलिए वो हमेशा मुझसे बहुत अच्छी तरह बात करती थी. फिर मामा की शादी को करीब एक हफ़्ता था और यहाँ पर रिश्तेदारों की कमी नहीं थी और रात को खाना खाने के बाद सबको टेंशन हो गई कि सब कहाँ पर सोएंगे? फिर निर्णय हुआ कि सारे मर्द एक बड़े से हॉल में सोएंगे.. मेरी नानी, मम्मी, बड़ी मामी, कई दूर की रिश्तेदार लेडीस और बच्चे एक कमरे में सोएंगे. फिर जब में मर्दों के कमरे में गया तो वो सब ड्रिंक और स्मोक कर रहे थे और तीन पत्ती खेल रहे थे.

में ड्रिंक नहीं करता था इसलिए बड़े मामाजी और नानाजी ने मुझे मम्मी और नानाजी के कमरे में जाकर सोने को कहा.. मैंने वहाँ पर जाकर देखा कि मम्मी, नानी, निशा आंटी और बाकी सभी औरतें बैठकर बातें कर रहे है और जब मैंने सबको जाकर यह बात बताई तो वहाँ भी बड़ी टेंशन हो गई.. क्योंकि वहाँ पर भी बहुत सारी औरतें और बच्चे थे और वो जगह उनके लिए भी बहुत कम थी. तो मम्मी और नानी ने कहा कि हम में से कोई एक वहाँ से 25 फीट दूरी छोड़कर एक दूसरे कमरे में सो जाएगा और फिर में राज़ी हो गया क्योंकि वो कमरा अच्छा था उसमे एसी और टीवी भी लगा हुआ था और तो और वहाँ पर किचन और एक बाथरूम भी था. उसमे कोई किराएदार नहीं होने के कारण वो बहुत समय से खाली पड़ा था और नानाजी ने शादी को ध्यान में रखते हुए उसमे कोई किराएदार नहीं रखा था. फिर मम्मी मुझे अकेले वहाँ पर सोने देने को थोड़ी हिचकिचा रही थी.. तब निशा आंटी ने कहा कि सब्बू तू चिंता मत कर में भी वहाँ पर सो जाउंगी और उसके बाद कोमल दीदी ने भी बोला कि निशा आंटी में भी आपके और सब्बू के साथ वहाँ पर सोने जाउंगी.

दोस्तों अब में कोमल दीदी से आपका परिचय करा देता हूँ.. वो निशा आंटी से लंबी उनकी लम्बाई 5.6 इंच, वजन 52 किलो, फिगर 32-28-34 और वो निशा आंटी की सबसे बड़ी बहन की बेटी थी यानी की भतीजी.. वो 22 साल की थी और एक सॉफ्टवेर इंजिनियर थी. उनकी हाल ही में शादी हुई थी और वो भी निशा आंटी की तरह गोरी और कड़क माल थी. फिर करीब 10:30 बजे में, निशा आंटी और कोमल दीदी उस कमरे में सोने चले गए.. वो कमरा बहुत बड़ा था और साफ सुथरा था और जब वहाँ पर जाकर देखा कि बेड दो लोगों के लिए था.. तब मैंने बोला कि में नीचे सो जाता हूँ और आप दोनों ऊपर सो जाइए. तो निशा आंटी ने बोला कि ऐसा कैसे? चलो हम गद्दा और मट्रेस नीचे बिछाकर तीन लोग आराम से सोते है और हमने सब कुछ नीचे बिछा दिया. फिर निशा आंटी और कोमल दीदी बारी बारी करके ड्रेस चेंज करके आई.. निशा आंटी ने काले कलर का टाईट सिल्क सूट पहना हुआ था और कोमल दीदी ने लाल कलर का सूट पहना हुआ था.. लेकिन दोनों ने दुपट्टा नहीं पहना था इसलिए दोनों के बड़े बड़े बूब्स मुझे साफ दिखाई दिए और बड़ी गांड भी.

दोस्तों मैंने कभी भी उन दोनों को बुरी नज़र से नहीं देखा था.. लेकिन उस रात वो दोनों सेक्सी पटाका लग रही थी और भगवान का बहुत शुक्र है कि मैंने उस रात को जीन्स पहनी हुई थी.. अगर कुछ और पहना हुआ होता तो बहुत दिक्कत हो जाती क्योंकि मेरा साँप निशा आंटी और कोमल दीदी के टाईट और बड़े बड़े बूब्स और गांड को देखकर खड़ा हो गया था. फिर कोमल दीदी ने अपना लेपटॉप चालू किया और हिंदी फिल्म शुरू कर दी.. उस फिल्म के बीच में एक किसिंग सीन था. फिर निशा आंटी और कोमल दीदी ने पूछा कि क्या सब्बू तू वर्जिन है? दोस्तों मुझे नहीं पता था कि वर्जिन क्या होता है? दोस्तों में आपको बताना चाहता हूँ कि में उस वक्त एक बुद्धू लड़का था और मैंने उस रात तक ब्लूफिल्म नहीं देखी थी. तो मैंने दोनों को जवाब दिया कि क्या मतलब? वो दोनों मेरा जवाब सुनकर हसंने लगी. फिर दोनों ने पूछा कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड है कि नहीं? तो मैंने मना कर दिया और उन दोनों ने गुडनाईट बोलकर मुझे सो जाने को बोला.. लेकिन वो दोनों लाईट बंद करके भी लॅपटॉप पर फिल्म देख रही थी और मुझे भी नींद नहीं आ रही थी. फिर मेरे मन में यह बात घूम रही थे कि यह वर्जिन क्या होता है? और में सोने का नाटक करते हुए दोनों की बातें सुनने लगा.

कोमल दीदी : निशा आंटी.. क्या ब्लू फिल्म देखें?

निशा आंटी : पागल सब्बू सो रहा है और वो जाग गया तो?

कोमल दीदी : आंटी वो तो बुद्धू है उसे क्या पता चलेगा?

निशा आंटी : और अगर बाहर को आवाज़ सुनाई पड़ी तो?

कोमल दीदी : ओह चलो आंटी वैसे भी यह कमरा तो बिल्डिंग से 25 फीट दूरी पर है और दरवाज़ा तो उससे उल्टी साईड में है.. बहुत धीमी आवाज सेट करके चोदा चोदी देखेंगे और फिर किसको पता नहीं चलेगा?

निशा आंटी : ठीक है कर दे शुरू.

फिर लॅपटॉप से उहह आह चोदो मुझे ज़ोर से ऊहह चोदो मुझे एसी आवाज़ आ रही थी और निशा आंटी ने कोमल दीदी को कुछ करते हुए पकड़ लिया शायद वो चूत में उंगली कर रही थी.

निशा आंटी : क्यों री कोमल.. क्या जवाई राजा रोज तेरी गांड नहीं मारते है?

कोमल दीदी : क्या बताऊ आंटी.. शादी के बाद से हर रात वो 3 बार मेरी चूत और गांड मारते है और गांड में तो कम से कम 100 धक्के लगाते है और आपका क्या हाल है?

निशा आंटी : तेरे अंकल तो एक साल से मुझे हर रात करीब 5-6 बार चोदते ही आ रहे है और मेरी गांड मारना तो उनकी पहली पसंद है और कंडोम पहनकर वो जब मेरी गांड मारते है तो मुझे बहुत मज़ा आता है क्योंकि उनका लंड फिसल फिसलकर अंदर घुसता है और वो तो अब तक भी कोई बच्चा नहीं चाहते.

कोमल दीदी : क्या करे आंटी आज की रात बहुत बोरिंग होने वाली है?

निशा आंटी : क्या आज सब्बू को पटाकर उससे चूत चुदवाए और गांड मरवाए?

कोमल दीदी : लेकिन क्या ऐसा हो सकता है?

निशा आंटी : तू देखती जा मेरी लाडली.. तेरी और मेरी गांड तो आज में मरवाकर ही रहूंगी.

निशा आंटी : सब्बू बेटा ज़रा उठो तो.

में : हाँ आंटी क्या हुआ?

निशा आंटी : में तेरे लिए यह नया केफ्री लाई हूँ जा अपने कपड़े बदलकर आ.

में : नहीं आंटी मुझे इस जीन्स में बहुत अच्छा लग रहा है.

निशा आंटी : नहीं बेटा हमेशा रात को सोते समय ढीले कपड़े पहनकर ही सोना चाहिए.

फिर कोमल दीदी भी उनका साथ देने लगी.. मेरे पास कोई बहाना नहीं था और दोनों की सेक्सी बातें सुनकर मेरा 6 लंबा साँप खड़ा हो गया था और वो उस केफ्री में साफ साफ दिख रहा था और जब में रूम से बाहर आया तो कोमल दीदी ने लाईट को चालू कर दिया. तो निशा आंटी मेरे तने हुए लंड को देखकर हंस रही थी और वो बोली कि आजा सब्बू बेटा मेरे पास आकर बैठ और कोमल दीदी मेरी दूसरी साईड में आकर बैठ गई और दोनों ने अब ब्लू फिल्म देखना बंद कर दिया था.

निशा आंटी : सब्बू बेटा क्या तू जानता है कि सब लोग कैसे पैदा होते है? अच्छा बता तू कैसे पैदा हुआ? कोमल कैसे पैदा हुई? और सभी बच्चे कैसे पैदा होते है?

में : आंटी.. मुझे मेरी मम्मी ने बोला था कि वो भगवान से मुझे माँगकर लाई है और मैंने पुरानी फिल्मों में देखा है कि हीरो और हीरोईन हग करते है.. दो फूल आपस में हग करते है और सुबह होते ही डॉक्टर साहब हॉस्पिटल्स में बच्चा लाते है. निशा आंटी और कोमल दीदी ज़ोर से हंसने लगी.. कोमल दीदी बोली कि चल सब्बू बेटा आज हम दोनों तुम्हे प्यार करना सिखाएँगे और निशा आंटी बोली कि भगवान तो सिर्फ आशीर्वाद देते है उसके बाद पुरुष और स्त्री को बहुत कुछ करना पड़ता है. तो मैंने कहा क्या? में भी जानना और सीखना चाहता हूँ. वो दोनों बोली.. लेकिन हमारी एक शर्त है हम जैसे सिखाएँगे तू आज सारी रात हमारे साथ वैसा ही करेगा और शादी तक हमारे साथ वैसा ही हर रोज करेगा. तो मैंने बोला कि हाँ.. फिर दोनों बोली कि और किसी को बताना नहीं यह टॉप सीक्रेट और मैंने हाँ बोला. फिर कोमल दीदी ने एक ब्लू फिल्म लगाई. फिल्म शुरू हो गई और उसमे एक विदेशी गोरा लड़का और एक गोरी लड़की थी.. दोनों जब नंगे हो गए में चकित गया और बहुत डर गया.

में : आंटी, दीदी यह कैसी फिल्म है?

निशा आंटी : तू बिल्कुल भी डर मत सब्बू बेटा यह सब करना पड़ता है तेरे मम्मी और पापा ने भी ऐसा ही किया था और जब तू पैदा हुआ था.

फिर फिल्म में लड़की, लड़के का लंड चूसने लगी.

में : आंटी यह क्या है मैंने यह सब कभी नहीं देखा? फिर उस टाईम उत्तेजित होकर मेरा लंड तन गया था.

निशा आंटी : डरो मत सब्बू डार्लिंग ऐसा ही होता और तुम्हारी मम्मी तुम्हारे पापा का ऐसे ही चूसती है.. मामी, मामा का कोमल और में तेरे जीजाजी और अंकल का ऐसा करने से बहुत मज़ा आता है और बेटा हम लोग आज तेरा चूसेंगे.

कोमल दीदी : हाँ सब्बू में भी तेरे लंड को चूसूंगी.

तो यह सुनकर में उन दोनों के बूब्स और टाईट सेक्सी जांघ को ऊपर से देखने लगा.. यह सब देखकर मेरा लंड फुदक पड़ा. फिर निशा आंटी और कोमल दीदी मेरी केफ्री के ऊपर से ही मेरे लंड को हिलाने लगे और बाद में मुझे नंगा करके मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से चूसने लगे. तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और ऐसा लग रहा था कि में सातवे आसमान पर हूँ. फिर फिल्म में लड़का, लड़की की चूत में अपना लंड घुसाकर अंदर बाहर करने लगा.. तो मैंने बोला कि आंटी क्या मुझे भी यह सब भी करना पड़ेगा?

निशा आंटी : हाँ बेटा कोमल और में तुझे सही सही तरीका सिखा देंगे.

में : लेकिन आंटी में ऐसा कैसे कर सकता हूँ? में तो आपकी बहुत इज्जत करता हूँ और आप दोनों मुझसे उम्र में बड़ी भी है?

निशा आंटी : सब्बू डरो मत हम सब जानते है.. लेकिन तुम्हारे अंकल, पापा और सबको बच्चे पैदा करने के लिए सीखना पड़ता है.

फिर फिल्म में लड़का ने लड़की को घोड़ी की तरह बनाया और कुत्ते की तरह पीछे से चोदा और कुछ देर बाद लड़का ने सफेद क्रीम जैसा कुछ लड़की की गांड के ऊपर गिरा दिया.

में : ठीक है आंटी.. लेकिन में कैसे किसी को गांड में चोद सकता हूँ? यह बहुत मेहनत का काम लगता है.

कोमल दीदी : सुनो सब्बू यह काम बच्चा पाने के लिए बहुत जरूरी है और इसमे स्त्री, पुरुष को बहुत मज़ा आता है और अगर कोई पुरुष किसी स्त्री को गांड से नहीं चोदेगा तो उसे पूरी सन्तुष्टि नहीं मिलेगी.

तो मैंने कहा कि ठीक है फिर कोमल दीदी बोली कि आंटी सब्बू का तो सुपाड़ा खुला नहीं है अब क्या करे? इसे तो बहुत दर्द होगा और यह चोदने को मना भी कर देगा. तो निशा आंटी ने अपने पर्स में से वेसलिन निकाला और मेरे लंड पर मलने लगी.. उनकी ऐसे हरकत से मेरा लंड सांड के लंड की तरह मोटा टाईट होकर खड़ा हो गया. फिर वो दोनों अपनी कमीज़ उतारने लगी.. अंदर दोनों ने सिल्क की ब्रा पहनी हुई थी यह देखकर मेरा लंड फुदक पड़ा. कोमल दीदी ने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.. निशा आंटी ने बोला कि सब्बू मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही पकड़ और में निशा आंटी के बूब्स दबा रहा था.

निशा आंटी : सब्बू और ज़ोर से दबा.

फिर कोमल दीदी ने अपनी ब्रा को खोल दिया और फिर मैंने देखा कि उनके बूब्स ज़्यादा बड़े नहीं थे.. लेकिन वो बहुत टाईट थे और निप्पल एकदम खड़े हुए थे.

कोमल दीदी : आंटी चलो में उसको सिखाती हूँ.

कोमल दीदी ने उसके बूब्स पर मेरा हाथ रख दिया और बोला कि सब्बू इसे इस तरह मसल.. तब वो सिसकियाँ भरने लगी आहह उईईईई माँ सब्बू बेटा और ज़ोर से मसल. तो निशा आंटी मेरे लंड को हिला रही थी तब उन्होंने मेरे सुपाड़े को एक झटके में नीचे कर दिया और मुझे बहुत दर्द हुआ.

में : आंटी प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा प्लीज अब बस भी करो.

कोमल दीदी : आंटी लगता है सब्बू का लंड हमे कंडोम पहनाकर ही लेना पड़ेगा.

निशा आंटी : हाँ कोमल बेटा बैचारे सब्बू को भी मज़ा तो आना चाहिए.

फिर निशा आंटी ने अपने पर्स से खुश्बूदार कंडोम निकाला.. निशा आंटी और कोमल दीदी ने मिलकर मेरे लंड को कंडोम पहनाया.

कोमल दीदी : इसका लंड तो ढीला पड़ गया आंटी अब क्या किया जाए?

निशा आंटी अब सिर्फ़ ब्रा में थी और फिर उन्होंने ब्रा को भी खोल दिया और उनके बूब्स बहुत बड़े थे.. लेकिन फिर भी उनके बड़े बूब्स को देखकर मेरा लंड एकदम ढीला वैसे का वैसा ही था.

निशा आंटी : सब्बू बेटा अपनी आंटी के बूब्स को दबा.. जैसे तूने कोमल दीदी के बूब्स मसले है.

तो में मसलता रहा फिर भी मेरा लंड ढीला ही था.. तब निशा आंटी को एक तरकीब सूझी उन्होंने और कोमल दीदी ने तब तक खाली चूड़ीदार पेंट और अंदर पेंटी पहनी हुई थी और ऊपर नंगी हो चुकी थी. तो निशा आंटी अपना पीछे का हिस्सा यानी गांड मेरी तरफ करके खड़ी हो गई और मुझसे आकर लिपट जाने को कहा. तो में पीछे से उनके बड़े बड़े बूब्स को संतरे की तरह मसल रहा था और वो अपनी गांड मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से हिलाकर घिस रही थी.. उनकी काली चूड़ीदार पेंट सिल्क की थी और घिसने की वजह से मेरा लंड फिर से तन गया. तो आंटी ने चूड़ीदार पेंट के ऊपर से ही उनकी टाईट जगहों को मसलने को बोला और अब मेरा लंड एकदम टाईट होकर साँप की तरह खड़ा हो गया. तो कोमल दीदी ने भी आकर मुझे वैसे ही करने को बोला.. वो लाल कलर की सिल्क पेंट पहनी हुई थी और अब मेरा लंड पूरा तन गया और तब तक फिल्म का अंत आ चुका था और लड़का, लड़की को ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था. उसके बाद लड़के ने सफेद कलर की क्रीम जैसी कोई चीज़ अपने लंड से निकालकर उसे लड़की की गांड के ऊपर गिरा दिया. तो मैने आंटी से पूछा कि आंटी यह क्या है?

निशा आंटी : यह वीर्य है बेटा आज तू जब हम दोनों को चोदेगा इसे बाहर मत गिरना अंदर छोड़ देना क्यों कोमल मैंने ठीक कहा ना?

कोमल दीदी : हाँ मुझे आपत्ति नहीं और आंटी अब तो सब्बू ने कंडोम भी पहना है.

फिर दोनों ने अपना चूड़ीदार सलवार पेंट उतार दिया और अब दोनों सिर्फ़ पेंटी में थी.. निशा आंटी लाल कलर की सिल्क चमकदार फ्रेंच टाईप की पेंटी में और कोमल दीदी नील कलर की सिल्क चमकदार फ्रेंच टाईप की पेंटी पहनी हुई थी. जिससे की पेंटी सिर्फ़ दोनों की चूत को ढक रही थी और दोनों की नंगी गांड का नज़ारा मुझे पूरा दिख रहा था उनकी पेंटी दोनों की गांड को ढक नहीं पा रही थी और दोनों की गोरी गोरी गांड देखकर मेरा लंड फिर से फुदक पड़ा. तो निशा आंटी बेड के ऊपर चली गई और दो तकियों को लंबी लाईन करके बिछाया और वो तकिये के ऊपर जाकर सो गई. तो निशा आंटी ने बोला कि सब्बू बेटा मेरे पास आ जा.

निशा आंटी : कोमल.. में पहले सब्बू का लंड लूँगी.. क्या तुझे कोई आपत्ति है? और अगर नहीं है तो सब्बू के लंड को मेरी चूत में घुसाने में मदद कर.

कोमल दीदी : आंटी मुझे कोई आपत्ति नहीं.. पहले आप ही सब्बू लंड लो अभी सारी रात बाकी है.. लेकिन आपने तो पेंटी पहनी हुई है.. यह उतरेंगी नहीं क्या?

निशा आंटी : नहीं रे यही तो सिल्क फ्रेंच पेंटी का कमाल है तेरे अंकल तो इसी तरह मुझे पेंटी पहने लंड देकर चोदते है बस थोड़ा सा साईड में करके चोदो और इसमे हम दोनों को बहुत मज़ा आता है तू भी आज ऐसा करके देख सच में तुझे भी चुदाई का बहुत मज़ा आएगा.

कोमल दीदी : ठीक है आंटी.. लेकिन पक्का ऐसे मज़ा आएगा?

फिर निशा आंटी ने अपना एक पैर जमीन पर रखा और दूसरा बेड के ऊपर रखकर फैला दिया और वो तकिए के ऊपर लेट रही थी. तो कोमल दीदी मेरा लंड पकड़कर निशा आंटी की चूत के पास ले गई.. निशा आंटी ने अपने सिल्क फ्रेंच पेंटी को थोड़ा साईड कर दिया और उनकी चूत एकदम साफ था. उस पर एक भी बाल नहीं था.. वो बहुत गोरी थी और ब्रेड की तरह फूली हुई थी. कोमल दीदी और निशा आंटी ने मेरे लंड को आंटी की चूत पर रखा और मुझसे धक्का लगाने को बोला और मेरे धक्का देते ही आंटी चिल्ला उठी.. उई माँ मर गई धीरे से कर सब्बू बेटा अभी पूरी रात पड़ी है.. अपनी आंटी पर थोड़ा रहम खा.

कोमल दीदी : क्या आंटी आप भी अंकल से डेली गांड मरवाती हो फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे कि पहली बार चुदवा रही हो?

निशा आंटी : पगली सब्बू का जवान लंड तेरे अंकल से कई गुना लंबा, मोटा और बड़ा है थोड़ा दर्द तो होगा ही.

में : आंटी क्या में रुक जाऊँ?

निशा आंटी : नहीं सब्बू बेटा तू अपनी रफ़्तार धीरे धीरे बड़ा और फाड़ दे अपनी प्यासी आंटी की चूत को और में अब जितना भी चिल्लाऊँ तू रुकना मत आअहह उईईईईई उफफफफ्फ़ सब्बू डार्लिंग बेटा और तेज और तेज हाँ वैसे ही उईईई.

फिर मैंने देखा कि आंटी की चूत का रस मेरे लंड से होते हुए नीचे गिर रहा था और सारे कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ गूँज रही थी फिर में आधे घंटे तक आंटी को उसी पोज़िशन में चोदता रहा और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी.

में : आंटी बहुत मज़ा आ रहा है.. लेकिन मुझे ज़ोर से पेशाब आ रहा है क्या में जाऊँ?

निशा आंटी : बेटा वो पेशाब नहीं वीर्य है शायद तू झड़ने वाला है तू अब मुझे दुगनी तेज़ी से चोद अहह माँ में झड़ने वाली हूँ अहह कोमल तू जरा सब्बू को ठीक से धक्का लगाने को बोल अहह कोमल में तो गई.

फिर हम दोनों झड़ गए और मेरा लंड अब सो गया था और मेरी ताक़त भी कम हो गई थी.. तो कोमल दीदी ने मुझे एक एक गोली गरम पानी के साथ दी और वो वेसलिन लेकर मेरे लंड पर मलने लगी. आधे घंटे के बाद मेरा लंड शेर की तरह तन गया और अब में फिर से चोदने को तैयार था.

कोमल दीदी : अब में सब्बू का लंड लूंगी.

निशा आंटी : ठीक है बेटा.

तो कोमल दीदी ने मुझे बेड के ऊपर लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर बैठ गई.. वो मुझे फ्रेंच किस करने लगी.. फिर उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया.. पेंटी को थोड़ा साईड में किया और मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और मैंने महसूस किया कि उनकी चूत निशा आंटी से टाईट थी.. लेकिन गीली होने की वजह से कोई दिक्कत नहीं हुई. फिर वो मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्का लगा रही थी जैसे कि वो मेरा बलात्कार कर रही हो.

कोमल दीदी : अहह सब्बू बेटा अपनी दीदी को चोद.. तू नीचे से धक्का लगा बेटा अहह हाँ उफ्फ्फ माँ में मरी.

तो सारे कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी और दीदी की चूत का रस मेरे लंड के चारों तरफ गिर रहा था और निशा आंटी मेरे पास लेटकर मुझे फ्रेंच किस कर रही थे और मेरे आंड को मसल रही थी और कोमल दीदी की चूत टाईट होने की वजह से में ज़्यादा देर तक रुक नहीं पाया और झड़ने लगा.

में : दीदी में झड़ने वाला हूँ अहह उईईईईई मेरी डार्लिंग दीदी अब में क्या करूं?

कोमल दीदी : छोड़ दे तेरा पानी अपनी प्यारी दीदी की चूत में उफफफफ्फ़ अहह आंटी सब्बू डार्लिंग को बोलो कि मुझे नीचे से ज़ोर ज़ोर से धक्का लगाए.. अहह माँ निशा आंटी में तो गई.

फिर हम दोनों झड़ गए और फिर निशा आंटी बोली कि अब मेरी बारी है सब्बू का बलात्कार करने की.. उन्होंने फिर मेरे लंड को ज़ोर से हिलाना शुरु कर दिया और चूसने लगी 10 मिनट बाद मेरा फिर से खड़ा हो गया और आंटी मेरे ऊपर आ गई और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगी.. लेकिन उनका धक्का कोमल दीदी से ज़्यादा जबरदस्त और जोरदार था. निशा आंटी की चूत कोमल दीदी से कम टाईट होने का मतलब यह नहीं कि वो ढीली थी.. बच्चे नहीं होने के कारण आंटी की चूत कुंवारी लड़की की तरह थी और में ज़्यादा देर तक रुक नहीं पाया.

में : निशा मेरी डार्लिंग.. आंटी ओह में झड़ने वाला हूँ.

निशा आंटी : सब्बू डार्लिंग बेटा छोड़ दे अपना सारा पानी अपनी प्यारी आंटी की टाईट चूत में.. ओह माँ मर गई.. कोमल बेटा सब्बू को बोल कि नीचे से धक्का लगाए मर गई उई माँ कोमल अहह में तो गई कोमल. फिर हम लोग बारी बारी करके तीन घंटे तक बदल बदलकर चोदते रहे और आंटी बोली कि..

निशा आंटी : सब्बू बेटा और ज़ोर से चोदो तुम्हारी प्यारी आंटी और कोमल दीदी की गांड बहुत मुलायम और कुंवारी है. तेरे अंकल तो मेरी गांड कभी नहीं मारते.. सिर्फ़ एक बार लंड घुसाकर बाहर निकाल देते है.. क्या तू आज हम दोनों की मुलायम गांड भी मारेगा?

में : हाँ क्यों नहीं आंटी.

कोमल दीदी : प्लीज़ सब्बू मेरी नरम गांड में कम से कम 200 धक्के लगाना.

में : हाँ जैसा आप कहे दीदी.

तो कोमल दीदी ने वेसलीन लिया.. अपनी और आंटी की गांड के छेद में डाल दिया और मसलने लगी.

निशा आंटी : मेरे प्यारे सब्बू बेटा क्या तुम अपनी प्यारी आंटी की गोरी नरम गांड मारना चाहोगे? में जितना भी चिल्लाऊँ तुम मत रुकना.

फिर निशा आंटी घोड़ी की तरह बन गई और मैंने एक धक्का लगाया और वो चिल्लाकर बोली कि धीरे से डाल बेटा. तो कोमल दीदी बोली सब्बू मत सुन आंटी की बात तू इनका बलात्कार कर डाल जैसे उन्होंने तेरा किया था.. मार दे आंटी की नरम गोरी गोरी गांड. तो मैंने अपना स्पीड बढ़ाई आंटी चिल्लाने लगी अहह उईईईई धीरे से कर बेटा अह्ह्ह माँ कोमल प्लीज़ इसे बोल धीरे से करे.. मेरा बलात्कार मत कर बेटा. फिर में आधे घंटे बाद आंटी की गांड में झड़ गया और आंटी रो रही थी और अब कोमल दीदी की बारी थी और वो तो पहले से ही घोड़ी बनकर तैयार थी.. उनकी गांड भी निशा आंटी की तरह बहुत गोरी और नरम थी. तो मैंने अपना लंड लगाकर पीछे से एक ज़ोर का धक्का लगाया. तो वो रो पड़ी और बोली कि बाहर निकाल दे उनकी गांड का छेद आंटी की तरह बहुत टाईट था. तो निशा आंटी बोली कि सब्बू बेटा तू सुन मत फाड़ दे अपनी प्यारी दीदी की नरम रसीली गांड और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

तो दीदी आवाजें करके सिसकियाँ भरने लगी अहह उईईई माँ मर गई.. प्लीज बाहर निकालो.. निशा आंटी प्लीज इसे बोलो कि मेरी गांड का बलात्कार मत कर अहह उईईई और 30 मिनट बाद आंटी अह्ह्ह में तो गई. मैंने दोनों की 4 बार बारी बारी से गांड मारी और यह सिलसिला शादी तक चला .

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में था अनु की चूत का बादशाह

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हेलो फ्रेंड्स, आशा करता हु आप सब ठीक होंगे. मैं इस वेबसाइट पर सेक्स कहानियो का बहुत बड़ा फैन हु और मुझे यहाँ पर सेक्स कहानिया पड़ना बहुत अच्छा लगता है. अब मैं आप लोगो का समय बर्बाद ना करते हुए सीधे स्टोरी को शुरू करता हु. मेरा नाम नवी पंजाबी है और मैं पंजाब से हु. ये मेरी रियल स्टोरी है, कि कैसे मैंने अपनी रेंट पर रहने वाली आंटी की चूत मारी और कैसे और किन – किन स्टाइल में मारी. मेरी हाइट ५ फिट ४ इंच है और मेरे लंड का ७.५ इंच है और मैं एकदम गोरा एंड हैण्डसम हु. बॉडी स्लिम है. आंटी के बारे में बता दू, कि आंटी की हाइट ४.८ या ४.९ इंच होगी और रंग काला तो नहीं है.. हल्का गोरा ब्राउन सा है. पहले तो आंटी के बूब्स स्माल थे और गांड भी स्माल सी थी और अन्दर तो काफी स्लिम थी वो. आंटी अपने हस्बैंड और दो बच्चो के साथ रेंट पर रहती है हमारे घर में और दोस्तों मुझे बिलकुल भी इंटरेस्ट नहीं था आंटी में.

फिर एक दिन मेरा एक दोस्त मेरे घर आया और उसने आंटी को देखा और मेरे से बोला – ये कब आये यहाँ? मैंने बोला – १ साल हो गया है. वो बोला – यार, ये जिस जगह पर पहले रहती थी. वहां पर उसको एक शोपकीपेर फक करता था और ये उस से सामान फ्री में ले जाती थी. मैंने कहा – क्या बात कर रहा है यार तू. दोस्त – सच यार. तू भी ट्राई मार कर देखा. क्या पता, ये पट जाये. साली रंडी तेरे से. फिर इसके साथ मज़ा करना उसके साथ तू. मैं – ओके ट्राई करता हु पूरी तरह से. फिर उस दिन से मैं उसे देखने लगा और वो भी नोटिस करने लगी. फिर एक दिन, जब मैं घर में था और उसके बच्चे स्कूल गये हुए थे. मैं उनके रूम में गये और उस टाइम वेदर कोल्ड था और मैं उनके पास जाकर बैठ गया और फिर हिम्मत करके मैंने अपना हाथ उनकी लात पर रख दिया और धीरे – धीरे चूत की ओर धीरे – धीरे जाने लगा. फिर उसने अपना हाथ बढाया और एकदम से मेरे हाथ को रोक दिया. आंटी – कहाँ हाथ लगा रहा है? मैंने – कहीं भी तो नहीं. आंटी – तुझे इतने दिनों से देख रही हु. बहुत देखने लगा है. प्यार तो नहीं हो गया क्या मेरे से? मैं – हाहाह अहहाह अहहाह.. आंटी. आंटी – कितनी गर्लफ्रेंड है तेरी. मैं – एक भी नहीं है यार. आंटी – फ़ोन पर सारा दिन लगा रहता है तू. मैं – अरे आंटी, पर क्या ओनली गर्लफ्रेंड से ही बात करते है और भी तो बहुत होते है. जैसे की गेम्स और इन्तेरेंट यूज़ करना. आंटी बोली – ओके बाबा..

मैंने फिर से हाथ फेरना शुरू किया. अब आंटी हाथ नहीं रोक रही थी और मेरे एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दबाने लग गया. वो मज़े से साउंड कर रही थी.. अहहह अहहाह अहहह अहहहा म्मम्म हम्म्म्म उम्म्मम्म जैसे की मैंने लिखा था, कि उसके बूब्स तब स्माल थे. और फिर मैंने अपना जॉकी का कच्छा निकाला और अंडरवियर में आ गया. वो मना करने लगी. वो बोली – कोई आ जायेगा. अभी नहीं. पर मैंने एक भी नहीं सुनी. क्योंकि मेरे ऊपर सेक्स का भुत सवार था. मैंने उनका हाथ अपने ७.५ इंच लंड पर रख दिया और वो दबाने लग गयी. वो बोली – वाओ.. काफी लॉन्ग लग रहा है तेरा लंड तो. मैंने कहा – आपका ही है अब. ले लो अपने आगोश में इसको.. बहुत दिनों से भूखा बैठा है. आंटी एकदम से हसने लगी और मेरे लंड को एकदम से बाहर निकाल लिया और देखने लगी. फिर मैंने आंटी की सलवार निकाल दी और देखा, कि आंटी ने पेंटी नहीं पहनी थी. उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. बिलकुल फ्रेश क्लीन लग रही थी. अब पता लगा था, कि आंटी नहाने में इतना टाइम क्यों लगाती थी.

मई तो पागल हो गया उसकी चूत को देख कर और किस करने लगा और फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और उनके मुह में अहहाह अहहहा अमम्मा आह्हह अहहहा ,अ,अ, अहहः की आवाज़े निकलने लगी. मैं चूत को लिक्क किये जा रहा था और वो हाहाह अह्हह अहहहा अहहाह क्क्क्कक उम्म्म्म हम्म्म्म करे जा रही थी. ५ मिनट के बाद, उसने मेरा फेस अपनी चूत में दबा दिया और वो फ्री सी हो गयी और फिर मैंने उनसे कहा – मेरे लंड को मुह में ले अब. तो वो पहले स्मेल करने लगी और फिर मेरे लंड पर एक किस किया और मुह में ले लिया. मैं पागल हो गया था यार. रंडियो की तरह से चूस रही थी आंटी अनु रानी. ५ मिनट चूसती रही. फिर मैंने उसको डौगी स्टाइल में आने को बोला और वो एकदम से कुतिया बन गयी. इतनी सेक्सी लग रही थी और पोज भी ऐसे दे रही थी, जैसे बोल रही हो, कि तेरा ही लंड इसमें डाल दो बस. मैंने अपने लंड को सेट किया और एक शॉट मारा और लंड अन्दर चले गया.. उसकी हाफ चूत गीली थी.

सो आराम से चला गया और टाइट भी थी और उनकी चीख निकल आ गयी अहः अहहाह अहहहा अहहाह ओअओअओअऊअ ऊओहोहोहोह क्क्क्कक हम्म्म्म माँ मर गयी… बोल… फिर वो बोली – आराम से करो यार. फिर मैंने एक और शॉट मारा और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और फिर चीख निकल गयी उसकी हाहाहा अगाया हाहाहा उम्म्मम्म उम्म्म्म ऊऊओ ओह्ह्ह्ह ओमम्म्म्म. मैं अब आराम से शॉट मारता रहा. वो मज़े ले रही थी ७.५ इंच लंड के १० मिनट शॉट मारने के बाद, मैंने पोज चेंज किया. मैं नीचे लेट गया और उसको अपने ऊपर आने को बोला और वो आ गयी और लंड सेट करके धीरे – धीरे नीचे आने लगी. जैसे – जैसे वो नीचे जा रही थी.. वैसे – वैसे मेरा लंड उनकी चूत में जा रहा था. क्या मस्त मज़ा आ रहा था. वो लंड पर के ऊपर नीचे ले रही थी. वो फिर से फ्री हो गयी और मेरे ऊपर गिर गयी. फिर मैंने उनको नीचे लिटा दिया और फिर उनके ऊपर आ गया. फिर मैंने शॉट मारने शुरू किये. मैंने पूरी रफ़्तार से शॉट मार रहा था.

वो चीख रही थी. ७.५ इंच का लंड ले थी वो. फिर ५ मिनट बाद, मैं उनकी चूत में सारा माल डाल दिया और उनके ऊपर गिर गया और फिर अनु रानी आंटी ने फिर से मेरा लंड मुह में ले लिया और चूसने लग गयी. ५ मिनट उसने मेरा लंड पूरा चूसा, जैसे की कोई रंडी चूस रही हो. वैसे भी वो रंडी ही तो थी. शोप्कीपेर से जो चूत मरवाती थी. पहले वो मेरा लंड फिर से टाइट हो गया. मैंने कहा – अब लंड को गांड में डालते है. लंड को और वो मना करने लगी. वो कहने लगी – नहीं राजा. इसमें आज तक किसी का भी लंड नहीं गया. दर्द होगा मेरे को बहुत. पर मैंने एक नहीं सुनी और मैं उसके बाथरूम में गया और आयल ले आया. फिर मैंने अपने लंड पर आयल लगा कर उसको चिकना कर दिया और उसकी गांड पर आयल लगा दिया और फिर पहले मैंने अपनी २ फिंगर उसकी गांड में डाल दी. वो एकदम से चीख पड़ी अहहह्ह अहहहा अहहाह हहहः ऊऊअओअओअओ हहहः ह्यीईईई हेयेयेये.. मैंने उसकी गांड को अपनी फिंगर से चोदना शुरू कर दिया. वो चीख रही थी और फिर जब उसने चीखना बंद कर दिया.. फिर मैं बाथरूम में गया और हाथ साफ़ करके वापस आया. मैं बाथरूम से मग में पानी ले आया था और मैंने अपनी से आंटी की गांड को साफ़ किया और फिर देर सारा आयल लगाना शुरू कर दिया. मेरा लंड तो मरा जा रहा था अब उनकी गांड में जाने के लिए.

और उसकी गांड जैसे कि मुझे ललकार रही हो. अगर हिम्मत हो तो डाल अन्दर अपने लंड को. मैं खुली हो तेरे लिए. मैंने एक बार फिर से अपने लंड पर आयल लगाया और सेट कर दिया उसकी गांड पर और एक एक जोर का शॉट मारा. मेरा लंड २ इंच के करीब अन्दर चले गया उसकी गांड के छेद में. अनु रानी की चीख निकल गयी हह्हः अहहह्ह अहहाह अहहह्हा मर दिया साले… मार दिया राजा तूने मुझे… उसके दर्द भरी चीख सुनकर मुझे तरस आ गया और मैं १ मिनट के लिए रुक गया और फिर जब वो नार्मल हुई.. तो मैंने फिर से एक और शॉट मार दिया और मेरा हाफ लंड उसकी गांड में चला गया. आंटी फिर से चीखने लगी मर गयी हहहः अहहाह अहहाह अयायायाय अहहह्हा हेयेयेयेये हहहः.. मार डाल दिया… मार डाला… तूने राजा आज तो… पर मैं तो उनकी सुन ही नहीं रहा था. शॉट पर शॉट पर लगा रहा था और आंटी की चीख पर चीख निकल रही थी और मैंने दबा कर १० मिनट तक उसकी गांड मारी. सारा माल लीव कर दिया उनकी गांड में और फिर उनके ऊपर लेट गया थक कर उनके ऊपर.

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पहली बार रंडी का प्यार

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ये बात जब की है जब मैं १८ साल का हुआ था और कॉलेज में पढ़ने लगा था. सेक्स के बारे में मुझे जब पता लग था, जब मैं १४ साल था. मैंने अपनी काफी हद तक पढाई हॉस्टल में की है और इसी वजह पर ही मुझे सेक्स के बारे में पता चला था. मुझे मुठ मारने की आदत भी तब से पड़ गयी थी और यकीं मानिये दोस्त, आज में ३४ साल का हु और मुझे आज भी मुठ मारने में बहुत मज़ा आता है. मैंने हॉस्टल में एक दो बार लडको के साथ सेक्स किया था. लेकिन ब्लू फिल्म में लड़की की चुदाई देख कर मुझे भी मन होता था. कि मैं भी सेक्स करू. लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई.

मैं उस समय अपनी एम्बीऐ की पढाई कर रहा था और मेरे २न्द सेमेस्टर के एग्जाम थे. मेरे फादर साहब उस समय कहीं बाहर काम करते थे और मैं और मेरी मदर ही घर थे. फादर साहब की तबियत ख़राब होने के कारण से उन्हें एक दिन के लिए वहां जाना पड़ा और रात में मैं अकेले ना सोये. तो वो मेरे कजिन को मेरे साथ सोने के लिए बोल गयी. वो भी मेरे ही हमउम्र है. हम दोनों रात में बातें करते रहे और फिर बात करते – करते हमने सोचा, क्यों ना एक कॉलगर्ल को बुलाया जाए.

वो एक कॉलगर्ल को जानता था और फिर उसने फ़ोन पर बात किया. तब उसने बोला, कि सुबह बताउंगी. हम लोगो की रात बड़ी बैचेनी से गुजरी. वो मेरा पहला सेक्स था. उसने उस कॉलगर्ल को पहले भी चोदा हुआ था. वो एक ब्यूटी पार्लर में काम करती थी और ज्यादा पैसे कमाने के लिए कॉल गर्ल का काम भी करती थी. उसका नाम तो दोस्तों मुझे याद नहीं. लेकिन उसको हम अनीता बोल देते है यहाँ पर. अनीता को सुबह हमने कॉल किया. तो उसने हमे मना कर दिया. हम लोग बहुत निराश थे. एक मौका मिला था और ये भी नहीं पता था. कि ऐसा मौका फिर कब मिलेगा.

फिर उसका १ बजे फ़ोन आया और हमने कहा – सिर्फ २ घंटे है हमारे पास. उसने कहा – मुझे १५ मिनट लगगे आने में. बाकी तुम लोग जो भी करोगे. वो आ गयी और फिर एक कमरे में चली गयी. मैंने भाई ने कहा – तू जाएगा, पहले. मैंने कहा – तू जा. मेरा दिल बहुत जोर से धड़क रहा था और मेरा लंड खड़ा होने का नाम ही नहीं ले रहा था. मुझे लग रहा था, कि आज तो बेजज्ज्ती होने वाली है. साली रंडी मेरे सामने चूत खोलकर पड़ी होगी और मेरा लंड खड़ा होने का नाम नहीं लेगा. मेरा भाई अन्दर चले गया और मैं अन्दर बैचेनी से इधर – उधर घूम रहा था. बहुत ज्यादा बैचेन था. मैंने अपने लंड को पकड़ रहा था. कस रहा था, कि किसी भी तरीके से ये खड़ा हो जाए.

फिर मेरा भाई अन्दर आया और बोला – चले जा. मैं अन्दर गया और देखा.. एक सांवली औरत पूरी नंगी बिस्तर पर पड़ी है. वो बोली – आ जा. फिर मैंने कपड़े पहन कर भी उसके ऊपर चढ़ गया. मेरे लंड ने अपने आप ही फुदकना शुरू कर दिया. मैंने लाइफ में पहली बार किसी नंगी औरत को अपने सामने देख रहा था. उसने पूछा – पहले नहीं किया. मैंने ना में सिर हिला दिया. फिर वो बोली – चल कपड़े उतार. मैंने एक ही बार में कपड़े उतार दिए और नंगा होकर उसके ऊपर चढ़ गया. मैंने उसको किस करना शुरू दिया. मैंने उसके कंधे पर किस करता रहा. फिर उसके होठो को बहुत देर किस करने के बाद, मैंने पीछे आया और मैंने कहा – चूस लू?

उसने कहा – तू चाहता है. मैंने कहा – हाँ. उसने कहा – मैं लंड नहीं चुसुंगी. मैंने कहा – ओके और फिर मैंने उसकी चूत को अपने हाथो से खोला और अपनी जीभ को उसकी चूत पर लगा दिया और मस्ती में उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. कुछ देर चूत चाटने के बाद, उसकी गांड हिलनी शुरू हो गयी और उसने मेरे बालो को खीचना शुरू कर दिया और वो सिर को अपनी चूत में दबा रही थी. क्या मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसके ऊपर आया और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा और उसकी चूत में अपने लंड को दबा दिया. उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट नहीं थी. गीली तो थी है, लेकिन शायद बहुत से लंड से चुदवा चुकी थी वो.

मैंने अपने लंड को उसकी चूत में धक्के मारना जारी रखा और उसके मुम्मो को दबा रहा था. उसने मुझे अपने मम्मे चूसने नहीं दिए. लेकिन मैंने उसके मम्मो को जी भर कर दबाया और उसके होठो को मस्ती में चूसा. मेरी गांड बहुत तेजी सी हिल रही थी और मेरा लंड फक फक फक फक फक फक फक की आवाज़ के साथ अन्दर बाहर हो रहा था. वो बोली – हुआ नहीं क्या तेरा? मैंने कहा – नहीं. वो बोली – लंड में दम है तेरे.. मैं मुस्कुरा दिया और बोला – अब मुझे तुझे डोगी स्टाइल में चोदना है और फिर वो कुतिया बन गयी और मैं उसके पीछे आ गया और अपने लंड को पीछे से उसकी चूत में डाल दिया.

मैंने अपनी गांड को जोर – जोर से हिला रहा था और मेरा लंड बहुत तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था. बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर अचानक से मेरी स्पीड बढनी शुरू हो गयी. मुझे लगा, कि आज मेरे लंड से लावा बहुत तेजी से बाहर निकलेगा. मुझे मुठ मारते टाइम, ऐसी फीलिंग नहीं हुई थी कभी और फिर २ मिनट के बाद, मेरे लंड ने अपना पूरा का पूरा लावा उसकी चूत में छोड़ दिया. एक एकदम से अपने दोनों घुटनों पर बैठ गयी (जैसे इंडियन स्टाइल में टट्टी करते है) और वहां पर पेशाब कर दिया. मेरा सारा माल उसके पेशाब के साथ बाहर आ गया. फिर उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुह में रख लिया और बोली. तुमने मुझे मस्त मज़ा दिया है, ला तेरा लंड चूसती हु.

उसने ५ मिनट में मेरे लंड को चूसकर फिर से खड़ा कर दिया और मैंने फिर से एक बार उसकी चूत की चुदाई की. जब वो झड गयी. तो मैंने अपने लंड को उसके दोनों बूब्स के बीच में रख दिया और मस्त बूब्स चुदाई की अपने माल को उसके बूब्स के बीच में छोड़ दिया. बहुत ही मज़ा आ गया था. फिर उसने अपने रुमाल से अपने शरीर को साफ़ किया और मैंने भी अपने कपड़े पहने. फिर हमने उसको पैसे दिए और वो चली गयी. भाई उसको छोड़ कर वापस आया और फिर मुझ से पेपर की तैयारी भी नहीं हुई.सारा टाइम उसके बारे में सोचते हुए निकल गया. लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी. कि मैं पास हो गया… पेपर में भी और चुदाई में भी… आपका पहले सेक्स अनुभव कैसे है? बंटाना जरुर मेरे साथ…

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दूसरों के बीवी को चोद्नें का मज़ा कुछ और हैं

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हैल्लो दोस्तों.. आज में आप सभी लोगों से साथ एक अपनी एक सच्ची प्राईवेट बात शेयर करने जा रहा हूँ जिसे शायद आप पड़कर सोचोगे कि काश आपको भी ऐसा अवसर मिले. दोस्तों में भी सेक्स कहानियो का बहुत बड़ा फेन हूँ और मुझे सेक्स करने और इस पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है. दोस्तों मेरी शादी 2003 में जयपुर में एक बहुत अच्छे पारिवर में हुई और मेरी बीवी बहुत सुंदर और मस्त जवानी वाली और सेक्सी है. उसे कोई भी देखकर चोदने की इच्छा कर सकता है.. क्योंकि उसके बड़े बड़े बूब्स, पतली कमर, बड़ी गांड, गदराया हुआ बदन उसके कामुक जिस्म की सुन्दरता को और भी बड़ा देता है. दोस्तों मेरी शादी के बाद मेरे साले अरविंद की शादी 2004 में हुई और उसके लिए लड़की देखने हम दौसा गये. दोस्तों उस लकड़ी का नाम मोनिका है और वो लड़की बहुत ही सेक्सी थी.. पतली दुबली, बड़े बूब्स, अच्छी खासी गांड.. लेकिन वो हमारे साले साहब को पसंद नहीं आई क्योंकि वो बहुत ही तेज स्वभाव की थी.. लेकिन घर वालों के आगे उसे भी हाँ करनी पड़ी और साले की शादी के बाद उन दोनों में कुछ ही दिन बात बनी और वो दोनों अक्सर किसी ना किसी बात को लेकर हमेशा बहुत लड़ते थे.

तो एक दिन उन दोनों में फिर से लड़ाई हो गई और मोनिका अपने भाई के घर चली गई. फिर जब में और मेरी बीवी उसका हाल चाल पूछने उसके घर गये तो में उसके कमरे में गया तो मैंने देखा कि वहाँ पर एक लिफाफा पड़ा था और वो किस्मत से मेरे हाथ लगा.. उसने जो अपनी सहेली को लिखा था और उसे पढने के बाद मेरे होश उड़ गये.. उसने उस कागज़ पर लिखा था कि अरविंद उसे एक मर्द का पूरा सुख नहीं दे पता जो कि औरत को मिलना चाहिए और उसने अपनी सहेली को लिखा कि जिस तरह से एक औरत को मर्द शादी के बाद चोदता है वैसे वो आज भी उस चुदाई के लिए तरस रही है और यहाँ तक कि उसने कभी उसके बूब्स भी नहीं चूमे और ना ही कभी चूत को किस किया और वो 2-3 मिनट के बाद ही पानी छोड़ देता है और थककर सो जाता है.. में आज तक उससे उस चुदाई की उम्मीद में अब बहुत थक चुकी हूँ.

दोस्तों मैंने उस पेपर को पूरा पढ़कर किसी को बताने की जगह उसे अपनी जेब में रख लिया और किसी को कुछ भी नहीं बताया.. यहाँ तक की मेरी अपनी बीवी को भी कुछ नहीं बताया और कुछ देर वहाँ पर रुकने के बाद हम दोनों वहाँ से चले आए और उसके बाद मुझे अपनी बीवी से पता चला कि अरविंद अपनी बीवी को समझाकर घर ले जा चुका है. फिर कुछ दिनों के बाद मेरे सास ससुर चार धाम की यात्रा पर चले गये और मुझे किसी काम से तीन दिन के लिए जयपुर जाना था और जब में जयपुर घर पहुँचा. तो मैंने देखा कि मोनिका घर पर अकेली थी और उससे पूछने पर पता चला कि अरविंद एक सप्ताह के लिए बीकानेर गया हुआ है. मोनिका ने सलवार सूट पहन रखा था और मैंने मोनिका से पूछा कि आज तुम सलवार सूट में कैसे हो? तो वो बोली कि क्यों क्या में आपको इसमे अच्छी नहीं लगती? तो मैंने कहा कि नहीं मुझे तो हर तरह से तुम वो दिखती हो. वो बोली कि क्या दिखती हूँ बोलो ना? तो मैंने कहा कि सेक्सी? वो सुनकर एकदम हंस पड़ी और अपने कमरे में चली गई.

वो गर्मी का समय था और में दोपहर में सो गया.. शाम को चार बजे मोना चाय लेकर आई और मेरे पास बेड पर बैठकर मेरी नाक पकड़ कर मुझसे बोली कि उठिए ना जीजू क्या और कुछ बात नहीं करेंगे अपनी साली से? तो में एकदम नींद में डरकर उठा और उठते वक्त मेरा सर उसके मुलायम बड़े बड़े बूब्स को छुता हुआ निकला और मुझे बहुत अच्छा लगा.. लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा. फिर में बिना बनियान के सो रहा था और मैंने अपनी बनियान इधर उधर देखी.. लेकिन मुझे आस पास कहीं भी नहीं दिखी. तभी मोनिका बोली कि आप तो बिना बनियान के भी बनियान में लगते हो. तो मैंने बोला कि वो कैसे? तो वो हंसकर बोली कि आपकी छाती के बाल बहुत बड़े-बड़े हैं और बिल्कुल वनमानुष की तरह है.. क्या यह आपकी बीवी के नहीं चुभते? तो मैंने सेक्सी स्माईल के साथ पूछा कि क्यों उसे क्यों चुभेगें? तो वो बोली कि अब आप ज्यादा मत बनो और उसके इतना कहने पर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और बड़े पर पटककर उसके होंठो को पागलों की तरह किस करने लगा.. उन्हे चूसने लगा. तो वो बोली आप अपनी नियत अपने साले की बीवी पर रखते हो.. जीजू यह बहुत गलत बात है.

फिर मैंने बोला कि तुम भी तो अपनी नियत मुझ पर रखती हो मेरी जान और मैंने मौका देखकर उससे उसकी दिल की बाद पूछ ली. मैंने उससे कहा कि मोना में तुमसे एक बात पूछना चाहता हूँ. तो वो बोली कि हाँ पूछो क्या पूछना चाहते हो? तो मैंने कहा कि तुमने एक दिन एक खत अपनी सहेली को लिखा था कि तुम अरविन्द से सेक्स में संतुष्ट नहीं हो क्या यह बात सच है? तो वो बोली कि अगर में संतुष्ट होती तो क्या आपके चूमने, चाटने, बाहों में जकड़ने पर नाराज़ नहीं होती? फिर उसका इतना कहना था कि मैंने उसे फिर से अपनी बाहों में लेकर चुम्बन शुरू कर दिया और मोना भी मस्त होकर मुझे किस पर किस देने लगी. फिर मैंने अपना पाजामा खोल दिया और उसकी साड़ी और ब्लाउज भी उतार दिया वो अब मेरे सामने सिर्फ़ काली कलर की ब्रा में थी और में उसके बूब्स के आकार को देखकर पागल हो गया और हम दोनों 10 मिनट तक एक दूसरे को चूमते रहे और सेक्सी सिसकियों से उत्तेजित होते रहे.

फिर मैंने जैसे ही मोना के पेटिकोट में हाथ डाला तो मोना बोली कि जीजाजी आज की रात में एक नई सुहागरात आपके साथ मानना चाहती हूँ और अभी कुछ ऐसा मत करना. फिर मैंने भी उसकी बात मान ली और रात को हम खाना खाने बाहर गये और आते समय एक किलो गुलाब के फूल लिए और घर पर आए. मोना ने बिस्तर पर नई बेडशीट बिछा दी और मैंने पूरे एक किलो गुलाब के फूल बिस्तर पर डाल दिए. फिर करीब आघे घंटे बाद मोना एक लाल सेक्सी पेटिकोट ब्लाउज पहनकर कमरे में आई.. वो क्या चीज़ दिख रही थी उसके बड़े बड़े बूब्स मस्त लग रहे थे और में सिर्फ वी आकार की अंडरवियर में था. फिर मोना बिस्तर पर लेट गई और में भी उसके साथ लेटकर उसे चूमने लगा और उसके होंठो को किस करने लगा. तभी मोना ने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया और बोली कि यह कितना बड़ा है इसको छूने से लगता है कि यह कोई डंडा है. तो मैंने कहा कि जान आज चुदवाएगी तब पता चलेगा और मैंने मोना को पूरी तरहा से नंगा कर दिया.. उसकी क्या मस्त चूत थी? में उसकी देखते ही पागल हो गया और उसकी मस्त जवानी देखकर अपनी बीवी की चूत से बराबरी करने लगा.

वाह क्या मस्त चूत थी साली की? में उसकी चूत को किस करने लगा ही था कि वो बोली कि नहीं आज मेरी बारी है और मुझे खड़ा करके मेरा लंड चूसने लगी.. उसने लंड को बड़ी मस्ती से चूसा जिससे में सिसकियाँ ले रहा था आईईईई अहह मेरी जान मेरा लंड चूस ले ओइईईई और फिर वो पर लेट गई और में उसकी चूत को चाटने लगा. क्या मस्त थी वो.. फिर करीब 30 मिनट तक चूत चूसने के बाद उसकी चुदाई का समय हो गया. तो वो मस्त होकर लेट गई और में अपना लंड उसके दोनों पैरों के बीच रखकर उसे दबाने लगा.. वो गरम हो रही थी. तो उसने मुझे लंड चूत में डालने के लिए कहा और मेरे 8 इंच का लंड खड़ा हो गया और फिर मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा खोल दिया और लंड को चूत पर रखकर डालने लगा और फिर जैसे ही लंड अंदर गया तो मैंने महसूस किया कि मोना की चूत शायद अब तक एकदम कुँवारी थी और मेरे धीरे धीरे धक्के से ही वो रोने लगी और उसकी चूत से कुछ खून भी निकला और में धक्के देने लगा. तो वो मुझे अपनी बाहों में जकड़ कर मुझसे चुदवाने लगी उसने मेरी कमर पर अपने नाख़ून से मुझे खरोंचा और वो कह रही थी कि जीजू प्लीज धीरे करो और मस्त होकर मेरे लंड का मज़ा ले रही थी और शायद आज मोना अपनी पहली पूरी चुदाई का मज़ा ले रही थी और बोल रही थी कि आह्ह्ह उह्ह्ह आज चोद जीजाजी और चोद मुझे और इसी लंड से जीजी भी चुदती होगी.. जीजी धन्य है जो रोज तेरा लंड लेती है.

तो मैंने कहा कि मेरी रानी तू भी तो आज इस लंड को ले रही है और यह कहकर मैंने 40-50 धक्के लगा दिए और अब मोना चुदने को तैयार थी और मैंने भी एक ही बार में पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और फिर कुछ देर बाद मोना भी झड़ गई. करीब 20 मिनट तक हम दोनों वैसे ही पड़े रहे. तभी मोना उठी और बाथरूम में जाकर अपनी चूत धोने लगी में भी उसके पीछे-पीछे चला गया और फिर से उसे चूमने लगा.. पानी हम दोनों के शरीर पर गिर रहा था. फिर मैंने मोना से कहा कि तुम्हारी चूत पर इतने बाल है इसे साफ क्यों नहीं कर लेती? तो वो बोली कि आप ही करो ना जीजू.. मैंने तुरंत रेज़र लिया और साबुन मसलकर उसकी चूत के बाल साफ कर दिए और बाल हटने के बाद चूत और भी मस्त लग रही थी और हम दोनों भीगे हुए कमरे में जाने लगे तो मोना डाईनिंग टेबल पर से पानी की बॉटल लेकर पानी पीने लगी और मैंने मौका देखकर उसकी गांड में लंड लगा दिया.

तो मोना को बहुत अच्छा लगा इसलिए उसने विरोध नहीं किया और मैंने मोना से कहा कि में उसे एक बार डाईनिंग टेबल पर चोदना चाहता हूँ और फिर मेरे इतना कहने पर मोना तैयार थी. फिर मैंने उसे डाईनिंग टेबल पर लेटा दिया और उसकी चूत पर फ़्रीज़ से मक्खन लाकर लगाया और थोड़ा उसके बूब्स पर भी मसल दिया और ज़ोर से उसके बूब्स को मसलने, चूसने लगा और फिर ज़ोर से लंड उसकी चूत में डालकर धक्के लगाने लगा. तो मेरे हर धक्के से मोना ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी अहह उईईईईई माँ मर गई उईईईई और में उसके दोनों बूब्स को मसल रहा था और फिर में झड़ने लगा और मैंने बहुत सारा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया. यह मेरी पहले से भी ज्यादा जबर्दस्त चुदाई थी.. अब हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपट कर सो गये.

फिर मोना सुबह 5 बजे उठी.. उसने जैसे ही लाईट चालू की तो में भी उठ गया और मैंने देखा कि मोना पूरी नंगी थी और वो अपनी ब्रा पहन रही थी. तभी मैंने उसे फिर से बिस्तर पर खींच लिया और फिर से उसको चूमने लगा. अब शायद मोना चुदने को तैयार नहीं थी इसलिए उसने मना कर दिया और उठकर अपने कपड़े पहनकर चली गयी. करीब 7 बजे मोना बाथरूम में नहाने चली गई.. लेकिन उसने दरवाजा बंद नहीं किया और में भी उसके पीछे पीछे अंदर चला गया और फिर देखा कि मोना एकदम नंगी होकर नहा रही थी और शावर का पानी उसके बूब्स से गिरकर चूत से होता हुआ नीचे जा रहा था. फिर मोना मेरे लंड को देखकर उसे अपनी चूत से रगड़ने लगी और मैंने मोना को गोद में लेकर फिर से एक बार लंड उसकी चूत में डाल दिया. करीब 30 मिनट तक मैंने उसकी चूत में धक्के दिए और फिर झड़ गया. फिर मोना और हम दोनों नहाकर बाहर निकले और अगली रात का प्रोग्राम बनाया. दोस्तों इन तीन दिनों में मैंने उसकी चूत को चुदाई का पूरा सुख दिया. मैंने उसको दिन रात जब भी मौका मिला चोदा. तो दोस्तों यह थी मेरी कहानी ..

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पड़ोस की आंटी के साथ मनाया सुहागरात

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मेरा नाम विश है और में गुजरात शहर के राजकोट का रहने वाला हूँ.. मेरी हाईट 5.11 इंच है और मेरा आकर्षित शरीर है.. दोस्तों यह कहानी एक सच्ची घटना है और आज से एक साल पुरानी है और मेरी पड़ोस वाली आंटी की फेमिली में 4 लोग है। आंटी दक्षा उम्र 37 साल, उसका पति उम्र 40 साल, उसका बेटा उम्र 23 साल और उसकी लड़की उसकी उम्र 20 साल की है। दक्षा आंटी बहुत सुंदर लगती है और वो उसके बूब्स और उसकी गांड के तो क्या कहने? कोई भी मर्द एक बार उसके बूब्स और गांड देख ले तो वो उसका दिवाना ही हो जाए।

अब सीधे घटना पर आते है आज से 15 दिन पहले मेरी पड़ोस वाली आंटी की लड़की ने घर से भागकर लव मेरिज कर ली और वो बात मेरे अलावा हमारी सोसाईटी में किसी को पता नहीं थी क्योंकि जिस लड़के के साथ वो भागी थी वो मेरा ही फ्रेंड है और फिर वो दोनों भागकर शादी करने वाले है.. यह बात मुझे एक महीने पहले ही पता थी और हमारे यहाँ पर किसी घर की लड़की अगर भागकर अपनी मर्जी से शादी करती है तो उसे समाज में बहुत बुरा माना जाता है और उससे उस फेमिली की इज्जत भी खत्म हो जाती है।

इसलिए जैसे ही उनकी लड़की ने भागकर लव मेरिज कर ली तो उन्हें ऐसा पता चलते ही वो पूरी फेमिली अपने घर से थोड़े दिनों के लिए बाहर चली गई ताक़ि कोई उनसे उसके बारे में कुछ भी ना पूछ सके और उनकी लड़की की ऐसी हरक़त से उनको किसी के सामने अपनी इज्जत ना गवानी पड़े.. आंटी यह बात सोच सोचकर अंदर से टूट चुकी थी और वो अकेले में रोने लगी थी। तो मैंने अपने घर से देख लिया था कि आंटी अकेले में रोने लगी है तब से में मौका ढूंढने लगा था कि कैसे आंटी को हिम्मत दिला सकूँ कि वो बाहर के लोगों से डरे नहीं और फिर मुझे वो मौका मिल ही गया।

फिर एक दिन जब मेरे घर पर कोई भी नहीं था तब घर की डोर बेल बजी और जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो में देखता ही रह गया कि वाह आंटी क्या माल लग रही थी और बहुत दुखी भी लग रही थी। तो मैंने उनको अंदर आने को कहा और वो अंदर सोफे पर बैठी और उन्होंने मुझसे कहा कि उनको थोड़ा सा दूध चाहिए। तो मैंने उनको सोफे पर बैठाया और दूध लेने किचन में चला गया और जब वापस आया तो देखा कि आंटी रो रही थी.. तो में उनके पास जाकर उनके पास में बैठ गया और उनके आँसू साफ किए और उनसे पूछा कि क्या हुआ? और आंटी आप रो क्यों रही हो? तो उसने बताया कि उसकी बेटी ने भागकर शादी कर ली है और वो आंटी समाज में किसी को मुहं दिखाने लायक नहीं रही।

तो मैंने उसको बड़े प्यार से समझाया कि हम तो अच्छे लोग है और अगर आपकी लड़की को कोई लड़का पसंद है और उसने शादी कर ली तो उसमे शरमाना कैसा और रोना कैसा? और में उनको समझाते समझाते धीरे से उनके करीब जा रहा था और फिर वो मेरे कंधे पर सर रखकर रोने लगी..

पहले तो मैंने उन्हे 20 मिनट तक रोने दिया और फिर उन्होंने कहा कि में क्या करूं मेरा पति मेरी कोई बात नहीं मानता और ना ही मेरा बेटा.. बेटी भी अब चली गयी और अब में क्या करूँगी में तो बिल्कुल अकेली पड़ गयी और तुम्हारे अंकल तो हमारी शादी के बाद कभी मुझे कहीं बाहर घुमाने तक नहीं ले गये और ना ही दो प्यारी बातें की है और ना कभी मुझे फिल्म दिखाने लेकर गये। वो तो दुकान से घर और घर से दुकान.. मेरे ऊपर कभी ध्यान ही नहीं दिया।

तो मैंने बिना इंतजार किए उन्हे कहा कि आप बिल्कुल सही कह रहे हो आंटी.. मैंने अंकल को बहुत टाइम सिनेमा हॉल में देखा है वो हमेशा अकेले ही या फिर अपने किसी दोस्त के साथ फिल्म देखने चले जाते है.. लेकिन आपको कभी उनके साथ नहीं देखा.. मुझे लगता है कि वो लाईफ को अपनी तरीक़े से जिया करते है और आपका बेटा मेरा दोस्त भी है वो भी हमेशा अपने तरीक़े से अपनी लाईफ एंजाय कर रहा है और फिर आपको भी अपनी लाईफ अपने तरीक़े से जीनी चाहिए और आपको भी फिल्म देखने मॉल में घूमने और रेस्टोरेंट में जाना चाहिए।

वो थोड़ी देर चुप हो गयी और फिर मुझसे कहा कि तुम एकदम ठीक कह रहे हो.. लेकिन में अकेले कैसे अपनी लाईफ के मजे कर सकती हूँ? फिर मैंने कहा कि अपने फ्रेंड के साथ। वो फिर मेरे कंधे पर सर रखकर रोने लगी.. फिर मैंने उसे चुप कराया और पूछा कि आप क्यों रो रही हो? तो वो रोते हुए बोली कि मेरा शादी के बाद से मेरी सभी फ्रेंड से बातचीत टूट गई है और अब में किसके साथ फिल्म देखने जाउंगी? और फिर सीधा मेरी आँखों में देखकर मुझसे पूछा कि क्या तुम मेरा साथ दोगे?

तो मैंने थोड़ी देर सोचा और उन्हे हाँ कह दिया तो उसने मुझे 500 रुपये दिए और कहा कि जाओ आज की किसी भी फिल्म के दो टिकिट ले आओ और फिर हम दोनों एक साथ फिल्म देखने जाएँगे.. क्यों ठीक है? फिर मैंने दो कपल टिकिट लिए और आंटी को बताया कि शो 6:00 से 9:00 बजे का है। तो उन्होंने कहा कि ठीक है हम 4 बजे चलेंगे.. तो मैंने पूछा कि इतना जल्दी क्यों जाना है तो उसने बोला कि मुझे कुछ काम है.. में तो अंदर से बहुत खुश हो रहा था.. इतनी सेक्सी आंटी मेरे साथ फिल्म देखने आएगी आज तो मुझे मज़ा आएगा। फिर मैंने 4 बजे अपनी बाईक निकाली तो आंटी अपने आप ही नीचे मेरे पास आ गयी..

मैंने देखा कि उन्होंने काली पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी जिससे उनकी नाभि दिख रही थी.. में तो देखता ही रह गया.. क्या माल लग रही थी? मेरा मन कर रहा था कि फिल्म बाद में पहले इसको घर पर ले जाकर एक बार चोद लेता। फिर मैंने अपने आप को कंट्रोल किया और फिर बाईक को स्टार्ट किया और वो पीछे बैठ गयी और मैंने बाईक चलाना शुरू किया। फिर रास्ते में उसने मुझसे कहा कि तुम बाईक मॉल में ले लो मुझे कुछ काम है और रास्ते में बात बात पर अपने मुलायम बूब्स मेरी पीठ पर छू रही रही थी में क्या बताऊँ दोस्तों मुझे कितना मज़ा आ रहा था बाईक चलाने में.. मेरा जी कर रहा था कि बस चलता ही रहूँ और आंटी मुझे अपने बूब्स का मज़ा देती रहे।

फिर हम क्रिस्टल माल पहुँचे तो वो बोली कि मुझे कुछ कपड़े लेने है चलो मेरे साथ और रास्ते में चलते चलते वो मेरा हाथ पकड़ कर चलने लगी जैसे कि वो मेरी गर्लफ़्रेंड हो फिर एक अच्छी सी लेडीस कपड़ो की दुकान में हम कपड़े लेने गये और उसने अपने लिए मेरी पसंद का सेक्सी गाउन लिया और फिर मैंने कहा कि चलो यहाँ पर पास में एक गार्डेन है हम वहां पर चलकर थोड़ी देर बैठते है और आंटी और में दोनों गार्डेन में जाकर एक एक शांत जगह देखकर वहां पर बैठ गये और फिर आंटी ने बात शुरू की।

आंटी : तुम्हे बहुत बहुत धन्यवाद.. क्योंकि तुमने मुझे बढ़ावा दिया और मेरी मदद की।

में : इसमे धन्यवाद कैसा आंटी?

आंटी : आज से तुम मुझे आंटी मत कहना मुझे अच्छा नहीं लगता.. तुम मुझे मेरे नाम से बुलाना आज से तुम मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त हो।

में : ठीक है दक्षा जैसा तुम कहो।

आंटी : में तुम्हे अपने एक अच्छे दोस्त के रूप में बहुत पसंद करती हूँ।

में : धन्यवाद।

आंटी : अगर तुम ना होते तो में तो मर ही जाती मेरा आत्महत्या करने का दिल करता था और यह कहते हुए वो मुझसे चिपक कर बैठ गयी जैसे लवर्स चिपक कर बैठते है।

में : उनके कंधे को सहला रहा था.. आंटी कोई बात नहीं अब आप जब भी कभी उदास होगी तब मुझे कहना में आपको हमेशा खुश रखूंगा।

आंटी : रोते हुए मेरी छाती पर हाथ घुमाने लगी तुम क्या जानो में अभी भी कितनी दुखी हूँ?

में : तो मुझे बताओ कि आपको क्या दुख है? मैंने तो आपकी सभी समस्या तो हल कर दी और अब किस बात का रोना?

आंटी : हवस वाली नज़रों से मुझे देखते हुए बोली तुम क्या जानो एक औरत की प्यास क्या होती है?

में : में तुम्हारी हर एक प्यास बुझा सकता हूँ।

आंटी : सेक्सी स्माईल के साथ.. अच्छा तुम तो बहुत बड़े हो गये हो।

में : आंटी को एक लंबा किस किया.. तो इसके बाद आंटी मेरी तरफ प्यार भरी नज़रों से देखने लगी।

आंटी : यह क्या किया?

में : प्यार से उनके बूब्स दबाते हुए.. क्यों आपको इसकी प्यास थी ना?

आंटी : मेरे लंड पर हाथ फेरते हुए.. हाँ तुम्हारे अंकल ने पिछले 10 सालों से सेक्स नहीं किया।

में : अभी भी बूब्स दबा रहा था.. अंकल तो बेवकूफ़ है इतनी सेक्सी और सुंदर वाईफ को तो हर रोज़ प्यार करना चाहिए उसकी हर एक इच्छा को पूरा करना चाहिए।

आंटी : (लंड को दबाते हुए).. क्या में तुम्हे इतनी सेक्सी और सुंदर लग रही हूँ? मेरी उम्र तो 37 की हो गयी है।

में : (लंबी किस करके) मैंने आज तक आप जैसी सेक्सी औरत को नहीं देखा है।

आंटी : क्या में तुम्हे इतनी सेक्सी लगती हूँ?

में : हाँ आंटी आप एकदम कामदेवी लगती है।

आंटी : (स्मूच करके).. क्या तुम मुझे प्यार करोगे?

में : जांघ पर और पीठ पर गर्दन पर हाथ घुमाते हुए.. हाँ में आपको रोज़ प्यार करूँगा और अगर आप जैसी कामदेवी मिल जाए तो वो कोई पागल ही होगा जो प्यार नहीं करेगा।

आंटी : लंड को दबाते हुए.. यह कितना बड़ा है?

में : बूब्स को बाहर निकालते हुए.. मैंने कभी नापा नहीं है.. लेकिन मेरी गर्लफ्रेंड कहती है कि यह बहुत बड़ा और मस्त है।

आंटी : बूब्स को वापस ब्लाउज में डालते हुए.. यह तो बाद में पता चलेगा अब चले फिल्म का टाईम हो गया है।

में : हाँ थोड़ा रुको.. अभी चलते है।

फिर हम पार्क से निकले और फिर हम मेरी बाईक पर बैठ गये और अब तो वो पीछे से मुझसे एकदम चिपक कर बैठ गयी जैसे शादीशुदा कपल्स बैठते है और उसके बूब्स को पीठ पर महसूस करके में तो जन्नत में पहुंच गया था। फिर हम थियेटर में गये और फिल्म देखने लगे और हम शादीशुदा कपल्स के जैसे एक दूसरे से चिपक कर फिल्म देख रहे थे.. वो मेरे लंड पर जीन्स के ऊपर से ही हाथ घुमा रही थी और में उसकी जांघ पर हाथ घुमा रहा था और हमने बहुत रोमेंटिक तरीके से फिल्म देखकर घर लौटे और घर पहुंचते ही मुझे लगा कि यह अपने घर चली जाएगी.. लेकिन वो तो मेर पीछे पीछे मेरे घर पर चली आई और मेरे घर पर कोई भी नहीं था।

तो वो मुझसे बोली कि मुझे एक कॉफ़ी पिला दो.. तो में उसे उठाकर अपने बेडरूम में ले गया और पलंग पर पटक दिया। फिर में भी पलंग पर जाकर उसे सेक्सी स्टाईल में किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा।

फिर मैंने प्यार से उसके पूरे शरीर को किस करते हुए उसकी साड़ी को उतारा और अब वो सिर्फ़ ब्लाउज और पेटिकोट में थी दोस्तों वो क्या माल लग रही थी? फिर मैंने उसके ब्लाउज को खोल दिया और उसके बूब्स को पागलों की तरह चूसने लगा और उसके बूब्स को मसलने लगा और वो सेक्सी आवाजें निकालने लगी.. आ ऊहह आहह। फिर में बूब्स को काटने लगा और वो सेक्सी आवाजें निकाल रही थी और फिर मैंने उनका पेटीकोट और पेंटी को उतार दिया और फिर मैंने उनकी चूत को किस किया तो वो और पागल हो गई और मुझसे कहने लगी कि आज तक लाईफ में किसी ने उसकी चूत को नहीं चूसा.. प्लीज़ तुम आज मेरी चूत चूसो ना।

में आंटी को किस करते हुए उनकी चूत तक आया और फिर मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत के अंदर डालकर 15 मिनट तक चूसा और वो अपनी चूत पर मेरा मुहं दबातें हुए झड़ गयी। फिर वो खड़ी हुई और उसने किस करते हुए मेरी शर्ट को उतारा और फिर मुझे चूसने लगी और फिर काटने लगी.. फिर उसने मेरी पेंट को निकाला तो मेरे लंड की वजह से मेरी अंडरवियर में तंबू बना हुआ था.. वो देखकर उसने गरम होकर अंडरवियर को उतारा तो वो बोल पड़ी.. बाप रे तुम्हारा लंड तो मेरे पति के लंड से बहुत बड़ा और मोटा है।

यह कहकर वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और में तो जन्नत में था कि इतनी सुंदर आंटी नंगी होकर मेरा लंड चूस रही थी और फिर मैंने देर ना करते हुए उसको उठाकर पलंग पर लेटाया और उसके पैरों को खोलकर उसकी चूत पर लंड को रगड़ रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था। तो वो बोली कि अब इतना भी मत तड़पाओ.. में और इतना बड़ा लंड अपनी चूत के अंदर लेने के लिए मरी जा रही हूँ प्लीज जल्दी करो डार्लिंग और इसे मेरी चूत के अंदर डालो।

फिर मैंने एक ही झटके में आधा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया तो वो ज़ोर से चिल्ला उठी आईईई माँ मर गई मेरी चूत फाड़ दी। फिर आंटी को बहुत दर्द हो रहा था क्योंकि पिछले कई सालों से उसकी चूत ने कोई लंड अंदर लिया नहीं था और फिर मैंने उससे थोड़ा प्यार किया, उसके बूब्स दबाए, बूब्स चूसे और जैसे ही उसका ध्यान हटा मैंने एक ही झटके के साथ पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया.. वो फिर से चिल्लाने की कोशिश करने लगी..

लेकिन पहले ही मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए थे तो उसकी आवाज़ नहीं निकली। फिर आंटी मुझसे कहने लगी कि उसे बहुत दर्द हो रहा है.. लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी क्योंकि इतनी सेक्सी आंटी अगर हाथ में आ जाए तो उसे कोई छोड़ता है भला? तो मैंने अपने धक्को की स्पीड तेज़ कर दी और उसकी आँख में से आँसू निकल रहे थे। में तो अपनी मस्ती में था और चुदाई करने में लगा हुआ था। फिर मैंने उसकी चूत को करीब 25 मिनट तक बहुत ज़ोर ज़ोर धक्के देकर चोदा होगा और उस बीच वो दो बार झड़ गयी थी।

फिर मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उन्हें किस करने लगा और बूब्स के साथ खेल रहा था तो वो उठकर नहाने चली गयी और फिर में भी उठकर उसके पीछे पीछे जा रहा था.. लेकिन मैंने बाथरूम जाने से पहले वेसलीन का डब्बा अपने साथ ले लिया क्योंकि वो जब जा रही थी तो उसकी हिलती हुई गांड को देखकर मेरा मन उसकी गांड मारने का हो गया और में बाथरूम में उसके पीछे खड़ा होकर उसके बूब्स दबाने लगा और उसको अपनी तरफ पलट कर उसको किस करने लगा।

वो बोली कि क्या तुम्हारा अभी तक जी नहीं भरा? तो मैंने कहा कि अगर तुम्हारे जैसी सुंदर परी खूबसूरत कामदेवी मेरे पास हो तो जी कैसे भरेगा? में तो उसे हर रोज़ चोदता। फिर वो बोली कि एक तुम हो जो मुझे इतना प्यार करते हो एक मेरा पति है जिसने दो बच्चे होने के बाद मुझसे प्यार करना ही छोड़ दिया है.. तो मैंने उसे किस करते हुए कहा कि में हूँ ना आंटी.. अब तो में आपको बहुत प्यार करूँगा इतना प्यार करूँगा.. आपको और किसी के प्यार की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी। फिर मैंने उसकी गांड अपनी और की और उस पर लंड रगड़ने लगा तो आंटी ने कहा कि प्लीज़ मेरी गांड मारो.. क्योंकि मैंने पूरी लाईफ में किसी से गांड नहीं मरवाई।

मैंने जल्दी से अपने लंड पर बहुत सारा वेसलीन लगाई और फिर उसकी गांड में दो उंगली डालकर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा.. ताकि उसे थोड़ा कम दर्द हो और फिर तीन उंगली और फिर एक धक्के में मैंने अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी.. थोड़ा विश आराम से करो ना.. में कहाँ जा रही हूँ? में पूरी रात यहीं पर हूँ और यह सुनते ही कि में आंटी को रात भर चोद पाउँगा.. में पागलों की तरह उसकी गांड मारने लगा।

15 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा लंड झड़ने वाला था तो में आंटी से बोला कि आंटी अपना मुहं खोलिए.. आंटी ने जल्दी से अपना मुहं खोल दिया। तो मैंने उसके मुहं में लंड डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गयी और बोली कि बहुत स्वादिष्ट था और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी.. और कहा कि आज तक इतना मजा मुझे पूरी लाईफ में नहीं आया और आज से तुम ही मेरे पति हो तुम ही मुझसे प्यार करते हो आज से हम दोनों अकेले में पति, पत्नी की तरह ही रहेंगे और यह बात कहते हुए उसने सिंदूर की डिब्बी मेरी और करते हुए बोली कि जानू यह सिंदूर मेरी माँग में भरकर मुझे हमेशा के लिए अपना बना लो और फिर उस रात हमने सुहागरात मनाई।

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भाबी थी सहर की गाँव में आकर चुद गई

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हैल्लो दोस्तों.. में आज आप सभी को यहाँ पर अपनी एक सच्ची और पहली कहानी सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी. मैंने इस पर बहुत सारी कहानियाँ पड़ी और जब मुझमें थोड़ी हिम्मत आ गई तब मैंने इसे आपके सामने रखने के बारे में सोचा.. वैसे मुझे सेक्स करना और उस पर आधारित कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए थोड़ा बहुत अपने बारे में बता देता हूँ. दोस्तों में बेंगलोर में एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ.. मेरा कलर साफ और मेरी लम्बाई 5 फीट 10 इंच और मेरा बड़ा ही आकर्षक शरीर है. यह बात तब की है जब में 18 साल का था और मेरे बोर्ड् के पेपर ख़त्म हुए थे और तब में छुट्टियाँ मनाने अपने गावं में गया हुआ था.

तो में वहाँ पर बहुत बोर होता था क्योंकि गावं में हमारा जो घर है वहाँ पर टीवी नहीं था तो में टीवी देखने अपनी भाभी के घर पर जाया करता था. मेरी भाभी जो कि मेरी पड़ोसन थी और वो बहुत सुंदर थी एकदम दूध की तरह गोरी और उनके बूब्स तो में क्या बताऊँ? बिल्कुल फुटबॉल की तरह गोल और बड़े है. में तो पहली ही नज़र में ही उनका दीवाना हो गया था और में हमेशा उनके बूब्स पर नजरें रखता था मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता और मेरा लंड बूब्स को देखकर एकदम खड़ा हो जाता. दोस्तों असल में उनके परिवार वालों ने उनकी शादी जबरदस्ती एक साउथ इंडियन से कराने के बारे में सोचा और भाभी का शादी से पहले एक बॉयफ्रेंड भी था.. लेकिन भाभी के घर वाले बहुत ग़रीब थे और जब भैया ने भाभी के घर वालों से भाभी का हाथ माँगा तो वो मना नहीं कर पाए.

फिर भाभी भी कुछ नहीं बोली क्योंकि उनके बॉयफ्रेंड की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वो भाभी के घर वालों से रिश्ते की बात करें. फिर में कुछ ही दिनों में भाभी के बहुत करीब हो गया था और भाभी का पूरा बचपन चंडीगढ़ में बीता था. वो लड़को के साथ बहुत अच्छे से खुलकर बात करती थी और गावं में रहना उन्हे अच्छा नहीं लगता था.. लेकिन उनके पति की नौकरी के कारण उन्हे यहाँ रहना पड़ता था. फिर मेरे वहाँ जाने से उन्हे भी अच्छा लगता था और उसी दौरान उनके पति काम के सिलसिले में एक महीने के ट्यूर पर चले गये थे. तो भाभी घर पर अकेले बोर ना हो इसलिए में सुबह से लेकर शाम तक उन्ही के पास रहता था और रात होने पर अपने घर चला जाता था. हम दोनों अकेले में बैठकर बहुत बातें किया करते और वो मुझे अपने कॉलेज की कहानियाँ सुनाया करती थी और कभी कभी अपनी लाईफ की पुरानी बातें भी बताया करती.

एक दिन की बात है में उनके घर पर ही था और उसी शाम को बहुत तेज़ बारिश शुरू हो गई और बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और फिर देखते ही देखते रात हो गयी. तो मैंने अपने घर कॉल किया तो मेरी दादी ने मुझसे कहा कि बेटा आज भाभी के घर ही रुक जा क्योंकि वैसे भी यहाँ पर लाईट नहीं है और वहाँ पर तुझे आराम से नींद भी आ जाएगी और तेरी भाभी को डर भी नहीं लगेगा. तो में भी मान गया और जब में फोन करके भाभी के पास गया तो मैंने देखा कि भाभी पूरी भीगी हुई मेरे सामने खड़ी है. तो मैंने उनसे पूछा कि आप गीली कैसे हो गयी? तो उन्होंने कहा कि वो बाहर कपड़े सूख रहे थे और में उन्हे उठाना भूल गयी थी तो में वही उठाते हुए भीग गयी..

तभी इतने में ज़ोर से बिजली कड़कने की आवाज़ आई और भाभी एकदम डरकर मेरे सीने से लग गयी. तो उनके बूब्स मेरे सीने से एकदम चिपक रहे थे और उनके दोनों हाथ मेरी कंधे पर थे और अब धीरे धीरे मेरा लंड खड़ा होने लगा था. तो मैंने घबराहट के कारण उनको अपने से दूर कर दिया.. लेकिन उस बारिश की सर्दी में उनके कामुक जिस्म की गर्मी ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया था. तो अब में उन्हे दूसरी नजरों से देखने लगा था.. बाहर बहुत ज़ोर से बारिश हो रही थी और अंदर हम दोनों टीवी देखते हुए खाना कहा रहे थे. फिर हम लोग एक शो देख रहे थे.. जो कपल्स का शो था. तभी इतने में भाभी रोने लगी. तो मैंने भाभी से पूछा कि क्या हुआ? भाभी आप रो क्यों रही हो? तो उन्होंने कुछ नहीं बोला.. में उठकर उनके पास गया और बैठ गया.

तो वो मेरे कंधे पर अपना सर रखकर रोने लगी.. मैंने भी उन्हे अपने सीने से लगा लिया और पूछने लगा क्या हुआ? तब उन्होंने मुझे बताया कि उनका भी एक बॉयफ्रेंड था जिससे की वो बहुत प्यार करती थी.. लेकिन उनकी शादी के बाद अब उससे कोई संपर्क नहीं रहा.. उन्होंने बताया कि उनके पति उनसे थोड़ा भी प्यार नहीं करते और हमेशा किसी ना किसी काम से बाहर ही रहते है और शहर में जाकर रंडियों को चोदते है. में उनके मुहं से यह सब सुनकर बहुत हैरान था और मुझे अपने कानो पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था. फिर मैंने भाभी से बोला कि लेकिन आप यह सब मुझे क्यों सुना रही हो? तो वो बोली कि तुम समझे नहीं.. तुम्हारे भैया मुझे खुश नहीं रखते और तुम तो मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो तो क्या तुम मुझे वो सब खुशी दोगे जिसके लिए में अब तक तड़प रही हूँ?

तो मैंने कहा कि में कुछ समझा नहीं आप क्या बातें कर रही हो और मुझसे क्या चाहती हो? तभी उन्होंने झट से मेरा एक हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख दिया और बोली कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे? दोस्तों मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरे साथ यह सब हो रहा है और में बिना समय खराब किए भाभी को किस करने लगा. फिर वो भी मेरा साथ देने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था कि आग दोनों तरफ बराबर लगी थी और हमने बिना रुके 10 मिनट तक किस किए और फिर में उन्हे अपने गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और वहाँ पर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और धीरे धीरे उनके कपड़े उतारने शुरू किए.. पहले उनका ब्लाउज, फिर साड़ी. तो उन्होंने शरम से अपनी आखें बंद कर ली और मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और उनसे अपने लंड को चूसने को कहा. तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने कभी यह सब नहीं किया.. मैंने बोला कि डरो मत इससे कुछ नहीं होता और कभी ना कभी हर चीज़ की शुरुआत तो होती है.

फिर उन्होंने मेरे कहने पर लंड को डरते डरते धीरे से अपने हाथ से पकड़ा और मुहं में लिया और 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसा और मैंने उनके सर को पकड़कर अपने लंड को मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए और कुछ देर बाद में झड़ने लगा और मैंने उनके चेहरे पर अपना सारा वीर्य गिरा दिया. फिर मैंने उनकी ब्रा और पेंटी को भी खोल दिया और उनकी चूत चाटने लगा. तो उन्होंने कहा कि यह क्या कर रहे हो? मैंने बोला कि भाभी आप बस मज़ा लीजिए यह कहकर में उनकी चूत चाटने लगा और वो पागल होने लगी. उन्होंने यह सब पहले कभी नहीं करवाया था और वो ज़ोर ज़ोर से अह्ह्ह उईईइ की आवाज़ें कर रही थी और मेरे मुहं को अपनी चूत पर दबा रही थी और फिर थोड़ी ही देर बाद वो झड़ गई और में उनकी चूत का सारा रस पी गया और तब तक मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो चुका था. तो मैंने भाभी से पूछा कि आपके घर में कंडोम कहाँ पर रखा है?

तो उन्होंने कहा कि वो तो नहीं है.. फिर मैंने बोला कि अब क्या करें? तो उन्होंने कहा कि ऐसे ही डाल दो. फिर मैंने धीरे से अपना लंड उनकी गोरी चूत पर रखा और आराम से लंड को धक्का देकर डालना शुरू किया.. पहले तो जब लंड चूत में जाने लगा तो उन्हे थोड़ा दर्द हुआ.. लेकिन बाद में जब लंड पूरा चूत में चला गया तो वो उछल उछलकर चुदवाने लगी. उन्हें देखकर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि वो कोई ब्लू फिल्म की रांड है. वो बार बार अह्ह्ह उईईई उह्ह्ह और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कह रही थी. फिर मैंने पूछा कि भाभी मुझे लगता है कि आपने ब्लू फिल्म बहुत देखी है? तो यह सुनकर वो बोली कि हाँ.. कॉलेज टाईम पर मैंने बहुत सारी ब्लू फिल्म देखी थी. फिर में उन्हे डॉगी पोज़िशन में चोदने लगा और हम लोगो ने उस रात को 4 बार सेक्स किया और फिर हर रोज एक महीने तक हर वक्त हर पोज़िशन में हमने सेक्स किया. आज भी जब में अपने गावं जाता हूँ तो में और भाभी ऐसे ही मज़े करते है ..

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मस्त गांड वाली ट्यूशन टीचर की चूत मारी

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हेलो फ्रेंड, मैं राहुल शर्मा. मैं १८ साल का हु. मैं १२थ क्लास में पढाई कर रहा हु और दिखने में काफी स्मार्ट हु और मस्त हु. मेरा लंड ८.५ इंच का है. ये कहानी आज से १ साल पुरानी है, जब मैं १२थ में था और बोर्ड क्लास में होने की वजह से मुझे मैथ्स के ट्यूशन की बहुत जरूरत थी. तो मैंने एक दोस्त ने मुझे एक टीचर के बारे में बताया. जो अपने घर पर ट्यूशन देती थी और मैं अगले दिन, उसके बताये हुए एड्रेस पर पहुच गया. तो मेरा फ्रेंड वहीं था. मैंने उसके साथ गया २न्द फ्लोर पर. क्योंकि उनका ट्यूशन सेण्टर २न्द फ्लोर पर था. सो जैसे ही हम दोनों अन्दर गये. तो मैं अपने बेड पर थी और बाकी सब गर्ल्स सोफे पर थी. मेम ने हमको बोला – अन्दर आओ और बैठो. मेरे बैठने के लिए कोई जगह नहीं बची थी. तो उन्होंने मुझे ऐसे खड़े देख कर कहा – यहाँ आ जाओ. तुम मेरे साथ बेड पर बैठ जाओ. सर्दी के दिन थे. तो मेम ने अपने ऊपर एक कम्बल ले रखा था और हम को पढ़ा रही थी. मेम २५ साल की होगी. उनका रंग गोरा, मस्त भरी जवानी है. उनकी फिगर तो लाजवाब थी ३८ – ३० – ४०. मेम के बूब्स बहुत ही मस्त है और बहुत मोटे – मोटे भी है. उनके भरे – भरे चुतड और गांड तो बहुत ही मस्त है.. बहुत मोटे चुतड है उनके.

तो दोस्तों, जब मैं उनके पास बैठ कर पड़ रहा था. तो वो सबको अलग से समझाती और मुझे सबसे अलग से समझाती. उनको देख कर मन तो कर रहा था, कि बस पकड़ कर चोद डालू. मेरा लंड भी अब थोड़ा खड़ा होते – होते पूरा खड़ा हो गया था. पेंट में से निकलने को तैयार था. मैंने अपनी बुक से उसे ढक लिया और किसी को पता भी नहीं चलने दिया. पर मैडम ने मुझे अपने लंड को दबाते हुए देख लिया था. मेम मुझे देख कर थोड़ा सा मुस्कुरायी और फिर मैं उनको देख कर, मुस्कुराते हुए देख कर थोड़ा नर्वेस हो गया. फिर लगभग ३ वीक तक ये ही सब चलता रहा. फिर एक दिन मुझे घर पर कुछ काम होने की वजह से ट्यूशन नहीं जा पाया. फिर अगले दिन, जब मैं ट्यूशन गया, तो बाहर किसी की बाइक या स्कूटी नहीं थी. मैंने सोचा, कि सब बस से आये होंगे. तभी मैं ऊपर गया और जैसे ही गेट के सामने खड़ा था. तो मेम के माँ – डैड बाहर आये और उन्हें बाय बोला. जेसे ही उन्होंने मुझे देखा, तो वो शॉक हो गयी और बोली – तुम आज यहाँ कैसे? मैंने तो सबको छुट्टी दे दी थी.

मैं – मेम, मैं कल नहीं आ पाया था. सो मुझे छुट्टी के बारे में नहीं पता था.

मेम – अच्छा.

मेम – ओके मेम. अच्छा मैं चलता हु. अब मैं कल आ जाऊंगा.

मेम – अब आज आ ही गया है. तो चल कुछ रिविजन ही कर ले.

मैं – ओके.

मेन – मैं भी अकेली हु. कुछ टाइम ही पास हो जाएगा.

मैं – मेम, आपके माँ और डैड कहाँ गये है?

मेम – वो गाँव में किसी की डेथ हो गयी है. वहां गए हुए है. २ वीक के बाद आयेंगे.

मैं – अच्छा, ओके.

मेम – अच्छा चल, कुछ कर ले. २ घंटे का टाइम है तेरे पास.

तो मैं जाकर सोफे पर बैठने लगा तभी.

मेम – अरे… वहां क्यों बैठ रहा है. यहाँ आजा बेड पर.. कम्बल में बैठ जा.

मैं – अरे नहीं.. नहीं मेम.

मेम – आजा ना..

मैं – ओके मेम.

मैं जाकर मेम के पास बैठ गया और कम्बल के अन्दर पैर डाल लिए. मेम ने मुझे सम दिए करने के लिए. मैंने एक ही बार में सब सोल्व कर दिए.

मेम – अरे वाह, तू तो काफी इंटेलीजेंट है और मेरे जांघ पर अपना हाथ रख दिया. तभी मेरा लंड एक दम से खड़ा हो गया. फिर मेम ने मुझे देखा और पूछा, क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है. मैंने कहा – नहीं मेम. आज तक तो कोई नहीं बनायीं. तो मेम ने कहा – इतना अच्छा दीखता है, स्मार्ट भी है और फिजिकली भी स्टोरंग दीखता है. फिर क्यों नहीं बनायीं.

मैं – मुझे गर्ल से बातें करना नहीं आती है.

मेम – बात करने में कौन सी बड़ी बात है. जैसे सिंपल बात करते है. वैसे ही बात करते है.

मैं – बट मेम, बात करने के अलावा तो गर्लफ्रेंड – बॉयफ्रेंड बहुत कुछ करते है. वो कैसे करते है. वो भी मुझे नहीं आता है इसलिए.

मेम – बस, इतनी सी बात. ये तो सब अपने आप ही सिख जाते है बुद्दू.

मैं – बट मेम, मुझे नहीं आता है.

मेम – तो क्या हुआ? मैं सिखा देती हु तुझे.

मैं – आप मुझे कैसे सिखाओ गे?

मेम – प्रैक्टिकल करके और कैसे?

मैं – ओके मेम.

मेम ने फिर मुझे अपने मोबाइल पर एक ब्लू फिल्म लगा कर दी और चेंज करने चली गयी. मैं देखता रहा और फिर थोड़ी देर बाद मेम आ गयी. वो एक नाइटी पहने हुई थी पिंक कलर की. सिर्फ उनकी जांघो तक थी. मैं उनको देखता ही रह गया. फिर मैं थोड़ा शांत बैठ गया और मोबाइल साइड में रख दिया. मेम आकर वापस कम्बल में बैठ गयी और मेरे पैरो से अपने पैरो को टच करने लगी. तो मैंने भी हाथ कम्बल में डाल दिया और उनकी जांघो पर हाथ को फेरने लगा. मेम मुझे बहुत ही सेक्सी स्माइल देने लगी. मैं उनको देख कर आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो गया और उनको लेकर बेड पर लेट गया. फिर मैं उनकी बॉडी के हर पार्ट को चूमने लगा और समुच किया. पुरे १५ मिनट तक उनके मुह को समुच किया और फिर मैं उनके बूब्स को दबाने लगा और वो मेरे सर को पकड़ कर अपने बूब्स पर दबाने लगी और सिस्कारिया भरने लगी श्श्श श्श्श श्श्श अहहह्ह अहहहः अहहाह ऊहूहोहोहोहो…

फिर मैंने उनकी नाइटी उतार दी और अब वो बिलकुल नंगी थी मेरे सामने. कसम से यारो.. एकदम मस्त लग रही थी. फिर वो उठी और मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों पुरे के पुरे नंगे थे. हम एक दुसरे को चूम रहे थे और फिर मैंने एकदम से अपना लंड उनकी चूत पर रख दिया और धक्का लगा दिया. मेरा लंड अन्दर नहीं गया. फिर मैं बैठा और मेम की टांगो को अपने कंधो पर रख लिया और फिर चूत पर अपने लंड को रख कर थोड़ा सा अन्दर करके धक्का लगाया. पूरा ८.५ इंच का लंड मेम की चूत में घुस गया और मेम चिल्ला उठी अहहाह अहहाह अहहाह अहहाह स्स्स्स श्श्श्स श्श्श अहहाह अहहाह आःह्ह्ह अहः हाहा अहः… मैंने मेम को जोर से पकड़ लिया और उनको जोर से किस करने लगा. थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद उनके ऊपर, फिर जब मेम को थोड़ा आराम मिला, तो तब मैंने धीरे – धीरे धक्के लगाने चालू कर दिए और झटके मारता रहा. मेम मोअनिंग करने लगी थी अहः आहाह्हा एस एस एस हाहाह हाहाह ऊहुहुह हाहाहा एस एस… ऊओह्हो और जोर से जोर से चोदो… अहः अहः आहाह.

और फिर मैंने मेम को डोगी स्टाइल में बैठाया और जोर – जोर से झटके मारने लगा. मेम के चुतड को भी दबा रहा था मैं. उनके चुतड पर थप्पड़ भी मार रहा था. फिर मेम बोली – मेरा निकलने वाला है. मैंने कहा – मेम, मेरा भी. फिर हम दोनों साथ में पहली वाली पोजीशन में आ गए और मैंने जोर – जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. फिर मेम झड़ गयी और ४ – ५ धक्को के बाद, मैं भी झड गया और सारा पानी उनकी चूत में डाल दिया. फिर मैं ऐसे ही उनके ऊपर पड़ा रहा और हम १ घंटे तक ऐसे ही लेटे रहे और एक दुसरे को चुमते रहे. फिर हम दोनों एक साथ नहाये और फिर कपड़े पहने और मैं अपने घर चले गया. अब हम चुदाई करते है ट्यूशन के बाद. जब मेम की माँ जॉब पर चली जाती है और डैड भी अपनी जॉब पर चले जाते है.. तब हम रोजाना घंटो तक चुदाई करते है…

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बूढ़े ससुर ने सही चोदा मुझे

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम पायल है और मेरे ससुर भी मुझे इसी नाम से बुलाते है और यह मेरी एक सच्ची कहानी है जो में आज आप सभी के सामने पहली बार बताने जा रही हूँ. इस कहानी मे नाम के अलावा और कुछ भी बदला हुआ नहीं है. दोस्तों में बहुत समय से कहानियाँ पढ़ती आ रही हूँ लेकिन मुझे अपनी कहानी भेजने में बहुत डर लग रहा था और एक दिन हिम्मत करके मैंने इसे पूरा किया और आप सभी को भेजने का फैसला लिया. में मुंबई की रहने वाली हूँ.. मेरी उम्र 23 है. में एक शादीशुदा हूँ और बहुत अच्छे घर से हूँ. मेरे पति एक प्राईवेट कंपनी में काम करते है और वो अक्सर काम के लिए घर से बाहर ही रहते है और मेरा घर बहुत बड़ा है जिसमे हम तीन लोग ही रहते है. में मेरे ससुर और मेरे पति. पहले में अपने बारे में थोड़ा बहुत बता दूँ.. में गोरी और बहुत सुंदर हूँ मेरे फिगर का साईज 35-28-36 है. में एक खुली हुई किताब हूँ और शादी से पहले में अपने एक कज़िन के साथ बहुत मस्त थी. हमने बहुत मजे किए.. लेकिन हमने कभी भी सेक्स नहीं किया था.

फिर शादी होने के बाद में अपने ससुराल चली आई.. लेकिन में अपनी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं थी.. क्योंकि मेरे पति एक तो घर पर ज़्यादा समय नहीं रहते थे और मेरी जवानी की आग को ठीक से नहीं बुझा पाते थे. इसलिए में हमेशा तड़पती रहती थी. दोस्तों अब में अपनी कहानी शुरू करती हूँ.. यह कहानी तब शुरू हुई जब में शादी करके अपने ससुराल आई और तब उस समय मेरी सास भी जिंदा थी.. वो बहुत अच्छी थी और मेरा बहुत ख्याल रखती थी और मेरे साथ हर तरह की बात शेयर करती थी और उन्होंने ही एक दिन बातों ही बातों में मुझे बताया था कि मेरे ससुर बहुत खराब आदमी है.. लेकिन ना जाने क्यों वो मुझे बहुत अच्छे लगते थे और तब तक हमारी फेमिली में सब कुछ अच्छा चल रहा था सिवाए मेरी सेक्स लाईफ के और मुझे उस समय अपने कज़िन की बहुत याद आती थी जिसके साथ मैंने मस्ती की थी लेकिन सेक्स नहीं किया था. वो हमेशा ही मुझ पर सेक्स के लिए बहुत ज़ोर देता था.. क्योंकि वही मेरी हवस को मिटा सकता था.

फिर कुछ महीनो के बाद अचानक ही एक दिन मेरी सास की म्रत्यु हो गई और अब फेमिली में हम तीन ही लोग बचे और हर महीने मेरे पति को 15 दिन के लिए अपने ऑफिस के काम के लिए बाहर जाना पड़ता था तो में और मेरे ससुर ही घर पर अकेले रह जाते थे.. हमारे घर में एक नौकरानी थी. जिसके साथ में दोपहर को सारा काम खत्म होने के बाद गप्पे लड़ाती थी और मेरी सास के मरने के कुछ महीनों के बाद मेरे ससुर मेरे साथ एक बहुत अलग सा व्यहवार करने लगे. फिर एक दिन मेरी नौकरानी ने मुझे बताया कि एक दिन मेरे ससुर ने उसे अकेले में पकड़ लिया और वो बहुत मुश्किल से छुड़ाकर भाग आई. फिर उसने मेरी शादी के पहले इस घर में क्या क्या होता था? वो भी बात बताई और उसने कहा कि मेरे ससुर मेरी सास को दिन में ही नंगा करके चोदने लगते थे और वो एक नंबर के चुदक्कड है. फिर एक दिन मेरी नौकरानी ने मुझे बताया कि मेरे ससुर जब में चलती हूँ तो वो मेरी गांड को देखते है. तो मैंने नौकरानी से कहा कि चल जा तू मुझसे झूठ बोलती है वो तो मुझे अपनी बेटी मानते है. फिर नौकरानी ने कहा कि वो ऐसा कई दिन से देख रही है कि वो मेरी गांड को घूरकर देखते है.

तो मैंने भी मन में सोचा कि चलो घर में ही कोई मिल गया और मैंने ध्यान दिया कि ससुर जी अक्सर मेरे नहाने के बाद बाथरूम में नहाने जाते थे और एक दिन मैंने छुपकर देखा कि वो मेरी गीली पेंटी को उठाकर अपने मोटे लंड से रगड़ रहे है और उसे चाट रहे है. तो में यह सब देखकर बहुत चकित हो गई और मैंने देखा कि जिस टावल से मैंने अपने बदन को साफ किया था उसे ससुर जी सूंघ रहे है और अपने लंड से लगा रहे है. तभी मैंने सोच लिया कि में इन्हे अपनी और आकर्षित जरुर करूँगी और उस दिन से मैंने मोहित मतलब मेरे पति के जाने के बाद से सेक्सी ड्रेस पहनकर अपने ससुर जी के सामने जाने लगी और वो भी किसी ना किसी बहाने से मुझे छुआ करते थे. एक दिन मैंने सफेद कलर का सूट पहना हुआ था और नीचे काली कलर की ब्रा जो अंदर से साफ दिख रही थी और गीले बालों में ससुर जी को उनके कमरे में चाय देने चली गई. मेरे गीले बालों से टपकता हुआ पानी.. मेरी ब्रा पर गिरने लगा जिससे मेरे बूब्स का आकार और भूरे कलर के निप्पल उन्हें और भी साफ साफ दिखने लगा. तो ससुर जी ने मुझे ऊपर से नीचे तक घूरकर देखा और उनकी नजरें मेरे बूब्स पर अटक गई और वो बोले कि तुम आज बहुत सुंदर लग रही हो और आज तुमने मुझे अपनी सास की याद दिला दी.

फिर में उनके पास उनकी बगल में बैठ गई और उनसे सासू जी के बारे में बातें करने लगी और बातों ही बातों में उन्होंने मेरी जांघ पर हाथ घुमा दिया.. तो मुझे अजीब सी बैचेनी हुई और मेरे हाथ से गरम चाय का कप ससुर जी की जांघ पर गिर गया.. जो उनके लंड तक चला गया. फिर में अपने दुपट्टे से उनकी जांघो को साफ करने लगी और मेरा हाथ उनके लंड तक पहुंच गया और मैंने महसूस किया कि वो तनकर खड़ा था. उन्होंने झट से मेरे हाथ को हटा दिया और मुझे जाने के लिया बोला.. लेकिन उस दिन के बाद उनकी नियत मेरे लिए गंदी हो ही गई थी. अब वो रात में भी मेरे बेडरूम के चक्कर लगाने लगे थे और दरवाजे पर कान लगाकर सुनते थे और मुझे दरवाजे के छेद से चोरी छिपे देखते थे. एक दिन मोहित को कुछ दिनों के लिए बाहर जाना था और उस समय रात के 10 बजे थे और अगले दिन मोहित की फ्लाइट थी और में यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि वो दरवाजे के छेद से मुझे देख रहे है. तो मैंने मोहित को किस करना शुरू कर दिया और अपने कपड़े उतारकर एकदम पूरी नंगी हो गई और फिर मोहित ने भी एक-एक करके अपने कपड़े उतार दिए और हमने कुछ देर सेक्स किया और मोहित जल्दी ही झड़ गया. फिर वो अपने कपड़े पहनकर लेट गया तो मैंने मोहित को गाली दी और कहा कि तुझसे अच्छा तो में बाहर किसी कुत्ते से गांड मरवा लेती.. कम से कम मेरी प्यास तो बुझ जाती और नंगी ही लेटी रही.

यह बात मैंने जानबूझ कर कही.. ताकि मेरे ससुर इस बात को सुन सके और कुछ देर बाद हम ऐसे ही नंगे सो गए और उसके अगले दिन मोहित भी बाहर चला गया.. तो में सुबह उठकर नहाई और ससुर जी के सामने सफेद कलर के सलवार सूट में चली गई. ससुर जी मुझे घूरकर देखते रह गए.. मैंने उन्हे नाश्ता दिया और उनके सामने बैठ गई.. वो मुझसे बातें करने लगे. तभी थोड़ी देर बाद उन्होंने पूछा कि मोहित तो चला गया.. क्या तुम्हे रात में अकेले सोते हुए डर तो नहीं लगेगा? तो मैंने कहा कि हाँ डर तो मुझे बहुत लगता है पापा.. लेकिन अब मुझे अकेले ही सोना पड़ेगा. तो उन्होंने कहा कि क्यों ना में तुम्हारे साथ सो जाता हूँ? तो मैंने उन्हे देखा और झट से मना कर दिया और उन्होंने कहा कि तुम मेरी बेटी हो डरो मत. फिर मैंने कहा कि इसमें मुझे डरने की जरूरत नहीं है.. लेकिन इस बात को बाहर के लोग सही नहीं समझेगे. तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी यह बात तो ठीक है और उन्होंने कहा कि तुम एक काम करो. रात को सोते वक़्त अपने कमरे का दरवाजा खुला रखना.. ताकि अगर तुम्हे डर लगे तो आसानी से तुम मेरे पास आ जाओ. फिर में समझ गई कि आज रात में मेरी ठुकाई होने वाली है.

रात को सबको खाना खिलाने और घर के सभी काम को करने के बाद नौकरानी अपने घर चली गई. तो ससुर जी मुझे याद दिलाते हुए कि में अपने कमरे का दरवाजा खोलकर रखूं और उनके कमरे में चले गए. फिर में अपने कमरे में आई और मैंने एक सेक्सी लाल कलर का नाईट सूट निकाला और उसे पहनकर दरवाजा खोलकर बिना चिंता के सो गई और में जानती थी कि आज मेरी मनोकामना पूरी होने वाली है. फिर रात के करीब एक बजे होंगे. मुझे कुछ अपने जिस्म के ऊपर कुछ हलचल महसूस हुई और में नींद में डरकर जाग गई और मैंने देखा तो मेरे कमरे की लाईट जल रही है और मेरे ससुर पूरे नंगे मेरे ऊपर चड़ने की कोशिश कर रहे है. तो में झट से उठकर बैठ गई और उनसे कहा कि यह सब क्या है? और आप यहाँ पर क्या कर रहे है? तो उन्होंने ज़बरदस्ती मुझे पकड़ कर लेटा दिया और मेरे मुहं पर अपना हाथ रखकर कहा कि आज में तेरी प्यास बुझा रहा हूँ और ज़्यादा हिलना मत बस चुपचाप पड़ी रहना समझी. तो में समझ गई कि वो मेरा रेप करने की कोशिश कर रहे है और फिर उन्होंने मेरे सूट को उतारकर फेक दिया. में अब थोड़ा बहुत विरोध कर रही थी जिससे उन्हें लगे कि में मना कर रही हूँ लेकिन में तो उनके इस काम से अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रही थी.

फिर में सिर्फ़ लाल ब्रा और पेंटी में आ गई.. वो मुझे बुरी तरह से किस करने लगे और मेरे बदन के हर अंग को चाटने लगे.. में गरम हो गई लेकिन अभी भी मैंने उनका साथ नहीं दिया. फिर उन्होंने मेरी ब्रा को खींचकर उतार दिया और मेरे बूब्स को पकड़कर चूसने लगे. में अब और भी गरम हो गई. उन्होंने अब मेरी पेंटी को भी उतार दिया और ध्यान से देखा कि मेरी चूत गीली हो गई है. फिर वो बोले कि साली रंडी में जानता था कि मेरा बेटा तेरी प्यास नहीं बुझा पता था और अब में तुझे हर दिन चोदूंगा.. उन्होंने बुरी तरह से मुझे अपनी बाहों में दबोच लिया और किस करने लगे.. कभी होंठो पर, कभी गांड पर, तो कभी चूत के अंदर, तो कभी पेट पर और अब में भी उनका साथ देने लगी. तभी कुछ देर बाद वो अपना मोटा बड़ा लंड मेरी चूत में घुसाने लगे.. लेकिन मैंने उन्हे रोक दिया. तो उन्होंने कहा कि क्या हुआ रंडी? क्या इसलिए डर लग रहा है कि यह बहुत बड़ा है? तो मैंने कहा कि नहीं और मैंने धीरे से नीचे झुककर.. उनके लंड को पकड़कर अपने मुहं में डालकर चूसना शुरू कर दिया और चूसना शुरू करते ही वो पागल हो गए और बिस्तर पर लेट गए और कहा कि तू तो सचमुच की रंडी है.

फिर मैंने उनके लंड को बहुत देर तक चूसा और उनका पानी भी पी लिया और उनका लंड अपनी चूत पर रखकर उसमे घुसाने की कोशिश करने लगी. तो वो बोले कि अभी रुक जा और वो मुझे बिस्तर पर लेटाकर मेरी चूत को चाटने लगे.. मैंने उनका सर पकड़ लिया और अपनी चूत पर दबाने लगी. दोस्तों इससे पहले मेरी चूत मेरे कज़िन ने कई बार चाटी थी और मेरे ससुर भी उसे चाट रहे थे और कुछ देर के बाद में झड़ गई. उन्होंने मेरी चूत को चाटकर साफ कर दिया और अपना लंड डालने के लिए तैयार हो गए और जैसे ही उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में डाला तो मेरी बहुत ज़ोर से चीख निकल गई और लंड अभी आधा ही गया था और मैंने दर्द की वजह से अपनी गांड ऊपर उठा ली. तो उन्होंने मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगाया.. जिससे मेरी चूत ऊपर हो गई और उनके हर एक धक्के से लंड मेरी चूत की जड़ तक पहुंच रहा था और वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाते हुए पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में डाल रहे थे लेकिन इस बार में चीखकर एकदम शांत हो गई. दोस्तों उनका लंड बहुत मोटा और बड़ा था. मुझे पहली बार यह एहसास हुआ.. फिर उन्होंने मुझे चोदना शुरू कर दिया. कुछ देर चोदने के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गए और मेरे पास में आकर लेट गए और थोड़ी ही देर के बाद उनका लंड फिर से खड़ा हो गया. फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाकर ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया और इस तरह से उन्होंने मुझे 4 बार बहुत जमकर चोदा. में थककर चूर हो गई और हम दोनों एक साथ ही नंगे सो गए. दूसरे दिन सुबह तक में देर तक सोती रही.. लेकिन वो जागकर बाहर जा चुके थे. फिर में उठी कपड़े पहने और बाहर गई तो देखा कि वो न्यूज़ पेपर पढ़ रहे थे.. उन्होंने मुझे गुड मॉर्निंग कहा और मेरी तबियत के बारे में पूछा. तो मैंने कहा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है. तो उन्होंने कहा कि आज रात वो सब ठीक कर दूँगा और मेरे बूब्स को दबा दिया. मैंने उन्हे एक स्माईल दी और उसके कुछ देर बाद में नहाने के लिए चली गई.

दोस्तों यह थी मेरी चुदाई अपने ससुरजी के साथ.. उन्होंने मेरे पति की कमी को मेरी लाईफ से बहुत दूर कर दिया और में भी खुश होकर उनसे चुदवाने लगी और वो हमेशा दिन रात मुझे चोदने लगे ..

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मुझे माना बुवा नें अपना पति

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कैसे हो दोस्तो ! यह मेरी पहली कहानी है। मेरा नाम नमन है मैं मुंबई का रहने वाला हूँ, इंजीनियरिंग कर रहा हूँ मुंबई में ही ! मेरा कद 5’9″ है और हट्टा कट्टा नौजवान हूँ। जैसा कि सब कहते हैं, मैं भी सेक्स का बहुत शौक़ीन हूँ। हमेशा मेरे दिलो दिमाग में सेक्स घूमता रहता है, मुझे चूत से बहुत प्यार है।

बात ज्यादा पुरानी नहीं है मेरी छुट्टियाँ चल रही थी, मैं अपनी बुआ के घर गया हुआ था। मेरी बुआ 45 साल की सेक्सी औरत है, इतनी उम्र के बाद भी उन्होंने अपना फिगर मेंटेन रखा है। दिखने में आज भी वो किसी हिरोइन से कम नहीं हैं, आज भी वो देखते ही किसी के भी लंड से पानी छुड़वा सकती हैं। तो जब भी मैं उन्हें देखता हूँ तो सोचता हूँ कि काश मैं इनका पति होता, इन्हें दिन रात चोदता और फ़ूफ़ाजी से कुछ टाइम के लिए नफ़रत कर बैठता हूँ।

चलो अब काम की बात पर आते हैं। मैं अपनी बुआ के घर गया हुआ था, सर्दी के दिन थे, मेरे फ़ूफ़ा बिज़नसमैन हैं, वो सुबह से देर रात तक ऑफिस में ही रहते हैं तो मुझे बुआ के साथ काफी समय बिताने को मिल जाता था उन दिनों। मैं उनसे काफी खुली मजाक कर लेता था।

एक दिन हम दोनों बातों में यहाँ तक पहुँच गए कि मैंने उनसे पूछ लिया कि मेरे फ़ूफ़ा रोमेंटिक हैं या नहीं।

तो वो शरमा गई। इससे मुझे थोड़ी हिम्मत मिली और मैंने टोपिक बदल दिया।

अगले दिन मेरी नींद थोड़ी जल्दी खुल गई तो मैं उठा और रसोई में पानी पीने गया। वापिस लौटते समय मेरी नजर बुआ के कमरे में पड़ी जिसे देख कर मेरा सोया नागराज उठ बैठा। मैंने देखा बुआ कि नाइटी ऊपर उठी हुई थी और टांगे फैली हुई थी जिससे लाल रंग की पैंटी साफ़ दिख रही थी।

मन तो किया कि जाकर झट से पैंटी फाड़ कर खड़ा हुआ लंड अन्दर घुसेड़ दूँ पर मजबूर था। अब मैंने मन में ठान ली कि बुआ को तो अच्छी तरह से लंड से चोद कर ही रहूँगा।

मेरा दिमाग तरकीब सोचने लगा, मुझे उन्हें चोदने का तरीका मिल गया।

मेरी बुआ अगले दिन सुबह 8 बजे चाय बना रही थी, उन्होंने काले रंग की मैक्सी पहन रखी थी, मेरा लंड सुबह में खड़ा हुआ ही था और मैंने पीछे से जाकर उन्हें बाहों मे ले लिया जिससे मेरा खड़ा हुआ लंड उनकी गांड की दरार में जाकर टिक गया।

उन्हें उसका एहसाह हुआ पर वो मेरी नादानी समझ रही थी, मैंने उनको गाल पर एक चुम्बन किया और नहाने चला गया। बाहर आकर मैंने ढीला पजामा पहन लिया, अन्दर चड्डी नहीं पहनी।

बुआ भी नहा कर रसोई में खाना बना रही थी। उनके उभरे चूतड़ देख कर मेरे लंड में फिर से जोश आ गया, मेरा पूरा मन हो गया कि उन्हें चोद दूँ रसोई में खड़े खड़े ही।

मैंने फिर से सुबह वाली हरकत दोहराई लेकिन इस बार बुआ को मेरी नादानी के बजाए मेरे इरादे समझ आने लगे, पर गांड पर मेरा लंड महसूस करके उन्हें कुछ अच्छा लगा शायद, उन्होंने मेरा विरोध नहीं किया, जो हो रहा था, उसे होने दिया।

मैंने उन्हें कस कर दबा लिया अपनी ओर, इससे मेरा लंड दरार में जितना जा सकता था उतना पूरा चला गया। बुआ तो जवान लंड का जोश देख कर मदहोश सी हो गई।

मैंने उन्हें पीछे से गले में चूमना शुरू किया क्योंकि मैंने पढ़ा है कि यह उत्तेजित जल्दी करता है लड़कियों को !

मैंने अपने दोनों हाथ बोबे दबाने में लगा दिए, वो तो आपे से बाहर हो गई, उन्होंने पीछे हाथ ले जाकर मेरा लंड जोर से पकड़ लिया। मैंने अपना पजामा खोल दिया और लंड को आजाद कर दिया। मैंने बोबे दबाते हुए उनकी मेक्सी को ऊपर उठा कर कूल्हों को सहलाया। वाह क्या एहसास था ! मेरा लंड सीधा गांड को छू रहा था जो बुआ को मदहोश कर रहा था। मैंने बुआ को गोद में लिया, बेडरूम में ले आया और उन्हें बिस्तर पर पटक दिया।

मेरी इस हरकत से वो ओर उत्तेजित हो गई। मैंने झट से अपना शर्ट उतार कर फेंक दिया। बुआ को मेरे जंगलीपन का एहसास हो गया, वो कहने लगी- आज तो मजा आने वाला है, लगता है !

और कहते हुए मेरा लंड पकड़ कर सुपारा बाहर निकाल लिया जो लाल हो गया था, उसमें से चिकना पानी निकल रहा था जिससे मेरे लंड को चिकनाई मिली। बुआ ने मेरे लंड को जल्दी से मुँह में घुसेड़ लिया। में कुछ देर तक मुँह को चोदता रहा, साथ ही उनकी चूत में उंगली भी डाल रहा था, उन्हें बहुत मजा आ रहा था, अपने मुँह से वो आह उह ओह अह की आवाजें निकाल रही थी जो मुझे और उत्तेजित कर रही थी। मेरा लंड बहुत सख्त हो चुका था, मैंने उन्हें धक्का देकर बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी टांगों के बीच में चूत चूसने आ गया।

बुआ के लिए यह नया अनुभव था जिसे देख कर बुआ इतनी उत्तेजित हो गई कि मुझे गाली देकर कहने लगी- चूस ले इसको ! पूरा घुसा ले अपने मुँह मेरे भोसड़े में ! चूस चूस चूस मादरचोद ! चूस डाल मेरी लाडो को ! तेरा फ़ूफ़ा तो भेनचोद बिना दिमाग का है, उसे तो कुछ आता ही नहीं है ! मेरा पति तो आज से तू ही है ! तू ही मेरी प्यास बुझाएगा आज से। आई लव यू नमन !

यह सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया, मैं ओर जोर से चूसने लगा, उन्होंने मुझे कस कर चूत पर दबा लिया, मैं समझ गया कि इनका छुटने वाला है, मैंने अपनी उंगली घुसेड़ दी और पूरे दम से हिला दिया उन्हें !

वो तो मेरी हरकत से अपने होश खो बैठी और मुझे पास खींच कर काट लिया मेरे होटों पर ! मैंने उन्हें खुद से दूर किया और लंड को चूत दिखाई जो हल्के बालों में छुपी हुई थी। मैंने लंड को चूत के मुँह पर रखा और एक हल्का झटका लगा दिया। चूत गीली होने से मेरा 9 इंच का लंड 4 इंच तक अन्दर चला गया। फ़ूफ़ा का लंड छोटा होने के कारण मेरे लंड से बुआ की चीख निकल गई। मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ टिका कर जोरदार चुम्बन किये और थोड़ी देर लंड अंदर डाले पड़ा रहा। वो चुम्बन का मजा ले ही रही थी कि मैंने एक दमदार झटका दे डाला जिससे मेरा खड़ा लंड पूरा चूत में समां गया।

बुआ दर्द के मारे जोर से चीख उठी, मैंने प्यार से उन्हें चूम चूम कर शांत किया और फिर कुछ देर ऊपर पड़ा रहा।

फिर तो बुआ ने जलवे दिखाने चालू किए, अपने कूल्हे हिला कर लण्ड और अन्दर लेने लगी। फिर मैंने अपनी मर्दानगी दिखा पूरा लंड बाहर निकाला और एक दमदार झटका फिर दिया। इस बार दर्द कम पर मजे का सागर उमड़ पड़ा।

बुआ जैसे लंड चूत में लेकर खुश सी हो गई। शायद यह उनकी पहली दमदार चुदाई थी।मैंने अपनी चोदने की रफ़्तार बढ़ाई, बुआ ने टांगें जितना हो सके, फैला कर लंड को अन्दर लेने की कोशिश की और मैं इशारा समझ गया। मैंने दोनों पैरों को पकड़ कर लंड को अन्दर दबा दिया चूत में और बुआ के होटों को चूम लिया। फिर मैंने लंड अन्दर ही रखते हुए बुआ को घोड़ी बना दी।

मैंने बुआ को इस तरीके से भी जमकर चोदा। कुछ देर बाद मैंने बुआ को कहा- मेरा लंड अब पानी छोड़ने वाला है।

बुआ हंसते हुए बोली- चलो पता चला, इसका छुटता भी है !

मैं हंस दिया और बुआ की गांड के छेद पर अपना वीर्य छोड़ दिया और बुआ के ऊपर ही लेट गया।

बुआ मेरे लंड से बहुत खुश थी। फिर हम, जब भी मौका मिलता है, चुदाई जरूर करते हैं

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चुदाई की दुवा की चूत मिली बुवा की

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मेरा नाम राहुल है, मेरी उम्र २२ साल कद ६’ २”, मेरा हथियार ८” लम्बा और २.५” मोटा है। मैं इस साईट का नियमित पाठक हूँ, इस साईट की सभी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ। आज मैं आप लोगों को अपना सच्चा अनुभव बताने जा रहा हूँ।

बात आज से लगभग ५ साल पहले की है जब मैं १८ साल का था। स्कूल में शीतकालीन छुट्टियां थी, मैं अपनी बुआ के घर दुर्ग गया था। मेरी बुआ के यहाँ पर कुल तीन लोग ही रहते हैं एक बुआ, उनकी सास और उनका छोटा लड़का श्याम भैया। बड़े भैया दूसरे शहर में नौकरी करते हैं और उनकी लड़की की शादी हो चुकी है। मेरे फूफा जी का देहांत बहुत पहले हो चुका है।

अब मुद्दे की बात पर आते हैं। एक रोज मैं सुबह सो कर उठा तो पाया कि श्याम भैया जिम जा चुके थे और दादी (बुआ की सास) अपने कमरे में थी। श्याम भैया और बुआ के कमरे के बीच एक खिड़की है जो कि ठीक से बंद नहीं थी। अचानक मेरी नज़र बुआ के कमरे में गई तो देखा कि बुआ बाथरूम से नहाकर आ रही हैं। उस समय बुआ ने केवल गाउन पहना था और आते ही अपना गाउन उतार दिया क्योंकि उन्हें स्कूल जाने की जल्दी थी। मेरी बुआ स्कूल टीचर हैं। उन्होंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था, मैं पहली बार किसी औरत को इतने पास से इस हालत में देख रहा था, बुआ के बड़े बड़े ३८” मम्मे, गोरा दुधिया जिस्म, मोटे गदराये चूतड़, काली काली झांटें मेरे दिलो दिमाग पर छा गए।

उस दिन के बाद मैं हमेशा बुआ के कमरे में ताकता रहता, जब भी बुआ झुक कर काम करती, उनके मम्मों और चूतड़ों को घूरता। कभी कभी जब बुआ घर पर नहीं होती तो उनकी ब्रा पैंटी से खेलता, बुआ को सोच कर मुठ मारता, मतलब कि अब मैं बुआ को चोदना चाहता था पर मेरी बुआ बहुत सख्त है इसलिए पहल नहीं कर पाया।

पर एक दिन मुझे मौका मिल गया। श्याम भैया की नाईट शिफ्ट थी, मैं बुआ के कमरे में मूवी देख रहा था, दादी अपने कमरे में थी। इतने में बुआ ने कहा कि उनके शरीर में दर्द हो रहा है और बुखार जैसा लग रहा है, तो उन्होंने मुझे अपने पैर दबाने के लिए कहा। पहले तो मैं उनके पैर को सिर्फ घुटनों के नीचे तक ही दबा रहा था, तो उन्होंने कहा कि दर्द थोड़ा ऊपर है। फिर जैसे ही मैंने उनकी जांघ पर हाथ लगाया, क्या एहसास था एकदम नरम नरम गदराये जंघे, मैं जोश मे आने लगा, धीरे धीरे मैं अपना हाथ ऊपर ले जाने लगा।

जैसे ही मैंने कूल्हों पर हाथ लगाये मुझे करंट लगा क्योंकि अन्दर पैंटी नहीं थी। उनके चूतड़ का स्पर्श पाकर मेरा लंड खडा हो गया। पर इतने में ही बुआ ने मुझे पैर दबाने से मना कर दिया। मैं थोड़ी देर मूवी देख कर बुआ के पास ही सो गया। मुझे नींद कहाँ आने वाली थी, लगभग एक घंटे बाद जब बुआ गहरी नींद में सो चुकी थी तब मैंने धीरे से अपनी एक टांग बुआ के दोनों टांगों के बीच में इस तरह डाल दी कि मैं नींद में हूँ। थोड़ी देर वैसे ही लेटे रहने के बाद मैं अपनी जांघ उनकी जांघ पर रगड़ने लगा, मैं बहुत जोश में आ चुका था। मैं अब हाथ उनके मम्मों पर रख कर हल्के हल्के दबाने लगा। डर भी लगा रहा था और मज़ा भी आ रहा था।

फिर मैंने धीरे से अपनी हथेली उनकी चूत पर रख दी। अब मुझे उनकी झांटें महसूस हो रही थी। कुछ देर इसी तरह धीरे धीरे चूत सहलाने से शायद बुआ जाग गई थी पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। मेरा इरादा अब उनकी नंगी चूत देखने का हुआ। अब मैं धीरे धीरे उनका गाउन घुटनों के ऊपर करने लगा। ठीक चूत तक आ कर उनका गाउन पैर के नीचे अटक गया। नीचे से मैं उनकी चूत छूने लगा। अचानक बुआ ने मेरी तरफ मुहं करके करवट ले ली जिससे उनकी चूत अन्दर की ओर भींच गई। अब मुझे उनकी चूत छुते नहीं जम रहा था तो मैंने मम्मों को दबाना चालू कर दिया। बुआ ने अपना एक हाथ मेरे पीठ पर रख दिया। मुझे लगा कि बुआ भी तैयार है। अब मैंने मम्मों को जोर से दबाना चालू कर दिया। अचानक बुआ ने मुझे जोर का धक्का किया और मैं उनसे अलग हो गया। बुआ नींद से जाग चुकी थी। मुझे डर लगने लगा कि बुआ क्या बोलेगी और थोड़ी देर मैं सो गया।

रात को नींद में मुझे लगा कि कोई भारी सी चीज मेरे टांगों के ऊपर है। मैंने आँखें खोली तो बुआ ने अपनी एक टांग मेरे ऊपर डाल रखी है और मेरा लंड उनके जांघ से रगड़ रहा है। धीरे धीरे मेरा लंड खड़े होने लगा पर मुझे डर भी लगा रहा था कि अब अगर बुआ जाग गई तो न जाने क्या करेगी इसलिए मैं वैसे ही चुपचाप सोया रहा पर लंड पर नरम नरम स्पर्श लंड को और भी खडा कर रहा था। नींद मुझसे कोसों दूर थी पर मैं कुछ करने से भी डर रहा था। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने सोचा कि मुठ मार कर शांत हो जाता हूँ पर लंड के ऊपर तो बुआ की जांघ थी। मुठ मारने के लिए मैंने बुआ की जांघ को थोड़ा और ऊपर करके अपने नाभि के ऊपर ले आया ताकि मैं लंड हिला सकूं।

धीरे धीरे मैं लंड हिलाने लगा, मेरे शरीर में सनसनी होने लगी, इतने में ही बुआ ने अपने जांघ पर हाथ फेरा तो उनका गाउन ऊपर हो गया क्योंकि अन्दर पैंटी नहीं थी, उनके चूतड़ बिल्कुल नंगे हो गए थे। मैंने धीरे से उनके चूतड़ों पर हाथ फिराया। बुआ मुझसे चिपकने लगी। अब मैं भी बुआ की तरफ मुँह करके उनसे चिपक गया और इन्तजार करने लगा कि बुआ पहल करेगी और हुआ भी यही। बुआ धीरे धीरे मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगी। अब मैं उनके मम्मों को दबाने लगा, उनको चूमने चाटने लगा। हम दोनों काफी गरम हो गए थे अब मैं उनकी चूत को रगड़ने लगा।

बुआ भी मुझे जोरों से चूमने लगी और जोश में आ कर कहने लगी- तूने मेरी प्यास को फिर से जगा दिया है !

बुआ को पीठ के बल लिटा कर मैंने उनका गाउन निकाल दिया। अब बुआ बिलकुल नंगी मेरे सामने लेटी थी। मैंने उनसे पूछा तो बोली कि रात को सोते समय वो ब्रा, पैंटी नहीं पहनती हैं। मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए।

पहले तो मैंने बुआ के होटों को चूमा, चूसा, अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी। बुआ की साँस जोरों से चलने लगी। मैं कभी उनके मम्मों को दबाता तो कभी उन्हें मुँह में लेकर चूसता, दांतों से काटता, बुआ के मुँह से सिस्कारियां निकल रही थी, वो मुझे अपने बाँहों में जकड़े जा रही थी। अब मैं उनकी झांटों को सहला रहा था, दो उँगलियाँ उनकी चूत में डाल कर हिला रहा था और जीभ से चूत के दाने को चूस रहा था।

बुआ पूरी तरह उफान पर थी। वो दोनों हांथों से मेरे सर को अपने चूत पर दबा कर रगड़ने लगी और सिस्कारियों के साथ मेरे मुँह में ही झड़ गई। मैं उनके चूतरस का पान करने लगा।

झड़ते ही बुआ ने मुझे चित्त लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई। पहले तो उन्होंने मेरे होठों को चूमा, फिर मेरी जीभ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरे छाती पर चूमा, मेरे लंड को हिलाने लगी, फिर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। १० मिनट की चुसाई में ही मेरा पानी निकाल दिया और मेरा माल पी गई।

बीस मिनट बाद ही मेरा लंड फिर तैयार हो गया। मैंने सीधे बुआ की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और जीभ से उन्हें चोदने लगा। बुआ ने मेरा सर पकड़ रखा था और चूत पर दबाये जा रही थी। फिर उन्होंने कहा- अब और मत तरसाओ ! मुझे चोदो ! जोर जोर से चोदो !

मैंने उनकी टांगों को पकड़ के फैला दिया अपना लंड उनकी चूत पर रख कर झटका मारा। एक ही बार में मेरा आधा लंड उनकी चूत में था। वो चिल्ला उठी क्योंकि कई बरसों बाद चुद रही थी। १५ मिनट उसी तरह चोदने के बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर चोदा। कुछ समय बाद मैं मंजिल के करीब था तो बुआ ने कहा- अंदर ही झड़ जाओ ! कई सालों बाद आज चूत गीली होगी !

और मेरे लंड ने बरसात कर दी। मैं और बुआ दोनों संतुष्ट हो कर हांफ रहे थे।

तो दोस्तो, यह थी मेरी एक रात बुआ के साथ !

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माँ की चूत की भीनी सुगंध भाग-1

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हेल्लो दोस्तों मेरी उम्र 21 साल की हैऔर मेरी प्यारी माँ 43 साल की है। घर पर मेरी माँ और में रहता हूँ। मेरी माँ एकदम सेक्सी है। उनकी बहुत मद मस्त जवानी है। उसके कूल्हे बहुत अच्छे लगते हैं। मैंने एक बार जब वो सोई हुई थी तो तब उसके कमरे में जाकर उसकी गांड देखी थी और बड़ा उत्तेजित हुआ था। मुझे उनकी गांड चाटने का बहुत मन होता था। लेकिन मौका नहीं मिलता था और भी हिम्मत नहीं होती थी। लेकिन एक दिन मौका भी मिला मुझे।

मेरी माँ भी मेरे खड़े हुए लंड को बार बार देखती थी। मैं सोने की एक्टिंग करता था और वो मेरे पास सो कर मेरे पीछे से मेरे लंड को पकड़ कर सहलाती थी और मैं आँखे बंद करके बहुत मज़ा लेता था। माँ अपनी छाती को मेरे हाथो से दबवाती थी और एक बार तो मेरा लंड चूस भी लिया था। में भी एक्टिंग करता था और माँ की गांड को मसलता रहता था।

एक बार मैंने बाथरूम खोला तो देखा की माँ आधी नंगी बैठ कर कपड़े धो रही थी और उसकी गांड का छेद साफ दिख रहा था। मैं चुपके से पीछे बैठ गया और माँ के गले लग गया। मेरा लंड खड़ा हो गया था पीछे से माँ के बदन को छू रहा था और माँ को अच्छा लग रहा था। मैंने धीरे से अपने हाथ माँ के कूल्हों पर रख दिया और उसे मसलने लगा। माँ तो अपने काम में मस्त थी और मजा ले रही थी।

कूल्हों को मसलते मसलते मेरी नज़र माँ के सिकुड़ते फैलते हुए गांड के छेद पर गई मेरे मन मैं आया की क्यों ना इसका स्वाद भी चखा जाए देखने से तो माँ की गांड वैसे भी काफ़ी खूबसूरत लग रही थी। जैसे गुलाब का फूल हो मैंने अपनी लपलपाती हुई जीभ को उसकी गांड के छेद पर लगा दी और धीरे-धीरे ऊपर ही ऊपर लपलपाते हुए चाटने लगा। गांड पर मेरी जीभ का स्पर्श पा कर माँ पूरी तरह से हिल उठी।

“ओह ये क्या कर रहा है ओह बहुत अच्छा लग रहा है, ये सब कहाँ से सीखा, तू तो बड़ा कलाकार है। हे राम देखो कैसे मेरी चूत को चाटने के बाद मेरी गांड को चाट रहा है। तुझे मेरी गांड इतनी अच्छी लग रही है, कि इसको भी चाट रहा है, ओह बेटा सच में गजब का मज़ा आ रहा है। चाट चाट ले अब पूरी गांड को चाट ले ओह ओह।

मैंने पूरी लगन के साथ गांड के छेद पर अपनी जीभ को लगा कर दोनो हाथो से दोनो कुल्हो को पकड़ कर छेद को फैलाया और अपनी नुकीली जीभ को उसमे डालने की कोशिश करने लगा। माँ को मेरे इस काम में बड़ी मस्ती आ रही थी और उसने खुद अपने हाथो को अपने कुल्हो पर ले जा कर गांड के छेद को फैला दियाऔर मुझे जीभ डालने के लिए उत्साहित करने लगी। ईईईईई डाल दे जीभ को जैसे मेरी चूत में डाला था वैसे ही गांड के छेद में भी डाल दे और चोद के खूब चाट मेरी गांड को मर गई रीईईई, ओह इतना मज़ा तो कभी नहीं आया था। ओह देखो कैसे गांड चोद रहा है,,,,,,,,सस्स्स्स्स्सीईई चाटो इसे चाटो और ज़ोर से चाटो।

मैं पूरी लगन से गांड चाट रहा था। मैंने देखा की चूत का गुलाबी छेद अपने रस को टपका रहा है, तो मैंने अपने होंठो को फिर से चूत के गुलाबी छेद पर लगा दिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा जैसे की कोकोकोला पी रहा हूँ। सारे रस को चूसने के बाद मैंने चूत के छेद में जीभ को डाल कर अपने होंठो के बीच में चूत के छेद को क़ैद कर लिया और खूब ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया।

माँ के लिए अब बर्दाश्त करना शायद मुश्किल हो रहा था। उसने मेरे सिर को अपनी चूत से अलग करते हुए कहा फिर से चूस कर ही झाड़ देगा क्या? अब तो असली मज़ा लूटने का समय आ गया है। बेटा राजा अब चल मैं तुझे जन्नत की सैर कराती हूँ। अब अपनी माँ की चुदाई करने का मज़ा लूट मेरे राजा चल मुझे नीचे उतरने दे साले।

मैंने माँ की चूत पर से मुँह हटा लिया वो जल्दी से नीचे उतर कर लेट गई और अपने पैरो को घुटनो के पास से मोड़ कर अपनी दोनो जाँघो को फैला दिया और अपने दोनो हाथो को अपनी चूत के पास ले जा कर बोली “आ जा राजा जल्दी कर अब नहीं रहा जाता। जल्दी से अपने मूसल को मेरी ओखली में डाल कर कूट दे जल्दी कर बेटा डाल दे अपना लंड माँ की प्यासी चूत में, मैं उसके दोनो जाँघो के बीच में आ गया पर मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करू। फिर भी मैंने अपने खड़े लंड को पकड़ा और माँ के ऊपर झुकते हुए उसकी चूत से अपने लंड को सटा दिया।

माँ ने लंड को चूत से सटाते ही कहा “हाँ अब मार धक्का और घुसा दे। अपने सांप जैसे लंड को माँ के बिल में। मैंने धक्का मार दिया पर ये क्या लंड तो फिसल कर चूत के बाहर ही रगड़ खा रहा था। मैंने दोबारा कोशिश की फिर वही नतीज़ा तीन धक्के मारे फिर लंड फिसल कर बाहर इस पर माँ ने कहा “रुक जा मेरे नासमझ खिलाड़ी, मुझे ध्यान रखना चाहिए था, तू तो पहली बार चुदाई कर रहा है, अभी तुझे मैं बताती हूँ, फिर अपने दोनो हाथो को चूत पर ले जाकर चूत के दोनो फांको को फैला दिया और चूत के अंदर का गुलाबी छेद नज़र आने लगा था। चूत एक दम पानी से भीगी हुई लग रही थी। चूत छोड़ी करके माँ बोली ले मैंने तेरे लिए अपनी चूत को फैला दिया है, अब आराम से अपने लंड को ठीक निशाने पर लगा कर चोद ले जितना चाहे उतना चोद।

मैंने अपने लंड को ठीक चूत के खुले हुए मुँह पर लगाया और धक्का मारा लंड थोड़ा सा अंदर तो घुसा पानी लगे होने के कारण लंड का मुहं अंदर चला गया था। माँ ने कहा “शाबाश ऐसे ही मुहं चला गया अब पूरा घुसा दे मार धक्का कस के और चोद डाल मेरी चूत को बहुत खुजली मची हुई है। मैंने अपनी गांड तक का ज़ोर लगा कर धक्का मार दिया, पर मेरा लंड में ओर दर्द की लहर उठी और मैंने चीखते हुए झट से लंड को बाहर निकाल लिया। माँ ने पूछा क्या हुआ चिल्लाता क्यों है।

ओह माँ लंड में बहुत दर्द हो रहा है। माँ उठ कर बैठ गई और मेरी तरफ देखते हुई बोली देखूं तो कहा दर्द है। मैंने लंड दिखाते हुए कहा देखो ना जैसे ही चूत में घुसाया था, वैसे ही दर्द करने लगा माँ कुछ देर तक देखती रही फिर हंसने लगी और बोली साले अनाड़ी चुदक्कड़, चला है माँ को चोदने, अभी तक तो तेरे लंड की चमड़ी ढंग से उतरी ही नहीं है, तो दर्द नहीं होगा तो और क्या होगा, चल कोई बात नहीं मुझे इस बात का ध्यान रखना चाहिए था, मेरी ग़लती है मैंने सोचा तूने खूब मूठ मारी होगी तो चमड़ी अपने आप उतरने लगी होगी, मगर तेरे इस गुलाबी सुपाड़े की शक्ल देख कर ही मुझे समझ जाना चाहिए था, कि तूने तो अभी तक ढंग से मूठ भी नहीं मारी, चल नीचे लेट, लगता है अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा।

मैंने तो अब तक यही सुना था की लड़का लडकी के ऊपर चड़ कर चोदता है। मगर जब माँ ने मुझे नीचे लेटने के लिए कहा तो मैं सोच में पड़ गया और माँ से पूछा नीचे क्यों लेटना है, माँ क्या अब चुदाई नहीं होगी। मुझे लग रहा था कि माँ फिर से मेरा मुठ मार देगी। माँ ने हँसते हुए कहा नहीं अनाड़ी चुदाई तो होगी, जितनी तुझे चोदने की आग लगी है मुझे भी चुदवाने की उतनी ही आग लगी है, चुदाई तो होगी ही, तुझे तो अभी रात भर मेरी चूत का बाजा बजाना है, मेरे राजा तू नीचे लेट अब उल्टी तरफ से चुदाई होगी। उल्टी तरफ से चुदाई होगी इसका क्या मतलब है। माँ बोली इसका मतलब तुझे लिटाके में खुद ही तेरे लंड से चुदवाउंगी, ये तो तू खुद ही थोड़ी देर के बाद देख लेना मगर फिलहाल तू नीचे लेट और अपना लंड खड़ा कर के रख फिर देख मैं कैसे तुझे मज़ा देती हूँ।

मैं नीचे लेट तो गया पर अब भी मैं सोच रहा था, कि माँ कैसे करेगी माँ ने जब मेरे चेहरे पर हिचकिचाहट के भाव देखे तो वो मेरे गाल पर एक प्यार भरा तमाँचा लगते हुए बोली सोच क्या रहा है, तू अभी चुपचाप तमाशा देख फिर बताना की कैसा मज़ा आता है, कह कर माँ ने मेरे कमर के दोनो तरफ अपनी दोनो टाँगे कर दी और अपनी चूत को ठीक मेरे लंड के सामने ला कर मेरे लंड को एक हाथ से पकड़ा और लंड को सीधा अपनी चूत के गुलाबी मुँह पर लगा दिया।

लंड को चूत के गुलाबी मुँह पर लगा कर वो मेरे लंड को अपने हाथो से आगे पीछे कर के अपनी चूत की दरार पर रगड़ने लगी। उसकी चूत से निकला हुआ पानी मेरे लंड पर लग रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मेरी साँसे उस अगले पल के इंतज़ार में रुकी हुई थी जब मेरा लंड उसकी चूत में घुसता।

मैं बहुत देर से इंतज़ार कर रहा था। तभी माँ ने अपनी चूत की फाँक को एक हाथ से फैलाया और मेरे लंड के मुहं को सीधा चूत के गुलाबी मुँह पर लगा कर उपर से हल्का सा ज़ोर लगाया। मेरे लंड का मुहं उसके चूत की फांको के बीच में समा गया। फिर माँ ने मेरी गांड पर अपने हाथो को जमाया और ऊपर से एक हल्का सा धक्का दिया मेरे लंड का थोड़ा सा और भाग उसकी चूत में समा गया था। उसके बाद माँ स्थिर हो गई और इतने से ही लंड को अपनी चूत में घुसा कर आगे पीछे करने लगी। थोरी देर तक ऐसा करने के बाद उसने फिर से एक धक्का मारा। इस बार धक्का थोड़ा ज्यादा ही जोरदार था और मेरे लंड का लगभग आधा से अधिक भाग उसकी चूत में समा गया। मेरे मुँह से एक ज़ोरदार चीख निकल गई।

क्योकि मेरे लंड के मुहं की चमड़ी एक दम से पीछे उलट गई थी। पर माँ ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और उतने ही जोर से लंड को आगे पीछे करते हुए धक्का मारते हुए बोली, बेटा चुदाई कोई आसान काम नहीं है, लड़की भी जब पहली बार चुदती है, तो उसको भी दर्द होता है और उसका दर्द तो तेरे दर्द के सामने कुछ भी नहीं है, जैसे उसकी चूत की सील टूटती है, वैसे ही तेरे लंड की भी आज सील टूटी है। थोड़ी देर तक आराम से लेटा रह फिर देख तुझे कैसा मज़ा आता है।

माँ अब उतने लंड को ही चूत में ले कर धीरे धीरे धक्के लगा रही थी। वो अपनी गांड को उछाल उछाल के धक्के पर धक्का मारे जा रही थी। थोड़ी देर में ही मेरा दर्द कम हो गया और मुझे गीलेपन का अहसास होने लगा था, माँ की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और उसकी चूत से निकलते पानी के कारण मेरे लंड का घुसना और निकलना भी आसान हो गया था, माँ अब और ज़ोर ज़ोर से अपनी गांड उछाल उछाल के धक्के लगा रही थी और मेरे वीर्य का ज्यादा से ज्यादा भाग उसकी चूत के अंदर घुसता जा रहा था।

माँ ने इस बार एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरे लंड का ज्यादातर भाग अपनी चूत में छुपा लिया और सिसकते हुए बोली ईईईइ दैयया, कितना तगड़ा लंड है, जैसे कि गरम लोहा हो एक दम सीधा चूत की दीवारो को रगड़ मार रहा है, मेरे जैसी चुदी हुई औरत की चूत में जब ये इतना कसा हुआ है। तो जवान लड़कियों की चूत तो फाड़ के रख देगा, मज़ा आ गया, ले साले और घुसा लंड और घुसा” कह कर तेज़ी से तीन चार धक्के और मार दिए।

माँ ने तेज़ी से लगाए गये इन धक्को से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया। माँ ने सिसकते हुए धक्के लगाना जारी रखा और अपने एक हाथ को चूत के मुहं के पास ले जाकर देखने लगी की पूरा लंड अंदर गया है की नहीं। जब उसने देखा की पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस चुका है। तब उसने अपनी गांड को उठाते हुए एक तेज धक्का मारा और मेरे हाथो का चुम्मा ले कर बोली कैसा लग रहा है। बेटा अब तो दर्द नहीं हो रहा है ना।

नहीं माँ अब दर्द नहीं हो रहा है, देखो ना मेरा पूरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर चला गया है। हाँ बेटा अब दर्द नहीं होगा अब तो बस मज़ा ही मज़ा है। मेरी चूत के पानी के गीलेपन से तेरी चमड़ी उलटने में अब आसानी हो रही है। इसलिए तुझे अब दर्द नहीं हो रहा होगा बल्कि मज़ा आ रहा होगा। क्यों बेटा बोल ना मज़ा आ रहा है या नहीं, अपनी माँ की चूत में को चोदकर। अब तो तुझे पता चल रहा होगा की चुदाई क्या होती है, बेटा ले मज़े चुदाई का और बता कि तुझे कैसा लग रहा है, माँ की चूत में लंड घुसाने में। माँ सच में गजब का मज़ा आ रहा है, ओह माँ तुम्हारी चूत कितनी कसी हुई है। मेरा लंड तो इसमे बड़ी मुश्किल से घुसा है, जबकि मैंने सुना था की शादीशुदा औरतो की चूत ढीली हो जाती है।

माँ बोली “बेटा ये तेरी माँ की चूत है, ये ढीली होने वाली चूत नहीं है, कहकर माँ ने लंड को पूरा खींच कर बाहर निकाला और फिर ऊपर से गांड का ज़ोर लगा के एक ज़ोरदार धक्का मारा कि पूरा लंड एक ही बार में गप्प से अपनी चूत के अंदर चला गया। माँ अब तेज तेज धक्के लगा के पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में एक ही बार में गप्प गप्प से लेती रही थी।

उसने मेरा उत्साह बड़ाते हुए कहा अबे साले नीचे क्या औरतो की तरह से पड़े रह कर चुदवा रहा है, अपनी गांड उछाल उछाल के तू भी धक्का मार साले चोद अपनी माँ को ऐसे पड़े रहने से थोड़े ही मज़ा आएगा, देख मेरी चूत कैसे तेरे सारे वीर्य को एक ही बार में निगल रही है, तेरा लंड मेरी चूत की दीवारो को कुचलता हुआ कैसे मेरी चूत के लास्ट तक ठोकर मार रहा है और तू भी नीचे से धक्का मार मेरे राजा और बता की कैसा लग रहा है, माँ की चुदाई करने में मज़ा आ रहा है या नहीं।

मैंने भी नीचे से गांड उछाल कर धक्का मारना शुरू कर दिया और माँ के कुल्हो को अपनी हथेलियों के बीच दबोच कर बोला, माँ बहुत मज़ा आ रहा है, सच में इतना मज़ा तो जिंदगी में कभी नहीं आया। ओह तुम्हारी चूत में मेरा लंड एकदम धीरे धीरे जा रहा है और ऐसा लगता है जैसे कि मैंने किसी गरम भट्टी में अपने लंड को डाल दिया है। ओह सस्सस्सस्सीईईईई कितना गरम है तेरी चूत माँ और ज़ोर से मरो धक्का और ले लो अपने बेटे का लंड अपनी चूत में ऊऊओह साली मज़ा आ गया कह कर मैंने अपनी एक उंगली को माँ की गांड की दरार पर लगा कर उसको हल्का सा उसकी गांड में डाल दिया।

माँ का जोश मेरी इस हरकत पर दुगुना हो गया और वो अपनी कुल्हो को और तेज़ी के साथ उछालने लगी और कहने लगी गांड में उंगली डालता है। तेरी माँ को चोद और ले मेरा चूत का धक्का तेरे लंड पर दूँगी मुँह क्या देख रहा है, चूची दबा साले मुँह में लेकर चूस और चुदाई का मज़ा ले। मुझे कितने वर्षो के बाद ऐसी चुदाई का आनंद मिल रहा है ।।

अगला भाग पढना न भूलियेगा …..देसी सेक्स स्टोरी ….

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मेरी माँ की तड़पन

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मेरा नाम सुनीता है . मेरे उम्र करीब ३८ साल के है | मेरे पति का देहांत १ वर्ष पहले हो गया अब में अपने दो लडको के साथ रहती हूँ | घर चलने के लिया मैंने एक जगह नौकरी कर ली | मेरे दोनों बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं , एक का नाम है रमेश उम्र १२ साल और बड़ा वाला सुरेश उम्र १४ साल | दिखने में में एक साधारण औरत हूँ , फिगर ३६ – ३२ – ३४ , जैसे की दो बच्चो के माँ का होना चायेया |
बचपन से हे में बड़ी ठरकी किस्म के लडकी थी | मुझे गन्दी और सेक्सी बातो करने में बड़ा मज़ा आता था | कभी कभी में चुपके से अपने चाचा चची के कमरे में रात को झांकती थी जब वो दोनों रात को चुदाई करते थे | फिर मेरे शादी एक अधेड़ उम्र के व्यापारी से हो गयी | क्युकी वो अधेड़ उम्र का था इसलेय ज़ाहिर है उसमे वो जोश और ताकत नहीं थी जिसके में हमेशा अपने पति में देखने के कोशिश करती थी | मेरे पति का अंग करीब ४ इंच का छोटा और पतला था | वो हमेशा २-३ झटके दे कर के वीर्य गिरा देते थे | १४ साल तक में हमेशा प्यासी हे सोयी | अब जब मेरे पति का देहांत हो गया है तो अब वो सहारा बी गया | आजकल हर रात मेरा बुरा हाल रहता है , मेरा हाथ साडी के अंडर हे घुसा रहता है | और रात को रह रह के में अपनी योनी हाथ से रगडती रहती हूँ |
रोज़ के तरह मैंने अपने लडको के लिया सुबह नाश्ता बनाया और उन्हें स्कूल के लिया रवाना क्या फिर में अपनी खिड़की पर बैठी कुछ सोच रहे थी , तभी मैंने निचे देखा के सड़क पर एक गन्दी से कुतिया भाग रहे है , उसके बड़े बड़े चुचिया इधर उधर झूल रहे हैं और उसके पीछे कई सारे कुत्ते भाग रहे हैं | एक कुत्ता तेज़ी से निकल कर उस कुतिया के पास पुच गया और एक झटके से के उसकी पीछे अपनी दो टांगो पर खड़ा होकर अपनी आगे वाली दो टाँगे उस कुतिया के पेट पर कस ली | फिर वो कुत्ता तेज़ी से अपनी कमर आगे पीछे चलने लगा और मैंने देखा के उसके टांगो के बीच में कुछ लाल लाल अंग कुतिया के यावनी के अंडर बहार जा रहा है | कुतिया बहुत बिल बिला रहे थी क्युकी कुत्ते ने कस के पकड़ रखा था तो वो भाग बी नहीं पा रहे थी | इतने देर में बाकी कुत्ते बी पुच गए और उन दोनों को चारो तरफ से घेर लिया | उनके टांगो के बीच बी उनका लाल उनग झूलने लगा | पहले कुत्ते ने उस कुतिया को करीब ५ मं तक छोड़ा | फिर जैसे ही वो कुतिया के ऊपर से उतरा , दुसरे कुत्ते ने जगह ले ली | कुतिया का बुरा हाल था | चारो कुत्तो ने बारी बारी उसे जम के चोव्दा | यह सब देख के मेरे मनन में उस कुतिया के प्रति ईशा होने लगी | मैंने सोचा के देखो मेरे जैसे सेक्सी औरत को चाव्दने के लिया कोई मर्द नहीं है और इस गन्दी कुतिया के पीछे कितने कुत्ते पड़े हैं |
कुछ देर बाद में निचे आके अपने दरवाज़े पर झाड़ू लगा रहे थी , तभी मैंने देखा के उनमे से एक कुत्ता हमरे घर के पास वाले कूड़ेदान के पास अपने खाने के चीज़े जूता रहा है | उसके टांगो के बीच अभी बी उसका लाल लुंड लटका हुआ था | में जल्दी से भाग के अंडर गयी और एक रोटी का टुकड़ा लेके आगयी| रोटी दिखा के मैंने उस कुत्ते को पुचकारते हुए अंडर बुला लिया और दरवाज़ा बंद कर देय | फिर मैंने उसके साने ३-४ रोटिय दाल दे | वो रोटी काने में लग गया , फिर में उसके साइड में जाके बैठ गयी और उसके लटके हुए लुंड को निहारने लगी | दिखने में वो गाजर के तरह लाल था , आगे से नुकीला करीब ७ इंच लम्बा और २ इंच मोटा होगा | गिला होने के वजह से वो बहुत चमक रहा था और उसकी नोक से कुछ सफ़ेद बूंदे बी टपक रहे थी , शयेद वो उसका वीर्य था | मेरा उस लुंड को देख कर बहुत मनन करने लगा , में तड़पने लगी और साड़ी के अंडर हाथ दाल के अपनी योनी को रगड़ने लगी | कुछ देर में उसने रोटी खा ली , तो में उसके लिया १ और रोटी लेके आये , उसके सामने मैंने रोटी डालने के लिया हाथ भादय तो वो रोटी चोर के मेरे उन्ग्लेयो को चाटने लगा | मुझे समझ में नहीं आया क्यों | फिर वो रोटी भी खा ली तो मैंने दरवाज़ा खोल के उसे जाने देय | रात को अपने बिस्तर पे में वो कुतोया वाला सीन सोच के तड़पने लगी और अपनी यावनी को कस कास के रगड़ने लेगी , एक हाथ से अपने सतनो को मसलने लगी | वो सोचते सोचते मुझे एकदम से उस कुत्ते का लाल लाल लटकता हुआ अंग दिखा और में तुरंत सखलित हो गयी |
फिर मुझे समझ में आया के वो कुत्ता रोटी चोर के मेरे उंगलिया क्यों चाट रहा था | क्युकी उन्ही उंगलिया से मैंने अपने यावनी रगड़ी थी , तो उसका रस उस पर लग गया होगा | उसको एक मादा के गंध मिल गए होगी | इसका मतलब दुनिया में कोई बी नर किसी बी मादा पर आकर्षित हो सकता है भलेही वो जानवर हो या इंसान | अगर यह सच है तो फिर में एक कुत्ते के साथ बी सम्भोग कर सकती हों | और क्यों नहीं जब वो उस गन्दी कुतिया को छोड़ सकता है तो मुझे क्यों नहीं | यह सोचते सोचते में सू गयी | दुसरे दिन में बच्चो को स्कूल भेजकर अपने दरवाज़े पर उसी कुत्ते का इंतज़ार करने लगी के शयेद वो दिख जाए | काफी इंतज़ार करने के बाद मुझे वो कुत्ता तो नहीं पर एक और कुत्ता नज़र आया | में रोटी के साथ तयेआर थी | मैंने उसे पुचकारा और वो झट अन्दर आगया | “पुच पुच ..आ आ …ले रोटी ”
“उऊओ ओव्व ..अऊ अऊ ..” करके वो रेती देखता हुआ मिमियाने लगा |
में झट रोटी उसके सामने फेक दी और अपनी कच्ची उतार के उसके मू पर लगा कर उसे अपने यावनी के महक देने लगी | पर वो मेरे कच्ची के तरह आकर्षित नहीं हुआ , बल्कि उसका पूरा ध्यान रोटी पर था |
मैंने सोचा शाएद ये भूका है | भूक से मुझे अचानक दिमाग में एक तरकीब सूझी | मैंने सोचा के अगर में इसे अपना स्तनपान कराओ तो शाएद यह मेरे तरफ आकर्षित होगा | मेरे स्तनों में कुछ महीने से दूध बन्ने लगा था | कई बार में नहाते वक़्त अपने दूध निचोर के उन्हें हल्का करती थी | पर २-३ दिन से मैंने ऐसा नहीं क्या तो मेरे स्तन दूध से लबालब भरे हुआ थे | मेरे समझ में नहीं आरहा था के एक कुत्ते को में स्तन पण कैसे कराओ | डर था कही काट ना ले पर अपनी भूक मिटने के लिया मुझे यह जोखिम उठाना था | फिर मुझे याद आया के एक कुतिया अपने पिल्लो को कैसे दूध पिलाती है | में झट अपना बलाउस और ब्रा उतर के अपने तितर आज़ाद कर देय , और में कुत्ते के तरफ करवट लेके लेट गयी | मेरे बाया स्तन ज़मीन पर था और दया स्तन बाये के ऊपर किसी फल के तरह रखा हुआ थे | स्तनों पर दो मोटी -२ चुचिया निकली हुए थी |मैंने कुत्ते का धयन आकर्षित करने के लिया एक चूची को दबा के थोरा दूध निकाला और ज़मीन पे गिरने दीया| फिर कुत्ते को पुचकारते हुए उस गिर हुए दूध को चाटने के लिया बुलाने लगी |
“पुच पुक ..आ ..आ ..ले बेटा टू भूखा है ना..आजा दूध पे ले…”
एक दो बार पुचकारने पर वो पास आगया और मेरे खुले स्तनों को उपरसे सूघने लगा..फिर अचानक अपने लम्बी जीभ निकालने मेरे बाये स्तन को चाट लिया | इससे मेरे बदन में सिरहन दौड़ गयी , उसके जीभ गरम गीली और लम्बी होने के अलावा खुरदुरी बी थी जैसे जीभ पर नुकीले काटे लगे हो | फिर उसके नज़र ज़मीन पर गिरे दूध पे पड़ी | वो उस दूध को चाटने में जुट गया | में अपने बाये स्तन के चूची उंगली में पकड़ के उसके खुले मू को निशाना लगाने का इंतज़ार कर्र रहे थी | ताकि उसको मालोम हो जाये के दूध का स्रोत क्या है | मुझे जैसे हे मौका मिला मैंने अपनी चूची कस के दबा दी | दूध के एक तेज़ धार उसके जबड़े के अंडर तक चली गए | बस फिर क्या था वो धार को देखते हुए मेरे चूची तक पुच गया और अपनी गरम जीभ से मेरे निप्पल चाटने लगा | में सी सी करके बिलबिला रहे थी , कुत्ते को लगा के चाटने से शाएद दूध नहीं निकलेगा तो उसने मेरे निप्पल अपने दातो के बीच दबा ली |मुझे समझ में आगया के वो अब मेरा दूध पिने के लिया बैचैन है | में उसके सर पर हाथ फेरते हुए अपने दूध को और उसके जबड़ो के बीच घुसाने लगी क्युकी जब तक वो निप्पल के बड़े हिस्से को नहीं दबाएगा अपने दातो से तब तक दूध नहीं रिसेगा | कुछ जद्दोजेहेद के बाद स्तन का एक बड़ा हिस्सा म=उसके जबड़ो के बीच आगया | अब उसे जैसे हे अपना जबड़ा मेरे स्तन पे कसा वैसे हे दूध की धार पे धार बह निकली | मुझे स्तन पे उसके डाट गाड़ते हुआ महसूस हो रहे थे | पर मैंने अपने स्तन पे बहुत डाट गद्वाए हैं इसलेय मुझे यह दर्द सहने के आदत से थी |
अब वो बड़ा कुत्ता एक पिल्ला बन के अपने पेट के बल बैठ गया था और हुमक हुमक कर मेरे स्तन को अपने जबड़े से दबा दबा के दूध पी रहा था , बीच बीच में वो अपने जीभ से मेरे नीपाल को चाट भी लेता | उसके खुरदुरे जीभ जब मेरे नाज़ुक निप्पल पे पड़ती तो मेरे जान निकल जाती | वो मेरे स्तन से करीब १५ मिनिट तक चुपका रहा , कम से कम 2-२.5 लीटर तो आराम से पिया होगा | में सिर्फ उसका सर सहला रहे थी , जैसे मेरे अपना बच्चा मेरा दूध पी रहा हो | मेरे बाये स्तन को १५ मिनिट तक लगातार चूसने के बाद उसने अपना मुह हटा लिया, शाएद उसका पेट भर गया था | मेरे नीपाल से उसका जबड़ा हटा तो मैंने देखा के उसके डाट गाड़ने के निशाँ अभी बी मेरे सफ़ेद स्तन पे नज़र आरहे थी और मेरे चूची बिल्कुल लाल हो गयी थी | कुछ देर बाद उसमे टीसन शुरू हो गए , साले ने दूध पिने के चक्कर में कस कस के दबाया था , आखिर है तो कुत्ता हे ना , अपनी भूक मिटने के लिया अपनी माँ को बी काट खाए | अब मेरा बाया स्तन कुछ हल्का महसूस हो रहा था मुझे | उठ कर मैंने अपनी ब्रा और बलाउस पहना |
अब वो कुत्ता मेरे टांगो के पास आके बैठ गया | जैसे उसने मुझे अपनी माँ मान लिया हो और दूध पिलाने के लिया शुक्रिया कर रहा हो | मैंने बी उसके सर पे थप्पी मारी और फिर उससे बोला
” माँ ने तो तेरी सेवा कर दे ..अब तू माँ के सेवा कब करेगा …मेरे लाल ”
जब मैंने थप्पी मारी तो मेरे हाथ को चाटने लगा और अपनी हे भाषा में कू कू करके कुछ कहने लगा
“अरे अब क्या चायेया तुझे ..पेट तो भर लिया ..अब क्या खातिर करू तेरी ”
मुझे कुछ देर बाद याद आया ..कल जब वो कुत्ते उस कुतिया को चौद रहे थे तो यह वाला ससे पीछे था और इसके चरने से पहले हे वो कुतिया भाग गयी थी |
शयेद यह इसलेय हे उदास सा था ..फिर मैंने उससे बोला
” क्यों रे ..कल तुजे नहीं मिली वो कुतिया इसलेय उदास है ”
“चल कोई बात नहीं..वो कुतिया नहीं तो क्या हुआ ..तेरे पास एक चुडैल माँ जो है..हाहा ..”
फिर वो कू कू करने लगा जैसे बोल रहा हो के मुझे तो कुतिया हे चायेया …
“अरे पगले कुतिया क्या खुश कर पायेगी तुजे ..तेरे ख्याल एक माँ से अच्छा कोई नहीं रख सकता ”
“बोल बोल रे …क्या करवाना है तुजे ..हम्म अपनी माँ को भी अपनी गर्मी दिखा ”
“कितने सालो से तेरे माँ प्यासी है …उसके प्यास बुझा दे ..तुझे दिन रात दूध पिलाउनगी ”
“कू कू ..भो भो ..”
इतना कहकर मैंने उसके ठीक साने जाके ज़मीन पर बैठ गयी , और अपनी सारे घुटने तक ऊपर कर ली |
फिर उसके सामने अपनी दोनों टाँगे फैला दी , पंटी तो मैंने पहले हे उसे अपनी महक सूघने के लिया उतार दे थी |
उसके खुले हुए मुह के सामने मेरे सुर्ख लाल यावनी धीरे धीरे खुलने लगी | मेरे यावनी के चारो तरफ घने बाल थे ,लम्बे लम्बे , अगर में कच्ची के अंडर उन्हें ना समेटू तो मेरे जांघो तक लटक जाए |उस काले घने जंगले के बीच मेरे यावनी के लाल कोपले उस कुत्ते को बहुत आकर्षर लग रहे होंगी | एक मिनट के लिया मुझे लगा उसके खुले मू से जो जीभ लटक रहे थी , और उसपर जो उसका थूक टपक रहा था वो मेरे यावनी को देख के आया था | यह सोच के मेरे यावनी फूलने लगी , उसकी दीवारे अंडर ही आपस में टकराकर रगड़ने लगी और वो किसी मुह के भाति अपने आप हे खुलने बंद होने लगी जैसे के किसी चीज़ को चूस रहे हो | औरत के यावनी ऐसे तभी होती है जब उसे एक बलिस्ट मरदाना लुंड के प्यास हो | ऐसे समाया पर औरत को ऐसे मर्द के ज़रुरत होती है जो उसे बेरहमी से कस कस के
चौदे |
बहराल उस कुत्ते के सामने उसके माँ अपनी यावनी खोल के बैठी थी और उसे पास बुला रहे थी |
एक सहमति हुए लाल चीज़ को देख कर उसका कुछ आकर्षण भाडा और वो अपना मू सूघ्ता हुआ मेरी जांघो के पास ले आया
वोह मेरे जांघो को सूंघ रहा था उनपर मुझे उसकी गीली नाक रगड़ते हुए महसूस हो रही थी |
कभी कभी जीभ बहार आजाती और मेरी जांघो पर फेर देता , धीरे धीरे वो मेरी जागहि चाटते – २ हुए मेरी योनि की तरफ भड़ रहा था , रह रह के उसकी लम्बी लप लपती जीभ मेरी योनी के बालो को छुते
हुआ निकल जाती | मेरी धड़कन भरद रही थी , के कब वो काटेदार जीभ मेरी योनी का स्वाद चखेगी , में यह सब सोच हे रहे थी के अचानक मुझे कुछ गीली चीच्ज़ अपनी योनी के कोपलो को चीर कर उंदर घुसती हुई महसूस हुई | मेरे होश का धिकाना न रहा , में तो सोच रही थी उसकी जीभ मेरी कोपलो को सिर्फ चतागी , पर वो तो सीधा मेरी योनी के उंदर अपनी जीभ फस दी | मेरी योनी वैसे हे कसमसा रही थी , जैसे ही उसे कुछ मिला उसने झट उसकी जीभ को अपनी दीवारों के बीच पकड़ क्या , एक तरीके से उस कुत्ते के जीभ मेरी योनी ने पकड़ ली चाँद सेकंडो के लिया |वो कुत्ता घबरा गया और अपना मुह पीछे करने लगा | फिर मुझे अपने हाथ भरा के उसके सर को पुचकारना पड़ा
“अरे क्या हुआ मेरे लाल …क्यों डर रहा है …यह तो तेरी माँ के प्यार करने का तरीका है ”
“डर मत ..कुछ नहीं करुँगी तेरे जीभ को में….स्स्स्स ..थोरी सी मालिश चायेया तेरी माँ को ..कर दे ना मेरे लाल ..”
इतना पुचकारने के बाद उसका मान कुछ हल्का हुआ और वो फिर मेरी तरफ भरने लगा |
अब उसके इरादों में कुछ मर्दानगी नज़र आरेही थी | अब की बार उसने सीधा मेरी योनी पर हमला किया
और झट अपनी लप लपती जीभ निकाल के मेरी चुटकी को निचे से ऊपर तक लम्बा लम्बा चाटने लगा |
मेरी सिसकारी निकल गयी , ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरी योनी को लोहे के ब्रुश से झार रहा हो |
उसके हर चाट पर मेरी कमर उचक जाती | में फिर बी किसी तरह डटी हुई थी , अपने आपको बिलकुल पीछे नहीं हटने दीया | कम से कम उसने मेरी नाज़ुक कोपलो १००-२०० बार बुरी तरह चाता होगा |
इतना चाटने के बाद उसका ध्यान वह से हट गया और वो इधर उधर घूमने लगा | में अपना दिल थाम के अपनी योनी के तरफ झाका , योनी के चारो तरफ के बाल उसके थूक से बिलकुल गीले होके आपस में चुपक गए थे और मेरी योनी से उसका थूक ताप ताप करके टपक रहा था | योनी के हालत बहुत ख़राब थी , उसकी कोपले पिंक से लाल पद चुकी थी और बहुत जल रही थी |
“शैतान बच्चे …देख तुने अपनी माँ के क्या हालत कर दी ”
“देख तुझे इसके कैसे सजा देती हूँ ..”
में उसे चिड़ाते हुए डाट रही थी जबकि मुझे यह सब सातवे असं पे ले गया था , मैंने इस चक्कर में ध्यान नहीं दीया के उसकी टांगो के बीच उसका अंग अपने खोल से बहार निकल आया था और मेरे सामने लटक कर्र इधर उधर झूल रहा था , रह रह के उसके अंग में कदक्पन आता और वो थोरा ऊपर उचक जाता | में वो देख के बड़ी हे उत्तेजित हो गयी , के देखो में आज बी किसी भी मर्द को उत्तेजित कर सकती हूँ , भलेही वो एक कुत्ता क्यों न हो |
उसका लिंग अभी ढीला था फिर भी करीब 5 इंच निकल हुआ था , मैंने सोचा अगर यह अभी ५ इन्चा का है तो पूरा मस्त होने पर तो ७-८ से कम नहीं होगा | ऐसा सोच के हे मेरे योनी गीली होनी शुरू हो गयी | अब मुझे दुनिया में और कुछ नहीं चयिया था | मेरा मकसद इस ५ इंच के लिंग को किसी तरह ८ इन्चा का सांड बनाना था |
मेरी धेरे धेरे उसके लटकते हुए लिंग के पास गयी , और कापते हुए हाथो से उसके लाल लिंग को छुआ |
बड़ा हे गरम गीला और कोमल था | मैंने सोचा ये कोमल लिंग मेरी प्यास क्या भुझायेगा | मेरे चूने भर से वो अपनी टांग उठा के मेरे हाथ को दूर करने लगा | में समझ गयी के उसे इस के आदत नहीं है | फिर मैंने उसके पीठ को एक हाथ से सहलाया और दुसरे हाथ से धीरे से उसके लिंग के ऊपर के खोल को अपनी मुट्ठी में हलके से बाँध लिया | अब उसके लिंग के जड़ मेरी मुट्ठी में कैद थी , वो उसे चाहकर भी नहीं चुरा सकता था | फिर हलके हलके मैंने उसके खोल को अपनी मुट्ठी में सहलाना शुरू किया | मेरे हलके हलके सहलाने से मैंने देखा के उसका लिंग अब भडाने लगा था | वो और मोटा और लम्बा बनता जा रहा था , जो अभी थोरे देर पहले कोमल से कली थी वो अब थीरे थीरे मूसल का आकर ले रहा था | मेरी धड़कन भाद गयी | फिर बी मैंने उसे सहलाना बंद नहीं किया | कुछ हे देर बाद वो ५ इंच से भाद कर ७ इंच का मोटा ताज़ा लुंड बन गया था | मेरे मू में उसको देख कर पानी आगया , मेरी जीभ उसे चाटने के लिया खुद बी खुद लप लापने लगी | मैंने अपने मू के पानी को ३-४ बार गटका , एक कुत्ते का लिंग चूसने के लिया मेरा मन गवारा नहीं कर्र रहा था , रह रह कर मेरी नज़र उस हुमकते हुआ लिंग पर पद रही थी जिसकी नोक पर से कुछ बूंदे बी टपक रही थी | मेरे सामने इतने सालो के बाद कोई मरदाना लिंग लटक रहा था , और में अपनी मर्यादाओ के वजह से उसे उसका हक नहीं दे पा रही थी | क्यों एक औरत को हे हमेशा बलिदान देना होता है , औरत क्यों नहीं अपने मन के कर सकती | आखिर उसके बी इच्छायेया हैं , यह सोच कर मेरा मन बदला और मेरा हाथ जो उस लुंग के जड़ को अभी तक सहला रहा था उसे खुद बी खुद धीरे धीरे मेरे मुह के तरफ मोड़ने लगा , जैसे मानो कह रहा हो सुनीता तोड़ दे सारे मरेयादाये , कर ले अपने मन की | उस लिंग के नोक ठीक मेरे होठो के तरफ तन के खदे थी | मानो मुझ से कह रही हो , माँ मुझे तेरे प्यार के ज़रुरत है |
फिर डरते हुआ अपना मुह उस कापते हुआ लिंग के पास ले गयी और उसे बिलकुल करीब से देखने लगी | उस लिंग पर अब काफी नसे उभर आई थी और वो आगे के तरफ से कुछ फूला हुआ था | उसकी नोक पर धीरे धीरे एक सफ़ेद बूँद बन रही थी , वो बूँद अब बड़ी होती जा रही थी और बस गिरने हे वाली थी , पता नहीं मुझे क्या हुआ , अचानक हे मैंने अपनी जीभ निकाली और उस बूँद को उसकी नोक पर से चाट लिया , मुझे खुद को बी यकीन नहीं हुआ के मैंने ऐसा क्tया | उस का स्वाद बहुत तेज़ और नमकीन था कुछ अजीब सा | उसका स्वाद लेके मेरे मू में पानी भाद गया , और मेरी हिमात भी | अब मैंने अपना मुह पूरा चौडा खोला जैसे के एक हे बार में पूरा लिंग निगल जाउंगी | और उसके आधे लिंग को नोक समेत अपने मुह के अंडर बंद कर लिया | मेरे होठ उसके लिंग के चारो तरफ कस गए , मेरी जीभ अपनी आप उसके लिंग की नोक को मुह के अंडर हे चाटने लगी | में जैसे हे उसकी नोक को अपनी जीभ से चाटताटी वो कुत्ता कू कू करके बिलबिलाने लगता , मुझे बड़ा मज़ा आता उसे बिलबिलाता देख | आज मेरे मुराद पूरी हो गयी

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अपने लंड से माँ की गांड की खुजली मिटाई

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हाय, मेरा नाम रंजीत है। मैं कोलेज में लास्ट ईयर में पड़ता था। मेरी उम्र २४ है। मैं बीच की छुट्टियों में मेरे गांव गया। गांव में हमारा बड़ा घर है। वहां मेरी मम्मी और पापा रहते हैं। मेरे पापा एक बिल्डर है। मेरी मम्मी हाउसवाइफ़, हम बहुत अमीर घराने से हैं हमारे घर में नौकर-चाकर बहुत हैं।

मैं अपने गांव गया। दोपहर में मेरे घर पहुंचा। खाना हुआ और थोड़ी देर सोया, शाम को मम्मी के साथ थोड़ी बातें की और गांव घूमने चला गया। रात करीब मैं ८ बजे घर आया। मम्मी का मूड ठीक नहीं था, मैने मम्मी को पूछा। “मम्मी, पापा कहां है?” मम्मी ने कुछ जवाब नहीं दिया। मेरी मम्मी बहुत गुस्सेवाली हैं। वो जब गुस्सा में होती है तब वो गंदी गालियां भी देती है, लेकिन वो नौकरों के साथ ऐसा नहीं करती-गालियां नहीं देती। मम्मी ने कहा “चल, तू खाना खा ले…। आज अपना बेटा आया, फ़िर भी ये घर नहीं आये। तू खा …हम बाद में फ़ार्म हाउस पर जायेंगे। वहां पर तेरे पापा का काम चल रहा है।” मैने खाना खाया और हम निकले। पापा ने मेरी मम्मी को स्कुटर दी थी, हमारा फ़ार्म हाउस हमारे घर से एक घंटे पर ही था। मम्मी ने स्कूटर निकाला, मैं मम्मी के पीछे बैठ गया। हां… मेरे मम्मी का नाम रीमा है उसकी उम्र ४५ है लेकिन वो सुंदर है, वो टिपीकल हाउस वाइफ़ है। सेहत से परफ़ेक्ट। थोड़ी मोटी।

आओ वहां चलें, मम्मी ने पंजाबी ड्रेस पहना था। मैं मम्मी के पीछे था। हम चल दिये। मैने मेरे हाथ स्कूटर के पीछे टायर पर पकड़े थे। मम्मी बीच-बीच में कुछ बोल रही थी लेकिन कुछ सुनाई नहीं दे रहा था, शायद वो बहुत गुस्से में थी। एक घंटे में हम फ़ार्म हाउस पर पहुंच गये। फ़ार्म हाउस के गेट पर वाचमैन था उसने मम्मी को ठोका और कहा “साहब यहां नहीं है वो शहर में गये है” वो हमे गेट में आने नहीं दे रहा था।

मम्मी ने ठीक है बोला और स्कूटर स्टार्ट की। हम थोड़े ही आगे गये और मम्मी ने स्कूटर रोक दी। उसे कुछ शक हुआ। उसने मुझे कहा “तु यहां रुक, मैं आती हूं?”। मम्मी बंगले की तरफ चलने लगी और वाचमैन का ध्यान नहीं ये देख कर अंदर चली गयी, और बंगले की खिड़कियों से ताक-झांक करने लगी। मैने देखा मम्मी क्यों नहीं आ रही है और मैं भी वहां चला गया। मैने देखा मम्मी बहुत देर वहां खड़ी थी और खिड़की से अंदर देख रही थी। वो करीब १०-१५ मिनट यहां खड़ी थी। मैं थोड़ा आगे गया और मम्मी आयी और कहा “साले तुझे वहां रुकने को बोला तो आगे क्यो आया?…चल बैठ हमे घर जाना है” मम्मी को इतना गुस्से में नहीं देखा था।

मैं बैठा, रास्ते में बारिश चालू हुई, मेरे हाथ पीछे टायर पर थे गांव में रास्ते में लाइट नहीं थी, तभी मम्मी की गांड मेरे लंड को लगने लगी मैं थोड़ा पीछे आया लेकिन मम्मी भी थोड़ा पीछे आयी। और कहा। “ऐ, ऐसा क्यों बैठा है ठीक से मुझे पकड़ कर बैठ”। मैने मेरे दोनो हाथ मम्मी के कंधे पर रखे। लेकिन खराब रास्ते की वजह से ठीक से बैठ नहीं रहे थे। मम्मी ने कहा। “अरे, पकड़ मेरी कमर को, और आराम से बैठ”… मैने मम्मी की कमर पर पकड़ा, लेकिन धीरे धीरे मेरा हाथ मेरे मम्मी के बूब्स पर लगने लगे, वो उसके बूब्स … “ क्या नरम-नरम मखमल की तरह लग रहे थे। और मेरा लंड भी ९० डिग्री तक गया… वो मेरी मम्मी के गांड को चिपक ने लगा। मम्मी भी थोड़ी पीछे आयी। ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड मम्मी के गांड में घुस रहा है।

हमारा घर नजदीक आया, हम उतर गये। करीब रात ११.४५ को हम घर आये। मम्मी ने कहा तू ऊपर जा, मैं आती हूं। मम्मी ऊपर आयी वो अभी भी गुस्से में लग रही थी। मालुम नहीं क्यों वो बीच बीच में कुछ गालियां भी दे रही थी लेकिन वो सुनाई नहीं दे रहा था। मम्मी के कहा “आ, मैं तेरा बिस्तर लगा दूं।” उसने उसकी चुन्नी निकाली और वो मेरे लिये बिस्तर लगाने लगी, मैं सामने खड़ा था वो मेरे सामने झुकी …और मैं वहीं ढेर हो गया उसके बूब्स इतने दिख रहे थे के मेरी आंखें बाहर आने लगी उसके वो बूब देख कर मैं पागल हुआ उसने काला ब्रा पहना था उसका सेंटर हुक भी आसानी से दिख रहा था, तभी मम्मी ने अचानक देखा और बोला “तू यहां सो जा” लेकिन मेरा ध्यान नहीं था वो मेरे सामने झुकी और मेरा ध्यान उसके बूब्स पर था, ये बात समझ गयी… और वो ज़ोर से चिल्लाई “रंजीत, मैने क्या कहा सुनाई नहीं दिया क्या? तेरा ध्यान किधर है… साले मेरे बाल देख रहा है” ये सुन कर मैं डर गया लेकिन मैं समझ गया के मम्मी को लड़कों की भाषा मालुम है। उसने बिस्तर लगाया और कहा ”मैं आती हूं, अभी” वो नीचे गयी मैने देखा उसने हमारे बंगले के वाचमैन को कुछ कहा और ऊपर मेरे रूम में आ गयी। हम दोनो अभी भी बारिश के वजह से गीले थे। मम्मी मेरे रूम मैं आयी, दरवाजे की कड़ी लगाई और उसने अपनी पंजाबी ड्रेस की सलवार निकाल कर बेड पर रख दी, मैं मेरा शर्ट निकाल ही रहा था इतने में मम्मी मेरे सामने खड़ी हो गयी।

मम्मी ने मेरी शर्ट की कोलर पकड़ी और मुझे घसीट कर मुझे बाथरूम में ले गयी। मेरे कमरे में एक ही प्राइवेट बाथरूम था। मम्मी फ़िर बाहर गयी और मेरे कमरे की लाइट बंद करके मेरे सामने आ के खड़ी हो गयी। उसने मेरी तरफ देखा, कपड़ा लिया और मेरे बाथरूम के खिड़की के शीशे पर लगा दिया ताकि बाथरूम में लाइट थी और बाहर से कोई अंदर ना देखे इस लिये शायद। फ़िर से उसने मेरी तरफ देख… वो अभी भी गुस्से में लग रही थी। तुरंत ही उसने मेरे गालों पर एक जोर का तमाचा मरा, मैं मम्मी के ही तरफ गाल पर हाथ रख कर देख रहा था लेकिन तुरंत ही उसने मेरे गालों को चूमा और अचानक उसने उसके होंठ मेरे होंठों पर लगा कर मुझे चूमना चालू किया, मैं थोड़ा हैरान था लेकिन मैने भी मम्मी के वो बड़े-बड़े बूब्स ढके थे और मम्मी के बारे में सेक्स का सोचने लगा था। चूमते–चूमते उसने फ़िर से मेरी तरफ देखा, वो रुक गयी और पूरी ताकत लगा के उसने अपना ही ड्रेस फ़ाड़ डाला। और मेरा भी शर्ट खोल दिया जब उसने ड्रेस फ़ाड़ा।

ऊऊऊऊऊ मय… मय… मय… मय… मैं सोच भी नहीं सकता था के मम्मी के बूब्स इतने बड़े होंगे वो तो उसके ब्रा से भी बाहर आने की तैयारी में थे फ़िर वो मुझे चूमने–चाटने लगी।

उसने मुझे चड्ढी उतारने को कह… “साले, अपनी चड्ढी तो उतार” मैने अपनी चड्ढी उतारी और मैं अपनी मम्मी पे चढ़ गया मैं भी उसके बूब्स को चाटने लगा – चूमने लगा और जोर से दबाने लगा मैने भी मम्मी का ब्रा फ़ाड़ डाल… मैं भी एकदम पागलों की तरह मम्मी के बूब्स दबाने लगा। मैं उन्हे दबाने लगा, मम्मी की मुंह से आवाजें निकलने लगी “ आआआऊऊऊऊओ ईइम्मम्मम्म ऊऊऊऊऊओ……… सलीए आआअ……ऊऊऊऊआयीईईइ” इतने में उसने मुझे धक्का दिया और एक कोने में छोटी बोतल पड़ी थी उसमे उसने साबुन का पानी बनाया, और शोवर चालु किया और कहा “मैं जैसा बोलती हूं वैसा कर” वो पूरी तरह जमीन पर जुखी और दोनो हाथों से अपनी गांड को फ़ैलाया और कहा ”वो पानी मेरे गांड में डाल” मैने वैसा किया, साबुन का पानी मम्मी के गांड में डाला।

मम्मी उठी और मेरे लंड को पकड़ा और साबुन लगाया दीवार की तरफ मुंह कर के खड़ी हुई और कहा “साले, भड़वे चल तेरा लंड अब मेरी गांड में घुसा” जैसा के मैने कहा था मेरी मम्मी कभी-कभी गालियां भी देती है। मैने मेरा लंड मम्मी के गांड पर रखा और ज़ोर का झटका दिया। मम्मी चिल्लाई ” आआअ म्मम्मूऊऊउ आआअ, साले भड़वे बता तो सही तो डाल रहा है” साबुन की वजह से मेरा लंड पहले ही आधे से ज्यादा घुस गया, और मैं भी मम्मी को जोरो के झटके देने लगा। मम्मी चिल्लाई।”साले, भड़वे ईईई…आआअ।।ऊऊऊऊउ।।आअ” मैं भी थोड़ा रुक गया। मम्मी बोली। “ दर्द होता है इस का मतलब ये नहीं के मजा नहीं अताआआअ…मार और जोर से मार बहुत मजा आता है…… भड़वे बहुत्तत्तत सालों के बाद मैईईईई आज चुदवा रही हूं। आअम्मी।आआआआईईईईईअऊऊऊऊऊ…मार मार मार आआआआ” वो भी जोरो से कमर हिला के मुझे साथ दे रही थी और मेरे झटके एकदम तूफ़ानी हो रहे थे…मेरी हाइट ५.५ और मम्मी की ५ हम खड़े-खड़े ही चोद रहे थे उसकी गांड मेरी तरफ, मैं उसकी गांड मार रहा था उसका मुंह उस तरफ और हाथ दीवार पर थे मेरा एक हाथ से उसकी बुर में उंगली डाल रहा था और एक तरफ उसके बाल दबा रहा था इतने मे उसने मेरी तरफ साइड में मुंह किया और एक हाथ से मेरे गाल पकड़े और मेरे होंठों पर उसके होंठ लगाये हम एक ”कामसूत्र” के पोज़ में खड़े थे…वो भी मेरे होंठों को चूम कर बोली “तूऊऊऊऊ… थोड़ी देर पहले मरे बोल देख रहा था ना…मादरचूऊऊऊओद्दद है रे तूऊऊ मैं अभी तुझे पुराआआ मादरचोद्दद बना ऊऊऊऊउ गीईईई………आआआ…”

तभी मैं मम्मी को बोला “आज इतने गुस्से मैं क्यों हो…” मम्मी बोली “साले सब मर्द एक जैसे ही होते हैईईईइं…आआआईईईईइऊऊऊऊऊऊऊउ…जानता है……,हम जब फ़ार्महाउस पर गये तब आ……आऐईईईइ मैने क्या देखा आ…खिड़की ईईईए…ईइ से” मैं एक तरफ झटके दे रहा था इसलिये मां बीच-बीच में आवाजें निकाल रही थी। मैने पूछा “ क्या देखा तूने” मां ने कहा “तेरा बाप……किसी और औरत को चोद रहा था आआआ ईईईईई ऊऊऊऊऊ आआआआअ मैं हमेशा इंतज़ार करती थी…। अब मुझे समझ में आया, वो बाहर चोदता है आआआआआआ…ईईईईई…ऊऊऊऊओ” …फ़िर बोली… मैं रुक गया, तभी वो बोली “तू रुक्कक्कक्क मत आआआऐईईईईऊऊऊऊओ…चोद मुझे भड़वे अपनी मम्मी को चोद द्दद्दद्दद्द। आज से तेरी मम्मी हमेशा के लिये तेरी हो गयी… अज्जज्जज्जज्जूऊऊऊऊ आआआआआअ तू ही मेरा सनम हैईईईईई… आऊऊऊओइम्मम्मम…अच्छा लगता है” तभी मैने मम्मी के गांड में और ज़ोर का झटका दिया। वो भी उसकी गांड ज़ोरो से आगे पीछे हिला रही थी। आखिर में मैने ज़ोर का झटका दिया और मेरे लंड का पानी मम्मी की गांड में डाल दिया। मां चिल्लाई… “आअ ऊ ऊ ऊओ ऊ ऊ,,,म्मम्मम्मम्मम्मीईईईइ…कितना पानी है तेरे में खतम ही नहीं हो रहा है आआआआऔऊऊ…क्या म्मम्मस्त लग रहा हैईइ…सालाआआ मादर चोद…। सही चोदा तूने मुझे ईईईईए।

थोड़ी देर हम एक-दूसरे को ऐसे ही चिपकाये रहे और हम पलंग चले पर गये और सो गये…

थोड़ी देर के बाद मेरी नींद खुली मम्मी मेरे पास ही सोई थी हम दोनो अभी भी नंगे ही थे मैं मां के बुर में उंगली डालने लगा तभी मम्मी की नींद खुली और वो बोली… “क्या फ़िर से चोदेगा?” मैने बोला मुझे तेरी बुर चाहिये तेरी गांड तो मिल गयी लेकिन तेरी बुर चाहिये और मम्मी की बुर में उंगली डालने लगा उसे सहलाने लगा, मुझे कंट्रोल नहीं हुआ। मैने मम्मी के दोनो पैर ऊपर किये और मेरा लंड मम्मी के बुर पर रखा और ज़ोर से धक्का मारने लगा। मैने झटके देना चालु किया तभी मम्मी भी कमर हिला के मुझे साथ देने लगी मेरे झटके बढ़ने लगे, मम्मी चिल्लाने लगी… “आआअ…छह्हह्हह्हद और्रर्रर………चूऊऊऊओद्दद…फ़ाड़ डाल मेरी बुर, तेरे बाप्पप्प ने तो कभी चूऊऊऊऊऊदा नहीं लेकिन तू चूऊऊऊऊओद और चोद्दद्दद, मजे ले मेरीईईईई बुर के आआआआआआआआअऊऊऊऊऊऊऊऔऊऊउ।।ईईईई………। और तेज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़, और तेज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ आआआआआईइमिओआआ……आआआआआआअ।।ऊऊऊऊऊओ…मम्मी भी ज़ोरो से कमर हिलाने लगी और मैं मम्मी के बोल और ज़ोरो से दबा रहा था …मम्मी बोली “ चोद्दद्दद्दद्दद रे, मादर चोद्दद्दद्दद्दद्द और चोद्दद्दद्दद्द, दबा मेरे बोल्लल्लल्लल्लल्लल्लल्ल। और दबाआआआअ और चाट और काट …मेरे बोल को…और उन्हे बड़ी कर दे ताकि मेरा ब्लाउज़ से वो बाहर आये दबा और दबा चल डाल पानी अब…भर डाल अपनी मम्मी की बुर पानी से आआऊओ…तेरे गरम्मम पानी से।।आआआआआआऊऊऊऊओ”

तभी मैने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लंड का पानी मम्मी के बुर में डाल दिया … मम्मी “चिल्लाई…आआआआअ… ईईईईइ क्याआअ…गरम्मम्म पानी हैईई… ये है असली जवानीईईईइ… आज से तू मेरा बेटा नहीं मेर…ठोक्या है, आज से तू मुझे ठोकेगा। आआआआअऊऊऊऊओईईई …क्या पानी है सालों बाद्दद्दद्दद मिल्लाआआआअ…।” आज एक बात अच्छी हो गयी, तेरे पापा उस रंडी के साथ सो गये लेकिन उनकी ही वजह से मुझे मेरा ठोक्या मिल गया …” आज से तू ही मुझे ठोकेगा।

थोड़े ही दिन में मैं शहर चला गया और मेरे कोलेज में चला गया, छुट्टियों में मां मेरा और मैं मां का इंतज़ार करने लगा। बाद में हम हमेशा एक दूसरे को चोदने लगे…

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बेटा जल्दी से लंड डाल दे चूत में

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दोस्तों मेरा नाम पूमम है .मैं अप्पने मम्मी पापा और एक बड़े भाई साथ सौरभ नगर कोलीनी में रहती हूँ.मेरा फ्लैट तीइसरी मंजिल पर एक्कदम कोने पर है.दो साल पहिली ही मेरी कालोनी बनी थी.और मुख्य शहर से बहुत है दूर है। दो साल पाहिले यहाँ जंगल और खेत थे.आज तक कालोनी को जाने के लिए पका रोड नहींबन पाया है, इसी लिए रात के दस बजे तक चारों तरफ कोई आदमी दिखाई नहीं देता है.फिर कालोनी के बहुत से फ्लैट खाली पड़े हैं.मेरे पापा रेलवे में गार्ड हैं और तीन दिन के बाद वापस घर आते हैं.मेरा बड़ा भाई नरेश एम् कामकर रहा है उसकी शादी तय होचुकी है.मैं २० साल की हो चुकी हूँ .इस लिए मम्मी अगले साल मेरी भी शादी करवाना चाहती हैं.और शादी के लिए जेवर और रुपया अपने लोकर में जमा करती रहती हैं.मेरी कालोनी में अक्सर लाईट चली जाती है.इसलिए कालोनी के लोग रात में घर में ही रहते हैं।
यह इसी साल के दिसंबर की बाथे.में अपनी मम्मी के साथ उनके कमरे में थी.मेरा भाई पढ़ कर अपने कमरे में सो गया था.तभी अचानक लाईट चली गयी.रात के करीब ग्यारह बज चुके थे। तभी मम्मी को जीने पर किसी के पैरों की और बात करने की आवाज सुनाई दी.माननी ने मझे खिड़की से बाहर देखने को कहा.मुझे कोई भी दिखाई नहीं दिया.तभी किसी ने घर के दरवाजे पर जोर से दस्तक दी .मुझे लगा शायद पापा जल्दी घर आगये हैं और उनकी गाड़ी लेट हो गयी है .मैं दरवाजा खोल ही रही थी की देखें कौन है.जैसे ही मैं ने दरवाजा खोला तीन लोग दन्न से मम्मी के कमरे में घुस गयी.मम्मी मामला समझती की एक आदमी ने मम्मी के गाल पर जोर का चांटा मार दिया.मैं घबरा कर छत की सीढियों के नीचे छुप गयी .कमरे में होनेवाली घटना चुपचाप देखने लगी.तभी लाईट फिर से आगयी थी.मैं ने देखा तीनों लुटेरों की आयु लगभग २५ ३० साल बे बीच की थी.एक ने मम्मी के गले पर चाकू रखा तो मम्मी ने पूछा तुम लोग कौन हो और क्या चाहते हो.वह बोला मादरचोद देखती नहीं हम कौन हैं बड़ी भोली बनती है.हमें पता है तुने काफी माल जमा कर रखा है .ला साली लाकर की चाबी दे .और सारा माल हमारे हवाले कर दे.वरना तुझे यहीं काट कर रख देंगे.दर के मारे मम्मी ने सारे जेवर और रुपया उनको दे दिया.मम्मी रोने लगी तो एक ने दोबार मम्मी को ऐसा जोर का चांटा है ,मुझे छोड़ नहीं है नहीं मारा की वह पलंग पर गिर गई.और हाथ जोड़ कर बोलीं की अब मेरे पास कुछ नहीं है मुझे छोड़ दो.चाकू वाले ने दूसरे लुटेरे से कहा बल्लू मकान की ठीक से तलाशी ले.और उसने मम्मी के सारे कपडे उतार दिए.शर्म के मारे मम्मी ने अपनी चूत पर हाथ रखना चाहा तो चाकू वाले ने हाथ हटा दिया.वह बोला साली कहीं चूत में कुछ छुपा तो नहीं लिया है.उसने मम्मी की चूत और गांड में अपनी उंगली डाल कर देखा.दोनों लुटेरे घर में सब जगह तलासी लेने लगी तो उन्हें मैं सीढियों के नीचे छुपी हुई मिलागयी .उनमे एक जोर से चिल्लाया,सत्तो माल मिल गया.बड़ा कीमती माल है।
तभी मुझे अचानक समझ अगया की यह लुटेरे कौन थे.जिसे यह लोग सत्तो कह रहे थे मैं उसे जानती .उसका असली नाम सतीश था.वह पाहिले मेरे भाई के साथ पढ़ता था.सतीश को पहचानने के बाद मैं बाक़ी दोनों कोभी जान गयी.जिसे यह लोग बालू कह रहे थे उसका नाम बलदेव था और तीसरा अजीत था। तीनों तीनो अच्छे घर के लडके थे और कोई नौकरी न मिलने के कारण ऐसे काम करने लगी थे।
उन दोनों ने मुझे बाल पकड़ कर सतीश के पास खींच लिया.सतीश बोला हरामजादी जूठ बोलती थी की कुछ नहीं है ,यह माल क्या तेरी चूत से आगया है .आवाज सुन कर मेरा भाई जाग गया.फोरान तीनों ने उसे भी मम्मी के कमरे में घसीट लिया.और उसे मारने लगी.मम्मी बोली तुम लोगों को जो लेना था वह ले चुके अब मेरे लडके को क्यों मार रहे हो.जब मम्मी गुस्से में गाली देने लगी ,तोअजीत बोला रंडी तुझे अपने पर बड़ा प्यार है.इसलिए जबतकतुम अपने इसी लडके से नहीं चुदवायेगी हम उसे नहीं छोड़ेंगे.वरना उसे तेरे सामने ही यहीं काट कर फेक देंगेसतीश ने चाकू दिखा कर नरेश से कहा चल अपनी माँ की चुदाई कर .तुझे आज सचमुच का मादरचोद बनाए देते हैं। उन्होंने नरेश के सारे कपडे उतार दिए और मम्मी के ऊपर चढ़ा दियालेकिन शर्म के मारे नरेश का लंड खडा नहीं हो रहा था.अजीत बोला साले लंड जल्दी तय्यार कर ,नहीं लंड काट कर तेरी माँ की चूत में घुसा देंगे.फिर लंड के बिना तेरी शादी कसे होगी.मामी घबरा गयी,खडा करने के लिए नरेश का लंड चूसने लगी.यह देख मुझे नरेश का लंड बड़ा प्यारा लग रहा था.फिर भी नरेश झिझक रहा था अपना लंड मम्मी की चूत में नहीं घुसा रहा था.यह देख कर मम्मी ने कहा बेटा यह लोग जैसा कहें वैसा करो.आखिर तुम जिस चूत से निक्के हो उसे चोदने में में कैसी शर्म.आजा बेटा जल्दी से लंड अन्दर घुसा दे और अपनी माँ की इज्जत बचाले.इतना सुनते ही नरेश का लंड फनफनाने लगा.न्रेसने एक ही झटके में पूरा लंड मम्मी की चूत में घुसा दिया.और धक्के मारने लगा.मम्मी जोर जोर से ओह ओह उई उई करने लगी .तीनों बोले यार यह माँ बेटे की चुदायी देख कर अपने लंड भी खड़े हो गए हैं.मम्मी को मेरे सामने चुदवाने में कोई शर्म नही आ रही थी.वह तो नरेश के लंड का स्वाद ले रही थी.उसे भी मजा आरहा था.मम्मी को लुटाने का कोई दुःख नहीं था.वह हरेक धक्केपर अपनी कमर उछाल रही थी.जब अजीटने अपना लंड मम्मी के मुंह में दे दिया तो व उसेप्यार से चूसने लगा.मम्मी नरेश से कह रही थी बेटा कितना बड़ा संकट क्यों न हो लंड का मजा लेना चाहिए.फिर तुम तो मरे बेटे हो तुम दोगुनू ताकत से धक्के मारो.तुमने जितना मेरा दूध पीया है उतना ही अपने लंड का रस मेरी चूत में डाल देना।
यह देख कर खुद मेरी चूत गीली हो रही थी आदा घंटे तक चुदाई करने के बाद नरेश ने अपना वीर्य मामी की चूत में डाल दिया.वीर्य चूत से बाहर आरहा था.यह देख कर सतीश ने मेरे बाल पकड़ कर मेरा मुंह मम्मी की चूत पर रख दिया और बोला ,साली देखती क्या है ,जल्दी से चूत का सारा रस चाट ले.क्या तझे अपने भाई के लंड का और माँ की चूत का रस पसंद नहीं है.पी ले पी ले.इससे तुजे हमारे लंड झेलने जे लिए ताकत मिल जाए गी.और हमारे लंड लेने में दर्द नहीं होगा। अब तेरी बारी हैपाहिले किसका लंड लेगी.और तीनों में अपने लंड मेरे सामने निका कर दिखाए.सभी लंड काफी बड़े थे .मेरे सनझ में नही आ रहा था की मैं कौन सा लंड लूँ मैं माँ की तरफ देखने लगी.माँ ने बी तीनों लंड देखे और बोली तुम लोग खुद तय करो.लेकिन समझ लो मेरी लड़की ने अभी तक लंड का स्वाद नहीं लिया .अजीत बोला यह तो और अच्छी बात है आपके सामने ही आपकी लड़की की चूत का उदघाटन होगा .आपकी लड़की किस्मतवाली है.एकसाथ तीन लोगों से सुहागरात मना रही है.भविष्य में उसे लंड लेने में कोई तकलीफ नहींहोगी.हम पाहिले सबसे बड़े लंड से चूत की सील तोड़ेंगे.तुम उसे हिम्मत दिलाना.की वह लंड बर्दाश्त कर ले।
मम्मी ने मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर उसे चिकनी कर दी ,और बोली बेटा हरेक लड़की को एक न एक दिन लंड लेना पड़ता है.मुझे भी फले दर्द हुआ था ,लेकिन आज मैं हरेक तरह के लंड आराम से ले सकती हूँ.औरत की जिन्दगी तो सिर्फ चुदवाने के लिए होती है.चाहे उसका पति चोदे या कोई और .इसलिए तू आराम से चुदवाले मैं तेरे पास रहूँगी.और तेरी चूत फैलाती रहूँगी ताकि लंड में जगह बनाती रहे।
मम्मी के समाजाने प् मैं तैयार हो गयी और टांगें फैला कर पलंग पर लेट गयी.अजित का लंड सबसे बड़ा करीब ११ इंच का था.अजीत ने लंड का सुपारा चूत के छेड़ पर रखा और लंड धीमे धीमे घुसाने लगा.जब आधा लंड अन्दर चला गया तो मम्मी बोली पूनम शाबाश.हिम्मत राखो.अजीत लंड थोड़ा सा बाहर निकऔर एक जोर दार धक्का मारा .लंड चूत को फाड़ते हुए पूरा अन्दर चला काया.मैं जोर से चीलाई मम्मी बचाओ मेरी चूत फट रही है .यह लंड भुत बड़ा है.मम्मी बोली धीरज रखो आगे से छोटे लंड से तुम्हारी चुदायी केंगे.चूत से खून आ रहा था.लेकिन अजीत लगा तार धक्क्के मार रहा था.मम्मी भी अपनी चूत में उंगली कर रही थी.और मजे ले रही थी.नरेश का लंड दोबारा खडा हो गया था.बीस मिनट के बाद मुझे मजा आने लगा.छुट से फचाफाच फच फच की अवा आने लगी।
मम्मी बोली पूनम अब तुम चुदवाने के लिए काबिल हो गयी.और मेरी तरह रोज चुदवायाकरोगी। .बाद में दोनों बाक़ी लोगों ने मेरी जम कर चुदाई की .और मामी की दोबारा गांड मारी.सतीश मेरे भाई से बोला तुम भी पूमम की सील टूटी चूत का मजा लेलो ऐसा मौक़ा तो तुम्हे फिर और भी मिलेगा.मम्मी बोली बेटा फिन के आगी अपनी माँ को नहीं भूलना,मुझे भी लंड देते रहना.तुम्हारा जवान लंड है .अब पापा के लंड में मेरी चूत की प्यास बजाने कीताकत नहीं रही,जातेजाते तीनो लुटेरों ने सारे जेवर और रुपये वापस कर दिए और बोले आंटी आपने और पूनम ने बड़ा मजा दिया,जब भी हमारे लद की जरूरत हो याद कर लेना ,अजीत बोला पूनम की चूत बड़ी मस्त है.काश मेरी शादी पूमम से हो जाती।
मम्मी ने पूछा बोलो पूनामतुम्हें अजीत का का लंड कैसा लगा,उम अजीत से शादी करोगीई मैं तैयार हो गयी
आज मैं अजीत की पत्नी हूँ .और अजीत से रोज चुदती हूँ.बाक़ी लोग भी कभी मुझे और कभी मेरी मम्मी की की चुदायी करने आते रहते हैं।
हमारा दहेज़ का खर्चा बच गया.अगर किसी लड़की को दहेज़ का खर्चा बचाना हो तो वह,पाहिले ही अपनी चूत किसी को देदे

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चूत फाड़ चुदाई हुई दोस्त की मम्मी की

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा बचपन से ही मन सेक्स की तरफ बहुत आकर्षित होता था। में आज आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और यह कहानी मेरे एक दोस्त की माँ के साथ हुए मेरे सेक्स पर आधारित है। दोस्तों राजीव मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है और जब हमारे कॉलेज में बारिश के दिनों 20 दिन की छुट्टियाँ हो गयी.. तो वो मुझे अपने घर जो पटना से 30 किलोमीटर दूरी पर था वहाँ पर ले गया।

राजीव की मम्मी विधवा थी और उनकी उम्र 38 साल थी लेकिन उनको देखकर लगता था कि वो 28-30 साल से ज़्यादा उम्र की नहीं होगी। वो फिल्म हिरोइन जैसी दिखती थी.. पतली कमर और बड़े बूब्स वाली एकदम सेक्सी हॉट औरत। वो बहुत ही गोरी थी और उनके बूब्स बड़े बड़े थे और बूब्स खड़े ही रहते थे और ब्लाउज के अंदर से टाईट बूब्स को देखकर बहुत जल्दी में हॉट हो गया। आंटी, राजीव और मुझे बहुत प्यार करती थी और अच्छा-अच्छा खाना बनाकर खिलाती थी और रात को राजीव और में एक साथ सोते थे। फिर जब रात को हम दोनों टीवी पर पिक्चर देख रहे थे तो एक हॉट सीन को देखकर हम दोनों ने भी एक दूसरे से सेक्स की बातें करनी शुरू कर दी।

राजीव : वाह यार इसके बूब्स बहुत बड़े हैं।

में : हाँ यार इतने बड़े बूब्स को दबाने में भी बहुत मज़ा आएगा।

राजीव : हाँ यार मुझे तो इसकी मोटी जाँघ और गांड भी पसंद है।

में : लेकिन मुझे इसकी पतली कमर ही पसंद है।

राजीव : हाँ.. लेकिन पतली कमर वाली के ज्यादा बड़े बूब्स नहीं होते हैं।

में : नहीं यार होते हैं जरा ध्यान से सोच।

दोस्तों मेरा इशारा उसकी मम्मी की तरफ था.. आंटी 5.3 इंच की गोरी औरत थी और उनकी कमर 28 इंच की थी और गांड 34 इंच की लगती थी लेकिन उनके बूब्स का साईज़ 36 इंच और वो एकदम बड़े बड़े थे।

राजीव : अच्छा तू बता.. तेरी नजर में ऐसा कौन है?

में : रेखा.. क्यों आंटी के फिगर भी तो ऐसे ही है?

राजीव : चकित हो गया क्या.. तेरा मतलब मम्मी?

में : हाँ तूने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.. इस उम्र में भी उनके बहुत कड़क बूब्स हैं और कमर भी एकदम पतली है और वो भी चुदवाने के लिए हमेशा तड़पती रहती है।

तो राजीव कुछ देर तक खामोश रहा और मुझे लगा कि शायद वो बुरा मान गया.. लेकिन उसने थोड़ी ही देर के बाद कहा कि क्या तुझे लगता है और क्या तूने बड़े गौर से देखा है?

में : हाँ यार मुझे लगता है कि उनको भी चुदवाने की इच्छा तो होती ही होगी.. आख़िर तू भी बोल रहा था कि वो पिछले 16 साल से विधवा हैं।

राजीव : हाँ यार।

में : उन्होंने तेरे पापा के बाद कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया होगा और अगर में तेरी मम्मी को खुश कर दूँ तो तुझे तो कोई आपत्ति नहीं है ना?

राजीव : मुझे क्या आपत्ति.. तुझे भी मज़ा मिलेगा और उनका भी तो काम होगा और फिर में क्या कहूँगा?

अब में मन ही मन में खुश हो गया.. लेकिन क्या मम्मी राज़ी होगी?

में : यार उनके बूब्स कितने बड़े है और गांड भी बिल्कुल कसी हुई और टाईट लगती है.. उनको भी सेक्स की बहुत इच्छा होगी और तड़पती भी होगी।

राजीव : हाँ.. लेकिन तू यह सब कैसे करेगा?

में : तू मुझे अब कोई आईडिया सोचने दे।

फिर इस बातचीत के बाद अगले दिन से आंटी से मेरी बातें और भी ज़्यादा होने लगी और आंटी ने भी एक दो बार इस बात पर ध्यान दिया कि में उनके बूब्स को घूर रहा हूँ.. लेकिन वो ज्यादा देर ध्यान नहीं देती। एक दिन दोपहर को मैंने राजीव को किसी बहाने से घर से दूर रहने को कहा और वो आंटी से इजाजत लेकर कुछ गावं के लड़को के साथ नदी में तैरने चला गया और मुझे तैरना नहीं आता तो में घर पर ही रुका रहा।

उस वक्त आंटी ज़मीन पर एक चटाई बिछाकर लेट रही थी और मैंने उनसे कहा कि आंटी आप इतनी मेहनत करती है.. खाना बनाती हैं, घर की साफ सफाई करती हैं, जानवरों की देखभाल, खेत के मजदूरों की झंझट, आप तो यह सब करके बहुत थक जाती होंगी? आंटी ने कहा हाँ में अकेली हूँ तो मुझे ही यह सब करना पड़ेगा.. इसलिए में दिनभर बहुत थक जाती हूँ लेकिन इसका ओर क्या चारा है?

तो मैंने कहा कि आंटी अगर आपको बुरा ना लगे तो में आपके पैरों की मालिश कर देता हूँ? और थोड़ी देर पैर भी दबा देता हूँ। इससे आपको बहुत आराम मिलेगा.. आंटी ने पहले तो मना किया और फिर मेरे ज़ोर देने पर राज़ी हो गयी। में ट्राऊजर औट टीशर्ट पहने हुए था और मैंने अंदर जानबूझ कर अंडरवियर नहीं पहनी हुई थी।

आंटी पलटकर ज़मीन की तरफ मुँह करके चटाई पर लेट गयी और में उनके पैर दबाने और मसलने लगा.. उनके पैरों की मसाज से उन्हे बड़ा आराम मिल रहा था और 10 मिनट तक पैरों की मसाज के बाद में उनके पैर और घुटने दबाने लगा और फिर उनकी जांघो को दबाने और मसलने लगा लेकिन उनकी चिकनी गोरी जांघ बहुत ही कमाल की थी और मेरा मन कर रहा था कि में अभी उनके पैरों को चाट लूँ। लेकिन मैंने आपने आप पर काबू करके उनकी जांघो पर हाथ से सहलाने लगा और अब मैंने उनकी साड़ी को जांघो से थोड़ा ऊपर हटा दिया था और उनके पैर और जांघों की मसाज कर रहा था।

फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी आपको और भी ज्यादा आराम तब मिलेगा.. जब में आपकी कमर की भी मसाज कर दूंगा। तो आंटी ने कहा कि हाँ वो भी कर दो और यह सुनकर में आंटी की पीठ की भी मसाज करने लगा और उनके ब्लाउज के नीचे ब्रा की डोरी को महसूस करने लगा था। तो अब आंटी मेरे हाथों के मसाज का मज़ा ले रही थी और फिर मेरी हिम्मत भी थोड़ी बड़ने लगी थी और में अब उनके दोनों पैरों के ऊपर आकर उनकी जांघो और कमर की मसाज करने लगा था।

तो मेरे मसाज के दबाव से उनकी साँस बीच-बीच में तेज़ हो रही थी। फिर में उनके दोनों पैरों के बीच बैठकर उनकी कमर दबाने लगा और जब मैंने उनकी कमर को साईड से सहलाया तो वो हल्की-हल्की सिसकियाँ लेने लगी। में उनकी दोनों जांघों के ऊपर बैठा हुआ था और उनका चेहरा नीचे की तरफ और वो पेट के बल लेटी हुई थी और उनकी साड़ी घुटनो से ऊपर थी। फिर मैंने देखा कि आंटी को मेरे मसाज करने से बहुत आराम पहुँच रहा है तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनकी गांड पर हाथ रखा और साड़ी के ऊपर से ही दबाने लगा और में उनके कूल्हों को साड़ी के ऊपर से ही अपने दोनों हाथों से दबा रहा था।

अब मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था और उनकी गांड भी सच में बहुत टाईट थी.. जैसे कि वो कोई कुँवारी लड़की हो। तो मैंने थोड़ा नीचे सरककर उनके दोनों पैरों को और फैला दिया और उन्होंने भी बिना विरोध के दोनों पैर खोल दिए और मैंने उनके दोनों पैरों के बीच में बैठकर.. उनकी साड़ी को कमर से ऊपर हटाया और फिर उनकी गोरी गांड मेरी नजरों के सामने थी.. क्योंकि आंटी ने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और मुझे उनकी काली-काली झांटे दिख रही थी।

अब में धीरे-धीरे हाथ को आगे बढ़ाकर उनकी गांड को सहलाने लगा और फिर उनकी गांड के छेद पर मुँह रखकर चाटने लगा और अब आंटी सिसकियां लेने लगी थी। तो में उनकी गांड के छेद में जीभ को डालकर चाट रहा था और में धीरे से एक हाथ को सामने की तरफ ले जाकर उनकी चूत को सहलाने लगा.. लेकिन चूत पर बहुत बाल होने के कारण मुझे उनकी चूत का छेद दिखने में बहुत दिक्कत हुई.. लेकिन उनकी चूत गीली हो चुकी थी और ज़ल्द ही मुझे वो रसीला छेद मिल गया.. जहाँ से पानी टपक रहा था।

मैंने अपनी एक उंगली को धीरे से अंदर डाल दिया और उंगली के अंदर घुसते ही आंटी चिल्ला पड़ी.. आअहह अईईई। तो में समझ गया कि बहुत दिनों से चूत के अंदर कोई भी लंड नहीं गया और आंटी को मज़ा आने लगा। उनकी चूत इतनी टाईट और रसीली थी कि उसे देखकर मेरे लंड का हाल तो और भी ज्यादा खराब होने लगा था और में आंटी की पीठ के ऊपर लेटकर उनकी गर्दन और पीठ को किस करते हुए एक उंगली से उनकी चूत के छेद को खोदता रहा और मेरे लंड को ट्राउज़र के ऊपर से ही उनकी गांड पर घिसने लगा।

फिर मेरी उंगली आंटी की चूत में अंदर बाहर होने लगी थी और आंटी हल्की-हल्की सिसकियाँ लेने लगी थी.. आंटी की गर्दन को दाँत से हल्के-हल्के काटते हुए मैंने कहा कि आंटी आपकी चूत पर बाल बहुत बड़ गए हैं और लंड को अंदर डालने में बहुत दिक्कत होगी। वैसे मुझे चूत पर बाल तो बहुत अच्छे लगते है लेकिन आप बालों को थोड़ा छोटा करवा लेना और में आपको अगले 8 दिन तक बहुत चोदना चाहता हूँ.. क्यों करोगी ना चूत के बालों को थोड़ा छोटा? यह पूछकर में और स्पीड से उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा। तभी दरवाज़े पर राजीव के आने की आवाज़ सुनाई दी और आंटी अपनी साड़ी को समेटकर.. मुझे देखे बगैर ही बाथरूम में घुस गयी। तो मैंने उठकर दरवाज़ा खोला और फिर राजीव मेरे खड़े लंड को देखकर चोंक गया। तो मैंने इशारों से कहा कि मामला सेट है और बाद में रात को खाना खाने के बाद बताऊंगा।

फिर रात को हम खाना खाकर कमरे में चले गये और आंटी एकदम ऐसा व्यहवार कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं और हमे खाना देकर आंटी बाथरूम में नहाने के लिए चली गई और अपने साथ में राजीव के शेविंग बॉक्स से कैंची भी बाथरूम में ले गई। तो में समझ गया कि आज आंटी चूत के बाल कम करेंगी। फिर रात के खाने के बाद राजीव को मैंने सब कुछ बताया.. वो भी गरम हो गया और एक घंटे तक मेरे लेपटॉप पर हम दोनों के ब्लूफिल्म देखने के बाद में धीरे से उठा और राजीव को कहा कि अब में तेरी मम्मी को चोदने जा रहा हूँ।

राजीव : तू क्या इस ब्लूफिल्म में जैसे गांड में लंड डाल रहे है वैसा भी करेगा? ओर क्या मेरी मम्मी की चूत को डोगी पोज़िशन में भी चोदेगा?

तो मैंने कहा कि तेरी मम्मी को पहले लंड चुसवाऊंगा.. फिर आखरी में डोगी पोज़िशन में चोदूंगा और अगर वो मान गयी तो आज गांड में भी लंड डालूँगा.. नहीं तो गांड में डालने के लिए और 2-3 दिन धीरे धीरे कोशिश करनी पड़ेगी। फिर राजीव ने कहा कि उसको भी चुदाई देखनी है तो मैंने कहा कि में जाकर शुरू करता हूँ। जब थोड़ी देर बाद चुदाई ज़ोर से चलेगी.. तब तू छुपकर देख लेना और ध्यान रखना की आंटी को पता ना चले और वो राज़ी हो गया। तो में आंटी के बेडरूम की तरफ गया और जैसा मेरा अनुमान था.. दरवाज़ा खुला था और में बिस्तर पर आंटी को सोते हुए देखकर उनके पास बैठ गया और उनके एक बूब्स पर हाथ रखा और दबाने लगा।

आंटी नींद से उठ गयी और थोड़ा चौंकने का बहाना करके बोली कि तुम यहाँ हो तो राजीव कहाँ है? तो मैंने कहा कि रूम बाहर से लॉक है और वो गहरी नींद में सोया है और अब वो कल सुबह तक ही उठेगा। फिर में उनके ऊपर लेटकर उनके होंठ को चूमने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी.. मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया और नंगे बूब्स को दबाते हुए एक निप्पल चूसने लगा और वो भी मस्ती में आने लगी। फिर में ज़ोर-ज़ोर से निप्पल को एक-एक करके चूसने लगा और वो अह्ह्ह उह्ह्ह आअहहह करने लगी.. फिर मैंने अपना लंड ट्राउज़र से बाहर निकालकर आंटी के हाथ में दिया.. आंटी मेरा लंड सहलाने लगी।

आंटी : यह तो बहुत बड़ा है।

में : क्या आपने कभी इतना बड़ा नहीं लिया?

आंटी : नहीं.. मुझे बहुत डर लग रहा है।

में : आराम से करूँगा। उससे दर्द नहीं होगा.. मन ही मन में सोच रहा था कि आंटी गरम हो चुकी है और मेरा काला मोटा लंड अपनी चूत के अंदर डलवाना चाहती है और डर तो एक बहाना है और जब एक बच्चा इनकी चूत से निकल चुका है तो फिर मेरा लंड कितना बड़ा है? लेकिन उनकी चूत बहुत टाईट हो गई थी.. क्योंकि पिछले 16-17 साल से उन्होंने चूत नहीं मरवाई थी। तो मैंने लंड को उनके मुँह पर रखकर कहा कि इसको चाटकर गीला कर दो और में उनकी चूत पर मुँह रखकर उनके ऊपर सो गया। वो मेरे लंड को चाट रही थी और आईसक्रीम की तरह चूस रही थी और में उनके चूत के दाने को उंगली से रगड़ते हुए उनकी चूत को चाट रहा था और अब उनकी चूत पानी छोड़ना शुरू कर चुकी थी और मेरा लंड लोहे जैसा गरम हो गया था।

उनके मुँह से मैंने लंड को बाहर निकाला और एक तकिया उनकी गांड के नीचे रखा और में अपने लंड को उनकी चूत के छेद पर रखकर धीरे-धीरे रगड़ रहा था और एक हल्का सा धक्का दिया। तो उन्होंने थोड़ी सी सिसकियाँ लेकर गांड को हटा लिया.. तो लंड अंदर नहीं जा सका और अब मैंने उनकी कमर को एक हाथ से पकड़कर रखा था.. तो आंटी बोलने लगी कि थोड़ा धीरे कर आहह उह्ह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है बेटा धीरे डालना यह बहुत बड़ा है।

फिर मैंने अपने लंड को उनकी चूत की दीवार पर रखकर उनकी निप्पल को थोड़ा चूसा और बोला कि आंटी आप बिल्कुल भी डरो मत बस थोड़ा सा लंड पहले अंदर चले जाने दो और फिर आपकी चूत के अंदर मेरा लंड खुद अपनी जगह बना लेगा और बस एक बार लंड को थोड़ा अंदर जाने दीजिए। फिर यह कहकर मैंने उनके दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर ऊपर की तरफ उठाया और कमर के नीचे एक हाथ को डालकर गांड को तकिये के ऊपर खींचकर रखा और उनकी चूत ऐसा करने से और भी ज्यादा खुल गयी तो मैंने लंड को उनकी गुलाबी रसभरी चूत के छेद पर रखकर उनकी हल्के-हल्के झांटो वाली चूत के दाने को दूसरे हाथ की उंगली से सहलाया लेकिन आंटी ने योनसुख के मारे आँखे बंद करके उूउउस्स्स्स्स आअहमम्म्म ऊऊऊहह कर रही थी।

यह सही मौका देखकर मैंने अपने लंड को चूत में एक ज़ोरदार धक्का लगाया.. आंटी उईईईइ माँ मर गयी बाहर निकालो इसे.. मेरी चूत फट गई.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है और यह कहकर मुझे धकेलने वाली ही थी कि में उनको अपने दोनों हाथों से पकड़कर उनके होंठो को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और वो दर्द से थोड़ी सी कसमसाने लगी थी।

तभी मैंने अपने पैर और जांघो से उनके दोनों पैर को ऊपर की तरफ धकेल रखा था और लंड का दो इंच से ज़्यादा हिस्सा आंटी की चूत में जा चुका था और आंटी के मुँह में अपना थूक डालते हुए और उनके थूक को उनके मुँह से चूसते हुए उनकी जीभ को अपनी जीभ से चूसता और चूसते हुए मैंने धक्का लगाना ज़ारी रखा और अब करीब 5 इंच का मेरा काला मोटा लंड उनकी नरम, गरम झांट वाली चूत के रस में भीगने लगा था। तो में बीच-बीच में उनकी गरम झांटो वाली चूत को हाथ लगाकर और भी हॉट हो जाता और ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगा रहा था और आंटी को भी बहुत मज़ा आ रहा था। तो में अब उन्हे किस करना बंद करके उनके बूब्स दबाता और निप्पल चूसते हुए फुल स्पीड से उनको चोद रहा था। आंटी ने अब अपने दोनों पैरों को मेरी कमर के ऊपर से लॉक कर दिया था और अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ दे रही थी।

तो उनकी सिसकियों की आवाज़ तेज़ हो रही थी और धीरे-धीरे आंटी की सिसकियाँ बढ़ रही थी और उनको यह ख्याल भी नहीं था कि राजीव पास के रूम में सो रहा है लेकिन राजीव तो चुपचाप छुपकर यह सब देख रहा था। फिर आंटी ने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने निप्पल पर रखा और 15 मिनट हो चुके थे। मेरा शरीर अकड़ रहा था और जोश की वजह से मैंने आंटी को टाईट अपने जिस्म पर दबोच लिया। तो आंटी नाख़ून से मेरी पीठ को पागलों की तरह नोच रही थी।

फिर आंटी और में एक साथ झड़ गये और मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर के धक्को के साथ अपना पानी उनकी चूत में छोड़ रहा था और फिर कुछ देर के बाद धीरे-धीरे सिकुड़कर बाहर आ गया और उनकी भी पकड़ मेरे शरीर से ढीली होती गई। फिर आंटी दो तीन मिनट के बाद उठकर बाथरूम गई और में अपने रूम पर वापस आ गया तो वहाँ पर राजीव मेरा इंतज़ार कर रहा था। तभी मेरे वहाँ पर पहुंचते ही उसने कहा कि यार तेरा इतना मोटा लंड मम्मी बड़ी आसानी से अंदर ले रही थी। फिर मैंने उसकी हर बात का जवाब दिया और हम सो गए। उसके बाद मैंने आंटी को बहुत बार चोदा और हर बार राजीव छुपकर हमारी चुदाई देखा करता था।

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बहन की चूत को चाटकर चोदा

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राहुल है और में आज अपने जीवन की एक सच्ची घटना आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों मैंने बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी और वो मुझे बहुत अच्छी भी लगी.. उन्ही को पड़कर मेरे मन में अपनी भी सच्ची घटना आपको सुनाने की प्रेरणा मिली.. वैसे यह मेरी पहली कहानी है। दोस्तों में लखनऊ का रहने वाला हूँ और मेरी फेमिली में मेरी बहन जिसका नाम खुशी है.. में और मेरे पापा रहते है। मेरे बड़े भैया जो मुझसे 5 साल बड़े है वो मेरी भाभी के साथ कानपुर में रहते है।

में और मेरी बहन एक ही स्कूल में पढ़ते है। मेरी बहन मुझसे दो साल छोटी है और हम दोनों शहर के एक बहुत बड़े स्कूल में पढ़ते हैं। दोस्तों मेरी बहन अपनी उम्र से थोड़ी ज़्यादा बड़ी दिखती है और उसके बूब्स बड़े बड़े है वो एकदम गोरी चिट्टी सी है और उसका फिगर 26-32-26 है। दोस्तों यह घटना 24 जुलाई 2012 की है।

एक दिन मेरे पापा ऑफिस के लिए सुबह 9 बजे घर से निकल गए और हम दोनों भाई बहन को उस दिन 10 बजे स्कूल के लिए निकलना था और अब हम दोनों घर से तैयार होकर अभी घर से कुछ ही दूर निकले थे कि बहुत तेज़ बारिश शुरू हो गई और हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे। मेरी बहन ने सफेद कलर की शर्ट पहनी हुई थी जिसमे से उसकी काली कलर की ब्रा बिल्कुल साफ साफ दिख रही थी लेकिन उसने इस बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। वहां पास में ही एक दुकान थी जहाँ जाकर हम बारिश से बच सकते थे लेकिन वहां पर बहुत भीड़ थी तो मैंने उससे कहा कि हम वापस घर चलते है और हम दोनों वापस घर आ गये और हमने उस दिन स्कूल नहीं जाने का प्लान बनाया।

फिर उस दिन की पहली बारिश थी तो खुजली से बचने के लिए हमे नहाना भी बहुत ज़रूरी था। में और मेरी बहन एक ही रूम में रहते है तो खुशी ने मुझसे कहा कि तुम बाहर वाले बाथरूम में जाओ.. में यहीं पर नहाऊंगी और फिर में बाहर वाले बाथरूम में नहाने चला गया। तो मेरी बहन ने नहाने के बाद एक गाऊन पहन रखा था और अब वो आराम करने जा रही थी और मैंने टी-शर्ट, पेंट पहन रखी थी। फिर वो बेड पर लेट गई और में भी जाकर उसके पास में लेट गया.. तभी मेरी बहन खुशी ने मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा कि तूने मुझे दुकान पर क्यों नहीं रुकने दिया?

में : बस ऐसे ही मुझे अच्छा नहीं लग रहा था.. तुम्हारे के अंडरगार्मेंट दिख रहे थे।

खुशी : हाँ मुझे सब पता है।

फिर खुशी ने मेरे पैर पर अपना पैर रखते हुए धीरे से कहा कि आओ मुझे छुओ और फिर मैंने उसे छुआ तो मुझे कुछ महसूस हुआ कि खुशी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी है और वो अपने बूब्स को मेरी छाती पर दबा रही थी।

में : अरे खुशी क्या तुम ठीक हो?

खुशी : हाँ में ठीक हूँ और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ भैया।

में : हाँ.. में भी।

फिर कुछ देर खुशी एकदम से गरम हो गई और मुझे तकिए से मारने लगी.. दोस्तों बचपन में हम भाई, बहन तकिए से लड़ाई और रेसलिंग खेलते थे। तो खुशी ने कहा कि आओ आज हम खेलते है और फिर हम लोग रेसलिंग करने लगे.. मैंने उसे सीधा करने के लिए पीछे से पकड़ा और उसके बूब्स मेरे हाथों में आ गये। दोस्तों वैसे यह हर बार खेलते हुए होता होगा लेकिन मैंने उस दिन पहली बार ध्यान दिया कि उसके बूब्स बहुत ही मुलायम थे और मुझे अच्छा लग रहा था।

में उसके मुलायम बूब्स पर पकड़ बनाते हुए उसे पलटने की कोशिश करने लगा लेकिन उसने मेरे कान पकड़ लिए में उसके बूब्स को छोड़ना नहीं चाहता था इसलिए में उसकी कमर पर ही लेट गया और अब तक में भी गरम हो गया था। मेरा लंड खड़ा हो गया था जो कि उसकी गांड में चुभ रहा था। फिर में उसके बूब्स को धीरे धीरे ढीले करने लगा जैसे कि में उसे पलटने की कोशिश कर रहा हूँ और इसी के साथ मेरा लंड भी टाईट होता जा रहा था। मेरी बहन धीरे से मेरा हाथ ऊपर की और सरकाने के बहाने अपने गाऊन को ऊपर सरकाने लगी.. वो बार बार अपने बूब्स से मेरा हाथ ऊपर की और सरकाती और में बार बार उसके बूब्स को पकड़ लेता। तो ऐसे करते करते गाऊन उसकी छाती से भी ऊपर आ गयी और फिर जब मैंने जैसे ही अगली बार अपना हाथ उसके बूब्स पर रखा.. तो मैंने महसूस किया कि गाऊन अब तक पूरा ऊपर चला गया था।

फिर मेरी बहन ने कहा कि पहले जाओ गेट बंद कर दो और कोई गाना चला दो और फिर से दोबारा रेसलिंग शुरू करते है। तो में उठकर गया और गेट बंद करने के बाद एक रोमेंटिक गाना पसंद करके शुरू कर दिया। तब तक मेरी बहन वापस गाऊन पहन चुकी थी और मैंने सोचा कि यह सब जो हुआ है.. उस पर शायद मेरी बहन ने ध्यान नहीं दिया। फिर में उसको सीधा पटककर उसके ऊपर चढ़ने की कोशिश करने लगा लेकिन खुशी इस बार उल्टा पलट गई और मैंने जानबूझ कर उसकी चूत के बीच में अपना लंड फंसा दिया और उसके बूब्स को फिर वैसे ही दबाने लगा जैसे उसे सीधा करने की कोशिश कर रहा हूँ और अब मेरा लंड बहुत कड़क हो गया था और उसने धीरे से गाऊन को हटा दिया। तो मेरे लंड और उसकी गांड के बीच में सिर्फ़ मेरी पेंट और अंडरवियर और उसकी पेंटी थी और अब उसने सीधा होते हुए अपने गाऊन को ऊपर कर दिया और मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में फंसा लिया। मेरा लंड बहुत टाईट हो गया था।

खुशी : तुम अपनी पेंट को उतार दो।

फिर में अपनी पेंट को उतारते हुए बोला अब ठीक है और इसी बीच खुशी ने अपने पेंटी की डोरी को थोड़ा ढीला कर दिया और पूरी खोलकर लेट गई तो में उसके दोनों पैरों के बीच में जाकर फिक्स हो गया और अब मेरा लंड उसकी चूत को छू रहा था। फिर खुशी ने अपने दोनों पैरों को मेरी कमर में फंसाते हुए मेरी अंडरवियर को नीचे सरका दिया और अब मेरा खड़ा लंड बाहर था और में लंड को खुशी की चूत के ऊपर रगड़ने लगा। तो खुशी ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और में भी उससे लिपट गया। वो मेरे कानों पर किस करने लगी और में उसकी गर्दन पर। फिर में उसके बड़े बड़े बूब्स को दबाने लगा। तो खुशी मेरे पूरे शरीर पर अपने दोनों हाथ घुमाने लगी और बोली कि प्लीज इसको चूसो और फिर में उसके बूब्स को दबाना छोड़कर दोनों बूब्स को चूसने लगा और फिर खुशी मोन करने लगी।

फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये। में उसकी चूत को चाटने लगा और वो मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और कुछ देर बाद मुहं में लेकर चूसने लगी। दोस्तों मैंने ध्यान दिया कि हम दोनों ने कुछ दिन पहले ही शेविंग किया था.. जिससे उसकी चूत और भी सुंदर और फूली हुई नजर आ रही थी। तो में अब बेड से नीचे उतरकर उसकी चूत को चाटने लगा और अपनी जीभ को अंदर बाहर करके खुशी की चूत को चोदने लगा। तो वो अब बहुत बेचेन हो गई और बहुत तेज़ मोन करने लगी.. इसलिए मैंने म्यूज़िक की गाने की आवाज थोड़ी और बढ़ा दी.. जिसकी वजह से उसकी मोन करने की आवाज दब गई।

फिर में दस मिनट तक उसे अपनी जीभ से चोदता रहा और फिर वो मेरे लंड को मुहं में लेकर बड़े प्यार से चूसने लगी और अब मेरा अपने लंड पर से जोर खत्म होने लगा था.. क्योंकि वो मेरा आखरी समय चल रहा था और में अब झड़ने वाला था और इसलिए मैंने उसके मुहं से अपना लंड बाहर निकाल लिया और पास ही पड़े एक टावल को उठाकर उसे लंड पर रखा और उस पर सारा पानी निकाल दिया। फिर हम दोनों नंगे ही बेड पर लेट गये। में उसकी चूत में एक ऊँगली डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर करके चूत को सहलाने लगा और फिर ऊँगली से ही उसकी चूत को चोदने लगा। मेरी ऊँगली उसकी गीली चूत में फिसलकर पूरी अंदर तक जा रही थी।

वो भी मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाकर मेरे लंड में जान डालने की कोशिश कर रही थी और कुछ देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और अब उसकी चूत को फाड़ने के लिए एकदम तैयार था और खुशी भी एकदम गरम हो चुकी थी। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अंदर डालने के लिए एक ज़ोर से धक्का लगाया तो मेरा लंड फिसल गया.. तो मैंने उसकी चूत को चूसने के बहाने उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगा दिया और खुशी ने भी मेरे लंड पर थूक लगा दिया.. अब लंड और चूत दोनों एकदम चिकने हो गए थे। अब मैंने उसकी चूत के छेद पर लंड रखकर धीरे से धक्का लगाया तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत को चीरते हुए अंदर चला और उसी के साथ खुशी के आँखो से आँसू आ गये और वो दर्द भरी आवाज़ में बोली.. भाई निकाल लो वरना में मर जाउंगी।

में : जान थोड़ी देर बर्दाश कर लो.. तुम्हे अभी बहुत मज़ा आएगा।

फिर में उसके गालों पर किस करने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा और धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर डालता और कुछ देर में मेरा पूरा 6 इंच का लंड उसकी चूत में था। में अब धीरे धीरे ऊपर नीचे करके उसे चोदने लगा तो खुशी दर्द और मज़ा मिक्स करने लगी। फिर कुछ देर ऐसे ही चलता रहा.. फिर खुशी को मज़ा आने लगा और खुशी अपनी गर्दन हिलाते हुए कहने लगी कि राहुल और तेज़ धक्के मार.. में स्पीड बड़ाते हुए ओहह यस खुशी.. में तेरी चूत को फाड़ दूँगा और आज तेरी चूत को फाड़कर भोसड़ा बना दूँगा।

खुशी : अरे फाड़ दे राहुल मेरी चूत आअहह सस्स्स्सस्स यस राहुल जान फक मी और तेज़ ईईए रााहूऊऊुुउउल…. और तेज चोदो राहुल।

मैंने अब उसे गोद में उठाया.. तो उसने अपने पैरों को मेरी कमर के आस पास बाँध लिया। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर उसको नीचे की तरफ थोड़ा सरकाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। फिर में उसकी चूत को 15 मिनट तक चोदता रहा। फिर मैंने बोला कि में झड़ने वाला हूँ। तो खुशी ने बोला कि अंदर ही निकाल दो भाई और में उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया.. फिर म्यूज़िक बंद करके ह्म दोनों नंगे ही एक दूसरे को बाहों में लेकर सो गए ।

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