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स्टूडेंट और उसकी माँ की चूत लिया

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हैल्लो मेरे प्रिय मित्रो, में राहुल आज आप सभी के सामने हाज़िर हूँ अपनी एक सच्ची कहानी लेकर और यह आप लोगों के लिए कहानी ही होगी, लेकिन यह मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है, जो अभी एक सप्ताह पहले मेरे साथ घटित हुई. में नौकरी करने के लिए दिल्ली गया और वहाँ पर एक रूम किराए पर ले लिया और नौकरी की तलाश करने लगा. कुछ दिन बाद वहाँ मुझे एक ट्यूशन पढ़ाने का मौका मिला. दोस्तों वो एक 8th क्लास का स्टूडेंट था और तीन चार दिन में ही उसे मेरी पढ़ाई समझ में भी आने लगी और वो वहाँ पड़ने लग गया.
दोस्तों यह मेरी कहानी मेरे स्टूडेंट की नहीं, उसकी माँ के बारे में है और अब में आप सभी को उसकी मम्मी के बारे में भी बताता हूँ. उसकी मम्मी का नाम रेखा था, उसकी उम्र करीब 35-36 साल होगी और वो थोड़ी मोटी सी थी, लेकिन वो बहुत गोरी थी और उसके बूब्स उतने बड़े तो नहीं थे, लेकिन उस साली की गांड बहुत बड़ी थी और जिस दिन मैंने उसकी गांड को गौर से देखा तो उसी दिन से में उसकी गांड को चोदने के बारे में सोचने लगा. दोस्तों में आपको जो भी बताने वाला हूँ, वह बहुत सारे लोगों को लगेगा कि यह सब झूठ है, लेकिन में यह घटना इसलिए आप सभी को बता रहा हूँ, क्योंकि ऐसा मेरे साथ सच में हुआ और इतनी जल्दी में हुआ कि जिसकी उम्मीद खुद मैंने भी कभी नहीं की थी. दोस्तों आप सब यह तो जानते ही हो कि आज कल व्हाटसएप कितना चल रहा है तो मेरी चुदाई का श्रय भी व्हाटसएप को ही जाता है, क्योंकि रेखा आंटी मुझे हर रोज व्हाटसएप पर ही पूछती थी कि पढ़ाने कब तक आओगे?
फिर में भी कभी कभी उससे ऐसे ही चेट कर लिया करता था. रेखा आंटी के घर पर हर दिन शाम को एक काम करने वाली बाई भी आया करती थी, उसके और मेरे आने का टाईम एक ही था और वो जब भी झाड़ू लगाती या जमीन पर पोछा लगाती तो झुकने के कारण उसकी गांड फैलकर इतनी चौड़ी हो जाती थी कि उसे देखकर में बिल्कुल पागल हो जाता था और मेरे मन में उसे भी चोदने के ख्याल आने लगते थे. फिर एक दिन हुआ यूँ कि अचानक से उसने आना बंद कर दिया और फिर तीन चार दिन तक आंटी ने कुछ नहीं बोला, लेकिन एक दिन वो बहुत गुस्से में थी, क्योंकि अब घर का सारा काम उन्हे खुद ही करना पड़ता था. फिर उस दिन जब में पढ़ाने के लिए उनके घर पर गया तो वो बहुत गुस्से में अपने बेटे को किसी बात के लिए डांट रही थी और फिर जब मुझे पूरी बात समझ में आई. फिर मैंने कहा कि उस कामवाली का गुस्सा आप इस पर क्यों उतार रही हो? यह कामवाली सभी ऐसी ही होती है, जब देखो तब बिना किसी को बताए छुट्टी मार लेती हैं. फिर रेखा आंटी कहने लगी कि बस वो एक बार आ जाए और फिर में उसे देखती हूँ. यह सुनकर मैंने भी कह दिया कि हाँ आंटी मुझे भी बताना हम दोनों अब उसे छोड़ेगे नहीं और उसने मुझे भी बहुत परेशान कर रखा है.
तभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर आंटी बिल्कुल चौंक गई और वो मुझसे पूछने लगी कि क्या आपको कुछ कहा उसने? क्या बात है? तब मैंने बहाना बना दिया कि कुछ खास नहीं बस ऐसे ही, लेकिन आंटी ने फिर से पूछा कि ऐसा कैसे हो सकता है? उसने कुछ किया होगा या आपको कुछ बोला होगा, तभी तो आप ऐसा बोल रहे हो? फिर मैंने बोल दिया कि कुछ नहीं आंटी में अभी आपको नहीं बता सकता, कभी बाद में बता दूँगा और फिर में अपने घर पर वापस आ गया. फिर आंटी का व्हाटसएप पर एक मैसेज आया कि हाँ अब बताओ क्या बात है? फिर मैंने मन ही मन सोचा कि यार यह तो मेरे पीछे ही पड़ गई, लगता है कि अब इसको बोलना ही पड़ेगा? फिर मैंने भी मैसेज कर दिया कि कुछ नहीं आंटी और उसको में जब भी देखता हूँ तो मेरे मन में गलत गलत ख्याल ही आते है और अब में इससे ज़्यादा आपको और नहीं बता सकता.
फिर कुछ देर तक आंटी का कोई मैसेज नहीं आया, लेकिन करीब 15-20 मिनट के बाद एक मैसेज आया कि क्या वो आपको पसंद आ गई है? तो यह मैसेज देखते ही में तो बहुत खुश हो गया कि लगता है कि अब अपना काम बन जाएगा और फिर मैंने बोल दिया कि ऐसी कोई बात नहीं है, बस वो मुझे थोड़ी थोड़ी पसंद आ गई है. फिर तो दोस्तों में बता नहीं सकता कि उस दिन करीब तीन चार घंटे मेरी उससे चेटिंग होती रही और फिर आखरी में जब मैंने उसे गुड बाय कहा तो मुझे अपने आप पर यकीन ही नहीं हो रहा था कि एक दिन में यह सब अचानक से कैसे हो गया? हमने उसकी काम करने वाली बाई को लेकर जो बात शुरू की थी और तीन चार घंटे में मैंने रेखा आंटी को अपने दिल की पूरी बात बता डाली कि आंटी मुझे कितनी पसंद थी और कैसे में हमेशा उनके बारे में सोचता रहता हूँ और वो सभी चीज़े जिनके कारण में उन पर आकर्षित हो गया था? मुझे उनसे क्या चाहिए था? वो सभी बातें मैंने उनको कह दी और फिर मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि वो इतनी आसानी से तैयार हो जाएगी.
दोस्तों ऐसा भी नहीं था कि वो अपने पति से संतुष्ट नहीं थी और मेरे पूछने पर उसने बताया कि पता नहीं क्यों पिछले 6 महीने से उसे कोई नये तरह के सेक्स की आदत हो गयी थी और अब किसी नये साथी की तलाश थी, जिससे उसे कुछ नयापन मिल सके और उसकी कुछ दोस्त ने उसे बता दिया था कि नये नये लंड लेने में बहुत मज़ा आता है और तभी से वो इस बारे में बहुत सोचती रहती थी, लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हुई थी कभी किसी से कुछ कहने की और जैसे ही मैंने पहल की तो उसने हाँ कर दिया, क्योंकि वैसे भी उसके परिवार में कोई ज़्यादा पढ़ा लिखा नहीं था, इसलिए वो पढ़े लिखे लोगों की बहुत इज्जत किया करती थी और जिस तरह में उसके बेटे को पढ़ाता था तो वो मेरी तरफ आकर्षित हो गयी थी.
फिर उसके अगले ही दिन में तो सीधे सेक्स चेट पर आ गया और फिर तीन दिन बाद मैंने उसे सेक्स के लिए तैयार भी कर लिया. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम दो दिन बाद ट्यूशन के टाईम से एक घंटा पहले आ जाना. फिर में एकदम ठीक वक़्त पर पहुंच गया और उस दिन उसके घर पर कोई नहीं था, जैसे ही उसने मुझे देखा तो वो मुस्कुरा उठी. मैंने जल्दी से दरवाजा लगाया और उसे बाहों में भर लिया और उसके होंठो से अपने होंठ सटाए और उसे चूमने लगा.
फिर कुछ ही देर में वो मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और मैंने उसके होंठो को, उसकी जीभ को, उसके गले पर और उसके गाल को हर जगह जी भरकर किस किया और काटने भी लगा, इन सबसे वो मदहोश हुई जा रही थी और किस करने के बाद मैंने उससे बोला कि अब मुझसे नहीं रहा जाएगा, कमरे में चलो. फिर वो मुझे बेडरूम में ले गयी और फिर मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए. दोस्तों उस दिन उसने सलवार सूट पहना हुआ था और जैसे ही उसका हाथ ऊपर करके मैंने सूट को उठाया तो उसके बूब्स बाहर निकल पड़े, क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी फिर मैंने दोनों चूचियों को मुहं में भरकर चूसना शुरू कर दिया और में ऐसे चूस रहा था, जैसे कोई छोटा बच्चा अपनी माँ का दूध पी रहा हो. फिर मैंने अपनी जीभ से उसके बूब्स को गीला किया और फिर वहां पर दाँत से काटने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी.
फिर मैंने बहुत देर तक उसके बूब्स को मसला और जीभ से उसे सहलाता रहा और करीब दस मिनट के बाद मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और फिर उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर एक ही झटके में नीचे उतार दिया, माँ कसम उसकी जांघे देखकर तो में एकदम पागल हो गया, साली की क्या मोटी मोटी सुडौल जांघे थी और दूध जैसी चमक रही थी और अब मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरी नज़रो के सामने ऐसा गदराया हुआ बदन है. फिर मैंने उसकी जांघो को अपने दोनों हाथों से सहलाना शुरू किया और उस पर जीभ घुमाना शुरू किया और थोड़ी देर के बाद उसे पलट दिया. दोस्तों में आप सभी को कैसे बताऊँ कि उसकी गांड को देखकर तो में पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गया, क्योंकि इतनी मोटी और गोरी गांड, मैंने कभी नहीं सोचा था और लड़कियों की गांड भगवान इतने प्यार से क्यों बनाता है? यह बात मेरी समझ से बाहर थी.
फिर मैंने उसकी पेंटी को उतारा और उसकी गांड की दरार को देखकर तो मुझ पर नशा सा छा गया और मैंने जी भरकर उसकी गांड को जीभ से सहलाना शुरू कर दिया और उसकी गांड को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा. फिर मैंने अपने बेग से एक तेल की बॉटल निकाली, जो कि में अपने साथ लेकर आया था और मैंने उसकी गांड की बहुत अच्छे तरीके से मालिश की और उसकी गांड पर दो तीन थप्पड़ भी लगाए.
फिर मैंने उसे पलट दिया और अब मैंने उसकी चूत देखी, उसकी चूत पूरी साफ थी और जिसके कारण वो बड़ी सुंदर दिख रही थी और अब मैंने उसके पैरों को फैलाया और उसके पैरों को घुटने से मोड़ दिया. जिससे उसकी चूत बिल्कुल खुल गयी और फिर मैंने धीरे से उसकी चूत को किस किया और अपनी जीभ चूत के मुहं पर सटाई और जैसे ही मैंने मेरी जीभ उसकी चूत पर रखी तो वो एकदम तड़प उठी. फिर उसकी चूत में मैंने अपनी जीभ घुसाई और उसकी चूत को चाटने लगा और कुछ ही देर में उसकी चूत मेरे थूक से पूरी तरह से गीली हो गयी और अब में चाटने के साथ साथ चूत को दाँत से काटने भी लगा. तभी आंटी ने मेरे सर पर अपना हाथ रखा और मेरे सर को दबाना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद में वहां से उठा और उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया, मेरी जान?
फिर आंटी बोली कि उसने तो कभी सोचा ही नहीं था कि में इतना बड़ा खिलाड़ी निकलूंगा? और यह सुनकर मैंने कहा कि मेरी जानेमन अब तेरी बारी है और फिर मैंने अपनी पेंट को उतार दिया. उसने मेरे तंबू जैसे तने हुए अंडरवियर को देखा और ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी. फिर मेरा अंडरवियर उतारा और मेरा विशाल लंड उसके सामने किसी काले साँप की तरह झूलने लगा और यह देखकर वो बोली कि बाप रे तुम तो पूरे छुपे रुस्तम हो, उसने अपना मुहं खोला और मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी ही देर के बाद मेरा लंड एकदम पागल हो उठा और मैंने उसके सर पर हाथ रखकर उसके मुहं में लंड डालना शुरू कर दिया, लेकिन मेरे तीन चार धक्को में ही आंटी का दम फूलने लगा और उसने खाँसते हुए मेरा लंड अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और बोली कि प्लीज इतनी भी बेरहमी मत दिखाओ, मुझे थोड़ा आराम आराम से चूसने दो. फिर मैंने बोला कि ठीक है और फिर उसने आराम से बड़ी धीरे धीरे मेरे लंड को चूसा तो कभी लंड के चारो तरफ जीभ घुमा घुमाकर बड़े प्यार से मेरे लंड को चुदाई के लिए तैयार किया.
फिर मैंने उनसे बोला कि अब चुदाई का वक़्त हो गया है, लेकिन वो तो कब से इसका इंतजार कर रही थी और मैंने उसे डॉगी पोज़िशन में हो जाने को बोला और फिर जैसे ही वो डोगी पोज़िशन में आई तो मैंने उसकी गांड पर ज़ोर से 4-5 थप्पड़ मारे. फिर उसकी गांड को हाथों से फैलाया और उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा और उसने भी अपनी गांड को हिलाकर सेट किया.
फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया और अब मैंने अपना एक पैर उसकी कमर के पास रख दिया और उसकी गांड को अपने दोनों हाथों से दबोचकर जमकर चोदने लगा, वो अपना सर पूरी तरह से नीचे झुकाकर चुदवा रही थी और में उसकी गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़कर चोदे जा रहा था और चोदते चोदते मैंने अचानक से अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा. फिर मैंने लगातार कम से कम दस थप्पड़ मारे और अब वो गोरी गोरी गांड बिल्कुल लाल हो गयी और वो आह्ह्ह्हह्ह्ह् आईईईईईइ प्लीज थोड़ा धीरे मारो उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह कर रही थी और अब अपनी गांड खुद ही आगे पीछे करके मुझसे चुदवा रही थी. फिर मैंने आगे की तरफ झुककर उसके बूब्स को पकड़ लिया और उसके कान में बोला कि साली तू मुझे बहुत दिन से तड़पा रही थी, लेकिन आज तू मुझसे नहीं बचेगी.
फिर यह बात सुनकर वो भी बोलने लगी कि हाँ कुत्ते में भी तो देखती हूँ कि कितना दम है तेरे लंड में, हाँ चोद साले जितना चोद सकता है चोद, तू आज जो चाहे कर ले, में तेरे लंड को आज देखती हूँ कि चुदाई के मैदान में कितनी देर टिक सकता है. फिर यह बात सुनकर मुझे और भी जोश आ गया और मैंने उसके बाल पकड़कर उसे घोड़ी की तरह चोदना शुरू कर दिया. उसकी गांड से ठप ठप की आवाज़ आ रही थी और मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था और थोड़ी देर तक और चोदने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और बेड पर लेटकर उसे मेरे लंड पर आकर बैठने को कहा.
फिर वो मेरे लंड के ठीक ऊपर आई और मेरे लंड को हाथों में लेकर उस पर अपनी चूत रखकर बैठ गयी, मेरा लंड उसकी चूत में गप से घुस गया और में उसकी मखमली गांड के नीचे हाथ रखकर उसकी गांड को ऊपर नीचे उठाने लगा और वो भी अपनी गांड ऊपर उठा उठाकर चुदवाने लगी. तभी अचानक मेरे लंड को जोश आ गया और मैंने इतनी तेज़ी से उसकी चूत में लंड डालना शुरू किया कि उसका पूरा बदन थरथराने लगा, वो काँपने लगी और सिसकियाँ भरने लगी और दो मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद में रुक गया और तब तक वो बहुत थक गयी थी. फिर मैंने उसे अपने ऊपर से हटाया और फिर से बेड पर लेटाकर उसकी जांघो को फैलाया और पैरों के बीच में आकर उसकी चूत खोलने लगा.
फिर यह सब देखकर वो बिल्कुल हैरान हो गयी और बोली कि अब और कितनी देर तक चोदेगा? क्यों आज फ्री की चूत मिल गई है तो चोदे ही जा रहा है? फिर मैंने बोला कि साली मेरा वीर्य तो अभी तक निकला ही नहीं तो तुझे ऐसे कैसे छोड़ दूँ? यह कहकर मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और उसके होंठो को जीभ में भरकर पूरी स्पीड से फिर से चोदना शुरू कर दिया, लेकिन अब वो बहुत बुरी तरह से कांप रही थी और आह्ह्ह्हह आईईईईई प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो, प्लीज अब मुझे छोड़ दो, कह रही थी और हम दोनों पूरी तरह से पसीने से भीग चुके थे.
तभी मैंने अपनी स्पीड डबल कर दी और धनाधन धक्के मारने शुरू कर दिए और करीब 20-25 धक्को के बाद उसकी चूत में अपना गरमा गरम लावा छोड़ दिया, उसकी चूत पूरी तरह से मेरे वीर्य से भर गई और में उसके ऊपर ही निढाल होकर लेट गया और पांच मिनट के बाद उसने मुझे हटाया और बाथरूम में चली गयी. फिर मैंने भी कपड़े पहने और फ्रेश होने के बाद नॉर्मल हो गया. दोस्तों यह घटना एक हफ्ते पहले मेरे साथ हुई, जिसने मुझे भरपूर चुदाई का सुख दिया.

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सुहाना सफ़र और भाबी की चुदाई

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हैल्लो दोस्तों, में आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ, यह मेरा सच्चा और हॉट अनुभव था. में आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरी यह स्टोरी भी पसंद आयेगी. अब मेरी कहानी शुरू होती है. मेरा नाम शिफान है, में इतना भी स्मार्ट नहीं हूँ कि लड़की को ऐसे ही पटा लूँ, लेकिन में जिस लड़की से भी फ्लर्ट करता हूँ वो मेरे पीछे पागल हो जाती है, क्योंकि मेरी बातें ही ऐसी है. मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है.
मेरे मामा का प्रॉपर्टी बिजनेस है तो उसी सिलसिले में कुछ ज़रूरी काम से मुंबई से राजस्थान जा रहा था. मामा ने मेरी टिकट एक लग्जरी बस में करवा दी थी, क्योंकि में ट्रेन से जाने के मूड में नहीं था. मैंने अंधेरी से दोपहर 2 बजे बस पकड़ी, बस में ज़्यादा लोग नहीं बैठे थे, क्योंकि वो बहुत महँगी बस थी, उसमे आगे कुछ कपल बैठे थे और उनके पेरेंट्स थे और बीच में मैं और आख़री सीट में एक छोटी सी फेमिली थी. फिर रात में सूरत आया तो कुछ लोग चढ़ने लगे और एक कपल जिसमें एक आदमी, उसकी पत्नी और 2 बच्चे थे, एक लड़का जो 4 साल का था और बहुत ही खूबसूरत था और उसकी एक 3 साल की लड़की थी. उन लोगों की सीट मेरे बाज़ू में थी.
फिर बस स्टार्ट हुई और वो औरत झुककर अपने बैग को सीट के नीचे रख रही थी. उसका आदमी आराम से बैठ गया था और उसके दोनों बच्चे पीछे की सीट पर बैठे थे. फिर अचानक से मेरी नज़र उस पर पड़ी, उसका पल्लू नीचे गिरा था और उसके बूब्स मेरी आँखों में समा गये थे. मैंने एक पल के लिए भी उनसे अपनी निगाह नहीं हटाई, उसने मुझे नोटीस किया और एडजस्ट करते ही बैठ गयी.
उसने काले कलर की साड़ी पहनी थी और क़यामत ढा रही थी, उसका फिगर 36-28-36 होगा, स्लिम बॉडी और बहुत गोरी थी और साड़ी भी उसने नाभी के नीचे बांध रखी थी. फिर हम सब बैठे हुए थे और में अपना मोबाईल निकाल कर गाने सुन रहा था. फिर धीरे-धीरे रात होने लगी और फिर रात के 10 बजे बस एक मस्त से ढाबे पर रुकी, में उतरकर वॉशरूम गया और फिर मैंने टाईम पास के लिए कुछ स्नेक्स और कोल्ड ड्रिंक्स ले ली और वो औरत भी अपने बच्चो को लेकर वॉशरूम गयी और उसने कुछ स्नेक्स नहीं लिया, क्योंकि उसका पति बहुत गहरी नींद में सोया हुआ था तो वो ढाबे पर नहीं उतरा था.
फिर बस चलने के लिए तैयार थी और फिर सब आकर बैठ गये, उसका पति ग्लास वाली सीट पर था और वो उसके बाज़ू में और उसके बच्चे पीछे वाली सीट पर थे. फिर अचानक उसकी बच्ची रोने लगी कि उसको विंडो सीट पर बैठना है, लेकिन वो बच्चा नहीं मान रहा था और उसका पति विंडो सीट पर सो गया था, तो मैंने उन्हें कहा कि आप अपनी बच्ची को मेरी विंडो सीट पर बैठा दो, तो उसने पहले मना किया कि आप क्यों हट रहे हो.
फिर मैंने उसे समझाया कि बच्चो का दिल नहीं तोड़ते है और में बाज़ू की सीट पर बैठ गया और उसकी बच्ची को विंडो सीट पर बैठा दिया. फिर मैंने उसकी बच्ची को बहुत खुश किया मेरा मतलब स्नेक्स खिलाया, मोबाईल दिया और मुझसे उसकी माँ भी खुश हो गयी. फिर उसने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहे हो, तो मैंने कहा जयपुर तो उसने भी कहा कि वो लोग भी वहीं जा रहे है. फिर मैंने उससे फ्लर्ट करने की सोची और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने उसका नाम हेमा बताया फिर हमारी बातें शुरू हुई.
हेमा : जयपुर में कहाँ जा रहे हो?
में : मामा के कुछ प्रॉपर्टी का काम रुका हुआ है, उसी सिलसिले में जा रहा हूँ.
हेमा : ओह्ह्ह, तो आप क्या करते हो?
में : (मज़ाक से कहा की) खुश करता हूँ.
हेमा : उसने मुझे देखते हुए कहा कि कैसे खुश करते हो.
में : अरे, वो तो मैंने आपसे ऐसे ही कहा, मेरी शॉप मुंबई में है, में वो चलाता हूँ.
हेमा : अच्छा हुआ कि आपकी कंपनी मिल गयी वरना में तो अकेले बैठे-बैठे बोर हो रही थी, मेरे पति भी सो गये है.
में : हाँ इतना काम, मेहनत जो करते होगे बेचारे.
फिर उसने सेक्सी सी स्माइल दी, शायद वो मेरी बात समझ गयी हो. उतने में उसकी बेटी भी सो गयी थी. फिर मैंने उससे कहा कि आपकी बेटी भी सो चुकी है तो उसने देखा और कहा कि लाओं में उसे पीछे वाली सीट पर सुला देती हूँ. जब में उसे उसकी बेटी दे रहा था, तब मेरा हाथ उसके बूब्स से चिपक गया और मुझे बहुत गर्म-गर्म महसूस हुआ, जैसे वो एकदम गर्म हो चुकी है. फिर उसने भी मेरा हाथ नोटिस किया और बच्ची को लेकर पीछे वाली सीट पर सुला दिया. अब रात बहुत हो चुकी थी और बस की लाईट भी बंद थी और सब सोए हुए थे, तो में अपने मोबाईल में गाने सुनने लगा तो उसने रिक्वेस्ट की कि वो भी गाने सुनना चाहती है, क्योंकि उसे नींद नहीं आ रही थी.
फिर मैंने उसे लेफ्ट साईड का इयरफोन उसको दे दिया, हम लोग थोड़ा दूर-दूर बैठे हुए थे तो इयरफोन बार बार उसके कान से निकल रहा था, तो मैंने उसे अपने बाज़ू वाली सीट पर बैठने को बोला तो उसने हाँ कहा और अपने पति को चेक किया कि वो सो रहा है या नहीं? फिर मेरे बाज़ू में आकर बैठ गयी में बहुत रोमांटिक गाने प्ले कर रहा था, जिससे वो और मस्त हो रही थी.
फिर मैंने आहिस्ते-आहिस्ते हाथ उसके हाथ पर टच किया, उसने कुछ रिएक्ट नहीं किया, तो मैंने और फ्री होना स्टार्ट किया, मैंने झटके से उसकी जांघ पर हाथ रख दिया, जिससे उसने एतराज़ जताया और एक स्माइल देकर बैठ गयी. फिर थोड़ी देर के बाद वो उठ रही थी तो वैसे ही मैंने उसे पकड़ लिया और प्यार से उसके बूब्स दबाने लगा. उसने मना किया कि प्लीज यहाँ मत करो कोई देख लेगा, प्रोब्लम हो जायेगी. तो मैंने कहा कि यहाँ कोई नहीं देखेगा अंधेरा है और सब सो रहे है तो वो मान गयी.
फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया और ब्लाउज के ऊपर से ही बूब्स दबाने लगा, तो वो मौन करने लगी. फिर मैंने उसको लिप किस किया. फिर वो भी मेरा साथ देने लगी. तो उसने कहा कि जो करना है जल्दी-जल्दी करो वरना उसका पति उठ जायेगा. फिर मैंने उसे सीट पर बैठाया और उसकी साड़ी ऊपर की और पेंटी को नीचे किया तो देखा कि उसकी चूत तो बिल्कुल गीली हो चुकी थी और चूत पर थोड़े-थोड़े बाल भी थे, तो मैंने सकिंग करना स्टार्ट किया. तो वो मेरे बाल नोचने लगी और मेरा मुँह दबाने लगी, जैसे वो चाह रही हो कि में उसकी चूत को पूरा खा जाऊं, उसने फिर से पानी छोड़ा और मैंने पूरा चाट लिया.
फिर मैंने उससे लंड चूसने को कहा तो उसने मना कर दिया और कहा कि उसको उल्टी आ जायेगी, इसलिए मैंने उसे ज्यादा फोर्स नहीं किया, क्योंकि फोर्स करने से सेक्स करने का मज़ा नहीं आता और कपल उसे इन्जॉय नहीं कर पाता और सेक्स तो नेचुरल ही इन्जॉय करो और फील करो. फिर मैंने उसे नीचे लेटाया और मेरा लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, जिससे वो पागल सी हो गयी और उसने मुझसे कहा कि प्लीज शिफान अब मत तड़पाओ.
फिर मैंने चूत के दरवाजे पर अपना लंड रखा और एक झटका मारा तो चूत गीली होने की वजह से आधा लंड आसानी से अन्दर चला गया और में धक्के लगाने लगा. उसे बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. फिर बिना रुके 15 मिनट चुदाई करने के बाद मैंने उसकी चूत में ही पानी छोड़ दिया और वो तब तक 2 बार झड़ चुकी थी. फिर उसने मुझे स्मूच किया और अपने कपड़े ठीक करके अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी और फिर हमने अपने मोबाईल नंबर एक्सचेंज किए. वो बहुत खुश हुई, उसने मुझसे वादा किया है कि हम फिर से मिलेंगे, वैसे तो में उससे अब भी फोन सेक्स करता हूँ.

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उपर वाला जब देता है छप्पर फाड़ कर देता है

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हारून है और में जम्मू का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है, लेकिन में आपकी तरह बहुत समय से इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह कहानी बहुत अच्छी लगेगी, क्योंकि यह कोई कहानी नहीं बल्कि यह मेरी एक सच्ची घटना है और जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई.
दोस्तों में एक अच्छे परिवार से हूँ और में जम्मू शहर में रहता हूँ. मेरे पापा एक बिजनसमेन है और मेरी माँ यहीं के एक सरकारी स्कूल में लेक्चरार है, मेरे एक छोटी बहन है जो अभी स्कूल में अपनी पढ़ाई कर रही है और एक छोटा भाई है और वो भी उसके साथ स्कूल जाता है और में अपनी पढ़ाई एक सरकारी कॉलेज में कर रहा हूँ, जिसमे में अभी बी.कॉम के 3rd साल में हूँ और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ और आप सभी को पूरे विस्तार से उस घटना को बताता हूँ.
दोस्तों में जब कॉलेज के 2nd साल में अपनी पढ़ाई कर रहा था तो उसी समय मेरी एक लड़के से दोस्ती हुई, जो धीरे धीरे बहुत हद तक बढ़ गई, उसका नाम फरहान था. हम दोनों बहुत ही कम समय में एक बहुत अच्छे दोस्त बन गये और फिर हम दोनों कॉलेज में एक साथ रहते थे. फिर एक दिन ऐसा हुआ कि फरहान का फोन गुम हो गया और वो बहुत उदास था. फिर मैंने उससे कहा कि चलो यार अब ज्यादा उदास मत हो, यह सब तो होता रहता है और फिर मैंने उसको दूसरे दिन अपने घर से लाकर एक सेल फोन उसे दे दिया, क्योंकि उस समय मेरे पास एक एक्सट्रा फोन था और इस तरह उसको मुझ पर और भी ज़्यादा भरोसा होने लगा और ऐसे ही दिन गुज़रते चले गये.
फिर सर्दियो में फरहान की बड़ी बहन की शादी थी तो उसने मुझे भी शादी में अपने घर पर बुलाया और जब में उनके घर पर गया. फिर मैंने भी फरहान की बहन की शादी के कामों में उसकी बहुत मदद करवाई और खाना खाकर मुझसे फरहान ने उसके रूम में जाने के लिए बोला. उसने मुझसे कहा कि तुम अब थोड़ा आराम कर लो, क्योंकि हम दोनों काम करके बहुत थक चुके थे.
फिर में उसके कमरे में गया और में जब उसके बेड पर लेटा हुआ था और मोबाइल के साथ खेलने लगा तो थोड़ी देर बाद एक लड़की अंदर आई और उसको वहां से कोई चीज लेनी थी और फिर वो लेकर चली गयी, लेकिन मैंने उस लड़की की तरफ ज़्यादा रूचि नहीं दिखाई और अपने मोबाइल के साथ खेलता रहा और करीब 10-15 मिनट के बाद में सो गया, लेकिन में अभी भी गहरी नींद में नहीं था और उस समय कमरे की लाईट बंद थी, लेकिन मुझे अभी नींद नहीं आई थी.
फरहान ने दरवाज़ा खोला और मुझसे कहा कि हारून क्या अभी से सो गये? फिर मैंने कहा कि हाँ यार में सो गया हूँ. फिर उसने कहा कि ठीक है, में कल सुबह तुमको जगा दूंगा और अब में बाहर के कुछ काम देखने जा रहा हूँ. फिर मैंने कहा कि ठीक है यार और फिर वो चला गया. फिर कुछ ही देर बाद किसी ने फिर से दरवाज़ा खोलकर कमरे की लाईट चालू की और जब मैंने देखा तो यह वही लड़की थी. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ और आपको क्या चाहिए? और आप कौन हो?
वो बोली कि में तुम्हारे दोस्त की बहन हूँ. दोस्तों वो फरहान की छोटी बहन थी, लेकिन वो क्या माल थी? में तो उसे बातों ही बातों में नीचे से ऊपर तक घूरता रहा और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने कहा कि मेरा नाम सबिया है. वो एकदम टाईट जीन्स और लाल कलर का टॉप पहने हुई थी और उन कपड़ो में वो बहुत सेक्सी दिख रही थी, वैसे वो दिखने में बहुत खुबसूरत थी, मेरी नजरे उसके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी और में उसको घूरता रहा.
उसने मुझसे कहा कि क्या आप डांस नहीं करोगे? मैंने झट से कहा कि नहीं, मुझे डांस करना नहीं आता. फिर वो बोली कि चलो उठो में आपको सिखाती हूँ और फिर मैंने एकदम सही मौके को पाकर कहा कि नहीं पहले तुम मुझे यहाँ पर इस कमरे में सिखाओ और फिर उसके बाद में पार्टी में जाऊंगा तो वो नहीं मानी और उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे खींच लिया और में जानबूझ कर खुद उसकी तरफ गया, जैसे कि उसी ने ही मुझे खींचा हो और उसकी छाती से लिपट गया.
वो हँसने लगी और कहा कि चलो अब बाहर डांस पार्टी में. फिर मैंने कहा कि नहीं पहले हम यहाँ पर करेंगे. फिर बाहर में पार्टी में जाएगें और अब वो मान गई. फिर उसने मुझसे आँखों में आंखे डालकर कहा कि चलो अब डांस करने के लिए तैयार हो जाओ. फिर मैंने कहा कि नहीं पहले दरवाजा तो बंद करो. फिर वो बोली कि लो बाबा चलो अब मैंने दरवाजा भी बंद किया, क्या अब शुरू करें? तो मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन मुझे अपने हाथों से पकड़कर डांस सिखाना, क्योंकि में कुछ भी नहीं जानता हूँ.
फिर उसने अपना एक हाथ मेरी कमर पर सटा दिया और दूसरा हाथ मेरे हाथ में रखकर मुझे गोल गोल घूमाने लगी, में गरम हो गया और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और फिर मैंने कुछ सोचकर उस मौके का फायदा उठाते हुए उसकी कमर को पकड़कर उसको अपनी छाती से लगा लिया और अब में उसको छूने लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली बस मेरी आखों में लगातार देखकर शरारती हंसी हंसती रही. फिर मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई और में उसका चेहरा पकड़कर उसके गालों पर किस करने लगा और अपने एक हाथ से उसके चूतड़ दबाने लगा.
उसकी साँसे तेज़ हो गयी और में अपना काम करता रहा और अब मैंने उसको अपने हाथ से इशारा करके साईड में बुलाया और फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया. फिर उसने मुझे बिना कुछ कहे मेरी शर्ट को उतार दिया और मेरी पेंट को भी खोलकर उतार दिया. फिर में भी उसके कपड़े उतारकर उसको लिप किस करने लगा और अब में उसके बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा और वो इतनी हॉट हो गई कि उसने कहा कि जानू मुझे जल्दी से चोद डालो ना प्लीज जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो.
फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डालकर चूसना शुरू किया और फिर मैंने कुछ ही देर उसकी चूत को चूसा. फिर मैंने अपने लंड को थूक से गीला कर दिया और उसकी चूत में डालना शुरू किया. मेरे लंड से चूत पर ज़ोर लगने से वो एकदम चीखने चिल्लाने लगी उूईईईईईइई माँ मर गई आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह प्लीज, अब इसे बाहर निकाल दो, यह तो बहुत बड़ा है उह्ह्ह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में नहीं माना और उसकी छटपटाती चूत पर लगातार झटके मारता रहा जब तक कि पूरा लंड उसकी चूत में नहीं भर दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई तो मैंने उसके होंठ अपने हाथों से दबाकर उसको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर लगातार चोदता रहा, उसकी चूत अब थक सी गई थी, क्योंकि में कब से अपना तना हुआ लंड उसकी चूत में धक्के देकर ठोक रहा था और अब उसकी चूत से सफेद कलर के झाग आना शुरू हो गए थे और अब करीब बीस मिनट के बाद उसने कहा कि चल जानू अपना माल मेरी चूत में ही डाल दो और में कुछ धक्के मारकर उसकी चूत में ही झड़ गया, उसने तभी अपनी चूत को और टाईट किया और मेरा पूरा माल अपनी चूत के अंदर भर लिया और में पूरा नंगा ही उसके ऊपर लेटा रह.

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सुबह की तजि हवा और पार्क में मिली चूत

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मेरी शादी हुए दो साल हो चुके हैं, शादी के बाद मैंने अपनी चुदाई की इच्छा को सबसे पहले पूरी की। सभी तरीके से चुदाया… जी हाँ… मेरे पिछाड़ी की भी बहुत पिटाई हुई। मेरी गांड को भी चोद-चोद कर जैसे कोई गेट बना दिया हो। सुनील मुझे बहुत प्यार करता था। वो मेरी हर एक अदा पर न्यौछावर रहता था। अभी वो कनाडा छः माह के लिये अपने किसी काम से गया हुआ था। मैं कुछ दिन तक तो ठीक-ठाक रही, पर फिर मुझ पर मेरी वासनाएँ हावी होने लगी। मैं वैसे तो पतिव्रता हूँ पर चुदाई के मामले में नहीं… उस पर मेरा जोर नहीं चलता ! अब शादी का मतलब तो यह नहीं है ना कि किसी से बंध कर रह जाओ? या बस पति ही अब चोदेगा। क्यूँ जी? हमारी अपनी तो जैसे कोई इच्छा ही नहीं है?

मेरे प्यारे पाठको ! शादी का एक और मतलब होता है… चुदाई का लाईसेंस !! अब ना तो कन्डोम की आवश्यकता, ना प्रेगनेन्सी का डर… बस पिल्स का सेवन करिये और अपने को नियोजित रखिये। जी हाँ, अब मौका मिलते ही दोस्तों से भी अपनी टांगें उठवा कर खूब लण्ड खाइये और खुशनुमा माहौल में रहिये।
इसे धोखा देना नहीं कहते बल्कि आनन्द लेना कहते हैं। ये खुशनुमा पल जब हम अकेले होते हैं, तन्हा होते हैं… तो हमें गुदगुदाते हैं… चुदाई के मस्त पलों को याद करके फिर से चूत में पानी उतर आता है…। फिर पति तो पति होता है वो तो हमें अपनी जान से भी अधिक प्यारा होता है।
“अरे नेहा जी… गुड मॉर्निंग…!” मेरे पीछे से विजय जोगिंग करता हुआ आया। मेरी तन्द्रा जैसे टूटी।
“हाय… कैसे हो विजय?” मैंने भी जोगिंग करते हुये उसे हाथ हिलाया।
“आप कहें… कैसी हैं ? थक गई हो तो चलो… वहाँ बैठें?” सामने नर्म हरी घास थी।
मैंने विजय को देखा, काली बनियान और चुस्त स्पोर्ट पजामे में वो बहुत स्मार्ट लग रहा था। मेरे समय में विजय कॉलेज में हॉकी का एक अच्छा खिलाड़ी था। अभी भी उसका शरीर कसा हुआ और गठीला था। बाजुओं और जांघों की मछलियाँ उभरी हुई थी। चिकना बदन… खुश मिज़ाज, हमेशा मुस्कराते रहना उसकी विशेषता थी और अब भी है।
हम हरी नर्म घास पर बैठे हुये थे… विजय ने योगासन करना शुरू कर दिया। मैं बैठी-बैठी उसे ही निहार रही थी। तरह तरह के आसन वो कर रहा था।
उसकी मांसपेशियाँ एक एक करके उभर कर उसकी शक्ति का अहसास करा रही थी। अचानक ही मैं उसके लण्ड के बारे में सोचने लगी। कैसा होगा भला ? मोटा, लम्बा तगडा… मोटा फ़ूला हुआ लाल सुपाड़ा। मैं मुस्करा उठी। सुपर जवान, मस्त शरीर का मालिक, खूबसूरत, कुंवारा लडका… यानी मुझे मुफ़्त में ही माल मिल गया… और मैं… जाने किस किस के सपने देख रही थी, जाने किन लड़कों के बारे में सोच रही थी… इसे पटाना तो मेरे बायें हाथ का खेल था… कॉलेज के समय में वो मेरा दोस्त भी था और आशिक भी … लाईन मारा करता था मुझ पर ! पर उसकी कभी हिम्मत नहीं हुई थी मुझे प्रोपोज करने की। कॉलेज की गिनी-चुनी सुन्दर लड़कियों में से मैं भी एक थी।
बस मैंने ठान ली, बच के जाने नहीं दूंगी इसे ! पर कैसे ? उसके योगासन पूरा करते ही मैंने उस पर बिजली गिरा दी… मेरे टाईट्स और कसी हुई बनियान में अपने बदन के उभारों के जलवे उसके सामने बिखेर दिये। वो मेरे चूतड़ों का आकार देखता ही रह ही गया। मैंने अनजान बनते हुये उसकी ओर एक बार फिर से अपने गोल-गोल नर्म चूतड़ों को उसके चेहरे के सामने फिर से घुमा दिया। बस इतने में ही उसका पजामा सामने से तम्बू बन गया और उसके लण्ड का उभार स्पष्ट नजर आने लगा। इतना जादू तो मुझे आता ही था।
नेहा जी, सवेरे आप कितनी बजे जोगिंग के लिये आती हैं?”
आह्ह्ह्… तीर निशाने पर लगा। उसकी नजर तो मेरी उन्नत छातियों पर थी। मुझे अब अफ़सोस हो रहा था कि मैंने लो-कट बनियान क्यों नहीं पहना। पर फिलहाल तो मेरे चूतड़ों ने अपना कमाल दिखा ही दिया था।
“तुम तो वहाँ कोने वाले मकान में रहते हो ना…? मैं सवेरे वहीं आ जाऊँगी, फिर साथ ही जोगिंग करेंगे।” मैंने अपनी तिरछी नजर से एक तीर और मारा…
वो विचलित हो उठा। हम दोनों अब जूस पी रहे थे। हमारी आँखें एक खामोश इशारा कर रही थी। दिल को दिल से राह होती है, शायद हमारी नजरों ने कुछ भांप लिया था। मैंने अपनी स्कूटी उठाई और घर आ गई।
हमारा अब यह रोज का कार्यक्रम हो गया। कुछ ही दिनों में हम घुलमिल गये थे। मेरे सेक्सी जलवे हमेशा ही नये होते थे। उसका तो यह हाल हो गया था कि शायद मुझसे मिले बिना अब चैन ही नहीं आता था। उसका लण्ड मेरे कसे हुये चूतड़ों और चिकनी चूचियों को देख कर फ़डफ़डा कर रह जाता था… बेचारा… !
उसे पागल करने में मैंने कोई गलती नहीं की थी। आज भी लो-कट टाईट बनियान और ऊंचा सा स्कर्ट पहन कर ऊपर से शॉल डाल लिया। सवेरे छः बजे मैं उसके घर पहुँच गई।
उसका कमरा हमेशा की तरह खुला हुआ था। वो अभी तक सो रहा था। सोते हुये वो बहुत ही मासूम लग लग रहा था। उसका गोरा बलिष्ठ शरीर किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकता था। मैंने अपना शॉल एक तरफ़ डाल दिया। मेरे स्तन जैसे बाहर उबले से पड़ रहे थे। मुझे स्वयं ही लज्जा आ गई। वो मुझे देख बिस्तर छोड़ देता था और फ़्रेश होने चला जाता था। आज भी वो मेरे वक्ष को घूरता हुआ उठा और बाथरूम की ओर चला गया। पर उसके कड़कते लण्ड का उभार मुझसे छिपा नहीं रहा।
‘नेहा, एक बात कहना चाहता हूँ !” उसने जैसे ही कहा मेरा दिल धड़क उठा।
उसके हाव भाव से लग रहा था कि वो मुझे प्रोपोज करने वाला है… और वैसा ही हुआ।
“कहो… क्या बात है…?” मैंने जैसे दिल की जान ली थी, नजरें अपने आप झुक गई थी।
“आप बहुत अच्छी हैं… मेरा मतलब है आप मुझे अच्छी लगती हैं।” उसने झिझकते हुये मुझे अपने दिल की बात कह दी।
“अरे तो इसमें कौन सी नई बात है… अच्छे तो मुझे आप भी लगते हैं… ” मैंने उसे मासूमियत से कहा… मेरा दिल धड़क उठा।
“नहीं मेरा मतलब है कि मैं आपको चाहने लगा हूँ।” इतना कहने पर उसके चेहरे पर पसीना छलक उठा और मेरा दिल धाड़-धाड़ करने लगा। यानि वो पल आ गया था जिसका मुझे बेसब्री से इन्तज़ार था। मैंने शर्माने का नाटक किया, बल्कि शरमा ही गई थी।
“क्या कहते हो विजय, मैं तो शादी-शुदा हूँ… !” मैंने अपनी भारी पलकें ऊपर उठाई और उसे समझाया। दिल में प्यास सी जग गई थी।
“तो क्या हुआ ? मुझे तो बस आपका प्यार चाहिये… बस दो पल का प्यार… ” उसने हकलाते हुये कहा।
“पर मैं तो पराई…?… विजय !” मैंने नीचे देखते हुये कहा।
उसने मेरी बांह पकड ली, उसका जिस्म कांप रहा था। मैं भी सिमटने लगी थी।
पर मेरे भारी स्तन को देख कर उसके तन में वासना उठने लगी। उसने अपनी बांह मेरी कमर में कस ली।
“नेहा, पाप-पुण्य छोड़ो… सच तो यह है… जिस्म प्यार चाहता है… आपका जिस्म तो बस… आग है … मुझे जल जाने दो !”
“छोड़ो ना मुझे, कोई देख लेगा… हाय मैं मर जाऊंगी।” मैंने अपने आपको छुड़ाने की असफ़ल कोशिश की। वास्तव में तो मेरा दिल खुशी के मारे खिल उठा था। मेरे स्तन कड़े होने लगे थे। अन्दर ही अन्दर मुझमें उत्तेजना भरने लगी। उसने मेरी चूचियों को भरपूर नजरों से देखा।
“बहुत लाजवाब हैं… !”
मैं जल्दी से शॉल खींच कर अपनी चूचियाँ छिपाने लगी और शरमा गई। मैं तो जैसे शर्म के मारे जमीन में गड़ी जा रही थी, पर मेरा मन… उसके तन को भोगना भी चाह रहा था।
“हटा दो नेहा… यहाँ कौन है जो देखेगा… !” मेरा शॉल उसने एक तरफ़ रख दिया।
मेरे अर्धनग्न स्तन बाहर छलक पड़े।
“चुप ! हाय राम… मैं तो लाज से मरी जा रही हूँ और अ… अ… आप हैं कि… … ” मेरी जैसे उसे स्वीकृति मिल गई थी।
“आप और हम बस चुपके से प्यार कर लेंगे और किसी को पता भी ना चलेगा… आपका सुन्दर तन मुझे मिल जायेगा।” उसकी सांसें चढ़ी हुई थी।
मैं बस सर झुका कर मुस्करा भर दी। अरे… रे… रे… मैंने उसे धक्का दे कर दूर कर दिया,”देखो, दूर रहो, मेरा मन डोल जायेगा… फिर मत मुझे दोष देना !”
विजय मेरे तन को भोगना चाह रहा था।
“हाय विजय तुम क्या चाहते हो… क्या तुम्हें मेरा चिकना बदन … ” मैं जैसे शरमा कर जमीन कुरेदने लग गई। उसने मुझे अपनी बाहों में लेकर चूम लिया।
“तुम क्या जानो कि तुम क्या हो… तुम्हारा एक एक अंग जैसे शहद से भरा हुआ … उफ़्फ़्फ़्फ़… बस एक बार मजे लेने दो !”
“विजय… देखो मेरी इज्जत अब तुम्हारे हाथ में है… देखो बदनाम ना हो जाऊँ !” मेरी प्रार्थना सुन कर जैसे वो झूम उठा।
“नेहा… जान दे दूंगा पर तुम्हें बदनाम नहीं होने दूंगा… ” उसने मेरा स्कर्ट उतारने की कोशिश करने लगा। मैंने स्वयं अपनी स्कर्ट धीरे से उतार दी और वहीं रख दी। वो मुझे ऊपर से नीचे तक आंखें फ़ाड फ़ाड कर देख रहा था।
उसे जैसे यह सब सपना लग रहा था। वो वासना के नशे में बेशर्मी का व्यवहार करने लगा था। मेरी लाल चड्डी के अन्दर तक उसकी नजरें घुसी जा रही थी। मेरी चूत का पानी रिसने लगा था। मुझे तीव्र उत्तेजना होने लगी थी। उसका लण्ड मेरे सामने फ़डकने लगा था। मैंने शरमाते हुये एक अंगुली से अपनी चड्डी की इलास्टिक नीचे खींच दी। मेरी चूत की झलक पाकर उसका लण्ड खुशी के मारे
उछलने लगा था। उसने मेरी बाहें पकड़ कर अपने से सटा लिया। मैंने उसका लण्ड अपने हाथों से सहला दिया। हमारे चेहरे निकट आने लगे और फिर से चुम्बनों का आदान-प्रदान होने लगा। मैंने उसका लण्ड थाम लिया और उसकी चमड़ी ऊपर-नीचे करने लगी। उसने भी मेरी चूत दबा कर अपनी एक अंगुली उसमें समा दी। उत्तेजना का यह आलम था कि उसका वीर्य निकल पड़ा और साथ ही साथ अति उत्तेजना में मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया।
“यह क्या हो गया नेहा… ” उसका वीर्य मेरे हाथों में निकला देख कर शरमा गया वो।
“छीः… मेरा भी हो गया… ” दोनो ने एक दूसरे को देखा और मैं शरम के मारे जैसे जमीन में गड़ गई।
“ये तो नेहा, हम दोनों की बेकरारी थी… ” हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गये थे। मैंने अपने कपड़े समेटे और शॉल फिर से ओढ़ लिया। मेरा सर शर्म से झुका हुआ था।
उसने तौलिया लपेटा और अन्दर से दो गिलास में दूध ले आया। मैंने दूध पिया और चल पडी…
“कल आऊँगी… अब चलती हूँ !”
“मत जाओ प्लीज… थोड़ा रुक जाओ ना !” वह जैसे लपकता हुआ मेरे पास आ गया।
“मत रोको विजय… अगर कुछ हो गया तो… ?”
“होने दो आज… तुम्हें मेरी और मुझे तुम्हारी जरूरत है… प्लीज?” उसने मुझे बाहों में भरते हुये कहा।
मैं एक बार फिर पिघल उठी… उसकी बाहों में झूल गई। मेरे स्तन उसके हाथों में मचल उठे। उसका तौलिया खुल कर गिर गया।
मेरा शॉल भी जाने कहाँ ढलक गया था। मेरी बनियान के अन्दर उसका हाथ घुस चुका था। स्कर्ट खुल चुका था। मेरी बनियान ऊपर खिंच कर निकल चुकी थी। बस एक लाल चड्डी ही रह गई थी।
मैं उससे छिटक के दूर हो गई और…

अपनी लाल चड्डी भी उतार दी। विजय तो पहले ही नंगा था, उसका लण्ड तन्ना रहा था, चोदने को बेताब था…
मैं हिम्मत करके उसके लण्ड का स्वाद लेने के लिये बैठ गई और उसे पास बुला लिया।
उसका सुन्दर सा लण्ड का सुपारा बड़ा ही मनमोहक था। पहले तो शरम के मारे मेरी हिम्मत नहीं हुई, फिर मैंने उसे सहलाते हुये अपने मुख में ले लिया।
“नेहा.. छीः यह गन्दा है मत करो !”
“विजय, कुछ मत कहो … तुम क्या जानो, मेरा पानी निकालने वाला तो यही है ना… प्यार कर रही हूँ !”
वो छटपटाता रहा और मैं उसके लण्ड को मसल मसल कर चूसती रही। उसका मोटा लम्बा लण्ड मुझे बहुत भाया।
“नेहा… आओ बिस्तर पर चलें, वहीं प्यार करेंगे… ” लगता था कि उससे अब और नहीं सहा जा रहा था।
हम दोनों अब बिस्तर में थे, एक दूसरे के शरीर को सहला रहे थे, अधरपान कर रहे थे। वो मेरी चूचियाँ और चुचूक मसल रहा था। मैं उसका लण्ड हाथ में लेकर सहला रही थी और हौले हौले मुठ मार रही थी।
मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। मेरी चूत गरम हो चुकी थी। चूत बेचारी मुँह फ़ाडे लण्ड का इन्तज़ार कर रही थी। जीवन में नंगे होकर इस प्रकार मस्ती मैं पहली बार कर रही थी थी।
मैंने नंगापन छिपाने के लिये पास पड़ी चादर दोनों के ऊपर डाल ली। कुछ ही देर में विजय का लण्ड मेरी गीली और चिकनी चूत में दबाव डाल रहा था। उसके सुपारे की मोटाई अधिक होने से पहले तो चूत के द्वार में ही अटक गया। मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था। दोनों जिस्मो का संयुक्त जोर लगा तो लण्ड फ़ंसता हुआ घुस गया।
हाय इतना मोटा…
फिर तो विजय का बलिष्ठ शरीर मेरे पर जोर डालता ही गया। मेरी चूत की दीवारें जैसे लण्ड को रगड़ते हुये लीलने लगी।
अभी अभी तो लण्ड घुसा ही था … पर मेरी धड़कन तेज हो उठी। अचानक उसने अपना बाहर खींच कर फिर से अन्दर तक उतार दिया। मैंने आनन्द के मारे विजय को जकड़ लिया। चुदी तो मैं खूब थी… पर ऐसे कड़क लण्ड की चुदाई पहली बार ही महसूस की थी। धीरे धीरे चुदाई रफ़्तार पकड़ने लगी। ऐसा मधुर अहसास मुझे पहले कभी नहीं हुआ था। मैंने अपने हाथ और अपनी टांगें पूरी पसार दी थी। इण्डिया गेट पूरा खुला था। ओढ़ी हुई चादर जाने कहां खो गई थी। मेरी चूचियों की शामत आई हुई थी। विजत उन्हें दबा कर मसल रहा था, घुण्डियों को खींच-खींच कर मुझे उत्तेजना की सीढ़ियों पर चढ़ा दिया था। मैं नीचे दबी बुरी तरह चुद रही थी। विजय का बलिष्ठ शरीर मुझे चोदने में अपने पूरे योगाभ्यास के करतब काम में ले रहा था। दोनों ही जवानी की तरावट में तैर रहे थे। उसके लण्ड की साथ साथ मेरी चूत भी ठुमके लगा रही थी।
अचानक मेरे अंग कठोर होने लगे…
मैंने विजय को अपनी ओर भींच लिया।
“विजय… आह्ह्ह्ह विजय… ” मेरा तन जैसे टूटने को था, लगा कि मेरा पानी अब निकल पड़ेगा।
“मेरी नेहाऽऽऽऽऽऽऽ… … मैं भी गया… ” उसका लण्ड जैसे भीतर फ़ूल उठा।
“मेरे राजा… ये आह्ह्ह … हाय बस कर… विजय… ” मेरी चूत पहले तो कस गई, फिर एक तेज मीठी सी उत्तेजना के साथ मेरा पानी छूट पडा। मेरी चूत में मीठी-मीठी लहरें चल पड़ी। मैं झड़ रही थी। उसके मोटे लण्ड ने भी एक फ़ुफ़कार सी भरी और चूत के बाहर आ गया। विजय ने अपने हाथो से लण्ड को बेदर्दी से हाथ से दबा डाला और उसमें से एक मधुर पिचकारी उछाल मारती हुई निकल पड़ी… कई शॉट्स में लण्ड अपना वीर्य मेरे पर निछावर करता रहा। मैंने वीर्य को अपनी चूचियों पर व नाभि पर मल लिया। कुछ ही देर में वीर्य ने मेरे जिस्म पर एक सूख कर एक पर्त बना ली। यह मेरी चिकनी और नर्म चूचियों के लिये एक फ़ेस पेक की तरह था।
मेरा दिल अब विजय से बहुत लग चुका था। शायद मैं उसे प्यार करने लगी थी। हम लगभग रोज ही मिलते थे और बिस्तर में घुस कर खूब प्यार करते थे, चुम्मा-चाटी करते थे। दोनों के शरीर गरम भी हो जाते थे। फिर मन करता तो अपने शरीर एक दूसरे में समा भी लेते थे। मैं मस्ती से चुद लेती थी।
फ़िर एक दिन मैं जब सवेरे विजय के यहाँ गई तो वहाँ उसका एक दोस्त और था। मैं उसे नहीं जानती थी… पर वो मुझे जानता था। उसने अपना नाम प्रफ़ुल्ल बताया था, पर लोग उसे लाला कहते थे। मुझे वहाँ रोज आता देख कर वो भी विजय के यहाँ आने लगा था। शायद वो मेरे कारण ही आता था। धीरे धीरे वो भी मेरे दिल को छूने लगा था लेकिन लाला के कारण हमारा खेल खराब हो चला था।
एक दिन शाम को विजय मेरे घर आ गया…
मेरे घर में एकांत देख कर उसने राय दी कि यहाँ मिलना अच्छा रहेगा। पर हमें जगह तो बदलनी ही थी, उसके घर के आस पास वाले अब हम दोनों के बारे में बातें बनाने लग गये थे।
अब हम दोनों मेरे ही घर पर मिलने लगे थे। पर मुझे लाला की कमी अखरने लग गई थी तो उसे मैंने पार्क में ही मिलने को कह दिया था। अब हम तीनों ही पार्क में जॉगिंग किया करते थे। मैं लाला से भी चुदना चाहती थी… मेरी दिली इच्छा थी कि दोनों मिल कर मुझे एक साथ चोदें।
यहाँ से अब लाला की कहानी भी शुरू होती है। मेरी फ़ुद्दी रह रह कर उसके नाम के टसुए बहा रही थी। वैसे भी जिसके साथ भी मेरी दोस्ती हो जाती थी, वो मुझे भाने लगता था और स्वयमेव ही चुदाने की इच्छा बलवती होने लगती थी।
मैं विजय की गोदी में बैठी हुई थी, एक दूसरे के अधरों को रह रह कर चूम रहे थे। विजय का लण्ड मेरी चूतड़ों की दरार में फ़ंसा हुआ था। मैं लाला को पटाने का माहौल बना रही थी। मैंने उसी को आधार बना कर वार्ता आरम्भ की।
“विजय कभी तुम्हारी इच्छा होती है कि दो दो लड़कियों को एक साथ बजाओ?” मैंने बड़े ही चालू तरीके से पूछा।
“सच बताऊँ, बुरा तो नहीं मानोगी… ? इच्छा किसकी नहीं होती एक साथ दो लड़कियों को चोदने की, मुझे भी लगता है दो दो लड़कियाँ मेरा लण्ड मसलें और मुझे निचोड़ कर रख दें… मेरा जम कर पानी निकाल दें…”
“आ… आ… बस बस… सच कहते हो… मेरी सहेली पूजा को पटाऊँ क्या? साली की चूत का भोंसड़ा बना देना !” उसे लालच देती हुई बोली।
“यह पूजा कौन है? उसे भी जोगिंग के लिये ले कर आओ… फिर तो पटा ही लेंगे दोनों मिल कर… फिर देखो कैसे उसकी पूजा करते हैं !”
“कितना मजा आयेगा, हम दोनों मिल कर तुमसे प्यार करेंगे और फिर तुम्हारा माल निकालेंगे… फिर देखो मुझे चूतिया बना कर गोल मत कर देना?”
“अच्छा ! तुम बताओ… तुम्हें अगर दो दो मस्त लण्ड मिल जायें तो… बहुत बड़ी-बड़ी बातें करती हो…”
“हटो, मेरी ऐसी किस्मत कहाँ है… एक तो तुम ही बड़ी मुश्किल से मिले हो… दूसरा लौड़ा कहाँ से लाऊँ?” मैंने बड़ी मायूसी से कहा।
मैं तो लाला की बात कर रहा हूँ… उसकी नजर तो तुम पर है ही ! हो गये ना हम दो… ” यह सुन कर मेरा मन खुशी से भर गया।
“अरे नहीं रे… मैं तुम्हारा दिल नहीं दुखाना चाहती हूँ…।” मैंने विजय को चूमते हुये उसे अपनी बातो में ले लिया और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
“नेहा, तुम कोई मेरी बीवी तो हो नहीं, अगर तुम साथ में लाला से भी मजे ले लो तो मेरा क्या जाता है… बल्कि तुम्हें तो दो दो लौड़ों का मजा ही आयेगा ना?” वो मुझे समझाने लगा।
“सच विजय, यू आर सो लवली, सो स्वीट… मैं भी पूजा को ले आऊँगी… तुम उससे मजे लोगे तो सच में मुझे भी बहुत अच्छा लगेगा।” पूजा मेरी नौकरानी थी, मैंने सोचा उसे जीन्स पहना कर कॉलेज गर्ल बना कर विजय से चुदवा दूंगी।
अब हम दोनों प्यार करते जा रहे थे और लाला को पटाने की योजना बनाने लगे।
सोच समझ कर हमने आखिर एक योजना बना ही डाली। इसमे विजय भी मेरी मदद करेगा। मेरा दिल खुशी के मारे उछलने लगा। लाला और विजय का लण्ड अब मुझे एक साथ मेरे जिस्म में घुसते हुये महसूस हुए। मैंने जोश में उसका लण्ड अपनी गाण्ड में घुसा लिया। उस दिन मैंने अपनी गाण्ड खोल कर विजय से मन से चुदाया।
मुझे चोद कर विजय चला गया। शाम को पूजा को मैंने विजय की बात बताई। पूजा बेचारी रोज छुप छुप कर मुझे चुदते देखती थी, वो सुन कर खुश हो गई। मैंने विजय को मोबाईल पर फ़ोन करके शाम को बुला लिया और उसे पूजा से मिलवा दिया।
“विजय यह मेरी खास सहेली है… इसे जरा मस्ती से चोदना… बेचारी बहुत दिनों से नहीं चुदी है…देखो, कहीं यह बदनाम ना हो जाये…”
“नेहा… यह मेरी भी खास बन कर ही रहेगी… पूजा आओ, बन्दा आपको आपको सिर्फ़ आनन्द ही आनन्द देगा।”
मैं उन दोनों को अपने बेडरूम में ले गई और कमरा बाहर से बन्द कर दिया। कुछ ही देर में अन्दर से सिसकियाँ और आहें भरने की उत्तेजनापूर्ण आवाजें आने लगी। मैंने अपनी चूत दबा ली और रस को अपने रूमाल से पोंछने लगी।
करीब आधे घण्टे के बाद उन्होंने बाहर आने के लिये दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोल दिया। पूजा की आँखें वासना से लाल थी, जुल्फ़ें उलझी हुई थी, जीन्स भी बेतरतीब सी थी, टॉप चूचियों पर से मसला हुआ साफ़ नजर आ रहा था, साफ़ लग रहा था कि उसकी मस्त चुदाई हुई है।
विजय भी मुस्कराता हुआ बाहर आया जैसे कि किसी कि कोई मैदान मार लिया हो। मैंने पूजा को चूम लिया।
“बेबी… मस्ती से चुदी है ना… तेरा चेहरा बता रहा है कि मजा आया है… अब तू जा… जब मन करे चुदने का तो विजय को बुला लेना !”
एक तीर से दो काम करने थे मुझे। विजय यूँ तो मुझे चोदता ही… मेरे पति के आने पर पूजा को मेरी जगह चोदता… तब मैं सुरक्षित रहती।
आज तो दिन को ही लाला विजय के यहाँ आ गया था। उसे पता था कि वो थोड़ी देर में मेरे घर जायेगा। मुझ तक पहुँचने के लिये उसे विजय की चमचागिरी तो करनी ही थी ना।
“लाला, भोसड़ी के ! एक बात बता… तुझे यह नेहा कैसी लगती है?” विजय अपनी लड़कों वाली भाषा का प्रयोग कर रहा था।
“जवानी की जलती हुई मिसाल है… मुझे तो बहुत प्यारी लगती है… चालू माल है क्या?”
“एक बात है यार… मुझे भी वो मस्त माल लगती है… तू कहे तो उसे पटायें…”
“कह तो ऐसे रहा है जैसे कोई लड्डू है जो खा जायेगा… दोस्त है, दोस्त ही रहने दे… कहीं दोस्ती भी हाथ से ना निकल जाये?”
“कब तक यार उसे देख देख कर मुठ मारेंगें … कोशिश तो करें… अगर पट गई तो दोनों मिल कर साली को चोदेंगें।”
“चल मन्जूर है, देख अपन साथ ही चोदेंगे… देख विजय … मुझे धोखा ना देना…यार देख मेरा तो लण्ड अभी से जोर मार रहा है।”
मुझे विजय का फोन आया कि लाला मुझे चोदने के लिये तड़प रहा है। मुझे अब लाला से चुदने की तैयारी करनी थी। मैंने पलंग को एक कोने में कर दिया और जमीन पर मोटा गद्दा डाल दिया। जमीन पर बिस्तर पर खुल कर चुदा जा सकता था।
जैसे ही बाहर दो मोटर साईकल रुकी, मेरा दिल धड़क उठा। मैंने बाहर झांक कर बाहर देखा। विजय और लाला ही थे। दोनों आपस में कुछ बाते कर रहे थे। तभी मेरे मोबाईल पर विजय का मिसकॉल आया। यह विजय का इशारा था। मेरा दिल अब जोर जोर से धड़कने लगा था। मुझे पसीना आने लगा था।
दोनों अन्दर आए तो मैं लाला को देख कर बोली- अरे तुम कैसे आ गए?
विजय बोला- मैं ले आया इसे अपने साथ ! तुझे चोदना चाहता है !
लाला कभी विजय को तो कभी मुझे देख रहा था हैरानी से कि विजय कैसे खुल्लमखुल्ला बोल रहा है।
लाला को इस तरह अपनी ओर देखते हुए विजय बोला- क्या देख रहा है बे? मैं तो इसे कई बार चोद चुका हूँ। और इसी साली ने तो मुझे कहा था कि दो लण्ड एक साथ लेना चाहती है तो मैं तुझे पट कर ले आया। तेरी नजर भी तो थी ही ना इस पर !
मैं शरमाते हुए बोली- विजय, क्या बकवास कर रहे हो?
मुझे नहीं पता था कि विजय इस तरह मेरी पोल खोल देगा।
लाला ने आगे बढ़ कर मुझे दबोच लिया।
“लाला… अरे… दूर हटो… क्या कर रह हो?” पर सच कहूँ तो मुझे स्वयं ही इसकी इच्छा हो रही थी।
“तेरी माँ दी फ़ुद्दी… ऐसी मस्त गाण्ड और चूत कहां मिलेगी !” लाला जैसे अपना आपा खो चुका था। उसके अंग अंग फ़ड़क उठे। मेरे स्तन उसने मसल दिये। उसने मुझे अपनी बाहो में उठा कर नीचे गद्दे पर पटक दिया, मेरे ऊपर आकर मुझे दबा लिया, उसके शरीर का दबाव मुझे बड़ा मोहक लगा।
“साली की मस्त चूत चोद डालूँगा !” वो बड़ी कुटिलता से मुस्करा कर अपनी पैन्ट खोल रहा था जैसे मैदान मार लिया हो।
इतने में विजय को पुकारते हुए मैं बेशरमी से बोली- विजय, मुझे बचा लो… देखा लाला मुझे चोदने पर तुला है…
लाला मेरी मैंने विजय को आँख मारी। विजय ने मेरी मैक्सी उठाते हुए मेरे गले से निकाल कर फ़ेंक दी। अन्दर मैंने कुछ पहना ही नहीं था तो मैं अब मादरजात नंगी हो गई थी।
“साली को छोड़ूंगा नहीं… मां कसम चिकनी है… चूत मारने में बहुत मजा आयेगा।”वो वासना में जैसे उबल रहा था।
मैं अभी भी नखरे दिखाने को मचल रही थी जैसे उससे छूटना चाह रही हूँ। तभी विजय ने मेरी टांगे पकड़ ली और दोनों ओर खींच कर मेरी चूत भी खोल दी। मैंने भी चूत अपनी फ़ाड़ कर खोलने में सहायता की।
“विजय तुम भी… हाय अब क्या करूँ… लगता है मेरी फ़ुद्दी की मां चोद देंगे।”
“विजय बोला- भोसड़ी की मस्त माल है , जरा जम के चोद डाल इसे… फिर मैं भी इसकी चोदूँगा।
“थेंक्स विजय… मेरे दोस्त… मुझे नेहा जैसा मस्त माल को चोदने में मेरी मदद की… भेन दी लण्ड !”
तभी लाला का फ़ौलादी लण्ड मेरी चूत में घुस पड़ा। मेरे मुख से आह्ह निकल गई। मैंने धीरे से विजय को आंख मार दी।
“लाला। मर गई … हाय राम… ये क्या किया तूने… अब तो छोड़ दे… घुसेड़ दिया रे !” और मैंने लाला की बाहे अब जकड़ लिया। मस्ती से मेरे दांत भिंच गये।
विजय ने भी अपने कपड़े उतार लिये और लण्ड मेरे मुख के समीप ले आया,”चल चूस ले मां की लौड़ी … जरा कस कर चूसना… निकाल दे मेरा माल …”
“दोनों साले हरामी हो… देखना भेन चोदो… तेरे लण्ड का भी पानी ना निकाल दूं तो कहना !” मेरे मुख से भी जोश में निकल पड़ा।
“यह बात हुई ना… मादर चोद … रण्डी… छिनाल साली… तेरी तो आज फ़ोड़ के रख देंगे।” उसकी गालियाँ मेरी उत्तेजना बढ़ा रही थी। मुझे किसी ने आज तक ऐसी मीठी मीठी… रसभरी गालियाँ देकर नहीं चोदा था। विजय का मस्त लण्ड मेरे मुखद्वार में प्रवेश कर चुका था। आज मेरे दिल की यह इच्छा भी पूरी हो रही थी- दो दो जवान चिकने लौंड़ो से लण्ड लेने की इच्छा…।
किसकी किस्मत में होता है भला दो दो लण्ड से एक साथ चुदाना। मुझे पता था कि अब मेरी आगे और पीछे से जोरदार चुदाई वाली है। लाला का लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ गहराई में बैठता जा रहा था। मेरी सिसकियाँ निकल रही थी। दुसरी और विजय का लण्ड मुख को चोदने जैसा चल रहा था। मैंने विजय को बेकरारी में आँख मारी… वो समझ गया।
“लाला, इस मां की लौड़ी को अपने ऊपर ले ले… मैं भी जरा प्यारी सी नेहा की गाण्ड बजा कर देखूँ !” मैं विजय की बात पर मुस्करा उठी। लाला ने मुझे दबा कर पलटी मार दी और मै उसके ऊपर आ गई… मैंने लाला के लण्ड पर जोर मार कर फिर से उसे चूत में पूरा घुसा लिया और अपने चूतड़ खोल दिये। मेरा शरीर सनसना उठा कि अब मेरी गाण्ड भी चूत के साथ साथ चुदने वाली है।
तभी मेरी चिकनी गाण्ड में विजय का लौड़ा टकराया। मैं लाला से लिपट पड़ी।
“लाला देख ना विजय ने अपना लौड़ा मेरी गाण्ड में लगा दिया है… क्या यह मेरी गाण्ड मारेगा?”
“देखती जाओ, मेरी छम्मक छल्लो … हम दोनों मिल कर तेरी क्या क्या मारते हैं… भोसड़ी की… चूतिया समझ रखा है? क्या तू बच जायेगी… साली को फोड़ के नहीं रख देंगे।”
“अरे जा… बड़ा आया चोदने वाला… हरामी का लण्ड तो खड़ा होता नहीं है… बाते बड़ी बड़ी करता है।”
“विजय… गण्डमरी को छोड़ना नहीं… दे साली की गाण्ड में लौड़ा…” विजय तो जानता था कि मैं जोरदार चुदाई चाहती हूं, इसलिये मैं लाला को भड़का रही हूँ।
विजय का लण्ड भी मेरी गाण्ड में घुसता चला जा रहा था। आह्ह्ह्…… मस्त दो दो लण्ड… कैसा अद्भुत मजा दे रहे थे। मुझे आज पता चला कि चूत और गाण्ड के द्वार एकसाथ कैसे खुलते है और लण्ड झेलने में कितना मजा आता है। मेरी अन्तर्वासना की सखियो … मौका मिले तो जरूर से दो दो लण्डों का आनन्द लेना।
आह्ह्ह रे दोनों लण्ड का अहसास… मोटे मोटे अन्दर घुसते हुये … मां री … मेरा जिस्म आनन्द से भर गया। पूरे शरीर में मीठी सी लहर उठने लगी। मेरे कसे हुये और झूलते हुये स्तन विजय ने पीछे से थाम लिये और दबा लिये।
मेरी स्थिति यह थी कि मैं अपने चूतड़ दोनों ओर से दबे होने कारण उछाल नहीं पा रही थी। अन्ततः मैं शान्ति से लाला पर बिछ गई और बस दोनों ओर से लण्ड खाने का आनन्द लेने लगी। कैसा अनोखा समा था। दोनों के लण्ड टनटना रहे थे…फ़काफ़क चल रहे थे… मैं दोनों के मध्य असीम खुशी बटोर रही थी। मन कर रहा था कि ऐसी मस्त चुदाई रोज हो। हाय रे… मेरी चूत और गाण्ड दोनों ही चुद रही थी … ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी कि काश यह लम्हा कभी भी खत्म ना हो बस जिन्दगी भर चुदती ही रहूँ।
तभी विजय के मुख से कराह निकली और उसका वीर्य गाण्ड की कसावट के कारण रगड़ से निकल पड़ा। उसने अपना लण्ड बाहर निकाला और बाकी बचा हुआ वीर्य लण्ड मसल मसल कर निकालने लगा। तभी दोनों ओर की चुदाई के कारण मैं अतिउत्तेजना का शिकार हो गई और मेरा रज भी छूट गया। मैं झड़ने लगी थी। कुछ ही पल में लाला भी झड़ गया। मेरी चूत के आस पास जैसे लसलसापन फ़ैल गया, नीचे गंगा जमुना बह निकली। मैं लाला के ऊपर पड़ी हुई थी। विजय उठ कर खड़ा हो गया था और मेरे चूतड़ों को थपथपा रहा था।
कुछ ही समय के बाद हम अपने कपड़े पहन कर सोफ़े पर बैठे हुये चाय पी रहे थे।
लाला आज बहुत खुश था कि आज उसे मुझे चोदा था। ये कार्यक्रम मेरा मस्ती से छः महीनो तक चलता रहा। पूजा अब लाला से भी चुदवाने लगी थी। तभी कनाडा से सूचना आई कि मेरे पति दो दिन बाद घर पहुंच रहे हैं।
मैंने विजय और लाला को इस बारे में बताया कि अब ये सब बन्द करते है और मौका मिलने पर फिर से ये रंग भरी महफ़िल जमायेंगे। पर हां जोगिन्ग पार्क मे हम नियम से रोज मिलेंगे। पूजा दोनों के लण्ड शान्त करती रहेगी। वो उदास तो जरूर हुये पर पूजा ही अब उनका एक सहारा था। पूजा भी बहुत खुश नजर आ रही थी कि अब उसकी चुदाई भरपूर होगी…

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खुस करदिया ताईजी को चोद कर

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हैल्लो फ्रेंड्स, ये मेरी पहली सच्ची स्टोरी है और में अक्सर इस वेबसाईट पर कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ. अब में स्टोरी पर आता हूँ, मेरा नाम राजीव ठाकुर है और में राजस्थान का रहने वाला हूँ, में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ और मेरी उम्र 27 साल है. मेरे घर में मेरे पापा, माँ, भाई-भाभी और मेरा छोटा सा भतीजा है. मेरी ताई जी हमारे घर के पीछे अपने घर में रहती है, मेरी ताई जी के पति काफ़ी साल पहले शांत हो चुके है और ताई जी के कोई औलाद भी नहीं है, तो उन्होंने दो लड़के गोद ले रखे हैं और दोनों की शादी हो चुकी है और वो सब साथ रहते हैं.
ये बात अगस्त 2013 की है. ताई जी शाम को घर पर आई हुई थी, में ऑफिस से घर पहुंचा तो वो वहीँ बैठी थी, उस वक़्त मेरे मन में ताई जी को लेकर कुछ नहीं था. ताई जी की उम्र 55 साल है और उनकी हाईट 6 फुट है. ताई जी मेरी माँ से बात कर रही थी कि आज उनके घर के सारे सदस्य शादी में बाहर जा रहे हैं और वे 2 दिन बाद आयेगें तो वो घर पर अकेली है इसलिए राजीव हमारे घर सो जायेगा, तो माँ ने कह दिया कि कोई बात नहीं सो जायेगा. फिर रात हुई तो 8 बजे में ताई जी के घर चला गया. ताई जी अपने रूम में बैठी टी.वी देख रही थी. फिर मुझे देखकर कहने लगी कि आ गया, खाना खायेगा या खाकर आया है, तो मैंने कहा कि में खाना खाकर आया हूँ और बता दो कि में कौन से रूम में सोऊँ, तो उन्होंने कहा यहीं सो जाना इस दूसरे बेड पर.
फिर मैंने कहा ठीक है, उस टाईम भी मेरे मन में कुछ नहीं था. मेरी ताई जी रात को एक नींद आने वाली गोली लेकर सोती है उनको नींद की समस्या है. फिर रात के 10 बज चुके थे, लाईट बंद हो गयी और वो भी सो गयी और में भी सो गया. फिर 12 बजे मेरी आँख खुली तो में टायलेट जाने के लिए खड़ा हुआ और लाईट चालू की तो देखा कि ताई जी बेसुध होकर सो रही है और उनकी सलवार उनके पैर से ऊपर उठी हुई है और उनका सूट उनके पेट से ऊपर उठा हुआ है, उनका पेट बिल्कुल गोरा था और उनकी नाभि बहुत गहरी थी, उनकी जांघे मोटी थी और बहुत गोरी थी. मेरा लंड अचानक से ये देखकर खड़ा हो गया और में वहीं खड़ा होकर पास से ये सब देखने लगा, मेरा मन किया कि उनके पेट पर हाथ फेर दूँ और फिर सोचा कहीं जाग ना जायें. फिर मैंने सोचा कि ताई जी तो नींद की गोली खाकर सोती है और मैंने हिम्मत करके उनके पेट पर हाथ रख दिया, उनका पेट बिल्कुल नरम था और मैंने हाथ रखे रखा और में उनकी चारपाई के पास फर्श पर बैठ गया.
फिर मेरा एक हाथ उनके पेट पर था और एक हाथ से में अपना लंड पकड़ कर मुठ मार रहा था, मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है और मोटा थोड़ा ज़्यादा है ताई जी को कुछ मालूम नहीं था. फिर में धीरे-धीरे से हाथ को उनके पेट पर फेरने लगा, उनकी नाभि के अंदर उंगली डालकर घुमाने लगा. ओह्ह गॉड मेरे लंड का सरिया बन गया था और रोड की तरह बहुत सख़्त हो गया था.
फिर धीरे-धीरे मैंने उनका सूट ऊपर उठा दिया और उनके बूब्स के पास हाथ पहुंचा दिया, उनके बूब्स लटके हुए थे और उनके निप्पल भी ढीले हो गए थे. मेरा मन किया कि में निप्प्पल को मुँह में डाल लूँ. फिर तभी ताई जी ने करवट ले ली और मेरा हाथ उनके बूब्स के नीचे दब गया. फिर धीरे से मैंने अपना हाथ निकाला और उनका सूट पूरा ऊपर उठा दिया. फिर मुझे उनके बूब्स बिल्कुल साफ नज़र आने लगे और में कंट्रोल से बाहर होने लगा.
फिर मैंने हिम्मत करके उनका एक बूब्स हाथ में ले लिया और दबाना शुरू कर दिया, ताई जी नींद में सिसकियां लेने लगी. फिर मेरा हौंसला बढ़ गया और में ताई जी के साथ चारपाई पर लेट गया और उनको पीछे से हग करके उनके पैरो में अपने पैर फंसाकर लेट गया और उनके बूब्स दबाने लगा, वो नींद से थोड़ा जागने लगी थी.
फिर मैंने अपने सारे कपड़े ऊतार दिए थे और ताई जी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. वो अभी जागी नहीं थी, लेकिन उनकी पकड़ मेरे लंड पर टाईट हो गयी थी और लंड को थोड़ा-थोड़ा हिलाने भी लगी थी, लेकिन जब मैंने उनकी सलवार में हाथ डाला और उनकी सलवार को खोलने लगा तो वो नींद से जाग गयी, लेकिन थोड़ा सा दवाई का असर था तो वो पूरी तरह नहीं जागी थी. उन्होंने देखा कि में उनके पास नंगा पड़ा हूँ और वो भी आधी नंगी हो गई थी और उनका हाथ मेरे लंड पर है.
फिर उन्होंने मुझे नीचे गिरा दिया और कहने लगी कि तुझे शर्म आनी चाहिए, तू कैसे गंदे काम कर रहा था, में उनके सामने नंगा खड़ा था और मेरा लंड भी बैठ गया था, लेकिन मैंने देखा कि वो बार-बार मेरे लंड की तरफ देखे जा रही है, में उनके पास जाकर खड़ा हो गया और उनको कहने लगा कि प्लीज़ घर पर मत कहना. फिर जब में उनके पास खड़ा था तो मेरा लंड उनकी बाजू से टच होकर फिर से खड़ा हो गया और उन्होंने कुछ नहीं कहा और मैंने हौसला करके उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया तो वो कुछ नहीं बोली और मेरा लंड पकड़ लिया.
फिर में उनके ऊपर लेट गया और उनको अपने नीचे लेटा लिया, उन्होंने अपने दोनों पैर खोलकर मुझे अपने बीच में ले लिया, लेकिन जब मैंने उनके होंठ चूसने चाहें तो वो मना करने लगी और बोली ये कौन करता है, उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने कभी नहीं किया. फिर मैंने कहा करके देखो और मैंने अपनी जीभ उनकी जीभ में डाल दी, फिर वो भी मेरे होंठ चूसने लगी. फिर मैंने उनके निप्पल्स चूसे तो निप्पल्स सख़्त होकर खड़े हो गये और वो मेरे लंड को ज़ोर से पकड़कर हिलाने लगी और कहने लगी हम कुछ ग़लत तो नहीं कर रहे है ना.
फिर मैंने कहा कि वो बाद में देखेंगे, फिर ताई जी मेरे लंड से पूरा खेल रही थी और कहने लगी तेरा तो बहुत सख़्त हो रहा है और मोटा भी है. फिर उन्होंने कहा कि उन्होंने 15 साल से कोई सेक्स नहीं किया और लंड भी नहीं देखा, तेरे ताऊ जी का लंड इतना सख़्त कभी नहीं होता था. फिर मैंने उनकी सलवार खोल दी, वो नीचे कुछ नहीं पहनती थी.
फिर मैंने उनकी चूत पर हाथ रखा तो वो गीली हो रही थी. फिर मैंने देखा कि उनकी चूत बिल्कुल टाईट हो गयी है, जैसी कुँवारी लड़की की होती है. फिर मैंने कहा ताई जी आपकी चूत तो बहुत टाईट है और बहुत लंबी भी है, तो वो कहने लगी कि मेरी हाईट ज़्यादा है इसलिए ये लंबी है और 15 साल से कुछ किया नहीं इसलिए ये टाईट हो गयी है. फिर में चूत में उंगली डालने लगा तो उन्होंने मना कर दिया और क़हने लगी कि अपना लंड डाल इसमें, में बहुत तड़पती हूँ, आज मुझे फिर से सुहागन बना दे.
मैंने कहा — ठीक है.
फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा तो लंड अंदर नहीं जा रहा था.
ताई जी — थोड़ा तेल लगा ले.
में — नहीं थूक लगा दूँ.
ताई जी — ठीक है.
फिर में थूक लगाकर लंड को घुसाने लगा और लंड का ऊपरी हिस्सा जिसे टोपा कहते हैं वो अंदर चला गया और ताई जी जोर-जोर से चिल्लाने लगी, फिर मैंने आराम-आराम से पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
फिर ताई जी आहह आअहह करने लगी और कहने लगी कि तेरा लंड बहुत बड़ा है लेकिन बहुत अच्छा है. फिर मैंने मेरे झटको की स्पीड तेज कर दी थी, उन्होंने अपने पैर पूरे ऊपर उठा लिए थे और कमर उठा उठाकर मेरा साथ दे रही थी. फिर वो कहने लगी कि वो झड़ने वाली है तो मैंने मेरा लंड बाहर निकाल लिया तो वो गुस्सा हो गयी और बोली कि बाहर क्यों निकाला?
फिर मैंने कहा रुक जाओ और होंठ चूसने लगा. फिर मैंने कहा कि ताई जी अब घोड़ी बन जाओं, तो वो कहने लगी कि मुझे ऐसे नहीं करना है, तू पैरो के बीच में आकर कर ले. फिर मैंने कहा एक बार करके तो देखो अगर अच्छा नहीं लगे तो वैसे ही करेगें, तो वो मान गयी और घोड़ी बन गयी, उनकी हाईट की वजह से घोड़ी बनकर वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने भी बिना देर किए लंड को चूत में डाल दिया और वो चिल्लाई ओह्ह्ह माँ में मर गयी. फिर मैंने उनके चूतड़ पर हाथ रखकर अपनी स्पीड तेज कर दी और वो मेरा पूरा साथ देने लगी और बोली कि ऐसे तो बहुत मज़ा आता है.
फिर में लंड अंदर बाहर कर रह था और वो आअहह आआहह आआअहह करके मज़े ले रही थी. फिर मैंने पूरा आधा घंटा उनको चोदा और वो झड़ गयी और फिर मैंने कहा कि मेरा भी होने वाला है, तो वो बोली कि अंदर ही गिरा दे, ये सुनते ही में उनके अंदर ही झड़ गया. फिर हम लेटे रहे और ताई जी कहने लगी कि तू ये किसी को बतायेगा तो नहीं, फिर मैंने कहा ये बातें भी कोई बताने की होती है और वो धीरे-धीरे से मेरे लंड को छेड़ने लगी और मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
फिर मैंने कहा कि अब कुत्तिया बन जाओ और फिर उन्होंने कहा कि तेरी मर्ज़ी है में तो तैयार हूँ. फिर मैंने कहा फिर घोड़ी बन जा, तो वो कहने लगी कि नहीं पैरों के बीच में आकर करने से पूरा लंड अन्दर जाता है. फिर उन्होंने अपने पैरों को खोल लिया और में बीच में जाकर लेट गया और बूब्स दबाने लगा, निपल चूसने लगा और फिर ताई जी कहने लगी कि बस कर अब तो वो डाल अंदर. फिर जैसे ही मैंने लंड अन्दर डाला ताई जी कहने लगी कि तेरे लंड का तो मजा ही अलग है बहुत सख़्त रहता है और अंदर तक जाकर लग रहा है.
ताई जी — ज़ोर-ज़ोर से कर और तेज-तेज कर. पहले क्यों नहीं मिला तू मुझको? आज पूरा चोद ले अपनी ताई को.
फिर मैंने कहा ताई जी तेरी चूत बहुत लंबी है, ऐसी चूत मैंने कभी नहीं देखी. फिर मैंने कहा ताई जी तेरी गांड मारने का मन कर रहा है और मैंने मेरा लंड बाहर निकाल लिया. फिर ताई जी ने मेरा लंड पकड़कर फिर से चूत में डाल लिया और बोली पहले इसकी तड़प मिटा दो. फिर मैंने ताई को फिर से बहुत देर तक चोदा और ताई जी बहुत जोर-जोर से चिल्ला रही थी और ज़ोर-ज़ोर से कह रही थी कि आज तो में मर गयी और मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ रखा था और अचानक से ताई जी झड़ गयी.
फिर कब सुबह के 5 बज गये पता ही नहीं लगा. फिर मैंने सुबह 6 बजे फिर से ताई जी की चूत मारी ली, लेकिन इस बार मैंने कहा ताई जी खड़ी होकर चूत दे, तो वो खड़ी हो गयी उसकी ज़्यादा लम्बाई होने के कारण मेरा लंड उनकी गांड के ऊपर लग रहा था. फिर मैंने ताई जी का एक पैर बेड पर रख लिया और एक फर्श पर रख दिया फिर लंड उसकी चूत में डाला और मैंने जैसे ही लंड चूत में डाला तो उसके मुँह से ज़ोर से चीख निकली. मैंने लगातार 15 मिनट तक खड़े खड़े किया, जब में कर रहा था तो उसके बूब्स मेरे हाथ में थे और वो कह रही थी, तू मेरी रोज चुदाई किया कर, अब मुझसे तेरे लंड के बिना नहीं रहा जायेगा. एक वो दिन था और एक आज का दिन है, ताई जी रोज 6 बजे शाम को मेरे पास फोन करती है और हम उनके दूसरे घर में जाकर पूरा 1 घंटा चुदाई करते हैं. अब तो वो मेरे लंड को चूसने भी लगी है.

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क्या सुहाग रात थी बहन चोद

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कितनी सुहावनी रात थी वो जिस दिन मैंने सुहागरात मनाई थी . पहले तो आया मेरे हाथ में मेरे शौहर का लौड़ा. मैंने खूब मजे से चुदवाया फिर अचानक मेरे हाथ में एक टन टनाता हुआ नया लण्ड आ गया . मैंने जब उसका चेहरा देखा तो वह मेरा नंदोई .था .उसने खड़ा लण्ड चुपके से मेरे हाथ में रख दिया था . मैं मन ही मन बहुत खुश हुई लेकिन दिखावे के लिए ना नुकुर करने लगी . फिर मुठ्ठी में भर कर सहलाने लगी लौड़ा . मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था क्योंकि लौडा मेरी पसंद का निकला ? फिर 2 मिनट के बाद उसने कहा भाभी ये मेरे दोस्त का लौडा है इसे भी पकड़ लो प्लीज ? मेरे लण्ड की ही तरह है इसका लण्ड ? हां भाभी इसका लण्ड मेरी बीवी बहुत पसंद करती है . इसलिए मेरी बीवी इससे चुदवाती है और इसकी बीवी मुझसे चुदवाती है . दोनों कर लेती है मर्दों की अदला बदली . मुझे तो इसकी बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है और इसको मेरी बीवी चोदने में . फिर हम दोनों इसी तरह एक दूसरे की बीवी चोदने लगे.
भाभी, मर्दों की अदला बदली करके चुदवाने में वाकई ज्यादा मज़ा आता है. न मानो तो तुम अपनी नन्द से पूंछ लो ?
तुम बड़ी नसीब वाली हो भाभी, जिसको आज से ही लन्ड की अदला बदली का मौका मिल रहा है . आज से ही पराये मर्दों से चुदवाने की आज़ादी मिल रही है . हां भाभी तुम चिंता न करो तेरा शौहर इस बात के लिए राज़ी है . तभी तो वह इसकी बीवी बगल के कमरे में चोद रहा है और ये मेरे साथ तुम्हे चोदने आया है .अब आज से हम तीनो मैं, मेरा दोस्त और तेरा शौहर मिलकर एक ही कमरे में एक दूसरे की बीवियां चोदा करेंगे ? धीरे धीरे और भी कपल शामिल हो जायेंगे .
बस ये सुन कर मैंने उसका लण्ड जोर से पकड़ लिया और फिर मस्त होकर दोनों लण्ड चाटने लगी
मेरा नाम है कम्मो, मेरा नंदोई आसिफ और उसका दोस्त कादर . कादर की बीवी नाजिया है . .
मेरा निकाह जब हुआ तो मेरे शौहर ने मुझे गोवा ले जाने का प्रोग्राम बनाया . हां जी हनीमून मनाने . मैं बहुत खुश थी . होटल में चेक इन किया . उस होटल में बहुत सारे कपल आये थे . सबको हनीमून मनाना था . मैं कपल को आते जाते देखती थी . बीवियों को कम मर्दों को ज्यादा देखती थी . मैं मन ही मन उन मर्दों के लण्ड के बारे सोचने लगी . हाय अल्ला, कितना प्यारा होगा इसका लौड़ा ? कितना मोटा होगा उसका लौड़ा ? कैसे चोदता होगा ये मर्द ? कैसे बुर लेता होगा वो मर्द ? बस यही सब सोचने में लगी थी . मैं आपको बता दूं मुझे दुनियां में सबसे अच्छा “लण्ड” ही लगता है . मैं तो अल्ला से दुआ करती हूँ की ये खुदा मुझे दुनिया बस खाना और चुदाना दे ? मेरा निकाह आज हुआ है लेकिन मैं बहुत सारे लण्ड पकड़ चुकी हूँ . कॉलेज में लडको के लण्ड और घर में जीजू का लण्ड, अंकल का लण्ड, खालू का लण्ड, और कजिन भाई जान का लण्ड पकड़ चुकी हूँ . अपनी बुर में पेल चुकी हूँ . ये बात मेरी अम्मी के अलावा कई लोग जानते है .
खैर होटल में आने के बाद हम लोग घूमने चले गए . मेरा शौहर करीम बड़ा स्मार्ट और रोमांटिक किस्म का आदमी है . निकाह के पहले मैं उससे कभी नहीं मिली . हा मैं उसे पसंद जरुर करती हूँ . शाम को एक पार्टी रखी गयी जिसमे मेरा नदोई भी था . वह अकेला ही आया था . मेरी नन्द नहीं थी . उसका एक दोस्त कादर था और उसकी बीवी नाजिया . दारू पीने की पार्टी थी . मैं भी पीती हूँ लेकिन वहां ना नुकुर करने लगी तो मेरे हसबैंड ने कहा यार पी लो सबका मन है . सबका साथ दो . बस मैं भी पीने में शामिल हो गयी . पीते पीते हंसी मजाक शुरू हो गयी . मेरा नंदोई मादर चोद ज्यादा ही मस्ती के मूड में था
वह बोला :- दारू के साथ और कुछ पीना चाहोगी ? मेरा मन हुआ की मैं कहूं हां लण्ड पियूंगी ? पर मैं चुप रही . मना कर दिया मैंने .
नाजिया बोली :- हां भाभी मैं तो पीती हूँ . ये बहन चोद शराब अकेले नहीं पी जाती .
आसिफ (नंदोई) बोला :- तो पी लो यार जो चाहो ?
नाजिया बोली :- तुम भोषडी के भाभी की बड़ी मक्खन बाज़ी कर रहे हो ? उसकी गालियाँ सुन कर मज़ा आया . मेरा शौहर बोला :- नाजिया भाभी तुम जो पियो उसे मेरी बीवी को भी पिलाओ . बड़ी शर्मीली है मेरी बीवी ? नाजिया बोली :- यार यही तो कमी है इसमें .पीने में बेशरम होना चाहिए.
मैंने कहा :- नहीं भाभी मैं बेशरम ही हूँ . आज थोडा डर रही हूँ .
नाजिया बोली :- अरे डरने की क्या जरुरत है . आज की रात तो निडर होकर लण्ड पकड़ने का है .
आसिफ बोला :- भाभी लण्ड ही नहीं चूंचियाँ भी पकड़ने की रात है .
नाजिया बोली :- तू माँ का लौड़ा मानेगा नहीं .
मैंने कहा :- मैं जब इसकी गांड मारूंगी तब यह मानेगा .
मेरा ऐसा कहते ही सब लोग खिलखिलाकर हंस पड़े .
खैर रात के 12 बजे हम सब अपने अपने कमरे में चले गए . मेरा शौहर मेरे कपडे उतारने लगा . मैं नशे में थी . जल्दी नंगी हो गयी . वह भी हो गया नंगा , मैंने उसका लौड़ा देखा तो जान में जान आयी . लौड़ा तगड़ा भी था और कड़क भी . मैंने जम कर चुदवाया रात में . मैं बाथ रूम गयी और जब वापस आयी तो मुझे शौहर नहीं दिखाई पड़ा ? लेकिन मेरे सामने एक खड़ा टन टनाता हुआ लण्ड आ गया . मेरे हाथ में आ गया लण्ड . लण्ड खूबसूरत था . मैंने जब उसका चेहरा देखा तो मुह से निकला तुम हो भोषडी के आसिफ ? तेरी माँ का भोषडा साले आज तो मेरे शौहर की रात है तू माँ का लौड़ा यहाँ क्या कर रहा है ? जा मैं नहीं पकडती तेरा लौड़ा ? अपनी माँ के भोषडा में पेल अपना लौड़ा ? जा नहीं तो मैं यही तेरी माँ चोदूंगी अभी के अभी ? . मेरी गालियाँ सुन सुन कर उसका लौड़ा और टन्नाता जा रहा था .
मैं मन से गालियाँ नहीं दे रही थी . उसके लण्ड में जोश भरने के लिए बक रही थी . मुझे लण्ड पसंद आया और फिर मैं मुस्करा कर लण्ड सहलाने लगी ? इतने में एक और लौड़ा अपना सर हिलाता हुआ मेरे सामने आ गया . उसका सुपाडा बहन चोद सबसे ज्यादा फूला हुआ था . एकदम जैसे गुब्बाडा ? आसिफ बोला भाभी के कादर है का लौड़ा है ? मैंने कहा तो क्या कादर भी मादर चोद चोदेगा मेरी चूत ? आसिफ बोला भाभी तेरा शौहर बगल के कमरे में इसकी बीवी नाजिया को चोद रहा है . इसलिए ये तेरी बुर चोदेगा ? मुझे यकीं नहीं हुआ मैंने कहा दिखाओ मुझे पहले ? मैंने उसके साथ गयी और झांक कर देखने लगी . मैंने देखा की मेरा मियां का लण्ड नाजिया की चूत में घुसा है और वह मस्ती से चुदवा रही है . बस फिर क्या ? मैं वापस आयी और कादर का लौड़ा अपनी बुर में मुह पर रखा और कहा घुसेड मादर चोद अपना लौड़ा और भकाभक चोदों मेरी चूत ? वह चोदने लगा और मैं आसिफ का लण्ड मुह में लेकर चूसने लगी . दोनों लौड़े मस्त थे . अब मैं भी हो गयी थी बड़ी बेशरम. निर्लज्ज और बेहाया ? कादर से चुदवाने का मज़ा उठाने .लगी फिर मैंने कहा अबे आसिफ भोषडी अब तू पेल अपना लौड़ा मेरी बुर में और कस के चोद मेरी बुर चोदी बुर को . आसिफ तो इसी ताक में था ही ? वह बोला भाभी जाने कबसे मैं तेरी चूत चोदने के फिराक में था . आज मेरी तमन्ना पूरी.हुई . इतना कहा और लौड़ा उसकी बुर के अन्दर . मैंने कहा अबे साले तेरा लौड़ा तो कुछ मोटा लगता है ? चोदो भचाभच और देख अगर मुझे मज़ा नहीं आया तो मैं तेरी गांड पर लात मारूंगी ? वह बोला भाभी लात नहीं तू मेरा लण्ड काट कर फेंक देना अगर मैं तेरी चूत का तेल पहले न निकाल लूं . तेरी चूत क्या मैंने बड़े बड़े भोषडा का तेल निकाल है . मैं तेरी माँ का भोषडा भी चोद डालूँगा ? मैंने कहा अबे पहले तू मेरा भोषडा चोद फिर मेरी माँ का भोषडा चोदना ? उधर कादर का लौड़ा साला मेरी चूंचियों पर शैर कर रहा था .
थोड़ी देर में मैंने कहा यार आसिफ तू मुझे पीछे से चोद . बीच बीच में मेरी गांड में भी घुसेड दे लांड ? अब मैं बुर और गांड दोनों एक साथ चुदवाने लगी ?
इतना मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया ? फिर मैंने एक एक करके दोनों लण्ड पर बैठ कर चुदवाया ? मैंने सोचा की क्यों न दोनों लण्ड एक साथ पेलू चूत में ? मैंने आसिफ को नीचे लिटा दिया और उसकी तरफ गांड करेके बैठ गयी लण्ड पर . मैं चित लेट गयी आसिफ के ऊपर . मेरी चूत फ़ैल गयी जिसमे पहले से ही आसिफ का लौड़ा घुसा था . तब मैंने कादर से कहा अब तू भी पेल अपना लौदा मेरी चूत में . उसने पेला और मैं दोनों लण्ड से चुदाने लगी बुर . मुझे लगा की यह मेरी बड़ी कामयाबी है . जब लण्ड झड़ने को आये तो दोनों का मुठ्ठ गचागच मारा और मज़ा लिया
तब तक सुबह के 4 बज चुके थे . मैं नंगी नंगी ही सो गयी . मैं जब उठी तो मेरे मियां ने पूंछा :- उन दोनों के लण्ड पसंद आये तुम्हे कम्मो ? उन दोनों ने ठीक से चोदा तुम्हे की नहीं ?
मैंने कहा :- लण्ड तो बड़े मस्त थे और चोदा भी भोषडी वाले ने खूब ? ( मैं बिलकुल रंडी की तरह बात कर रही थी .) अच्छा तुम बताओ तुम्हे नाजिया की बुर कैसी लगी ? तुम्हारा लण्ड उसे पसंद आया ?
वह बोला :- हां वह तो चुदाने में बिलकुल मस्त हो जाती है . खुल कर चुदवाती है बुर चोदी ? वो तो मेरे जैसे ही लण्ड पसंद करती है . बस अब मेरा रास्ता साफ़ हो चुका था . मैं समझ गयी की अब मैं किसी से भी खुल कर चुदा सकती हूँ और कहीं भी चुदा सकती हूँ . मेरी हिम्मत बढ़ गयी .
अब जब भी मुझे कोई स्मार्ट आदमी मिलता है तो मैं उसके लण्ड के बारे में सोचने लगती हूँ . और सोचने लगती हूँ कैसे इसका लण्ड पकडूं ?
दो दिन बाद उसी होटल में मैं सवेरे सवेरे बैठी हुई नास्ता कर रही थी . अचानक मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए किसी ने कहा अरी कम्मो ? तू किसके साथ आयी है अपनी सुहागरात मनाने ? सवाल बड़ा अटपटा था ? सुहागरात मनाने तो हर कोई अपने मर्द के साथ ही आती है यार ?
मैंने जबाब दिया ? फिर कहा अरे तू प्रीती यहाँ कैसे आयी है . तेरी शादी कब हुई यार ?
प्रीती बोली :- अभी दो दिन पहले ?
मैंने कहा :- तो क्या तू किसी और के साथ सुहागरात मनाने आयी है .
प्रीती बोली :- हां, और नहीं तो क्या ? अपने मर्द के साथ सुहागरात मनाना तो पुराणी बात हो गयी है . मैं तो गैर मर्दों के साथ मना रही हूँ सुहागरात ? आज दूसरा दिन है ?
मैंने कहा :-अरे यार क्यों मजाक कर रही हो ?
प्रीती बोली :- मजाक नहीं हकीकत है यार ? देख बड़ी मजेदार बात है . हम तीन कपल है . सब एक ही कमरे में मनाते है सुहागरात . उनमे से कोई भी अपनी बीवी नहीं चोदता . तीनो एक दूसरे की बीवी चोदते है और वो भी सबके.सामने इस तरह मैं दोदो गैर मर्दों से चुदवा रही हूँ कल से . बड़ा मज़ा आ रहा है यार ?
प्रीती बोलती जा रहा थी . मैं तो अकेली ही चली थी . टूरिस्ट बस में मुझे दो कपल मिल गए . रिया साजन और लूसी डेविड . दिन भर उनके साथ घूमते फिरते रहे और फिर शाम को एक साथ बैठ बातें करने लगे . वह कमरा मेरा ही था . दारू का प्रोगाम बन गया और फिर बिना रोक टोक सबको पीना पड़ा शराब .
नशा चढ़ने के बाद लूसी बोली :- आज की रात मैं एक नया खेल करना चाहती हूँ . देखो हमसब लोग सुहागरात मानाने आये है . मेरा कहना है की वैसे तो हर एक बीवी अपने मियां के साथ ही सुहागरात मनाती है पर मेरा सुझाव है की आज की रात हम लोग दूसरों मर्दों के साथ सुहागरात मनाएं ? .हां अपने मियां से चुदवाना तो ज़िन्दगी भर होता रहेगा पर ऐसा मौका कभी नहीं मिलेगा की हम एक साथ एक दूसरे मर्द से चुदवाये ? अपनी अपनी मर्जी से चुदवायें ? मर्द भी अपनी अपनी मर्जी से एक दूसरे की बीवी चोदें और जवानी का पूरा मज़ा ले ? यहाँ न कोई हमें जानता है और न ही पहचानता है . इसलिए कोई खतरा भी नहीं है . यह बात हम तीनो के बीच गुप्त रहेगी .
साजन बोला :- भाभी आपका तर्क सही है . हां मैं तैयार हूँ और मेरी बीवी भी राजी है .
मैंने कहा (प्रीती) :- हां मैं भी और मेरे हसबैंड को कोई ऐतराज नहीं है .
फिर जानती हो कम्मो क्या हुआ ? सबसे पहले लूसी ही नंगी हो गयी सबके सामने . फिर मैंने सारे कपडे उतारे और मेरे बाद रिया ने . हम तीनो बीवियों को नंगी देख कर मर्दों के लण्ड आसमान ताकने लगे . खड़े हो गए बहन चोद लण्ड ? खड़े खड़े अपना अपना सर हिलाने लगे मादर चोद सभी लण्ड ? उसके बाद होने लगी भकाभक चुदाई . हर एक बीवी ने दो दो पराये मर्दों से चुदवाया और हर एक मर्द ने दो दो परायी बीवियां चोदी . कल जब इतना मज़ा आया तो आज भी वही होगा
मैंने कहा :- प्रीती आज तुम मुझे भी शामिल कर लो . मेरा मियां तैयार है .
तब तक नाजिया, आसिफ और कादर चले गए थे . उस रात मैं अपने मियां ताहिर को लेकर प्रीती के कमरे में चली गयी . अब चार कपल हो गए . मैं कम्मो ताहिर, प्रीती विक्रम, रिया साजन और लूसी डेविड
इन चारों कपल ने मिलकर चुदाई का खूब धमाल मचाया . सभी बीवियों ने तीन तीन गैर मर्दों से चुदवाया और सभी मर्दों ने तीन तीन परायी बीवियां चोदीं

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खूब चोदा गर्लफ्रेंड और उसकी रंडी भाभी को

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हाय फ्रेंड्स मेरा नाम कौशिक हे और में रुरकेला से हु. और मेरी उम्र २२ साल हे और मुझे सेक्स बहोत पसंद हे मेरी हाईट ५’११ हे और बॉडी शेप एवरेज हे. एंड ओवरल आई एम् गुड लूकिंग एंड मेरा लंड ७’ का हे एंड आई लाइक यंग भाभी विथ स्माल किड्स मोस्ट और एसे ही एक रियल इंसिडेंट में अभी बताने करने जा रहा हूँ. तो इस स्टोरी के मुख्य केरेक्टर हे गरिमा जो मेरी फेसबुक फ्रेंड हे. और मेरा उससे काफी अच्छा अपनापन हो गया चेटिंग करते हुए. और गरिमा एक अच्छी फेमिली से हे और उसका फिगर डेवलप्ड हे एज सी इज जस्ट १९ इयर्स ओल्ड और हेर मिजरमेंट्स आर ३२-२८-३४ और उसका फेस बहोत ही प्यारा हे.तो हम दोनों काफी दिनों से फेसबुक पे फ्रेंड थे.

और मेरी गरिमा के साथ फ्रैंक बात होती थी. एंड वी यूज़ टू सेक्स एंड शेयर पोर्न विडियो स्टोरीज नॉन वेज जोक्स etc. क्यू की मेरी तो गर्लफ्रेंड हे मेरी डिजायरस फुलफिल हो जाती थी बट गरिमा के चूत की खुली अब गाजर मुली से शांत नही हो रही थी. इस रंडी को अपनी चूत में लंड लेना था.

और उसकी चूत को गरम गरम लंड की जरूरत थी जो उसके योवन की प्यास बुजा सके और तभी उसने मुझे कलीयरली बोला की आई वांट टू बी फ़कड बेडली और तुम प्लीज् मुझे भी सेक्स का मज़ा दो मुझे तो यही चाहिए था. और फिर मेने उससे पूछा की क्या तुम होटल आ सकती हो… तो उसने बोला नही होटल नही मेरे घर पे करेंगे एज उसकी भाभी मैके गई हुई थी जो समे सिटी में था और उसके मोम डेड नही हे सो सी विल बंक कोलेज और उसके घर पे ही सेक्स करेंगे.

सो आई वाज हेप्पू और में कंडोम ले आया और प्लान के हिसाब से सुबह १०;३० को उसके घर गया और अन्दर चला गया क्यू की उसकी भाभी और भैया दोनों वर्किंग हे इसी लिए उनका गेट केसे लोक होता था बोथ फ्रॉम इनसाइड एंड आउटसाइड तो इलाव इजी पासेज इफ समोन इज स्लीपिंग इन होम वी बोथ सेट इन सोफा और उसकी सरम से आँखे बीचे जुकी हुई थी और उसने एक लव क्ट टी-शर्ट पहनी थी वाइट कलर की एक दम टाइट फिट जिससे उसके बूब्स का सेप जलक रहा था जस्ट लाइक एन एप्पल और बीचे उसने टाइट लेपर्ड प्रिंट के ट्राउजर पहनी थी.

इसीलिए वो मुझे वाइल्ड लेपर्ड की याद दिला रही थी एनीवेज आई कम्पलीमेंटेड हेर ओं वेल मेंटेन फिगर और उसके नजदीक गया और उसने अपना फेक आगे लाकर अपने हाथो को मेरे हाथो से कनेक्ट किया और हम खो गये सी डीड नोट न्यू हव तो किस बट सी लर्नेड फ़ास्ट और मुझे उसके लिप्स का टेस्ट अब भी याद हे धेन वी वेंट टू हेर रूम एंड स्ट्रिपड इच अधर क्लोथ्स और उसके जब सारे कपड़े फ्लोर पर थे एंड आई वाज सेंग हेर फिंगर टू मुझे रियलाइज हुआ सी इज रिअली वे होत्टर धेन विड क्लोथ्स एंड सी क्विक्ली सेड मेरी चूत चुसो जेसे ब्लू फिल्म में होता हे जल्दी प्लीज् एंड आई कम्प्लिड और उसकी नमकीन चूत को चूसने लगा और वी बहोत ही एक्साईटेड थी.

इसी लिए उसने जल्दी ही पानी छोड़ दिया फिर आई सेड हेर टू इट माय लंड और जेसे के वो नादान सी बच्ची थी उससे दिक् सुक नही हो रहा था और वो गलती से बाईट कर रही थी. सो आई सेड चलो उद्घाटन करते हे और सी स्माइल्ड एंड लाइड ओन बेड और मेने थोडा सा ओइल लिया और उसकी चूत पे लगा दिया. और में अपने लंड को उसकी चूत में धीरे धीरे घुसाने लगा उसकी चूत बहोत ही टाइट थी और मेने स्लोली स्लोली धक्का लगा कर मेने अपना दिक् अन्दर डाल दिया और उसकी चीखे सुनने में बहोत मज़ा आया. फिर स्लोली मेने रिधाम बनाया और अब लंड आराम से अन्दर बहार आ रहा था. और उसे भी मज़ा आने लगा और आफ्टर १० मिनट्स मेरा सारा माल कंडोम पे निकल गया.

उसकी चूत भी अपना पानी छोड़ रही थी. और आफ्टर आवर फर्स्ट सीजन सी लुक्ड एंड स्माइल्ड एट मी और बोला प्लीज् स्टे हम १ ऑवर के बाद और सेक्स करेंगे आफ्टर इटिंग मेने बोला डू यु हेव चोकोलेट्स तो उसने बोला यस एंड आई सेड ले आओ वही खाते हे अभी और हम दोनों डेरी मिल्क किस करने लगे एंड इट वाज सो फेंटास्टिक ओ फिर मेने एक देरी मिल्क बार उसकी चूत में डाल दी. और उसकी चूत खाने लगा इट वाज रिअली टेस्टीआर बट फिर एक सडन सोक लगा जब मेने उसकी भाभी जहान्वी को देखा उसकी एज २९ इयर्स हे तो वो अपनी की से अन्दर आ गयी और हे देख रही थी.

और वी भी एक नम्बर का पटोला हे और कम्प्लेटली डेवलपड फिगर हे जो के ३४-३०-३२ हे जो के क़यामत हे कपल विथ रेड दुपटा एंड ब्लेक सूट विथ टाइट फिट आफ्टर सीइंग भाभी गरिमा रोने लगी और सॉरी सॉरी बोल रही थी और में भी सॉरी बोल था था बट उसकी भाभी ने बोला ओनली एक कंडीसन में वो उसको माफ़ करेगी. अगर उसकी भाभी को भी में चोदु पर गरिमा का मुद सनक गया और वो मान नही रही थी बट आफ्टर लोटस ऑफ़ सेयिंग वो मान गयी फिर मेने उसकी रंडी भाभी को नंगा किया और किस करने लगा और और फ्रेंड्स उसकी भाभी के किस को तो ये कभी भूल ही नही सकता. इट सो पैशनेट फिर वो मेरा लंड चूसने लगी और गरिमा गुस्से से बगल में अपनी माँ सामान भाभी को चोदते देख रही थी. और मेने गरिमा को बोला बेठो मत और भाभी की चूत चुसो पर वो मन करने लगी तो फिर भाभी ने एक जोरदार किस किया और बोली तू भी रंडी बन जा. बहोत मज़ा आएगा और अभी मौका हे और फिर गरिमा भी इन्वोल हो गयी.

और हमने अवेसोम थ्रीसोम किया और फुल ऑन मज़ा किया और वो दिन बहोत ही एक्साइटिंग था आफ्टर २pm आई व्वेंट टू माय होम और हमने बाद में काफी बार सेक्स किया और एक बार तो मेने उसे प्रेगनंट भी कर दिया.

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बहुत चुदासी थी भाबी लंड चूसकर चोदी

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पिछली गर्मियों की बात है जब मेरे पति की मौसी का लड़का विकास हमारे घर आया हुआ था, वो बहुत ही सीधा साधा और भोला सा है, उसकी उम्र करीब 19-20 की होगी, मगर उसका बदन ऐसा कि किसी भी औरत को आकर्षित कर ले, मगर वो ऐसा था कि लड़की को देख कर उनके सामने भी नहीं आता था। मगर मैं उस से चुदने के लिए तड़प रही थी और वो ऐसा बुद्धू था कि उसको मेरी जवानी दिख ही नहीं रही थी, मैं उसको अपनी गाण्ड हिला हिला कर दिखाती रहती मगर वो देख कर भी दूसरी और मुँह फेर लेता। जहाँ तक कि मैं वैसे भी उसके साथ बात करती तो वो शर्म से अपना मुँह छिपा रहा होता। मैं समझ चुकी थी कि यह शर्मीला लड़का कुछ नहीं करेगा, जो करना है मुझे ही करना है।

एक दिन मैं सुबह के वक्त मैं अपनी सास और ससुर को चाय देकर जब उसके कमरे में चाय लेकर गई तो वो सो रहा था मगर उसका बड़ा सा कड़क लौड़ा जाग रहा था, मेरा मतलब कि उसका लौड़ा पजामे के अन्दर खड़ा था और पजामे को टैंट बना रखा था।
मेरा मन उसका लौड़ा देख कर बेहाल हो रहा था कि अचानक उसकी आँख खुल गई, वो अपने लौड़े को देख कर घबरा गया और झट से अपने ऊपर चादर लेकर अपने लौड़े को छुपा लिया। मैं चाय लेकर उसकी चारपाई पर ही बैठ गई और अपनी कमर उसकी टांगों से लगा दी. वो अपनी टाँगें दूर हटाने की कोशिश कर रहा था मगर मैं ऊपर उठ कर उसके पेट से अपनी गाण्ड लगा कर बैठ गई।
उसकी परेशानी बढ़ती जा रही थी और शायद मेरे गरम बदन के छूने से उसका लौड़ा भी बड़ा हो रहा था जिसको वो चादर से छिपा रहा था।
मैंने उसको कहा- विकास उठो और चाय पी लो !
मगर वो उठता कैसे उसके पजामे में तो टैंट बना हुआ था, वो बोला- भाभी, चाय रख दो, मैं पी लूँगा।
मैंने कहा- नहीं, पहले तुम उठो, फिर मैं जाऊँगी।
तो वो अपनी टांगों को जोड़ कर बैठ गया और बोला- लाओ भाभी, चाय दो।
मैंने कहा- नहीं, पहले अपना मुँह धोकर आओ, फिर चाय पीना।
अब तो मानो उसको कोई जवाब नहीं सूझ रहा था, वो बोला- नहीं भाभी, ऐसे ही पी लेता हूँ, तुम चाय दे दो।
मैंने चाय एक तरफ़ रख दी और उसका हाथ पकड़ कर उसको खींचते हुए कहा- नहीं, पहले मुंह धोकर आओ फिर चाय मिलेगी।
वो एक हाथ से अपने लौड़े पर रखी हुई चादर को संभाल रहा था और चारपाई से उठने का नाम नहीं ले रहा था।
मैंने उसको पूछा- विकास, यह चादर में क्या छुपा रहे हो?
तो वो बोला- भाभी कुछ नहीं है।
मगर मैंने उसकी चादर पकड़ कर खींच दी तो वो दौड़ कर बाथरूम में घुस गया। मुझे उस पर बहुत हंसी आ रही थी। वो काफी देर के बाद बाथरूम से निकला जब उसका लौड़ा बैठ गया।
ऐसे ही एक दिन मैंने अपने कमरे के पंखे की तार डंडे से तोड़ दी और फिर विकास को कहा- तार लगा दो।
वो मेरे कमरे में आया और बोला- भाभी, कोई स्टूल चाहिए जिस पर मैं खड़ा हो सकूँ।
मैंने स्टूल ला कर दिया और विकास उस पर चढ़ गया, तो मैंने नीचे से उसकी टाँगें पकड़ ली, मेरा हाथ लगते ही जैसे उसको करंट लग गया हो, वो झट से नीचे उतर गया।
मैंने पूछा- क्या हुआ देवर जी? नीचे क्यों उतर गये?
तो वो बोला- भाभी जी, आप मुझे मत पकड़ो, मैं ठीक हूँ।
जैसे ही वो फिर से ऊपर चढ़ा, मैंने फिर से उसकी टाँगें पकड़ ली वो फिर से घबरा गया और बोला- भाभी जी, आप छोड़ दो, मुझे मैं ठीक हूँ।
मैंने कहा- नहीं विकास, अगर तुम गिर गये तो…?
वो बोला- नहीं गिरता.. आप स्टूल को पकड़ लीजिये..
मैंने फिर से शरारत भरी हंसी हसंते हुए कहा- अरे स्टूल गिर जाये तो गिर जाये, मैं अपने प्यारे देवर को नहीं गिरने दूंगी…
मेरी हंसी देख कर वो समझ गया कि भाभी मुझे नहीं छोड़ेंगी और वो चुपचाप फिर से तार ठीक करने लगा।
मैं धीरे धीरे उसकी टांगों पर हाथ ऊपर ले जाने लगी जिससे उसकी हालत फिर से पतली होती मुझे दिख रही थी। मैं धीरे धीरे अपने हाथ उसकी जाँघों तक ले आई मगर उसके पसीने गर्मी से कम मेरा हाथ लगने से ज्यादा छुट रहे थे। वो जल्दी से तार ठीक करके बाहर जाने लगा तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली- देवर जी, आपने मेरा पंखा तो ठीक कर दिया, अब बोलो मैं आपकी क्या सेवा करूँ?
तो वो बोला- नहीं भाभी, मैं कोई दुकानदार थोड़े ही हूँ जो आपसे पैसे लूँगा।
मैंने कहा- तो मैं कौन से पैसे दे रही हूँ, मैं तो सिर्फ सेवा के बारे में पूछ रही हूँ, जैसे आपको कुछ खिलाऊँ या पिलाऊँ?
वो बोला- नहीं भाभी, अभी मैंने कुछ नहीं पीना !
और बाहर भाग गया।
मैं उसको हर रोज ऐसे ही सताती रहती जिसका कुछ असर भी दिखने लगा क्योंकि उसने चोरी चोरी मुझे देखना शुरू कर दिया, मैं जब भी उसकी ओर अचानक देखती तो वो मेरी गाण्ड या मेरी छाती की तरफ नजरें टिकाये देख रहा होता और मुझे देख कर नजर दूसरी ओर कर लेता। मैं भी जानबूझ कर उसको खाना खिलाते समय अपनी छाती झुक झुक कर दिखाती, कई बार तो बैठे बैठे ही उसकी पैंट में तम्बू बन जाता और मुझसे छिपाने की कोशिश करता।
मैं तो उसका लौड़ा अपनी चूत में घुसवाने के लिए बेक़रार थी, अगर सास-ससुर घर पर ना होते तो अब तक मैंने ही उसका बलात्कार कर दिया होता।
मगर जल्दी मुझे ऐसा मौका मिल गया। एक दिन हमारे रिश्तेदारों में किसी की मौत हो गई और मेरे सास ससुर को वहाँ जाना पड़ गया।
मैंने आपने मन में ठान ली थी कि आज मैं विकास से चुद कर ही रहूंगी।
सास-ससुर के जाते ही विकास भी मुझसे बचने के लिए बहाने की तलाश में था, पहले तो वो काफी देर तक घर से बाहर रहा, एक घंटे बाद जब मैंने उसके मोबाइल पर फोन किया और खाना खाने के लिए घर बुलाया तब जाकर वो घर आया।
मैं अपना और उसका खाना अपने कमरे में ही ले गई और उसको अपने कमरे में बुला लिया, मगर वो अपना खाना उठा कर अपने कमरे की ओर चल दिया, मेरे लाख कहने के बाद भी वो नहीं रुका तब मैं भी अपना खाना उसके कमरे में ले गई और बिस्तर पर उसके साथ बैठ गई।
वो फिर भी मुझसे शरमा रहा था, मैंने अपना दुपट्टा भी अपनी छाती से हटा लिया मगर वो आज मुझसे बहुत शरमा रहा था, उसको भी पता था कि आज मैं उसको ज्यादा परेशान करूंगी।
मैंने उससे पूछा- विकास.. मैं तुम को अच्छी नहीं लगती क्या…?
तो वो बोला- नहीं भाभी, आप तो बहुत अच्छी हैं…
मैंने कहा- तो फिर तुम मुझसे हमेशा भागते क्यों रहते हो…?
वो बोला- भाभी, मैं कहाँ आपसे भागता हूँ?
मैंने कहा- फिर अभी क्यों मेरे कमरे से भाग आये थे, शायद मैं तुम को अच्छी नहीं लगती, तभी तो तुम मुझसे ठीक तरह से बात भी नहीं करते।
“नहीं भाभी, अभी तो मैं बस यूँ ही अपने कमरे में आ गया था.. आप तो बहुत अच्छी हैं..”
मैंने कहा- झूठ मत बोलो ! मैं तुम को अच्छी नहीं लगती, तभी तो मेरे पास भी नहीं बैठते। अभी भी देखो कैसे दूर होकर बैठे हो? अगर मैं सच में तुम को अच्छी लगती हूँ तो मेरे पास आकर बैठो….
मेरी बात सुन कर वो थोड़ा सा मेरी ओर सरक गया।
यह देख कर मैं बिलकुल उसके साथ जुड़ कर बैठ गई जिससे मेरी गाण्ड उसकी जांघ को और मेरी छाती के उभार उसकी बाजू को छूने लगे….
मैंने कहा- ऐसे बैठते हैं देवर भाभियों के पास…. अब बोलो ऐसे ही बैठो करोगे या दूर दूर…?
वो बोला- भाभी, ऐसे ही बैठूँगा मगर मुझे मौसी गुस्सा तो नहीं होगी? क्योंकि लड़कियों के साथ ऐसे कोई नहीं बैठता।
मैंने कहा- अच्छा अगर तुम अपनी मौसी से डरते हो तो उनके सामने मत बैठना। मगर आज वो घर पर नहीं है इसलिए आज जो मैं तुम को कहूँगी वैसा ही करना।
उसने भी शरमाते हुए हाँ में सर हिला दिया…
अब हम खाना खा चुके थे, मैंने उसे कहा- अब मेरे कमरे में आ जाओ…
वो बोला- भाभी, आप जाओ, मैं आता हूँ।
उसकी बात सुन कर जब मैंने उसकी पैंट की ओर देखा तो मैं समझ गई कि यह अब उठने की हालत में नहीं है।
मैंने बर्तन उठाये और रसोई में छोड़ कर अपने कमरे में आ गई।
थोड़ी देर बाद ही विकास भी मेरे कमरे में आ गया और बिस्तर के पास पड़े स्टूल पर बैठ गया।
मैंने टीवी चालू किया और बिस्तर पर बैठ गई और विकास को भी बिस्तर पर आने के लिए कहा।
वो बोला- नहीं भाभी, मैं यहाँ ठीक हूँ।
मैंने कहा- अच्छा तो अपना वादा भूल गये कि तुम मेरे पास बैठोगे…?
यह सुन कर उसको बिस्तर पर आना ही पड़ा, मगर फिर भी वो मुझसे दूर ही बैठा। मैंने उसको और नजदीक आने के लिए कहा, वो थोड़ा सा और पास आ गया।
मैंने फिर कहा तो थोड़ा ओर वो मेरे पास आ गया, बाकी जो थोड़ी बहुत कसर रहती थी वो मैंने खुद उसके साथ जुड़ कर निकाल दी।
टीवी में जब भी कोई गर्म नजारा आता तो वो अपना ध्यान दूसरी ओर कर लेता… मगर उसके लौड़े पर मेरा और उन सीनों का असर हो रहा था, जिसको वो बड़ी मुशकिल से अपनी टांगों में छिपा रहा था।
मैंने अपना सर उसके कंधे पर रख दिया और बोली- विकास आज तो बहुत गर्मी है…
उसने भी हाँ में जवाब दे दिया…
फिर मैंने अपना दुप्पटा अपने गले से निकाल दिया, जिससे मेरे मम्मे उसके सामने आ गये, वो कभी कभी मेरे मम्मों की ओर देखता और फिर टीवी देखने लगता। उसके पसीने छुटने शुरू हो गये थे।
मैंने कहा- विकास, तुमको तो बहुत पसीना आ रहा है, तुम अपनी टी-शर्ट उतार लो।
यह सुनकर तो उसके और छक्के छुट गये, बोला- नहीं भाभी, मैं ऐसे ही ठीक हूँ।
मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ घुसा कर उसकी छाती पर हाथ रगड़ कर कहा- कैसे ठीक हो, यह देखो, कितना पसीना है?
और अपने हाथ से उसकी टी-शर्ट ऊपर उठाने लगी…
वो अपनी टी-शर्ट उतारने को नहीं मान रहा था, तो मैंने उसकी टी-शर्ट अपने दोनों हाथों से ऊपर उठा दी।
वो टी-शर्ट को नीचे खींच रहा था और मैं ऊपर.. इसी बीच मैं अपने मम्मे कभी उसकी बाजू पर लगाती और कभी उसकी पीठ पर… और कभी उसके सर से लगाती…
जब वो नहीं माना तो मैंने उसे बिस्तर पर गिरा दिया और…
खुद उसके ऊपर लेट गई जिससे अब मेरे मम्मे उसकी छाती पर टकरा रहे थे और मैं लगातार उसकी टी-शर्ट ऊपर खींच रही थी। उसके गिरने के कारण उसका लौड़ा भी पैंट में उछल रहा था, जो मेरे पेट से कभी कभी रगड़ जाता, मगर विकास अपनी कमर को दूसरी ओर घुमा रहा था ताकि उसका लौड़ा मेरे बदन के साथ न लग सके…
आखिर में उसने हर मान ली और मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी।
अब उसकी छाती जिस पर छोटे छोटे बाल थे मेरे मम्मों के नीचे थी.. मगर मैंने अभी उसको और गर्म करना चाहा ताकि मुझे उसका बलात्कार ना करना पड़े और वो खुद मुझे चोदने के लिए मान जाये।
मैं उसके ऊपर से उठी और रसोई में से आईसक्रीम एक ही कप में ले आई, मेरे आने तक वह बैठ चुका था.. मैं फिर से उसके साथ बैठ गई और खुद एक चम्मच खाकर कप उसके आगे कर दिया। उसने चम्मच उठाया और आईसक्रीम खाने लगा तो मैंने उसको अपना कंधा मारा जिससे उसकी आईस क्रीम उसके पेट पर गिर गई। मैंने झट से उसके पेट से ऊँगली के साथ आईस क्रीम उठाई और उसी के मुँह की ओर कर दी। उसको समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ आज क्या हो रहा है।
फिर उसने मेरी ऊँगली अपने मुँह में ली और चाट ली मगर मैं अपनी ऊँगली उसके मुँह से नहीं निकाल रही थी। उसने मेरा हाथ पकड़ कर मेरी ऊँगली मुँह से बाहर निकाली।
अब मैंने जानबूझ कर एक बार आईसक्रीम अपनी छाती पर गिरा दी जो मेरे बड़े से गोल उभार पर टिक गई। मैंने एक हाथ में कप पकड़ा था और दूसरे में चम्मच।
मैंने विकास को कहा- विकास यह देखो, आईसक्रीम गिर गई इसे उठा कर मेरे मुँह में डाल दो।
यह देख कर तो विकास की हालत देखी नहीं जा रही थी, उसका लौड़ा अब उससे भी नहीं संभल रहा था…
उसने डरते हुए मेरे हाथ से चम्मच लेने की कोशिश की मगर मैंने कहा- …अरे विकास, हाथ से डाल दो। चम्मच से तो खुद भी डाल सकती थी।
यह सुन कर तो वो और चौक गया..
फिर उसका कांपता हुआ हाथ मेरे मम्मे की तरफ बढ़ा और एक ऊँगली से उसने आईसक्रीम उठाई और फिर मेरे मुँह में डाल दी। मैंने उसकी ऊँगली अपने दांतों के नीचे दबा ली और अपनी जुबान से चाटने लगी।
उसने खींच कर अपनी ऊँगली बाहर निकल ली तो मैंने कहा- क्यों देवर जी दर्द तो नहीं हुआ..?
उसने कहा- नहीं भाभी….
मैंने कहा- फिर इतना डर क्यों रहे हो….
उसने कांपते हुए होंठों से कहा- नहीं भाभी, डर कैसा…?
मैंने कहा- मुझे तो ऐसा ही लग रहा है…
फिर मैंने चम्मच फेंक दी और अपनी ऊँगली से उसको आईसक्रीम चटाने लगी….
वो डर भी रहा और शरमा भी रहा था और चुपचाप मेरी ऊँगली चाट रहा था..
मैंने कहा- अब मुझे भी खिलाओ…
तो उसने भी ऊँगली से मुझे आईसक्रीम खिलानी शुरू कर दी…
मैं हर बार उससे कोई ना कोई शरारत कर रही थी और वो और घबरा रहा था..
आखिर आईसक्रीम ख़त्म हो गई और हम ठीक से बैठ गये।
मैंने उसको कहा- विकास, मैं तुम को कैसी लगती हूँ?
उसने कहा- बहुत अच्छी !
तो मैंने पूछा- कितनी अच्छी?
उसने फिर कहा- बहुत अच्छी ! भाभी….
फिर मैंने कहा- मेरी एक बात मानोगे..?
उसने कहा- हाँ बोलो भाभी…?
मैंने कहा- मेरी कमर में दर्द हो रहा है, तुम दबा दोगे…?
उसने कहा- ठीक है…
तो मैं उलटी होकर लेट गई… वो मेरी कमर दबाने लगा…
फिर मैंने कहा- वो क्रीम भी मेरी कमर पर लगा दो…
तो वो उठ कर क्रीम लेने गया तब मैंने अपनी कमीज़ उतार दी…
अब मेरे मम्मे ब्रा में से साफ दिख रहे थे।
यह देख कर विकास बुरी तरह से घबरा गया और बोला- भाभी, यह क्या कर रही हो?
मैंने कहा- तुम क्रीम लगाओगे तो कमीज उतारनी ही पड़ेगी… नहीं तो तुम क्रीम कैसे लगाओगे?
वो चुपचाप बैठ गया और मेरी कमर पर अपना हाथ चलाने लगा…
फिर मैं उसके सामने सीधी हो गई और कहा- विकास रहने दो, आओ मेरे साथ सो जाओ..
उसने कहा- नहीं भाभी ! मैं आपके साथ कैसे सो सकता हूँ…
मैंने कहा- क्यों नहीं सो सकते…?
तो वो बोला- भाभी आप औरत हो और मैं आपके साथ नहीं सो सकता…
मैंने उसकी बाजू पकड़ी और अपने ऊपर गिरा लिया… और कस कर पकड़ लिया…
मैंने कहा- विकास तुम्हारी कोई सहेली नहीं है क्या?
उसने कहा- नहीं भाभी….अब मुझे छोड़ो…
मैंने कहा- नहीं विकास, पहले मुझे अपनी पैंट में दिखाओ कि क्या है जो तो मुझ से छिपा रहे हो…?
वो बोला- नहीं भाभी, कुछ नहीं है…
मैंने कहा- नहीं मैं देख कर ही छोड़ूंगी.. मुझे दिखाओ क्या है इसमें…
वो बोला- भाभी, इससे पेशाब करते है… आपने भैया का देखा होगा…
मैंने फिर कहा- मुझे तुम्हारा भी देखना है…
और उसको अपने हाथ में पकड़ लिया… हाथ में लेते ही मुझे उसकी गर्मी का एहसास हो गया।
विकास अपना लौड़ा छुड़ाने की कोशिश करने लगा मगर मेरे आगे उसकी एक ना चली….फिर वो बोला- भाभी अगर किसी को पता चल गया कि मैंने आपको यह दिखाया है तो मुझे बहुत मार पड़ेगी।
मैंने कहा- ..विकास, अगर किसी को पता चलेगा तो मार पड़ेगी… मगर हम किसी को नहीं बताएँगे।
फिर मैंने उसकी पैंट की हुक खोली और पैंट नीचे सरका दी… उसका कच्छा भी नीचे सरका दिया…. और उसका बड़ा सा लौड़ा मेरे सामने था…. इतना बड़ा लौड़ा मैंने आज तक नहीं देखा था…
मैं बोली- विकास, तुम मुझसे इसे छिपाने की कोशिश कर रहे थे मगर यह तो अपने आप ही बाहर भाग रहा है….
विकास ने जल्दी से अपने हाथ से उसको छुपा लिया और पैंट पहनने लगा मगर मैंने खींच कर उसकी पैंट उतार दी और कच्छा भी उतार दिया…
अब मैंने यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया और उसका लौड़ा झट से मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी..
पहले तो वो मेरे सर को पकड़ कर मुझे दूर करने लगा मगर थोड़ी देर में ही वो शान्त हो गया क्योंकि मेरी जुबान ने अपना जादू दिखा दिया था।
अब वो अपना लौड़ा चुसवाने का मजा ले रहा था, मैं उसके लौड़े को जोर जोर से चूस रही थी और विकास बिस्तर पर बेहाल हो रहा था… उसे भी अपने लौड़ा चुसवाने में मजा आ रहा था, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी।
फिर उसके लौड़े ने अपना सारा माल मेरे मुँह में उगल दिया और मेरा मुँह उसके माल से भर गया। मैंने सारा माल पी लिया।
मैं अपने हाथों को चाटती हुई उठी और बोली- विकास अब तुमको कुछ देखना है तो बताओ? मैं दिखाती हूँ !
उसने मेरे मम्मों की ओर देखा और बोला- भाभी, आपके ये तो मैंने देख लिए…
मैंने कहा- कुछ और भी देखोगे…?
उसने कहा- क्या…
मैंने उसको कहा- मेरी कमर से ब्रा की हुक खोलो !
तो उसने पीछे आकर मेरी ब्रा खोल दी…
मेरे दोनों कबूतर आजाद हो गये, फिर मैं उसकी ओर घूमी और उसको कहा- अच्छी तरह से देखो हाथ में पकड़ कर…
उसने हाथ लगाया और फिर मुझसे बोला- भाभी, मुझे बहुत डर लग रहा है…
मैंने कहा- किसी से मत डरो ! किसी को पता नहीं चलेगा ! और जैसे मैं कहती हूँ तुम वैसे ही करो, देखना तुम को कितना मजा आता है…
फिर मैंने उसका सर अपनी छाती से दबा लिया और अपने मम्मे उसके मुँह पर रगड़ने लगी।
वो भी अब शर्म छोड़ कर मेरे मम्मों का मजा ले रहा था…
मैंने उसको कहा- मेरी सलवार उतार दो !
तो उसने मेरी सलवार उतार दी और मुझे नंगी कर दिया…
अब हम दोनों नंगे थे।
मैंने उसको अपनी बाहों में लिया और अपने साथ लेटा लिया। फिर मैंने उसके होंठ चूसे और फिर मेरी तरह वो भी मेरे होंठ चूसने लगा।
अब उसका डर कम हो चुका था और शर्म भी…
अब मैं उसके मुँह के ऊपर अपनी चूत रख कर बैठ गई और कहा- जैसे मैंने तुम्हारे लौड़े को चूसा है तुम भी मेरी चूत को चाटो और अपनी जुबान मेरी चूत के अन्दर घुसाओ।
वो मेरी चूत चाटने लगा, उसको अभी तक चूत चाटना नहीं आता था मगर फिर भी वो पूरा मजा दे रहा था..
मेरी चूत से पानी निकल रहा था जिसको वो चाटता जा रहा था और कभी कभी तो मेरी चूत के होंठो को अपने दांतों से काट भी देता था जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था…
उसका लौड़ा फिर से तन चुका था।
अब मैं उठी और अपनी चूत को उसके लौड़े के ऊपर सैट करके बैठ गई, मेरी गीली चूत में उसका लौड़ा आराम से घुस गया पर उसका लौड़ा बहुत बड़ा था, थोड़ा ही अन्दर जाने के बाद मुझे लगने लगा कि यह तो मेरी चूत को फाड़ डालेगा।
शायद उसको भी तकलीफ हो रही थी, वो बोला- भाभी, मेरा लौड़ा आपकी चूत से दब रहा है।
मैंने कहा- बस थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा… पहली बार में सबको तकलीफ होती है।
मैंने थोड़ी देर आराम से लौड़ा अन्दर-बाहर किया। फिर जब वो भी नीचे से अपने लौड़े को अन्दर धकेलने लगा तो मैं भी अपनी गाण्ड उठा उठा कर उसके लौड़े का मजा लेने लगी…
अब तक वो भी पूरा गर्म हो चुका था, उसने मुझे अपने नीचे आने के लिए कहा तो मैं वैसे ही लौड़े अन्दर लिए ही एक तरफ़ से होकर उसके नीचे आ गई और वो ऊपर आ गया।
वो मुझे जोर जोर से धक्के मारना चाहता था। मैंने अपनी टांगों को उसकी कमर में घुमा लिया ताकि उसका लौड़ा बाहर ना निकल सके।
फिर वो आगे-पीछे होकर धक्के मारने लगा…
मैं भी नीचे से उसका साथ दे रही थी, अपनी गाण्ड को हिला हिला कर…
काफी देर तक हमारी चुदाई चलती रही और फिर हम दोनों झड़ गये और वैसे ही लेट रहे…
मेरी इस एक चुदाई से अभी प्यास नहीं बुझी थी, इसलिए मैंने फिर से विकास के ऊपर जाकर उसका गर्म करना शुरू किया मगर वो तो पहले से ही तैयार था, अब उसने कोई शर्म नहीं दिखाई और मुझे घोड़ी बनने के लिए बोल दिया…
मैंने भी उसके सामने अपनी गाण्ड उठाई और सर को नीचे झुका दिया और फिर उसने अपना बड़ा सा लौड़ा मेरी चूत में पेल दिया… उसके पहले धक्के ने ही मेरी जान ले ली, उसका लौड़ा मेरी चूत फाड़ कर अन्दर घुस गया….
मगर मैं ऐसी ही चुदाई चाहती थी…
उस दिन विकास ने मुझे तीन बार चोदा वो चौथी बार मेरी गाण्ड चोदना चाहता था मगर तब तक मेरे सास-ससुर के आने का वक्त हो चुका था इसलिए मैंने उसको फिर किसी दिन के लिए कहा और वो भी मान गया…

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में तो चुद गयी भाई से रे

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शिखा है. में आज पहली बार इस साईट पर स्टोरी लिख रही हूँ और आज में बहुत हिम्मत करके अपने जीवन का सच लिखने जा रही हूँ. में शिखा 18 साल की हूँ और एकदम भरपूर हुस्न की मालकिन हूँ. मेरा रंग हल्का सांवला है. हमारे मोहल्ले के लड़के मुझे देखकर अपने लंड पर हाथ फेरने लगते है, मेरा फिगर 36-27-38 है. मैंने पहले अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स के खूब मज़े लिए है, लेकिन फिर वो पढाई करने के लिए बाहर चला गया और अब में यहाँ अकेली रह गयी हूँ. खेर ये तो मेरा परिचय था. मेरी फेमिली में हम 4 लोग है पापा, माँ, बड़ा भाई (पंकज) और में.
ये स्टोरी मेरी और मेरे भाई के बीच की है. में कॉलेज में Ist ईयर में पढ़ती हूँ और मेरा बड़ा भाई उम्र 21 साल है और वो IIIrd ईयर का स्टूडेंट है, वो दिखने में एकदम मस्त है और अच्छी बॉडी है. उसकी हाईट 5 फुट 6 इंच है. हम दोनों का कॉमन रूम है. हम आपस में बहुत लड़ाई करते रहते है और एक दूसरे को चिढाते रहते है माँ भी हमे डांटती रहती है.
फिर एक दिन में कॉलेज से लेट हो गयी और जब घर आई तो भाई पूछने लगा कि कहाँ गई थी? तो मैंने कहा कि फ्रेंड्स के साथ थी. फिर वो लड़ने लगा तो में भी चिल्ला पड़ी तो उसने मुझ पर हमला कर दिया और मुझको पकड़कर नीचे गिरा दिया. फिर मैंने भी उल्टा जवाब दिया और उसे गिरा दिया और उसके पेट के ऊपर बैठ गई, उस टाईम शायद उसका लंड खड़ा हो गया था और मेरी गांड की दरार में चुभने लगा था तो में समझ गयी थी, लेकिन मेरा हटने का मन नहीं कर रहा था और ये बात शायद भाई भी समझ गया था.
फिर उसने मुझे धक्का दिया तो में नीचे गिर गई और वो मेरे ऊपर आ गया, मेरे पैर खुले होने की वजह से उसका लंड मुझे सीधा चूत पर महसूस होने लगा, तो में झट से उसे धकेलकर वहाँ से जाने लगी. जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो भाई की पेंट में बहुत मोटा सा हिस्सा उभरा हुआ था, में सोच में पड़ गयी कि भाई का लंड कितना बड़ा होगा? उस दिन मैंने बाथरूम में जाकर अपनी पेंटी उतारी तो उसमें से ढेर सारा पानी निकाला, में सोच में पड़ गयी कि अपने सगे भाई को टच करते ही मुझे आज क्या हो गया है? और मुझे खुद पर शर्म भी आ रही थी और वो पल याद करके मज़ा भी आ रहा था. उस दिन मुझे बहुत खुजली हुई, लेकिन मैंने उस खुजली को अपनी चूत में उंगली से शांत कर लिया. फिर मैंने सोच लिया कि में भाई को गर्म करके देखूँगी अगर हो गया तो घर की बात घर में रहेगी और खुजली भी मिट जायेगी.
अब में भाई के सामने छोटे-छोटे कपड़े पहनने लगी और उसे अपने 36 साईज़ के बूब्स भी दिखाने लग गयी. वो भी मुझे गोर से देखता था, लेकिन ऐसे बर्ताव करता था जैसे उसने कुछ ना देखा हो. में अपनी मोटी गांड मटकाती थी और उसके सामने जानबूझ कर ऐसे चलती थी. एक दिन माँ पापा एक हफ्ते के लिए छुट्टी मनाने शिमला चले गये और हम दोनों परीक्षा की वजह से दिल्ली में ही रह गये. ये मेरे लिए एक गोल्डन चान्स था, मैंने इसके लिए एक प्लान बनाया और उसी के मुताबिक रात को छत से आते वक्त में सीढ़ियों से फिसल गयी और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाकर रोने लगी.
फिर पंकज दौड़ता हुआ आया और मुझे उठाकर पूछने लगा कि कही चोट तो नहीं लगी. तो मैंने बताया कि घुटने और कमर में मोच आ गई है, तो वो डॉक्टर के पास जाने के लिए कहने लगा, लेकिन मुझसे उठा नहीं गया तो मैंने कहा कि ऐसे ही ठीक हो जायेगा. फिर उसने मुझे दर्द की गोली दी और मुझे सुला दिया, लेकिन रात को 10 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने भाई को बुलाया और उसे मालिश करने के लिए कहा तो उसने हाँ कर दिया और किचन में तेल लेने चला गया.
मैंने उस दिन सूट और खुली वाली सलवार पहन रखी थी. फिर मैंने कहा कि मेरे घुटने और कमर की मालिश कर दे तो वो आकर मेरे पास बैठ गया. फिर मैंने अपनी सलवार को घुटने के ऊपर तक उठा लिया और भाई मालिश करने लगा तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा. फिर मैंने कहा भाई थोड़ा और ऊपर तक कर. फिर वो अपना हाथ मेरी जाँघ तक लाकर मालिश करने लगा, मैंने जब तिरछी नज़रो से देखा तो वो मेरी गांड को घूर रहा था और उसके पजामे में बहुत मोटा टेंट बना हुआ था. मेरी तो चूत टपकने लगी थी.
फिर में ऊपर कमर करके लेट गयी और उसे कमर की मसाज करने के लिए कहा तो वो तुरंत बोल पड़ा कि उसके कपड़े गंदे हो जायेंगे. तो मैंने कहा कि भाई पजामे को उतार दे और फिर मालिश कर. तो उसने सुनते ही अपना पजामा हटा दिया और मेरे पास आ गया. फिर मैंने अपना सूट और ब्रा स्ट्रिप्स तक हटा लिया और उसे इशारा किया. वो तो जैसे इस पल के लिए तड़प रहा था. फिर अपने हाथ में तेल लेकर मेरी कमर पर मलने लगा तो मेरे मुँह से आह्ह्ह निकल गई. तो उसने पूछा कि क्या हुआ? फिर मैंने कहा कि आराम मिल रहा है, भाई ऐसे ही कर. फिर वो अपना हाथ मेरी ब्रा तक लाने लगा और कहने लगा कि शिखा तेरी ये अटक रही है.
में : क्या भाई?
पंकज : ये बनियान.
में : इसे बनियान नहीं कहते है.
पंकज : तो क्या कहते है?
में : भाई इसे ब्रा कहते है.
पंकज : तो ये मालिश करने में अटक रही है.
फिर मैने उसे हटा दिया और उसे लगातार मालिश करने का इशारा किया. फिर वो मेरे कूल्हों को टच करने लग गया और ऊपर मेरे बूब्स पर उंगलियां लगाने लगा.
में : भाई थोड़ा बीच में कमर पर करो, आराम मिल रहा है.
पंकज : मुझसे ऐसे नहीं हो रहा, उसके लिए तेरी कमर के दोनों तरफ पैर रखने पड़ेंगे.
में : (कुछ सोचते हुए) तो रख लो.
फिर उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर के दोनों तरफ रख लिए और मालिश करने लगा. आआहह बहुत आराम मिल रहा है भाई, ऐसे ही करो. फिर वो मेरे कूल्हों पर बैठ गया और उसका लंड मेरी मोटी गांड में अटकने लगा, में तो जैसे मर रही थी. मेरा मन कर रहा था कि वो अभी अपना लंड मेरी चूत में पेल दे और खूब चोदे, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था. वो अपना हाथ ऊपर से लेकर नीचे मेरी गांड तक लाता था और जब हाथ ऊपर जाता तो उसका लंड मेरी सलवार में से अंदर घुसा जा रहा था.
उसने अपने लंड को शायद मेरी गांड के छेद पर सेट कर दिया था और हल्का-हल्का पुश करने लगा था. फिर मैंने अपनी गांड को थोड़ा और ऊपर उठा लिया तो भाई का लंड मेरी सलवार के ऊपर से चूत को टच होने लगा और आआहह के साथ में झड़ गयी, मेरी चूत फड़कने लगी थी और पंकज के लंड को भी गीलेपन का एहसास होने लगा था. फिर मेरी आँखे थोड़ी देर के लिए बंद हो गयी और में सो गयी, फिर मुझे सोती देख भाई भी चला गया. फिर अगले दिन भाई मेरे लिए चाय लेकर आया और मुझे देखकर मुस्कुराने लगा. फिर वो चाय देकर कॉलेज चला गया और शाम को घर आया तो वो होटल से खाना लाया था, उसने मुझे उठाकर खाना खिलाया और पूछा कि अब दर्द कैसा है? तो मैंने कहा कि कल की मालिश से बहुत आराम मिला है.
पंकज : ठीक है, में आज भी मालिश कर दूँगा और सारा दर्द ठीक हो जायेगा.
में : ठीक है भाई.
फिर रात हुई और मैंने जानबूझ कर आज घुटनों तक की लम्बाई की स्कर्ट पहनी और ऊपर टॉप पहना और अंदर मैंने ब्रा और पेंटी नहीं पहने. फिर वो रात को 10:30 बजे रूम में आया, तो मैंने दर्द का नाटक किया और उसे मालिश करने के लिए कहा तो वो तुरंत कटोरी में तेल ले आया.
आज उसने शॉर्ट और ऊपर बनियान पहन रखी थी, उसका लंड आज अलग ही शेप में दिख रहा था, शायद उसने भी आज अन्दर अंडरवियर नहीं पहना था. फिर वो मेरे घुटने की मालिश करने लगा और में पेट के बल लेट गई और फिर वो मेरी स्कर्ट को धीरे-धीरे ऊपर करने लगा और मालिश करने लगा. में फिर से तड़पने लगी. अब मेरी मोटी गांड का ऊभार दिखना शुरू हो गया था. फिर मैंने जब उसकी तरफ देखा तो वो मेरी गांड को ललचाई नज़रो से देख रहा था.
फिर मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और हल्के-हल्के से कराहने लगी, अब उसकी उंगलियां मेरे कूल्हों की लाईन को छूने लगी थी. उसे पता चल गया था कि मैंने पेंटी नहीं पहनी है. अब फिर मैंने उसे अपनी कमर की मालिश करने को कहा तो उसने मेरा टॉप ऊपर कर दिया, वो भी मेरी गर्दन तक और अब टॉप सिर्फ़ मेरे बूब्स में अटका हुआ था. फिर भाई पूरी कमर पर हाथ फेरने लगा और नीचे मेरी स्कर्ट को भी नीचे सरकाकर गांड को छूने लगा, अचानक से लाईट चली गयी और पूरे कमरे में अंधेरा हो गया.
पंकज : मोमबत्ती जला दूँ क्या?
में : नहीं रहने दो भाई, वैसे भी मालिश ही तो करनी है तो ऐसे ही कर दो.
अब वो मेरी कमर के दोनों तरफ पैर रखकर बैठ गया और पूरी कमर को अपने हाथों से मालिश करने लगा. वो आज मेरे कूल्हों के थोड़ा नीचे बैठ गया और धीरे-धीरे ऊपर होने लगा, उसका लंड अब मेरी स्कर्ट के ऊपर से सीधा मेरी चूत को खटखटाने लगा. फिर मैंने अपने कूल्हों को थोड़ा ऊपर की तरफ उछाल दिया और मज़े लेने लगी, भाई के बार-बार ऊपर नीचे होने से मेरी स्कर्ट ऊपर होने लगी और मेरी पूरी गांड नंगी हो गयी. अब तो मुझसे सहन करना मुश्किल हो रहा था और शायद भाई से भी सहन करना मुश्किल हो गया था, फिर उसके मुँह से भी एक हल्की सी आहह निकली.
फिर मैंने महसूस किया कि अब वो सिर्फ़ एक हाथ से मेरी गांड और चूचीयों को छू रहा है. में सोच में पड़ गयी की इसका दूसरा हाथ कहा है, अचानक ही मुझे कुछ गर्म हार्ड और मोटा सा अपनी गांड पर महसूस हुआ मेरे तो तोते उड़ गये थे. मुझे समझने में देर नहीं लगी कि पंकज का दूसरा हाथ कहाँ था और मेरी गांड पर क्या टच हो रहा है? फिर उसने अपना लंड शायद बाहर निकाल लिया था, मेरी तो कंपकपी छूट गई थी, लेकिन बहुत ज्यादा आनंद भी आ रहा था. अंधेरे में कुछ दिख तो नहीं रहा था, लेकिन टच होने से ये पता चल रहा था कि उसका लंड बहुत ताकतवर और लंबा मोटा है. खेर में ऐसे ही लेटी रही और उसका लंड अब मेरी गांड के छेद को टच कर रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे अभी अंदर घुस के मेरी गांड ही फाड़ देगा.
फिर मैंने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर किया तो उसका लंड चूत के छेद पर टच होने लगा और हम दोनों के अंग आपस में मिल गये. आआआअहह वो क्या अहसास था? जैसे ही उसका लंड मेरी चूत पर टच हुआ, उसने वही सेट कर दिया और अब सिर्फ़ उसका ऊपर का हिस्सा उड़ रहा था और नीचे का एक जगह ही था. फिर मैंने कहा कि भाई थोड़ा ऊपर कंधो तक मालिश करो तो अब जब वो अपने हाथों को ऊपर तक लाया तो उसके लंड का प्रेशर मेरी चूत पर बढ़ने लगा और हल्का सा पुश होने लगा, जैसे ही उसने दोबारा ऊपर की तरफ हाथ किए तो उसका लंड फिर आगे की तरफ हुआ और तभी मैंने भी अपनी गांड को नीचे की तरफ धक्का दिया. आहमम्म मुझे हल्की-हल्की मौन आने लगी थी, उसका मोटा सुपड़ा आधा मेरे अंदर जा चुका था.
अब हम दोनों ही ऐसे बर्ताव कर रहे थे जैसे किसी को कुछ नहीं पता हो. तीसरी बार फिर ऐसा ही हुआ और मुझसे रुका नहीं गया और इस बार थोड़ा ज़ोर से गांड को उसके लंड पर पटक दिया और एकदम से उसका लंड चिकनाई की वजह से 3 इंच अन्दर चला गया.
अब भी हम दोनों हल्की-हल्की मौन कर रहे थे ऐसे ही धीरे-धीरे उसका 7 इंच का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया. फिर मैंने अपनी गांड को हवा में उठा लिया और फिर वो अब धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लग गया. आआहह ऊऊओ माआआअ म्‍म्म्ममममम आआअहह ओ ह्म्‍म्म्मम म्‍म्मह. फिर मेरे मुँह से आवाज़े आने लगी तो भाई समझ गया कि मुझे मज़ा आने लग़ा है. अब उसने धक्को की स्पीड तेज़ कर दी और मेरी गांड पर ठप ठप ठप की आवाज़ आने लगी और अंधेरे में रूम में गूंजने लगी. में अब तेज़-तेज़ मौन करने लगी थी, आअहअहह एम्म्म ऊओ और तेज़्ज़्ज़्ज़ यययई यआआ. फिर मैंने अपने हाथ पीछे ले जाकर भाई के कूल्हों पर रख दिए और अपनी तरफ पुश करने लगी म्‍म्म्ममम. वो भी ताबडतोड़ धक्के लगाने लगा म्‍म्म्मआआहह और फिर हम दोनों ने पानी छोड़ दिया, इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं आया. अब हम रोजाना सेक्स करके मजे लेते है.

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घर में मिली दो प्यासी बुर चोदने को

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मेरा नाम कुलदीप शर्मा है और मैं 25 साल का गोरा-चिट्टा नौजवान हूँ। मैं ग्वालियर में रहता हूँ।आज मैं आप सबको मेरी पहली कहानी बताता हूँ…
सो, मई का महीना था। घर पर मैं अपने मोम-डैड के सांथ रहता हूँ लेकिन उस दिन वो भोपाल गए हुए थे और तभी हमारी पड़ोस की भाभी आ गईं।वो बहुत ही सुन्दर हैं और उनका फिगर 38-28-40 का है।मैंने दरवाजा खोला और वापस जाकर अपने बेड पर लेट गया।इतनी देर में मैंने देखा कि उन्होंने अपनी साड़ी उतार दी और वो पंखे के नीचे हवा खा रही थीं।मुझे देख कर वो एकदम सहम गईं और मैं भी तुरंत वहाँ से उठ कर चला गया और न्यूज़ पेपर पढ़ने लगा…

तभी वो मेरे पास आईं और बोलीं – देवर जी, आपने कुछ देखा तो नहीं।

मैंने कहा – भाभी, कुछ तो शर्म किया करो। ऐसे कहीं भी कपड़े खोल के खड़ी हो जाती हो?

इस पर वो बोलीं – बहुत गर्मी हो रही है, भैय्या!! क्या करूँ?

मैंने कहा – अब कभी ऐसा मत करना।

वो – ठीक है, बोल के चली गईं लेकिन मेरे दिमाग में तो वही मोटे मोटे गोल गोल मम्मे घूम रहे थे।

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनसे जाकर पूछा – क्या, तुम अपने घर पर बिना कपड़ों के घूमती हो; इतनी गर्मी में?

तो वो शरमाई और बोलीं – हाँ!! तुम्हारे भैया तो मुझे मना नहीं करते, नंगा घूमने के लिए।

तो मैंने कहा – जब इतने मस्त बोबे देखने को मिलेंगे तो कौन मना करेगा।

वो शरमा के वहां से चली गईं।

फिर मैं नहाने चला गया, लेकिन मैंने दरवाजा खुला छोड़ दिया। थोड़ी देर में कमला मेरे कमरे में आई तो उन्होंने मुझे नहाते हुए देखा और मेरी चाल काम कर गई।

वो मेरा 8 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा लण्ड देख कर खुद को रोक नहीं पाई और बोलीं – इतना लम्बाऽऽऽ… !!!

तो मैंने पूछा – आपको चाहिए, क्या?

अब वो मेरे पास आईं और मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए। अब हम दोनों नंगे थे।

फिर हम दोनों साथ में नहाये और उसके बाद मैं उन्हें अपने बेडरूम में ले गया।

उन्हें बेड पर पटक कर अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया, वो भी मजे से चूसने लगीं… …

15 मिनट तक चुसवाने के बाद, मैंने सारा माल उसके मुँह में ही डाल दिया और वो भी चाट चाट कर पी गईं।

5 मिनट तक और चुसवाने के बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया!! फिर मैंने उसे घुटनों पर बिठा कर पीछे से अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और 3 धक्कों में पूरा का पूरा लण्ड अन्दर डाल दिया और वो जोर से चिल्लाई – ऊऊऊऊऊईईईईईई आह आह आह आह आह मर गई… !!

उसके बाद मैंने धक्का मारना शुरू किया। पहले धीरे धीरे धक्के मारे और फिर जोर जोर से… !!

पूरा कमरा पचक-पचक की आवाज़ से भर गया।

कमला भाभी भी लगातार चिल्ला रही थीं – ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊउईईईईईईए ऊऊऊउईई उए उए आह आह आह आह अहह ह्ह्ह…!!

20 मिनट तक वो 3 बार झड़ चुकी थी!! लेकिन मेरे लौड़े में बहुत जान बाकी थी और वो अन्दर बाहर लगा हुआ था…

फिर मैंने अपने लौड़ा निकाल कर उसकी गाण्ड पर रख दिया और वो बोलने लगी – देवर जी, गाण्ड मत मारो… !! मैंने कभी नहीं मरवाई और ना ही तुम्हारे भैया को कभी मारने दी है… !!

लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में पेल दिया।

वो अब बहुत जोर से चिल्लाई – आ आ आ आह आआअह्ह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… फिर मैंने झटके देना शुरू किया और वो दर्द से चिल्लाई – आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊईईईए… और 10 मिनट तक चोदने के बाद मैंने सारा माल उसके अन्दर डाल दिया!!

उन्हें चोद के मैं जैसे ही पीछे मुड़ा तो मैंने देखा कि हमारे घर के सामने रहने वाली शीतल भाभी वहां खड़ी थी… !!

भाभी ने बाहर का दरवाजा खुला छोड़ दिया था…

शीतल भाभी को देख कर भाभी ने जल्दी से कपड़े पहने और चली गई और मैंने भी जल्दी से तौलिया उठा कर लपेट लिया, तभी भाभी बाहर गई और दरवाजा लगा दिया…

मैंने सोचा – आज तो मैं गया… तभी भाभी आईं और बोलीं – तुम तो बहुत अच्छी चुदाई करते हो, मुझे चोदोगे?????

यह सुन कर मैं तो हैरान ही रह गया!!

वो बहुत ही सुंदर हैं। 36 28 38 की कमसिन कली, मैंने भी बिना देर किये भाभी को पूरा नंगा कर दिया और भाभी ने भी मेरा तौलिया हटा दिया और मेरा लण्ड चूसने लगीं… !!

5 मिनट में मेरा लण्ड पूरा कड़क हो गया तो वो बोलीं – जल्दी चोद दो, मुझे!! मेरे पास ज्यादा टाइम नहीं है, तुम्हारे भईया आने वाले हैं…

मैंने तुरंत भाभी को बेड पर लिटाया और पूरा लण्ड चूत में पेल दिया। वो चिल्लाई – आह आह ऊऊऊऊउईईईईए और फिर खुद भी गाण्ड हिला-हिला कर मेरा साथ देने लगी… …

पचक-पचक और मैंने धक्के तेज़ कर दिए। 30 मिनट तक चोदने के बाद, मैंने सारा माल अंदर डाल दिया तभी वो मुझसे यह वादा करके चली गई की मैं मौका देख के फिर चुदाई करवाउंगी…!!!

उस दिन मैंने अपनी दो दो भाभियों को चोदा ओर अब ये सिल्सिला चल निकाला है। जब भी मन करता है मैं दोनों को चोद्ता हूँ और दोनो भाभियाँ भी बड़े मज़े से चुदवाती है…

कुछ दिन बाद पता चला कि भाभी माँ बनने वाली हैं!!

उसके अगले दिन वो हमारे घर पर आई और मुझे बताया कि यह उस दिन की चुदाई का ही नतीजा है और वो बहुत खुश थी क्योंकि उनकी शादी के 5 साल बाद भी भैय्या बच्चा नहीं दे पाए थे…

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मेरी प्यासी चूत और ड्राईवर का कड़क लंड

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हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है जो एक सच्ची घटना है. मेरा नाम नुपुर है और में देहरादून में पढ़ती हूँ और मेरा फिगर 34-26-30 है. जब मेरे साथ ये घटना हुई तब में बस 19 साल की थी और तब में कॉलेज में पढ़ती थी और तब भी मेरे बूब्स अच्छे दिखते थे और उनका साईज़ 32 था. में आपको बता दूँ कि मेरा रंग गोरा है और हाईट 5 फुट 6 इंच है. जब ये घटना हुई तब में कॉलेज अपनी कॉलेज वेन से जाया करती थी और में हमेशा वेन में ड्राइवर की पास वाली सीट पर बैठा करती थी. मेरी वेन का ड्राइवर 26 साल का दुबला पतला सा लड़का था. वो हमेशा मुझे टोफ़ी और चॉकलेट दिया करता था. मुझे तब तक उसकी गंदी सोच के बारे में पता नहीं था, क्योंकि में बहुत शरीफ हुआ करती थी, लेकिन जब मेरे बूब्स बड़े हुए तब से उसकी सोच मेरे लिए कुछ और हो गई थी. मेरा घर हमेशा आख़िर में आता था तो वेन में ड्राइवर के साथ में अकेली रह जाती थी और सुबह के वक़्त भी कुछ समय तक में अकेली होती थी.
एक दिन सुबह-सुबह में कॉलेज जाने के लिए लेट हो गई तो में जल्दी-जल्दी में अपने जूतों के फीते बांधना भूल गई और ऐसे ही वेन में बैठ गई और ड्राइवर ने मुझे स्माइल देकर दरवाज़ा खोला और में वेन में बैठ गई. जब में वेन में बैठी थी तब मेरी स्कर्ट थोड़ी ऊपर हो जाती थी और मेरी जांघे दिखने लग जाती थी. फिर उस दिन भी ऐसा ही हुआ, ड्राइवर ने मेरे जूतों के फीते खुले देखे और बोला नुपुर तुम्हारे जूतों के फीते खुले है इसे बांध लो. फिर मैंने उससे कहा कि में कॉलेज में बाँध लूँगी. लेकिन उसने बोला कि कॉलेज में तुम फीते के कारण गिर जाओगी तो रूको में तुम्हारे फीते बाँध देता हूँ.
यह कहकर उसने अपना एक हाथ मेरी जांघो पर रखा और झुककर फीते बाँधने लग गया, उसके झुकते ही उसने मुझसे मेरे पैर थोड़े फैलाने को बोला जिससे वो मेरे फीते आराम से बाँध सके. फिर मैंने भी अपने पैर थोड़े फैला दिए, जब मेरे पैर थोड़े से खुले तो ड्राइवर ने इस बात का फायदा उठाकर मेरी टांगो की जगह से मेरी पेंटी देखनी शुरू कर दी और जांघो पर अपना हाथ फैरने लग गया. मुझे यह सब ग़लत लगा तो मैंने उसका हाथ हटा दिया और अपने हाथों का एक साथ ज़ोर दिया ताकि वो मेरी पेंटी से मेरी चूत की फीलिंग ना ले सके, लेकिन वो फिर मेरे फीते बाँधने लग गया. फिर फीते बाँधकर उसने फिर से वेन चलानी शुरू कर दी और फिर बाकी बच्चो के घर से उन्हें लेने लग गया. में बहुत डरी हुई थी तो जब तक कॉलेज ना आया तब तक में वेन की खिड़की से बाहर ही देखती रही और ड्राइवर की तरफ नहीं देखा.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसने ऐसा क्यों किया? बस एक गंदी सी भावना आ रही थी. फिर हम कॉलेज पहुंचे और कॉलेज में व्यस्त हो गए. फिर कॉलेज की छुट्टी के बाद में फिर से वेन में जाकर बैठ गई, फिर उसने सबको घर छोड़ दिया अब ड्राइवर और में हमेशा की तरह वेन में केवल में अकेली रह गयी थी, ड्राइवर के मुँह पर अजीब सी हंसी थी. फिर उसने मुझे टोफ़ी दी और मैंने वो रख ली, फिर वो मेरे बाहर देखने का फ़ायदा उठाते हुए उसने वेन लंबे रास्ते से ले ली और जब मैंने उससे पूछा कि ये दूसरे रास्ते से क्यों ले रहे हो?
उसने कहा कि दूसरे रास्ते में ट्रेफिक जाम है तो वेन इस रास्ते से ले ली. वो टूटा फूटा रास्ता था तो वेन के झटको से मेरी स्कर्ट फिर से ऊपर हो गई, यह देखते ही ड्राइवर को पता नहीं क्या हुआ? और उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और मेरी जांघो को रगड़ने लग गया. फिर मैंने उसका हाथ हटाया तो उसने अपनी हवस वाली मुस्कान देते हुए फिर से अपना हाथ मेरी जाँघो पर रख दिया और रगड़ता हुआ थोड़ा ऊपर भी हाथ फेरने लग गया. मेरी हालत रोने जैसी हो गई थी, क्योंकि उसने मेरी जाँघो को बहुत ज़ोर से पकड़ा हुआ था और में अपने दोनों हाथों से भी उसका हाथ नहीं हटा पा रही थी.
फिर उसने अपना हाथ हटाकर मेरे लेफ्ट बूब्स को पकड़ लिया, मेरे बूब्स को उसने ऐसे पकड़ा कि मेरी चीख निकल गई और में चीखी आआआहह माँ. उसने फिर मेरी तरफ देखते हुए पूछा कि क्या में तुम्हारी पेशाब करने वाली जगह चेक कर सकता हूँ? ये सुनकर में रो पड़ी. फिर उसने वेन एक सुनसान इलाक़े में रोक दी और मेरे आंसूओं को मेरी छाती से अपनी ज़ुबान से लिक किया और मेरे होंठो पर स्मूच करनी शुरू कर दी और में अब भी रोये जा रही थी, लेकिन मैंने अपना मुँह बंद रखा हुआ था.
फिर उसने अपने होंठ थोड़े पीछे किए तो इतनी देर से अपने होंठ बंद रखने के कारण मैंने रिलेक्स होने के कारण अपने होंठ थोड़े खोले, तभी झट से ड्राइवर ने मौके का फायदा उठाते हुए अपनी ज़ुबान मेरे मुँह में डाल दी और फ्रेंच किस करनी शुरू कर दी और एक हाथ से मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए. में मम्मी मम्मी कर रही थी, लेकिन उसने इस बात की परवाह ना करते हुए मेरे मुँह पर हाथ रखकर मुझे अपनी गोद में उठाया और मुझे पीछे की सीट पर लेटा दिया.
फिर मैंने ड्राइवर से मुझे घर छोड़ देने को बोला, लेकिन वो कहने लगा कि तू जब से जवान हुई है तब से में तेरे बारे में सोच कर मुठ मारता हूँ, तो में तुझे कैसे जाने दूँ और चुपचाप हो जा नहीं तो यही जंगल में नंगी छोड़ जाऊंगा. फिर में डर गयी और उसने मेरी शर्ट उतार दी और ब्रा फाड़कर मेरे दोनों बूब्स को दबाया और सीधे बूब्स के निप्पल पर काटना शुरू कर दिया. में दर्द के मारे रो रही थी और मुझे जाने दो की पुकार लगा रही थी, लेकिन उसने मेरी एक ना सुनते हुए मेरी स्कर्ट निकाल फेंकी और पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को रगड़ने लग गया, मेरी चूत भी गीली हो गई थी. तब उसने मेरी काली पेंटी को फाड़ दिया.
फिर मेरी चूत को देखकर बोला कि वाह क्या चिकनी चूत है तेरी? अब तैयार हो ज़ा औरत बनने के लिए. तो में डर गई क्योंकि मुझे नहीं पता था कि अब वो क्या करेगा? और में रोये जा रही थी, उसने मेरी चूत पर थप्पड़ मारे और चाटना शुरू कर दिया. फिर उसने अपना लंड जो 7 इंच का था मेरी चूत के छेद पर टिकाया और एक धक्का मारा, लेकिन उसका लंड फिसल कर मेरे पेट पर आ गया.
उसने फिर से लंड टिकाया और मेरी कमर को पकड़ कर ज़ोर से धक्का मारा और मेरी चूत फाड़ कर उसका लंड आधा अंदर घुस गया. मेरी दर्द के मारे चीख निकल गई में आआआअ मम्मी करके रोने लग गई, लेकिन वो जानवरों की तरह मेरे निपल्स पर काट रहा था और लंड घुसने के बाद उसने 1 मिनट तक अपने लंड को फिट किया और झटके मारना शुरू कर दिया और मेरी चीखे निकलनी शुरू हो गई. मुझसे दर्द सहन नहीं हो रहा था और खून निकल रहा था. लेकिन ड्राइवर मुझे जानवरों की तरह जोर-जोर से चोद रहा था.
फिर उसने मेरी टांगे और चोड़ी की और 10 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना वीर्य मेरी चूत में भर दिया और लंड बाहर निकालकर मेरी चूत पर मारने लग गया. में अभी भी मरी हुई पड़ी थी और फिर ड्राइवर ने अपनी उंगली मेरी चूत में डालकर वो सारा पानी निकाला और पानी की बोतल से पानी पीकर कुछ देर लेट गया. फिर कुछ देर बाद उसने मुझे कपड़े पहनने को बोला और धमकी लगाई कि अगर मैंने किसी को बोला तो वो मेरा अपहरण करके रोज़ मुझे ऐसे ही चोदेगा. फिर मैंने डर के मारे उसे हौसला दिया कि में ये किसी को नहीं बताउंगी और उसने मुझे फिर घर छोड़ दिया. उस दिन में सारा दिन चल नहीं पाई और कमरे में बैठी रही और डर के मारे मैंने अपनी माँ को बोलकर वो वेन बदल ली, लेकिन अभी भी वो मुझे देखकर गंदे गंदे इशारे करता रहता है.

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दोस्त की बहन की चुदाई

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मोहित है और में मुंबई से हूँ. दोस्तों आज में अपनी लाईफ की पहली सच्ची कहानी लिख रहा हूँ और यह कहानी मेरे दोस्त की बहन की चुदाई के बारे में है, मेरे दोस्त का नाम दीपक है और हम दोनों एक साथ बचपन से पढ़े है दीपक की एक छोटी बहन है और उसका नाम नम्रता है. वो 20 साल की है और 12th क्लास में है. दोस्तों वो दिखने में बहुत ही मस्त है. उसका रंग एकदम गोरा है और उसके फिगर का साईज 34-28-36 है. मेरी कोई बहन नहीं है इसलिए में उसकी बहन को अपनी बहन की तरह मानता हूँ.
में और दीपक बचपन के बहुत अच्छे दोस्त है और मेरा हमेशा उसके घर पर आना जाना लगा रहता है और वो भी अक्सर मेरे घर पर आता जाता रहता है. दोस्तों पहले मेरे मन में नम्रता के लिए कोई ग़लत बात नहीं थी क्योंकि वो मेरे एक अच्छे दोस्त की छोटी बहन है इसलिए में भी उसे अपनी बहन की तरह ही मानता हूँ, लेकिन जब नम्रता 18 साल की हुई और उस पर जवानी चड़ने लगी तो अब वो मस्त माल बन चुकी थी? उसके बूब्स का उभार और उसकी मोटी गांड को देखकर किसी का भी मन उसको चोदने के लिए तैयार हो जाए और अब मेरी नम्रता के लिए थोड़ी सी भावनाए बदल गयी थी और अब में नम्रता को एक सेक्सी लड़की के रूप में देखने लगा था.
तो एक दिन में अपने दोस्त से मिलने उसके घर पर गया हुआ था वो अपने रूम में बैठकर कम्प्यूटर पर फिल्म देख रहा था, तो में भी उसके पास बैठकर फिल्म देखने लगा.
तभी दीपक ने नम्रता को पानी लाने के लिए आवाज़ लगाई और जब नम्रता रूम में आई तो में उसे खा जाने वाली नजर से देखता रहा क्योंकि वो उस समय क्या मस्त माल लग रही थी? उसने काले कलर का टॉप और लोवर पहना हुआ था और फिर मैंने ध्यान दिया कि शायद नम्रता ने टॉप के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए मुझे उसके मोटे मोटे बूब्स का आकार और उभरी हुई निप्पल बाहर से साफ साफ दिखाई दे रही थी और अब में तो उसके बूब्स को ही घूर रहा था और फिर जब नम्रता मुझे गिलास में पानी देने के लिए थोड़ा झुकी तो अंदर ब्रा ना होने की वजह से मुझे उसके टॉप के अंदर उसके बड़े बड़े बूब्स दिखाई देने लगे और शायद उसने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था. उसने मुझे हल्की सी स्माइल दी और फिर वो वहां से चली गई, लेकिन जब नम्रता वापस जा रही थी तो उसकी मोटी मोटी मटकती हुई गांड को देखकर मेरी तो हालत ही बहुत खराब हो गयी.
फिर मैंने अपने घर पर जाकर नम्रता के नाम की मुठ मारी और अब तो में अक्सर नम्रता को देखने के लिए अपने दोस्त के घर किसी ना किसी बहाने से जाने लगा. में और मेरा दोस्त आपस में एक दूसरे से सब तरह की बातें करते थे. हम लोग एक दूसरे से कुछ भी नहीं छुपाते थे. एक दिन मैंने उससे कहा कि यार क्यों ना अब हम भी किसी के साथ चुदाई का मज़ा ले? यार तू तो कई बार बहुत सी रंडियों को चोद चुका है, मेरे लिए भी कोई ऐसा जुगाड़ करवा दे मेरा भी बहुत मन करता है, प्लीज कुछ कर यार दीपक और अब में कब तक ऐसे ही अपना लंड हिलाता रहूँगा? तो दीपक बोला कि मोहित तू एक अच्छा लड़का है, तू क्यों इन रंडियों के चक्कर में पड़ता है. यह सब तेरे लिए नहीं है तू तो मेरी एक बात मान और कोई अच्छी सी लड़की को पटा ले और फिर उसे चोद ले.
मैंने कहा कि मेरे साथ यही तो समस्या है कि मुझसे कोई लड़की नहीं पटती तो में किसे चोदूंगा? तभी दीपक मुझसे बोला कि यार मोहित तू दिखने में इतना अच्छा है, तू अपने आप देख कोई ना कोई तो ज़रूर फंस जाएगी और में भी यही चाहता हूँ कि मेरे दोस्त को कोई अच्छी सी चूत मिल जाए और उसका लंड शांत हो जाए और मुझसे यह बात बोलकर वो हंसने लगा. फिर मैंने कहा कि क्या यार दीपक तू तो मेरा मज़ाक बना रहा है? तो वो बोला कि नहीं मोहित अच्छा तू एक काम कर, तू किसी लड़की को पटा ले और उसे चोद ले, तू कोशिश कर, मुझे उम्मीद है कि तू ज़रूर कोई लड़की पटा सकता है, मुझे तुझ पर पक्का यकीन है.
मैंने कहा कि यार मेरे पास एक प्लान है, लेकिन उसे सुनकर अगर तू बुरा ना माने तो में तुझे वो बता सकता हूँ? तो उसने कहा कि हाँ बोल ना क्या प्लान है? मैंने थोड़ी हिम्मत करते हूँ कहा कि क्यों ना तुम्हारी बहन को पटाया जाए? तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम चुप हो गया जैसे उसे कोई करंट का झटका लग गया हो और फिर मैंने कहा कि दीपक तू बिल्कुल भी बुरा ना मान मुझे नम्रता बहुत अच्छी लगती है और अब में उसे चोदना चाहता हूँ और यार अगर मेरी कोई बहन होती और तू मुझसे बोलता तो में अपनी दोस्ती के लिए उसे तुझसे जरुर चुदवा देता.
तभी दीपक ने कहा कि यार वो सब तो ठीक है, लेकिन नम्रता मेरी सग़ी बहन है और में उसके साथ ऐसा नहीं होने दे सकता. तो मैंने उससे कहा कि हाँ नम्रता तेरी बहन है इसलिए तो में तुझसे यह सब पूछ रहा हूँ और तू खुद मुझे बता क्या में नम्रता के लिए कोई बुरा लड़का हूँ? और दीपक तू थोड़ा अच्छी तरह सोच कि नम्रता भी एक जवान लड़की है और अब उसकी भी चूत में खुजली मचती होगी, कभी ना कभी तो वो किसी से चुदेगी ही और कोई ऐरा ग़ैरा लड़का उसका फ़ायदा उठाएगा. इससे तो यही अच्छा है कि में उसे चोद दूँ और तुझे तो खुश होना चाहिए कि तेरी बहन तेरे बेस्ट फ्रेंड से चुद रही है, जिसे तू बहुत अच्छे से जानता है.
दीपक बोला कि हाँ वो तो सब ठीक है, लेकिन तू नम्रता को इन सब कामों के लिए मनाएगा कैसे? तो मैंने कहा कि मेरे पास एक प्लान है. सबसे पहले में तेरी बहन को पटाऊंगा और फिर उसके बाद उसे किसी भी दिन कोई अच्छा सा मौका देखकर चोद दूंगा, तो उसने कहा कि लेकिन वो तो तुझे अपना भाई मानती है? तो मैंने कहा कि तू उसकी बिल्कुल भी चिंता मत कर में उसे पटा लूँगा. फिर वो कुछ देर सोचकर बोला कि ठीक है तू इस काम में कोशिश कर. तो मैंने दीपक से कहा कि यार अगर में नम्रता को पटा लूँ और वो खुद ही अपनी मर्ज़ी से मुझसे चुदवाने को तैयार हो जाए तो तुझे इसमें कोई आपत्ती नहीं होगी ना?
फिर वो बोला कि नहीं, अगर नम्रता तुझसे अपनी मर्ज़ी से चुदवाती है तो तू उसे अच्छी तरह चोद डाल, मुझे इसमें कोई आपत्ती नहीं है, क्योंकि हर हाल में मेरा दोस्त खुश रहना चाहिए, मैंने कहा कि धन्यवाद यार और उस दिन से में नम्रता से दोस्तों की तरह बिल्कुल खुलकर बात करता था और वो भी अब मुझसे खुल चुकी थी, लेकिन वो मुझसे कम बात करती थी और अब में कभी कभी उसके गालो को चूम लेता था और वो मुझसे कभी कुछ नहीं कहती थी.
मैंने सोचा कि अब थोड़ा और भी आगे बढ़ना चाहिए और धीरे धीरे में उसके साथ बहुत खुलने लगा. मुझे अब उसकी बातें से पता चला कि वो भी मुझे पसंद करती है, क्योंकि वो मुझसे अब अपनी सारी बातें करने लगी और वैसे मुझे पूरा विश्वास था कि उसका अब तक कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं था. फिर एक दिन नम्रता ने बातों ही बातों में मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ है, वो मुझसे अजीब तरीके से बोली कि वो कौन है?
मैंने कहा कि तुम हो ना तो मुझे किसी और की क्या ज़रूरत है? तो वो बोली कि आजकल तुम कुछ ज्यादा ही बिगड़ रहे हो. मैंने कहा कि क्यों क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हो? लेकिन अब उसने कुछ नहीं कहा, वो बिल्कुल चुप रहकर मेरी तरफ देख रही थी.
मैंने मन ही मन इसे एक अच्छा मौका समझकर उससे कहा कि में सच कहूँ तो तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे दिल से चाहने लगा हूँ. वो मेरी यह बात सुनकर एकदम से शरमा गयी और फिर वो जाने लगी तो मैंने झट से उसका एक हाथ पकड़ा और कहा कि कहाँ जा रही हो? क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हो? वो बोली कि में थोड़ा सोचकर तुम्हे बताउंगी. फिर मैंने कहा कि इसमे सोचना क्या है? वो बोली कि अगर मेरे भाई को यह सब पता चला तो तुम्हारी इतनी पुरानी दोस्ती टूट जाएगी? तो मैंने कहा कि उसे यह सब कौन बताएगा? लेकिन अब वो कुछ नहीं बोली और चुपचाप चली गयी, तभी मैंने सोचा कि लगता है मेरा काम अब बन जाएगा और फिर मैंने यह बात अपने दोस्त को बताई तो उसे यह सब बातें सुनकर थोड़ा धक्का तो लगा, लेकिन वो अब मेरे लिए बहुत खुश था.
फिर मैंने उसे उसी रात को कॉल किया और बोला कि क्यों तुमने मुझे अपना जवाब नहीं दिया बोलो ना तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो ना? तो वो बोली कि हाँ में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा और फिर मैंने उससे कहा कि नम्रता में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तो उसने भी कहा कि हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. फिर हम बाहर मिलने लगे और धीरे धीरे हम किस्सिंग भी करने लगे, एक दिन मेरे घर पर में अकेला था तो मैंने अपने दोस्त दीपक को फोन लगाया और उससे कहा कि यार दीपक आज में घर पर अकेला हूँ, तू एक काम कर नम्रता को मेरे घर पर भेज दे, में आज ही उसके साथ सेक्स करूंगा.
मैंने नम्रता को फोन लगाया और उससे कहा कि तुम अभी मेरे घर पर आ जाओ, क्योंकि मेरे घर पर कोई नहीं है, तो उसने कहा कि ठीक है और वो पहली बार बिल्कुल अकेली मेरे घर पर आ रही थी, वो इससे पहले भी आ चुकी थी, लेकिन हमेशा अपने भाई के साथ आई थी. तभी थोड़ी देर बाद दीपक का फोन आया तो वो मुझसे बोला कि नम्रता अभी अभी मुझसे कोचिंग क्लास जाने की बोलकर घर से निकल गयी है ज़रूर वो तेरे घर पर ही आएगी और वो आगे बोला कि अब तू आज अपने मन की इच्छा पूरी कर लेना और अब में फोन रखता हूँ तू मेरी बहन के साथ बहुत मज़े कर.
फिर यह बोलकर दीपक ने फोन रख दिया और फिर थोड़ी देर में दरवाजे पर आवाज हुई, मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि ठीक मेरे सामने नम्रता खड़ी हुई थी. मैंने उसे अंदर बुलाया और कहा कि चलो कोई रोमॅंटिक फिल्म देखते है उसने कहा कि हाँ ठीक है और फिर मैंने पीसी पर एक सेक्सी फिल्म की डीवीडी को लगा दिया और उसे चला दिया. उसमे शुरू में बस किसिंग था और फिर सेक्स सीन चलने लगा. वो यह सब देखकर बहुत शरमा गई और फिर मुझसे बोली कि में यह सब नहीं देखूँगी.
मैंने कहा कि तुम्हे भी तो यह सब आगे चलकर करना ही पड़ेगा और फिर वो मेरे बहुत समझाने पर देखने लगी और में उसे किस करने लगा और फिर वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी तो में एक हाथ से उसके चूतड़ सहलाने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से दबाने लगा, वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और अब वो लाल कलर की ब्रा में थी, में तो उसे देखकर बिल्कुल पागल हो गया और मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया. तभी वो अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को छुपाने लगी. में उसके हाथों को हटाते हुए उसके बूब्स को मसलने लगा और फिर उसकी गर्दन पर किस करने लगा, वो मदहोश होने लगी और मचलने लगी. मैंने धीरे से उसकी जींस को खोल दिया और उसे नीचे सरका दिया और अब उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से सहलाने लगा. वो एकदम से सिहर गयी और फिर वो मुझसे बोली कि मुझे कुछ कुछ हो रहा है उहहह्ह्ह्ह आहहह्ह्ह प्लीज अब तुम ही कुछ करो.
मैंने झट से अपने भी कपड़े उतार दिए और में बस अंडरवियर में था और वो सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी, में उसके सुंदर बदन को देखता रह गया, क्योंकि में पहली बार किसी लड़की को इतने नज़दीक से पूरा नंगा देख रहा था. तभी उसने मुझसे पूछा कि ऐसा क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि तुम्हारा बदन और अब मेरा लंड पूरी तरह से लोहे की तरह तन गया और मेरी अंडरवियर में तंबू बन गया है.
अब में पागलों की तरह उसके बदन को चूमने, चाटने लगा. वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और सिसकियाँ ले रही थी, तो मैंने अब उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और अब मेरे ऐसा करने से वो बिल्कुल पागल होने लगी और बोल रही थी आअहह हाँ और ज़ोर से चूसो ऊह्ह्हहह. फिर मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया. दोस्तों क्या मस्त चूत है उसकी? बिल्कुल ब्रेड की तरह फूली हुई और उस पर एक भी बाल नहीं था. एकदम पूरी चिकनी में तो उसे देखते ही बिल्कुल पागल हो गया और मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर उसके सामने आ गया.
फिर वो मेरा इतना मोटा लंड देखकर हैरान होकर बोली कि इतना बड़ा है? यह तो आज मेरी फाड़ ही देगा. मैंने कहा कि तुम चिंता मत करो में तुम्हे बहुत आराम से चोदूंगा और फिर में उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत अब बिल्कुल गीली हो चुकी थी और में उसकी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा. वो बिल्कुल पागल हो गई और तड़पने लगी और अब उसका पूरा शरीर अकड़ने लगा और वो मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत से चिपकाकर झड़ गयी और फिर एकदम शांत हो गयी और वो अब बहुत खुश दिख रही थी. मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया डार्लिंग?
वो बोली कि हाँ और फिर मैंने कहा कि अब तुम्हारी बारी है, अब तुम मेरा लंड चूसो, लेकिन वो मना करने लगी तो मैंने उससे कहा कि देखो फिल्म में वो लड़की कैसे लोलीपोप की तरह चूस रही है, तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा, प्लीज अब एक बार चूसो ना. फिर उसने थोड़ा शरमाते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे चाटने लगी. दोस्तों में आपको क्या बताऊँ? मुझे तो ऐसा लग रहा था कि जैसे में अब जन्न्त में हूँ और फिर वो पूरा लंड मुहं में लेकर अंदर बाहर करने लगी. में तो जैसे सातवें आसमान पर था.
फिर कुछ देर लंड चूसने के बाद मैंने नम्रता को सीधा लेटाया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपने घुटनों के बल उसकी जांघो के बीच में बैठ गया और फिर मैंने अपने लंड का टोपा नम्रता की चूत के छेद पर रखा तो वो चूतड़ उठाने लगी. फिर में उससे बोला कि अब तुम तैयार हो जाओ में तुम्हे आज जन्नत की सैर करवाता हूँ? तो वो बोली कि प्लीज थोड़ा जल्दी करो मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. फिर मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया, लेकिन लंड अंदर नहीं गया, क्योंकि उसकी चूत अभी तक कुवारी थी मैंने उसकी चूत पर थोड़ा सा तेल लगाया और अपने लंड पर भी बहुत सारा तेल लगा लिया.
लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरा लंड दो इंच अंदर चला गया, लेकिन वो ज़ोर से चीख उठी और बोलने लगी कि प्लीज इसे बाहर निकालो, नहीं तो में मर जाउंगी, प्लीज बाहर निकालो और फिर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. मैंने उससे कहा कि थोड़ी सी देर और सह लो जानू, उसके बाद तुम्हे बहुत मज़ा आएगा और फिर में वैसा ही पड़ा रहा और उसके बूब्स चूसने लगा तो उसका दर्द कुछ कम हुआ तो वो नीचे से झटके देने लगी और में धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा और वो आवाज़े निकालने लगी. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड उसकी सील तोड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया और वो रोने लगी.
में उसे किस करने लगा और हल्का हल्का धक्का मारता रहा. उसकी चूत से खून निकल रहा था और जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने एक और ज़ोर का झटका मारा तो लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया. वो फिर से चीखने, चिल्लाने लगी, लेकिन में इस बार नहीं रुका और ज़ोर ज़ोर से झटके मारता रहा और वो चिल्लाती रही. में धक्के मारता रहा और अब कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और बोल रही थी कि हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से आआहह अहहहहह फाड़ दो आज मेरी चूत को, बहुत दिनों से इसमे ज्यादा खुजली हो रही थी ऊउईईईइ माँ हाँ तुम आज इसकी खुजली को मिटा दो आहह उूऊहह हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे.
उसके मुहं से यह बात सुनकर मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और भी तेज़ नम्रता को चोदने लगा और अब मेरा 8 इंच का पूरा लंड बहुत तेज़ी से नम्रता की चूत के अंदर बाहर हो रहा था. पूरा कमरा फ़च फ़च और नम्रता की चीखने चिल्लाने की आवाजो से गूँज रहा था, लेकिन अब मुझे तो जन्नत का मज़ा आ रहा था. में अब उसे डोगी स्टाइल में चोदने लगा और 15 मिनट तक बिना रुके तेज़ तेज़ धक्के मारने के बाद में नम्रता की चूत के अंदर ही झड़ गया और उसकी चूत को अपने वीर्य से पूरा भर दिया. नम्रता की चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया था और अब हम दोनों हाफ रहे थे. में उसको किस करते हुए उसके ऊपर लेटा रहा. दोस्तों उस दिन के बाद हमने कई बार चुदाई की और मजे लिये.

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लंड के प्यासे थे आंटी और उनकी बेटी

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम यश है. ये जो स्टोरी में आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ वो मेरी और मेरी पड़ोसी आंटी के बीच की है. उनका नाम अनिता है और उनकी उम्र 37 साल है, उनका फिगर साईज 34-30-36 और उनकी बेटी का नाम प्रियंका है. उसकी उम्र 19 साल और उसका फिगर साईज 30-28-32 है. ये अप्रेल की बात है, में भुवनेश्वर में एक किराये के घर में रहकर बी.टेक कर रहा था, उस बिल्डिंग में और मेरे जैसे और भी बहुत सारे लोग रहते थे. मेरा एक सिंगल रूम था क्योंकि में अकेला रहता था. अप्रेल महीना गर्मी का मौसम है इसीलिए में छत के ऊपर सोया करता था. छत के ऊपर दो बाथरूम थे, उनमें से एक बाथरूम मुझे मिला हुआ था और एक अनिता आंटी को मिला हुआ था.
एक दिन में छत पर सोया हुआ था, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रहा थी तो में मेरे मोबाइल में ब्लू फिल्म देख रहा था. तब मुझे किसी की पायल की आवाज़ आई, तो मैंने मोबाईल को उल्टा करके रख दिया जिससे की किसी को शक़ ना हो कि मोबाईल चालू है और में सोने का नाटक करके देखता रहा कि कौन आ रही है. वो और कोई नहीं बल्कि अनिता आंटी थी और में चुपके से देखता रहा कि वो क्या कर रही है? लेकिन वो तो मेरे नीचे देख रही थी.
फिर मैंने सोचा कि वो क्या देख रही होगी? मुझे मालूम पड़ा कि वो मेरे लंड को देख रही थी जो कि फिल्म देखने की वजह खड़ा हुआ था और वो उसको देखकर पेशाब करने बाथरूम की तरफ चली गयी. मैंने सोने का नाटक करते हुए लंड को बाहर निकाल दिया. जब वो पेशाब करके वापस बाहर आई तब वो फिर से मेरे लंड को देख रही थी, लेकिन इस बार तो वो मेरे पास आकर बैठकर मेरे लंड को देखने लगी और धीरे-धीरे सहलाने लगी. में तो चौंक गया था और फिर मैंने सोचा कि इस रंडी को आज अभी यहीं चोद लूँ इसीलिए उसको रंगे हाथ पकड़ना है और में आँख खोलकर बैठ गया, तब वो कांप उठी और फिर में बोला कि..
में : आंटी आप रात को 1 बजे मेरे पास क्या कर रही हो?
आंटी : कुछ नहीं टायलेट करने के लिए आई थी और देख रही थी कि कौन सो रहा है.
में : ओह तो आपका हाथ किधर था.
आंटी : (थोड़ा डर के मारे) किधर भी नहीं, बस यूँ ही इधर उधर हो रहा था.
में : इधर उधर मतलब?
आंटी : छोड़ो मुझे नींद आ रही है. अब में चलती हूँ, उधर प्रियंका अकेली सोई है.
और आंटी उठने लगी तो मैंने आंटी का हाथ पकड़ लिया और बोला.
में : मेरी जिस चीज़ को आपने जगाया है उसको कौन सुलायेगा.
आंटी : मैंने किस चीज़ को जगाया?
तब में उनके सिर को पकड़कर मेरे लंड के पास ले आया और बोला कि इसको तुमने जगाया है अब इसे शांत करो. तो वो थोड़ी घबरा गयी और बोली कि ये ठीक नहीं है, तब में उनके बूब्स और चूत को उनकी साड़ी के ऊपर से दबाने लगा और मजा करने लगा और उनको नीचे लेटाकर उनको लिप किस करने लगा. फिर वो भी मेरा साथ देने लगी तो में समझ गया कि ये चुदवाने के लिए राज़ी है, तब मैंने उनको छोड़ दिया. तो वो मुझसे बोली कि क्यों मज़ा नहीं आया? प्लीज़ मुझे अपनी रंडी बनाकर चोद डालो, तब मैंने उनसे पूछा कि अंकल आपको नहीं चोदते क्या?
आंटी : (उदास होकर) अंकल ठीक से नहीं चोदते थे इसीलिए में मेरे एक फ्रेंड्स से चुदवाती थी, लेकिन जब उनको पता चल गया तो वो मुझे छोड़कर चले गए. अब मेरा एक फ्रेंड (मनोज) ही मुझे चोदता है. तब मैंने आइडिया लगाया कि जो लड़का इनके घर पर रोज खाने के टाईम पर आता है वो ही मनोज है और वो ही इसे चोदता है. फिर मैंने उठकर छत के दरवाजे की कुण्डी लगा ली और उनके पास आकर बैठ गया और फिर हमारा सेक्स शुरू हुआ. फिर मैंने उनके ब्लाउज को निकाला और फिर साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया. अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में ही थी और में उनको पूरा नंगा कर चुका था.
अब में उनकी बॉडी को अच्छी तरह से नहीं देख पा रहा था और सिर्फ़ थोड़ा-थोड़ा देख पाता था क्योंकि वहां अंधेरा था और सिर्फ़ महसूस करता था. सच बताऊँ यारों क्या मक्खन जैसे बूब्स थे? जैसे ही मैंने ब्रा को निकाला तो मुझे लगा कि मक्खन के दो पीस लगे हुए है. फिर मैंने उनकी पेंटी उतारी और चूत को टच किया, तो बिल्कुल शेव चूत थी और गीली भी थी. मैंने फिर गांड को दबाया तो मुझे लगा जैसे कि में गुब्बारे को पकड़ा हो, मतलब आंटी अपनी हर चीज़ का बहुत ख्याल रखती थी.
फिर हम दोनों 69 पोजिशन में आ गये. जब वो मेरे लंड को मुँह में लेती, तो वो बोली कि ये तो 8 इंच का होगा, कितना बड़ा है और मोटा भी है. तो मैंने अंकल और मनोज का साईज़ पूछा तो वो बोली अंकल का 5 इंच का होगा और मनोज का 7 इंच का है, लेकिन तुम्हारा तो इतना बड़ा है कि मुझे चुदवाने में मज़ा आयेगा और हम दोनों चुसाई करने लगे और एक साथ ही एक दूसरे के मुँह में झड़ गये.
फिर वो बोली कि अब अपना लंड मेरी चूत में डालो. फिर मैंने उनके पेरों को फैलाकर उनकी चूत में मेरा लंड रगड़ने लगा और फिर लंड घुसा डाला तो वो अहह उईईईईईईईईईआआअ की आवाज़ करके बोली कि धीरे-धीरे करो. फिर मैंने देखा तो मेरा लंड 6 इंच ही चूत के अंदर गया था और 2 इंच बाहर था, तो मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया और पूरा लंड अंदर डाल दिया और करीब 20 मिनट तक उसको अलग-अलग स्टाइल में चोदता रहा, तब तक वो एक बार झड़ चुकी थी.
फिर हम दोनों एक बार फिर झड़ गये. तब 2 बज गये थे तो वो बोली कि शायद प्रियंका जग गयी होगी और में चलती हूँ. फिर वो अपने कपड़े पहनकर चली गयी और में कपड़े पहनकर सो गया.
फिर सुबह 8 बजे जब में उठकर फ्रेश होकर कॉलेज के लिए निकला तो वो मेरे कमरे में आई जो कि उनके रूम के सामने है और बोली कि आज 4 बजे दिन में चुदाई करते है, क्योंकि उसकी बेटी कॉलेज चली गयी और मनोज 7 दिन से बाहर है और 20 दिन के बाद आयेगा. फिर में उसकी चुदाई करने के लिए रुक गया और उसने मुझे अपने घर में बुलाकर चुदाई करवाई और करीब 4 बार हमने चुदाई की.
इसके बीच में उसने खाना पकाया और मुझे भी खिलाया, लेकिन दरवाजे पर हम में से किसी का ध्यान नहीं था, वो तो अनलॉक था और हम लोग अन्दर नंगे थे, क्योंकि जब किसी का भी मन करता तो हमारी चुदाई शुरू हो जाती. उस दिन प्रियंका भी 2 बजे कॉलेज से आकर दरवाजे पर खड़ी थी और दरवाजा अनलॉक होने की वजह से वो सीधा अन्दर घुस गयी. तब में और अनिता आंटी यानि उसकी माँ सेक्स कर रहे थे. हम लोग 69 पोजिशन से निकल चुके थे और अनिता ने अपने पैर फैलाकर मेरे लंड को चूत के दरवाजे पर लगा रखा था और जैसे ही मैंने धक्का मारा तो प्रियंका ने आवाज़ लगाई.
प्रियंका : माँ ये क्या हो रहा है?
अनिता आंटी : (डर के मारे) कुछ नहीं बेटा.
प्रियंका : यश भैया अब तो निकालो. (क्योंकि तब तक मेरा लंड अनिता आंटी की चूत में था और पास में छुपाने के लिए कुछ भी नहीं था)
फिर मैंने मेरा लंड बाहर निकाला तो मेरा लंड और उसकी माँ की चूत से पानी टपक रहा था, जिसे देखकर प्रियंका बोली कि..
प्रियंका : में जानती हूँ माँ कि पापा के जाने के बाद आप ये सब मनोज अंकल के साथ करती हो, लेकिन अब और किसी के साथ भी करने लगी हो, ये अच्छा नहीं है माँ. में अभी मनोज अंकल को आपके नंबर से मैसेज करके बता दूँगी.
अनिता : ऐसा मत कर, तेरे पापा तो मुझे संतुष्ट कर नहीं पाते थे इसीलिए मैंने मनोज का सहारा लिया और इसलिए तेरे पापा भाग गये और 7 दिन से मनोज आउट ऑफ स्टेशन है और 20 दिन के बाद वो आयेगा, वैसे भी यश का लंड सबसे बड़ा और सेक्स पॉवर भी अच्छा है इसीलिए में कंट्रोल नहीं कर पाई. तब तक हम दोनों प्रियंका के सामने नंगे खड़े थे. फ़िर प्रियंका ने कुछ देर सोचा और उस समय मैंने गोर किया कि वो अपने हाथ को अपनी ड्रेस के ऊपर से उसकी चूत को दबाकर बोली कि..
प्रियंका : ठीक है, में उन्हें नहीं बताउंगी, लेकिन मेरी एक शर्त है.
अनिता आंटी : क्या शर्त है बेटी?
प्रियंका : मुझे भी यश भैया के लंड को इन्जॉय करने को मिलेगा.
अनिता आंटी : (मुझे प्रियंका के पास धक्का देते हुए) ले संभाल इस 8 इंच के लंड को.
में : प्रियंका क्या तुम वर्जिन हो?
प्रियंका : हाँ.
में : तो बहुत मज़ा आयेगा.
फिर प्रियंका ने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और फिर मैंने उसको एक ज़बरदस्त लिप किस किया. तब अनिता आंटी मेरी गांड के होल को चूस रही थी. फिर 5 मिनट तक लिप किस करने के बाद मैंने प्रियंका की जीन्स और टी-शर्ट ऊतार दी. मुझे ऐसा लगा कि जैसे दो ओंरेंज को पकड़कर किसी ने ब्रा के अंदर क़ैद कर दिया है. फिर मैंने प्रियंका की ब्रा को खोलकर उसके बूब्स को दबाया और सक किया. फिर मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया. यार उसकी क्या चूत थी? जैसे कि उसकी चूत के जंगल के अंदर से कोई नदी जा रही है.
मैंने पूछा कि कभी चूत शेव नहीं की है क्या? तो वो बोली नहीं, फिर मैंने उसकी गांड को टच किया और मज़ा लेता रहा. फिर हम दोनों 69 पोजिशन में आ गये और 10 मिनट में ही एक दूसरे के मुँह पर झड़ गये. फिर वो बोली कि अब तो चुदाई करते है और फिर उसने अपने पैरों को फैला दिया. अब उसकी माँ ने मेरे लंड पर क्रीम लगाई और फिर उसकी चूत पर क्रीम लगा दी और मेरे लंड को उसकी चूत के दरवाजे पर रख दिया. फिर मैंने धक्का दिया तो मेरा लंड फिसलकर बाहर निकल गया और फिर दो बार ट्राई किया तो मेरा लंड 3 इंच अंदर चला गया. फिर प्रियंका दर्द के मारे रोने लगी. तब मैंने अनिता आंटी से बोला कि तुम्हारी बेटी के मुँह में अपनी चूत डालो, फिर में धक्का देता हूँ ताकि उसकी चीख बाहर तक सुनाई ना दे.
फिर अनिता आंटी ने बिल्कुल वैसा किया और मुझे उसकी चूत में मेरा पूरा 8 इंच का लंड डालने में 10 मिनट लगे. फिर में लंड को अंदर बाहर करके उसको चोदता रहा और वो भी मेरा साथ देती रही उहह अह मूऊऊऊऊऊऊ मर गई, क्या मज़ा आ रहा है? और ज़ोर से और ज़ोर से, फिर में 30 मिनट में उसकी चूत में झड़ गया और तब तक वो 3 बार झड़ चुकी थी. फिर हम सबने नाश्ता किया और फिर हम तीनों ने एक नया घर देखकर उस घर में शिफ्ट हो गये और उधर हम सब घर में नंगे ही रहते है और खूब चुदाई करते है.

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प्यासी भाबी की टपकती बुर का पानी

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मेरा नाम संजय है और मैं मेरठ उत्तर-प्रदेश का रहने वाला हूँ और आप सभी को अपनी जीवन की एक सच्ची घटना बताना चाहता हूँ, जो मेरे जीवन में घटी थी…दोस्तो, अगर कहानी लिखने में कोई गलती हो तो माफ़ कर देना!!अब मैं कहानी पर आता हूँ।इस समय मैं 32 साल का हूँ और ये घटना लगभग 2 साल पुरानी है… अब मन करता है, आपसे शेयर कर लूँ।उस समय मैं एक कंपनी में नौकरी करता था तो उसमे एक लड़का मेरा अच्छा दोस्त बन गया था। हम दोनों सेक्स की बातें भी किया करते थे!!मैं लगभग 6 फीट लंबा हूँ और मेरा लण्ड मोटा है, लगभग 8 इंच का। तो मित्रो, अब कहानी पर आते हैं…

एक बार मेरे दोस्त ने मुझसे कहा – एक भाभी हैं जिस पर मैरे पैसे उधार हैं, उसके घर चलते हैं और सुना है वो सेक्स भी करवाती हैं!! तो हम दोनों उस भाभी के घर चल दिए।

उसके घर जाने पर उसे हाय-हैलो हुई। उसने हमारे आने का कारण पूछा तो हमारे मुँह से निकल गया कि आपके साथ मस्ती करने आये हैं… वो हमारा मुँह देखने लगीं और सोचने लगीं की झांट बराबर के लड़के, मेरे साथ मस्ती करने आये हैं!!

फिर मेरा दोस्त बाहर चला गया तो उसके जाते ही मैंने भाभी से कहा – चाय नहीं पिलाओगी, क्या? तो उन्होंने कहा – आप यहाँ बैठो, मैं बनाकर लाती हूँ।

मैंने कहा – ठीक है… और वो उठ कर रसोई मैं चली गईं और मैं भी उसके पीछे पीछे रसोई में चल दिया तो उन्होंने कहा – यहाँ क्यूँ आये हो, आप वहीं बैठो, मैं वहीं पर आती हूँ!! तो मैंने कहा – वहाँ मन नहीं लग रहा, मैं यहीं ठीक हूँ। दोनों मिलकर चाय बनाते हैं!!

फिर मैं उनकी चाय बनाने में मदद करने लगा और धीरे धीरे उनके हाथ को टच करने लगा। वो मस्ती में आ गईं…

फिर मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर दबा दिया, वो कुछ नहीं बोलीं और मस्ती मैं आ गईं। मैंने उनसे कहा – भाभी, चाय को बेडरूम में बैठकर पीते हैं…

उन्होंने कहा – चलो!! जहाँ आपकी मर्ज़ी हो वहीं बैठकर चाय पी लो… और हम बेडरूम में आ गए तो मैंने कहा – भाभी, मैं कहीं भी बैठकर चाय पी सकता हूँ।

उन्होंने कहा – हाँ, आपका ही घर है… कहीं भी बैठो। तो मैं उठकर उनकी गोदी मैं बैठ गया।

उन्होंने कुछ नहीं कहा। मैंने सिग्नल समझकर उनके बालों को खोल दिया और उनके लिप्स पर किस कर दिया!!! वो एक दम हुए हमले से संभल नहीं सकीं और मैंने मौका भी नहीं दिया, तुरंत उसके होंठ से अपने होंठों को लगा दिया और किस करने लगा।

अब वो भी मेरा साथ देने लगीं!!

फिर मैंने उनकी साडी खोल दी और सारे कपडे उतर कर खुद भी नंगा हो गया… अब हम दोनों ही नंगे थे, लकिन मैंने पहले कभी सेक्स नहीं किया था तो मुझे मालूम नहीं था की कैसे करते हैं…

मैं उनके ऊपर गया और उनकी चूत मैं अपना लण्ड दे दिया, तो वो एकदम चिल्लाई – क्या कर रहे हो…? मार डालोगे क्या…? दिखाओ अपना लण्ड मुझे!!

तब मैंने उठकर अपना लण्ड उनके हाथ में दिया तो वो बोलीं – इतना मोटा लण्ड, तुम्हारे भैया का तो पतला है और तुम्हारा तो लंबा भी है… तुम तो मुझे मर डालोगे। तो मैंने कहा – जानेमन, तुम्हें मारने के लिए ही तो लण्ड को इतना मोटा और बड़ा किया है!!!

फिर मैंने उनके पैर ऊपर उठाकर लण्ड को उनकी चूत में पेल दिया और लगभग 10-15 झटकों में झड़ गया।

उन्होंने कहा – कोई बात नहीं… फर्स्ट टाइम ऐसा ही होता है!! और उन्होंने मेरे लण्ड को मुँह मे लेकर चूसना चालू कर दिया और 1 मिनट में ही लण्ड फिर से खड़ा हो गया…

फिर मैंने उनकी चूत चाटी और फिर से उनके साथ सेक्स किया। इस बार मैंने उनको पहले डिस्चार्ज किया और बाद में मैं डिस्चार्ज हुआ!! इस बार मुझे और उन्हें दोनों को मजा आया था…

फिर हम दोनों खड़े हुए और कपडे पहन कर बैठ गए और दोस्त के आने के बाद मैं वहाँ से निकल गया… फिर मैंने बाद में भाभी के साथ 100 से 200 बार सेक्स और किया…!!

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जवान पंजाबन लड़की और मेरी खड़ा लंड

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हैल्लो दोस्तों, दोस्तों ज़िंदगी मस्त है और जवानी भी, यह कहानी मेरी और सोनिया की है. सोनिया एक 26 साल की पंजाबी लड़की है, जिसकी जवानी एक कयामत है. कसा हुआ बदन, कड़क बूब्स, मदमस्त गांड, पतली कमर, सुडौल जांघे, सुराहीदार गर्दन, लंबे काले घने बाल, नशीली आँखें और रसीले होंठ. दोस्तों वो अक्सर सलवार कमीज़ पहनती और ज्यादातर पंजाबी ड्रेस, उसके दो बच्चे है और पति एक बिज़नसमेन है और वो सीमा भाभी की एक बहुत अच्छी दोस्त है.
दोस्तों पंजाबी महिलाओं की एक ख़ासियत होती है कि उनकी आवाज़ थोड़ी भारी होती है और गांड बहुत उभरी हुई होती है, मतलब कि वो बहुत मस्त सेक्सी होती है. वो अक्सर सीमा के घर पर आया करती थी. सीमा और में अक्सर सेक्स करते थे तो में सीमा को चोदते वक़्त उससे सोनिया को अपने लिए सेट करने को कहता था. फिर सर्दियों के दिनों में एक दिन सीमा ने मुझसे कहा कि क्या तुम सोनिया के बच्चे को ट्यूशन पढ़ा दोगे? तो मैंने कहा कि सीमा यह चक्कर क्या है? बच्चो को ट्यूशन पढ़ना है या उनकी माँ को सेक्स करना सिखाना है, उसकी चूत को चोदकर शांत करना है? तो उसने हंसकर कहा कि हाँ दोनों, लेकिन अगर तुम कर सको तो?
फिर में सोनिया से मिला तो सोनिया मुझे देखकर बहुत खुश नज़र आ रही थी और उससे बात करते करते में सोनिया की जवानी को माप रहा था और उसके सेक्सी बदन को अपनी आखों में उतार रहा था, में उसके बड़े-बड़े बूब्स में खो सा गया था. तभी उसने कहा कि इनके एग्जाम सर पर है और ये नालायक बच्चे फैल हो जाएगें, प्लीज आप कुछ भी करके इन्हे पास करा दो और आपकी जो भी फीस होगी में वो आपको दे दूँगी, लेकिन बस आप मेरे घर पर आकर इन बदमाशो को पढ़ा दो.
में हंस दिया और में रोज़ दोपहर उन्हे पढ़ाने जाने लगा. फिर धीरे-धीरे सोनिया मुझसे बहुत खुल गयी और उसके पति को भी मुझ पर पूरा भरोसा होने लगा था और जब एग्जाम के दिन करीब आए तो मैंने सोनिया से कहा कि में देर शाम के टाइम इन्हे आकर पढ़ा दूँगा ताकि सुबह उठकर एक बार उसे पढ़ ले और इनका पढ़ा हुआ इन्हें याद रहे, जिससे इनका पेपर अच्छा चला जाए. तो उसने कहा कि मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है आपको जैसे उचित लगे आप वैसा ही कीजिये. तभी उसी बीच एक दिन उसके पति को फोन आया कि गावं में उसकी माँ की तबीयत बहुत खराब है तो उसके पति ने उनके गाँव जाने के लिये टिकट बुक कराई और अगले दिन उनके गाँव चले गए.
उस रात मैंने सोच लिया था कि अब सोनिया को अपने साथ बिस्तर पर लाने का सही वक़्त आ गया है और अगली रात जब में बच्चो को पढ़ा रहा था तो सोनिया ने कहा कि आज आप रात का खाना यहीं पर खा लेना. फिर मैंने कहा कि ठीक है और तब तक उसके दोनों बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करके और खाना खाकर सो चुके थे. तो सोनिया ने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि आप वॉशरूम में हाथ मुहं धो लीजिए में आपके लिए खाना लगाती हूँ.
दोस्तों सोनिया ने उस दिन बिल्कुल टाईट सलवार कमीज़ पहनी हुई थी, जिसमे उसकी जवानी और भी कड़क लग रही थी, उसकी गांड को देखकर में मन ही मन बहुत खुश हो रहा था. उसके बूब्स बाहर आने को बैचेन थे और में उन्हे छूने, दबाने, महसूस करने के लिए बहुत बैचेन था. फिर हम दोनों खाना खाने लगे, वो आज बहुत खुश नजर आ रही थी. तभी अचानक उसने पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो में एकदम से चकित रह गया और फिर मैंने कहा कि अपना नसीब ऐसा कहाँ जो हमें कोई गर्लफ्रेंड मिले? तो उसने कहा कि क्यों तुम इतने अच्छे तो दिखते हो और तुम्हारी बॉडी भी बहुत मस्त है?
मैंने कहा कि मुझे अपने से बड़ी उम्र की लड़कियाँ अच्छी लगती है और ख़ासकर शादीशुदा भाभियाँ, तो वो मेरी यह बात सुनकर एकदम से उलझ गई और फिर उसने पूछा कि ऐसा क्यों? तो मैंने कहा कि वो सब कुछ समझती है और खुलकर मजा भी लेती है और मजा भी देती है. मेरी यह बात सुनकर उसका चेहरा गोरे रंग से हल्का गुलाबी हो गया और फिर मैंने कहा कि मुझे पंजाबन भी बहुत अच्छी लगती है, क्योंकि उनमे बहुत गर्मी होती है वो बिल्कुल गरम सेक्सी होती है और वैसी ही आप हो. तो वो अब बिल्कुल खामोश हो गयी और उसने शर्म से अपना सर नीचे झुका लिया. में उठकर उसके पास गया और उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों से उठाकर कहा कि सोनिया मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो क्या हुआ तुम शादीशुदा हो और दो बच्चो की माँ हो, लेकिन फिर भी तुम हो बहुत सेक्सी और सेक्स एक प्राक्रतिक चीज़ है उसका उम्र, जाती, रंग, हाईट, रिश्तों से कोई लेना देना नहीं होता और इतना कहकर मैंने उसके काँपते हुए होंठ चूम लिए.
फिर वो एकदम हड़बड़ाती हुई खड़ी हो गयी और फिर में उसे अपनी बाहों में भरकर उसके होंठो को चूसने लगा और वो आँखे बंद करके धीरे-धीरे मदहोश हो रही थी और अब वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर कुछ देर तक हमने फ्रेंच किस का मज़ा लिया, साथ ही वो मेरी पेंट के ऊपर से लंड को दबाने लगी और में उसकी गद्दे जैसी गांड को मसलने लगा और जब थोड़ी देर बार उसने आँखे खोली तो उसकी आँखो में वासना साफ साफ झलक रही थी. मैंने उससे कहा कि सोनिया में तुम्हे बहुत प्यार करना चाहता हूँ और मैंने जब से तुम्हे देखा है तुम्हे चोदने का सपना देख रहा हूँ और मुझे तुम्हारी चुदाई करके अपना वो सपना पूरा करना है, तो उसने कहा कि तुम तुम्हारा वो सपना चाहो तो आज पूरा कर लो तुम्हे किसने रोका है?
मैंने उससे कहा कि तुम दरवाज़ा चेक करो और में खिड़की देखकर आता हूँ. फिर थोड़ी देर में हमने सब दरवाजे खिड़कियों को बंद कर दिया और मैंने उसके बच्चो के रूम को भी बंद कर दिया और में उसे अपनी बाहों में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया. फिर मैंने उसे बेड पर गिरा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और उसके बूब्स को दबाने लगा, साथ ही उसके होंठ चूसने लगा. फिर थोड़ी देर बाद मैंने मेरे कपड़े उतार दिए और उसने खुद के भी कपड़े उतार दिए, हम दोनों अब बिल्कुल नंगे थे और बिस्तर पर एक दूसरे की बाँहों में सिमटे हुए थे.
फिर मैंने उससे कहा कि तू इतनी जल्दी तैयार कैसे हो गयी? तो उसने कहा कि मेरे पति एक अच्छे आदमी है, लेकिन बिज़नेस की वजह से वो रात को बहुत थककर आते है और सो जाते है और वो कभी कभी सेक्स करते है, लेकिन उनमे वो जोश नहीं रहता जिसकी कमी में हमेशा महसूस करती हूँ और अपनी प्यासी चूत के साथ तड़पती रहती हूँ. मैंने कहा कि सोनिया तेरी यह जो प्राब्लम है यह बहुत औरतों की भी समस्या है जैसे कि पेट की भूख होती है, गले की प्यास होती है, वैसे ही भरपूर जवानी में चुदाई की भी भूख और प्यास होती है और आज हम दोनों एक दूसरे की यह प्यास जरुर बुझाएँगे.
मैंने उसकी चूत पर उंगली लगाई तो मैंने महससू किया कि वो अब तक बहुत गीली हो चुकी है और पानी छोड़ रही है. फिर मैंने उससे कहा कि सोनिया तू 69 पर आ जा और फिर वो झट से उठी और उसने अपनी कामुक चूत को मेरे मुहं से सटा दिया और मेरे लंड को चूसने लगी. दोस्तों उसकी बहुत मस्त गांड थी बिल्कुल गोरी गोरी और फिर उस पर गुलाबी चूत. उसने शेव किया हुआ था इसलिए चूत पर एक भी बाल नहीं था. उसे देखकर मेरी तो हालत बहुत खराब होने लगी. उसकी चूत में बहुत गर्मी थी और वो किसी छोटे बच्चे की तरह लोलीपोप समझकर मेरे लंड को चूस रही थी और में उसकी चूत और गांड के छेद को चाट रहा था.
उसने पानी छोड़ दिया और उसकी चूत का पानी मेरे मुहं पर फैल गया. सारा पानी अंदर चला गया और थोड़ी देर के बाद मेरा भी वीर्य निकल गया और वो मेरे लंड का पूरा पानी गटक गयी. फिर हम एकदम सीधे लेट गये और उसने कहा कि वाह मज़ा आ गया, तो मैंने कहा कि अभी कहाँ मेरी रानी? अभी तो हमे पूरी रात मज़ा करना है और फिर में उसके पूरे शरीर को अपनी जीभ से चाटने लगा जिसकी वजह से उसके निप्पल खड़े हो गये और बूब्स कड़क हो गये और अब मैंने अपनी जीभ से उसके गरम जिस्म की सफाई शुरू कर दी, चाट चाटकर उसकी चूत की सफाई की और गांड की भी, उसकी जांघ, कमर, पीठ, पैर, सब जगह उसे चाट चाटकर मदहोश करने लगा.
दोस्तों हमें बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि उसका संगमरमर सा मखमली बदन, गोरा रंग, वो आँहे भर रही थी और फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो मेरा 7 इंच का टावर फिर से खड़ा होने लगा, उसने कहा कि प्रेम प्लीज अब और मत तड़पाओ प्लीज डाल दो मेरे अंदर अपना हथियार मेरे राजा. फिर मैंने उसके ऊपर लेटते हुए उसे कसकर बाहों में पकड़ लिया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा तो वो चिल्ला उठी और उसने कहा कि साले कुत्ते अब जल्दी से चोद ना मुझे. क्यों मेरी चूत पर अपना लंड सटाकर मुझे और भी तरसा रहा है? तो मैंने गुस्से से उसे एक थप्पड़ मारा और कहा कि सोनिया तू आज से मेरी गुलाम है, रंडी है और में तेरा मालिक हूँ, तू अपने मालिक से बद्तमीजी से नहीं बोल सकती. तू खुद को मुझसे चुदवाने के लिए भीख माँग, में तब तुझे चोदूंगा.
उसने कहा कि मेरे मालिक, में आपकी रंडी आपकी गुलाम हूँ, अपनी रंडी की चूत की प्यास मिटा दो मेरे आका और आज अपने लंड से मेरी तड़प मिटा दो, में हमेशा आपकी गुलाम बनकर आपके लंड की सेवा में अपनी चूत देती रहूंगी. फिर मैंने उसकी गांड पर ज़ोर से थप्पड़ मारते हुए कहा कि और क्या यह गांड तेरा बाप मारेगा मादरचोद, रंडी, छिनाल? तो उसने कहा कि मेरे सरताज़ इस गांड को मेरे पति ने मार मारकर बड़ा कर दिया है आप जो चाहे कर लो इसके साथ यह भी आपकी गुलामी में हमेशा तैयार है.
फिर मैंने कहा कि अब ठीक से बोल क्या मारुँ? उसने कहा कि मालिक मेरे राजा आप मेरी चूत और गांड दोनों को मार लो. फिर मैंने कहा कि तो पलट, में सबसे पहले तेरी गांड मारूँगा. फिर वो पलट गयी और मैंने उसके पेट के नीचे एक तकिया लगाकर उसके दोनों पैरों को फैला दिया और अब उसकी गांड थोड़ा ऊपर उठ गयी थी. मैंने पास पड़ी तेल की शीशी उठाई और उसकी गांड के छेद पर एक एक बूंद गिराने लगा और एक उंगली से उसकी गांड के अंदर भी तेल लगाने लगा तो वो आह्ह्ह्हह ऊईईईईई उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह कर रही थी और अब में अपनी दो उंगलियाँ उसकी गांड के छेद में डालकर तेल की शीशी से तेल अंदर डालने लगा, तो उसकी गांड से तेल बाहर होने लगा तब मैंने अपने लंड पर भी बहुत सारा तेल लगाया और फिर उसकी गांड के छेद पर अपने लंड का सुपाड़ा रख दिया, उसने अपनी आखों को बंद कर लिया. फिर मैंने उसके कंधो के ऊपर अपने दोनों हाथों से पकड़ बना ली और उसके ऊपर लेट गया.
उसके दोनों पैरों को अपने पैरों से फैलाया और फिर अपने लंड को आगे की तरफ एक जोरदार झटका दिया, जिसकी वजह से मेरे पूरा लंड उसकी गांड में रगड़ खाता हुआ अंदर चला गया और वो दर्द से चिल्ला उठी और एकदम ज़ोर से चीखने लगी. फिर में थोड़ी देर वैसे ही उसके ऊपर लेटा रहा है और उसके बूब्स दबाने लगा. फिर धीरे धीरे वो नॉर्मल हुई और अपनी गांड को उठा उठाकर मेरे लंड पर धकेलने लगी और अब में भी उसकी गांड का मज़ा लेने लगा और फिर हम जोश में आ गये वो गांड उठाती और में गांड के अंदर लंड को धक्का देता, यह हमारा खेल बहुत देर तक चलता रहा. तो वो भी मज़े के साथ बोलती रही हाँ आह्ह्ह्ह प्रेम आज ऊउईईईईईइ फाड़ दो मेरी गांड उह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से धक्का दो.
मैंने कहा कि हाँ मेरी रंडी में आज तेरी गांड ऐसी मारूँगा कि कभी किसी और का लंड नहीं खाएगी तू और करीब बीस मिनट की धमाकेदार गांड मराई के बाद वो शांत हो गयी और मैंने उसकी गांड में ही अपना पानी छोड़ दिया और उसके ऊपर लेट गया. हम दोनों अब बहुत देर तक हाँफ रहे थे और पसीने से लथपथ थे और फिर थोड़ी देर बाद मैंने अपना मुरझाया हुआ लंड बाहर निकाला और उसके पास में लेट गया. फिर करीब दस मिनट के बाद उसने आँखे खोली और मेरे ऊपर आकर लेट गयी. मेरा लंड उसकी चूत से दब रहा था और उसके बूब्स मेरी छाती से और उसकी सांसो की गरमी में महसूस कर रहा था और अब मैंने उसके बालों और पीठ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, हम दोनों बहुत देर रात तक वैसे ही एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे.
फिर वो उठी और बाथरूम में जाकर अपनी गांड से मेरा वीर्य साफ करने लगी और फिर किचन में जाकर दो ग्लास जूस लेकर आयी. उसने एक ग्लास मुझे दे दिया, फिर हमने जूस पिया. वो बहुत खुश दिख रही थी, मैंने उसकी आखों में देखा तो वो शरमाकर मेरी बाहों में सिमट गई, मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ सोनिया? तो उसने कहा कि आज उसे पता चला है कि सेक्स में इतना मज़ा भी आता है और आज से आप मेरे दूसरे पति हो.
उस रात मैंने उसकी चूत की भी दमदार चुदाई की और यह सिलसिला तब तक चला जब तक उसके पति पंजाब से नहीं आ गये. में कभी कभी दिन में भी जाकर जब वो घर में अकेली रहती थी उसे चोद देता था. हमने बहुत बार सेक्स किया और कई बार सीमा भाभी के घर पर मैंने सीमा और सोनिया दोनों की चुदाई की, लेकिन उसे बच्चा नहीं हुआ, क्योंकि सोनिया ने अपने दूसरे बच्चे के जन्म के समय ही ऑपरेशन करवा लिया था. दोस्तों वो क्या दिन थे? आज भी मुझे याद आते है. वैसे कई लोग एक औरत को खुश नहीं कर पाते और मैंने दो दो सेक्सी औरतों को एक साथ खुश किया. दोस्तों सेक्स एक नशा है इसे करते समय जितना इसमें डूबोगे उतना ही मज़ा आएगा.

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चूत से बजायी लंड

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हैल्लो दोस्तों मेरा नाम समीर है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची सेक्स घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसमे मैंने किसी और की बीवी से बदला लेने के लिए उसको चोद दिया, लेकिन वो सब काम उसकी मर्जी से हुआ, क्योंकि वो भी मुझसे यही चाहती थी कि में उसके पति के सामने उसे चोदकर उसका तड़पना, मचलना, मजबूरी उसके पति को दिखाऊँ, जिससे उसके पति को कुछ सिखने को मिले और वो सुधर जाए. दोस्तों एक दिन में अपनी पत्नी के साथ मार्केट में था, मेरी पत्नी का नाम अमृता है और वो दिखने में बहुत सुंदर है, लेकिन वो सेक्स की भूखी नहीं है, क्योंकि में उसको हर कभी चोदकर हमेशा संतुष्ट कर देता हूँ और वो मेरी चुदाई से हमेशा बहुत खुश रहती है. हमारी सेक्स लाईफ अब तक बहुत अच्छी तरह चल रही थी, लेकिन उस घटना ने हमारा जीवन पूरा का पूरा बदल कर रखा दिया और अब आप सभी को थोड़ा विस्तार से वो घटना बता देता हूँ.
एक दिन अमृता मार्केट में कुछ सामान खरीद रही थी तब में थोड़ा दूर खड़ा होकर एक स्टॉल पर चाय पी रहा था, अमृता उस भीड़ भरे मार्केट से गुजर रही थी और में उस पर पूरा पूरा ध्यान रख रहा था. उसने उस समय लाल कलर की साड़ी पहनी हुई थी और लाल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था. फिर कुछ देर बाद एक आदमी आया, वो करीब 6 फीट लंबा था और वो अमृता के पीछे से जाने लगा और कुछ देर के बाद ज्यादा भीड़ होने का फ़ायदा उठाकर उसने अमृता की छाती पर हाथ रख दिया और अब अमृता के बूब्स उस आदमी के हाथ में थे और फिर धीरे से उसने मेरी बीवी के बूब्स से होते हुए अपने हाथों को कमर पर लिए, लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा होने की वजह से अमृता उसे ठीक तरह से देख ना सकी और फिर कमर और गांड को दबाकर उसने अमृता के नीचे चूत तक अपनी उंगली को डाल दिया.
में दूर खड़ा खड़ा सब कुछ देख रहा था, लेकिन मजबूर था और में कुछ भी नहीं कर सका. फिर उसने जाते हुए अमृता की तरफ पीछे मुड़कर देखा तो वो उसकी तरफ हंस रहा था, लेकिन अमृता कुछ नहीं बोली और इस बात को उसने मुझसे घर पर आकर भी नहीं कहा इसलिए मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया और मैंने अमृता को घर पर आते ही बहुत बुरी तरह से चोदा. मैंने उसको इतने जबरदस्त तरीके से कभी नहीं चोदा था और आज वो भी बहुत थक गई और फिर चोदने के बाद अमृता मुझसे बोली कि क्या बात है आज कुछ ज़्यादा ही जोश में हो?
दोस्तों में उस समय बहुत गुस्से में था, मैंने कहा कि क्या में तुम्हारे लिए कभी कम पड़ता हूँ जो तुम उस आदमी से अपने बूब्स दबवा लेती हो? तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर अमृता एकदम चकित हो गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और फिर वो बोली कि में उससे अपनी मर्जी से कभी कुछ नहीं करवाती हूँ वो खुद मुझे बहुत डराता, धमकाता है और जबरदस्ती मेरे साथ यह सब करता है. तो मैंने उससे पूछा कि क्या मतलब? तो अमृता बोली कि वो 4th कॉलोनी में रहने वाला रमेश है और मेरी तरफ ऐसे ही हमेशा घूरकर देखता है और उस दिन जब मेरी उससे पहली बार मुलाकात हुई तब वो हमारे घर पर आया था और फिर उसने मुझसे पानी माँगा तो मैंने किचन से लाकर उसे पानी दिया तब उसने अंदर आकर मुझे अचानक से पीछे से पकड़ लिया मेरे साथ ज़बरदस्ती करने लगा, उसने मुझे किस किया और मेरे बूब्स दबाने लगा और फिर वो मुझसे बोला कि देती है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं और में ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तो उसने जाते जाते मुझसे बोला कि मैंने अगर यह बात किसी को बताई तो में तुझे जान से मार डालूँगा.
दोस्तों मैंने बिल्कुल डरी और सहमी हुई सी अमृता को थोड़ा अपने करीब लिया और उसे अपनी बाहों में लेकर गले लगा किया और उसे चूमने लगा. मैंने उससे सॉरी कहा और उसने मुझे अपने गले लगाकर ठीक है कहा और अब में समझ गया कि मुझे अब क्या करना है? तो मैंने उस आदमी के बारे में सारी जानकारियां निकाली तो मैंने देखा कि उसके दो बच्चे है, लेकिन वो यहाँ पर नहीं रहते और वो यहाँ पर उसकी पत्नी खुश्बू के साथ रहता है और उसने अब तक अपनी कॉलोनी की कई औरतों को चोदा है. तो एक रात में उसके घर पर गया और दरवाजा खटखटाया, मैंने उस समय अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था और मेरे एक हाथ में क्लॉरोफॉर्म का कपड़ा था और फिर मैंने जैसा सोचा था वैसे ही हुआ रमेश कुमार ही उस समय दरवाजे पर था और फिर मैंने उसको झट से मुहं पर क्लॉरोफॉर्म का कपड़ा लगाकर बेहोश कर दिया और 5 मिनट के बाद अंदर से आवाज़ आई कि कहाँ गए आप क्या हुआ? दोस्तों यह उसकी बीवी की आवाज थी और फिर उसके आने के डर की वजह से मैंने रमेश कुमार को एक कुर्सी से बाँध दिया और घर का दरवाजा अंदर से लगा दिया.
फिर जब में कमरे के अंदर गया तो मैंने देखा कि खुश्बू ब्रा और पेंटी में ही सो रही थी और मैंने उसके पास में जाकर उसके मुहं पर अपना एक हाथ लगाया और फिर एकदम से उसके बदन पर गिरकर बोला कि ज्यादा ज़ोर से चिल्लाने, चिल्लाने की कोई ज़रूरी नहीं है, में यहाँ पर अपना हिसाब चुकता करने आया हूँ और फिर मैंने उसे बताया कि तुम्हारे पति ने एक बार मेरी पत्नी को ज़बरदस्ती से चोदा है और आज में उसे सबक सिखाना चाहता हूँ.
फिर कुछ देर डरने के बाद खुश्बू ने मेरी पूरी बात सुनी और वो भी मुझसे चुदने के लिए बिल्कुल तैयार हो गई, क्योंकि उसे भी पता था कि उसका पति वैसा ही है जैसा मैंने उसे सब कुछ बताया और अब उसने देखा कि मैंने उसके पति को पूरा नंगा करके कुर्सी को बांध दिया है तो वो मुझसे बोली कि में उसे ऐसा दिखाउंगी कि तुम मुझसे यह सब ज़बरदस्ती कर रहे हो उसने मेरा पूरा पूरा साथ देने का वादा किया.
फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब में भी पूरा नंगा हुआ तो खुश्बू ने देखा कि मेरा लंड भी साईज में बड़ा, मोटा और अच्छा है. फिर मैंने थोड़ा पानी रमेश कुमार के मुहं पर डाला तो वो अब धीरे धीरे अपने होश में आने लगा, लेकिन मुहं पर पट्टी बंधी होने के कारण वो कुछ बोल ना सका और बस चुपचाप देखता ही रहा और अब मैंने उसकी बीवी को चाकू दिखाकर उसकी बीवी के जिस्म को मसलना शुरू किया और उसके बूब्स को दबाया और करीब 15 मिनट तक लगातार उसकी बीवी के जिस्म के हर एक अंग को अंग को चाटा और उसके बूब्स को तो चूस चूसकर लाल कर डाले और अब बारी थी खुश्बू की चूत की, लेकिन दोस्तों उसकी चूत बिल्कुल उसके नाम की तरह थी एकदम नाजुक गुलाब की तरह उससे कामुक कर देने वाली खुश्बू निकल रही थी और वो अंदर से बहुत खुली हुई थी, लेकिन देखने से पता चला कि उसकी चूत चोदने में बहुत ज़बरदस्त थी और मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर एकदम लाल कर दिया था.
वो सिर्फ़ ऑश ओहहहह आईईइ छोड़ दो मुझे प्लीज आह्ह्हह्ह मेरे साथ ऐसा मत करो कर रही थी. दोस्तों यह सब काम उसकी कुर्सी के ठीक सामने ही चल रहा था, लेकिन रमेश कुमार एकदम लाचार, मजबूर वो अपनी पत्नी को मुझसे चुदता हुआ देख सकता था, लेकिन उसकी कोई भी किसी भी तरह की मदद नहीं कर सकता था और हम दोनों भी यही चाहते थे और अब तक सब कुछ एकदम ठीक ठाक चल रहा था. फिर मैंने एकदम से उसकी बीवी के पैरों को पकड़कर एकदम से पूरी तरह से खोल दिया जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी और फिर मैंने चूत के मुहं पर लंड को रखकर एक ही जोरदार झटके से पूरा का पूरा लंड, चूत में उतार दिया.
उसके मुहं से बहुत ज़ोर की चीखने के साथ साथ बहुत बार अजीब सी आवाजे भी निकाली उह्ह अफफ्फ्फ माँ ऑश ओहहह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो उह्ह्हह्ह्ह्ह वरना में मर जाउंगी, छोड़ दो मुझे, प्लीज अब बाहर करो, इसे मेरी चूत फट जाएगी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में उसके बदन पर पड़ा रहा और मैंने उसको 15 मिनट तक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा, उसके मुहं को चाटते हुए, उसके कान को काटते हुए, उसके बूब्स को दबाते मसलते हुए मैंने उसे लगातार धक्के देकर चोदा, क्योंकि दोस्तों मेरा चुदाई के समय झड़ने का समय उसके पति से बहुत ज़्यादा था. में बहुत देर तक उसकी चूत पर टिका रहा और अब उसकी चूत तो ढीली हो गयी और उसकी गरम गरम सांसे मुझे और भी जोश दे रही थी और उसके जिस्म की खुश्बू तो जैसे में उस समय जन्नत में था.
दोस्तों अब उसको भी मेरे चुदाई करने से बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन वो अपने पति को दिखने के लिए मेरे हर एक धक्के पर चीखती चिल्लाती रही जिससे उसे लगे कि यह सब काम जबरदस्ती हो रहा है और में उसे चोदता रहा, लेकिन कुछ देर बाद में झड़ने लगा और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया और में 5 मिनट तक उसके ऊपर ही लंड को चूत में डालकर पड़ा रहा.
फिर खुश्बू मेरे कान में बोली कि वाह यार तुम तो बहुत अच्छा चोदते हो, लेकिन अब बस करो. तो मैंने कहा कि अभी तो एक बार और भी चुदाई होगी और फिर हम उठे और देखा तो रमेश कुमार का लंड भी उठा हुआ है और वो नज़ारा तो बहुत जबरदस्त था. मैंने फिर से मेरा लंड उसकी बीवी के मुहं पर रगड़ा उसके गुलाबी होंठो पर अपना पूरा लंड घुमा रहा था, लेकिन मैंने उसके मुहं में नहीं दिया कि कहीं वो काट ना ले और बीच में रखी हुई एक टेबल पर खुश्बू का एक पैर रख दिया और उसके ऊपर चढ़कर उसके पीछे से उसकी चूत में लंड को डाल रहा था.
तभी खुशबू उफफफ्फ़ उफ़फ्फ़ ऑशओह उह्ह्ह प्लीज अब छोड़ दो मुझे कर रही थी और वो हर बार रमेश कुमार की आखों में देख रही थी और उसकी चूत को तो में पीछे से धक्के देकर फाड़ रहा था और बहुत देर बाद मैंने उसकी चूत में ही एक बार और अपना वीर्य डाला और फिर उसको बहुत देर तक रगड़ा. उसकी टाईट गांड में लंड डाला और अब में उसकी गांड को फाड़ रहा था, लेकिन खुश्बू बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी. उसके बूब्स पर मेरे दोनों हाथ गोल गोल घूम रहे थे और रमेश अपना लंड खड़ा करके रो रहा था. तो दोस्तों मैंने इस बार झड़ने से पहले अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला और रमेश कुमार के मुहं पर झड़ गया और कपड़े पहनकर खुश्बू के कान में बोला कि अब तू उसे समझा देना कि मैंने आज तुझे क्यों चोदा?
दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की एक सच्ची घटना जिसमे मैंने चुदाई के साथ अपना बदला पूरा किया और बहुत मज़े किए.

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खड़े लंड को मिली भाबी की गांड

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मै उस समय 15 साल का था। मेरे लंड पर बाल उग आए थे। मै अक्सर रात को अपने बिस्तर पर नंगा लेट कर अपने लंड के बाल को सहलाया करता था। एवं अपने लंड को खड़ा कर उसे सहलाता रहता था। एक रात मै अपने लंड को सहला रहा था । उसमे मुझे बहूत आनंद आ रहा था। अचानक मै जोर जोर से अपने लंड को अपने हाथ से रगड़ना शुरू किया । मुझे ऐसा करना बहूत अच्छा लग रहा था। अचानक मेरे लंड से मेरा माल निकलने लगा । उत्तेजना से मेरी आँखे बंद हो गई। 5-6 मिनट तक मुझे होश ही नही रहा। ये मेरा पहला मुठ था। इसके पहले मुझे इसका कोई अनुभव नही था। मै बाथरूम में जा कर अपने लंड को धोया और बेड पे आया तो मुझे गहरी नींद आ गई।अगली सुबह मै अपने रूम से बाहर निकला तो देखा की भइया अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहे हैं। उनकी शादी हुए 2 साल हो गए थे।

भाभी मेरे साथबहूत ही घुली मिली थी। मै अपनी हर प्रोब्लम उनको बताया करता था। मेरेमाता-पिता भी हमारे साथ ही रहते थे। थोडी देर में भईया अपने ऑफिस चले गए। पिता जी को कचहरी में काम था इस लिए वो 10 बजे चले गए। मेरे पड़ोस में एक पूजा था सो माँ भी वहां चली गई। मैंने देखा की घर में मेरे और भाभी के अलावा कोई नही है। मै भाभी के रूम में गया। भाभीअपने बिस्तर पर लेटी हुई थी। मै उनके बगल में जा कर लेट गया। मेरे लिए ये कोई नई बात नही थी। भाभी को इसमे कोई गुस्सा नही होता था। भाभी ने करवट बदल कर मेरे कमर के ऊपर अपना पैर रख कर अपना बदन का भारमुझे पे डाल दियाऔर कहा- क्या बात है राजा जी ? आप कुछ परेशान लग रहें हैं।भाभी अक्सर मेरे साथ ऐसा करती थी।मैंने कहा- भाभी कल रात को कुछ गजब हो गया। आज तक मेरे साथ ऐसा नही हुआ था।भाभी ने पुछा- क्या हुआ?मैंने कहा – कल रात को मेरे लंड से कुछ सफ़ेद सफ़ेद निकल गया। मुझे लगता है कि मुझे डाक्टर के पास जाना होगा।भाभी ने मुस्कुरा के पुछा- अपने आप निकल गया?मैंने कहा – नही , मै अपने लंड को सहला रहा था तभी ऐसा हुआ।भाभी ने कहा- राजा बाबू अब आप जवान हो गए हो। ये सब तो होगा ही।लगताहै कि मुझे देखना होगा।भाभी ने अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रख दिया। तथा धीरे धीरे इसे दबाने लगी। इस से मेरे लंड खड़ा होने लगा।भाभी बोली- जरा दिखाइए तो सही ।मै कुछ नही बोला। मैंने धीरे से अपने पेंट का बटन खोल दिया। भाभी ने मेरे पेंट को नीचे की ओर खींचा और उसे पूरी तरह खोल दिया। अब मै सिर्फ़ अंडरवियर में था। भाभी अंडरवियर के ऊपर से ही मेरा लंड को सहला रही थी।बोली- क्या इसी से कल रात को सफ़ेद सफ़ेद निकला था?मैंने कहा – हाँ।भाभी ने कहा – अंडरवियर खोलिए।मैंने कहा – क्या भाभी, आपके सामने मै अपना अंडरवियर कैसे खोल सकता हूँ?भाभी बोली – अरे जब आप मेरे को अपना पूरा प्रोब्लम नही बतायेगे तो मै कैसी जानूंगी कि आपको क्या हुआ है? और मुझे क्या शर्माना? अपनोंसे कोई शर्माता है भला? जब आपके भइया को मेरे सामने अपने कपड़े खोलने में कोई शर्म नही है तो फिर आप क्यों शरमाते हैं?मै इस से पहले की कुछ बोलता भाभी ने मेरा अंडरवियर पकड़ कर अचानक नीचे खींच लिया। मेरा लंड तन के खड़ा हो गया। भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया.और कहा – अरे राजा बाबू आप तो बहूत जवान हो गए हैं।भाभी मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी। मेरे लंड से थोड़ा थोड़ा पानीनिकलने लगा । अचानक भाभी मेरे को जकड कर नीचे की तरफ़ घूम गई। इस से मै भाभी के शरीर पर चढ़ गया। भाभी का शरीर बहूत ही मखमली था।भाभी ने मुझसे कहा – मुझे चोदियेगा?मै कहा – मै नही जानता।भाभी ने मेरे शरीर को पकड़ लिया और कहा – मै सीखा देती हूँ। पहले मेरा ब्लाउज खोलिए।मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया । भाभी का चूची एकदम सफ़ेद सफ़ेद दिख रहा था। मैंने कभी सोचा भी नही था कि भाभी का चूची इतना सफ़ेद होगा। मै भाभी के चूची को ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगा।भाभी ने कहा – ब्रा तो खोलिए तब ना मज़ा आएगा।मैंने भाभी की ब्रा भी खोल दिया। अब भाभी का समूचा चूची मेरे सामने तना हुआ खड़ा था। मैंने दोनों हाथो से भाभी की चूची को पकड़ लिया औरकहा – क्या मस्त चुच्ची है आपकी भाभी?मै भाभी के चुचियों को धीरे धीरे दबा रहा था ।अचानक भाभी ने कहा – मेरी साड़ी खोलिए ना तब और भी मज़ा आएगा।मैंने एक हाथ से भाभी की साड़ी खोल दिया। भाभी अब सिर्फ़ पेटीकोट मेंथी।फ़िर मैंने भाभी को कहा – क्या पेटीकोट भी खोल दूँ?भाभी बोली – हाँ।मै बैठ कर भाभी का पेटीकोट का नाडा खोला और झट से उतर फेंका। अब मेरेसामने जो नजारा था मै उसकी कल्पना सपने में भी नही कर सकता था। भाभी का बुर एकदम सफ़ेद सा था। उसपर घने घने बाल भी थे। मै भाभी के बुर कोदेख रहा था। कितना बड़ा बुर था। बुर के अन्दर लाल लाल छेद दिख रहा था।मैंने भाभी को कहा – आपको भी बाल होता है?भाभी सिर्फ़ मुस्कुराई।भाभी बोली – छु कर तो देखिये।मै भाभी के बुर को धीरे धीरे छुने लगा। भाभी बुर का बाल मै एक तरफ़ कर के मै उसे फैला के देखने की कोशिश करने लगा कि ये कितना बड़ा है। मुझे उसके अन्दर छेद नजर आ रहा था।भाभी से मैंने पुछा – भाभी , ये छेद कितना गहरा है?भाभी ने कहा – ऊँगली डाल के देखिये न?मै बुर में ऊँगली डाल दिया। मै अपनी ऊँगली को भाभी के बुर में चारों तरफ़ घुमाने लगा। बहूत बड़ा था भाभी का बूर। मै बूर से ऊँगली निकाल के भाभी के शरीर पे लेट गया। भाभी ने अपने दोनों पैर को ऊपर उठा के मेरे ऊपर से घूमा के मुझे लपेट लिया। मै भाभी के शरीर को जोर से पकड़लिया। मेरी साँसे बहूत तेज़ हो गई थी। मेरा सारा छाती भाभी के चूची से रगड़ खा रहा था। भाभी ने मेरे सर को पकड़ के अपने तरफ़ खींचा और अपने होठ को मेरे होठ से लगा दिया। मै भी समझ गया कि मुझे क्या करना है? मै काफी देर तक भाभी के होठो को चूमता रहा। चुमते चुमते मेरे शरीर में उत्तेजना भरती गई। मै भाभी के होठ को छोड़ कर कुछ नीच आया और भाभी के चूची को मुह में ले कर काफ़ी देर तक चूसता रहा। भाभी सिर्फ़ गर्म साँसे फेंक रही थी। फिर भाभी अचानक बैठ गई और मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया। मै लेट कर भाभी का तमाशा देख रहा था। भाभीने मेरे लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू किया। वो मेरी लंड के सुपाडे को ऊपर नीचे कर रही थी। मै पागल हुआ जा रहा था। भाभी ने अचानक मेरे लंड को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी। पूरे मुंह में मेरा लंड घुसा ली। मै एकदम से उत्तेजित हो गया।मैंने भाभी को कहा- भाभी, प्लीज ऐसा मत कीजिये।लेकिन भाभी नही मानी। वो मेरे लंड को अपने मुंह में पूरा घूसा ली। अचानक मेरे लंड से माल निकलने लग गया। मेरी आँखे बंद हो गई। मै छटपटागया। सारा माल भाभी के मुंह में गिर रहा था लेकिन भाभी ने मेरे लंड को अपने मुंह से नही निकाला। और मेरा सारा माल भाभी पी गई। 2-3 मिनट के बाद मुझे होश आया। देखा भाभी मेरे शरीर पर लेटी हुआ है और मेरे होठों को चूम रही है।भाभी बोली- ऐसा ही माल निकला था रात में?मैंने कहा – हाँ भाभी.भाभी ने कहा- ये तो जवानी की निशानी है मेरे देवर जी. अब आप जवान होरहे हैं.मैंने कहा- अब मै जाऊं भाभीजी ?भाभी बोली – अरे वाह राजा जी अभी तो खेल बाकी है।अब जरा मुझे चोदियेतो सही।मै बोला- क्या अभी भी कुछ बाकी है? लेकिन मै भी कुछ करना चाहता हूँ.भाभी बोली – आप क्या करना चाहते हैं?मै बोला – जिस तरह से आपने मेरे लंड को चूसा उसी तरह से मै भी आपके बूर को चूसना चाहता हूँ।भाभी बिस्तर पे लेट कर अपनी दोनों पैर को अगल बगल फैला दिया। अब मुझेभाभी का बुर का एक एक चीज साफ़ साफ़ दिख रहा था। मै नीच झुक कर भाभी के बुर में अपना मुंह लगा दिया। पहले तो बूर के बाल को ही अपने मुंह से खींचता रहा। फ़िर एक बार बुर के छेद पर अपने होठ रख कर उसका स्वादलिया। बड़ा ही मज़ा आया। मै और जोर से भाभी के बुर को चूसने लगा। चूसते चूसते अपनी जीभ को भाभी के बूर के छेद के अन्दर भी घुसा दिया। भाभी को देखा तो वो अपनी आँख बंद कर के यूँ कर रही थी जैसे कि कोई दर्द हो रहा है।तभी भाभी के बुर से हल्का हल्का पानी के तरह कुछ निकलने लगा। मैंने उसका स्वाद लिया तो मुझे कुछ नमकीन सा लगा. थोडी ही देर में मेरा लंड तन के खड़ा हो गया था। मै भाभी के होठ को चूमने के लिए जब उनके ऊपर चढा तो मेरा लंड उनके बुर से सट गया। भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया औरकहा – राजा जी अब मुझे चोदिये न ।मैंने कहा – मगर कैसे भाभीजी? क्या और भी मज़ा हो सकता है?भाभी धीमे से मुस्कुराई और कहा – अब तो असली मज़ा बांकी है।मै कहा – क्या करुँ?भाभी बोली – अपने लंड को मेरे बूर में डालिए।मैंने कहा – इतना बड़ा लंड आपके बुर के इतने छोटे से छेद में कैसे घुसेगा?भाभी बोली- आप डालिए तो सही।भाभी ने अपने दोनों पैरों को और फैलाया। और मेरे लंड को पकड़ के अपनेबूर के छेद के पास लेते आई।बोली- घुसाइए.मैंने संदेह्पुर्वक अपने लंड को उनके बूर के छेद में घुसना शुरू किया। ये क्या? मेरा सारा का सार लंड उनके बूर में घूस गया। मुझे बहूत ही मज़ा आया। भाभी को देखा तो उनके मुंह से सिसकारी निकल रहा था। मैंने डर के मारे झट से अपने लंड को उनके बूर से बाहर निकल लिया।भाभी ने कहा – ये क्या किए?मैंने कहा- आपको दर्द हो रहा था ना?वो बोली- धत , आपके भइया तो रोज़ मुझे ऐसा करते हैं। इसमे दर्द थोड़े ही होता है। इसमे तो मज़ा आता है। चलिए डालिए फ़िर से अपन लंड मेरे बूर के छेद में।मै इस बार अपने लंड को अपने से ही पकड़ कर भाभी के बूर के छेद के पासले गया और पूरा पूरा लंड उनके बूर में घूसा दिया। भाभी के मुंह से एकबार फ़िर सिसकारी निकली। मै उनके बुर में अपना लंड डाले हुए 1 मिनट तक पड़ा रहा। मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था कि अब क्या करना है। मै अपने दोनों हाथो से भाभी के चुचियों से खेलने लगा।भाभी बोली- खेल शुरू कीजिये ना।मै बोला- अब क्या करना है?भाभी बोली – चोदना शुरू कीजिये ना।मै बोला- अभी भी कुछ बांकी है? अब क्या करुँ?भाभी बोली – मेरे बुध्धू राजा बाबू ! अपने लंड को धीरे धीरे मेरे बूर में ही आगे पीछे कीजिये।मै बोला – समझा नही।भाभी बोली- अपने कमर को आगे पीछे कर के अपने लंड को मेरे बूर में आगे पीछे कीजिये।मै ऐसा ही किया। अपने कमर को आगे पीछे कर के लंड को भाभी के बूर में अन्दर बाहर करने लगा। भाभी का शरीर एंठने लगा।मै बोला कि – निकाल लूँ क्या?भाभी बोली – नही। और जोर से चोदिये।मै भाभी के कमर को अपने हाथ से पकड़ लिए और अपने लंड को उनके बूर मेंआगे पीछे करने लगा। मुझे अब इसमे काफ़ी मजा आ रहा था। मेरा लंड उनके बूर से रगडा रहा था। मै पागल सा होने लगा। 5 मिनट तक करने के बाद देखा कि भाभी के बुर से पानी निकल रहा था। भाभी अब निढाल सी हो रही थी। मै भाभी के शरीर पर लेट कर उनकी चोदाई जारी रखी।भाभी बोली – जल्दी जल्दी कीजिये राजा जी ।मै बोला – कितनी देर तक और करुँ?वो बोली – मेरा तो माल निकल गया है। आपका माल जब तक नही निकलता तब तक करते रहिये।मैंने और जोर जोर से उनको चोदना जारी कर दिया। उनका सारा शरीर मेरे चोदाई के हिसाब से आगे पीछे हो रहा था। उनकी चूचियां भी जोर जोर से हिल हिल कर ऊपर नीचे हो रही थी। मुझे ये सब देखने में बहूत मज़ा आ रहा था। मै सोच रहा था कि ये चोदाई का खेल कभी ख़तम ना हो। तभी मुझे लगा कि मेरे लंड से माल निकलने वाला है।मै भाभी को बोला- भाभी मेरा लंड से माल निकलने वाला है।भाभी बोली – लंड को बुर से बाहर मत निकालिएगा। सब माल बुर में ही गिरने दीजियेगा।मैंने उनको चोदना जारी रखा। 15-20 धक्के के बाद मेरे लंड से माल निकलना शुरू हो गया। मेरी आँख जोरो से बंद हो गई। मैंने अपने लंडको पूरी ताकत के साथ भाभी के बूर में धकेलते हुए उनके शरीर को कस के पकड़ के उनको लिप्त कर उनके ही शरीर पर गिर गया।बोला – भाभी , फ़िर माल निकल रहा है।भाभी ने मुझे कस के पकड़ के मेरे कमर को पीछे से पकड़ कर अपने तरफ़ नीचे की ओर खींचने लगी। 2 मिनट तक मुझे कुछ होश नही रहा। आँख खुली तो देखा मै अभी भी भाभी के नंगे शरीर पे पड़ा हूँ। भाभी मेरे पीठ को सहला रही थी। मेरे लंड से सारा माल निकल के भाभी के बुर में समां चुका था। मेरा लंड अभी भी उनके बुर में ही था।मै उनके चूची पर अपने सीने के दवाब को बढ़ते हुए कहा- क्या इसी को चुदाई कहते हैं?भाभी बोली – हाँ, कैसा लगा?मै कहा – बहूत मज़ा आता है । क्या भईया आपको ऐसे ही चोदते हैं?वो बोली- हाँ,मैंने पूछा- क्या भैया आपको हर रात को चोदते हैं?भाभी बोली-हाँ, लगभग हर रात को ।मै कहा – क्या अब मुझे आप चोदने नही दोगी?वो बोली- क्यों नही? रात को भइया की पारी और दिन में तुम्हारी पारी।मैंने कहा- ठीक है।भाभी बोली – जब तुम्हे मुझे चोदने का मौका नही मिले अपने हाथ से ही लंड को सहला लेना और माल निकाल लेना।मैंने कहा – ठीक है।उसके बाद मैंने अपना लंड को उनके बुर से निकाला। भाभी ने उसे अपने हाथ में लियाऔर कहा- रोज़ इसमे तेल लगाया कीजिये। इस से ये और भी बड़ा और मोटा होगा।भाभी के बूर को मै फ़िर से सहलाते हुए पुछा – मुझे नही पता था कि इसके अन्दर इंतना बड़ा छेद होता है।भाभी बोली – सुनिए, कल आप आने लंड के बाल को शेव कर लीजियेगा। मै भीआज रात को शेव कर लूंगी। तब कल फिर आपको चोदने के और भी तरीके बताऊँगी। हाँ ये बात किसी को बताइयेगा नही।इसके बाद भाभी ने मुझसे और भी कई तरीके से अपनी चुदवाई करवाई ।

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बहन बनी रंडी मेरी बजह से

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हैल्लो फ्रेंड्स, कैसे हो आप सब? में आपकी सेवा में मेरी बहन की एक कहानी लेकर हाज़िर हुआ हूँ. ये कहानी पढ़कर सभी लंड में से पानी निकलेगा और सभी की चूत गीली हो जाएगी. में आपको मेरी बहन के बारे में बताता हूँ, मेरी बहन का नाम संजना है, उसकी उम्र 25 साल है, रंग गोरा और फिगर साईज 36-32-38 है, उसकी सबसे अच्छी बात उसकी गांड है, जब वो अपनी गांड मटका कर चलती है तो सभी के लंड खड़े हो जाते है, मेरा भी लंड उसकी गांड देखकर खड़ा हो जाता है. अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ.
मुझे जुआ खेलने का बहुत शौक था, में अक्सर क्लब में जुआ खेलने जाता था. एक दिन जब में क्लब में जुआ खेल रहा था, तब में बहुत पैसे जीत रहा था. फिर में जाने लगा तो एक आदमी मेरे पास आया और कहा कि चलो मेरे साथ एक गेम खेलो, मैंने उससे नहीं कहा तो वो बोला डर गया क्या? तो मैंने जोश में आकर उसको हाँ कह दिया.
मैंने कहा कि हम एक ही गेम खेलेंगे, तो उसने कहा ठीक है तो फिर उसने पत्ते बाटें. में फिर से जीत गया, में आज 50 हज़ार जीत चुका था, तो में पैसे लेकर जाने लगा तो उसने मुझसे कहा एक और गेम खेलते है. फिर उसने 2 लाख रूपयें निकाले और कहा कि एक ही गेम में सारे पैसे लगाते है, तो मैंने कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं है, तो उसने कहा कोई बात नहीं, अगर हार गया तो बाकी के पैसे बाद में दे देना.
मैंने कहा ठीक है फिर मैंने पत्ते बाटें, मुझे आज अपनी किस्मत पर पूरा भरोसा था, इसलिए मैंने खेलने के लिए हाँ कह दिया, लेकिन फिर में हार गया. अब वो मुझसे पैसे माँगने लगा, उसने अपना नाम शेज़ाद बताया, उसने कहा कल के कल मेरे पैसे मिलने चाहिए वरना देख तेरे साथ क्या क्या होता है? उसने मुझे धमकी दी तो में बहुत डर गया, में 2 लाख रूपयें कहाँ से लाऊंगा. फिर में घर वापस आया तो में पूरी रात सो नहीं पाया, अगली सुबह 10 बजे मेरी घर की बेल बजी, तो मैंने मेरी बहन से दरवाजा खोलने को बोला.
उसने दरवाजा खोला तो बहन ने कहा कि भैया आप से कोई मिलने आया है. में बाहर आया तो वहाँ शेज़ाद और उसके साथ दो और आदमी थे, फिर वो अंदर आ गये और सोफे पर बैठ गये. में उनको देखकर बहुत ही डर गया था, उस वक़्त घर में मेरी बहन और में ही था, मेरे मम्मी और पापा ऑफिस गये हुए थे. मैंने देखा कि शेज़ाद मेरी बहन को देखे जा रहा था. फिर मैंने मेरी बहन को अंदर जाने को बोला तो शेज़ाद बोला अरे यार पानी तो पिला दो, तो मैंने संजना को पानी लाने को कहा. फिर संजना जैसे ही पानी लेने किचन की तरफ गई तो मैंने देखा कि शेज़ाद मेरी बहन संजना की गांड को देखे जा रहा था.
फिर संजना पानी लेकर आई और मैंने उसको अंदर जाने को बोला, शेज़ाद मेरी बहन की गांड को देखे ही जा रहा था. फिर मेरी बहन के अंदर जाने के बाद मैंने शेज़ाद से कहा कि प्लीज बाहर चलकर बात करते है, तो उसने कहा कि ठीक है. फिर हम बाहर गये, तभी शेज़ाद ने मेरी शर्ट का कॉलर पकड़ा और कहा कि मेरे पैसे कहाँ है, तो मैंने कहा शेज़ाद भाई प्लीज़ और थोड़ा टाईम दे दो में आपके पूरे पैसे दे दूँगा.
उसने कहा और कितने दिन चाहिए और मुझे थप्पड़ मारने लग गया, फिर मैंने कहा प्लीज भाई थोड़ा टाईम दे दो में आपके पैसे दे दूँगा. में आपके लिए कुछ भी करूँगा. फिर शेज़ाद ने थोड़ा सोचा और कहा कुछ भी करेगा, तो मैंने कहा हाँ भाई कुछ भी करूँगा. तो शेज़ाद ने कहा कि वो लड़की तेरी बहन है ना, तो मैंने कहा हाँ, तो शेज़ाद बोला कि एक रात के लिए मुझे तेरी बहन चाहिए. तो मुझे गुस्सा आ गया और उसकी शर्ट का कॉलर पकड़कर उसको गालियाँ दी और कहा कि वो मेरी बहन है. फिर शेज़ाद के साथ जो लोग आए थे उन लोंगो ने मुझे पकड़ लिया और बहुत मारा, फिर शेज़ाद बोला देख साले आज रात तक का टाईम देता हूँ सोच ले, में बहुत डर गया था मुझे रातभर नींद नहीं आई और कैसे शेज़ाद के पैसे लौटाऊँ सोचने लग गया.
फिर करीब रात के 2 बजे शेज़ाद का फोन आया मैंने कॉल रिसीव किया, तो शेज़ाद बोला कि क्या सोचा? मैंने कहा शेज़ाद भाई प्लीज़ ऐसा मत करो वो मेरी बहन है. फिर शेज़ाद को गुस्सा आया और बोला देख बे अगर तुझे ऐसा नहीं करना है तो सुबह तक मेरे पैसे वापस मिलने चाहिए, वरना तेरा हाल बहुत बुरा होगा. देख एक रात के लिए तेरी बहन को भेज दे या सारे पैसे चुका दे, नहीं तो तेरी और तेरे घर की बदनामी होगी. में बहुत डर गया और कहा कि ठीक है भाई मुझे मंजूर है.
शेज़ाद बहुत खुश हुआ और कहा कि फिर कल मिलते है. तेरी बहन को कल 4 बजे लेकर आना, फिर मैंने कहा ठीक है भाई. फिर अगली सुबह उठकर में सोचने लगा कि संजना को कैसे बाहर लेकर जाऊं. फिर दोपहर को खाना खाकर मैंने संजना को कहा कि चल शाम को मॉल घूमने चलते है तो संजना बोली कि ठीक है.
फिर हम शाम 4 बजे मॉल जाने के लिए निकले. संजना ने उस दिन एक टाईट जीन्स और टॉप पहना था, हम जैसे ही रोड़ पर आए वैसे ही शेज़ाद कार लेकर हमारे सामने आ गया. फिर शेज़ाद कार से उतरा और मुझसे पूछा कि कहाँ जा रहा है, तो मैंने कहा हम मॉल घूमने जा रहे है तो वो बोला चल में तुम लोंगो को छोड़ देता हूँ. फिर मैंने मेरी बहन संजना की तरफ देखा तो संजना ने कहा हाँ चलो भैया चलते है. फिर मैंने कहा ओके तो जैसे ही हम कार की तरफ बड़े और अंदर बैठने लगे तो देखा कि कार में दो आदमी और है, मैंने शेज़ाद की तरफ देखा तो वो थोड़ा मुस्काराया में समझ गया कि आज मेरी बहन ग्रूप में चुदने वाली है. फिर में आगे बैठा शेज़ाद और संजना पीछे बैठ गये. मुझे बहुत डर लग रहा था और मेरी दिल की धड़कन बहुत तेज हो रही थी, आज मेरी बहन 3 लोगों के साथ चुदने वाली है, वो कैसे उसको चोदेंगे?
फिर कार चल पड़ी और में देख रहा था कि मेरी बहन को देखकर सब अपनी लाल टपका रहे थे, सबकी आँखो में हवस नज़र आ रही थी और में बहुत डर रहा था. फिर मैंने अचानक देखा तो बाहर रोड़ पर लडकियाँ मेकअप करके खड़ी थी. मैंने गौर से देखा कि कार कमाठीपुरा में जा रही थी, मैंने तुरंत शेज़ाद की और देखा तो उसने थोड़ा स्माइल किया.
मैंने कहा शेज़ाद भाई थोड़ी बात करनी है, तो शेज़ाद बोला कि बोल और फिर मैंने कहा कि अकेले में बात करनी है तो उन्होंने कार रोक दी. फिर में और शेज़ाद थोड़ी दूर पैदल चलकर गये. फिर मैंने शेज़ाद भाई से कहा भाई मेरी बहन के साथ ऐसा मत करो, तो शेज़ाद बोला क्या नहीं करूँ? मैंने कहा आपने तो कहा था आप ही मेरी बहन को चोदेगे, प्लीज उसको रंडी मत बनाओ. में शेज़ाद के पैरो में गिरकर माफी माँगने लगा, लेकिन शेज़ाद हंसने लगा और कहा साले भोसड़ी के ये सब तुझे जुआ खेलने से पहले सोचना था.
फिर मैंने कहा भाई प्लीज़ में आपके सारे पैसे लौटा दूँगा मेरी बहन को छोड़ दो, उसे रांड मत बनाओ. तो शेज़ाद बोला हरामी तू पैसे कैसे लौटायेगा? देख तेरी बहन क्या मस्त माल है? देख तो रंडी की गांड कैसी है? साले वो कमायेगी तो तेरा ही फायदा है साली इतना कमायेगी कि तुझे कुछ करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी. चल अब नाटक मत कर नहीं तो तेरी बहन को यही नंगा करूँगा और रास्ते पर ही चोद दूँगा. फिर तो तेरी बहन फ्री में चुदवायेगी. में चुपचाप उठा और फिर हम कार में बैठकर जाने लगे. थोड़ी दूर जाने के बाद कार एक बिल्डिंग के सामने आकर रुकी. फिर हम सब उतर गये, जब मेरी बहन कार से उतर गयी तब उसने पूछा कि ये तुम कहाँ लेकर आए हो, कार की खिड़की बंद थी इसलिए मेरी बहन को पता नहीं चला था कि हम कहाँ जा रहे थे. फिर मेरे आस पास देखा तो वो समझ गयी थी की हम कहाँ आ गये थे.
फिर वो वहाँ से भागने लगी तो शेज़ाद ने अपने दो साथियों से कहा पकड़ साली को तो उन्होंने मेरी बहन को पकड़ लिया और शेज़ाद मेरी बहन के पास गया. फिर उसने मेरी बहन की गांड पर हाथ फेरा और थोड़ी सी गांड दबाकर बोला कि कहाँ भाग रही हो जानेमन, क्या मस्त गांड है तेरी? तुझे आज जन्नत की सेर कराने लाया हूँ. मेरी बहन रोने लगी और उसने कहा कि भैया मुझे बचाओ, तो मैंने अपनी नज़रे नीचे कर दी, में मेरी बहन से नज़र नहीं मिला पा रहा था.
तब शेज़ाद हंसने लगा और बोला तुझे वो क्या बचायेगा? तुझे यहाँ मुझसे चुदवाने के लिए वही तो लेकर आया है, आज तू एक रांड बनने वाली है. ये सुनकर मेरी बहन और रोने लगी, तो शेज़ाद बोला कि मत रो मेरी रंडी, अपनी जवानी के मजे ले. आज तेरा भाई तेरा दलाल बन गया है. फिर हम मेरी बहन को लेकर ऊपर चले गये. वहाँ एक आंटी आई उसने शेज़ाद को बैठने को बोला और फिर शेज़ाद बोला देख आज तेरे लिए क्या माल लाया हूँ? साली आज तेरे कोठे की शान बन जायेगी, हम एक हॉल में बैठे हुए थे वहाँ एक पलंग था.
फिर उन लोगों ने मेरी बहन को पलंग पर पटक दिया. मेरी बहन पलंग पर बैठकर रोने लगी, प्लीज मुझे जाने दो, मेरे साथ ऐसा मत करो. फिर वहाँ सब लोग हंसने लगे.
फिर शेज़ाद मुझसे बोला कि चल अपनी बहन को नंगा कर देखूं तो तेरी छिनाल बहन नंगी कैसी लगती है. में चुपचाप बेड के पास गया और मेरी बहन का टॉप उतारने लगा तो मेरी बहन मेरा विरोध करने लगी. फिर में मेरी बहन का टॉप जबरदस्ती निकालने की कोशिश करने लगा, लेकिन निकाल नहीं पाया. तभी शेज़ाद को गुस्सा आया, उसने आवाज लगाई और 3 लोग वहाँ से आए, उसने उन लोगों से कहा कि साली को पकड़कर खड़ा करो. फिर उन लोगों ने मेरी बहन को पकड़ के खड़ा किया और फिर मुझसे बोला चल अपनी बहन को अब नंगा कर. में मेरी बहन की तरफ बढ़ा, मेरी बहन उन लोगों से अपने आपको उनके हाथों से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उन लोगों ने मेरी बहन को ज़ोर से पकड़ रखा था.
फिर में अपनी बहन के पास गया और मैंने अपनी बहन का टॉप ऊतार दिया. मेरी बहन ने लाल कलर की ब्रा पहनी हुई थी. मेरी बहन के बूब्स देखकर सब हवस से भरी नज़रों से उसे देखने लगे. तभी वहां एक दलाल बोला वाह साली के क्या बूब्स है? तो शेज़ाद बोला अरे यार तेरी बहन के बूब्स कितने बड़े है, इतने शानदार बूब्स क्यों छुपा के रखे थे? देख तो कैसे आज़ाद होने के लिए तड़प रहे. फिर शेज़ाद बोला इसकी ब्रा को जल्दी उतार और पूरे बूब्स को देखने दे.
मैंने उसकी ब्रा खींचकर निकाल दी, जैसे ही ब्रा नीचे ऊतर गयी तो मेरी बहन के बूब्स एक स्प्रिंग की तरह निकल आए, सब मेरी बहन के बूब्स को देख रहे थे. मेरी बहन को जिन लोगों ने पकड़ रखा था, वो मेरी बहन के बूब्स पर हाथ फेरने लगे और कहा शेज़ाद भाई साली के बूब्स कितने मुलायम है. फिर शेज़ाद बोला चल अब अपनी बहन की जीन्स उतार और इस रंडी की चूत के दर्शन करा दे.
फिर मैंने धीरे-धीरे मेरी बहन की जीन्स के बटन खोल दिए. जैसे ही में अपनी बहन की जीन्स की चैन नीचे करने लगा तो शेज़ाद बोला कि रुक हाथ से नहीं अपने मुँह से चैन खोल. फिर में नीचे अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपने मुँह से मेरी बहन की जीन्स की चैन पकड़ी और खोलने लग गया, जैसे ही मैंने मेरी बहन की चैन खोली तो उसकी चूत की स्मेल से में उत्तेजित हो गया. फिर मैंने थोड़ा मेरी बहन की चूत को किस किया तो मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
शेज़ाद बोला कि देख रंडी तेरा भाई भी तेरी चूत का दीवाना हो गया. ये सुनकर मुझे थोड़ी शर्म आई. फिर में उठा और मेरी बहन की जीन्स निकाल दी, मेरी बहन ने लाल कलर की पेंटी पहनी थी, मेरी बहन पेंटी में क्या कयामत लग रही थी? फिर धीरे- धीरे मुझे भी अपनी बहन को नंगा करने में मज़ा आने लगा और मेरी बहन को सिर्फ़ पेंटी में देख वहाँ के सारे मर्द अपने लंड पर हाथ फेरने लगे. तो मेरा भी लंड पेंट के बाहर आने के लिए तैयार था, शेज़ाद ने शायद ये देख लिया था तो उसने कहा कि सब लोग देखो तो कैसे अपनी बहन को नंगा देखकर इसका भी लंड खड़ा हो गया, तो वो सब लोग मेरे लंड की और देखने लगे.
फिर शेज़ाद बोला क्यों भडवे अपनी बहन को नंगा करने में कैसा लगा? तो में बोला बहुत मज़ा आया भाई. तो शेजाद बोला तेरी बहन है ही इतनी अच्छी माल कि बुड्डे का भी लंड खड़ा हो जायेगा. चल अब अपनी बहन की चूत दिखा. फिर मैंने अपनी बहन की पेंटी को नीचे घुटनो तक ऊतार दिया और कहा कि देखो मेरी बहन की चिकनी चूत कैसी लगी?
सब लोग बोले मस्त है यार तेरी बहन की चूत. फिर शेज़ाद उठा और मेरी बहन को उठाकर बेड पर फेंक दिया और उसको चूमने लगा, मेरी बहन उसका विरोध कर रही थी, लेकिन कुछ कर नहीं पाई. शेज़ाद मेरी बहन के बदन को किस कर रहा था और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था, उसके निपल्स को काट रहा था, फिर चूस रहा था, वो एक जानवर की तरह मेरी बहन के हर अंग के साथ खेल रहा था, मेरी बहन चिल्ला रही थी प्लीज छोड़ो जाने दो, आह्ह्ह आहह ऊहह आअहह.
फिर शेज़ाद ने एक उंगली मेरी बहन की चूत में डाल दी, और जैसे ही उंगली चूत में अंदर गयी तो मेरी बहन ज़ोर से चिल्ला उठी आआआआहह. फिर शेज़ाद मेरी बहन की चूत को चाटने लगा, मेरी बहन अब गर्म हो चुकी थी, उसका चिल्लाना बंद हो गया था. फिर वो सिसकारियां भरने लगी.. आह्ह्ह्हह ऊहह.
फिर थोड़ी देर तक मेरी बहन की चूत को चाटने के बाद शेज़ाद उठ गया और नंगा हो गया और मेरी बहन को बोला ले छिनाल चल चूस मेरा लंड, तो मेरी बहन चुपचाप शेज़ाद का लंड चूसने लगी. मेरी बहन मस्त होकर शेज़ाद का लंड चूस रही थी तो शेज़ाद बोला देख तेरी बहन क्या मस्त मेरा लंड चूस रही है? एकदम रंडी की तरह साली को लंड बहुत पसंद है.
फिर शेज़ाद ने मेरी बहन की दोनों टाँगे फैलाई और अपना लंड मेरी बहन की चूत पर रखा और ज़ोर से मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया, जैसे ही लंड अंदर गया मेरी बहन चिल्ला उठी आहाआहह. फिर शेज़ाद ने और ज़ोर से मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो शेज़ाद का पूरा लंड मेरी बहन की चूत में चला गया. मेरी बहन दर्द के कारण तड़प रही थी, लेकिन शेज़ाद को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, मेरी बहन की चिल्लाने की आवाज़ सुनकर में बहुत डर गया.
मैंने शेज़ाद भाई से कहा प्लीज धीरे-धीरे से चोदो भाई, उसकी चूत में दर्द हो रहा है, तो शेज़ाद गुस्से में बोला चुप बे साले भडवे, बहन के दलाल, ये मेरी रंडी है, में जैसे चाहूँगा वैसे करूँगा, तू बीच में बोलने वाला कौन होता है और वो मेरी बहन को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, मेरी बहन के आँखो से आसूं निकलने लगे थे. फिर में चुपचाप खड़ा होकर मेरी बहन को चुदते हुए देखने लगा. मेरी बहन दर्द के मारे चिल्ला रही थी प्लीज धीरे करो अया हाह्ह्ह्हह आआहह में मर गयी. लेकिन शेज़ाद कहाँ सुनने वाला था, वो मेरी बहन की चूत चोदे जा रहा था, फिर करीब एक घंटे तक चोदने के बाद उसने मेरी बहन की चूत में अपना पानी छोड़ दिया और मेरी बहन के बदन पर गिर गया.
फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरी बहन के बदन से उठा तो देखा कि मेरी बहन की चूत एकदम लाल हो गयी थी, उसकी चूत से खून निकल रहा था. फिर शेज़ाद बोला कि जाओ इसको साफ़ करके ले आओ, फिर वहां की दो रंडिया मेरी बहन को बाथरूम में ले गयी और उसकी चूत साफ करके वापस ही नंगी ले आई और बेड पर बैठा दिया.
शेज़ाद ने वहां की एक रंडी को अपना लंड चुसाया तो फिर से उसका लंड खड़ा हो गया. फिर उसने मुझसे कहा कि चल अपनी बहन को कुत्तिया की तरह बैठा और उसकी गांड चाटने लग जा, में अब इसकी गांड मारूँगा. मैंने कहा प्लीज़ शेज़ाद भाई आज मत करो मेरी बहन थक गयी है कल चोद लेना, तो शेज़ाद ने मुझे ज़ोर से थप्पड़ मारा और कहा साले हरामी रंडी की औलाद जो कह रहा हूँ वो कर. फिर उसने अपने आदमी से कहा साले का मुँह इसकी बहन की गांड में डालो तो दो आदमी उठे और मेरे मुँह को मेरी बहन की गांड में घुसा दिया और ना चाटते हुए मुझे मेरी बहन की गांड को चाटना पड़ा, मेरी बहन कराह रही थी. फिर करीब 10 मिनट तक गांड चाटने के बाद शेज़ाद बोला चल बाजू में हट, तो में हट गया.
फिर उसने कहा चल अपनी बहन की गांड फैला और मेरा लंड पकड़कर अपनी बहन की गांड में डाल दे. फिर मैंने मेरी बहन की गांड फैलाई और एक हाथ से शेज़ाद का लंड पकड़ा और मेरी बहन की गांड के होल पर रख दिया. फिर वैसे ही शेज़ाद ने ज़ोरदार धक्का मारा और पूरा लंड मेरी बहन की गांड में डाल दिया, मेरी बहन को इतना ज़ोर से दर्द हुआ कि वो बेड पर गिर गयी.
शेज़ाद ने मेरी बहन की कमर को पकड़ा और उसको कुतिया बनाकर उसकी गांड चोदने लगा. मेरी बहन ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी लेकिन शेज़ाद मेरी बहन की गांड मारे जा रहा था. फिर शेज़ाद अपने एक आदमी से बोला कि साली के मुँह में लंड डाल. तो बिना टाईम लगाये वो नंगा हो गया और मेरी बहन के मुँह में अपना लंड डाल दिया, अब वो दोनों मेरी बहन को चोद रहे थे.
फिर करीब 45 मिनट तक मेरी बहन की गांड मारने के बाद उसने अपना पानी मेरी बहन की गांड में डाल दिया, जो आदमी मेरी बहन का मुँह चोद रहा था, उसने अपना पानी मेरी बहन के मुँह में डाल दिया और ना चाहते हुए भी मेरी बहन को उसका पानी पीना पड़ा. फिर जैसे ही वो दोनों हट गये, मेरी बहन बेड पर गिर गयी, मेरी बहन इतनी ज़बरदस्ती चुदाई के बाद थक गयी थी. फिर शेज़ाद अपने बाकी 5 साथियों को बोला अब तुम मजे कर लो, फिर मेरी बहन रोने लगी कि प्लीज़ अभी नहीं, में बहुत थक गयी हूँ. लेकिन उन आदमीयों ने मेरी बहन की कुछ ना सुनी और जल्दी से नंगे हो गये और मेरी बहन पर जानवरों की तरह टूट पड़े. कोई उसकी चूत चाट रहा था, कोई उसके बूब्स, तो कोई उसकी गांड चाट रहा था, पांचो आदमी मेरी बहन के बदन से खेल रहे थे. फिर एक आदमी ने मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको चोदने लगा, दूसरे ने मेरी बहन के मुँह में अपना लंड डाल दिया और बाकी के लोगों ने मेरी बहन के हाथ में लंड दिए और मेरी बहन के बदन से खेलने लगे.
फिर पहले आदमी का होने के बाद दूसरा आदमी उसकी चूत चोदने लगा, फिर तीसरा, ऐसे करके पांचो ने मेरी बहन की चूत मारी. फिर थोड़ी देर रुकने के बाद सबके लंड फिर से खड़े हो गये, फिर मेरी बहन की चूत और गांड में एक साथ लंड डाल दिए और चोदने लग गये, मेरी बहन दर्द के मारे चिल्ला रही थी, वो सब मेरी बहन को और ज़ोर-जोर से चोद रहे थे. शाम के 5 बजे से 8 बजे तक मेरी बहन की लगातार चुदाई हुई. उसके बाद शेजाद ने हमें घर छोड़ दिया और मेरी बहन और में उसे एक हादसा समझकर भूल गये.

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प्यासी बुर को मिली गरम लंड

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जब भी मुझे टाइम मिलता है, मैं ये वेबसाइट खोल कर आप सबके सेक्स अनुभव और सेक्स कहानिया पढने बैठ जाता हु. मैं आज मैं आपको सच्चा अनुभव सुनाने जा रहा हु. बात उस समय की है. जब मुझे नई जॉब मिलने की वजह से दिल्ली आना पड़ा. दिल्ली में मेरा एक दोस्त रहता था. उसने मेरे रहने का बंदोबस्त किया. मेरे आने से पहले ही मेरे लिए ओने रूम सेट विथ किचन और बाथरूम बुक किया, रेंट पर.

अब मैं अपना सामान पैक कर जाने की तैयारी कर रहा था. ट्रेन का रिजर्वेशन किया और दिल्ली के लिए रवाना हो गया. मेरी सीट खिड़की के पास थी और ट्रेन काफी खाली थी. ज्यादा लोग नहीं थे और मैं टाइम पास करने के लिए दरवाज़े के पास आकर खड़ा हो गया. तभी टीसी आया और उसने मेरा टिकेट चेक किया और आगे जाकर और टिकेट चेक करने लगा. तो मैंने देखा, कि एक २० से २२ साल की लड़की पुराने से कपड़े में उससे हलके आवाज़ में बात कर रही थी और टीसी टिकेट चेक किये जा रहा था. तब मैं वहां पर गया और उससे मेटर के बारे में पूछा. उसने बताया, कि उसके पास टिकेट नहीं है और टीसी उसे ट्रेन से उतरने को कह रहा है अगले स्टेशन पर. मुझे बहुत बुरा लगा और मैंने उसका टिकेट बनवाया और फाइन भी भर दिया. टीसी ने उसे मेरे बाजु वाली सीट दे दी और चले गया. अब मैं उससे बात करने लगा था. पहले तो वो मुझसे झूठ बोल रही थी. पर बाद में उसे पता नहीं क्या हुआ, वो मुझसे सच बोलने लगी और अपनी सच्ची स्टोरी बतानी शुरू कर दी.

उसने बताया, कि उसका बाप शराबी है और माँ मर चुकी है. उसका बाप उससे घर पर बहुत तंग करता है. वो घर से भाग कर आई है. उसके पास कोई पैसे भी नहीं है. बात करते – करते सफ़र कट गया और दिल्ली स्टेशन आ गया और मैं अपना सामान उठा कर उतर गया. वो लड़की भी चली गयी. मैं ऑटो स्टैंड पर पहुच गया. मैं पीछे मुड़कर देखा, तो वो मेरे पीछे ही खड़ी थी. मैंने उससे पूछा, कि अब वो क्या करेगी और कहाँ जायेगी.

वो बोली – पता नहीं. दिल्ली शहर उसके लिए बिलकुल नया है और वो अपने गाँव से कभी भी बाहर नहीं निकली है. तब मैंने उसे पूछा, कि अगर तुम्हे एतराज़ ना हो, तो तुम मेरे साथ मेरे घर पर चल सकती हो. उसने भी मना नहीं किया. उसके पास कोई और चारा भी तो नहीं था. हम दोनों साथ में घर गये. मेरे दोस्त ने सारा अरेंजमेंट किया हुआ था. घर में सिर्फ २ ही रूम थे और घर पहुच कर मैं फ्रेश होने चला गया.

वो एक कोने में ही बैठी थी. मैं वापस आया. तो उसे भी फ्रेश होने को कहा. उसने कहा, कि उसके पास कपडे भी नहीं है. मैंने उसे अपना कुरता – पयजामा दिया. उसने पहन लिया और रात को मैं हॉल में और किचन में सोयी. दुसरे दिन, मैं सुबह ड्यूटी पर चले गया और वो घर में पूरा दिन. जब मैं शाम को लौटा, तो देखा उसने पूरा घर साफ़ करके रखा और मेरे लिए खाना भी बना दिया था. मैं तो बहुत खुश हो गया.

मैंने उससे को कहा, कि चलो कहीं बाहर चलते है. ताकि मैं तुम्हे कुछ कपड़े दिला दू और तुम वो पहन सको. मैं उसे एक पास के शौपिंग मॉल में ले गया और कुछ कपडे लिए, उसके लिए. इस तरह थोड़े दिन गुज़र गये. फिर एक दिन, मैं काम से जल्दी घर आ गया और उसे कहीं बाहर घुमाने के लिए ले गया. जब मैंने उसको अपनी बाइक पर बैठने को कहा, तो उसने मना किया और कहा – उससे इस से डर लगता है. तब मैंने उसे कहा – तुम डरो मत, मुझे पीछे से कस कर पकड़ लेना.

मेरे इस तरह से कहने से वो बाइक पर बैठ गयी. तब पहली बार, मुझे कुछ अनोखा महसूस हुआ. पूरा दिन काम में बिजी होने की वजह से, मैंने कभी उसकी तरफ ध्यान ही नहीं दिया. लेकिन उसमें कुछ तो बात जरुर थी. जब वो मेरे साथ बाइक पैर बैठी, उसके नरम नीबू मेरी पीठ को छु रहे थे. मुझे भी मज़ा आ रहा था. हम होटल गये. कुछ खाया, थोड़ा घुमे और फिर घर वापस आ गये.

रास्ते में खूब बारिश होने लगी. हम पुरे भीग गये थे. हम घर पहुचे, तब मैंने उसको देखा. उसका पूरा बदन भीगा हुआ था और वो काँप रही थी. मैंने उससे कपड़े बदलने को कहा. वो किचन में गयी और कपड़े बदलने लगी. मैंने भी चेंज किया और तभी लाइट चली गयी और जोर से बिजली कड़कने लगी और वो भाग कर आई और मुझसे लिपट गयी. उसने कहा, कि उसे बिजली से बहुत डर है.

उसने मुझे कास कर पकड़ा हुआ था. मैंने भी मना नहीं किया. क्या बताऊ यारो.. मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगा. उसका पूरा बदन मेरी बाहों में था. उसके छोटे – छोटे नीम्बू मेरे सीने को छु रहे थे. तभी लाइट वापस आ गयी. मैंने देखा, कि वो सिर्फ कमीज़ में है और उसने सलवार भी नहीं पहनी हुई थी. मैं सिर्फ शॉर्ट्स में था. वो मुझे छोड़ ही नहीं रही थी. मैंने भी मौके का फायदा उठाया. उसकी कमर पर हाथ फेरा, तो देखा उसकी पेंटी पूरी भीगी हुई थी.

मैंने उसके चुतड जोर से दबाये. उसने मना नहीं किया. मैंने उससे कहा, तुम इसे उतार दो. मैंने उसे कमीज़ उतारने के लिए मद्दत भी करी. वो अब मेरे सामने बिलकुल नंगी खड़ी हुई थी. मेरा लंड तो बम्बू की तरह खड़ा हो गया था. मैंने देर ना करते हुए, उसके होठो पर होठ रखे और जोर से चूसने लगा.

उसने भी मना नहीं किया. बहुत मजेदार होठ थे उसके. नरम गुलाब की पंखुड़ी की तरह. फिर उसकी चूची पर हाथ फेरने लगा. क्या नरम थी यारो. एकदम मुलायम और उसको मुह में लेकर चूसने लगा. वो उफफ्फ्फ्फ़ उफफ्फ्फ्फ़ आआअह्हह्हह ऊऊओह्हह्हह करने लगी थी. करीब १५ मिनट तक ये ही चलता रहा. वो एकदम मदहोश होकर मेरा साथ देने लगी थी. मैंने फिर उसे अपने बेड पर लिटाया और उसके पुरे बदन को चाटने लगा. नीचे आया, तो देखा; उसकी चूत पर हलके – हलके बाल थे.

उसकी चूत एकदम लाल, बिलकुल कश्मीरी शीप की तरह थी. मैंने देर ना करते हुए, उसकी चूत पर मुह रख दिया. वो बुरी तरह से मचल उठी. उसकी चूत – चूत पानी छोड़ने लगी थी. क्या खुशबु थी यारो.. वो कुछ भी नहीं बोल रही थी. चुपचाप मज़ा ले रही थी और अजीब तरह की आवाज़े निकाल रही थी अहहहः अहहहः एकदम उसका बदन अकड़ने लगा और वो झड़ गयी. हम थोड़ी देर तक शांत रहे और फिर मैंने अपना लंड निकाला और उसे चूसने को कहा. तो एकदम दंग रह गयी.

उसने पहले तो मना किया, कि उसने कभी पहले इतना लम्बा लंड नहीं देखा था. लेकिन मेरे कहने पर उसने अपने मुह में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. मेरी गोटियो से खेलने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. करीब १० मिनट ये ही चलता रहा. बाद में झड़ गया और उसने मेरे लंड को मुह से निकाला और पानी जमीन पर फेंक दिया. अजीब सा लगा, मुझे ये देख कर. पर ये सब उसका पहली बार था. फिर मैंने देर ना करते हुए, उसे लिटाया और उसके ऊपर लेट गया. अब मैंने अपना लंड उसकी कंवारी चूत पर रखा और वो एकदम से डर गयी और बोली – प्लीज मत करो. बहुत दर्द होगा मुझे.

मैंने उससे कहा – डरो मत. कुछ नहीं होगा. मैंने क्रीम लिया और थोड़ा उसके चूत पर लगाया और थोड़ा मेरे लंड पर. फिर मैंने धीरे से चूत के अन्दर डाला. जैसे ही मेरा टोपा उसकी चूत के अन्दर गया, उसने मुझे धक्का दे दिया और कहने लगी, बहुत दर्द हो रहा है. मैंने और क्रीम लगाया और एक हल्का सा धक्का लगाया, तो उसने एक तेज चीख मारी – ऊऊऊऊईईईईइमा…. मर गयीईईईइ … और ये कह कर रोने लगी. मैंने भी बेरहम होकर एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समां गया.

अब वो जोर – जोर से रोने लगी थी और कुछ देर बाद जब शांत हुई, तो मैंने फिर उसे चोदना शुरू किया. अब मैं अपने पुरे लंड को उसकी चूत से अन्दर – बाहर कर रहा था. उसकी चूत मस्त टाइट थी यार… एकदम गरम और वो जोर – जोर से चिल्ला रही थी अहहः अहहहः ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़् … मेरे बिस्तर की चादर पूरी भीग चुकी थी. वो थोड़े समय के लिए बेहोश भी हो गयी थी. फिर मैंने लंड वापस से उसकी चूत में डाला और इस बार उसे उतना दर्द नहीं हुआ.

मैंने अपने होठो से उसके होठो को दबा लिया और चोदने लगा. वो पूरी तरह से काँप रही थी, जैसे मछली बिना पानी के. पूरा घर छप – छप – छप – छप – छप की आवाजो से गूंज रहा था. वो मदहोश होकर गांड उठा – उठा कर मेरा साथ दे रही थी. करीब १० मिनट में वो झड़ गयी. पर मैं उसे चोदता रहा और थोड़े समय के बाद, मैं भी झड गया. फिर मैंने उसके अपनी गोद में उठाया और सीज़र पोजीशन में चोदा.

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चुदाई की देवी थी शालिनी

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आज मैं आपको अपनी एक सहेली की कहानी सुनाने जा रही हूँ।
मेरी एक बहुत ही प्यारी सहेली है शालिनी।उसकी उमर कोई 28 साल, कद 5’6″, फ़ीगर 34-28-36, गुलाबी रंग, बड़ी-बड़ी आँखें, गुलाबी होंठ, खूब फूले हुए स्तन, भरे-भरे चूतड़ और उनसे नीचे उतरती सुडौल जांघें। बहुत ही प्यारी और सेक्सी लड़की है वो। हम दोनों कॉलेज से एक साथ हैं और कोई बात एक दूसरे से छुपी हुई नहीं है। और हो भी कैसे सकती है क्योंकि कॉलेज के ज़माने से ही हम दोनों के बीच एक रिश्ता और बन गया।
एक रोज़ मैं उसके साथ उसके घर गई तो घर मैं कोई नहीं था। हम दोनों मज़े से बातें कर रहे थे और मैं उसे सता रही थी कि रविवार को तुम कपिल से मिली थी तो तुम दोनों ने क्या किया था बताओ न मुझे !

शालू शरमा रही थी। कपिल उसका चचेरा भाई था और दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। दोनों अक्सर घूमने और पिक्चर देखने जाते थे। मेरे आग्रह करने पर उसने बड़े शरमाते हुए बताया कि उस दिन कपिल ने उसका चुम्बन लिया था।

मैंने उसे लिपटा कर उसका गुलाबी गाल चूम लिया- हे बेईमान ! अब बता रही हो?

तो वो शरमा कर हंस दी।

हे शालू ! बता ना और क्या किया था तुम दोनों ने?

बस ना ! सिर्फ़ चुम्मा लिया था उसने ! वो शरमा कर मुस्कराई।

ऐ शालू ! बता न प्लीज ! कैसे किया था?

हट बदतमीज़ ! वो प्यार से मुझे धक्का देकर हंस दी।

मैं उसकी भरी-भरी जांघों पर सिर रख कर लेट गई, उसके गोल गोल दूध मेरे चेहरे के ऊपर थे, मैंने धीरे से उसके दाएँ दूध पर उंगली फेरी- क्यों शालू ! ये नहीं दबाये कपिल ने?

तो उसके चेहरा शरम से लाल हो गया और धीरे से बोली- हाँ !

तो मैंने उसका खूबसूरत गुलाबी चेहरा अपने दोनों हाथों में लेकर गाल चूम लिये- कैसा लगा था शालू?

हाय आइना ! क्या बताऊँ ! मेरी तो जैसे जान निकल गई थी जब उनकी गर्म-गर्म ज़बान मेरे मुँह में आई ! मैं मदहोश हो गई ! उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और एकदम से अपना हाथ यहाँ रख दिया !

वो आइना का हाथ अपनी बाईं चूची पर रख कर सिसकी।

मैं तड़प उठी और बहुत मना किया पर वो न माने और दबाते रहे।

फिर शालू ?

आइना, बड़ी मुश्किल से कपिल ने मुझे छोड़ा।

शालू की बातें सुनकर मेरी हालत अजीब होने लगी, ऐसा लग रहा था कि जैसे पूरे जिस्म पर चीटियां दौड़ रही हों।

मेरा यह हाल देख कर शालू मुस्कुराई और मेरे गाल सहला कर बोली- तुमको क्या हो गया आइना?

तो मैंने शरमा कर उसकी जांघों में मुँह छुपा लिया। वो मेरी पीठ सहला रही थी और मेरी हालत खराब हो रही थी क्योंकि मेरा चेहरा बिल्कुल उसकी चूत के ऊपर था जो खूब गर्म हो रही थी और महक रही थी।

मैंने धीरे से उसकी चूत पर प्यार कर लिया तो वो सिसक उठी- आह ! आह आह ! आइना उफ़ ! नहीं ! ना ! प्लीज मत करो !

और मेरे चेहरा उठाया। हम दोनों के चेहरे लाल हो रहे थे, शालू के गुलाबी होंठ कांप रहे थे, मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेकर वो सिसकी- आइना !

और मैं भी अपने को ना रोक सकी और उसके गुलाबी कांपते होंठ चूम लिये।

एक आग सी लगी हुई थी हम दोनों के जिस्मों में !

मैं उसके होंठों पर होंठ रख कर सिसक उठी- शालू ! प्लीज मुझे बताओ न कपिल ने कैसे चूमे थे ये प्यारे होंठ?

तो अपने नाज़ुक गुलाबी होंठ दांतों में दबा कर मुस्कुराई- आइना, उसके लिये तो तुमको शालू बनना पड़ेगा।

मैं हंस दी !

उसके गाल चूम कर बोली- चलो ठीक है ! तुम कपिल बन जाओ।

शालू ने अपनी बाहें फैला दी तो मैं उनमें समा गई और वो मेरे गाल, होंठ, आँखें, नाक और गर्दन पर प्यार करने लगी।

तो मैं तड़प उठी- आह आ आह शा शाआलू ऐ ए मा नहीं ओह ओह ओह ऐ री उफ़ ये अह ओह ऊ ऊम अह अह क्या कर रही हो अह है है बस बस नहीं न ऊफ और उसके होंठ मेरे होंठों से चिपक गये और उसकी गुलाबी ज़बान मेरे होंठों पर मचलने लगी।

उसका एक हाथ जैसे ही मेरे दूध पर आया तो मेरी चीख निकल गई- नाआ हि आअ ह अह शाअलु ऊफ़ मत करो प्लीज ये आअह क्या कर रही हो, तो मेरे होंठ चूस तु !

शालू बोली- वो ही तो कर रही हूँ जो कपिल ने मेरे साथ किया था।

वो मुझ से जुड़ गई और उसकी ज़बान मेरे होंठ खोल रही थी धीरे-धीरे और फिर अंदर घुस गई तो मैं उसकी ज़बान की गर्मी से पागल हो उठी और उससे लिपट गई।

शालू ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे दोनों दूध दबाते हुए मेरे होंठ चूसने लगी। ऊफ़ उसकी ज़बान इतनी चिकनी, गर्म और इतनी लम्बी थी कि मेरे पूरे मुँह में मचल रही थी और मेरे गले तक जा रही थी।

हम दोनों के चेहरे पूरे लाल हो रहे थे और थूक से भीग चुके थे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मैं भी उसका साथ दे रही थी और उसका प्यारा सा गुलाबी चेहरा हाथों में लेकर उसके होंठ और ज़बान चूस रही थी, सिसकार रही थी- आह अह शालू अह अह हां अह !

आइना मेरी जान !

ऊफ़ शालू ! कितनी मज़ेदार ज़बान है तेरी ! इतनी लम्बी ! ऊफ़ ! सच्ची कपिल को मज़ा आ गया होगा !

आअह धीरे आइना ! अह आअह सच्ची आइना ! बहुत मज़ा आया था क्या बताऊँ तुझे ! आह धीरे से मेरे होंठ ! आह आइना !

उठो न प्लीज अब !

हम दोनों उठे तो फिर से मुझे लिपटा कर मेरे होंठ चूसने लगी और मेरे कुरते की ज़िप खोली और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे मुँह में सिसकी- उतारो न आइना प्लीज !

और मेरे हाथ ऊपर करके मेरा कुरता अलग कर दिया।

आअह शालू ! ये आह !

तो मेरे होंठ चूम कर सिसकी- कुछ न बोलो आइना ! सच्ची बहुत मज़ा आ रहा है !

मैं उसके सामने टॉपलेस बैठी थी, शर्म से मेरी बुरी हालत थी। मैंने अपने दोनों हाथों से अपने भरे-भरे दूध छुपा लिये और देखा तो शालू ने भी अपना कुरता और ब्रा अलग अपने बद्न से हटा दिए थे और मैं उसे देखती रह गई- उफ़ ! कितने प्यारे दूध हैं शालू के ! खूब बड़े बड़े बिल्कुल गुलाबी रंग, तनी हुई लम्बे चुचूक ! जिनके आस पास लाल रंग का गोल घेरा !

उसने मुझे अपनी तरफ़ देखते हुए पाया तो मेरी आँखें चूम लीं, मेरे दोनों हाथ मेरे दूधों पर से हटाये और अपने दूधों पर रख लिर और होंठ चबा कर सिसकी- ऊई मां आह आह !

और फिर उसने मेरे दूध पकड़े तो मेरी जान निकल गई- आऐ आ आऐ र अह्ह अह आअह ऊओह ऊऊम आआअह नहीं शा…लू !

और मैंने भी उसके दूध ज़ोर से दबाये तो शालू भी मुझसे लिपट कर सिसक उठी- आईए ऊउइ उ अह अह अह धीरे आह आइना ! धीरे आह मेरे दूधु !

और मेरे होंठों पर होंठ रखे तो एक साथ हम दोनों की ज़बाने मुँह के अंदर घुस पड़ी।

उसकी लम्बी चिकनी और गर्म ज़बान ने मुझे पागल कर दिया और फिर मुझे लिटा कर वो भी मेरे ऊपर लेट गई। हमारे दूध आपस में जैसे ही टकराये तो दोनों की चीखें निकल पड़ी और हम दोनों झूम गईं और मेरी चूत रस से भर गई।

मैंने उसे अपने बदन से लिपटा लिया और उसकी चिकनी पीठ और नर्म-नर्म चूतड़ सहलाने लगी।

इस पर वो मेरे जिस्म पर मचलने लगी। मैंने उसका गुलाबी चेहरा उठाया तो उसकी आँखें नहीं खुल पा रही थी, बहुत हसीन लग रही थी शालू !

मैं उसके गाल और होंठ चूसने लगी, उसके गोल नर्म नर्म दूध मेरे सांसों से टकराते तो जैसे आग लग जाती।

मैंने उसको थोड़ा ऊपर किया तो उसके खूबसूरत चिकने गुलाबी दूध मेरे सामने थे मैं अपने आप को रोक न सकी और उसकी लाल चूची पर ज़बान फेरी तो वो मस्ती में चिल्ला पड़ी- आईई माँ ! मर जाऊँगी मैं ! आह अह ओह ऊओफ़ अह आइना !

प्रिय पाठको, मजा आ रहा है?

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