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मेरी पडोसी लड़की की चुदाई

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हैल्लो दोस्तों, मैंने आज तक बहुत सारी सेक्स स्टोरी पढ़ी है, उनमें से कुछ रियल स्टोरी होगी और कुछ नहीं होंगी. आज में आपको मेरी एक कहानी बताने जा रहा हूँ जो सिर्फ़ मुझे और लतिका को ही पता है. मेरा नाम दीपक है और में लखनऊ में रहता हूँ. लतिका मेरे पड़ोस में रहती थी. जब वो उसकी फेमिली के साथ यहां रहने आई थी तब में 19 साल का था और फर्स्ट ईयर में पढ़ता था और लतिका 23 साल की थी जो कि मुझसे 4 साल बड़ी थी. वो एम.एस.सी फाइनल ईयर में थी. उसकी फेमिली थोड़े ही दिनों में हमारे साथ घुल मिल गयी थी और लतिका भी हमारे घर रोज आया करती थी.

मेरे कज़िन ब्रदर और सिस्टर छुट्टी के दिनों में मेरे घर आए थे और में, मेरे कज़िन्स और लतिका रोज केरम और पत्ते खेलते थे. एक दिन मेरे घरवाले शादी में जाने के लिए दूसरे शहर चले गये और घर पर में और मेरा कज़िन दोनों ही थे. लतिका ने मेरी माँ से कहा था कि वो हमारा ख़याल रखेगी और खाना भी बना देगी. वो रात में मेरे घर आई और बोली कि आज में रात में यहां पर ही रुकना चाहती हूँ, हम बहुत सारी बातें करेंगे और तुम मुझे कंप्यूटर के बारें में थोड़ी जानकारी देना.

मैंने खुश होकर कहा कि हाँ लतिका आज हम बहुत सारी बातें करेंगे और मस्ती करेंगे. फिर उसने कहा कि दीपक प्लीज मुझे खाना बनाने में थोड़ी हेल्प करो. फिर में रसोई में उसकी हेल्प करने लगा. वो नाइटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी, उसका फिगर 34-26-34 था, उसके लंबे बाल खुले हुए थे, जब वो आटा लगाने लगी तो लतिका के बाल उसके चेहरे पर आ गये. उसने मुझसे कहा कि दीपक प्लीज मेरे बालों को सही करके मेरे चेहरे से हटा दो, मैंने चान्स देखकर बाल ठीक करते समय उसकी बॉडी को टच कर लिया.

फिर उसने मेरी तरफ देखते हुए हंस दिया और बोली कि तुम तुम्हारी बीवी को बहुत खुश रखोगे, क्योंकि तुम रसोई में बहुत अच्छी तरह से मदद करते हो. मैंने कहा कि लतिका अगर मुझे तुम्हारी जैसी बीवी मिली तो में रोज पूरा खाना बना दूँगा. उसने मेरी तरफ घूरकर देखा उसकी आँखों में अलग ही नज़ाकत थी. उसने मुझसे पूछा कि क्यों मुझमें ऐसी क्या खास बात है? तो मैंने कहा कि तुम बहुत सेक्सी और सुंदर लड़की हो. तो वो गुस्से में मुझे बोली कि चलो बातें बहुत हो गयी, अब खाना खाने चलो. में उस समय चुप रह गया और खाना होने के बाद में, मेरा कज़िन और लतिका बैठकर बातें कर रहे थे. में अपनी कॉलेज लाईफ के बारे में बता रहा था कि एक बार कॉलेज में हुए झगड़े में मैंने एक लड़के को कैसे पीटा? यह बातें सुनकर मेरे कज़िन ने मुझसे कहा कि भैया आप में कितनी ताक़त है, आप अपनी ताकत मुझे दिखाओ, क्या आप मुझे एक हाथ से उठा सकते है? तो मैंने कहा क्यों नहीं अभी दिखाता हूँ.

फिर मैंने उसको एक ही हाथ में उठाकर दिखाया तो लतिका हंसकर बोली कि दीपक वो तो छोटा बच्चा है, अगर तुम मुझे दोनों हाथों से उठाओं तो में सच मान जाउंगी. फिर में आगे बढ़ा और उसको सामने से उठा लिया तो उसके मुँह से आवाज़ निकली शश्श्श्स दीपक में गिर जाउंगी. मेरा चेहरा उसके बूब्स में दबा था, आज पहली बार मुझे किसी लड़की के शरीर के इतने पास जाने का मौका मिला था तो मैंने उसको और कसकर पकड़ लिया और उसके सॉफ्ट और रसीले बूब्स का मज़ा लिया और फिर एकदम से हमारा बैलेन्स बिगड़ गया और हम सोफे पर गिर गये. में लतिका के ऊपर गिरा था और मेरा पूरा वजन उसके ऊपर था, उसके गाउन के बटन मेरी शर्ट में उलझ गये थे. फिर थोड़ी देर तक हम वैसे ही पड़े रहे. मैंने देखा कि लतिका भी बहुत गर्म हो गयी थी और उसकी छाती ज़ोर-जोर से धड़क रही थी, में उसकी गर्म साँसे महसूस कर रहा था.

फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी जाँघो पर रख दिया था. जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और लतिका को भी उसका एहसास हो गया था. जब उसको मेरे कज़िन का ख्याल आया तो वो बोली दीपक में मर जाउंगी, प्लीज जल्दी उठो और वो गाउन के बटन छुड़ाने की कोशिश करने लगी. उसमें 3 बटन खुल गये थे तो मैंने उसके 34 साईज के बूब्स देखें और में अपने होश खो बैठा, बाद में हम वहाँ से उठे और फिर मेरा कज़िन सोने के लिए चला गया. अब में और लतिका मेरे रूम में कंप्यूटर चालू करके बैठ गये.

फिर कुछ देर तक हम दोनों चुप थे. वो मेरी तरफ अलग ही नज़र से देख रही थी और में उससे आँखें नहीं मिला पा रहा था. फिर लतिका मेरे पास आकर बैठी और बोली दीपक क्या तुम किसी लड़की को चाहते हो? तो मैंने कहा कि नहीं. फिर उसने उसका हाथ मेरी जाँघ पर रखते हुए पूछा कि मुझे भी नहीं दीपक? मैंने कहा कि हाँ लतिका में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ, लेकिन तुम मुझसे बड़ी हो इसलिए हम शादी नहीं कर सकते है.

फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और उसके लाल और गर्म होंठ मेरे होंठो पर रख दिए. फिर उसने कहा कि अरे पागल हम शादी नहीं कर सकते, लेकिन वो सब तो कर सकते है जो एक पति पत्नी शादी के बाद करते हैं. मैंने पूछा कि लतिका क्या यह अच्छी बात है? तो उसने मुझसे कहा इसमे कोई बुरी बात नहीं है. तो में थोड़ा सा शरमा रहा था तो वो बोली शश्श्श्स मुझे तुम्हारा शरमाना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन क्या सारी रात ऐसे ही गुजारनी है या कुछ करना भी है? फिर मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैंने दरवाजा बंद किया और लतिका को अपनी बाहों में भर लिया.

फिर मैंने उसके सारे बदन को किस करना शुरू कर दिया. में उसके दोनों बूब्स बाहर से मसल रहा था तो लतिका के मुँह से अचानक श्श्हश्श्श्स निकला, दीपक प्लीज धीरे करो ना. फिर मैंने उसके गाउन के बटन खोल दिए और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी. उसने काले कलर की पारदर्शी ब्रा पहनी थी तो मैंने उसका हुक खोल दिया. फिर उसने मेरी शर्ट और पेंट भी अपने हाथों से उतार दिए और फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके बूब्स को ज़ोर-जोर से दबाने लगा.

फिर मैंने उसका पिंक निप्पल होठों में पकड़ लिया और चूसने लगा तो मैंने उसके निप्पल को दातों से हल्का सा काट लिया तो उसके मुँह से एक सिसकी निकली. अहह दीपक माई बेबी बहुत ही मज़ा आ रहा है, क्या सब खा जाओगे? फिर वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरी छाती पर किस करने लगी और वो उसके हाथ मेरे बालों में फेर रही थी.

फिर में मेरे हाथ उसकी पीछे की साईड पर और उसकी सेक्सी जांघो पर घुमाने लगा. फिर वो मेरे कान में बोली कि दीपक अब में पूरी तरह तुममें समा जाना चाहती हूँ और उसने मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से बाहर निकाला तो उसे देखकर उसके मुँह से निकला ओह माई गॉड, दीपक तुम्हारा लंड कितना मस्त और प्यारा है? और उसे किस करने लगी. फिर वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.

जब वो मेरे लंड की खाल को खींचकर खेलने लगी तो मुझे बहुत दर्द हुआ, क्योंकि मेरे लंड की खाल पूरी नहीं खुलती थी. फिर लतिका ने पूछा कि क्या यह ऐसा ही है? तो मैंने बोला कि हाँ. तब उसने बोला कि वो अपनी एक दोस्त से बात करेगी जो कि एम.बी.बी.एस कर रही है, उसकी दोस्त का नाम शालिनी था. लतिका ने शालिनी को सारी बातें बताई.

तब शालिनी ने उससे बोला कि वो देखने के बाद ही कुछ बता सकती है तो रात का टाइम था इसलिए शालिनी ने अगले दिन आने का वादा किया और फिर बाद में लतिका ने मेरे लंड को चूसकर और हिलाकर मेरा वीर्य निकाला. जब मेरा वीर्य निकला तो वो हैरान रह गयी और देखकर बोली कि इतना ज़्यादा और गाढ़ा वीर्य तो मैंने ब्लू फिल्म में भी नहीं देखा है. फिर मैंने भी उसकी चूत को चूसकर और उंगली करके उसका पूरा रस निकाला और हम नंगे ही चिपककर सो गये.

फिर अगले दिन जब शालिनी आई तो लतिका ने मुझे अपने घर बुलाया. उसकी मम्मी कहीं गयी हुई थी. क्योंकि लतिका ने शालिनी को सारी बातें पहले ही बता रखी थी इसलिए शालिनी ने मेरे जाते ही मुझसे कहा की चलो देखे कि तुम्हारी प्रोब्लम कितनी सीरीयस है. वो मुझे लेकर लतिका के बेडरूम में गयी और मुझे मेरी पेंट उतारने को बोली तो मैंने मेरी पेंट ऊतार दी. उस समय मेरा लंड मुरझाया हुआ था.

फिर उसने मुझे अंडरवेयर भी उतारने को कहा तो मैंने वो भी ऊतार दी, अब में शालिनी के सामने सिर्फ़ बनियान में खड़ा था और मेरा 5 इंच का मुरझाया हुआ लंड देखकर शालिनी के मुँह से निकला ओह गॉड वाऊ इतनी कम उम्र में इतना मस्त लंड? फिर वो मेरे लंड को पकड़कर देखने लगी, उसके हाथ लगते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा और थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया. शालिनी ने जब लंड की खाल पीछे खींची तो मुझे दर्द हुआ और में चिल्ला पड़ा. फिर उसने इधर उधर से कुछ देर तक मेरे लंड को देखा और लतिका को अंदर बुलाया और बोली कि कोई बहुत बड़ी प्रोब्लम नहीं है, जब ये लंड किसी कुंवारी कसी हुई चूत में जायेगा तो अपने आप इसकी खाल खुल जायेगी. ये सुनकर लतिका बहुत खुश हुई और शालिनी को चूम लिया.

फिर मैं बोला अब इसे शांत तो कर दो, तो लतिका मेरे पास आई और मेरे लंड को सहलाने लगी और 5 मिनट में मेरे लंड ने अपना लावा उगल दिया और जब शालिनी ने मेरा वीर्य देखा तो देखती ही रह गयी. फिर हमने साथ में बैठ कर चाय पी और शालिनी अपने घर चली गयी. लेकिन वो जाते-जाते मुझे बहुत चाहत और ललचाई नज़रो से देख रही थी.

फिर रात को लतिका मेरे घर आई और हमारे लिए खाना बनाया और मैंने मेरे कज़िन और लतिका ने साथ में खाना खाया और उसके बाद हम फिल्म देखने लगे और फिल्म ख़त्म होने के बाद मेरा कज़िन सोने चला गया और में और लतिका मेरे रूम में आकर कंप्यूटर पर गेम खेलने लगे. इसी बीच लतिका ने मुझसे पूछा कि दीपक क्या तुमने ब्लू फिल्म देखी है? तो मैंने बोला कि हाँ. तो उसने पूछा कि उसमें क्या होता है? तब मैंने बोला कि तुम खुद ही देख लो और मैंने एक ब्लू फिल्म लगा दी जिसमें एक कुँवारी लड़की पहली बार सेक्स करने जा रही थी, जैसे ही फिल्म स्टार्ट हुई और लड़के ने लड़की को किस करना स्टार्ट किया.

फिर वो कपड़े के ऊपर से ही उसकी चूचीयाँ दबाने लगा और धीरे-धीरे उसने लड़की का टॉप उतार दिया और उसकी चूचीयाँ मुँह में लेकर चूसने लगा. इतना देखकर लतिका की हालत खराब हो रही थी और वो भी मस्त हो रही थी और मेरी तरफ सेक्सी नज़रो से देख रही थी. फिर मैंने उसे खींचकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके होंठो को चूसने लगा.

फिर मैंने उसके कुर्ते के ऊपर से ही उसकी चूचीयाँ मसल दी और मैंने उसकी नाइटी उतारी तो वो अंदर कुछ नहीं पहने थी, उसकी मस्त कसी हुई चूत और चिकनी जांघे देखकर में उसे ऊपर से नीचे तक चूमने लगा. फिर उसने भी मेरी शर्ट और बनियान को उतार दिया और मेरे लंड को पकड़कर किस करने लगी. फिर उसने लंड मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी और 10 मिनट तक वो चूसती रही और में उसकी चूत को सहलाता रहा. उसकी चूत से निकले रस से अब उसकी चूत एकदम चिकनी हो गयी थी.

फिर मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूत को किस किया और फिर अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और उसके बूब्स कसकर पकड़े और एक जोरदार धक्का लगाया तो लतिका चिल्लाई. आआईईई म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मा आआआआआआआआआ उधर मेरे लंड में बहुत तेज दर्द हुआ. फिर कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैंने दूसरा धक्का लगाया और मेरा पूरा का पूरा लंड लतिका की चूत में चला गया.

फिर मैंने उसे आराम से चोदना शुरू किया तो थोड़ी देर मे लतिका भी मस्त होने लगी और बोलने लगी आआआह्ह्ह दीपक माई लव, मेरी जान चोदो अपनी लतिका को, बुझा दो मेरी प्यास. फिर मैं भी बोला कि हाँ जान ये लो. फिर मैंने अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी और 10 मिनट के बाद जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने और कसके धक्के लगाने शुरू किए और मैंने अपना लावा उसकी चूत के अंदर ही गिरा दिया और मेरे साथ ही लतिका भी झड़ गयी थी.

फिर जब मैंने उसकी चूत से लंड बाहर निकाला तो देखा कि मेरे लंड की खाल हल्की सी कट गयी थी जिससे मुझे दर्द हुआ था. फिर हम साथ में बाथरूम गये और एक दूसरे की सफाई की. फिर लतिका ने मेरे लंड पर क्रीम लगाई और हम साथ में चिपककर सो गये.

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मुह बोली बहन की चुदाई

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हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपनी बहन को चोदा. दोस्तों मुझे शुरू से ही लड़कियों में बहुत रूचि रही है जिसकी वजह से में उनके जिस्म को देखकर उनकी तरफ आकर्षित हो जाता हूँ. दोस्तों में जो आप सभी को कहानी सुनाने जा रहा हूँ यह लगभग एक साल पहले की बात है, जब में अपने बहुत करीबी रिश्तेदार के घर पर गया हुआ था. उस समय मेरी कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही थी और वो मेरी मौसी का घर था. उनके घर में उनके पति, उनका एक बेटा और एक बेटी है. दोस्तों उनकी बेटी बहुत सुंदर दिखती है और मुझसे हमेशा भैया-भैया करती रहती है और मुझे बहुत पसंद भी करती है और अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.

दोस्तों मेरी मौसी की लड़की के साथ मेरा दो साल पहले कुछ हद तक किस करना और बूब्स को छूना शुरू हुआ था और अब में उस बात को लगभग भूल ही गया था. उनकी बेटी बहुत अच्छी दिखती है लेकिन पहले वो उतनी सुंदर नहीं थी इसलिए मेरा ध्यान कभी भी उसकी तरफ नहीं गया था. वो कंप्यूटर साइन्स की पढ़ाई कर रही थी तो हमेशा मुझसे कंप्यूटर के बारे में कुछ भी सवाल पूछती रहती थी क्योंकि में एक सॉफ्टवेयर डवलपर हूँ और जिस रात की यह बात है उसी शाम को हम लोग बाहर घूमने गये हुए थे और वहां पर हम लोगों ने बहुत मज़े भी किए और घर आ गए.

उसके बाद जब रात को हम लोगो ने खाना खा लिया तो में उसके रूम में गया. वहां पर उसके पास उसका छोटा भाई बैठा हुआ था तो में उससे बात करने लगा और फिर थोड़ी देर के बाद उसका छोटा भाई उठकर अपने रूम में चला गया. फिर मैंने उससे कहा कि में कंप्यूटर पर थोड़ी देर कुछ काम करके अपने कमरे में चला जाऊंगा. तो उसने कहा कि क्यों आप यहाँ पर कंप्यूटर पर बैठकर काम करने आए हो या बात करने? तो मैंने कहा कि में तो कंप्यूटर पर बैठने आया हूँ, लेकिन शायद मेरी मौसी की लड़की को मेरे साथ आज कुछ करना था इसलिए वो मुझे अपने पास बुला रही थी.

फिर में कुछ देर बाद कंप्यूटर से अपना काम खत्म करके उसके पास जाकर लेट गया और मैंने अपनी मौसी की लड़की को किस किया और उसके गले पर भी चूमा. फिर मैंने उससे कहा कि तू क्या चाहती है? क्यों तेरा तो कोई बॉयफ्रेंड भी है ना? तो उसने मुझसे कहा कि भैया में आपके साथ थोड़ा बहुत करना चाहती हूँ. तो मैंने कहा कि यह तो बिल्कुल ग़लत बात है, पहले जो कुछ हुआ था वो तो अंजाने में हुआ था, लेकिन अब जो तू मुझसे चाहती है वो तो एकदम ग़लत है ना. तो उसने कहा कि भैया में यह सब तुम से आख़री बार चाहती हूँ. तो में उसको किस करने लगा और में उसकी सलवार के अंदर हाथ डालने लगा, लेकिन उसकी सलवार बहुत टाइट थी तो मैंने उसको कहा कि तू क्या इस वक्त ढीली ढाली सलवार नहीं पहन सकती थी? तो उसने कहा कि मेरे पास इससे ज्यादा ढीली सलवार नहीं है. फिर उसने मुझसे कहा कि आप अपनी टी-शर्ट को भी उतार दो और फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और उसको किस करने लगा, लेकिन उसके बूब्स तक मेरा हाथ नहीं पहुंच पा रहा था इसलिए मैंने उसको कहा कि तू भी अपने इस कुर्ते को उतार दे. लेकिन उसने मुझसे साफ मना कर दिया और कहा कि में ज़्यादा कुछ नहीं करना चाहती हूँ.

फिर थोड़ी देर के बाद ना जाने उसे क्या हुआ कि उसने खुद ही अपना कुर्ता उतार दिया और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ शमीज़ और ब्रा में थी. फिर में उसके बूब्स को दबाने लगा और ब्रा को नीचे सरकाकर उसके बूब्स को चूसने लगा और धीरे से मैंने उसकी ब्रा का हुक भी खोलने की कोशिश की, लेकिन सिर्फ़ एक ही हुक खुल सका तो मैंने उसको कहा कि तुम अपनी ब्रा को भी खोल दो और उसने ऐसा ही किया. उसने अपनी ब्रा का हुक खोला और शमीज़ को भी उसके साथ नीचे सरका दिया और अब उसकी ब्रा और शमीज़ उसके पेट तक सरक गई और मुझे उसके बड़े बड़े बूब्स के दर्शन हो गये. उसके बूब्स क्या मस्त थे, में तो उन्हे देखकर जैसे एकदम पागल ही हो गया.

फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और वो धीरे धीरे मोन करके मज़ा लेने लगी तो में उसके कुछ देर के बाद उसके नीचे की तरफ उसकी चूत को छूने लगा और उसकी गांड को भी, लेकिन उसने मुझसे यह सब करने से मना कर दिया और कहा कि यह मेरे होने वाले पति की अमानत है और उस पर आपका कोई हक नहीं है.

तो मैंने कहा कि ठीक है अगर तुम यह सब नहीं करना चाहती हो तो में तुम्हे वहां पर नहीं छूता और फिर धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के ऊपर होने लगे, कभी वो मेरे ऊपर और कभी में उसके ऊपर होता और जब वो मेरे ऊपर होती तो में उसकी गांड को ज़ोर से दबा देता, पहले तो उसने मुझसे ऐसा करने से साफ मना किया, लेकिन फिर कुछ देर के बाद वो मुझे उसकी गांड को दबाने देने लगी. में उसके पूरे जिस्म के साथ खेलने लगा और मज़े करने लगा और मेरे साथ वो भी मज़े करने लगी.

फिर कुछ देर गरम होने के बाद उसने मुझसे कहा कि में आपसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन आप मुझे छोड़कर चले गये थे और आपने कभी भी वापस मेरे पास आने की कोशिश भी नहीं की, आपने ऐसा क्यों किया? तो मैंने कहा कि तू मेरी बहन है और में तुझसे प्यार नहीं करता हूँ और जो कुछ हमारे बीच हो रहा है वो केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि तू यह सब चाहती है और में जब यहाँ आया था तो ऐसा कुछ भी सोचकर नहीं आया था.

तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो थोड़ा उदास हो गई तो मैंने कहा कि तुझको अभी जो करना है कर ले, में दुबारा यहाँ पर नहीं आऊंगा. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों तेरा तो कोई बॉयफ्रेंड है ना? तो उसने मुझसे कहा कि हाँ है और में उससे बहुत प्यार करती हूँ. फिर मैंने कहा कि यह सब कुछ क्या है? तो उसने कहा कि में आपको देखकर कंट्रोल नहीं कर पाई इसलिए मैंने आपके साथ यह सब किया.

मैंने उसके मुहं से यह सब बातें सुनकर किस किया तो वो एकदम खुश हो गई और मुझसे लिपट गई और कहा कि में अब ज़्यादा देर तक खुद को नहीं रोक सकती हूँ. तो मैंने कहा कि ठीक है इतना ही बहुत है और वैसे में भी गरम हो गया था और अब मेरा भी लंड खड़ा हो गया था जो कि बहुत देर से उसकी चूत के ऊपर की तरफ चुभ रहा था शायद इसलिए भी वो और ज़्यादा गरम हो रही थी और जब में उठकर जाने लगा तो उनसे मेरे हाथ को पकड़कर मुझे रोकते हुए कहा कि प्लीज मत जाओ ना, आज की रात आप मेरे पास सो जाओ.

फिर मैंने भी कुछ सोचते हुए कहा कि क्या तू जानती है कि तू क्या कह रही है? तो उसने कहा कि हाँ बस आज की रात में बहकना चाहती हूँ. फिर में उसके पास लेट गया और उसको बहुत जोश में आकर किस करने लगा. में कभी गाल तो कभी होंठो को और कभी उसके बूब्स को चूमने लगा और मेरे ऐसा करने से वो तो जैसे बिल्कुल पागल हो गयी थी.

फिर में समझ गया था कि वो अब मुझसे क्या चाहती है? और मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ धीरे धीरे नीचे की तरफ सरकाते हुए उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत के ऊपर लगाया तो उसने कुछ नहीं कहा और ना ही मुझे ऐसा करने से मना किया और अब में उसका इशारा समझ गया. फिर में उसके पजामे के नाड़े को खोलने लगा, लेकिन वो इतना टाईट बँधा हुआ था कि में उसे खोल नहीं सका. फिर मैंने उससे कहा कि अपना पजामा खोलो ना, उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा कि भैया कहीं में बहुत ज़्यादा तो ग़लत नहीं कर रही हूँ ना? कहीं में अपने बॉयफ्रेंड को धोखा तो नहीं कर रही हूँ ना? तो मैंने उसे समझाते हुए कहा कि जो हो रहा है उसे हो जाने दो और रही बात धोखे की तो अपने बॉयफ्रेंड को कभी भी इस बारे में मत बताना, चाहे कुछ भी हो जाए.

फिर मैंने उसे किस करते हुए कहा कि अपना पजामा खोलो ना और उसने धीरे धीरे अपना पजामा ढीला कर दिया और फिर पूरा खोल दिया. उसने मुझसे कहा कि प्लीज मेरे बूब्स को चूसो ना, तो मैंने उसके बूब्स को चूसते हुए अपने एक हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डाला और उसकी चूत में अपनी एक उंगली को डालकर सहलाने लगा. मेरे ऐसा करने से वो तो जैसे पागल हो गयी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मेरे ऊपर आओ ना.

फिर में उसके ऊपर आ गया और उसके पजामे को पकड़कर नीचे की तरफ सरकाकर पूरा उतार दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और में उसके ऊपर था, तो उसने भी मुझसे मेरा बरमूडा उतारने को कहा मैंने वैसा ही किया और अब में भी उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था और में उसको लगातार किस कर रहा था और उसकी चूत को सहला रहा था.

फिर उसने अपना एक हाथ मेरी अंडरवियर के अंदर डाला और मेरे लंड को सहलाने लगी. कुछ देर बाद मैंने उसकी पेंटी को नीचे किया और पूरा उतार दिया और उसके बाद मैंने अपने अंडरवियर को भी उतार दिया. अब हम दोनों एकदम नंगे थे और में धीरे धीरे लंड को चूत के मुहं पर घिस रहा था. मेरे ऐसा करने से उसको बहुत अच्छा लग रहा था. तभी अचानक उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे अपनी चूत के मुहं पर रख दिया और मुझसे कहा कि प्लीज अब इसे अंदर डालो ना, नहीं तो में पागल हो जाउंगी, प्लीज मुझे अब और मत तड़पाओ, प्लीज एक बार अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाल दो और चोद दो मुझे, आज मेरी चूत की खुजली मिटा दो प्लीज.

दोस्तों वैसे तो में पहले से ही बहुत गरम था, लेकिन अब उसके मुहं से जोश भरी बातें सुनकर में और भी जोश में आकर पागल होने लगा और अब मुझसे भी रुका नहीं गया और मेरे सब्र का बांध टूटने वाला था. मेरा लंड तनकर खड़ा था और चुदाई करने के लिए बैचेन था और वो अब धीरे धीरे झटके देकर अपना आकार और भी बड़ाने लगा था, जिसकी वजह से वो एकदम तन गया था तो मैंने उसको एकदम सीधा लेटाया और फिर अपनी जीभ से उसकी गरम चूत को चाटकर थोड़ा और गीला किया.

मेरी जीभ ने जैसे ही उसकी चूत को छुआ तो वो एकदम सिहर उठी और कहने लगी कि प्लीज ऐसा मत करो, जल्दी से चोद दो मुझे, मेरी चूत को तुम्हारा लंड चाहिए. फिर मैंने उससे कहा कि क्यों आज क्या अपनी चूत को मुझसे फड़वाने की ज्यादा जल्दी है? तो वो बोली कि हाँ और मोन करने लगी. फिर मैंने अच्छा मौका देखकर लंड को चूत के मुहं पर धीरे से रगड़ते रगड़ते एक ज़ोरदार झटके से चूत के अंदर डाल दिया और लंड भी चूत की गहराईयों में बहुत ही आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया.

में तो सोच रहा था कि में उसको पहली बार चोद रहा हूँ, लेकिन मेरे लंड डालते ही पता चला कि वो तो पहले से ही चुद चुकी है. में लगातार उसको ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो भी अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से आईईईइईई थोड़ा और अंदर तक डालो उह्ह्ह्हह्ह फाड़ दो मेरी चूत को उह्ह्हह्ह्ह्ह. फिर में भी जोश में आकर उसको ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा और वो अपनी गांड को उछाल उछालकर मेरा साथ देने लगी. फिर कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने उसको डॉगी बनने को कहा और उसकी कमर को पकड़कर लंड को फिर से चूत में डालकर धक्कों पर धक्के देने लगा.

मेरी चुदाई से वो बहुत खुश होकर सिसकियों के साथ मुझसे अपनी चूत को बहुत जमकर चुदवाने का आग्रह करने लगी और में उसका आग्रह स्वीकार करके ताबड़तोड़ धक्कों से उसे चोदने लगा. फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद जब मेरा वीर्य निकलने लगा तो मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर पूरा वीर्य बाहर गिरा दिया और फिर थककर उसके पास में लेट गया.

फिर वो मेरी छाती पर सर रखकर लेट गई और उसने मुझसे कहा कि में आपके चुदाई करने के तरीके से बहुत खुश हूँ, आपने आज मेरी चूत को चोदकर बहुत अच्छी तरह से संतुष्ट किया है. तुम्हारे लंड को लेकर मेरी चूत धन्य हो गई, मेरी चूत इस तरह की चुदाई के लिए बहुत समय से तरस रही थी. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर में अपने कपड़े पहनने लगा और वो ऐसे ही नंगी लेटी रही. फिर मैं उसके बेड से उठा तो उसने मुझे किस किया और बाय कहा और में रूम से बाहर चला गया.

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दोस्त की प्यासी माँ और बहन

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनू है और मेरी उम्र 21 है. दोस्तों में शुरू से ही सेक्स का बड़ा ही दिवाना रहा हूँ और यह मेरी पहली स्टोरी है. दोस्तों यह एक सच्ची घटना है. मेरा एक दोस्त है उसका नाम विक्की है और हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त है. हम हमेशा साथ साथ घूमते और मेरा हमेशा विक्की के घर पर आना जाना लगा रहता था. उसके घर में उसकी माँ उनकी उम्र 37 साल, लेकिन वो दिखने में एकदम कड़क माल है. वो अपनी पतली कमर को मटकाती हुई चलती जिससे उसके बूब्स भी इधर उधर हिलते जिसे देखकर देखने वालों को बहुत मज़ा आता और वो अभी भी बिल्कुल जवान लगती है, उसकी बहन शीतल जो अभी 18 साल की है और अब वो धीरे धीरे जवान होने लगी है. उसके बूब्स, गांड उभरकर बाहर की तरफ दिखने लगे है उसके जिस्म का हर एक अंग दिखने में बहुत ही सेक्सी है और उसके पापा जो हमेशा घर से बाहर रहते थे, क्योंकि उनको जुआ खेलने की लत लग गयी थी और उन्हे भी लड़कियों का बहुत शौक था और वो ज़्यादा टाइम अपने घर से बाहर ही रहते और करीब दो तीन दिन के बाद अपने घर पर आते थे.

तो दोस्तों में और विक्की एक दिन घूमने बाहर गए हुए थे और हमे घर पर आते आते बहुत रात हो चुकी थी और घर पर जाते वक़्त विक्की ने मुझसे कहा कि हमे बहुत रात हो चुकी है और अब तू घर पहुंचते ही आज मेरे घर पर सो जाना और कल सुबह निकल जाना. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है और हम घर के लिए निकल चुके थे. हमें रात के करीब 2 बज चुके थे और फिर विक्की का घर आ गया. फिर मैंने अपनी कार को एक तरफ पार्क कर दिया और कार की आवाज़ सुनते ही सुनीता आंटी जाग गयी. उन्होंने दरवाजा खोला और में देखता ही रह गया. वो लाल कलर की एक मेक्सी में थी और वो मेक्सी भी गहरे गले की होने के कारण उनके बूब्स थोड़े थोड़े बाहर से नज़र आ रहे थे. मेरी तो उन्हे देखकर बहुत हालत खराब हो गयी. फिर हम अपने कमरे के अंदर गये और सोने लगे, लेकिन दोस्तों अब मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरी आखों के सामने उनके गोरे गोरे बूब्स आ रहे थे. आँखे बंद करते ही मुझे उनका सेक्सी जिस्म अपनी तरफ आकर्षित करने लगता और अब मेरा लंड तनकर एकदम खड़ा हो गया था और फिर किसी भी तरह मैंने कंट्रोल किया और सो गया.

फिर सुबह सब लोग उठ गये थे और फिर जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि उस समय 11 बज गए थे. तभी आंटी मेरे पास आई और बोली कि सोनू तू कितना सोता है? मैंने कहा कि अभी भी मेरी नींद पूरी नहीं हुई है क्योंकि में बहुत थक चुका हूँ. फिर आंटी बोली कि ठीक है और थोड़ी देर सो जा, मैंने कहा कि ठीक है और में फिर से सो गया और में उसके बाद में 1 बजे उठ गया, लेकिन मुझे कोई भी नज़र नहीं आ रहा था.

फिर में उठकर हॉल में चला गया तो मैंने देखा कि वहां पर आंटी टीवी देख रही थी, में उनके पास गया और उनसे पूछा कि सब कहाँ गये? तो वो बोली कि विक्की तो गावं चला गया उसके गावं के किसी रिश्तेदार की म्रत्यु हो गयी है और शीतल स्कूल गयी है और अब तू जाकर नहा ले में तेरे लिए खाना लगाती हूँ. फिर में बाथरूम में नहाने चला गया और में वहां पर जाकर अपने कपड़े उतारने लगा और मैंने टावल लगा लिया और ब्रश करने लगा और फिर मुझे बाथरूम में आंटी और शीतल की ब्रा और पेंटी नज़र आई. फिर मैंने दोनों की पेंटी उठाई और सूंघने लगा. दोस्तों में आप सभी को शब्दों में क्या बताऊँ कि वो क्या महक थी? मेरा तो लंड फिर से खड़ा हो गया और में उन्हे सूँघते सूँघते अपना लंड हिला रहा था और फिर कुछ देर के बाद मेरा वीर्य निकल गया.

दोस्तों मेरे लंड से आज तक इतना पानी कभी भी नहीं निकला था. में तो बिल्कुल हैरान हो गया. फिर में नहाने लगा और नहाते वक़्त मेरे कपड़े पानी में गिर गये और पूरी गीले हो गये. मैंने आंटी को आवाज़ लगाई कि विक्की का कोई लोवर होगा तो आप मुझे वो दे दीजिए, मेरे कपड़े पानी में गिरकर पूरे गीले हो गये. फिर आंटी बाथरूम के पास आई और उन्होंने कहा कि विक्की तो अपने सारे कपड़े अपने साथ लेकर गया हुआ है और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम टावल लगाकर ही बाहर आ जाओ. फिर में बाहर आ गया और मैंने आंटी से कहा कि मुझे शरम आ रही है और वो हंसने लगी और उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं.

फिर में हॉल में चला गया और खाना खाने बैठ गया और आंटी मेरे सामने बैठकर बातें करने लगी. में खाना खाने के बाद उठकर हाथ धोने जा रहा था कि तभी टावल सोफे में अटक गया और में उनके सामने बिल्कुल नंगा हो गया और फिर में तो शरम से पानी पानी हो गया और आंटी की नज़र मेरे लंड से हट ही नहीं रही थी. फिर मैंने जल्दी से अपना टावल उठाया और बेडरूम की तरफ भाग गया. तभी आंटी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी. में फिर से टावल लगाकर बाहर आ गया और आंटी की तरफ़ देखा तो वो मेरी तरफ देख रही थी और अब वो थोड़ी सी कामुक हो गयी थी.

फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी प्लीज आपके पास कोई लोवर होगा ना, वो मुझे दे दो ना प्लीज. फिर आंटी ज़ोर से हँसी और मुझसे बोली कि सोनू चाहे तो तू ढूंड ले, लेकिन घर में तो तेरे नाप के कोई भी कपड़े नहीं है और अगर चाहे तो तू मेरी मेक्सी पहन ले, वैसे भी इस समय घर पर कोई नहीं है. अब में एकदम चुपचाप होकर कुछ सोच रहा था तो आंटी ने पूछा क्या हुआ तू इतना क्यों शरमा रहा है? तो मैंने कहा कि ठीक है आप लाकर मुझे दे दीजिए और फिर आंटी ने मुझे उनकी एक पुरानी मेक्सी दी, वो शायद उनकी हनिमून की थी, थोड़ी जालीदार थी, सफेद कलर की एकदम सेक्सी और में वो मेक्सी पहनकर आंटी के सामने आया और वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और अब मुझे भी हंसी आ रही थी. फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों कैसा लग रहा है?

मैंने कहा कि एकदम खुला खुला और हम दोनों हसने लगे और फिर आंटी झाड़ू लगाने लगी थी और में टीवी देख रहा था. अब उन्होंने अपनी मेक्सी के ऊपर के बटन खोल दिए थे और उनके पूरे निप्पल नज़र आ रहे थे और मेरा लंड उन्हे झूलते हुए देखकर खड़ा हो गया था. फिर आंटी झाड़ू लगाकर किचन में चली गयी और किचन से मुझे आवाज़ लगाई कि सोनू ज़रा इधर आना, मुझे वो डिब्बा निकालकर दे. मेरा लंड खड़ा था और अब मुझे भी मज़ा आ रहा था. में वैसे ही उठकर किचन में चला गया और उन्हे डब्बा उतारकर दिया.

तभी उनकी नज़र मेरे लंड पर गयी और मुझसे कहा कि अंदर क्या है? मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं वो बोली कि ज़रा अपने अरमानो पर काबू रख, मैंने कहा कि लेकिन कैसे रखूं? फिर वो मेरे पास आई उन्होंने मेरा लंड छुआ और कहने लगी कि वाह यह तो मेरी उम्मीद से बहुत बड़ा लगता है और फिर लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर हिलाने लगी और फिर मुझसे कहा कि चलो बेडरूम में चलते है. में तो उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ.

में बेडरूम में गया तो उन्होंने मुझे बेड पर बैठा दिया और मेरी मेक्सी को ऊपर किया और मेरा लंड देखने लगी और कहा कि हाए रे इतना बड़ा लंड? दोस्तों में तो उनके मुहं से लंड शब्द सुनकर एकदम दंग रह गया और अब उन्हे अपनी चुदाई का बहुत जोश चढ़ गया था और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और मेरी गोलियां चूसने, चाटने लगी और कहने लगी कि 12 साल के बाद आज में फिर से चाट रही हूँ. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों क्या अंकल आपको नहीं चोदते? तो उन्होंने बहुत गुस्से में कहा कि वो हरामी कुत्ता क्या मुझे चोदेगा? और उसके लंड से अच्छा है कि में किसी छोटे लड़के की नुन्नु चूस लूँ. मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने उनके कपड़े उतार दिए और उनको बेड पर लेटाया.

फिर आंटी ने कहा कि सोनू में बहुत सालो से भूकी हूँ, तू आज मुझे खुश कर दे, फिर तू जो मुझसे बोलेगा में वो सब करूंगी तुझे जो चाहिए वो दूँगी. फिर मैंने अपना लंड उनके मुहं में डाला और कहा कि में शीतल को भी चोदना चाहता हूँ. फिर मेरे मुहं से यह बात सुनकर पहले तो वो थोड़ी नाराज़ हो गयी और उसने मुझसे कहा कि तू कितना बड़ा हरामी है सोनू, मैंने तो सोचा भी नहीं था कि तू अपने दोस्त की बहन की भी चुदाई करना चाहता है? तो मैंने कहा कि किसने सोचा था कि में कभी आपसे अपना लंड चुसवाऊंगा? फिर वो मेरी यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी और फिर वो मान गयी.

में खुश हो गया और फिर मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया और मैंने देखा कि उनकी चूत पर बहुत सारे बाल थे जिसकी वजह से उनकी चूत तो नज़र ही नहीं आ रही थी.

मैंने उनसे कहा कि कभी आप अपनी चूत के बाल साफ नहीं करती? तो आंटी ने कहा कि में अब किसके लिए अपनी चूत के बालों को साफ करूं? और में ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा. फिर आंटी ने कहा कि चल अब आज तू खुद ही साफ कर दे. फिर मैंने उनकी चूत के सभी बालों को एक रेज़र की मदद से साफ किया और अब उनकी चूत तो 18 साल की लड़की तरह दिख रही थी एकदम कामुक, चिकनी, फूली हुई और जोश से भरी हुई. फिर मैंने उनकी चूत चाटी, उसका स्वाद बहुत नमकीन सा था, तभी उन्होंने कहा कि सोनू रुक ज़रा में अभी मूतकर आती हूँ और वो उठकर चली गई और जल्दी से वापस आ गयी और अब वो बड़ी खुश लग रही थी.

फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर रखा और धीरे धीरे दबाते हुए अंदर डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरा लंड बहुत मुश्किल से अंदर गया और फिर में चोदने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और में उन्हे लगातार चोदता रहा. चोदने के साथ साथ में उनके बूब्स को भी मसल रहा था जिसकी वजह से वो सिसकियाँ ले रही थी और मुझसे कह रही थी अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और थोड़ा और पूरा अंदर आईईईईईईई तक जाने हाँ उह्ह्हह्ह्ह्ह.

फिर थोड़ी ही देर के बाद मेरे लंड ने अपना वीर्य चूत के अंदर ही निकाल दिया और उसके कुछ देर बाद उनकी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया और मेरे लंड के पानी से और उनकी चूत के रस से उनकी चूत पूरी भर गयी, जिसकी वजह से वीर्य एक एक बूंद करके बाहर टपकने लगा जिसने बेड पर गीला कर दिया. फिर में बहुत थक गया और में उनके पास में लेट गया.

वो खड़ी होकर मुझे देख रही थी और उनकी चूत में से पानी टपक रहा था, उन्होंने कपड़े पहने और फिर मेरा गीला लंड चूसने लगी और अब 5 बजने वाले थे और शीतल अपने कॉलेज से आने वाली थी. फिर आंटी ने कहा कि तू नंगा ही सोने का नाटक कर में तेरी सेटिंग लगाती हूँ, में सोने का नाटक करने लगा और फिर कुछ देर के बाद शीतल आ गई और आंटी किचन में काम करने लगी.

फिर शीतल रूम में आई और मेरे तनकर खड़े लंड को घूर घूरकर देख रही थी और फिर वो अपनी माँ के पास गयी और कहा कि सोनू बेडरूम में नंगा सोया है. फिर माँ ने उससे कहा क्या? चलो में भी देखती हूँ? और फिर वो दोनों मेरे पास आकर खड़ी हो गई, तो शीतल ने माँ से कहा कि माँ देखो ना इसका कितना बड़ा है? तो माँ ने कहा कि हाँ क्या तुम इसका चूसना चाहोगी? दोस्तों पहले तो वो मना कर रही थी फिर कुछ देर के बाद शीतल ने मेरा लंड पकड़ा और कहा कि माँ यह तो बहुत गरम है.

फिर आंटी ने कहा कि इसे लंड कहते है और इसे चूसने से लड़कियां एकदम गोरी हो जाती है क्योंकि शीतल इतनी ज़्यादा गोरी नहीं थी इसलिए उसकी माँ ने उससे यह झूठी बात कही. उसकी माँ और उसमें ज़मीन आसमान का फ़र्क था. फिर शीतल ने माँ से पूछा कि क्या माँ तुमने कभी किसी का लंड चूसा था कि तुम इतनी गोरी हो गयी? तो माँ ने कहा कि हाँ में तेरे पापा का लंड हमेशा चूसती थी इसलिए में इतनी गोरी हूँ.

फिर वो मेरा लंड चूसने लगी और कुछ ही सेकिंड के बाद में जाग गया और शीतल एकदम से डर गई. फिर माँ ने उससे कहा कि कुछ नहीं बेटा तुम बिल्कुल भी मत डरो बस चूसती रहो. फिर मैंने कहा कि हाँ हाँ तुम तो चूसो फिर सुनीता आंटी ने शीतल के कपड़े उतार दिए और उसे नंगा किया और फिर खुद भी बिल्कुल नंगी हो गयी. में तो आज अपनी लाईफ में पहली बार एक साथ दो औरत से मज़े कर रहा था.

फिर उसकी माँ ने शीतल को 69 पोजीशन में कर दिया और में उसकी चूत को चाट रहा था और शीतल लंड चूस रही थी और उसकी माँ मेरी गोलियां चाट रही थी. में तो जन्नत की सैर कर रहा था और फिर मैंने एक बार शीतल की चूत मारी. उसकी चूत मारने में मुझे बहुत मज़ा आया, क्योंकि वो मेरी चुदाई के पहले तक वर्जिन थी, लेकिन अब एक फटी हुई चूत, जिसकी सील मैंने अपने लंड से तोड़ी. मेरी चुदाई से उसकी चूत ने अपना सारा रस खून के साथ साथ बाहर निकाल दिया. वो अपनी चूत के दर्द से तड़पती रही और उसकी माँ उसकी छाती को सहलाती रही और उसे चुप करवाती रही.

फिर कुछ देर के बाद वो अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और अपनी गांड को हवा में उछाल उछालकर मेरा लंड लेने लगी और अब मुझे उसकी गांड भी मारनी थी, लेकिन आंटी ने मुझसे साफ मना कर दिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि उसकी गांड अभी बहुत टाईट है, तूने इसकी चूत को चोदकर फाड़ दिया है तो आज इसकी गांड को छोड़ दे, उसका स्वाद तू कुछ दिनों के बाद में लेना वर्ना आज इसकी दोनों तरफ की चुदाई इसको ठीक से चलने भी नहीं देगी. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन प्लीज आपकी गांड दे दो और फिर हंसते हुए आंटी मेरे लंड पर बैठ गई और मज़े लेने लगी. हम तीनों ने रात भर चुदाई के मज़े किए और तीन दिन तक वहां पर हमारे अलावा कोई भी नहीं था और हम तीन दिन तक बिल्कुल नंगे रहे और हम साथ साथ नहाते खाते पीते और नंगे ही सो जाते. दोस्तों वो दिन मेरी लाईफ के बड़े मज़े के दिन थे जिसमे मैंने उन दोनों को तीन दिन तक लगातार चोदा और बहुत मज़े किए.

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किसी हेरोइन से कम ना थी मेरी कामवाली

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आशीष है और में जयपुर में रहता हूँ. मेरी उम्र 18 साल है, लम्बाई 5.11 इंच है, रंग साफ और मेरा लंड 8 इंच लंबा और 1.5 इंच मोटा है. दोस्तों यह बात सितम्बर 2011 की है, उस वक़्त में 12th क्लास में पढ़ता था और मेरी मम्मी एक बैंक में नौकरी करती थी तो उनसे घर का काम नहीं होता था इसलिए उन्होंने एक नई काम वाली रखी. उसका नाम रोशनी था और वो थोड़ी सांवली थी. उसकी उम्र करीब 22 साल की थी और दोस्तों अगर आप एक बार उसका फिगर देखोगे तो आप भी उस पर फ़िदा हो जाओगे. उसकी छाती का साईज़ कम से कम 34 तो होगा ही, उसके बूब्स काम करते हुए तरबूजों की तरह उछलते और हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करते थे.

फिर जब मैंने पहली बार उसे देखा तो मेरा लंड उसे एक बार नीचे से ऊपर तक देखते ही एकदम तनकर खड़ा हो गया और में सीधा बाथरूम में जाकर अपने लंड को सहलाने लगा और कुछ ही देर बाद मुठ मारकर बाहर आ गया. फिर एक हफ्ते तक में उसे लगातार रोज़ देखता रहा और फिर मैंने और मेरे लंड ने ठान लिया कि उसकी चूत को तो में कैसे भी फाड़कर रहूँगा.

फिर मैंने उसे अगले दिन से ही अपनी तरफ आकर्षित करने का प्लान बनाया और अगले दिन से जब जब वो जिस रूम में जाती में वहीं पर चला जाता और उसके बड़े बड़े बूब्स को घूर घूरकर देखता. तो वो हमेशा अपने बूब्स को अपने कपड़ो में छुपाने की कोशिश किया करती. लेकिन बड़े बड़े बूब्स और काम करने की वजह से वो हमेशा नाकाम रहती, उसके बूब्स थोड़ी ही देर बाद फिर से बाहर की तरफ झांकने लगते, उसे भी अब मुझ पर पूरी तरह से शक होने लगा था.

लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं कह सकी और फिर दो दिन तक सब ऐसे ही चलता रहा. फिर मैंने थोड़ा सा और आगे की तरफ बड़ने की सोची और जब वो एक दिन बाथरूम वाले कमरे में सफाई करने आने वाली थी तो मैंने वहां पर उससे पहले ही जाकर टॉयलेट का दरवाजा खोल दिया और अपने 8 इंच लंबे लंड को खड़ा करके मुठ मारने लगा. जैसे ही वो आई और मुझे मेरा लंड पकड़े हुए देखकर एकदम चौंक गयी और शरमाकर बाहर चली गयी.

तो मैंने सोचा कि कहीं वो मेरी मम्मी से शिकायत ना कर दे इसलिए में उसके पास गया तो मैंने देखा कि वो थोड़ा डर सी गयी. मैंने उससे कहा कि प्लीज़ तुम यह बात किसी को मत बताना वरना मेरी बहुत डांट पड़ेगी. तो वो थोड़ा धीरे आवाज़ में बोली कि प्लीज़ मुझे कुछ नहीं करना, में किसी को भी नहीं बोलूँगी. में समझ गया था कि वो अब पट चुकी है और मेरे लंड की भूखी है और मैंने उस दिन उसके साथ कुछ नहीं किया, लेकिन रोशनी दो दिन तक काम पर नहीं आई और फिर जब वो तीसरे दिन आई तो उसके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी, लेकिन उस समय मम्मी भी घर पर थी और कुछ देर बाद जब मम्मी चली गई तो मुझमें थोड़ी हिम्मत आई और फिर जब वो मेरे रूम में आई तो मैंने उसे पीछे से जाकर पकड़ लिया और मैंने उससे कहा कि रोशनी में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और अगर तुम वो सब करोगी जो में कहूँगा तो में तुम्हे 500 रूपये दूँगा (दोस्तों वो वैसे भी एक ग़रीब लड़की थी तो उसे पैसो का लालच तो आ ही गया था) फिर उसने 20 सेकण्ड तक मुझसे कुछ नहीं कहा और फिर में धीरे धीरे अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा और उसके बूब्स को मसलने लगा.

उसने कहा कि प्लीज़ अभी मुझे कुछ मत करो वरना हमें कोई देख लेगा, में कल थोड़ा और जल्दी आ जाउंगी और तब तुम्हे जो कुछ भी करना हो कर लेना. दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर तो मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और फिर मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ किया और उसे एक किस किया. उसने भी मेरा साथ दिया, लेकिन फिर वो जल्दी से वहां से चली गई. लेकिन दोस्तों उस पूरी रात में बिल्कुल भी चैन से सो नहीं पाया में बार बार उसके बारे में सोचकर मुठ मारता रहा और फिर आख़िरकार वो दिन आ ही गया जिसका में बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था. उस दिन में अपनी ट्यूशन भी नहीं गया.

फिर जब वो आई और जब मैंने उसे देखा तो रोशनी आज एकदम पटाखा बनकर आई थी और मेरा लंड तो पहले से ही उसके बारे में सोच सोचकर खड़ा था, अब वो मेरी पेंट को फाड़कर बाहर निकल जाने को तैयार था और वो जैसे ही अंदर आई तो मैंने दरवाजा बंद कर लिया. रोशनी बेडरूम में जाकर बैठ गयी.

फिर में रूम में घुसते ही उस पर टूट पड़ा और उसे पागलों की तरह किस करने लगा, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और हम दोनों चार पांच मिनट तक लगातार किस करते रहे. फिर मैंने उसके बूब्स को बिना कपड़े खोले पकड़ लिया और ऊपर से ही धीरे धीरे दबाने और सहलाने लगा. तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और कहा कि प्लीज़ थोड़ा ज़ोर से दबाओ. फिर में जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से दबाने और चूसने लगा.

रोशनी को भी मज़ा आने लगा और वो लगातार सिसकियों की आवाजें निकाल रही थी ऊईईईईई आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़. मेरा जोश और भी बड़ गया और मैंने उसे धीरे धीरे नंगा करना चालू किया. जैसे ही उसने अपनी ब्रा उतारी तो में जन्नत में पहुंच गया और उसके बूब्स बड़े बड़े और एकदम गोरे थे कि में आपको क्या बताऊँ?

मैंने उन्हे एक एक करके चूसना चालू कर दिया, जिसकी वजह से रोशनी को और भी ज़्यादा मज़ा आने लगा, लेकिन अब मुझसे और कंट्रोल नहीं हो रहा था, मेरे लंड में तो जैसे आग लग गयी थी. मैंने झट से अपना लंड बाहर निकाला और उसके हाथ में पकड़ा दिया तो वो उसे पकड़कर हल्के हल्के हाथ से सहलाने लगी, जैसे कि वो इस काम में खिलाड़ी हो और दो मिनट तक मसलने के बाद मैंने उससे कहा कि रोशनी चलो अब मेरा लंड थोड़ा गीला कर दो.

फिर वो एक बार में मेरा कहा समझ गई और में बिल्कुल सीधा बैठ गया. वो मेरा लंड एक लोलीपोप की तरह चूसने लगी और कहने लगी कि वाह यह तो मेरी उम्मीद से भी बड़ा और मोटा निकला, इसे चूसने में तो बहुत मज़ा आएगा और वो पूरा का पूरा लंड मुहं में लेकर चूसने लगी. दोस्तों मुझे इतना मज़ा अपनी जिंदगी में कभी नहीं आया था. तीन चार मिनट के बाद मेरा माल निकलने वाला था इसलिए मैंने उससे कहा कि रोशनी अब मेरा वीर्य बाहर आने वाला है दूर हट जाओ. लेकिन उसने नहीं सुना और मैंने एक जोरदार पिचकारी के साथ अपना सारा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया और वो उसे पी गयी.

दोस्तों अब मेरी बारी थी और मैंने जब उसकी पेंटी उतारी तो देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं है. उसने कहा कि जानू में तुम्हारे लिए हर एक रास्ता साफ करके आई हूँ जिससे तुम आज मेरी चूत को अच्छी तरह से चोद दो और मुझे पूरे मज़े दो. तो मुझसे अब उसकी बातें सुनकर रुका नहीं जा रहा था. उसकी बातें मुझमें और भी जोश भर रही थी.

फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत की दीवार पर रखा और एक हल्का सा धक्का मारा, लेकिन मेरा मोटा लंड आराम से अंदर नहीं जा रहा था इसलिए मैंने थोड़ा सा तेल लेकर अपने लंड और उसकी चूत पर लगाया और एक ही झटके में आधा लंड घुसा दिया. वो दर्द के मारे चीख पड़ी और मैंने उसी समय उसके होंठो को अपने होंठो से दबा लिया. उसने दर्द के मारे मेरी कमर को कसकर पकड़ लिया और मेरी पीठ पर अपने नाखून तक गड़ा दिए, मैंने हल्के हल्के से अपना लंड अंदर बाहर किया.

उसे अब मज़ा आ रहा था और में भी जोश में आ गया और मैंने अगले ही धक्के में पूरा लंड अंदर कर दिया वो ज़ोर से चिल्लाई ऊईईईई माँ मर गई अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे करो और रोने लगी. तो मैंने कहा कि पहली बार में ऐसा ही होता और जब मैंने नीचे की तरफ देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था. में लंड को अंदर की तरफ रखकर उसे वापस से किस करता रहा और बूब्स को चूसने लगा. फिर दस मिनट के बाद वो शांत हो गयी और हम दोनों वापस चालू हो गये. में धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करता रहा और उसकी सिसकियों की आवाजें आ रही थी ऊईईइ आआहह अह्ह्ह हाँ चोद डाल मुझे उह्ह्ह्ह आज मेरी चूत फाड़ दे, हाँ और ज़ोर से अंदर तक डाल दे.

उसके मुहं से यह सब शब्द सुनकर में और भी जोश में आ गया और मैंने फिर से अपनी रफ़्तार तेज कर दी, पांच सात मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने महसूस किया कि रोशनी झड़ गयी, लेकिन में फिर भी चालू था और थोड़ी सी देर बाद मेरा भी माल बाहर आने वाला था तो मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और उसके मुहं में डाल दिया और उसके मुहं में ही धक्के देकर झड़ गया और अब हम दोनों थककर बेड पर लेट गये.

फिर हम दोनों दस मिनट तक किस करते रहे और में उसके बूब्स को दबाने लगा. मैंने कहा कि रोशनी में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में अब तुम्हे हर रोज इसी तरह प्यार करना चाहता हूँ तो उसने कहा कि अब में तुम्हारी रंडी हूँ और तुम मेरे साथ जो चाहे करो, में कभी मना नहीं करूँगी और फिर हम दोनों वापस जोश में आ गये और उसके बाद हमने दो बार और सेक्स किया और एक बार डोगी स्टाइल भी ट्राई की और मैंने उसकी गांड भी मारी.

उस दिन में बहुत तक गया और फिर हम दोनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ किया और थोड़ी शरारत की और फिर कपड़े पहनकर वापस किस करने लगे. फिर 6 बज गये और वो चली गयी. दोस्तों तब से लेकर हम दोनों को जब भी मौका मिलता है तो हम सेक्स करते है और वो अब सच में मेरी रंडी बन चुकी है.

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गन्दी गाली देनेवाली आंटी की मजाल

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अजय है और में इलाहबाद का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी चाची को चोदा. मेरी चाची की उम्र करीब 32 साल है और उनके फिगर का आकार 36-28-34 है, वो एकदम सुंदर और सेक्सी है और वो जब भी मटकती हुई चलती है तो उनकी चोली के अंदर से उनके बूब्स उछलते कूदते दिखाई देते है और अपनी बड़ी सी गांड को हिलाकर चलना उनकी एक आदत है. उनकी गांड फुटबॉल की तरह बड़ी है और जब वो बैठती है तो साड़ी उनकी गांड की दरार में घुस जाती है और वो खड़ी होकर उसे बाहर निकालती है.

यह सब नजारे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है. दोस्तों हम दोनों में बहुत प्यार है. वो मेरी आंटी है, लेकिन आंटी कभी कभी हंसी मज़ाक में मुझे गालियाँ भी देती रहती है तो में उनसे कहता हूँ कि आंटी में तुम्हारे बेटे जैसा हूँ आप मुझे इस तरह गालियाँ नहीं दे सकती. तो वो कहती है कि में तुम्हे कितने प्यार से गाली देती हूँ, इसमे बुरा क्या है? और मेरी मम्मी भी उनका साथ देती थी और अब मेरी तो आदत हो गयी थी उनकी गली सुनने की, लेकिन आजकल आंटी मुझे कहीं भी मिलती तो मुस्कुरा देती और गालियाँ भी दूसरी तरह से देती थी, जैसे कि उन्हे अगर मुझसे मदारचोद बोलना है तो वो बस ‘माँ’ पर ज़्यादा ज़ोर लगाकर बोलती थी और इसका मतलब आंटी जी अब मुझ पर लाइन मार रही थी क्योंकि में उनके बूब्स और गांड को जब भी देखता तो वो मुझे और भी ज्यादा दिखाने की कोशिश किया करती थी और वो अपनी नजर को झुका देती और किसी भी काम में अपने आपको व्यस्त कर लेती, जिससे मुझे लगे कि आंटी व्यस्त है और अब में उनके बूब्स मज़े से देख सकता हूँ.

वो हमेशा मुझे अपनी और आकर्षित करने में लगी रहती और में भी मौके का फायदा उठाकर उनके कामुक जिस्म को देखता रहता हूँ. यह सब कुछ दिनों तक चलता रहा और फिर एक दिन हमारे एक रिश्तेदार के यहाँ पर शादी थी तो मम्मी और पापा शादी में चले गये और दोपहर का समय था तो मेरी दादी माँ भी उस समय कहीं बाहर गई हुई थी. उस समय में घर पर एकदम अकेला था, तो मैंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद किया और अपने कपड़े उतारे और पॉर्न फिल्म स्टार्ट कर दी और बहुत मज़े लेकर फिल्म देखने लगा.

करीब आधे घंटे के बाद एकदम से आंटी चिल्लाई दरवाजा खोलो और फिर मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोला. लेकिन मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड कपड़ो के अंदर से भी साफ-साफ नजर आ रहा था जिसको देखकर चाची मन ही मन मुस्कुरा रही थी. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चल बाहर चलकर खाना खा ले और फिर में चुपचाप नीचे सर को झुकाए बाहर चला गया और मेरे खाना खाने के बाद वो जबरदस्ती मेरा हाथ पकड़कर मुझे मेरे कमरे में ले गई. में 21 साल का था, लेकिन आंटी जी मुझसे ज़्यादा ताकतवर और उम्र में बड़ी भी थी.

आंटी : तू अंदर क्या कर रहा था?

में : वो में तो अपनी पढ़ाई कर रहा था.

आंटी : हाँ अभी मैंने कुछ देर पहले खिड़की से तेरी वो पढ़ाई देखी है जिसको तू बहुत मन लगाकर देख रहा था.

में : लेकिन आंटी जी इसमे ग़लत क्या है?

आंटी : हाँ वैसे इसमें ग़लत कुछ नहीं है और में भी कभी कभी मुठ मारती हूँ.

में : लेकिन आप यह सब क्यों करती है क्या अंकल आपको नहीं चोदते?

आंटी : तो मैंने अपने दो बच्चे कैसे पैदा कर दिए?

में : तो में अब क्या कर सकता हूँ.

आंटी : क्या तू अब मुझे भी वो सेक्स वीडियो दिखाएगा?

में : क्यों नहीं चलो आज हम दोनों एक साथ में देखकर मुठ मारते है.

आंटी : चल तो फिर ठीक है.

फिर मैंने एक सेक्सी वीडियो शुरू किया और हम दोनों एकदम नंगे हो गये. दोस्तों आंटी का क्या मस्त जिस्म था? आंटी जी की बड़े बड़े सुंदर बूब्स और उस पर काली काली चूचियां. मेरा तो जी कर रहा था कि अभी दोनों को मुहं में लेकर चूसकर दूध पी लूँ, मुलायम चिकनी जाँघो के बीच फूल जैसी चूत कुछ गीली थी तो जी कर रहा था कि उनकी चूत में अपना 7.5 इंच का लंड एक बार में ही अंदर कर दूँ और फिर में उनको घूर- घूरकर देख रहा था और वो वीडियो देख रही थी.

आंटी : क्यों तुझे में कैसी दिखती हूँ?

में : आंटी जी आप बहुत सुंदर, हॉट, सेक्सी और बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो.

आंटी : हाँ, तू भी मुझे ठीक लगता है.

में : आंटी जी क्या में आपको चोद सकता हूँ?

आंटी : साले में आज यहाँ पर तुझसे चुदने ही तो आई हूँ, यह वीडियो तू देख मुझे वो दिखा जो एकदम असली है.

दोस्तों आंटी जी के मुहं से यह जवाब सुनकर में घुटनो के बल बैठकर उनकी चूत को चूसना शुरू कर दिया और मैंने उनकी चूत को फैलाकर उनकी चूत के दाने से खेलने लगा, आंटी जी ऊह्ह्ह्ह आअहह की आईईईईई आवाज़ निकालने लगी.

आंटी : मदारचोद तू यह क्या कर रहा है?

में : चुपकर रंडी साली अभी तुझे में वो मज़ा दूँगा जो तू जिंदगी भर याद रखेगी.

फिर मैंने उनके होंठो को किस किया और उनके मुहं पर कुछ देर रुककर उनकी जीभ को चूसने लगा. हम दोनों की लार मुहं से निकलकर बह रही थी और फिर मैंने कहा कि भोसड़ी चुपचाप अपना मुहं खोल. उसने मुहं खोला और फिर से मैंने अपना थूक उसके मुहं में डाल दिया, वो साली सब निगल गयी और हम लोग फिर किस करने लगे.

इसके बाद में बेड पर बैठ गया और आंटी मेरा लंड चूसने लगी, दोस्तों मुझे इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था और में पूरे जोश में आंटी के मुहं को ही चोदने लगा. आंटी मेरा लंड बाहर निकालना चाहती थी, लेकिन मैंने उनका सर अपने लंड पर दबा लिया, जिसकी वजह से मेरा 7.5 इंच का पूरा लंड आंटी के मुहं में था और आंटी कुछ भी नहीं बोल पा रही थी.

में : चूस साली रंडी, चूस मेरा लंड. पता नहीं कितने लोगों से चूत मरवाई है साली तूने, कुतिया साली चूस मेरा लंड, आज खा जा साली इसे.

आंटी : साले अब मेरी चूत से नहीं रहा जाता, चोद दे मुझे, साले इस तेरी रंडी की चूत में डाल दे अपना लंड.

फिर मैंने उनकी चूत के मुहं पर अपना लंड रखकर एक धक्का मारा, लेकिन लंड एकदम से फिसल गया.

आंटी : साले तेरा लंड मेरी टाईट चूत में घुस नहीं पा रहा है, पहले अपनी माँ की चूत मारकर आ मदारचोद इसके पहले कभी भोसड़ा नहीं मारा क्या?

में : साली मुझे आज तक तेरे जैसी रंडी मिली ही नहीं.

तो इसके बाद आंटी जी ने अपने दोनों पैरों को फैलाया और अपनी चूत को हाथ से खोला फिर मैंने अपना लंड थोड़ा सा अंदर डाला.

आंटी : पूरा डाल साले में तेरा लंड लेने को तड़प रही हूँ, चोद साले, चोदकर दिखा मुझे अपने लंड का दम.

तो मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा और लंड, चूत को चीरता हुआ एकदम से पूरा का पूरा अंदर घुस गया.

में : बहुत मज़ा आ रहा है रंडी तुझे चोदने में, वाह तेरी चूत बहुत मस्त है साली कुतिया.

आंटी : कुत्ते तुझसे चुदकर मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा है क्योंकि तेरा लंबा लंड मेरी चूत के अंदर तक चला जाता है और मेरा तो जी करता है कि में अब तुझसे ही शादी कर लूँ.

में : तू शादी कर या ना कर अब तो तेरी चूत का मालिक मेरा लंड ही है, में तुझे चोद चोदकर तेरी चाल बदल दूँगा और आने वाले 9 महीने में तुझे एक प्यारा बच्चा भी दूँगा.

तो इसके बाद 20 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदने के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया.

आंटी : साले क्या अपनी माँ को चोदेगा?

में : हाँ, क्या चाल है उसकी, गांड हिला हिलाकर चलती है. मेरा तो दिल तो करता है कि गांड मार लूँ रंडी की, लेकिन उसे पटाएगा कौन?

आंटी : तू आने दे उसे वो एकदम पटी हुई है और हम दोनों हमेशा तेरा ही लंड याद करके मुठ मारते थे.

में : तो इसका मतलब यह है कि मेरी माँ भी एक रंडी है?

आंटी : हाँ मुझसे ज़्यादा तो वो चुदती है और में तुझे पटाने के लिए ही गालियां देती थी और फिर आख़िर में मैंने तुझे पटा ही लिया.

में : में भी तो तुम दोनों को चोदना चाहता था, लेकिन बहुत डरता था.

तो कुछ देर के बाद आंटी उठी कपड़े पहने और मेरे कमरे से बाहर चली गई और में उठकर सीधा बाथरूम में नहाने चला गया, लेकिन उस रात मैंने उनको सोच सोचकर दो बार मुठ मारी और अपनी माँ की चुदाई की सोचने लगा. फिर मैंने आंटी की मदद से अपनी माँ को भी चोदा. अब में दोनों को एक साथ चोदता हूँ और उनकी चूत का रस पीता हूँ जो कि मुझे बहुत पसंद है.

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बहुत सी औरत की चूत चुदाई

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनल है. मेरी शादी को 5 साल हो गये है और ज्यादातर मेरे पति ऑफिस के टूर में बिज़ी रहते है. मेरे बहुत सारी सहेलियां है, लेकिन कुछ सहेलियां काफ़ी करीब है जो कि एक दूसरे के घर पर किटी पार्टी ऑर्गनाइज़ करती है. वैसे भी टाईम पास के लिए कुछ तो चाहिए और हर 15 दिन में हम सभी के घर जाते है फिर खाना, पीना और मौज मस्ती और अब तो हम सब इतने खुल चुके है कि सभी को अपने सीक्रेट्स बताने में कोई झिझक नहीं होती और नॉटी बातें करने का मज़ा ही कुछ और होता है.

एक बार हमेशा की तरह मेरे घर पर किटी पार्टी ऑर्गनाइज़ की गई. मैंने अपनी काम वाली बाई को हेल्प करने के लिया बुलाया था, लेकिन किसी कारण से वो नहीं आई थी और उसने अपनी छोटी बेटी कमला को भेज दिया था, जो अभी सिर्फ़ 19 साल की थी. उसकी माँ की जगह पर वो कभी-कभी घर का काम करने आती थी.

किटी पार्टी में मेरी सारी सहेलियां आ गई और हम सबने बहुत इन्जॉय किया, लेकिन मेरी सबसे करीबी दोस्त श्रेया का ध्यान पता नहीं क्यों बार बार कमला पर जा रहा था? में समझ गई थी कि उसका इरादा क्या है? इसलिए पार्टी ख़त्म होने के बाद मैंने सीधा श्रेया से पूछ ही लिया कि क्या तू उस कमला को चोदना चाहती है? और श्रेया ने तुरंत हाँ कर दी. तो मैंने कहा कि थोड़ा सब्र कर में कुछ जुगाड़ करती हूँ और मैंने श्रेया को अपने बेडरूम में भेज दिया. जब कमला मुझे किचन में हाथ बंटा रही थी तब मैंने उससे कहा कि मेरा एक काम करेगी? हो सके तो तू श्रेया के सिर में थोड़ा तेल डाल कर मसाज कर दे, उसका बहुत तेज सिर दर्द हो रहा है.

कमला मेरी बात का कभी मना नहीं करती थी तो वो मेरे बेडरूम में तेल लेकर गई और श्रेया को कहा मेडम जी सिर में दर्द हो रहा है, चलो में आपको मालिश कर देती हूँ. श्रेया को बस यही चाहिए था. मालिश करते-करते श्रेया ने कमला से कहा कि मेरी पीठ में काफ़ी दिनों से बहुत दर्द हो रहा है, तू इतनी अच्छी मालिश करती है ज़रा वहां पर भी कर दे.

कमला तैयार हो गई और फिर श्रेया ने उसके सामने ही अपना टॉप और ब्रा निकाल दिया तो कमला देख कर थोड़ी शरमा गई, लेकिन जब श्रेया उल्टी सो गयी तो कमला अच्छे से मालिश करने लगी. उस वक़्त में सभी के लिए एक वोडका का पैक बनाकर ले आई और कहा कि जमकर मालिश हो रही है. फिर मैंने कमला को भी वोडका पीने के लिए फोर्स किया और उसे पसंद भी बहुत आया.

अब कमला को थोड़ा-थोड़ा नशा होने लगा था तो श्रेया ने कहा अपनी मालिश तो पूरी कर ले और कमला के हांथो के पास अपने बूब्स ले आयी और मालिश करवाने लगी जिससे कमला थोड़ी गर्म हो चुकी थी. फिर धीरे-धीरे मैंने कमला के पैरो पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और वो मदहोश होने लगी थी. मैंने और श्रेया ने माहोल और गर्म करने के लिए नॉटी बातें शुरू कर दी थी, तभी श्रेया ने कमला से पूछा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो कमला बोली कि हाँ मुझे एक लड़का पसंद है.

फिर हम समझ गयी थी कि अब वो खुल रही है इसलिए मैंने भी अब अपना टॉप निकाल दिया और ऐसे ही बातें करने लगी. फिर श्रेया धीरे-धीरे कमला के नज़दीक होती गयी और उसकी स्कर्ट में हाथ डाल दिया. कमला को मज़ा आ रहा था इसलिए वो कुछ नहीं बोली फिर श्रेया धीरे-धीरे ने अपना पूरा हाथ कमला की पेंटी में डाल दिया.

अब कोई औपचारिकता नहीं बची थी. हम तीनों काफ़ी गर्म हो चुकी थी. श्रेया और कमला दोनों किस करने लगी थी और में भी कमला के कपड़े उतारने लगी थी और धीरे-धीरे मैंने कमला के पूरे बदन को चूमना चालू किया और उसके बूब्स दबाने लगी. कमला के मुँह से आह्ह्ह्ह आआआअ की आवाज़ निकलने लगी तभी श्रेया ने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी थी. अब कमला को हमने पूरा नंगा लेटा दिया और श्रेया उसकी चूत को चाटने लगी, में बूब्स की बड़ी शौकीन हूँ इसलिए में कमला के बूब्स मुँह में लेने लगी. कमला की तड़प से हमें पता चल गया था कि वो कितना मजा ले रही है. श्रेया को उसकी चूत बहुत पसंद आई थी. फिर मुझे भी अपनी चूत चटवाने का मन किया तो में कमला के मुँह के ऊपर जाकर बैठ गयी और कमला भी उसे जोर ज़ोर से चाटने लगी और मेरा सारा पानी निकलकर उसके मुँह में चला गया.

अब श्रेया से रहा नहीं गया और वो अपने पर्स में से एक नकली प्लास्टिक का लंड निकालकर ले आई (वो जब भी मेरे घर आती है डिल्डो ज़रूर लाती है, आप समझ जायेंगे क्यों?) श्रेया ने डिल्डो बाँध कर कमला की चूत में घुसा दिया. मुझे पता था कमला ज़ोर से चीखेगी इसलिए मैंने पहले से ही कमला का सिर अपनी गोदी में ले लिया था और जब वो चिल्लाने वाली थी तो उसका मुँह दबा दिया.

फिर श्रेया ने धीरे-धीरे डिल्डो अंदर डालना शुरू किया और कमला को भी चुदाने में मजा आने लगा. में पीछे से उसके बूब्स मसल रही थी, बस अब कमला का पानी निकलने वाला था और श्रेया ने ज़ोर-ज़ोर से चोदना चालू कर दिया था. फिर कमला की तड़प बहुत बढ़ने लगी थी और उसे देख कर हम दोनों की तड़प बढ़ रही थी और वो उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रही थी. फिर कमला को चोदने के बाद अभी भी श्रेया का मन नहीं भरा था और उसकी प्यास बुझाने के लिए मैंने अपनी चूत को भी उसके आगे कर दिया. फिर उसने मुझे भी जमकर चोदा, जिसके बाद हम तीनों बहुत थक चुके थे और फिर एक दूसरे के साथ लिपट कर सो गये.

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बिना झांट वाला बुर मेरी भांजी की

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गोलू है और में छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. मेरी हाईट 5 फीट 7 इंच है और में दिखने में एकदम ठीक-ठाक हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ और यह एक सच्ची घटना है जो मेरे साथ 2012 में घटित हुई थी. में उस समय वहां एक कम्पनी में नौकरी कर रहा था तो उस समय संगीता की माँ से मेरी जान पहचान हो गई और धीरे धीरे वो मुझे अपना भाई मानने लगी और में अपनी छुट्टियों के दिन शनिवार और रविवार वहीं पर रहता था और में जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो संगीता और मेरे बीच की है. संगीता की उम्र 18 साल थी और उसके फिगर का साईज 32-28-32 था और वो दिखने में भी बहुत सुंदर थी. दोस्तों संगीता की चाल बहुत ही मस्त थी और जब वो चलती है तो गजब ढाती थी और इसी तरह हम दोनों में जान पहचान हो गई और वो और में एक दूसरे को चाहने लगे और जब कभी भी में उसके घर पर जाता तो हम एक दूसरे को गले मिलकर आई लव यू बोलते थे.

फिर धीरे धीरे हमारी बात किस तक जा पहुंची और उसे किस करने से भी लिप किस करना ज्यादा पसंद है तो हम लिप किस करते थे. उसे चॉकलेट खाना बहुत ज्यादा पसंद था इसलिये में हमेशा उसके लिए चॉकलेट लेकर जाता था. वो चोकलेट तभी लेती थी जब में चोकलेट अपने लिप्स में पकड़कर उसके लिप्स में देता था. यह सिलसिला कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा और फिर में जब भी उसके घर रुकता तो वो मुझे गुड नाईट कहकर अपने रूम में चली जाती थी.

संगीता कभी कभी मेरे ऊपर सो जाती थी और अपनी कुरती को ऊपर कर लेती थी ताकि दोनों के शरीर टच हो और फिर हम लिप किस करते थे. हमारा यह सिलसिला कुछ दिनों तक जारी रहा फिर लिप किस करना बूब्स को दबाना, मसाज करना आम बात होने लगी. में उसके नरम मुलायम बूब्स को आम बोलता था.

एक बार जब में उसके यहाँ पर रात रुका तो उसकी माँ, संगीता और में हम तीनों ही थे और तब यह घटना घटी. उस रात को वो मेरे रूम में गुड नाईट बोलने के लिए आई तो मैंने उससे पूछा कि क्या कुछ करना है? तो वो बोली कि क्या करना है? मैंने कहा कि सेक्स, तो वो बोली ठीक है, लेकिन ऐसा करने से कोई समस्या तो नहीं होगी ना? फिर मैंने कहा कि नहीं कुछ नहीं होगा और अगर तुम्हे दर्द भी होगा तो मेरे पास उसका भी इलाज है और फिर वो सेक्स के लिए तैयार हो गई.

हमने लिप किस किया और में उसके बूब्स को दबाने लगा फिर हम एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे और वो मोन कर रही थी जो मुझे और भी ज्यादा गरम कर रहा था. फिर में उसके बूब्स को सक करने लगा तो उसने मुझसे कहा कि वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और फिर 15 मिनट सक करने के बाद हमने एक दूसरे के कपड़े उतारे. उसने पहले से ही अपनी चूत को और जिस्म के हर एक हिस्से के बालों को साफ किया हुआ था, शायद वो भी पहले से ही मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी और मैंने देखा कि उसकी चूत बहुत मस्त थी. मैंने उससे कहा कि मेरे लंड को छुओ.

उसने मेरे लंड को छुआ तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि में स्वर्ग में पहुंच गया हूँ और थोड़ी ही देर बाद लंड को हिलाने के बाद मेरे कहने पर उसने मेरे लंड को किस किया और अपने मुहं में ले लिया. दोस्तों में आपको बता नहीं सकता कि मुझे कैसा लग रहा था. जब उसने मेरे खड़े लंड को अपनी जीभ घुमाते हुए अपने मुहं में ले लिया तो ऐसा अहसास मुझे आज तक कभी भी नहीं हुआ जैसा उस दिन हुआ था. फिर वो 15 मिनट तक सक करती रही और जब वीर्य निकलने वाला था तो उसने वीर्य को नीचे गिरा दिया.

फिर में भी उसे खुश करने के लिय उसकी चूत को चाटने लगा, उसका स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट था और वो एकदम पागल हुए जा रही थी. उसे यह इतना अच्छा लग रहा कि जब वो झड़ी तब थोड़ी देर आराम करने के बाद मैंने उससे कहा कि मुझे तुम्हे चोदना है. फिर वो बोली कि ठीक है चोद लो. मैंने उससे कहा कि आगे नहीं पीछे से तो पहले तो उसने बहुत मना किया और कहा कि मैंने इसके बारे में सुना नहीं है कि ऐसा भी होता है, लेकिन मेरे समझाने पर वो मान गई और उसने कहा कि पहले कंडोम लगा लो. फिर मैंने वेसा ही किया, मैंने कंडोम लगाया और उसे झुककर खड़े होने को कहा तो वो खड़ी हो गई.

फिर में लंड को उसकी गांड पर धीरे धीरे दबाने लगा, लेकिन मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था और मुझे दर्द हो रहा था क्योंकि यह मेरा पहला टाईम था. फिर उसने मेरे लंड को पकड़ा और मैंने एक ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा लंड 5 इंच अंदर चला गया और वो दर्द के कारण ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और चीखने चिल्लाने लगी और कहने लगी कि प्लीज बाहर निकालो नहीं तो में मर जाऊँगी. फिर में लंड को बाहर निकालकर उसे लिप किस करने लगा और जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने फिर से चोदना शुरू किया और इस बार भी उसे दर्द हुआ, लेकिन थोड़ा कम और उसकी गांड से थोड़ा खून निकल रहा था.

फिर थोड़ी ही देर में उसे भी मज़ा आने लगा और वो अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ने वाला था और वो दो बार झड़ चुकी थी.

फिर में मेरी उंगली से उसे चोदने लगा था और जब में उसकी गांड में झड़ा तो उसके बाद हम दोनों ने थोड़ी देर बेड पर लेटकर आराम किया और वो मुझसे कहने लगी कि गोलू तुम बहुत अच्छे हो तुमने आज मुझे जन्नत में पहुंचा दिया और मुझे आज मेरी गांड को चुदवाने में बहुत मजा आया और फिर वो सोने चली गई.

दूसरे दिन सुबह हमने फिर से किस किया और मैंने उसके बूब्स दबाए और फिर में उसके घर से चला गया क्योंकि मुझे ऑफिस जाना था. फिर उसके बाद जब में अगले शनिवार को उसके घर पर गया तो वो दरवाजे पर ही लिप किस करने लगी और हमने एक दूसरे के मुहं से चॉकलेट खाई. उस रात हमने ज्यादा कुछ नहीं किया क्योंकि उसकी माँ सोई नहीं थी तो हमने लिप किस किया और मैंने थोड़ी देर उसके बूब्स चूसे और उसके बाद वो मुझे पिछले सप्ताह के लिए धन्यवाद बोली और सोने चली गई. फिर अगले दिन फिर हमने किस किया और वो बोलने लगी कि प्लीज आज मुझे चोदना नहीं और आज उसकी आवाज़ इतनी सेक्सी थी कि मेरा मन कर रहा था कि उसके कपड़े फाड़कर उसे वहीं पर चोद दूँ, लेकिन उसकी मम्मी दूसरे रूम में थी.

हमने कुछ नहीं किया और दोस्तों जब भी में उसके घर पर जाता था तो वो ब्रा नहीं पहनती थी क्योंकि कभी भी मुझे मौका मिलने पर वो मुझे अपने बूब्स को सक करने देती थी. फिर दिन भर तो किस और बूब्स को चूसने में निकल गया और जब रात हुई तो वो मेरे रूम में आई और बोली कि मम्मी सो गई है, आज रात मुझे चोदो ना प्लीज.

मैंने कहा कि आज में सामने से चोदूंगा तो वो मना करने लगी और कहने लगी कि जब मुझे तुम उंगली से चोदते हो तो मुझे उतना मज़ा नहीं आता जैसा पिछले शनिवार को आया था, प्लीज एक बार फिर वैसे ही पीछे से चोदो ना.

मैंने कहा कि मेरी रानी मेरे लंड से एक बार आगे से चुदकर तो देखो अगर तुम्हे मज़ा नहीं आए तो बोलना. फिर हमने एक दूसरे के कपड़े उतारे, लिप किस, बूब्स सक किए हमे ऐसा करते हुए एक घंटा हो गया और फिर वो मेरे लंड को 5 मिनट तक चूसती रही और फिर थक गई और बोली कि प्लीज अब मुझे चोदो ना, में अब और इंतजार नहीं कर सकती, प्लीज जल्दी से चोदो ना मुझे.

दोस्तों मुझे उसका यह सब मुझसे कहना और अपनी चुदाई के लिए आमन्त्रित करने का अंदाज़ बहुत अच्छा लगा और आज भी मेरे कानों में उसकी वही आवाज़ आती है. फिर में उसकी कामुक चूत को अपनी एक उंगली और जीभ से चोदने लगा और वो अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा लंड अपनी चूत की गहराईयों में लेने की कोशिश करने लगी और में बहुत मज़े से उसकी चूत को चोदने लगा और कुछ देर के बाद वो बोली कि प्लीज अब मेरी इस प्यासी चूत के अंदर अपना लंड डालो ना, मुझे तुम्हारा लंड अपनी चूत के अंदर महसूस करना है और थोड़ी देर उसे परेशान करने के बाद जब वो झड़ गई तो फिर उसने कहा कि प्लीज चोदो ना मुझे और अब मुझसे उसकी सेक्सी आवाज़ सुनकर रहा नहीं गया और जैसे ही में लंड को उसकी चूत के पास लेकर गया तो वो बोली कि रूको पहले कंडोम लगा लो.

मैंने कंडोम लगाया और एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरा आधा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया और उसकी आँखों से आंसू बाहर आने लगे. फिर में एकदम से रुका और उससे पूछने लगा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ भी नहीं, प्लीज तुम तो मुझे लगातार चोदो. दोस्तों तो फिर क्या था? मैंने फिर से एक ज़ोरदार धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और उसकी आँख से और भी तेज़ी से आँसू बाहर आने लगे.

तो वो मुझसे बोलने लगी कि प्लीज रूको मत, चोदते रहो और फिर करीब एक मिनट चोदने के बाद में अचानक से रुक गया तो वो बोलने लगी कि क्या हुआ अब क्यों रुक गये? तो मैंने कहा कि तुम्हारी चूत से खून निकल रहा है और जब मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर देखा तो कंडोम पर भी खून लगा हुआ था फिर क्या था कंडोम को उसने निकालकर फेंक दिया और मुझसे कहा कि मुझे चोदो ना प्लीज बहुत मजा आ रहा है और फिर 20 मिनट तक लगातार बिना रुके चोदने के बाद में झड़ने वाला था और तब तक वो तीन बार झड़ चुकी थी. फिर उसने मुझसे कहा कि अपना वीर्य अंदर मत निकालना.

वो लंड को चूत से बाहर निकालकर हाथ में लेकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और मुझसे कहने लगी कि वाह मुझे बहुत मज़ा आया, हम ऐसा रोज़ नहीं कर सकते क्या? तो मैंने कहा कि मेरी रानी मुझे ऑफिस जाना होता है, अगर में यहाँ पर रहूँगा तो लेट हो जाऊंगा. फिर हम सो गये और हमारी यह लव स्टोरी कुछ सालों तक चलती रही. फिर में वहां से करीब दो साल के बाद अपनी नौकरी छोड़कर छत्तीसगढ़ आ गया, लेकिन अभी भी हमारे बीच बातचीत होती रहती है.

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आंटी की चूत और सुहाना सफ़र

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेनेश है और कुछ 8-10 महीने पहले की बात है. में एक दिन भिंड से ग्वालियर बस से आ रहा था. बस में बहुत भीड़-भाड़ थी और सीट भी खाली नहीं थी तो में अपना बैग लेकर सबसे पीछे की सीट पर जाकर बैठ गया और वाह री मेरी किस्मत मेरे बगल में ही कोई 30 साल की एक लेडी बैठी हुई थी जो दिखने में कुछ ख़ास नहीं थी, लेकिन भरे पूरे बदन की मालकिन थी और एक नज़र में देखकर लगता भी नहीं था कि उसकी उम्र 30 साल के आस-पास होगी. वो खिड़की के बिल्कुल बगल में बैठी थी और फिर उसके बगल में और फिर मेरी बगल में एक बुजुर्ग औरत और फिर उसके 2-3 नाती पोते बैठे थे और ये देखकर मैंने मन ही मन में सोचा की कुछ बात बन सकती है.
फिर क्या था? बस ने चलना शुरू किया, सर्दियों का टाईम था और बहुत ही ज्यादा ठंड लग रही थी और हाथ पैर काँप रहे थे. अचानक ही एक तेज झटका लगा और मुझे ऐसा एहसास हुआ कि किसी ने मेरा हाथ कसकर पकड़ लिया हो, मैंने चोर नज़र से देखा कि उस औरत ने मेरा हाथ कसकर पकड़ लिया था. मैंने धीरे से बस की भीड़-भाड़ और डर की वजह से अपना हाथ छुड़ा लिया और फिर कुछ देर बाद फिर से झटका लगा और फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. इस बार मेरी हिम्मत कुछ बढ़ी, उसने शॉल ओड़ रखी थी और फिर मैंने अपने एक हाथ को उसकी शॉल के अंदर कर लिया, उसके कोमल हाथों का स्पर्श मुझे भी अच्छा लग रहा था और मुझे भी मज़ा आ रहा था. अब तो धीरे-धीरे मेरे लंड देव भी फनफनाने लगे थे.
अभी कुछ आधा घंटा ही निकला था कि एक और झटका लगा और मुझे उसका पेट छूने का अवसर भी प्राप्त हुआ और मैंने हिम्मत करके अपने हाथ को उसके पेट से नहीं हटाकर मैंने उसके पेट पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और मुझे ऐसा महसूस हुआ कि उसे भी अब मज़ा आ रहा था. फिर मैंने हाथों को फेरना चालू रखा, अब में सोच रहा था कि आगे का काम कैसे पूरा होगा?
तभी उसने अपनी शॉल को खोला और कुछ ऐसे लपेटा कि में भी उसके साथ ढक गया, अब क्या था? मुझे पता था कि जैसे ही अंधेरा होगा बस की भी लाईट ऑफ हो जायेगी और कुछ ही देर बाद बस के अंदर की भी लाईट ऑफ हो गयी और बस अब अपनी फुल स्पीड में चल रही थी. कुछ ही देर में एक शहर आने वाला था जहां कुछ सवारियां और चढ़ती है और बस पूरी तरह से फुल हो जाती है.
तो तब तक में उसके बूब्स को ऊपर से ही दबाता रहा और पेट से अंदर उसकी साड़ी में हाथ डाल कर उसकी चूत का मुआयना भी किया, उसकी चूत पर बहुत ही बड़े-बड़े बाल थे, ऐसा लग रहा था जैसे कई सालो से साफ नहीं किए हो. फिर उसने भी मेरी पैंट की जिप खोलकर मेरे लंड देव को खूब मस्ती दी.
बस थोड़ी देर के लिए रूकी तो में समझ गया कि शहर आ गया है फिर में थोड़ा सा संभलकर बैठ गया और पीछे वाली सीट पर एक और लेडी आकर बैठ गयी तो हमारी दिक्कत कुछ और बड़ गयी. फिर बस ने चलना शुरू किया. इस पूरी यात्रा के दौरान हम दोनों के बीच में किसी भी प्रकार की कोई भी बात-चीत नहीं हुई थी और बस फिर से चल पड़ी और हम दोनों फिर से अपने-अपने काम में लग गये.
फिर एक जगह बस ने ज़ोर से जम्प किया तो वो उछलकर मेरे पैरो पर बैठ गयी तो में समझ गया था. फिर क्या था? मैंने भी अपनी पैंट की जीप को खोला और उसने भी अपनी साड़ी को नीचे से उठा दिया, सबसे अच्छा तो यह था कि उसने अन्दर पेंटी नहीं पहनी हुई थी और फिर वो मेरे लंड पर बैठ गयी और धीरे- धीरे अपने वजन को मेरे ऊपर बड़ाने लगी और मेरा लंड तो जैसे इसी तलाश में था और एक चाकू की तरह उस केक को काटता हुआ उसके अंदर घुसने लगा था.
फिर मैंने धीरे से उसके मुँह पर हाथ रखा तो उसने मेरी उंगली को काट लिया तो में समझ गया कि वो बिल्कुल गर्म हो चुकी है. अब तो वो हर बस के झटके के साथ और ज़ोर से उछलती और मेरा लंड पूरा उसके अंदर समाता चला जाता. रात होने की वजह से अधिकतर यात्री सो रहे थे या फिर आँखे बंद किए हुए थे, लेकिन मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं थी. मुझे तो जैसे स्वर्ग ही मिल गया था.
में अपने दोनों हाथों से उसके निप्पल को दबा रहा था और मुझे महसूस भी हो रहा थी कि उसके बूब्स से दूध टपक रहा था, लेकिन मुझ पर तो जैसे कोई नशा सा छा गया था, मुझे तो अब कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था. वो उछल-उछल कर चुद रही थी और में इस अनोखी चुदाई यात्रा का मज़ा ले रहा था, उसके नीचे के बाल जो बहुत ही बड़े थे वो मुझे एक अलग ही सुख प्रदान कर रहे थे. में अपने एक हाथ से उसकी झांटो की लम्बाई नापने की नाकाम कोशिश कर रहा था.
फिर अचानक ही मुझे ऐसा लगा कि उसका जोश कुछ ज़्यादा ही बड़ गया था और उसने अपने उछलने की स्पीड को और बड़ा दिया, उसकी चूत एकदम से गीली हो गयी और मेरा लंड बड़े ही आराम से उसकी चूत को फाड़ रहा था. में तो जैसे सातवें आसमान पर था और उसने झटको को और तेज कर दिया, उसकी चूत से पानी ही पानी निकल रहा था. उसने एकदम से कसकर मेरे कंधो को पकड़ लिया तो में समझ गया कि इसका काम तो हो गया, लेकिन मेरा नहीं हुआ था और उसे भी ये पता था. उसको तो जैसे हर चीज़ का अनुभव था, उसने झट से मेरे गीले लंड को अपनी मुट्ठी में बंद किया और झुककर मेरी मुठ मारने लगी.
फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भी ले लिया और मुझे भी लगने लगा कि में भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसके सिर को ज़ोर से अपने लंड पर दबा दिया तो मेरा लंड उसके गले तक चला गया. अब उसके गले से आवाज़ निकल रही थी और मेरे लंड से वीर्य निकल रहा था, जब उसने मेरा पूरा वीर्य पी लिया तो मैंने अपना दवाब कुछ कम कर दिया.
फिर उसने अपनी शॉल से मेरे लंड को साफ किया और लगभग आधे घंटे के बाद वो बस से उतर गयी, लेकिन मुझे ये अनोखी यात्रा ऐसी लगती है जैसे ये कल की बात हो और एक एक लम्हा अच्छी तरह से वीडियो की तरह मेरे दिमाग़ में है.

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बरसात में मिली मम्मी की बुर

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हाय दोस्तो मेरा नाम वरुण है। में पुणे मुंबई का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 19 साल है। में बी.कॉम. प्रथम वर्ष का स्टूडेंट हूँ। मेरी लम्बाई 5.8 इंच है। रंग गोरा लंड का साइज़ 8 इंच है। मेरी फेमिली मे 4 मेंबर है। मेरे पापा श्याम तलपडे जिनकी उम्र 40 साल है। मेरी माँ प्रिया उम्र 38 साल है। रंग गोरा फिगर 38-36-38 है। पेशे से स्कूल टीचर है दिखने मे काफ़ी हॉट हैं। मेरी छोटी बहन नेहा जिसकी उम्र 18 साल है। रंग गोरा और फिगर 36-34-36 है। वक़्त से पहले जवान हो गई है। दोस्तो ये घटना अभी कुछ दिन पहले की है। सुबह से ही बरसात हो रही थी और उस दिन बहुत ज्यादा बरसात हो रही थी। माँ स्कूल गई थी और पापा ऑफीस गये थे। पापा का ऑफीस तो पास मे ही है पर माँ को काफ़ी दूर जाना पड़ता था। काफ़ी बारिश होने के कारण सब कुछ ठप हो गया था तो शाम को पापा का फोन आया की वरुण तुम जा कर अपनी माँ को रिसीव कर लेना।
मैं एक ऑटो पकड़ कर माँ के स्कूल 7:30 बजे पहुँचा और उन्हे लेकर बाहर आ गया पर बाहर काफ़ी तेज़ बारिश हो रही थी। जिसके कारण कोई भी गाड़ी नही मिल रही थी। हम वही एक जगह खड़े हो कर इंतज़ार करने लगे धीरे धीरे अंधेरा हो रहा था और सड़क पर कोई भी गाड़ी नज़र नहीं आ रही थी। काफ़ी देर इंतज़ार करने के बाद हम कुछ दूर पैदल ही चल पड़े बारिश मे माँ की साड़ी भीग जाने के कारण उनका फिगर काफ़ी अच्छा लग रहा था। पूरी सड़क सुनसान पड़ी थी हम काफ़ी भीग चुके थे और अब हमे उम्मीद नही थी कि कोई गाड़ी हमेमिलेगी तो मैने माँ से कहा की माँ अब लगता है कि कोई गाड़ी नही मिलेगी यहीं पास के मोहल्ले मे ही मेरे दोस्त का घर है जो उसने मुझे किराये के लिए दिया था और में उसकी चाबी भी ले आया हूँ अगर आप कहे तो आज की रात हम वही गुजार ले तो माँ ने कहा ठीक है।
अब इसके अलावा कोई चारा भी नही है तो फिर हमने घर पर पापा को फोन पर बताया की आज हमे कोई गाड़ी नही मिल रही है और हम यही पास के एक मकान मे रुक रहे हैं। तो पापा ने कहाकी कोई बात नही बस तुम लोग आराम से तो हो ना कल सुबह जब बारिश कम होगी तो आ जाना। फिर हम आगे बड़े तो माँ ने कहा की मुझे तो भूख भी लगी है। तो मैने कहा की पास ही एक ढाबा है। जहाँ अच्छा खाना मिलता है और हमने वहा से खाना पैक कराया।
ढाबे के सामने एक बीयर और वाइन शॉप थी तो मैने माँ से कहा की माँ मुझे काफ़ी ठंड लग रही क्या में एक बीयर ले लूँ। तो माँ ने मौके की नज़ाकत को देखते हुये हाँ कर दी तो मैने वहां से दो बीयर ली और चल पड़े दोस्तके घर पहुंचे और ताला खोला और वहां कोई हमारे पास कोई कपड़ा नहीं था और हमारे सारे कपड़े भीग गये थे। तो माँ ने कहा कि अब क्या करे तो मैने कहा की माँ यहाँ पर कोई नही है और आप चाहे तो अपने कपड़े निकाल कर रह सकती है। क्या करे? हमारी मज़बूरी है अगर नही निकाले तो ठंड लग जायेगी तो मैने और माँ ने अपने आधे कपड़े निकाल दिए और फिर हमने खाना खाया और फिर मैने एक बीयर पी मैने माँ से कहा कि माँ आप भी एक दो घूंट ले लो इससे आराममिलेगा पहले तो माँ ने मना कर दी पर बाद मे ले ली।
पहले तो माँ को थोडी कड़वी लगी पर बाद मे माँ ने आधी से ज्यादा बोतल ख़त्म कर दी माँ को धीरे धीरे नशा चड़ने लगा साड़ी और ब्लाउज मे माँ भीगी हुई काफ़ी सेक्सी लग रही थी। तो मैने माँ से कहा की माँ अगर आप ये भी कपड़े उतार दे तो आपको ठंड नही लगेगी और आपको यहाँ कोई देख भी नहीं रहा। तो माँ ने अपने साड़ी ब्लाउज भी निकाल दिया माँ पिंक कलर की ब्रा और पेंटी मे थी। उनके गोरे और मोटेबूब्स ब्रा से बाहर आ रहे थे। उन्हे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था और मेरे मन मे अजीब सी अकुलाहट हो रही थी। मन कर रहा था की माँ को चोद दूँ। फिर माँ ने मुझसे भी अपनी टी शर्ट और पेंट निकालने को कहा और मैने उसे निकाल दिया। फिर मैने माँ से कहा की माँ आपकी तो ब्रा पेंटी भी भीग गई है। आप इसे भी उतार दो वरना आपके शरीर पर धब्बे पड जायेंगे। तो माँ ने कहा की हाँ वरुण तू सही कह रहा है और तुझसे क्या शर्माना और माँ ने अपनी ब्रा और पेंटीभी उतार दी।
अब उनके मोटे मोटे बूब्स मेरी आँखो के सामने झूल रहे थे। जिसे देख कर मेरा लंड एकदम तन के लोहा हो गया था जो मेरी अंडरवियर के उपर से साफ दिखाई दे रहा था। तो माँ ने कहा कि बेटा तेरा भी अंडरवियर भीग गया है तो तू भी इसे उतार दे तो मैने भी अपना अंडरवियर उतार दिया। फिर क्या था मेरा 8 इंच लंड एकदम माँ के सामने था और माँ की नज़र मेरे लंड पर थी उसे देख कर माँ ने कहा की बेटा तू तो अब काफ़ी जवान हो गया है तेरी तो अबशादी करनी पड़ेगी। तो मैने माँ से कहा की माँ अगर आपको बुरा ना लगे तो एक बात कहूँ तो माँ ने कहा कि क्या तो मैने कहा की माँ आप भी बहुत सेक्सी है तो माँ ने कहा कि क्या तेरा ये हाल मेरे ही कारण है।
फिर मैने कहा की माँ आप इतनी सेक्सी है कि आपको देख कर तो भूतो का भी लंड खड़ा हो जाए तो माँ ने कहा की बेटा तेरा भी लंड इतना बड़ा है कि किसी भी औरत का मन तुझसे चुदाने को करेगा। तो मैने कहा की माँ क्या आपको भी मन कर रहा है। तो माँ नेकुछ नही कहा और एक हल्की सी स्माइल दे दी। मैं समझ गया की माँ की हाँ है और झट से मैने माँ के बूब्स पकड लिए और उन्हे दबाने लगा तो माँ ने भी हाथ आगे करके मेरे लंड को अपने हाथ मे थाम लिया और रब करने लगी। फिर क्या था मैने माँ के बूब्स को बारी बारी से दबाना चालू कर दिया और उसे मुँह मे लेकर चूसने लगा। माँ के मुँह से आवाज़ निकल रही थी आआहाआ फिर काफ़ी देर के बाद माँ नीचे झुकी और मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया औरचूसने लगी।
मुझे तो जैसे स्वर्ग के दर्शन हो रहे थे कि एक तो बारिश का सुहाना मौसम और ऊपर से माँ जैसी सेक्सी औरत मेरा लंड चूस रही हो काफ़ी देर बाद मैने माँ को खड़ा किया और उनकी चूत पर हाथ फेरा और अपनी एक उंगली उनकी चूत मे डाली और कहा माँ आपकी चूत तो अभी भी बहुत टाइट है क्या पापा आपको चोदते नही है। तो माँ ने कहा की नही बेटा वो तो महीने दो महीने मे एक बार चोदते है और वो भी कुछ देर के लिए। तो मैने कहा की माँ आपचिंता मत करो अब मैं हूँ ना मुझे आप अपना दूसरा पति समझो और जब भी मन करे आ जाना मेरा लंड तुम्हारे लिए खड़ा है। तो माँ ने कहा की सच बेटा अब देर मत कर और जल्दी से अपनी माँ को अपना बना ले।
फिर मैने माँ को घोड़ी बनाया और अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाकर माँ की चूत पर लगाया और एकदम जोरदार धक्का मारा और आधा लंड माँ की चूत मे उतार दिया माँ जोर से चिल्लाई और उनकी आँखो मे आँसू आ गये तो मैने कहा कि माँ ज्यादा दर्द हो रहा होतो बाहर निकाल लूँ। तो माँ ने कहा की नही बेटा ये तो ख़ुशी के आंसू है और इस दर्द के लिए तो ना जाने मैं कब से तरस रही हूँ। बस तू मुझे चोद और ज़ोर से चोद फाड़ दे अपनी माँ की चूत को। फिर क्या था मैने धक्के लगाने चालू किए तो पहले तो माँ को काफ़ी दर्द हो रहा था पर बाद मे उनका दर्द कम होता रहा और वो भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी पूरे कमरे मे हमारी चुदाई की आवाज़ गूँज रही थी और करीब 35 मिनिट के बाद मुझे लगा कि में अब झड़ने वालाहूँ। इस बीच माँ दो बार झड़ चुकी थी और फिर मैने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी और अपना माल माँ की चूत मे ही छोड़ दिया और फिर माँ ने मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाल कर उसे चूसा और कहा बेटा मज़ा आ गया।
फिर मैने कहा की माँ असली मज़ा तो अब आयेगा जब मैं आपकी गांड मारूँगा तो माँ ने कहा की बेटा मेरी गांड तो कब से प्यासी है। लास्ट बार तेरे मामा ने ही मारी थी। पिछले साल जब वो आर्मी से वापस आये थे। तो मैं ये सुनकर चोक गया कि माँ अपने सगे भाई से भीचुदवाती हैं और फिर मैने माँ की गांड भी मारी और उस रात मैने माँ को 5 बार चोदा 3 बार उनकी चूत मारी और दो बार उनकी गांड मारी फिर सुबह बारिश रुकने के बाद हम घर पहुंचे और उस दिन के बाद मैं लगभग रोज़ माँ को चोदता हूँ। दोस्तो मुझे आशा है की आपको मेरी यह स्टोरी जरुर पसंद आयेगी ।

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सेक्सी शब्बो भाबी के गांड मारने की मज़ा

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दोपहर हो चली थी, शब्बो ने खेत में काम करने गए अपने देवर सलीम के लिए खाना बांधा ओर अपनी बेटी कहकशाँ को आवाज़ दीशब्बो- बेटी कहकशाँ, जा तू खेत में अपने चाचू को खाना दे आ!कहकशाँ- नहीं जाऊँगी… मुझे अभी हुसैना के घर जाना है।बाहर शब्बो का शराबी और जाहिल शौहर आलम मियाँ अभी तक चारपाई पे बैठा हुक्का गुड़गुड़ा रहा था।शब्बो ने सोचा कि वो उसे ही कह देगी भाई का खाना देकर आने को!शब्बो खाना बांध कर बाहर लाई और अपने मिंया से बोली- जाओ सलीम को खाना दे आओ!यह सुनते ही आलम-मियाँ भड़क गए- साली, माँ की लौड़ी, मुझे बोल रही है? तेरे बाप का नौकर हूँ मादरचोदी?

शब्बो कुछ नहीं बोली, वह जानती थी कि इस हरामी पिल्ले को बोलने का कोई फायदा नहीं, यह ना काम का, ना ठुकाई का, बस दुश्मन रोज ढाई सेर अनाज का।

वह खुद ही बुरका पहन खाना लेकर खेतों की ओर चली।

उनके खेतों में सलीम मजदूरों के साथ काम कर रहा था, माथे से बहता पसीना और उसका गठीला बदन जो मेहनत करते करते लोहे सा मजबूत हो गया था।

शब्बो ने खाना खेतों के बीच बने एक छोटी कोठरिया में रख दिया और बाहर काम कर रहे एक मजदूर को बोली- सलीम को बोल कि खाना खा लेगा।

मजूदर ने जाकर सलीम को बोला कि आपकी भाभीजान आपको खाने के लिए बुला रही हैं।

सलीम वहीं काम छोड़ कर चल पड़ा।

कोठरी में पहुँच कर उसने सब मजदूरो को कहा- जाओ, तुम भी खा पी लो!

यह सुन कर सब लोग वहाँ से चले गए, सलीम उस कोठरी के अंदर गया और दरवाजा अंदर से बन्द कर लिया।

शब्बो ने उसे एक तौलिया दिया, सलीम ने अपने माथे का पसीना पोंछा लेकिन उसकी नज़र बिना झुके ही शब्बो से मिल रही थी बल्कि शब्बो अपनी नज़र बार बार चुरा रही थी।

सलीम ने तौलिया नीचे रखा और दरवाज़ा बंद कर लिया, जाकर चारपाई पर बैठ गया।

सलीम ने एक मिनट के लिए भी अपनी नज़र अपनी शब्बो भाभी जान के बदन से नहीं हटाई।

शब्बो ने पास रखा खाना सलीम की तरफ बढ़ा दिया तो सलीम ने शब्बो का हाथ पकड़ा और उसे खींच कर अपनी गोद में बैठा लिया।

शब्बो- मत कर जाने दे मुझे !

सलीम- अभी नहीं पहले मुझे प्यार करने दो भाभीजान !

शब्बो- देख कोई आ जायेगा…

सलीम- नहीं आएगा, मैं हूँ न, यहाँ मेरी इजाज़त के बिना कोई नहीं आता।

यह यह बोलते ही सलीम ने शब्बो के बोबे, जांघ ओर पीठ पर हाथ फिरने लगा।

शब्बो- रात को करेंगे, अब जाने दे मुझे!

सलीम- भाभीजान, बस एक बार करने दो, फिर चली जाना। मुझसे रात तक सब्र नहीं हो पाएगा !
सलीम ने शब्बो को अपने ऊपर से हटा के साथ में लिटा दिया और झट से खड़ा हुआ, अपनी लुंगी खोली, चड्डी नीचे की और लण्ड को हाथ में पकड़ दो तीन झटके दिए।

शब्बो उसे ऐसा करते ही देख रही थी कि सलीम चारपाई पर आ गया और अपना लण्ड सीधा शब्बो के होंठों पर रख दिया।

लौड़ा भी बड़ी तेज़ी से खड़ा होकर अपनी औकात पर आ गया। लेकिन शब्बो ने अपना चेहरा एक तरफ कर लिया।

लगभग एक हफ्ते पहले की ही बात है, रात को जब अपने निकम्मे शौहर को छोड़ शब्बो अपनी मर्जी से अपने देवर सलीम के कमरे में आई थी और उसको अपना शौहर बना लिया था।

लेकिन इन औरतों का मूड भी शेयर-मार्किट जैसा होता है, ना जाने कब खुद-ब-खुद चुदवाने आ जाए, ना जाने कब मना कर दे!

सलीम वापस खटिया पर बैठ गया और एक हाथ से भाभी के बूबे दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी पीठ सहलाने लगा।
अपना सर उसने भाभी के कंधे पर रखा और उसकी गर्दन को सूंघने और चुम्मियाँ लेने लगा लेकिन अभी अभी शब्बो कुछ खास जवाब दे नहीं रही थी।

सलीम ने अपना हाथ थोड़ा और नीचे किया और भाभी की जांघों को सहलाने लगा।

धीरे धीरे से उसने भाभी के बुरके को ऊपर खींचना शुरू किया। अंदर शब्बो ने केवल गाऊन और उसके नीचे घाघरा ही पहना था, वो भी बिना कच्छी के!

अब सलीम ने अपना हाथ भाभी की जांघों के बीच थोड़ा और अंदर किया और उसकी उंगलियाँ भाभीजान की जांघों को छूने लगी।

वो धीरे धीरे से भाभी की भोंस की गहराई पर उंगली फेरने लगा।

थोड़ी देर बाद, सलीम के सब्र का बांध टूट गया और वो तुरन्त ही अपने घुटनों के बल फर्श पर बैठ गया।

भाभीजान की दोनों टांगों को उसने अपने कंधों पर लिया और उनके भोंसड़े को लबालब चाटने लगा।

शब्बो भी धीरे धीरे से मस्ती में आने लगी और अपनी उंगलियों से सलीम के बालों को सहारने लगी।

अब सलीम ने भाभीजान की किशमिश (clitoris) को अपने मुँह में लिया और जैसे नवजात बालक अपनी माँ की चुचूक चुसता है, वैसे ही वो शब्बो के दाने को चूसने लगा।

शौहर के प्यार न मिलने से बन्ज़र हो चुकी शब्बो की फ़ुद्दी भी बेटे जैसे देवर की जीभ का प्यार पा कर हरी-भरी होने लगी, धीरे धीरे से पानी छोड़ने लगी।

कुछ मिनट और बीते तो अपनी मुलायम जांघों के बीच शब्बो ने बेटे का सर जोर से दबाया, उसके बालों को जोर जोर से खींचने लगी, मानो सिग्नल दे रही हो कि ‘अब मै उस मुकाम के करीब हूँ तू तेजी से जीभ चला!’

सलीम वैसे तो अलहड़ था लेकिन इशारों ही इशारों में समझ गया और भूखी बिल्ली के माफिक तेजी से अपनी जीभ चलाने लगा।

थोड़ी ही देर में शब्बो तो ‘हाय…अल्ला’ बोल के झड़ गई और थकी बेहाल होकर खटिया पर लिट कर हांफने लगी।

सलीम ने सोचा कि हाँ, अब देखता हूँ कि भाभी चुदवाने से कैसे मना करती है!

सलीम भी अब खटिया पर चढ़ गया और उसने अपनी भाभी शब्बो की टाँगों को हवा में उठा लिया।

इसकी वजह से शब्बो के भोसड़े के साथ उसका गाण्ड का छेद भी बिल्कुल साफ़ नज़र आ रहा था, अब वो गौर से अपने भाभी के पूरे बदन को मन भर के देखने लगा।

शब्बो ने शरमा कर अपने चहेरे को अपने हाथों से ढक लिया।

यह देख कर सलीम का लौड़ा तो पूरे जोर-शोर से एकदम लोहे के सरिये सा खड़ा हो गया।

सलीम ने ज्यादा देरी न करते हुए लौड़े को अपनी सगी भाभी की फ़ुद्दी के अंदर किया और थोड़ा ऊपर होकर चारपाई के दोनों ओर पैर रख लिए जैसे कोई टट्टी कर रहा हो, शब्बो की दोनों टांगें हवा में थी और सलीम का लण्ड चूत में जाने को बिल्कुल तैयार था।

सलीम ने अपनी कमर ऊपर करके लण्ड को चूत के अन्दर धकेला, भोसड़ी की चटाई करते वक्त लग सलीम के थूक और मुकाम के कारण निकले शब्बो के पानी के कारण उसका भोंसड़ा एकदम गीला व चुदने के लिए एकदम तैयार हो चुका था।

जैसे ही सलीम ने अपनी कमर से थोड़ा जोर लगाया, उसका पूरा का पूरा लौड़ा, शब्बो की भोंस में समा गया और शब्बो मुख से आह्ह निकल पड़ी।
यह कहानी आप मस्त मस्त कामिनी की अपनी साइट ‘मेरी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम’ पर पढ़ रहे हैँ।
सलीम अपने जानदार लौड़े से अपनी भाभी की कमचुदी फ़ुद्दी को जोतने लगा, जैसे बीज बोने के लिये खेत तैयार कर रहा हो!

सलीम अपना खड़ा लंड धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था, थोड़ा नीचे होता और लण्ड को पूरा अन्दर पेल देता।

शब्बो को चीखने का मन कर रहा था, वो चाहती थी कि वो जो महसूस कर रही है, अपने इस बेटे जैसे देवर को चिल्ला चिल्ला कर बताये पर वो खुद को संभाल रही थी कि कहीं खेत के मजदूर दौड़ कर आ ना जाएँ।

जब सलीम को लगता कि वह झड़ने की कगार पर है तो वो अपने धक्कों की गति धीमी कर देता और कभी कभी तो बिल्कुल ही हिलना बन्द करके अपना लौड़ा भाभीजान की चूत में रख कर, बिना हिले-डुले दो-तीन मिनट आराम ले लेता।
ऐसा करने में उसे बड़ा मज़ा आता था क्योंकि जैसे ही सलीम हिलना बन्द करता तो शब्बो अपने चूतड़ों को आगे पीछे करके अपनी ठुकाई चालू रखती और सलीम की कमर को पकड़ कर अपने हाथों से उसे अंदर बाहर करने के लिए धक्का देती।

एक अनुभवी औरत की चुदाई करना तो कड़ी धूप में खेतों में काम करने से भी कहीं ज्यादा थका देने वाला काम था।
सलीम के पसीने और छक्के छूटने लगे, उसने भाभीजान को जोर से एक चुम्मी देकर अपना मुँह शब्बो के मुख पर गड़ा दिया।

सलीम ने अपने धक्कों को तेज किया और लण्ड ऊपर होने वजह से चूत में घुस जाता था और फट से दूसरा धक्का लगा जा रहा था।
शब्बो ने अपने दोनों हाथों से खटिया के दोनों सिरों को पकड़ लिया, बस जैसे ही एक धक्का जोर से सलीम ने लगाया कि उसी वक्त शब्बो की चूत की छूट हो गई, दो चार धक्के मारने के बाद सलीम ने भी पानी छोड़ दिया।

सलीम बिना संभले शब्बो की चूचियों पर जा गिरा उसकी टांगें सीधी हुई जिसकी वजह से शब्बो की टांगें हवा से नीचे आकर ज़मीन पर लग गई, दोनों की सांसें बड़ी तेज चल रही थी।

शब्बो ने सलीम को अपने ऊपर से हटाया और ठण्डी हुई उसकी चूत से निकलता काफी सारा पानी उसकी जांघों तक पहुँच गया।

उसने पास में परने को उठा कर अपनी चूत के अन्दर का सारा पानी साफ़ किया और कपड़े पहनने लगी।

सलीम वहीं नंगा पड़ा अपने सगे भाई की जोरू को देख रहा था और अपने लण्ड हाथ में लेकर हिला रहा था

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चूत चुदाई से बिगड़ी मेरी हालत

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मेरी फिगर के बारे में भी आपको पता है कि मेरा गोरा बदन, पतली कमर, लम्बे रेशमी बाल, कसे हुए चूतड़ और मोटे चूचों को देख देख लड़के तो क्या बूढ़े भी मुठ मारने के लिए मजबूर हो जाते है। मैं शादीशुदा हूँ और मेरे पति आर्मी में हैं। मेरा एन आर आई बुड्ढा आशिक थोड़े दिनों में ही वापिस अमेरिका जाने वाला था इसलिए उसने मुझे फिर आखरी बार मिलने के लिए कहा। अब तक मुझे भी उसके लौड़े की जरूरत महसूस हो रही थी इसलिए मैं अपने ससुराल में मायके जाने का बहाना बना कर जालन्धर अपने आशिक के पास चली गई। उसके बाद मुझे अपने मायके भी जाना था जो जालन्धर के पास ही था तो वहाँ से मुझे कोई परेशानी भी नहीं थी जाने की।

मैंने उस दिन उसी की दी हुई साड़ी पहनी थी और खूब सैक्सी लग रही थी। वो बस स्टैंड पर गाड़ी लेकर आया और घर जाते समय गाड़ी में ही मेरी जांघ पर हाथ घुमाने लगा। मैं भी मौका देख कर पैन्ट के ऊपर से ही उसके लण्ड को सहलाने लगी। बंगले में पहुँचते ही उसने मुझे गोद में उठा लिया और अन्दर ले गया।
उसने मुझे कोल्ड ड्रिंक दिया और खुद बीयर पीने लगा।
फिर उसने मुझे कहा- कोमल, तुम भी बीयर का स्वाद लेकर देखो, इसमें कोई नशा नहीं है।
पहले तो मैंने मना कर दिया मगर उसके ज्यादा जोर डालने पर मैंने थोड़ी सी बीयर ले ली।
हम दोनों सोफे पर बैठे थे और उसने वहीं पर मेरे होंठों को अपने होंठों में भर लिया। मैं भी उसका साथ देने लगी। उसने फिर एक जाम बनाया और उसमें थोड़ी सी शराब भी मिला दी। मैंने भी सोचा कि थोड़ी सी है, इससे क्या होगा, और मैंने पूरा जाम ख़त्म कर दिया।
हम दोनों आपस में लिपटे हुए थे। वो कभी मेरी चूचियों को मसल रहा था और कभी मेरी गाण्ड पर हाथ फेर रहा था। मेरी साड़ी का पल्लू भी नीचे गिर गया था और मेरे ब्लाउज में से दिख रहे गोल गोल उभारों पर अपनी जीभ रगड़ रगड़ कर चाट रहा था। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी। उसका लण्ड एकदम सख्त हो चुका था। मैं सोफे पर ही घोड़ी बन गई और उसके लण्ड की तरफ अपना मुँह करके उसकी पैन्ट खोल दी। उसने भी अपने चूतड़ उठा कर अपनी पैन्ट उतार दी। उसके कच्छे में उसका लण्ड पूरा तना हुआ था। मैंने उसका लण्ड बाहर निकाला और अपने हाथों में ले लिया।
वो भी मेरे लम्बे बालों में हाथ घुमाने लगा। मैंने उसके लण्ड को चूमा और फिर अपने नर्म-नर्म होंठ उस पर रख दिए। मानो जैसे मैंने किसी गरम लोहे के लठ्ठ को मुँह में ले लिया हो। मैं उसका लण्ड पूरा मुँह में ले रही थी। लप-लप की आवाजें मेरे मुँह से निकल कर से कमरे में गूंज रहीं थी।
वो भी मेरे सर को ऊपर से दबा दबा कर और अपनी गाण्ड उठा उठा कर अपना लण्ड मेरे मुँह में ठूँस रहा था। उसके मुँह से भी आह आह की आवाजें निकल रही थी।
वो बोला- चूस ले रानी ! और चूस ! बहुत मज़ा आ रहा है।
मैंने कहा- क्यों नहीं राजा ! आज मैं रस पीने और पिलाने ही तो आई हूँ।
फिर उसने मेरे बालों को मेरे चेहरे पर बिखेर दिया और मुझे बाहर कुछ भी नहीं दिख रहा था। सिर्फ मेरे सामने उसका लण्ड था। एक तरफ उसका पेट और दूसरी तरफ मेरे काले घने बाल थे। मैं उसका लण्ड लगातार चूसे जा रही थी। फिर उसने मेरी पीठ पर से मेरा ब्लाउज खोल दिया और दूर फेंक दिया। फिर मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया, जिसके खुलते ही मेरे दो बड़े बड़े कबूतर उसकी टांग पर जा गिरे और उसने भी अपना हाथ मेरे दोनों कबूतरों पर रख दिए। वो मेरी और सीधा हो कर बैठ गया और मेरे चूचों को जोर जोर से मसलना चालू कर दिया।
उसका हाथ कभी मेरे स्तनों पर, कभी मेरी पीठ पर और कभी मेरी गाण्ड पर चल रहा था। फिर उसने मेरी साड़ी उतार कर मेरा पेटीकोट खोल दिया। मैंने भी एक हाथ से उसको निकाल दिया और एक तरफ फ़ेंक दिया। अब मेरे बदन पर एक पेंटी ही बची थी उसने उसको भी उतार दिया। मगर मेरी पेंटी उतारते समय वो जरा सा भी आगे नहीं हुआ। मैं हैरान थी कि उसने मेरी पेंटी मेरी गाण्ड से बिना हिले कैसे नीचे कर दी।
अभी मैं सोच ही रही थी की मेरी पेंटी जो अभी जांघों पर थी, में दो उंगलियाँ घुसी और मेरी पेंटी और नीचे जाने लगी और मेरे घुटनों पर आकर रुक गई। मुझे लगा कि जैसे किसी और ने मेरी पेंटी उतारी हो।
मैंने झटके से सर को उठाया और पीछे मूड़ कर देखा तो मैं हैरान रह गई। वहाँ पर एक और बुड्ढा कच्छे और बनियान में खड़ा था।
मैंने फिर अपने आशिक की तरफ देखा तो वो बोला- जाने मन… सॉरी, मैंने तुम्हें अपने इस दोस्त के बारे में बताया नहीं। दरअसल यह कल से मेरे घर में है और आज जब सुबह तूने मुझे बताया कि तुम मुझसे मिलने आ रही हो तो मैंने इसे भेजने की कोशिश की मगर शायद इसने हमारी बातें सुन ली थी इसलिए यह मुझसे बोला कि एक बार इसे भी चूत दिला दूँ, काफी अरसे से चूत नहीं मारी। मुझे इस पर तरस आ गया।
उसने कहा- जान, मैं तुम्हें रास्ते में ही इसके बारे में बताने वाला था मगर डर गया कि कहीं तुम रूठ कर वापिस न चली जाओ, इसलिए घर आकर सोचा कि पहले मैं तुमसे मज़े कर लूँ फिर इसके बारे में बताऊँगा, मगर यह साला अभी आ गया।
मैं अभी कुछ बोली नहीं थी कि वो दूसरा बुड्ढा बोल पड़ा- यार क्या करता? इसकी मस्त गाण्ड देख कर मुझसे रहा नहीं गया।
वो दोनों अब मेरे मुँह की तरफ देख रहे थे कि मैं क्या जवाब देती हूँ। मगर मैंने जो शराब पी थी उसका नशा मुझ पर चढ़ने लगा था और फिर अगर मैं उस वक्त मना भी करती तो फिर भी वो दोनों मुझे नहीं छोड़ते और मुझे जबरदस्ती ही चोद लेते। मैंने उस दूसरे बूढ़े की ओर देखा। उसकी सेहत भी कोई खास नहीं लग रही थी। मैंने सोचा कि इसका लण्ड या तो खड़ा ही नहीं होगा या फिर दो मिनट से ज्यादा नहीं टिकेगा।
इसलिए मैंने कहा- कोई बात नहीं, मुझे तुम दोनों इक्कठे ही मजा दो। मैं तुम दोनों को आज खुश कर दूंगी।
वैसे भी अगर मैं उनकी बात नहीं मानती तो मेरी चूत भी प्यासी रह जाती जो मुझे कभी गंवारा नहीं था।
मेरी बात सुनते ही वो दोनों फिर से मुझ पर टूट पड़े। एक ने मेरे वक्ष को और दूसरा मेरी पेंटी उतार कर (जो अभी तक घुटनों पर ही थी) मेरी गाण्ड को सहलाने लगा। मैं भी अपना काम चालू रखते हुए फिर से लण्ड को सहलाने लगी। हमारी बातचीत में लण्ड थोड़ा ढीला हो गया था जो फिर से जोश में आ रहा था।
थोड़ी ही देर में मुझे दोनों लण्ड पूरे तने हुए महसूस होने लगे। एक मेरी जांघों पर और दूसरा मेरे मुँह में था। अब मुझे दूसरे बूढ़े का लण्ड देखने की इच्छा होने लगी। जिसे मैंने सोचा था कि खड़ा ही नहीं होगा। तभी पहले वाले लण्ड में हलचल होने लगी और वो बुड्ढा जल्दी जल्दी मेरे मुँह को चोदने लगा। मैं भी जोर जोर से उसके लण्ड को अपने हाथों और मुँह में लेने लगी। फिर उसका भरपूर माल मेरे मुँह में था। मैं उसको चाट गई।
उधर दूसरा बुड्ढा जो मेरी चूत और गाण्ड को चाट रहा था, ने भी अपनी जुबान का कमाल दिखाया और मेरी चूत में से पानी निकल गया। मेरी चूत में से निकल रहे पानी को वो चाट रहा था। इससे मुझे कुछ थकावट महसूस हुई और मैं सोफे पर ठीक से बैठ गई। एक लण्ड तो ढीला हो गया था मगर दूसरे में अभी दम था। वो बुड्ढा अपना नंगा लण्ड मेरे मुँह के सामने ले कर खड़ा हो गया। उसका लण्ड मैं सोच रही थी कि ज्यादा बड़ा नहीं होगा मगर सात इन्च का लण्ड देख कर मैं हैरान रह गई। बूढ़े की सेहत कमजोर थी मगर उसके लण्ड की नहीं।
मैंने अभी उसका लण्ड हाथ में पकड़ा ही था कि मेरे सामने एक और जाम लेकर वो पहले वाला बुड्ढा खड़ा था। मैंने भी बिना सोचे समझे जाम हाथ में ले लिया। मैं जानती थी कि इसमें भी शराब है। मगर पता नहीं मुझे नशा हो रहा था। मैंने उस बूढ़े का लण्ड जाम में डुबो दिया और फिर बाहर निकाल कर उसे चाटने लगी। मैं बार बार ऐसे कर रही थी और बूढ़े का लण्ड और भी बड़ा होता लग रहा था। फिर मैंने एक ही घूंट में पूरा जाम ख़त्म कर दिया।
बूढ़े ने मुझे अपनी गोद में उठाना चाहा, वो शायद मुझे बेडरूम में उठा कर ले जाना चाहता था। उसने मुझे अपनी बाँहों में उठा तो लिया मगर उसे चलने में परेशानी हो रही थी। तभी पहले वाला बुड्ढा भी आ गया और बोला- यार, संभल के ! बहुत कोमल माल है, कहीं गिर ना जाए।
फिर उन दोनों ने मिलकर मुझे अपनी बाँहों में उठा लिया, बेडरूम में ले गये और मुझे बैड पर लिटा दिया।
मैंने दोनों लण्डों की तरफ देखा। एक लण्ड अभी भी ढीला था और दूसरा अभी पूरा कड़क। दूसरे बूढ़े ने मेरा सर पकड़ा और अपनी तरफ कर लिया। मेरा पूरा बदन बेड पर था मगर मेरा सर बैड से नीचे गिर रहा था मगर मेरा मुँह ऊपर की तरफ था। मेरे मुँह के ऊपर बूढ़े का लण्ड तना हुआ था। मुझे पता था कि अब क्या करना है। बूढ़े ने अपना लण्ड मेरे चेहरे पर घुमाते हुए मेरे होंठों पर रख दिया। मैं भी अपने होंठों से उसको चूमने लगी और अपने होंठ खोल दिया। बुड्ढा भी समझदार था। उसने एक हाथ से मेरे सर को सहारा दिया और अपना लण्ड मेरे होंठों में ऐसे घुसा दिया और फिर अन्दर-बाहर करने लगा जैसे किसी गोल खुली हुई चूत में लण्ड घुसाते हैं। फिर उसने मेरे सर को छोड़ कर मेरे दोनों स्तनों को अपने हाथों में भर लिया। मेरा सर लटक रहा था और उस पर बूढ़े के लण्ड के धक्के, उसके दोनों हाथ मेरे उरोजों को मसल रहे थे।
अब दूसरा बुड्ढा भी बैड पर आ गया और मेरी टाँगे खोल कर मेरी चूत पर अपना मुँह रख दिया। वो मेरी चूत के ऊपर बीयर डाल रहा था और फिर उसे चाट रहा था। कभी कभी वो मेरे पेट पर मेरी नाभि में भी बीयर डाल कर उसे चाटता। उसकी जुबान जब मेरी चूत के अन्दर जाती तो मचल कर मैं अपनी गाण्ड ऊपर को उठाती मगर ऐसा करने से मेरे मुँह में घुस रहा लण्ड और आगे मेरे गले तक उतर जाता।
फिर उन दोनों ने मुझे पकड़ कर बैड पर ठीक तरह से लिटा दिया। अब दूसरा लण्ड भी कड़क हो चुका था और पहले वाला तो पहले से ही कड़क था।
अब मेरी चूत की बारी थी चुदने की। मैं बैड पर अभी ठीक से बैठ ही रही थी कि वो सेहत से कमजोर बुड्ढा मुझ पर टूट पड़ा और मुझे नीचे लिटा कर खुद मेरे ऊपर आ गया। मेरी चूत तो पहले से लण्ड के लिए बेकरार हो रही थी। इस लिए मैंने भी अपनी टाँगें ऊपर उठाई और उसने अपना लण्ड मेरी चूत के मुँह पर रख कर धक्का मारा। उसका लण्ड मेरी चूत की दीवारों को चीरता हुआ आधा घुस गया। मैं इस धक्के से थोड़ी घबरा गई और अपने आप को सँभालने लगी। मगर फिर दूसरा धक्का में पूरा लण्ड मेरी चूत के बीचोंबीच सुरंग बनाता हुआ अन्दर तक घुस गया।
मुझे लगा जैसे मेरी चूत फट जायेगी।
मेरे मुँह से निकला- अबे साले, मेरी फाड़ डालेगा क्या… आराम से डाल ! मैं कहीं भाग तो नहीं रही !
वो बोला- अरे रानी… तेरी जैसी मस्त भोसड़ी देख कर सब्र नहीं होता… दिल करता है कि सारा दिन तुझे चोदता रहूँ।
मैं बोली- क्या लण्ड में इतना दम है कि सारा दिन मुझे चोद सके?
इस बात से वो गुस्से में बोला- वो तो साली अभी पता चल जाएगा तुझे…
और मुझे और जोर से चोदने लगा।
मुझमें भी आग थी। मैं भी उसका साथ कमर हिला-हिला कर दे रही थी। आखिर मेरा माल छुटने लगा और मैं उसके सामने निढाल हो कर पड़ गई मगर वो अभी भी मुझे रोंदे जा रहा था, मेरी चूत से फच-फच की आवाजें तेज हो गई थी। मैं उसके नीचे मरे जा रही थी।
तभी दूसरा बुड्ढा आया और उसको बोला- चल, अब मुझे भी कुछ करने दे।
मैं भी बोली- अरे अब बस कर ! तू तो सच में मुझे मार डालेगा… पता नहीं तेरा लण्ड है या डंडा?
वो बोला- साली, अभी तो तुझे मैं और चोदूँगा… तुझे बताऊँगा कि मुझमें कितना दम है।
फिर दूसरा बुड्ढा बिस्तर पर लेट गया और बोला-चल, मेरे लण्ड पर बैठ जा !
मैंने वैसे ही किया। उसका लण्ड पूरा डंडे जैसा खड़ा था। मैं उस पर बैठ गई और उसका लण्ड मेरी गीली चूत में आराम से घुस गया। मैं उसका लण्ड मजे से ऊपर नीचे होकर अन्दर बाहर कर रही थी।
वो मेरे नीचे बोला- आह… आह रानी… बहुत मजा आ रहा है… प्यार से मुझसे चुदती जा…. मैं भी तुझे प्यार से चोदूँगा।
वो मेरी छाती पर हाथ घुमाता हुआ बोला- ये अपने मम्मे मेरे मुँह में डाल दे रानी।
मैंने भी अपनी एक चूची उसके मुँह पर रख दी जिससे मेरी गाण्ड पीछे खड़े बूढ़े के सामने आ गई और वो मेरी गाण्ड में उंगली घुसाने लगा।
उसकी इस हरकत से मुझे भी मजा आया मगर मैंने यूँ ही उसको कहा- बूढ़े… अब भी पंगे लिए जा रहा है… तूने पहले अपने दिल की कर तो ली है मेरे साथ।
तो वो बोला- अभी कहाँ की है… अभी तो मेरा माल भी नहीं निकला है !
और वो मेरी गाण्ड में तेजी से उंगली अन्दर-बाहर करने लगा।
मैं सिसक-सिसक कर दोनों छेदों की चुदाई का मजा ले रही थी। मगर अब जो होने वाला था वो मेरे लिए सहन करना नामुमकिन था।
पीछे वाले बूढ़े ने मेरी गाण्ड पर कोई क्रीम लगाई और अपने लण्ड का सुपारा मेरी गाण्ड में घुसेड़ दिया। मेरी जैसे गाण्ड ही फट गई हो। एक लण्ड मेरी चूत में था और दूसरा मेरी गाण्ड में जाने वाला था।
मैं दोनों बुड्डों के बीच में फंसी हुई चिल्ला रही थी- अरे मादरचोद छोड़ दे मुझे… तुम दोनों मुझे मार डालोगे।
मगर उन पर जैसे मेरी बातों का कोई असर नहीं हो रहा था। दोनों ही अपना अपना लण्ड अन्दर घुसेड़ रहे थे।
पीछे वाला बुड्ढा तो मुझे गाली दे दे कर चोद रहा था और नीचे वाला भी मुझे बोल रहा था- बस रानी, थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा।
और वैसे ही हुआ, थोड़ी देर में मैं दोनों छेदों से मजे लेने लगी। मैं अपनी गाण्ड और चूत धक्के मार-मार कर चुदवा रही थी।
फिर ऊपर वाले बूढ़े ने मेरी गाण्ड में अपना माल निकल दिया। गाण्ड में गर्म-गर्म माल जाते ही मुझे और सुख मिलने लगा। अब मैं भी फिर से छुटने वाली थी। मैं जोर जोर से धक्के मारने लगी और मेरा पानी नीचे वाले बूढ़े के लण्ड पर बहने लगा। उसने मेरी चूत में से लण्ड निकाला और मुझे घोड़ी बना लिया और फिर उसने मेरी गाण्ड में लण्ड पेल दिया।
मैं भी घोड़ी बन कर अपनी गाण्ड के चुदने का मजा ले रही थी। वो मुझे जोर जोर से धक्के मार रहा था। पर अब मेरी गाण्ड का मुँह खुल चुका था और मुझे कोई तकलीफ नहीं हो रही थी। फिर जब
उसका भी छूटने लगा तो उसने अपना लण्ड बाहर निकाल कर मेरे वक्ष पर वीर्य की बौछार कर दी। मैं भी उसका लण्ड जीभ से चाटने लगी।
शाम तक मैं वहाँ पर चुदती रही और फिर वो दोनों मुझे गाड़ी में बिठा कर मेरे मायके गाँव छोड़ने आये। उन्होंने मुझे गाँव से पीछे ही उतार दिया और वहाँ से मैं पैदल अपने घर चली गई। मगर मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।
मेरी गाण्ड और चूत का बुरा हाल हो रहा था, मेरी बिगड़ी हुई चाल देख कर मुझे मेरी भाभी ने पूछा भी था- क्या बात है…?
तो मैंने कहा- बस से उतरते समय पैर में मोच आ गई थी।
फिर मैं चुपचाप बिस्तर पर लेट गई। तब जाकर कहीं मेरी चूत और गाण्ड को कुछ राहत मिलने लगी।

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सेक्सी भाबी को चोद कर मज़ा आया

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मित्रो, आज मैं आपको मेरी और मेरी सेक्सी भाभी की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ!!
मेरा नाम रवींद्र है और मैं 5’6″ फीट का हूँ… मेरा लण्ड 6 इंच का है और बड़ा तगड़ा और मस्त है।
मेरी भाभी का घर, हमारे घर से बिल्कुल नजदीक था।
उस वक़्त मेरी उम्र 21 साल थी और भाभी की 24 होगी!! भाभी का फीगर तो ऐसा था कि मैं कभी भी उनको देखता तो मेरे लण्ड को 440 का करेंट लग जाता था।“मनीषा” मेरी भाभी का नाम था। उनकी कमर पतली और बूब्स बड़े-बड़े थे।एक दिन मैं भाभी के घर गया, भाभी नहाने गईं थीं।मैं घर के अंदर भाभी, भाभी, आवाज़ दे रहा था।भाभी बोलीं – कौन है…??मैं बोला – मैं हूँ भाभी, रवि!!थोड़ी देर में भाभी बाथरूम से बाहर आईं। उफ़!! क्या खुबसूरत दिख रही थीं, वो… !!भाभी को देखते ही मेरा लण्ड सलामी देने लगा!!! !!

भाभी बोलीं – बोलो रवि, क्या हुआ?? तभी अचानक भाभी को उनके पति का फ़ोन आया। उनके पति कुछ काम की वजह से, दो दिन तक नहीं आने वाले थे।

फिर हम बातें करने लगे… अचानक भाभी ने पूछा – तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है…??

मैं बोला – है, मगर कॉलेज में। क्यूँ?

भाभी बोलीं – ऐसे ही पूछा। नाम क्या है उसका…??

मैं – शीतल!!

भाभी – ओके…

फिर भाभी बोलीं – अब नाश्ता कर के ही जाना।

मैं बोला – ठीक है।

भाभी ने नाश्ता कराया और मैं चला गया पर मैं अपना मोबाइल भाभी के घर में ही छोड़ आया… !!

कॉलेज से आकर, मैं भाभी के घर जाने वाला था। अचानक मेरे दोस्त मुझे बुलाकर ले गये।

रास्ते से गुजर रहा था कि मोबाइल की याद आई तो मैं भाभी के घर गया। भाभी ने दरवाज़ा खोला और अंदर बुलाया।

रात के दस बज गये थे!!!

भाभी बोलीं – तुम्हारे मोबाइल में क्या है…??

मैं – कुछ तो नहीं, भाभी… क्यूँ क्या हुआ…??

भाभी एक वीडियो क्लिप लगाकर बोलीं – और यह क्या है…?? शरम नहीं आती तुझे!! ऐसे वीडियो देख कर…

मैं – सॉरी भाभी…

तभी भाभी बोलीं – कभी ऐसा किया है…??

मैं – नहीं…

भाभी – करोगे…??

मैं – नहीं भाभी, यह गलत है…

भाभी – क्या मैं अच्छी नहीं लगती…??

मैं – नहीं भाभी, आप तो बहुत खुबसूरत हो!!! मगर मैंने सेक्स कभी नहीं किया…

भाभी – तो क्या हुआ…?? मैं तुझे सीखा दूँगी!!

मैं मन में सोच रहा था, चलो आज तो अपने मज़े ही मज़े हैं!!… फिर मैं बोला – भाभी, ठीक है।

भाभी बोलीं – वा मेरे राजा, चल बजा दे मेरा बैंड बाजा!!

फिर मैं भाभी के पास गया, मैं थोडा घबराया हुआ था।

थोडा साहस करके भाभी की कमर में हाथ डाल दिया और कस कर अपनी बाहों में ले लिया और भाभी के होंठ को चूमने लगा।

हम 15 मिनट तक किस करते रहे!! !!!

भाभी मेरे होंठों को कसकर चूस रही थीं। मानो कितने दिन की प्यासी थीं।

जबरदस्त मज़ा आ रहा था!! फिर अचानक भाभी बोलीं – जरा रुक, मैं 10 मिनट में आई!!

भाभी बाथरूम में अंदर गईं और 10 मिनट के बाद बाहर आईं और बोलीं – जा बाथरूम जा, और साफ होकर आजा!!

मैं अंदर गया और बाथरूम में फ्रेश हुआ और रेज़र से अपने सब बाल साफ़ किए।

फिर हम बेडरूम में पहुँचे!!

मैं अपने को रोक नहीं पा रहा था। भाभी को मैंने पीछे से पकड़ा और उनके गालों को किस करने लगा…

भाभी बोलीं – इतने उतावले क्यूँ हो रहे हो…?? जरा आराम से… पूरी रात मेरे साथ गुजारनी है!! !!!

मैं बोला – पूरी रात क्या भाभी, मैं तो पूरी ज़िंदगी आप को प्यार करता रहूं… !!

भाभी बोलीं – वा मेरे राजा, देखते हैं कितना स्टैमिना है… चल, अब शुरू कर… …

अब मैंने भाभी को बेडरूम के पलंग पर लेटा दिया और भाभी के सब कपडे मैंने धीरे धीरे निकाल दिए।

अब भाभी मेरे सामने पूरी नंगी थीं!!! !! और मैं सिर्फ़ चड्डी में था…

मैं भाभी के बूब्स चूसने लगा और बूब्स चूस चूस कर पूरे लाल कर दिए!! बूब्स चूसते चूसते मैं भाभी की चूत को रगड़ रहा था… !! बीच बीच में भाभी की चूत के अंदर बाहर उंगली कर रहा था… …

भाभी, एकदम मस्त होकर मेरा साथ दे रही थीं। फिर मैं भाभी के बूब्स चूसते चूसते पेट और चूत चूसने लगा… !! मैं भाभी की चूत को फ़ैला फ़ैला कर जीभ डाल कर चूस रहा था… उफ़!! क्या चूत थी… … … बहुत ही नमकीन!! !!!

चूत चूसने के बाद में खड़ा हुआ और चड्डी निकाल दी और मेरा पूरा लण्ड भाभी के मुँह में घुसा दिया। भाभी मेरे लण्ड को लपालप चूसती रहीं!! मैं भाभी के मुँह की जोर जोर से चुदाई कर रहा था और उनके मुँह से चाप चाप की आवाज़ आ रही थी… …

भाभी मेरे लण्ड को पकड़ कर जोर जोर से हिलाकर मुँह में ले रही थीं… कुछ ही देर में मेरा वीर्य छूटा और भाभी ने सब का सब प़ी लिया। 5 मिनट के बाद मेरा लण्ड फिर पूरा तन गया…

अब मैंने बेड पर लेटा कर भाभी की टाँगों को फैला कर उनकी चूत पर अपना लण्ड रखा और धीरे से धक्का मारा!!

मेरा पूरा लण्ड भाभी के चूत के अंदर चला गया। पूरा अंदर जाने के बाद भाभी एकदम सीहर गईं। अब मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा। रूम में सिर्फ – अहह उम्म्म पाचक पाचक की आवाज़ आ रही थीं।

20 मिनट के बाद शॉट मारते मारते मेरे लण्ड का पूरा का पूरा वीर्य भाभी की चूत में चला गया और भाभी भी झड गईं… … …

हम दोनों फिर बाथरूम में गये और नहाकर बाहर आये। हम नंगे थे!!

भाभी मेरे पास आईं और बोलीं – हो जाय!!!

इस बार हमने ऐसी चुदाई की कि सारी हद पार कर दी… !!

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मैने चोदा रे बहन को

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गुरु है और आज में जो कहानी आप सभी लोगों को सुनाने जा रहा हूँ, वो मेरी एक सच्ची कहानी है. दोस्तों सबसे पहले तो में आप लोगों को थोड़ा अपने बारे में बता दूँ कि में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मुझे सभी सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. मेरी लम्बाई ठीक-ठाक है और मेरा शरीर भी दिखने में अच्छा लगता है. में एकदम फिट हूँ और अगर दूसरी चीज़ो की बात करे तो मेरा लंड 8 इंच लंबा है और 3 इंच मोटा है, जो कि किसी भी लड़की, भाभी या आंटी को संतुष्ट करने के लिए अकेला ही बहुत है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है और अब में अपनी कहानी को शुरू करता हूँ.
दोस्तों, यह कहानी मेरे और मेरी पड़ोसन के बारे में है जिसकी मैंने जमकर चुदाई की. वैसे दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और वो मुझसे एक साल छोटी है करीब 22 साल, उसका नाम प्रियंका है और में उसके बारे में क्या बताऊँ वो बहुत सेक्सी है, एकदम साफ रंग ऊपर से जब वो टी-शर्ट पहनती है तो उसके गोल गोल बूब्स देखकर तो में बिल्कुल ही पागल हो जाता हूँ और कभी कभी जब वो गहरे गले की टी-शर्ट पहनती थी और में अपनी बालकनी में खड़ा होता था तो में तो बस उसके बड़े बड़े बूब्स की लाइन ही देखता रहता था और उसकी गोल गांड के तो क्या कहने?
में जब भी उसकी गांड को देखता तो मेरा मन करता था कि बस उसी समय उसके कपड़े उतारकर उसे चोदना शुरू कर दूँ, लेकिन यह सब मुमकिन नहीं हो पता था, तो मुझे उसकी चुदाई करने की सारी तड़प अपनी गर्लफ्रेंड पर उतारनी पड़ती या मजबूरी में मुठ मारनी पड़ती थी, लेकिन उससे बुरी बात तो यह थी कि वो अब मुझे भैया बोलने लगी थी, जो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन दोस्तों अगर कोई लड़की आपको भाई बोलती है तो उसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आप उससे कभी भी जब मर्ज़ी हो मिलने जा सकते हो और उसे कहीं भी बुला सकते हो और अगर सब कुछ ठीक रहा तो आप कभी भी उसे चोद भी सकते हो और आपके ऊपर किसी को शक भी नहीं होगा.
दोस्तों जब से वो जवान हुई थी में तो उसे चोदने के सपने देखने लगा और में दिन रात उसके बारे में सोचने लगा. में उसके बारे में सोच सोचकर एकदम पागल होने लगा था, लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि अगर मैंने कुछ किया तो उसका रिज़ल्ट क्या होगा? फिर भी में तो कभी कभी थोड़ी थोड़ी कोशिश करता रहता था, जैसे कि जब में उसके घर जाता था तो उसके साथ बैठने की कोशिश करता था. उसके हाथ पर अपना हाथ रख देता था या उसे घूरता रहता था, लेकिन उसकी तरफ से कभी भी कोई ऐसा जवाब नहीं आया कि जिससे मुझे लगे कि वो भी मुझसे चुदना चाहती है, लेकिन मुझे उससे क्या लेना, मुझे तो बस उसे चोदना था?
एक दिन हुआ यह कि में अपने कॉलेज के पेपर की तैयारी कर रहा था और में उस समय कॉलेज के आखरी साल में था, उस वक़्त प्रियंका भी अपने दूसरे साल के पेपर की तैयारी कर रही थी. वो अक्सर मेरे पास अपनी समस्या लेकर आती रहती और में उसकी मदद किया करता था. में कई बार मज़ाक मज़ाक में उसे पढ़ाते वक़्त उसके बूब्स और गांड पर हाथ मार दिया करता था, लेकिन वो मुझे कभी कुछ नहीं बोलती थी, शायद वो मुझे अपना भैया समझती थी.
फिर हुआ यह कि प्रियंका के पापा का ऑफिस दिल्ली के बाहर है और इसलिए वो हर रोज अप-डाउन करने की बजाए कभी कभी वहीं पर रुक जाते है और घर नहीं आते और फिर हमारे पेपर शुरू होने के ठीक एक हफ़्ता पहले एक दिन प्रियंका की मम्मी हमारे घर पर आई और उन्होंने बोला कि उनके भाई मतलब प्रियंका के मामा की तबीयत अचानक से बहुत खराब हो गई है और उन्हे और उनके पति को वहां पर जाना पड़ रहा है और वो प्रियंका को अपने साथ नहीं ले जा सकते, क्योंकि उसके पेपर शुरू होने वाले थे और फिर उन्होंने बोला कि आप लोग प्लीज उसका ध्यान रखना और कभी कभी गुरु को प्रियंका के पास भेज देना ताकि वो उसे पढ़ा दे और उस वजह से प्रियंका को अकेलापन भी महसूस नहीं होगा. तो में एक तरफ खड़ा खड़ा यह सारी बातें सुन रहा था और मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, अब मुझे लग रहा था कि शायद अब में प्रियंका को चोदने का अपना ख्वाब पूरा कर सकता हूँ.
तो अगले दिन जब में कॉलेज से वापस आया तो में बहुत खुश था, क्योंकि में जानता था कि आज प्रियंका घर पर एकदम अकेली है और आज मेरे पास पूरा मौका है उसे चोदने का, लेकिन में अब भी यही सोच रहा था कि में यह सब कैसे करूँगा? और फिर सोचते सोचते शाम पड़ गई और तब तक प्रियंका भी घर पर आ चुकी थी तो मैंने मम्मी से बोला कि आप प्रियंका और मेरा खाना पेक कर दो में उसके साथ ही खा लूँगा. तो मम्मी ने बोला कि ठीक है. दोस्तों प्रियंका मुझे हमेशा भैया बोलती थी तो इसलिए हम पर कोई भी ऐसे शक नहीं कर सकता था और फिर उसके बाद रात को 9 बजे मैंने खाना पेक करके प्रियंका के घर की घंटी बजाई और जब उसने दरवाजा खोला तो में तो बस उसे देखता ही रह गया. उसने आज एक बहुत छोटी सी स्कर्ट, एकदम टाईट टी-शर्ट पहन रखी थी.
में तो उसकी गोरी गोरी जांघे देखता ही रहा फिर में अंदर गया और में पीछे से उसकी उठी हुई स्कर्ट में से उसकी जांघे झाँकने लगा, लेकिन कुछ ज्यादा नज़र नहीं आ रहा था और अब में उसके बूब्स को घूरने लगा जो उस टी-शर्ट में एकदम सेक्सी लग रहे थे. फिर मैंने प्रियंका को खाना दिया और उसे प्लेट में डालकर लाने को बोला और में टीवी चलाकर बैठ गया. मैंने टीवी पर सारे चेनल चला दिए, लेकिन किसी पर भी कोई सेक्सी फिल्म नहीं आ रही थी तो मैंने टीवी को बंद कर दिया. फिर प्रियंका ने पूछा कि भैया आपने टीवी क्यों बंद कर दिया? तो मैंने बोला कि उस पर कुछ नहीं आ रहा था और मैंने उससे पूछा.
में : और बता क्या चल रहा है?
प्रियंका : सब मस्त है भैया आप बताओ आपका क्या हाल है, क्या पेपर की तैयारी हो गई?
में : नहीं यार, मेरा तो आज कल कहीं मन ही नहीं लगता.
प्रियंका : क्यों भैया ऐसा क्या हुआ?
में : पता नहीं यार, आज कल कहीं दिल नहीं लगता, पता नहीं क्या बात है?
प्रियंका : क्या में बताऊ भैया आपको क्या हुआ है?
में : हाँ जल्दी बताओ?
प्रियंका : शायद आपको कोई पसंद आ गया है और यह सब प्यार में ही होता है. (वो मंद मंद मुस्कुरा रही थी)
में : हाँ शायद तू बिल्कुल सही कह रही है, आजकल तो में बस उसके ही सपने देखता रहता हूँ और हमेशा उसी के बारे में सोचता रहता हूँ.
प्रियंका : वो कौन है भैया प्लीज मुझे भी बताओ ना?
में : कोई नहीं है तू अपना खाना खा और पढ़ाई कर.
प्रियंका : नहीं भैया मुझे नहीं पढ़ना, प्लीज पहले आप मुझे बताओ ना कौन है?
में : अच्छा तू खाना खा ले जब हम पढ़ने लगेंगे तो में तुझे पक्का बताऊंगा.
प्रियंका : क्या पक्का वादा?
में : हाँ पक्का वादा.
प्रियंका : फिर ठीक है.
फिर उसके बाद प्रियंका वहां से उठी और चली गई और फिर थोड़ी देर बाद प्रियंका ने मुझसे बोला कि वो नहाने जा रही है. तो मैंने उससे बोला कि ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी आ जाना फिर हम पढ़ना शुरू कर देंगे. तब मैंने मन ही मन सोचा कि आज में इसको सब सच सच बता दूँगा और अगर सब ठीक रहा तो आज इसकी जमकर चुदाई भी कर दूँगा और फिर मैंने भी अपने घर पर जाकर बोल दिया कि आज में लेट ही आऊंगा, क्योंकि मुझे आज प्रियंका को पढ़ना है.
मम्मी ने मुझसे बोला कि तो तू वहीं पर सो जाना और अब मेरे तो जैसे लॉटरी लग गई, मैंने मम्मी को झट से हाँ बोल दिया और जल्दी से वापस प्रियंका के घर चला गया और उसके बाद में सीधा प्रियंका के रूम में कुछ किताब लेने के लिए चला गया, उसका दरवाजा खुला हुआ था और मैंने बस अभी तक हल्का सा दरवाजा खोला था और मेरी नज़र जब रूम में पड़ी तो में तो पूरी तरह से हिल गया. मैंने अंदर की तरफ देखा कि प्रियंका सिर्फ़ एक टावल को लपेटकर खड़ी हुई थी और शायद वो कुछ ढूंड रही थी. में तो बस पीछे से उसकी गोरी गोरी जांघे देखने लगा और उसकी गांड भी बहुत बाहर की तरफ निकली हुई थी, कसम से अब तो में और भी पागल होता जा रहा था और मेरा लंड भी अब पूरा खड़ा हो चुका था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं?
तभी मैंने देखा कि उसने अलमारी में से अपनी एक काली कलर की ब्रा-पेंटी निकाली जो की बहुत सेक्सी थी और देखकर लग रहा था कि शायद वो वहीं पर चेंज करेगी, लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि वो तो बाथरूम की तरफ जाने लगी थी तो मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने दरवाजा खोला और जानबूझ कर उसके रूम में ग़लती से अंदर जाने की एक्टिंग करने लगा. तो वो अचानक से डर गई और मैंने उसे देखते ही सॉरी बोला.
प्रियंका बोली कि भैया अपने तो मुझे डरा ही दिया था. मैंने उससे कहा कि में कुछ किताब लेने अंदर आया था. में उसके हाथ की तरफ देख रहा था, उसके हाथ में उसकी ब्रा और पेंटी थी. जब उसने इस बात पर गौर किया तो उसने झट से अपनी ब्रा-पेंटी को अपनी गांड के पीछे छुपा लिया. मेरा तो बस मन कर रहा था कि उसको यहीं पर लेटाकर चूमना, चाटना शुरू कर दूँ और अब वो भी थोड़ा शरमाने लगी थी, क्योंकि वो मेरे सामने सिर्फ़ एक टावल में खड़ी हुई थी. तो मैंने उससे बोला कि शरमाने की कोई बात नहीं है तुम जाकर चेंज कर लो, में बाहर तुम्हारा इंतजार करता हूँ. यह बात सुनकर उसने मुझे स्माइल दी और जैसे ही वो बाथरूम की तरफ चलने लगी तो अचानक उसका टावल अलमारी के हेंडल में अटक गया और एक ही झटके में वो टावल उसके शरीर से अलग हो गया और जो मैंने उसके बाद देखा.
दोस्तों वो में आपको शब्दो में भी बया नहीं कर सकता, क्योंकि वो ठीक मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी हुई थी और उसके मोटे मोटे बूब्स मेरे सामने थे, जिन्हे में पूरा दिन रात चूसने के सपने देखता था और उसकी गुलाबी चूत देखकर तो में पागल ही हो गया और मेरा लंड भी अब मेरी पेंट फाड़कर बाहर आने लगा था. तो उसने मेरे लंड के बड़ते हुए आकार को महसूस कर लिया था और फिर करीब 30 सेकिंड तक उसे समझ में नहीं आया कि वो अब क्या करे? उसके बाद जब वो थोड़ा झुककर टावल उठाने लगी तो तब तक बहुत देर हो चुकी थी में सीधा उसके पास गया और उसे अपने गले से लगा लिया और बोला कि प्रियंका में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो में तुम्हारे बिना नहीं जी सकता. तो उसने अपने आपको मुझसे छुड़वाया और अपना टावल उठाकर लपेट लिया और बोला कि नहीं भैया ऐसा नहीं हो सकता क्या आप पागल हो गए हो और यह आप क्या बोल रहे हो?
फिर मैंने बोला कि में जो भी बोल रहा हूँ वो सब सच बोल रहा हूँ. उसने बोला कि अगर किसी को पता चल गया तो सब क्या बोलेंगे? तो मैंने कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और किसी को बताएगा भी कौन? यह बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी. तो उसने बोला कि नहीं भैया प्लीज आप ऐसा मत सोचो, यह सब बिल्कुल ग़लत है. फिर मैंने बोला कि इसमे कुछ ग़लत नहीं है और फिर मैंने धीरे धीरे उसको अपनी तरफ खींचना शुरू कर दिया.
पहले तो वो मेरा विरोध करती रही, लेकिन जब मैंने ज़बरदस्ती अपने होंठो को उसके होंठो पर रखे तो थोड़ी ही देर बाद वो जोश में आकर मेरा साथ देने लगी और मुझे भी अब लगा कि लोहा गरम हो गया है तो मैंने भी धीरे धीरे उसका टावल खींचना शुरू कर दिया, पहले तो वो मेरा हाथ हटाती रही लेकिन जब मैंने उसे खींचकर बेड पर लेटाया और उसके गुलाबी होंठो को चूसने लगा तो वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और फिर मैंने उसका टावल उसके शरीर से एक बार फिर से अलग कर दिया. अब वो मेरी बाहों में बिल्कुल नंगी पड़ी थी. में उसकी चूत देखकर पागल हुआ जा रहा था. फिर में एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और में एक हाथ उसकी चूत पर रखकर उसे मसलने लगा.
फिर वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और सिसकियों की आवाजें निकालने लगी, लेकिन में उसके होंठो को लगातार चूसता रहा जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली और फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया और मैंने बहुत बार उसके निप्पल पर भी काटा जिससे वो एकदम मचल जाती थी और फिर में धीरे धीरे चूमते चाटते नीचे जाने लगा. उसका पेट कांप रहा था और उसे भी अब सेक्स चड़ने लगा था और उसके बाद मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया.
फिर मैंने देखा कि अभी तक उसकी आँखे बंद थी और उसने मेरे लंड को नहीं देखा था. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और मैंने देखा कि वो अभी तक पूरी तरह से वर्जिन थी, शायद उसने आज तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं की थी. फिर मैंने अपनी जीभ के साथ उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, वो पूरे मज़े के साथ हवा में उछलने लगी और आवाज़े निकालने लगी प्लीज भैया ऐसा मत करो अहाहहह आईईई, लेकिन कुछ देर बाद ही वो मुझसे कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत मज़ा रहा उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा और अंदर करो प्लीज भैया और अंदर अह्ह्हह्ह्ह्ह.
उसके मुहं से यह आवाज़े सुनकर मुझमें भी अब जोश आ गया और में अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा. तो वो बोलने लगी कि भाई अह्ह्ह्ह मुझे कुछ हो रहा है आऐईईई अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो अआह्ह्ह रहा प्लीज भैया रूको, लेकिन में नहीं रुका और उसकी चूत को लगातार चूसता, चाटता रहा और उसी वक़्त वो झड़ गई और उसने अपना सारा माल अपनी चूत से बाहर निकाल दिया. तो मैंने एक टिश्यू पेपर लेकर उसकी चूत को साफ किया और फिर मैंने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ा और उससे बोला कि अब जानेमन तुम्हारी बारी है और मैंने उसे इशारे में अपना लंड चूसने को बोला.
पहले उसने साफ साफ मना किया, लेकिन मैंने उसे बहुत देर तक समझाया और उससे थोड़ी सी ज़बरदस्ती की और उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया और फिर वो भी बड़े मज़े से मेरा लंड चूसने लगी. दोस्तों में क्या बताऊँ में तो उस समय जैसे सातवें आसमान पर था, वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे मानो कोई छोटा बच्चा आईसक्रीम खा रहा होता है. वो अपनी पूरी जीभ को मेरे लंड के टोपे पर घुमा रही थी और थोड़ी ही देर के बाद में भी झड़ गया. वो लंड पर से अपना मुहं हटाना चाहती थी, लेकिन मैंने मजबूती से उसका सर पकड़ लिया और सारा माल उसके मुहं में ही निकाल दिया और फिर बाद में उसने उसे थूक दिया.
फिर हम एक दूसरे के साथ ऐसे ही नंगे लेटे हुए थे और वो फिर से मेरे लंड को अपने हाथों से दोबारा सहलाने, दबाने लगी. तो में भी झट से समझ गया कि अब यह मुझसे चुदना चाहती है और अब आज मेरा भी सपना पूरा होने वाला था.
फिर उसने थोड़ी देर मेरा लंड सहलाया और वो तनकर खड़ा हो गया. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को खोलकर अपने पेट पर घुमा दिया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और एक तेल की बोतल अपने पास रख ली, लेकिन वो अब बहुत डर रही थी और बोल रही थी कि भैया प्लीज रहने दो हम फिर कभी कर लेंगे, आपका लंड बहुत बड़ा है यह मेरे अंदर नहीं जाएगा, लेकिन में कहाँ मानने वाला था?
मैंने तेल की बोतल खोली और उसकी चूत को पूरा तेल के साथ भर दिया ताकि लंड आसानी से अंदर चला जाए और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया और फिर उसके बाद मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा और उसके मुहं से एक बहुत तेज़ चीख निकली आअहहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह मर गई, इसे बाहर निकालो प्लीज, नहीं तो में मर जाउंगी, प्लीज भैया ऊईइइइईईईई माँ, भैया प्लीज मुझ पर थोड़ा तरस खाओ, प्लीज अह्ह्हह्ह्ह इसे बाहर निकालो, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था और मैंने एक और धक्का लगा दिया जिसकी वजह से वो और बहुत तेज़ छटपटाने लगी, उसने छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन मैंने उसे अपने पैरों के साथ जकड़ लिया था और उसके मुहं पर अपना मुहं रखा था ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना निकल सके.
फिर में थोड़ी देर तक एक जगह पर रुका रहा और मैंने नीचे की तरफ देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था, शायद वो वर्जिन थी और यह उसकी पहली चुदाई थी इसलिए खून चूत से बाहर निकला होगा और थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और जब उसकी आवाज़ कम हो गई तो मैंने उसके मुहं से अपना मुहं हटा लिया और उसकी चूत में पूरे ज़ोरदार धक्के मारने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा था वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. हमारी आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी और में उससे बोल रहा था कि प्रियंका में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और मैंने हमेशा से तुम्हे ऐसे ही चोदना चाहता था.
प्रियंका भी बोल रही थी कि हाँ भैया में भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ और अब उसकी सिसकियाँ भी बड़ने लगी थी और वो बोल रही थी कि भैया थोड़ा और ज़ोर से करो अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ आज इसमें पूरा अंदर डाल दो अपना लंड उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ हाँ बहुत मज़ा आ गया, भैया प्लीज आज मुझे अपनी बना लो और हमेशा मुझे ऐसे ही चोदते रहना. तो में भी बोलने लगा कि मेरी रानी तू बिल्कुल भी फ़िक्र मत कर, में अब दिन रात एक करके तुझे चोदूंगा और तेरी चूत को शांत करूंगा, में तुझे अपनी रानी बनाकर रखूंगा.
फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद एक तेज धक्के के साथ हम दोनों एक एक करके झड़ गये. मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और में बहुत थककर एकदम निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया और अब उसके शरीर के साथ साथ उसकी चूत भी ढीली हो गई थी और वो मेरी तरफ देखकर मुझे स्माइल दे रही थी और फिर मैंने थोड़ी देर बाद उठकर उसे एक किस किया और एक कपड़ा लेकर उसकी चूत और अपने लंड से खून को साफ किया और उसके बाद मैंने उस रात उसे तीन बार और चोदा, लेकिन उसके बाद में अब तक में उसे पता नहीं कितनी बार चोद चुका हूँ और हर बार में उसे एक नई स्टाईल में चोदता हूँ, वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत खुश हो जाती है.

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क्या बताएं कुंवारी चूत में क्या है

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गुरु है और आज में जो कहानी आप सभी लोगों को सुनाने जा रहा हूँ, वो मेरी एक सच्ची कहानी है. दोस्तों सबसे पहले तो में आप लोगों को थोड़ा अपने बारे में बता दूँ कि में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मुझे सभी सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. मेरी लम्बाई ठीक-ठाक है और मेरा शरीर भी दिखने में अच्छा लगता है. में एकदम फिट हूँ और अगर दूसरी चीज़ो की बात करे तो मेरा लंड 8 इंच लंबा है और 3 इंच मोटा है, जो कि किसी भी लड़की, भाभी या आंटी को संतुष्ट करने के लिए अकेला ही बहुत है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है और अब में अपनी कहानी को शुरू करता हूँ.
दोस्तों, यह कहानी मेरे और मेरी पड़ोसन के बारे में है जिसकी मैंने जमकर चुदाई की. वैसे दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और वो मुझसे एक साल छोटी है करीब 22 साल, उसका नाम प्रियंका है और में उसके बारे में क्या बताऊँ वो बहुत सेक्सी है, एकदम साफ रंग ऊपर से जब वो टी-शर्ट पहनती है तो उसके गोल गोल बूब्स देखकर तो में बिल्कुल ही पागल हो जाता हूँ और कभी कभी जब वो गहरे गले की टी-शर्ट पहनती थी और में अपनी बालकनी में खड़ा होता था तो में तो बस उसके बड़े बड़े बूब्स की लाइन ही देखता रहता था और उसकी गोल गांड के तो क्या कहने?
में जब भी उसकी गांड को देखता तो मेरा मन करता था कि बस उसी समय उसके कपड़े उतारकर उसे चोदना शुरू कर दूँ, लेकिन यह सब मुमकिन नहीं हो पता था, तो मुझे उसकी चुदाई करने की सारी तड़प अपनी गर्लफ्रेंड पर उतारनी पड़ती या मजबूरी में मुठ मारनी पड़ती थी, लेकिन उससे बुरी बात तो यह थी कि वो अब मुझे भैया बोलने लगी थी, जो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन दोस्तों अगर कोई लड़की आपको भाई बोलती है तो उसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आप उससे कभी भी जब मर्ज़ी हो मिलने जा सकते हो और उसे कहीं भी बुला सकते हो और अगर सब कुछ ठीक रहा तो आप कभी भी उसे चोद भी सकते हो और आपके ऊपर किसी को शक भी नहीं होगा.
दोस्तों जब से वो जवान हुई थी में तो उसे चोदने के सपने देखने लगा और में दिन रात उसके बारे में सोचने लगा. में उसके बारे में सोच सोचकर एकदम पागल होने लगा था, लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि अगर मैंने कुछ किया तो उसका रिज़ल्ट क्या होगा? फिर भी में तो कभी कभी थोड़ी थोड़ी कोशिश करता रहता था, जैसे कि जब में उसके घर जाता था तो उसके साथ बैठने की कोशिश करता था. उसके हाथ पर अपना हाथ रख देता था या उसे घूरता रहता था, लेकिन उसकी तरफ से कभी भी कोई ऐसा जवाब नहीं आया कि जिससे मुझे लगे कि वो भी मुझसे चुदना चाहती है, लेकिन मुझे उससे क्या लेना, मुझे तो बस उसे चोदना था?
एक दिन हुआ यह कि में अपने कॉलेज के पेपर की तैयारी कर रहा था और में उस समय कॉलेज के आखरी साल में था, उस वक़्त प्रियंका भी अपने दूसरे साल के पेपर की तैयारी कर रही थी. वो अक्सर मेरे पास अपनी समस्या लेकर आती रहती और में उसकी मदद किया करता था. में कई बार मज़ाक मज़ाक में उसे पढ़ाते वक़्त उसके बूब्स और गांड पर हाथ मार दिया करता था, लेकिन वो मुझे कभी कुछ नहीं बोलती थी, शायद वो मुझे अपना भैया समझती थी.
फिर हुआ यह कि प्रियंका के पापा का ऑफिस दिल्ली के बाहर है और इसलिए वो हर रोज अप-डाउन करने की बजाए कभी कभी वहीं पर रुक जाते है और घर नहीं आते और फिर हमारे पेपर शुरू होने के ठीक एक हफ़्ता पहले एक दिन प्रियंका की मम्मी हमारे घर पर आई और उन्होंने बोला कि उनके भाई मतलब प्रियंका के मामा की तबीयत अचानक से बहुत खराब हो गई है और उन्हे और उनके पति को वहां पर जाना पड़ रहा है और वो प्रियंका को अपने साथ नहीं ले जा सकते, क्योंकि उसके पेपर शुरू होने वाले थे और फिर उन्होंने बोला कि आप लोग प्लीज उसका ध्यान रखना और कभी कभी गुरु को प्रियंका के पास भेज देना ताकि वो उसे पढ़ा दे और उस वजह से प्रियंका को अकेलापन भी महसूस नहीं होगा. तो में एक तरफ खड़ा खड़ा यह सारी बातें सुन रहा था और मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, अब मुझे लग रहा था कि शायद अब में प्रियंका को चोदने का अपना ख्वाब पूरा कर सकता हूँ.
तो अगले दिन जब में कॉलेज से वापस आया तो में बहुत खुश था, क्योंकि में जानता था कि आज प्रियंका घर पर एकदम अकेली है और आज मेरे पास पूरा मौका है उसे चोदने का, लेकिन में अब भी यही सोच रहा था कि में यह सब कैसे करूँगा? और फिर सोचते सोचते शाम पड़ गई और तब तक प्रियंका भी घर पर आ चुकी थी तो मैंने मम्मी से बोला कि आप प्रियंका और मेरा खाना पेक कर दो में उसके साथ ही खा लूँगा. तो मम्मी ने बोला कि ठीक है. दोस्तों प्रियंका मुझे हमेशा भैया बोलती थी तो इसलिए हम पर कोई भी ऐसे शक नहीं कर सकता था और फिर उसके बाद रात को 9 बजे मैंने खाना पेक करके प्रियंका के घर की घंटी बजाई और जब उसने दरवाजा खोला तो में तो बस उसे देखता ही रह गया. उसने आज एक बहुत छोटी सी स्कर्ट, एकदम टाईट टी-शर्ट पहन रखी थी.
में तो उसकी गोरी गोरी जांघे देखता ही रहा फिर में अंदर गया और में पीछे से उसकी उठी हुई स्कर्ट में से उसकी जांघे झाँकने लगा, लेकिन कुछ ज्यादा नज़र नहीं आ रहा था और अब में उसके बूब्स को घूरने लगा जो उस टी-शर्ट में एकदम सेक्सी लग रहे थे. फिर मैंने प्रियंका को खाना दिया और उसे प्लेट में डालकर लाने को बोला और में टीवी चलाकर बैठ गया. मैंने टीवी पर सारे चेनल चला दिए, लेकिन किसी पर भी कोई सेक्सी फिल्म नहीं आ रही थी तो मैंने टीवी को बंद कर दिया. फिर प्रियंका ने पूछा कि भैया आपने टीवी क्यों बंद कर दिया? तो मैंने बोला कि उस पर कुछ नहीं आ रहा था और मैंने उससे पूछा.
में : और बता क्या चल रहा है?
प्रियंका : सब मस्त है भैया आप बताओ आपका क्या हाल है, क्या पेपर की तैयारी हो गई?
में : नहीं यार, मेरा तो आज कल कहीं मन ही नहीं लगता.
प्रियंका : क्यों भैया ऐसा क्या हुआ?
में : पता नहीं यार, आज कल कहीं दिल नहीं लगता, पता नहीं क्या बात है?
प्रियंका : क्या में बताऊ भैया आपको क्या हुआ है?
में : हाँ जल्दी बताओ?
प्रियंका : शायद आपको कोई पसंद आ गया है और यह सब प्यार में ही होता है. (वो मंद मंद मुस्कुरा रही थी)
में : हाँ शायद तू बिल्कुल सही कह रही है, आजकल तो में बस उसके ही सपने देखता रहता हूँ और हमेशा उसी के बारे में सोचता रहता हूँ.
प्रियंका : वो कौन है भैया प्लीज मुझे भी बताओ ना?
में : कोई नहीं है तू अपना खाना खा और पढ़ाई कर.
प्रियंका : नहीं भैया मुझे नहीं पढ़ना, प्लीज पहले आप मुझे बताओ ना कौन है?
में : अच्छा तू खाना खा ले जब हम पढ़ने लगेंगे तो में तुझे पक्का बताऊंगा.
प्रियंका : क्या पक्का वादा?
में : हाँ पक्का वादा.
प्रियंका : फिर ठीक है.
फिर उसके बाद प्रियंका वहां से उठी और चली गई और फिर थोड़ी देर बाद प्रियंका ने मुझसे बोला कि वो नहाने जा रही है. तो मैंने उससे बोला कि ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी आ जाना फिर हम पढ़ना शुरू कर देंगे. तब मैंने मन ही मन सोचा कि आज में इसको सब सच सच बता दूँगा और अगर सब ठीक रहा तो आज इसकी जमकर चुदाई भी कर दूँगा और फिर मैंने भी अपने घर पर जाकर बोल दिया कि आज में लेट ही आऊंगा, क्योंकि मुझे आज प्रियंका को पढ़ना है.
मम्मी ने मुझसे बोला कि तो तू वहीं पर सो जाना और अब मेरे तो जैसे लॉटरी लग गई, मैंने मम्मी को झट से हाँ बोल दिया और जल्दी से वापस प्रियंका के घर चला गया और उसके बाद में सीधा प्रियंका के रूम में कुछ किताब लेने के लिए चला गया, उसका दरवाजा खुला हुआ था और मैंने बस अभी तक हल्का सा दरवाजा खोला था और मेरी नज़र जब रूम में पड़ी तो में तो पूरी तरह से हिल गया. मैंने अंदर की तरफ देखा कि प्रियंका सिर्फ़ एक टावल को लपेटकर खड़ी हुई थी और शायद वो कुछ ढूंड रही थी. में तो बस पीछे से उसकी गोरी गोरी जांघे देखने लगा और उसकी गांड भी बहुत बाहर की तरफ निकली हुई थी, कसम से अब तो में और भी पागल होता जा रहा था और मेरा लंड भी अब पूरा खड़ा हो चुका था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं?
तभी मैंने देखा कि उसने अलमारी में से अपनी एक काली कलर की ब्रा-पेंटी निकाली जो की बहुत सेक्सी थी और देखकर लग रहा था कि शायद वो वहीं पर चेंज करेगी, लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि वो तो बाथरूम की तरफ जाने लगी थी तो मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने दरवाजा खोला और जानबूझ कर उसके रूम में ग़लती से अंदर जाने की एक्टिंग करने लगा. तो वो अचानक से डर गई और मैंने उसे देखते ही सॉरी बोला.
प्रियंका बोली कि भैया अपने तो मुझे डरा ही दिया था. मैंने उससे कहा कि में कुछ किताब लेने अंदर आया था. में उसके हाथ की तरफ देख रहा था, उसके हाथ में उसकी ब्रा और पेंटी थी. जब उसने इस बात पर गौर किया तो उसने झट से अपनी ब्रा-पेंटी को अपनी गांड के पीछे छुपा लिया. मेरा तो बस मन कर रहा था कि उसको यहीं पर लेटाकर चूमना, चाटना शुरू कर दूँ और अब वो भी थोड़ा शरमाने लगी थी, क्योंकि वो मेरे सामने सिर्फ़ एक टावल में खड़ी हुई थी. तो मैंने उससे बोला कि शरमाने की कोई बात नहीं है तुम जाकर चेंज कर लो, में बाहर तुम्हारा इंतजार करता हूँ. यह बात सुनकर उसने मुझे स्माइल दी और जैसे ही वो बाथरूम की तरफ चलने लगी तो अचानक उसका टावल अलमारी के हेंडल में अटक गया और एक ही झटके में वो टावल उसके शरीर से अलग हो गया और जो मैंने उसके बाद देखा.
दोस्तों वो में आपको शब्दो में भी बया नहीं कर सकता, क्योंकि वो ठीक मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी हुई थी और उसके मोटे मोटे बूब्स मेरे सामने थे, जिन्हे में पूरा दिन रात चूसने के सपने देखता था और उसकी गुलाबी चूत देखकर तो में पागल ही हो गया और मेरा लंड भी अब मेरी पेंट फाड़कर बाहर आने लगा था. तो उसने मेरे लंड के बड़ते हुए आकार को महसूस कर लिया था और फिर करीब 30 सेकिंड तक उसे समझ में नहीं आया कि वो अब क्या करे? उसके बाद जब वो थोड़ा झुककर टावल उठाने लगी तो तब तक बहुत देर हो चुकी थी में सीधा उसके पास गया और उसे अपने गले से लगा लिया और बोला कि प्रियंका में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो में तुम्हारे बिना नहीं जी सकता. तो उसने अपने आपको मुझसे छुड़वाया और अपना टावल उठाकर लपेट लिया और बोला कि नहीं भैया ऐसा नहीं हो सकता क्या आप पागल हो गए हो और यह आप क्या बोल रहे हो?
फिर मैंने बोला कि में जो भी बोल रहा हूँ वो सब सच बोल रहा हूँ. उसने बोला कि अगर किसी को पता चल गया तो सब क्या बोलेंगे? तो मैंने कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और किसी को बताएगा भी कौन? यह बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी. तो उसने बोला कि नहीं भैया प्लीज आप ऐसा मत सोचो, यह सब बिल्कुल ग़लत है. फिर मैंने बोला कि इसमे कुछ ग़लत नहीं है और फिर मैंने धीरे धीरे उसको अपनी तरफ खींचना शुरू कर दिया.
पहले तो वो मेरा विरोध करती रही, लेकिन जब मैंने ज़बरदस्ती अपने होंठो को उसके होंठो पर रखे तो थोड़ी ही देर बाद वो जोश में आकर मेरा साथ देने लगी और मुझे भी अब लगा कि लोहा गरम हो गया है तो मैंने भी धीरे धीरे उसका टावल खींचना शुरू कर दिया, पहले तो वो मेरा हाथ हटाती रही लेकिन जब मैंने उसे खींचकर बेड पर लेटाया और उसके गुलाबी होंठो को चूसने लगा तो वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और फिर मैंने उसका टावल उसके शरीर से एक बार फिर से अलग कर दिया. अब वो मेरी बाहों में बिल्कुल नंगी पड़ी थी. में उसकी चूत देखकर पागल हुआ जा रहा था. फिर में एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और में एक हाथ उसकी चूत पर रखकर उसे मसलने लगा.
फिर वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और सिसकियों की आवाजें निकालने लगी, लेकिन में उसके होंठो को लगातार चूसता रहा जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली और फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया और मैंने बहुत बार उसके निप्पल पर भी काटा जिससे वो एकदम मचल जाती थी और फिर में धीरे धीरे चूमते चाटते नीचे जाने लगा. उसका पेट कांप रहा था और उसे भी अब सेक्स चड़ने लगा था और उसके बाद मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया.
फिर मैंने देखा कि अभी तक उसकी आँखे बंद थी और उसने मेरे लंड को नहीं देखा था. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और मैंने देखा कि वो अभी तक पूरी तरह से वर्जिन थी, शायद उसने आज तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं की थी. फिर मैंने अपनी जीभ के साथ उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, वो पूरे मज़े के साथ हवा में उछलने लगी और आवाज़े निकालने लगी प्लीज भैया ऐसा मत करो अहाहहह आईईई, लेकिन कुछ देर बाद ही वो मुझसे कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत मज़ा रहा उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा और अंदर करो प्लीज भैया और अंदर अह्ह्हह्ह्ह्ह.
उसके मुहं से यह आवाज़े सुनकर मुझमें भी अब जोश आ गया और में अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा. तो वो बोलने लगी कि भाई अह्ह्ह्ह मुझे कुछ हो रहा है आऐईईई अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो अआह्ह्ह रहा प्लीज भैया रूको, लेकिन में नहीं रुका और उसकी चूत को लगातार चूसता, चाटता रहा और उसी वक़्त वो झड़ गई और उसने अपना सारा माल अपनी चूत से बाहर निकाल दिया. तो मैंने एक टिश्यू पेपर लेकर उसकी चूत को साफ किया और फिर मैंने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ा और उससे बोला कि अब जानेमन तुम्हारी बारी है और मैंने उसे इशारे में अपना लंड चूसने को बोला.
पहले उसने साफ साफ मना किया, लेकिन मैंने उसे बहुत देर तक समझाया और उससे थोड़ी सी ज़बरदस्ती की और उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया और फिर वो भी बड़े मज़े से मेरा लंड चूसने लगी. दोस्तों में क्या बताऊँ में तो उस समय जैसे सातवें आसमान पर था, वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे मानो कोई छोटा बच्चा आईसक्रीम खा रहा होता है. वो अपनी पूरी जीभ को मेरे लंड के टोपे पर घुमा रही थी और थोड़ी ही देर के बाद में भी झड़ गया. वो लंड पर से अपना मुहं हटाना चाहती थी, लेकिन मैंने मजबूती से उसका सर पकड़ लिया और सारा माल उसके मुहं में ही निकाल दिया और फिर बाद में उसने उसे थूक दिया.
फिर हम एक दूसरे के साथ ऐसे ही नंगे लेटे हुए थे और वो फिर से मेरे लंड को अपने हाथों से दोबारा सहलाने, दबाने लगी. तो में भी झट से समझ गया कि अब यह मुझसे चुदना चाहती है और अब आज मेरा भी सपना पूरा होने वाला था.
फिर उसने थोड़ी देर मेरा लंड सहलाया और वो तनकर खड़ा हो गया. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को खोलकर अपने पेट पर घुमा दिया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और एक तेल की बोतल अपने पास रख ली, लेकिन वो अब बहुत डर रही थी और बोल रही थी कि भैया प्लीज रहने दो हम फिर कभी कर लेंगे, आपका लंड बहुत बड़ा है यह मेरे अंदर नहीं जाएगा, लेकिन में कहाँ मानने वाला था?
मैंने तेल की बोतल खोली और उसकी चूत को पूरा तेल के साथ भर दिया ताकि लंड आसानी से अंदर चला जाए और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया और फिर उसके बाद मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा और उसके मुहं से एक बहुत तेज़ चीख निकली आअहहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह मर गई, इसे बाहर निकालो प्लीज, नहीं तो में मर जाउंगी, प्लीज भैया ऊईइइइईईईई माँ, भैया प्लीज मुझ पर थोड़ा तरस खाओ, प्लीज अह्ह्हह्ह्ह इसे बाहर निकालो, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था और मैंने एक और धक्का लगा दिया जिसकी वजह से वो और बहुत तेज़ छटपटाने लगी, उसने छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन मैंने उसे अपने पैरों के साथ जकड़ लिया था और उसके मुहं पर अपना मुहं रखा था ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना निकल सके.
फिर में थोड़ी देर तक एक जगह पर रुका रहा और मैंने नीचे की तरफ देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था, शायद वो वर्जिन थी और यह उसकी पहली चुदाई थी इसलिए खून चूत से बाहर निकला होगा और थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और जब उसकी आवाज़ कम हो गई तो मैंने उसके मुहं से अपना मुहं हटा लिया और उसकी चूत में पूरे ज़ोरदार धक्के मारने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा था वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. हमारी आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी और में उससे बोल रहा था कि प्रियंका में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और मैंने हमेशा से तुम्हे ऐसे ही चोदना चाहता था.
प्रियंका भी बोल रही थी कि हाँ भैया में भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ और अब उसकी सिसकियाँ भी बड़ने लगी थी और वो बोल रही थी कि भैया थोड़ा और ज़ोर से करो अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ आज इसमें पूरा अंदर डाल दो अपना लंड उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ हाँ बहुत मज़ा आ गया, भैया प्लीज आज मुझे अपनी बना लो और हमेशा मुझे ऐसे ही चोदते रहना. तो में भी बोलने लगा कि मेरी रानी तू बिल्कुल भी फ़िक्र मत कर, में अब दिन रात एक करके तुझे चोदूंगा और तेरी चूत को शांत करूंगा, में तुझे अपनी रानी बनाकर रखूंगा.
फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद एक तेज धक्के के साथ हम दोनों एक एक करके झड़ गये. मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और में बहुत थककर एकदम निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया और अब उसके शरीर के साथ साथ उसकी चूत भी ढीली हो गई थी और वो मेरी तरफ देखकर मुझे स्माइल दे रही थी और फिर मैंने थोड़ी देर बाद उठकर उसे एक किस किया और एक कपड़ा लेकर उसकी चूत और अपने लंड से खून को साफ किया और उसके बाद मैंने उस रात उसे तीन बार और चोदा, लेकिन उसके बाद में अब तक में उसे पता नहीं कितनी बार चोद चुका हूँ और हर बार में उसे एक नई स्टाईल में चोदता हूँ, वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत खुश हो जाती है.

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उसकी पति बाहर था तो मैंने की चुदाई

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हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम प्रज्नेश है और में गुजरात से हूँ, यह स्टोरी 2 महीने पहले की है. में 21 साल का गुड लुकिंग बॉय हूँ, मेरी हाईट 5 फीट 9 इंच है, रंग गोरा है, मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है. अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ, हमारे घर के पास में एक डांस क्लासेज चलता था. एक दिन में वहाँ गया तो वहां पर एक बहुत अच्छी भाभी थी, उसका नाम पायल है. डांस करते समय वो बहुत सेक्सी लग रही थी. में उसे देखकर उसके विचारों में खो गया, उसकी साईज़ 36-30-32 होगी, में उसे रोज लगातार देखता रहा और वो जब मेरी तरफ देखती तब में हल्की सी स्माइल दे देता था और उसने 3-4 बार कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया, लेकिन बाद में वो भी स्माइल देने लगी.
मैंने पहले जब भाभी को देखा तो मुझे एक कुँवारी लड़की लगी थी. फिर मैंने उसे इशारा किया कि आप नीचे आओ मुझे आपको नंबर देना है, फिर वो मेरे कहने पर नीचे आई और मैंने उसको मेरा नंबर दिया. फिर शाम को उसका कॉल आया और हमने बातें की, तब उसने बताया कि मेरी शादी हो गयी है और पति बिज़नेस के काम से ज़्यादातर बाहर रहते है.
मैंने उससे कहा कि आप तो कुँवारी लग रही हो, जब पहली बार कॉल आया था तो हमने लगभग 5 मिनट ही बात की होगी. उसके बाद हम रोज बातें करने लगे. पहले हम इधर उधर की बातें करते थे.
फिर एक दिन बाद मैंने उसे आई लव यू कहा तो उसने मुझे डांटा और कहा कि हम सिर्फ़ दोस्त है. मैंने उसे खूब मनाया और कहा कि में आपसे प्यार करने लगा हूँ, तो वो बोली कि में सोचकर बताती हूँ. फिर 2 दिन के बाद हम जब बात कर रहे थे तब मैंने उसे दोबारा पूछा तो उसने हाँ कर दी. फिर हम पहले से ज़्यादा बातें करने लगे और सेक्स की भी बातें करने लगे.
एक दिन मैंने भाभी से बोला कि हम कहीं घूमने चले, तो वो बोली कि मेरी सास से बोले बिना में कहीं पर भी नहीं जा सकती हूँ. तब मैंने उसे एक आइडिया बताया कि जब तुम्हारी क्लास का टाईम हो तब हम घूमने जा सकते है ना, तो उसने कहा कि ठीक है. में आपको बता दूँ कि उसकी क्लास का टाईम 2 से 5 बजे तक है. वो हमेशा टॉप और जीन्स पहनती थी, टी-शर्ट में वो बहुत ही खूबसूरत लगती थी.
एक दिन भाभी का सुबह के समय 10 बजे कॉल आया और वो बोली कि आज हम कहीं घूमने चलते है. मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और में दोपहर के 12 बजे उसके कॉल का इंतजार करने लगा. फिर दोपहर के 1 बजे उसका कॉल आया और उसने कहा कि तुम मुझे मेरी क्लास के पास जो गली है वहाँ पर लेने आ जाओ, में 2 बजे तुम्हारा इंतज़ार करूँगी.
फिर में ठीक 2 बजे वहां पहुँच गया, तो वो अभी तक नहीं आई थी. फिर 5 मिनट के बाद वो आई और आज उसने साड़ी पहनी थी, जिसमें वो बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी, मन तो कर रहा था कि जाकर उसे अभी ही चूम लूँ, लेकिन में क्या करता? अगर वहाँ पर कोई आ जाता तो हम मुश्किल में पड़ जाते इसलिए मैंने कुछ नहीं किया. फिर वो आकर मेरी बाइक पर बैठ गई और हम शहर की तरफ घूमने चले गये और फिर एक रेस्टोरेंट में गये, वहाँ पर हमने खाना खाया और भाभी मुझे बड़े प्यार से खाना खिला रही थी.
फिर खाना खाते-खाते मैंने भाभी से पूछा कि मुझे आपको किस करना है, तो उसने बोला कि कहीं अकले में करते है यहाँ सब देख रहे है. फिर मैंने उससे कहा कि होटल के रूम में चलते है और उसके हाँ कहने के बाद मैंने एक होटल में जाकर रूम बुक करवाया और हम अब अकले थे और जैसे ही हम रूम के अंदर गये तो मैंने तुरंत भाभी को पकड़ लिया और उनके गाल पर किस करने लगा. तभी भाभी बोली कि मेरी जान थोड़ा सब्र करो, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. में हमेशा के लिए तुम्हारी ही हूँ.
फिर मैंने कहा कि मेरी जानू तेरी बात सही है, लेकिन अभी 2 घंटे के बाद हमें अलग होना ही है. तो वो हंसने लगी और आई लव यू किस मी कहने लगी. फिर हमने 15 मिनट तक एक दूसरे को किस किया, मुझे किस करना बहुत पसंद है और किस करते समय भाभी की सास गर्म-गर्म बहुत तेज चल रही थी, जो मुझे बहुत ही तड़पा रही थी.
फिर 15 मिनट तक होंठ पर किस करने के बाद में धीरे-धीरे भाभी के गले को चूमते हुए उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स को किस करने लगा और बूब्स को ज़ोर-जोर से दबाने लगा. फिर 5 मिनट के बाद मैंने उसका ब्लाउज और ब्रा दोनों को उतार दिया और पागलों की तरह में उस पर टूट पड़ा और वो बहुत ही गर्म हो गयी थी. अब उसकी बारी थी, फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरे शरीर को किस करने लगी और मुझे दातों से काटने लगी, मुझे भाभी का ऐसा करना कुछ समझ नहीं आ रहा था.
फिर बाद में भाभी ने मेरी पेंट ऊतार दी और बाहर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी, मेरा 6 इंच का लंड सेक्स करने को बहुत ही उत्तेजित था. फिर 2 मिनट तक भाभी ने ऐसा किया और फिर बाद में उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरा लंड देखकर वो पागल सी हो गई और कहने लगी कि आपका लंड तो बहुत बड़ा है. फिर मेरा हथियार बाहर निकालने के बाद वो लंड पर किस करने लगी और बाद में उसे चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था और भाभी भी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी. फिर 7-8 मिनट तक वो मेरे लंड को चूसती रही और फिर उसके बाद में झड़ गया और भाभी मेरा सारा रस पी गई. उसके बाद मेरी बारी थी. फिर में उसके बूब्स पर किस कर रहा था, तो भाभी बोली कि अब नहीं और मत तड़पाओ मुझे, मेरी जान प्लीज फाड़ डालो मेरी चूत और मेरी प्यास बुझा दो. फिर मैंने भाभी से कहा कि जैसी तुम्हारी मर्जी, इसके बाद भाभी बेड पर सो गई.
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और में लंड चूत में अंदर डाल रहा था, लेकिन भाभी की चूत थोड़ी टाईट थी, क्योंकि 2-3 महीनों के बाद भाभी ये सब कर रही थी इसलिए फिर मैंने 3 धक्के लगाये तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और भाभी चिल्लाने लगी. उसके बाद में धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा रहा था और भाभी के मुँह से भी अलग-अलग तरह की आवाजें आ रही थी.
फिर मैंने भाभी को 15 मिनट तक चोदा, उसके बाद में झड़ गया और उसी दौरान भाभी 2 बार झड़ गई थी. उसके बाद हम बेड पर लेटे रहे और एक दूसरे को लिप पर किस करने लगे. अब हमें जब भी टाईम मिलता है तो कहीं घूमने जाते है और हम बहुत मजे करते है और सारा खर्चा भाभी ही देती है और वो मुझे मेरे खर्चे के लिए भी कभी-कभी पैसे देती है.

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प्यासा लंड को सेक्रेटरी की चूत का स्वाद मिला

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हेलो फ्रेंड्स!! मेरा नाम अर्पित है और मेरी उम्र 32 साल है।मेरा एक कॉल सेंटर है और मैं गुडगाँव में रहता हूँ।
रीटा मेरी पर्सनल सेक्रेटरी थी… ऑफीस में साथ काम करने से हम एक दूसरे के काफ़ी करीब आ गये थे। एक दूसरे की लाइफ, सेक्स-लाइफ सब के बारे में चर्चा हो जाती थी।वो ज़्यादातर साड़ी पहनती थी और मैं उसे साड़ी में देख कर काफ़ी उत्तेजित हो जाता था!!!कैसे भी करके, मैंने उसको चोदने का मन बना लिया था।एक दिन मैं उसे किस करके बाहर चला गया और फिर लेट आया। वो 6 बजे चली जाती थी, लेकिन उस दिन वो इंतज़ार करती रही…जब मैं ऑफीस पहुँचा तो उसने कहा – अपने ये क्या किया, आज…??मैंने कहा – मैं तुम्हे चाहने लगा हूँ!!!वो बोली – आप और मैं दोनों शादीशुदा हैं। यह कैसे हो सकता है…??
मैंने कहा – मैं कुछ नहीं जनता। फिर वो चली गई…

दूसरे दिन वो नॉर्मल थी!! मैंने थोड़ी देर बाद उसको किस किया और वो कुछ नहीं बोली, सिर्फ़ स्माइल करती रही… मेरी हिम्मत बढ़ी!! मैं बार-बार किस करता रहा, शायद वो भी अब गरम होने लगी थी।

दो-तीन दिन बाद मैंने कहा – तुम भी किस करो…

फिर उसने मुझे किस किया तो मैं उत्तेजित हो गया और मैंने उसे बाहों में ले लिया…

वो बोली – सर, कोई आ जाएगा… ऑफीस है!!

मैंने कहा – अपने ऑफीस में कोई नहीं आता, फिर भी अलर्ट रहेंगे… और फिर मैं उसके बूब्स भी दबाने लगा।

अब मैं दिन में कई बार उसको बाहों में भर लेता था और उसकी चूत को ऊपर से सहला देता था!! अब वो भी मेरे लण्ड को कभी कभी ऊपर से ही सहला देती थी!!

फिर एक दिन हमने डिसाइड किया, किसी होटल में जाते हैं। ऑफीस एक दिन बंद कर देंगे और मज़े करेंगे!! !!!

दूसरे दिन, वो सुबह जल्दी आई और हम होटल में रूम बुक कर के रूम में चले गये।

रूमे में पहुँचते ही मैंने उसे बाहों में भर लिया…

वो बोली – सर!! पूरा दिन है, क्यूँ इतने उतावले हो रहे हो…??

फिर वो आकर बिस्तर पर बैठ गई… मैंने कहा – रीटा, आज काफ़ी दिनों का सपना पूरा होगा!!…

वो बोली – मुझे भी आप अच्छे लगते हैं…

अब मैंने उसकी साड़ी हटा दी और ब्लाउज खोल दिया। उसने अपने हाथों से ब्लाउज हटा कर अपनी ब्रा उतार दी… !!

उफ़!! क्या बूब्स थे उसके… मैंने उसके बूब्स अपने हाथों में ले लिए और दोनों हाथों से बहुत देर तक मसलता रहा।

अब वो भी उत्तेजित हो गई और मेरे पैंट की ज़िप खोलने लगी। मैंने कहा – पहले मुझे न्यूड कर दो… वो हँसी और एक-एक करके सारे कपड़े हटा कर मेरे लण्ड को पकड़ लिया…

मेरा लण्ड काफ़ी बड़ा है!! !!!

वो उसे मसलने लगी और बोली – बाप रे!! काफ़ी बड़ा है, सर आपका ये…

मैंने कहा – क्यूँ…?? तेरे पति का छोटा है…??

वो बोली – हाँ, उनके लण्ड से तो दो गुना बड़ा है!! फिर वो बेड पर बैठ गई और मेरे लण्ड को किस कर के मुँह में भर लिया और लोलीपाप की तरह वो अंदर बाहर करने लगी…

मैं खड़े खड़े उसके निप्पल सहलाने लगा…

वो इतनी गरम हो गई की बेड पर लेट गई और बोलने लगी – सर, आपका मोटा लण्ड डालो ना अंदर… मेरी चूत मैं… जल्दी करो ना… …

मैंने लण्ड उसकी चूत पर रख कर धक्का दे दिया। उसकी चूत एकदम गीली हो गई थी, तो ज़्यादा प्राब्लम नहीं हुआ…

दो धक्कों में तो पूरा अंदर हो गया। वो बोलने लगी – मज़ा आ गया, मेरी चूत को आज… !! ज़ोर से सर… आज पूरी चूत फाड़ दो… क्या लण्ड है… आआआआआाआआ… श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… मज़ा आ गया…

वो भी कमर उठा उठा कर मेरा साथ देने लगीं और मैं जोश में आ गया। फिर वो अपनी मंज़िल पर पहुँच गई, लेकिन मैं अभी भी ज़ोर ज़ोर से चुदाई करता रहा।

थोड़ी देर बाद मैंने भी उसकी चूत में मेरा स्पर्म छोड़ दिया और ऐसे ही लेट गया!!!

मेरा लण्ड अंदर ही था। उसने मुझे किस किया और कहा – आज से आप मेरे दूसरे पति हो और मैं तुम्हारी दूसरी बीवी!! !!!

मैंने कहा – ठीक है…

शाम के 5 बजे तक हमने 5 बार सेक्स किया!!! !!

फिर वो वहाँ से घर चली गई और मैं ऑफीस…

 

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दोस्त की बहन को दोनों तरफ से बजाया

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और आज में आप सभी को अपनी एक नई कहानी सुनाने जा रहा हूँ. मेरी यह कहानी बहुत मस्त है, इसमें में आप लोगो को बताऊंगा कि कैसे मैंने अपने फ्रेंड की बहन को चोदा और हमने सेक्स में क्या-क्या किया और हमने कितने मज़े से सेक्स किया और कब और कैसे किया.
पहले में अपना और अपने दोस्त की बहन का परिचय दे देता हूँ. मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 22 है, लेकिन जब मैंने अपने फ्रेंड की बहन को चोदा, तब मेरी उम्र 21 साल थी, मेरी हाईट 5.7 है और मेरा लंड 3 इंच मोटा और 8 इंच लंबा है और अब मेरे दोस्त की बहन के बारे बताता हूँ. मेरे दोस्त की फेमिली बहुत अमीर है और उसके पापा का एक बिजनेस है और उसकी मम्मी भी एक विभाग में सरकारी नौकर है तो उनके घर पर पैसो की कोई कमी नहीं है. मेरे दूसरे दोस्तों की तुलना में वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है और मेरे दोस्त का घर डबल मंजिल है. उसके एक बहन है जो उससे बड़ी है और उनकी उम्र 26 साल है, उनका नाम पूर्वी है और वो अभी कुछ समय पहले ही B.A. करके जबलपुर लौटी है.
वो अभी जबलपुर में ही है और कोई नौकरी ढूंढ रही है, उनकी हाईट 5.6 है, रंग गोरा है और बाल लंबे व काले है और उनको टाईट कपड़े पहना पसंद है, उनका फिगर भी बहुत आकर्षक है, उनका साईज 36-25-36 है और वो अभी पुणे से अपनी पढ़ाई करके आई थी और वैसे ही उनके बूब्स थोड़े बाहर की तरफ दिखने लगे थे. बड़े शहर में रहने का असर उन पर और उनके कपड़ो पर साफ साफ दिख रहा था. दोस्तों जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि मेरा दोस्त पैसे वाला है, लेकिन मेरे घर पर नेट नहीं है, तो में अपने दोस्त के घर पर जाकर यह काम किया करता था. उनके घर पर एक कंप्यूटर और दो लेपटॉप थे और एक लेपटॉप उसकी दीदी पुणे से लेकर आई थी जो कि उसका खुद का था. दोस्तों हम दोनों ने साथ में एक कॉलेज में एड्मिशन लिया था और हम बी.कॉम. कर रहे थे और में उसके साथ ही कॉलेज जाया करता था.
तो लगभग आधे दिन में अपने दोस्त के घर पर ही रहता था. फिर जब उसकी दीदी जबलपुर से आई थी तो मैंने थोड़ा उनके घर पर आना जाना कम कर दिया था, लेकिन मेरा वो एक अच्छा दोस्त था इसलिए उसकी दीदी के लिए मेरे दिल में कोई बुरी बात तो थी नहीं और ना ही मेरी बुरी नज़र थी, में भी उनको दीदी कहता था और उनकी बहुत इज्जत करता था, लेकिन यह इज्जत अब उनके पुणे से लौटने के बाद ज्यादा दिन नहीं रह सकी. तो दोस्तों में अपने दोस्त के घर कहानियाँ पढ़ने, अपने मेल्स चेक, करने और कॉलेज जाने के लिए जाया करता था. हम कभी कभी रात में भी साथ रुकते थे और अपनी पढ़ाई करते और कोई भी काम रहता तो पहले में अपने दोस्त के घर पर जाया करता और फिर अपना काम किया करता था.
एक दिन जब में अपने दोस्त के घर पर बैठकर स्टोरी पढ़ रहा था तो तभी मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ आ रही है तो मैंने मिनिमाइज़ कर दिया और फिर दीदी आए तो केवल डेस्कटॉप खुला हुआ था तो उन्होंने इस बात पर गौर किया, लेकिन कुछ भी नहीं बोला और चली गई. उन्होंने नीचे जो मिनिमाइज़ था उसमे यह भी पढ़ लिया था कि क्या खुला हुआ है? और मेरे साथ ऐसा ही करीब दो तीन बार हो गया, लेकिन ना वो कभी मुझसे कुछ बोली और ना कभी में उनसे कुछ बोला. तो उसके बाद एक दिन मुझे एक मैल आया कि मेरे साथ चेट करो, उस समय दिन के तीन बजे थे तो में अपने दोस्त के घर पर पहुंच गया और वहां पर जाकर मैंने देखा कि दोस्त की दीदी कंप्यूटर पर बैठी हुई थी और दोस्त अपने लेपटॉप पर और फिर मैंने उसको बोला कि यार मुझे चेट करना है, अभी मुझे एक मैसेज आया है. तो वो बोला कि यार में तो अभी अपनी गर्लफ्रेंड से बात कर रहा हूँ, तू एक काम कर दीदी से पूछ ले तो में दीदी के पास गया तो दीदी बोली कि में अभी ज़रूरी मेल्स चेक कर रही हूँ, तुम मेरा लेपटॉप ले लो और तुम्हे उसमे जो करना हो वो करना. फिर मैंने उन्हे धन्यवाद कहा, मेरे दोस्त के घर पर वाई-फाई लगा हुआ था.
फिर मैंने दीदी का लेपटॉप खोल लिया और में अपने मेल्स चेक करने लगा. फिर मेरी चेटिंग चल रही थी कि तभी दीदी का लेपटॉप डिसचार्ज हो गया और बंद हो गया. तो मुझे टेंशन हो गई क्योंकि मेरी मैल आई डी खुली रह गई थी और दीदी कहीं मेरे चेट ना पढ़ ले और फिर मैंने लेपटॉप को चार्जिंग पर लगा दिया.
फिर मेरे पापा का कॉल आया तो में अपने घर पर चला गया. दूसरे दिन से सब कुछ ठीक चल रहा था और आज भी दीदी मुझसे कुछ नहीं बोली और मैंने भी उनसे कुछ नहीं कहा और फिर करीब 15 दिन बाद मुझे एक मैल आया. दोस्तों वैसे तो मुझे बहुत सारे मैल आते रहते है, लेकिन यह वाला मैल भी सेक्स के कॉल के लिए था. मैंने मैल चेक किया तो उसमे लिखा हुआ था में जबलपुर से हूँ और में तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ, प्लीज मुझे चोद दो, मेरी चूत चुदाई के लिए तरस रही है. फिर मैंने मैल का जवाब भेज दिया और फिर हमारी चेटिंग चलती रही. दोस्तों में अपने दोस्त की कंप्यूटर टेबल पर बैठकर यहाँ से चेट कर रहा था और दीदी वहीं बेड पर लेटकर, लेकिन दीदी ने मुझे यह तब नहीं बताया था, यह मुझे बाद में पता चला.
फिर दीदी से करीब एक घंटे चेट चली और इस दौरान उन्होंने मुझे नहीं बताया कि वो कौन है? फिर उसके बाद मैंने उसे जैसे ही कहा कि आप यह बताओ कि मुझे आपसे कब मिलना है? तो वो बोली कि जब तुम्हारा फ्रेंड बाहर जाएगा तब तुम आ जाना, उस रात हम मेरे रूम में मिलेंगे. तो में उनकी यह बात सुनकर बहुत हैरान हुआ और मैंने उनसे पूछा कि आप मेरे किस फ्रेंड की बहन है और मेरा कौन सा दोस्त है जो अभी बाहर जाने वाला है? तो दीदी ने बोला कि जिस फ्रेंड के घर पर तुम हो, वो शायद अभी अपने पापा के साथ काम से दो दिन के लिए बाहर जाएगा तब तुम मुझे सेक्स के लिए मिलना.
दोस्तों में बहुत चकित था और फिर मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वहां पर दीदी थी और वो मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी, लेकिन में बहुत बड़ी उलझन में फंसा हुआ था, क्योंकि वो मेरे एक दोस्त की बहन थी. फिर मैंने दीदी को मैल कर दिया कि क्या इस बारें में हम रात को फोन पर बात कर सकते है? अभी तो में कोई जवाब देने की हिम्मत नहीं कर पा रहा हूँ. फिर दीदी का जवाब आया कि ठीक है तुम जब बोलो तब बात कर सकते है. तो मैंने कहा कि ठीक है दीदी और में वहां से उठा और मैल आई डी को साईन आउट किया और अपने घर पर चलता बना. फिर दिनभर यही सोचता रहा कि यह करना चाहिए या नहीं करना चाहिए? और यह सही होगा या नहीं होगा? और फिर उसके बाद मैंने रात का खाना खाया और अपने रूम में चला गया. फिर करीब रात में 12 बजे दीदी का कॉल आया तो मैंने कॉल उठाया और दीदी बोली..
दीदी : हैल्लो डियर, कैसे हो?
में : हाए दीदी, में बिल्कुल ठीक हूँ.
दीदी : क्या कर रहे हो?
में : कुछ नहीं दीदी बस में पढ़ रहा था, लेकिन मेरा मन नहीं लग रहा था.
दीदी : अच्छा तो यह बताओ कि तुमने सेक्स के बारे में क्या सोचा?
में : दीदी मुझे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आप मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की बहन हो बस दिक्कत यही है.
दीदी : अरे वो सब छोड़ो यार, अभी हम सिर्फ़ सेक्स करने के लिए मिलते है और सेक्स करते है और मस्त रहेंगे.
में : दीदी, लेकिन आपको पता कैसे चला मेरे इस काम के बारे में?
दीदी : यार देखो मैंने तुमको कितनी बार सेक्सी कहानियाँ पढ़ते हुए पकड़ा है, उस दिन मैंने अपने लेपटॉप पर तुम्हे चेट करते देखा और उसके बाद मैंने पता नहीं कितनी बार तुम लोगो को सेक्स की बातें करते हुए सुना.
में : ठीक है दीदी और
दीदी : और यार तुम्हारे लंड का बहुत मस्त साईज़ है, मुझे सेक्स करने में कोई दिक्कत नहीं है, वैसे जब में पुणे में रहती थी तो मेरा वहां पर एक बॉयफ्रेंड था और हम हर कभी सेक्स करते, लेकिन जब से में जबलपुर आई हूँ तब से मेरी चूत में बहुत खुजली चल रही है.
दीदी : ठीक है और बताओ फिर जब हम मिलेंगे तो तुम मेरे साथ क्या क्या करने वाले हो?
में : अरे दीदी यह सब तो आपके ऊपर है में तो सिर्फ़ आ जाऊंगा फिर आप जैसे चाहो मुझे काम में ले सकती हो में उस टाईम के लिए केवल आपका ही रहूँगा, आपकी जो भी करने की मर्ज़ी हो आप वो कर सकती हो.
दीदी : देख लो फिर जब मिलेंगे तो मना मत करना कि में यह नहीं कर सकता वो नहीं कर सकता.
में : ठीक है, दीदी में तो सब कुछ कर सकता हूँ.
दीदी : दो महीने की खुजली है तो तुम सोच लो में एक दिन तो तुमको अपना लंड बाहर ही नहीं निकालने दूंगी, क्योंकि मेरी चूत में इतनी खुजली चल रही है.
में : हाँ दीदी ठीक है जैसे आप बोलो मुझे क्या दिक्कत होगी, में तो पूरा तैयार होकर आऊंगा.
दीदी : अच्छा वो कैसे?
में : देखो दीदी में आपको बताता हूँ, पहली बात तो यह है कि अब जब तक हम सेक्स नहीं कर लेते में किसी और से सेक्स नहीं करूँगा है और फिर उसके बाद में एक आयुर्वेदिक टॅबलेट भी लेता हूँ जिससे कि मेरा जल्दी निकलता भी नहीं है और मेरा साईज़ तो वैसे ही अच्छा है वो आप जानती ही है.
दीदी : हाँ, अब तुम्हारा लंड देखने और मुहं में लेने पर ही पता चलेगा कि कैसा है और कितना मज़ा आता है?
में : हाँ ठीक है दीदी मुझे कोई दिक्कत नहीं है आप यह समझो कि में तो आज भी सेक्स करने के लिए तैयार हूँ.
दीदी : चलो ठीक है अब में फोन रखती हूँ और अब मेरी फेमिली के बाहर जाने का इंतजार करते है और उसके बाद हम मस्ती करेंगे.
में : ठीक है दीदी, बाय.
फिर में सो गया और दो, तीन दिन तक में दोस्त के घर पर भी नहीं गया और इस दौरान मेरे दोस्त से और उसकी बहन से भी फोन पर बात करता और फिर एक दिन शाम को मेरे दोस्त का मेरे पास कॉल आया कि यार राहुल में, पापा और मम्मी बाहर जा रहे है और हम तो दीदी को भी ले जाते, लेकिन दीदी कह रही है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है तो यार तुम एक काम करना कि जब हम जाए तो तू हमारे घर पर आकर रुक जाना, क्योंकि रात के टाईम दीदी अकेली रहेगी तो अच्छा नहीं है. तो मैंने कहा कि ठीक है यार, लेकिन तुम लोग कब जा रहे हो? तो उसने कहा कि यार हमारे कल 12 बजे की गाड़ी है, हमको भोपाल जाना है, कल जाएँगे और दो दिन बाद भोपाल से बैठकर सुबह इंटरसिटी से वापस आ जाएँगे, तुझे तो बस दो रातों के लिए ही आना है. तो मैंने कहा कि ठीक है यार में आ जाऊंगा, तू टेंशन मत ले.
फिर वो मुझसे बोला कि अच्छा अब सुन, तू कल मेरे घर पर 11 बजे आ जाना ताकि तू मुझे स्टेशन छोड़ सके. तो मैंने कहा कि ठीक है यार मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है और फिर में दूसरे दिन 11 बजे उसके घर पर पहुँच गया और वहाँ पर पहुँचकर घंटी बजाई तो दरवाजा मेरे दोस्त की दीदी ने खोला, वो एकदम मस्त कयामत लग रही थी और उन्हे देखकर ऐसा लग रहा था कि 15-20 मिनट पहले ही नहाकर बाहर आई हो, क्योंकि उनके बाल गीले थे और उन्होंने एक सफेद कलर की टी-शर्ट पहनी हुई थी.
फिर उन्होंने मुझे देखते ही आँख मारी और बोली कि देख लो राहुल मैंने तो तैयारी भी चालू कर दी, अब तुम जल्दी से इन लोगों को छोड़कर आओ और फिर में आज तुमको नहीं छोड़ूँगी तो मैंने एक हल्की सी स्माइल दी और फिर में अंदर चला गया. फिर में सीधे अपने दोस्त के रूम में गया और मैंने उसकी सामान पॅकिंग में थोड़ी बहुत मदद की. उसके बाद जब उसकी पॅकिंग हो गई तो मैंने उससे कहा कि चले क्या? तो वो बोला कि रुक भाई में देखकर आता हूँ कि मम्मी, पापा तैयार हो गए क्या? तो मैंने कहा कि चल ठीक है तब तक में भी पानी पीकर आता हूँ.
फिर जैसे ही में किचन में पानी पीने गया तो मैंने देखा कि दीदी शरबत बना रही थी और वो मुझे देखकर बोली कि क्या हो गया? तो मैंने कहा कि दीदी मुझे पानी पीना है. तो दीदी ने एक ग्लास में पानी लिया और मुझे देने के लिए जब मेरे पास आई तो मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ज़ोर से मसल दिया. मैंने कहा कि क्या बात है दीदी, आपसे तो कंट्रोल भी नहीं हो पा रहा है?
दीदी बोली कि यार राहुल मुझे दो महीने हो गए है कंट्रोल करते हुए, अब तुम सामने हो और अब में कैसे कंट्रोल करूं? तुम खुद बता दो यार मुझे तो मैंने कहा कि दीदी बात तो आपकी एकदम सही है, लेकिन अभी आपको दो घंटे तो और इंतजार करना ही पड़ेगा, में अभी आपकी फेमिली को छोड़कर आ जाता हूँ और तब तक आप भी तैयार रहो और फिर हम दिल लगाकर मस्ती करेंगे और खूब मज़े करेंगे, बस दो घंटे की बात है, तो दीदी बोली कि चल ठीक है में इंतजार करती हूँ तुम जल्दी से जाओ और जल्दी से आ जाना और हाँ लौटते समय शहद और कंडोम का पैकेट ज़रूर लेकर आना. फिर मैंने कहा कि ठीक है दीदी और कुछ? दीदी बोली कि नहीं बस अब तो जाओ. मैंने अपना पानी का ग्लास पानी पीकर रखा और बाहर आ गया और में अपने दोस्त के रूम में जा रहा था और मेरा दोस्त अपना बेग लेकर बाहर वाले रूम में आ रहा था तो हम बाहर वाले रूम में बैठ गए.
हम लोग वहां पर बैठे हुए थे इतने में अंकल आंटी भी आ गए और दीदी जूस लेकर आई. सबने जूस पिया और सब बाहर की और जाने लगे और में सबसे आखरी में बाहर निकला और मेरे बाहर निकलते समय भी दीदी ने मुझसे बोला कि राहुल जल्दी लौट आना में तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ. तो मैंने कहा कि ठीक है और में अपने दोस्त को छोड़ने चल दिया और फिर हम स्टेशन पहुंचे और मैंने उसको गाड़ी में बैठा दिया और अंकल आंटी को नमस्ते किया और वहां से चलता बना. फिर रास्ते से जो सामान दीदी ने कहा था वो लिया और चलता बना.
फिर उनके घर पर पहुंचकर बेल बजाई, करीब एक मिनट के बाद दीदी आई और उन्होंने दरवाज़ा खोला और मुझे अंदर खींचकर दरवाज़ा बंद कर दिया. दोस्तों इस समय दीदी एक गुलाबी कलर की टॉप में थी और नीचे पीले रंग की केफ्री पहने हुई थी और मुझसे कहने लगी कि राहुल तुम्हारे जल्दी आने के लिय बहुत-बहुत धन्यवाद, अब तुम जल्दी से शुरू हो जाओ और अपना दम मुझे बताओ.
फिर में उस समय सोफे पर बैठा हुआ था और वो मेरे पास आई और अपने दोनों पैर मेरे पैर के ऊपर करके बैठ गई और मुझे लिप किस करने लगी और करीब 5 मिनट तक उन्होंने मुझे लीप किस किया. वो इतनी ज्यादा गरम हो गई थी कि वो मेरे होंठो को चूसने तक लग गई थी और फिर उन्होंने मुझे छोड़ा और बोली कि चलो यार अब हम मेरे बेडरूम में चलते है. तो मैंने कहा कि ठीक है दीदी और में उनके पीछे पीछे बेडरूम की तरफ चल दिया और बीच में रुककर पीछे मुड़कर उन्होंने मुझे कहा कि अब दीदी बोलना बंद कर दे पागल, मेरा नाम ले पूर्वी और आने वाले दो दिन और रात तक तुम मुझे जमकर चोदो और अभी से ही शुरू हो जाओ.
फिर मैंने कहा कि ठीक है दीदी और फिर हम लोग उसके बेडरूम में पहुंचे और वो सीधे बेड पर लेट गई और मुझे भी बेड पर आने का इशारा कर रही थी. तो में जैसे ही बेड पर गया तो उसने मुझे ज़ोर से अपने ऊपर खींच लिया और किस करने लगी. इस बार हमारी किसिंग करीब दस मिनट तक चली, इस दौरान उसने मुझे इतने ज़ोर से काटा कि मेरे होंठ से खून आने लगा और फिर उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिया और मैंने भी उनके टॉप को उतार दिया और उन्होंने नीचे एक गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी और उनके बूब्स एकदम मस्त, टाईट, लेकिन बिल्कुल भी लटके हुए नहीं थे तो मैंने उनसे कहा कि दीदी आपके बूब्स तो बहुत मस्त है, तभी उसने मुझे एक थप्पड़ मार दिया.
मैंने पूछा कि क्या हो गया दीदी? तो उसने मुझे एक और थप्पड़ मारा और बोला कि मैंने दीदी बोलने से मना किया है, सिर्फ मुझे पूर्वी कहो और कुछ नहीं, समझे या नहीं? तो मुझे भी गुस्सा आ गया और मैंने भी कहा कि ठीक है पूर्वी और मैंने ज़ोर से उसके बूब्स को दबा दिया और वो दर्द से चिल्ला उठी और बोली कि थोड़ा आराम से कर ना कुत्ते और फिर मैंने उनको धक्का देकर लेटा दिया.
उसके बाद मैंने उनको पहले 5 मिनट तक लिप किस किया और फिर धीरे धीरे नीचे आते हुए उनकी गर्दन पर किस किया और ब्रा के ऊपर से एक बूब्स को किस किया तो दूसरे बूब्स को दबा रहा था और वो मोन करने लगी थी. फिर मैंने उनके बूब्स को इतना ज्यादा ब्रा के ऊपर से सक कर दिया कि उनकी ब्रा का बहुत सारा हिस्सा गीला हो गया और उसके बाद मैंने धीरे से उनको लेटा दिया और फिर नीचे से उनकी कमर को किस करने लगा और उनकी पीठ पर हर एक जगह किस किया और फिर धीरे से अपने दांत से उनकी ब्रा का हुक खोला. फिर उनको सीधा लेटा दिया और उनकी ब्रा को दांत की मदद से ही उनके शरीर से अलग कर दिया, तो मैंने उनके निप्पल देखे तो वो आकार में थोड़े बड़े थे. मैंने उनको किस किया और बोला कि वाह दीदी आपके निप्पल को सक करने में मज़ा ही आ गया. वो अब तक भूरे तो हो ही चुके थे और दीदी भी मज़े से चुसवा रही थी और मेरे बालो में हाथ फेर रही थी और में भी उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसते हुए उनको काट भी रहा था.
फिर दीदी बोली कि साले हरामी मैंने तेरे होंठ ज़ोर से सक किए थे तो क्या तू भी अब बदला लेगा क्या? मैंने तो कोई जवाब ना देते हुए उनके बूब्स को बहुत देर सक किया, करीब 20 मिनट तक करता ही रहा और फिर उनके बूब्स को छोड़कर एकदम खड़ा हुआ तो उन्होंने तुरंत मेरी जीन्स को खोल दिया और फिर मैंने भी उनकी केफ्री को नीचे कर दिया और मैंने अपनी बनियान को भी उतार दिया, अब हम दोनों सिर्फ़ अंडरवियर और पेंटी में थे और उसके बाद में फिर से बेड पर लेट गया और उनको किस करने लगा, उनकी पेंटी के ऊपर हाथ फेरने लगा. फिर मैंने महसूस किया कि उनकी पेंटी करीब आधी गीली हो गई थी और में अपना हाथ उनकी पेंटी पर रगड़ रहा था और एक हाथ से उनके नंगे बूब्स दबा रहा था और किस किए जा रहा था.
फिर उन्होंने धीरे से अपना एक हाथ मेरी अंडरवियर के अंदर डाला और जैसे ही उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया तो उनका मुहं खुला का खुला रह गया. वो तुरंत बैठ गए और मेरी अंडरवियर को नीचे कर दिया और उसके बाद उन्होंने मेरे लंड को देखकर बोला कि यह है तो बहुत मज़ेदार है मुझे तो मज़ा आ जाएगा इसको अपने अंदर डलवाने में, आज तक जो लंड मैंने डलवाया है वो छोटा था और पतला था, लेकिन तुम्हारा लंड तो अच्छा खासा मोटा है और लम्बा भी है.
फिर उन्होंने मुझे पहले दो मिनट लिप किस किया और उसके बाद उन्होंने मेरे लंड पर किस किया और उसको सक करने लगी और करीब 5 मिनट के बाद मैंने उनको धक्का देकर लेटा दिया और में भी उनकी चूत को उनकी पेंटी के ऊपर से किस करने लगा और मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया.
मैंने देखा कि उनकी चूत भी बिल्कुल साफ थी और अंदर से गुलाबी कलर की थी बहुत मस्त और सुंदर भी थी तो मैंने उनकी चूत में एक उंगली डाली तो वो बहुत ज़ोर से आहह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह्ह्ह करने लगी और मेरे बालों को खींचने लगी और उसके बाद मैंने उनकी चूत पर दो मिनट तक किस किया और उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि चलो राहुल अब 69 में आ जाओ और वो जो शहद टेबल पर रखा हुआ है उसे मुझे दे दो. फिर मैंने उनको शहद दे दिया और पहले में लेट गया और उसके बाद वो मेरे ऊपर आकर 69 की पोज़िशन में लेट गई और फिर उसके बाद मैंने देखा कि उन्होंने शहद की बॉटल खोली और धीरे से सारे शहद को मेरे लंड पर डाला और फिर चूसने लगी और यहाँ में भी उनकी चूत को चाटने में मस्त हो गया और हमारा यह चुसाई का काम चल ही रहा था कि करीब 15 मिनट के बाद वो झड़ गई और करीब 20 मिनट के बाद में भी झड़ गया.
दोस्तों आज मेरा वीर्य 6 दिन बाद निकला था तो बहुत सारा निकाला और मैंने उसे उनके मुहं में भर दिया. फिर उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि राहुल तुम्हारा वीर्य तो बहुत गरम और स्वादिष्ट भी है. अब वो मेरा लंड फिर से चूस रही थी और में ऐसे ही लेटा हुआ था. करीब 10 मिनट में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और इस बार उन्होंने देर ना करते हुए पहले कंडोम निकाला और मेरे लंड पर पहनाया और मेरे लंड को 10 मिनट तक चूसा और उसके बाद उन्होंने बिना मुझे कुछ कहे खुद ही मेरे लंड पर बैठ गई और धीरे-धीरे ऊपर नीचे होने लगी और करीब दो मिनट के बाद उन्होंने सहारे के लिए मेरे हाथ में अपना हाथ दिया और फिर करीब 20 मिनट तक लगातार ऊपर नीचे होती रही और हम दोनों पूरे पसीने में भीग गए थे. हम अब थक भी गए थे तो उन्होंने अपनी चूत से मेरा लंड बाहर निकाला और लेट गई और मुझे इशारा किया कि में उनके ऊपर आ जाऊँ तो में तुरंत उनके ऊपर आ गया.
फिर मैंने धक्के मारना चालू किए और मैंने करीब 20 मिनट तक लगातार जोरदार धक्के मारे और उसके बाद में झड़ने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया और में खड़ा हो गया और में वैसे ही उनके ऊपर लेट गया, करीब एक घंटे तक हम ऐसे ही लेटे रहे और उसके बाद में उनके ऊपर से हटकर उनके पास में लेट गया तो उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि राहुल आज तो मज़ा आ गया और में तो मान गई कि सही में तुम्हारा लंड तो बहुत देर में पानी निकालता है. में तुम्हारी चुदाई से बहुत खुश हूँ, काश तुम मेरे बॉयफ्रेंड होते या काश तुम मेरे भाई के फ्रेंड ना होते तो, में तो सप्ताह के सप्ताह रोज तुमसे चुदवाती और उन्होंने मुझे किस करना चालू किया और करीब 10 मिनट तक किस करती रही.
फिर उसके बाद मैंने घड़ी में टाईम देखा तो 6 बज रहे थे, मैंने दीदी से कहा कि पूर्वी मेरी जान में अभी घर पर जा रहा हूँ और रात में 9 बजे आ जाऊंगा और तुम्हारे लिए भी मेरे घर से खाना पेक करवा लूँगा. तो वो बोली कि नहीं डियर तुम यहाँ पर 8 बजे आ जाना फिर हम एक अच्छे बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड की तरह बाहर खाना खाने चलेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है मुझे कोई आपत्ति नहीं है और में फिर उसके घर से अपने घर चला गया और रात में 8:10 मिनट पर उसके घर पर पहुंच गया.
फिर मैंने देखा कि वो दिखने में एकदम हॉट और सेक्सी लग रही थी. उसने काले कलर की बिना बाँह का बिल्कुल टाईट टॉप और काली कलर की जींस पहनी हुई थी, उन कपड़ो में तो वो होटल के सभी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी. हर एक आदमी की नजर उस पर टिकी हुई थी हर कोई उसके जिस्म को पाना चाहता था.
फिर हमने खाना ऑर्डर किया और हम खाना खा रहे थे इस बीच उसने अपने जूते को मेरे लंड पर रख दिया और मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुझे स्माईल देने लगी और बोली कि जल्दी चलो मुझे बहुत भूख लगी है. तो मैंने कहा कि ठीक है हाँ मुझे भी पता है और फिर जल्दी से खाना खत्म करके हम बाहर पार्किंग में आ गए और उसके बाद हम वहां से चल दिये. फिर उसने कार को एक वाइन शॉप के बाहर रोक दिया और मुझे एक 500 का नोट दिया और बोली कि राहुल जाओ 2-3 बियर के केन ले आओ तो मैंने उससे कहा कि लेकिन में तो ड्रिंक करता ही नहीं हूँ तो यह सब किसके लिए? तो वो बोली कि आरे पागल तुम नहीं करते, लेकिन में तो करती हूँ और जब रात भर सेक्स करना है तो ड्रिंक भी तो लेना पड़ेगा ना पागल, जाओ जल्दी लेकर आओ.
में एकदम चकित था कि वो इनका अब क्या करने वाली है? और फिर में उतरकर गया और बियर की केन लाकर कार में बैठ गया. फिर अब हम सीधे घर की तरफ चल दिए और करीब दस मिनट के बाद उसका घर आ गया और हमने कार को पार्क कर दिया और सीधे उसके बेडरूम में चले गए और दीदी भी अपने साथ बियर के केन लेकर आई और उन्होंने एक केन खोली और उसको 5 मिनट में खत्म कर दिया और फिर बोली कि राहुल तुम भी पियो ना बहुत मज़ा आएगा, मुझे तो बियर पीकर सेक्स करने में बहुत मज़ा आता है और जब पहली बार मैंने बियर नहीं पी थी तो मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे ज़बरदस्ती पिला दी थी और उस दिन हमें सेक्स करने में भी बहुत मज़ा आया था. तुम भी आज पी लो यार, तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा, लेकिन मैंने बियर नहीं पी और दीदी ने एक और केन खोली और ड्रिंक कर ली.
फिर वो बेड पर लेट गई और उसके बाद वो करीब 15 मिनट तक लेटी रही और उसके बाद मैंने उनको एक ग्लास पानी लाकर दिया और उन्होंने पानी पिया और ग्लास फेंक दिया. फिर मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मुझे ज़ोर से किस करने लगी और में भी उनके ऊपर चढ़ गया. इस बार वो मुझे मेरे होंठ पर काट रही थी और में उनको उनके होंठ पर काट रहा था. तो करीब दस मिनट तक यही चलता रहा और फिर उसके बाद वो बैठ गई और कहने लगी कि राहुल तुम बहुत अच्छा सेक्स करते हो, तुम्हारे साथ आज दिन में मज़ा आ गया, अब हमारा दूसरा राउंड चालू होने वाला है.
दोस्तों अब उसके मुहं से बियर की बदबू आ रही थी और शायद उसको थोड़ी बहुत चढ़ भी गई थी और फिर उसके बाद मैंने उनको अपनी बाहों में ले लिया और उनके होंठ, गर्दन, छाती को किस करने लगा. फिर उसके बाद मैंने उनके टॉप को उतार दिया और उन्होंने नीचे काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी और अब में उनके बूब्स को सक करने लगा, क्योंकि उनके बूब्स मुझे तो बहुत पसंद आए.
फिर उसके बाद मैंने उससे कहा कि पूर्वी अब बताओ कि तुमको क्या करना है? तो वो बोली कि पहले तो तुम मेरे सारे कपड़े उतार दो और उसके बाद तुम जल्दी से मेरे चूत में अपना लंड डाल दो, मुझे बहुत खुजली चल रही है और फिर मैंने भी वैसा ही किया और मैंने उनको बेड के किनारे पर बैठाया सबसे पहले मैंने उनके जूते उतारे और फिर उसके बाद मैंने उनकी पेंट उतारी. उन्होंने काली कलर पेंटी पहनी हुई थी जिसको मैंने पेंट के साथ उतार दिया. फिर मैंने जैसे ही उनकी चूत को हाथ लगाया और छूकर देखा तो उनकी चूत पूरी गीली थी और उसके बाद मैंने उनकी चूत को चाटना चालू किया और वो मदहोश हो गई और उन्होंने मेरे बालों को ज़ोर से खींचना चालू कर दिया और मेरी जीभ को अपनी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी.
फिर मैंने भी अपनी जीभ को उनकी चूत के अंदर बाहर करना चालू कर दिया और अब वो दिन से भी ज्यादा कामुक लग रही थी और दिन से भी ज्यादा आवाज़ निकाल रही थी. फिर उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे तुम्हारा लंड चूसना है और मैंने तुरंत लंड को उनके मुहं के पास ले जाकर उनके मुहं में घुसा दिया और अपने कूल्हों को आगे पीछे करने लगा और एक दो बार ज़ोर से लंड उनके मुहं के अंदर बिल्कुल गले तक पहुंचा दिया और फिर उन्होंने करीब 15 मिनट मेरा लंड चूसा और फिर कंडोम लगाकर चुदाई करने को कहा. फिर मैंने भी तुरंत अपने हाथ में कंडोम लिया और लंड को पहना दिया और उसके बाद मैंने उसकी चूत पर लंड टिका दिया और धीरे धीरे धक्के देकर अंदर बाहर करने लगा. पूर्वी इस समय नशे में थी और बस यही कह रही थी, चोद मुझे राहुल, चोद मुझे और दम लगा ज़ोर से घुसा दे अपना लंड मेरी चूत में आआहह उह्ह्ह्ह. फिर में भी उसको चोदे जा रहा था.
10 मिनट उस पोज़िशन में चोदने के बाद मैंने अपनी पोज़िशन बदल ली और अब उसके पैर मेरे कंधे पर रखे और उसकी चूत में लंड डालने लगा और मैंने अपने चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया और उसके बाद करीब 15 मिनट चोदने के बाद मैंने उसको घोड़ी बना दिया और फिर चुदाई चालू कर दी, लेकिन इस बार मैंने उसको इस स्टाइल में करीब 20 मिनट चोदा और इस दौरान वो करीब 3 बार झड़ गई थी और उसकी चूत से पानी बाहर आ रहा था और जब में धक्का लगता तो फच फच की आवाजें आती और वो सिसकियाँ ले रही थी और मैंने करीब 10 मिनट तक उसको चोदा, फिर में झड़ गया और झड़कर लेट गया. फिर वो मुझे मेरे होंठो पर किस करने लगी, उसने छाती पर किस किया और मेरे सर के बाल सहलाने लगी. फिर वो बोली कि राहुल मुझे गांड भी मरवानी है प्लीज यार कुछ करो? तो मैंने कहा कि मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है आप जब बोलो में तो उतनी देर आपकी गांड मार सकता हूँ. फिर वो बोली कि चलो राहुल अब तुम मेरे कूल्हों को सहलाओ उनकी मसाज करो और मेरी गांड में अपनी जीभ डालो और फिर उंगली करना और फिर अपना सारा थूक लगाकर मेरी गांड को मारो और ऐसे मारो मेरी गांड को मज़ा आ जाए.
फिर मैंने कहा कि अरे अभी तो लंड को आपकी चूत से बाहर निकाला है, अभी मेरा लंड थोड़ा आराम कर रहा है अभी आप उसको उठाने में मेरी मदद करो तभी तो वो आपकी गांड मार पाएगा और फिर हम 69 की पोज़िशन में आ गए और वो फिर से मेरे ऊपर आ गई और इस बार उन्होंने अपना ज्यादा दबाव मेरे मुहं के ऊपर रखा और में भी उनकी चूत में उंगली डाल रहा था और उनकी गांड में अपना अंगूठा डाल रहा था और अच्छे से उनकी चूत और गांड के छेद को फेलाए जा रहा था और वो मोन किए जा रही थी और मेरे लंड को चूसे जा रही थी. फिर करीब 20 मिनट तक यही कार्यक्रम चला और उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि चलो अब तुम्हारा लंड अच्छी तरह खड़ा हो गया है, अब ज्यादा देर मत करो और मेरी गांड भी प्यासी है, उसकी प्यास बुझा दो.
फिर मैंने कहा कि ठीक है और उनको दूसरी स्टाइल में किया और फिर एक नया कंडोम अपने लंड पर लगाया और सारा थूक उनकी गांड में लगाया और अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन मेरा लंड उनकी गांड में बहुत मुश्किल से जा रहा था और बहुत कोशिश के बाद मेरा लंड पहले तो उनकी गांड में 3 इंच अंदर गया और वो दर्द से चिल्ला रही थी और थोड़ा आगे भाग गई और मेरा लंड अपनी गांड से बाहर निकलवा लिया और उसके बाद उन्होंने मेरे लंड को थोड़ा सा सक किया और थूक लगाकर कहा कि अब डालो, लेकिन थोड़ा आराम से, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है इसलिए थोड़ी दिक्कत हो रही है, चलो अब कोशिश करते है.
फिर मैंने इस बार उनकी गांड के मुहं पर लंड टिकाया और धीरे धीरे करके अंदर डालने लगा. मुझे तो ऐसा महसूस हो रहा था कि में किसी वर्जिन गांड को मार रहा हूँ. उसकी बिल्कुल नई गांड थी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और पूर्वी दर्द से चिल्ला रही थी और बोलती भी जा रही थी हाँ और ज़ोर से राहुल फाड़ दो आज मेरी गांड को और इतना बड़ा कर दो कि तुम्हारा हाथ भी अंदर चला जाए ऊऊहह अहह्ह्ह्हहह ऊईईईईई. फिर ऐसे करते करते उन्होंने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया और मैंने भी अपना लंड धीरे धीरे करके पूरा अंदर डाल दिया और उसके बाद उनकी गांड में थोड़ी देर ऐसे ही लंड को डले रहने दिया और उसके बाद मैंने उनकी गांड में धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करना शुरू किया और फिर थोड़ी देर में जोश में आ गया और मैंने अपने झटके तेज कर दिए और मेरा कार्यक्रम बिना रुके चालू हो गया और करीब 45 मिनट तक चला उसकी गांड टाईट थी तो मारने में भी मज़ा आ रहा था और वो भी मज़े ले लेकर चुदवा रही थी और आहहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह लगातार करती ही जा रही थी और फिर जब में 45 मिनट के बाद झड़ा तो तब मेरा लंड उसकी गांड के अंदर ही था और में थककर उसके ऊपर ही लेट गया.
करीब 15 मिनट के बाद जब मैंने अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला तो मैंने देखा कि मेरा कंडोम फट गया था और मेरा वीर्य उसकी गांड के अंदर ही चला गया था और जब वो खड़ी हुई तो मेरा वीर्य उसकी गांड से निकलता हुआ उसकी जांघ से होता हुआ घुटनों के ऊपर से ही नीचे गिरने लगा और उसने अपने आपको साफ किया और बोली कि राहुल में तो अब बहुत थक गई हूँ और वो बिस्तर पर लेट गई और हम दोनों ही बहुत थक गए थे. तो हम लोगो को कब नींद आ गई पता ही नहीं चला.
फिर हमारी नींद सुबह खुली और उठते ही उसने मुझे एक लंबा सा मॉर्निंग किस दिया और उसके बाद हम फ्रेश होने गए, उसके बाद उसका फिर से चुदाई का दौर चला. उस दिन हमने सेक्स के टाईम आईस्क्रीम का इस्तमाल भी किया और मैंने उसकी गांड के छेद को बड़ा करके उसके अंदर शहद भी डाला और उसको चोदा. हमने बहुत मज़े किये, उसके बाद हमने मेरे दोस्त के आने तक ऐसे ही बहुत मस्ती की और फिर उन्होंने मुझे कुछ पैसे दिए और कहा कि राहुल तुम बहुत मस्त सेक्स करते हो, तुमने तो मेरा दिल खुश कर दिया. फिर उस दिन के बाद में उनके साथ एक दो बार ही सेक्स कर सका, क्योंकि उनकी नौकरी कुछ दिन बाद पुणे में लग गई और वो चली गई.

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दीदी और बहन के साथ जीजा की मस्ती

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बेटी को धन की सुख देने के लिए मेरी बाप ने मेरी शादी एक ५० बरस के मर्द के साथ कर दी. मेरे पति की मुझसे उनकी दूसरी शादी थी. पहली की मौत हो चुकी थी. उनका एक लड़की थी जिसकी शादी हो चुकी थी. शादी के पहले मुझे उनके और परिवार के बारे मे अधिक जानकारी नही थी.

सुहाग रात मे मैं उनको देखकर हैरान रह गई. वे देखने मे ही बहुत कमज़ोर दिख रहे थे. मेरी उमर उस समय सिर्फ़ १८ बरस थी. वे आते ही दरवाज़ा बंद कर लिए और मेरी बगल मे बैठ गए. वे मुझे पकड़ कर चूमा लेने लगे. कुछ् इधर उधर के बाते करने के बाद वे मेरी ब्लाउज खोल दिए. मैं ब्रा पहन रखी थी. कुछ देर उपर से ही सहालाने के बाद ब्रा भी खोल दिए. उसके बाद मेरी चुची को चूसने लगे. मुझे अब अच्छा लगने लगा था.

मैने धीरे से अपनी हाथ उनके लंड तरफ़ बढ़ाया. अभी तक कुछ भी नही हुआ था. वे अपने कपड़े खोल दिए और सहालाने के लिए बोलने लगे. मैने भी कुछ देर तक हाथ से सहलाती रही. खड़ा नही होने पर मुख मे खाने के लिए कहने लगे. क़रीब १० मिनट के बाद भी जब नही खड़ा हो पाया तो मैं निराश हो गई. उनके लंड मे नाम मात्र का ही कडापन आया था. अब वे मेरी साडी खोल दिए और अपने मुरझाए हुए लंड से मेरी बुर रगड़ने लगे. मैं तो उनके लंड के तैयार होने का इंतज़ार कर री थी. वे मेरी बुर को अब जीभ से चूसने लगे. अभी भी उनका लंड बहुत नरम था. मैं मन ही मन अपने को कोसती रही और बाप को शराप्ती रही. वे मेरी बुर चूसने मे और मैं उनका लंड चूसने मे मशगुल थी. मुझे अब सह पाना मुश्किल था. जैसा था वैसा ही मैंने उनको चोदने के लिए कहने लगी. वे अपना नरम नरम लंड मेरी गरम गरम बुर मे प्रवेश करने लगे .मगर प्रवेश करने से पहले ही वे गिर गाये.मैं तड़पती रह गई . मैं सोचने लगी कि पहले रात के चलते ऐसे होगया. मैं चुप चाप रह गई. वे भी ऐसे ही कह रहे थे.

दूसरी रात भी मैंने बहुत कोशिश की मगर सब बेकार गया. इसी तरह महीनो बीत गाये. मैं जब भी बिस्तर पर तडपती रही. मेरी बड़ी बहन जीजाजी के साथ तबादला होकर उसी शाहर मे आ गयी. एक दिन मेरी बहन मुझसे मिलने मेरी घर पर आ गई. वे मेरा हाल ख़बर पूछने लगी. मैं चुप हो गई. जब वे ज़िद करने लगी तो मुझे सबकुझ बताना ही पड़ा. वे निराश हो गई और कुछ सोचने लगी. मैंने पूछने लगी तुम कैसी हो. जीजाजी कैसे हैं. वे कह रही थी की तुम्हारे जीजाजी तो बहुत तगडे है. वे मुझे बहुत मज्जे देते हैं. मान ही मान मैं इर्ष्या करने लगी .वे बोलने लगी की मैं कल तक कुछ सोचती हू. कल १२ बजे मेरी घर आजाना. वही पैर बैठ कर बाते करेंगे. मुझे कुछ आशा दिखाई देने लगी.

सुबह होते ही मैं जल्दी जल्दी काम निपटा कर तैयार हो गाई. ठीक १२ बजे मैं दीदी के घर पहौच गई. वे मुझे देख कर मुस्कुराने लगी. वे मुझे अपने बेड रूम मे ले गई .दीदी अपने रूम मे टीवी चला रही थी. वे बोलने लगी की तुम कुछ देर तक वीडियो देखो मैं काम निपटा कर आती हूँ. एक सीडी वही पर रखा हुआ था जिसपर लिखा हुआ था हम दोनो. मैंने उसी सीडी को लगा कर देखने लगी. सीडी देखते ही मैं घबरा गई और दरवाज़े की तरफ़ देखी. दीदी बाथरूम मे थी. मुझे और अधिक देखने का इच्छा जागृत होगई. इस सीडी मे तो जीजाजी और दीदी का रंगीन खेल भरा हुआ था. जीजाजी का लंड तो देखते ही बनता था. लग रहा था की दीदी बहुत रोएगी .मगर वा तो मज़े ले रही थी. मैं सोचने लगी काश मुझे कोई ऐसे चोदने वाला मिलता.

उसी समय दीदी अंदर आगई और कहने लगी तुम को यह कैसा लग रहा है. मैंने सीडी बंद करदी. उसी समय जीजाजी भी आगये. मुझे देखते ही वे मुस्कुरा दिए. दीदी कहने लगी अरे साली तरफ़ भी तो देखो. वह बेचारी शादी होने के बाद भी कुँवारी है. दीदी कहने लगी आज तुम्हारे जीजाजी को तुम्हारे लिए ही मैंने बुलाया है . कल तुमसे मिलने के बाद मैने इनको सब कुछ बता दिया था. दीदी कहने लगी अब तुम लोग अपना काम करो मैं बाहर देखती हूँ. जीजाजी कह रहे थे तुम तो बहुत सेक्सी लगती हो. तुम्हारे स्तन तो काफ़ी बड़े है और वे दीदी के जाने के बाद बिना रूम बंद किए ही मेरी स्तन दबाने लगे.वह कह रहे थे की जब तुम्हारे दीदी ही है तो उससे छिपाना क्या. ऐसे तो साली तो आधी घर वाली होती ही हैं. लेकिन मैं तुम्हारे इच्छा के बिपरीत कुछ नही करूँगा.

मैं चुप चाप थी. मैं सोचने लगी की कही वे चले ना जाए. इससे अच्छा मौक़ा अब नही आने वाला मैं मुसकुराने लगी.जीजाजी समझ गए की मैं सहमत हू. वे अब मेरा ब्लोउज और ब्रा खोल दिए . मेरे चुचि को मसलने लगे . मैं भी अब सहयोग करने लगी थी. जीजाजी के लॅंड का उभार अब पैंट पैर दिखाई देने लगा था. मैंने उनका पैंट पैर हाथ डाला तो वे पैंट खोल दिए. अब उनका लॅंड बाहर निकल चुका था. मैं अपने हाथ से उनके लॅंड को सहालाने लगी. अपने पति का लॅंड से जीजाजी का लॅंड को तुलना कर रही थी. मन ही मन मैं सोचने लगी की मेरी दीदी कितनी लॅकी है की उसे ऐसे लॅंड वाला पति मिला है. कुच्छ देर तक मैं उनके लॅंड को देखती रही. इतने मे जीजा जी कहने लगे कैसा है मेरा हथियार. तुम्हारे पति का कैसा हैं. मैं कहने लगी, जीजाजी उनका तो खडा ही नही होता हैं. मैं महीनो से तरप रही हू. आपका लॅंड तो काफ़ी मोटा और बड़ा है. दीदी को तो बहुत दुखता होगा. उसी समय दीदी आगई. बोलने लगी अरे केवल देखते ही रहोगी.

मैं बोलने लगी दीदी इनका तो बहुत मोटा है, मैं नही सह पाऊँगी. दीदी कहने लगी हा, मोटा तो है लेकिन सहना ही पड़ेगा. पहली बार मुझे भी बहुत दर्द हुआ था. लेकिन अब तो मजा आता है. जीजाजी को दीदी कहने लग बेचारी तुम्हारा घोड़ लॅंड देख कर डर गई है. मेरे बहन को मत रूलाना. बेचारी अभी तक तो कुँवारी जैसे ही तो है.इतन कह कर वा फिर चली गई. जीजाजी अब मेरी साड़ी और पेटी कोट भी खोल दिए .वे मेरे बुर को चटने लगे. मुझे बेड पैर सूता दिए और अपना लॅंड मेरे बुर मे डाल कर चूसने के लिए कहने लगे. वे मेर उपर चढ़े हुये थे . अपनी जीभ से मेरी टिट चाट रहे थे. मुझे काफ़ी मजा आरहा था. मैंने भी दोनो हाथो से उनका सिर पाकर कर दबाने लगा. ज़ोर ज़ोर से लॅंड चूसने के लिए कह रहे थे. उनका लॅंड का स्वाद लेने मे मुझे भी मजा आरहा था.

इतने ही मे अपना पूरा लॅंड मुख मे अंदर तक धकेलने लगे. मुझे तो पहली बार इतना तगड़ा लॅंड मिला था. मैं मज़े से उनका लॅंड चुस रही थी और जीजाजी मेरे बुर चुस रहे थे. उसी समय मुख मे गरम गरम और नमकीन टेस्ट आने लगा. वे और ज़ोर से लॅंड अंदर किए. मुझे तो मजे का स्वाद आरहा था. कुछ देर तक और चूसती रही. वे बाहर लिए और बाथरूम मे चले गए. बाथ रूम से आने के बाद वे फिर मुझसे अपना लॅंड सहलवाने लगे. क़रीब ५ मिनट के बाद वे फिर तैयार होगए. जीजा जी का लॅंड फिर से पहले जैसे ही कठोर और मोटा होचुका था. इस बार वे मुझे पट सूता दिए. मेरे गाड़ मे थोडा थूक लगाए और एक अंगुली घुसा कर बाहर भीतर करने लगे. मैंने कहने लगी जीजाजी इसमे भी करोगे क्या. इसमे तो नही सहा जायगा. आज बुर मे ही कर लो. फिर कभी इसमे. जीजाजी नही माने और कहने लगे गाड़ लिए बिना मैं तुम्हारा बुर नही लूंगा. अगर मेरा शर्त मंज़ूर है तो बोलो नही तो छोड़ देता हूँ. मुझे तो आज चुदाई का भरपूर मजा लेना था. मैं चुप रही. मैं मुसकूरा दी और कहने लगी आप बहुत बदमश हो, आज मैं सब कुछ सहने को तैयार हूँ.

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मेरी पहली बीवी बनी मामी

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हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम निक है और में नागपुर से हूँ, मेरी उम्र 28 साल है और में इस साईट का बहुत बड़ा फेन हूँ. ये स्टोरी कुछ 1 साल पहले की है जब मेरे मामा और मामी अमृता मेरे घर आए थे. मामा कुछ काम से मुंबई जाने वाले थे तो मामी घर पर अकेली रहेगी इसीलिए वो हमारे घर मामी को रहने के लिए लेकर आए थे. मेरा घर डबल स्टोरी है और मेरा रूम और गेस्ट रूम ऊपर ही है. मामा की शादी को कुछ 5-6 साल हुए थे, तभी से मेरा मामी के ऊपर ध्यान था, लेकिन उन्हें कैसे बताऊँ और वो सुनकर क्या रिएक्ट करेंगी? ये सोचकर मैंने कभी उनसे ये बात नहीं कही, मामी की उम्र 35 साल है.
फिर रोज़ की तरह रात का खाना ख़ाकर में ऊपर मेरे रूम में चला आया. फिर मेरे रूम में आने के बाद मामी भी कुछ देर के बाद गेस्ट रूम में सोने के लिए आई, फिर मामी के रूम का दरवाजा बंद देखकर में मेरा डोर बंद करके एक पॉर्न फिल्म डाउनलोड करने लगा और सेक्सी स्टोरी पढ़ने में लग गया और मेरा 7 इंच लंबा लंड निकाल कर हिलाने लगा.
अभी कुछ देर भी नहीं हुई थी कि मामी मेरे रूम में आ गयी, तो मैंने डर के मारे जल्दी से लंड को पजामे में अंदर डाला, मामी के चेहरे पर कोई हाव भाव नहीं थे, शायद उन्हें कुछ नहीं दिखा था. फिर उन्होंने मुझसे बदन दर्द के लिए गोली माँगी और जाते वक़्त हल्की सी स्माइल देकर चली गयी, तब मुझे कुछ समझ नहीं आया, क्योंकि में बहुत डर गया था कि कहीं मामी किसी को ये बता ना दे.
दूसरे दिन में ऑफिस से आने के बाद हम सबने खाना खाया और रोजाना की तरह में अपने रूम में आ गया. उस समय करीब रात के 11 बजे थे, तब मामी भी ऊपर आ गयी और रूम का दरवाजा बंद कर दिया. फिर मैंने सोचा कि मामी अब तक सो गयी होगी, तब करीब 12 बजे थे. फिर मैंने डाउनलोड की हुई पॉर्न मूवी देखना चालू किया.
मैंने हैडफोन लगा रखे थे ताकि मूवी देखते हुए आवाज़ बाहर ना जाए. फिर में अपना लंड बाहर निकाल कर हिला रहा था और मूवी देखने में बहुत मग्न था पूरे रूम में अंधेरा था, सिर्फ़ लेपटॉप की स्क्रीन की रोशनी थी. तभी मुझे मेरे बाजू में किसी के खड़े होने का शक आया तो मैंने तुरंत पलटकर देखा तो अंधेरे में एक सेक्सी फिगर दिखी. वो और कोई नहीं मेरी मामी थी. में उठने ही वाला था कि मामी ने मुझे बैठने के लिए कहा और लाईट चालू कर दी. में काफ़ी डर गया था तब तक मैंने अपना लंड अंदर डाल दिया था. मामी मेरी कुर्सी के पास में खड़ी थी और में नीचे सिर किए हुए बैठा था. मामी के चेहरे पर क्या भाव थे? पता ही नहीं चला और फिर मैंने कहा कि..
में – सॉरी मामी में आगे से ऐसा कभी नहीं करूँगा. आप प्लीज मम्मी पापा को ये बात मत बताना.
अमृता – अरे निक, ये सब जवानी में नहीं तो कब करोंगे?
में – वास्तव में मामी आप कब आई? मुझे पता ही नहीं चला.
अमृता – कोई बात नहीं, में तो सिर्फ़ दर्द की गोली माँगने आई थी.
फिर में झट से उठा और गोली देने लगा तो मेरा लंड अभी भी पूरा शांत नहीं हुआ था और पजामे के ऊपर से उसका उभार साफ दिखाई दे रहा था और जब मैंने मामी कि और देखा तो उनकी नज़र मेरे लंड पर ही थी. गोली देने के बाद मामी रूम से जाते हुए बोली कि प्लीज मेरे सिर पर ये बाम लगा देना.
फिर में उनके पीछे-पीछे उनके रूम में चला गया और वो सीधी लेट गयी और में उनके तकिये के पास बैठ गया. मामी बाम की शीशी देने ही वाली थी कि में हाथ सामने करके उसे लेने लग गया. वो बिल्कुल उनके बूब्स के ऊपर थी. मुझे हाथ धोने का मौका नहीं मिलने के कारण मेरी उंगलियों से मेरे लंड के चिकने पानी की स्मेल आ रही थी, शायद मामी को वो स्मेल पसंद आई और उन्होंने झट से मेरा हाथ अपनी नाक के पास लेकर सूंघने लग गई. तो मैंने पूछा मामी आप ये क्या कर रही हो?
तब वो थोड़ा चौंक गयी और बोली ये तुम्हारे हाथ में किस चीज़ की स्मेल आ रही है? तो मैंने कहा वो मुझे काफ़ी पसीना आता है ना, उसी की स्मेल है. फिर में बाम लगाने लगा, लेकिन मामी को लेटे हुए देखकर मुझसे और कंट्रोल नहीं हो रहा था.
मेरी नज़र उनके बूब्स और थोड़ा पेट जो कि साड़ी से थोड़ा ढका हुआ था और जांघो पर था इसीलिए बाम लगाते-लगाते मेरा हाथ कभी उनकी नाक को लगता तो कभी गाल को लग जाता. मुझे उनके रसीले गुलाबी होठों को देखकर ऐसा लग रहा था कि वो मुझे आमंत्रित कर रही हो, जिससे मेरा लंड वैसे ही टाईट हो गया.
फिर मैंने बाम की शीशी मेरी जांघो पर रखी हुई थी तो उसे लेने के लिए मामी ने हाथ पीछे सरकया तो वो सीधा मेरे लंड को लगा. उनका हाथ लगते ही मेरा लंड और तन गया था. मामी को समझ आ गया था कि उनका हाथ किसको लगा है और वो कुछ ना बोलते हुए आँखे बंद करके पड़ी रही, आख़िर में मुझसे ही नहीं रहा गया और मैंने झुककर उनके होठों पर मेरे होंठ रख दिए और चूमने लगा. तो मामी ने मुझे पीछे धकेला और बोली निक ये तुम क्या कर रहे हो?
पता नहीं मुझमें कहाँ से हिम्मत आ गयी और मैंने साफ साफ़ कह दिया कि मामी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो और ये बात में आपको बहुत दिनों पहले से ही कहने वाला था, लेकिन डर की वजह से नहीं कह पाया और आज आप मेरे सामने ऐसे लेटी थी तो मुझसे रहा नहीं गया. आई एम वेरी सॉरी मामी, अगर आपको मेरा ये कहना और करना अच्छा ना लगा हो तो फिर.. ये कहकर में जाने लगा, तभी मामी ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे रोक दिया.
फिर वो कहने लगी कि मैंने तुम्हें उस नज़र से कभी नहीं देखा, लेकिन कल रात जब तुम हिला रहे थे और आज जब मैंने तुम्हें देखा तो मेरे अंदर की असंतुष्ट औरत जाग गयी. ये कहकर उनकी आँखों में से आंसू आने लगे और में तुरंत उनके बगल में बैठ गया और बोला कि मामी आप प्लीज रोओ मत, आपको रोना बिल्कुल सूट नहीं करता, आप सिर्फ़ हंसती हुई अच्छी लगती हो, लेकिन आप रो क्यों रही हो? तब मामी ने मुझे मामा के बारे में सब बताया कि वो मामी को संतुष्ट नहीं कर पाते है.
ये सब बताते हुए मामी का सिर अपने आप मेरे कंधे पर टिक चुका था और मेरा हाथ मामी को बाहों में भर चुका था और में उनके कंधे और पीठ को सहला रहा था, मामी भी उनकी उंगलियां मेरे सीने पर फेर रही थी. मुझे पूरा मालूम हो चुका था कि अब में कुछ भी करूँ तो मामी ना नहीं कहेंगी. फिर में पीठ से हाथ फेरते हुए उनकी गर्दन को सहलाने लगा, मामी ने अपनी आँखे बंद ही रखी थी और दूसरा हाथ में उनकी जांघो पर से फेरते हुए बूब्स तक आकर बूब्स को हल्के-हल्के हाथों से दबाने लगा.
फिर धीरे-धीरे में उनके पीछे की और बैठ गया ताकि उनकी पीठ मेरे सीने को चिपक जाए और मेरे दोनों पैर खोलकर उन्हें अंदर खींच लिया. फिर मैंने मामी के बालों को साईड में करके उनकी पीठ पर और गर्दन को चूमने लगा और साथ में दूसरे हाथ से उनकी कमर को सहला रहा था. मामी मेरी इन हरकतों को पूरा इन्जॉय कर रही थी और हल्की-हल्की आवाजें निकाल रही थी.
फिर मैंने मामी को अपने सीने से चिपकाया और अपने हाथों से उनके बूब्स दबाने लगा और उनका सिर थोड़ा पीछे मोड़कर उन्हें किस करने लगा. में उनके होंठ चूस रहा था, तो कभी उनकी जीभ को चूसने लगता. फिर एक हाथ से में बूब्स दबाता रहा और दूसरा हाथ कमर से होते हुए उनकी जांघो को सहलाकर साड़ी के ऊपर से ही उनकी चूत को दबाने लगा तो वो उछल पड़ी. फिर मैंने उनका ब्लाउज निकाल दिया और साड़ी और पेटीकोट भी निकालकर अलग कर दिया, अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी.
फिर में भी अपने कपड़े उतारकर अंडरवेयर में आ गया. फिर मैंने मामी को सीधा लेटाया और उन्हें हर जगह चूमने लगा और चूमते हुए ब्रा के ऊपर से ही मैंने उनके बूब्स को मुँह में लेकर गीला कर दिया. फिर ब्रा निकाल कर मैंने बारी-बारी दोनों बूब्स को चूसा और हल्के दातों से काटा तो मामी इतने में ही आवाज़े निकाल रही थी. फिर चूमते हुए मैंने मामी की पेंटी को उतारा और उनकी चूत को देखा तो वो पहले से ही गीली हो चुकी थी, शायद मामी एक बार झड़ चुकी थी.
फिर मैंने चूत को एक कपड़े से साफ करके मेरा मुँह उनकी चूत पर रख दिया और चाटने लगा. मामी एकदम से मचलने लगी थी. फिर मैंने उनके पैर पकड़कर अलग अलग रखे और चूत को चूसता रहा. फिर मैंने अपनी एक उंगली को चूत के अन्दर डालकर उसमे अन्दर बाहर करने लगा और चूत को चाटना शुरू किया तो मामी का मचलना कंट्रोल नहीं हुआ और वो चीखे भी तो आवाज़ ज़्यादा ना आए इसीलिए मामी ने चादर का एक कोना अपने मुँह में डाल रखा था.
फिर कुछ देर और चाटने के बाद में खड़ा हो गया और मामी को बैठाकर उनके मुँह में मेरा लंड रखा तो वो कहने लगी कि निक मैंने ये पहले कभी नहीं किया है. तो में बोला कोई बात नहीं मामी, हर कोई काम पहली बार तो करना पड़ता है और फिर मैंने उन्हें थोड़ा समझाते हुए मेरा लंड उनके मुँह में डाला और उनके सिर को पकड़कर आगे पीछे करने लगा.
इस दौरान कभी-कभी उनके दांत मेरे लंड पर लग रहे थे, तो मैंने उनसे कहा कि तुम अपने हिसाब से करो तो उसका रिज़ल्ट अच्छा मिला और वो बिना दांत लगाए मेरे लंड को चूस और चाट रही थी. ये सब काफ़ी देर चलता रहा. फिर मैंने मामी को सीधा लेटाया और में उनके ऊपर सो गया. में उन्हें लगातार किस कर रहा था. फिर मामी ने भी अपने पैर फैलाक़र मुझे मेरा लंड चूत के अन्दर डालने की इजाजत दे दी. फिर में अपना लंड मामी की चूत पर रगड़ रहा था तो वो बोली कि प्लीज निक अब और देर मत लगाओ, बुझा दो मेरी प्यास प्लीज.
फिर मैंने लंड का टोपा चूत में डालते ही थोड़ा धक्का दिया ताकि वो थोड़ा अंदर चला जाए. तभी मामी बोली निक धीरे प्लीज तुम्हारा बहुत लंबा और चौड़ा है, आराम से जानू प्लीज. फिर में उन्हें और किस करने लगा और उनके बदन को सहलाने लग गया. फिर ऐसा 3 ज़ोर के झटको में मेरा लंड पूरी तरह से मामी की चूत में चला गया, लेकिन मामी को बहुत दर्द हो रहा था तो वो मौन कर रही थी.
फिर पूरा लंड अंदर जाने के बाद में थोड़ी देर शांत रहकर उन्हें सहलाने लगा और कुछ देर बाद वो शांत हो गयी और में धीरे-धीरे अन्दर बाहर करके मामी को चोदने लगा. में मामी को बिना कंडोम के चोद रहा था, तो हर एक अंदर बाहर की क्रिया से हमारे बीच खिंचाव बढ़ रहा था और में बीच बीच में अपनी स्पीड बढ़ा देता और ज़ोर के 4-5 धक्के मारकर फिर से स्पीड कम कर लेता.
फिर ऐसा कुछ 4-5 बार करके में अपनी फुल स्पीड पर आने लगा और मामी को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. फिर हर एक झटके से मामी का बदन पूरा हिल रहा था, मामी बीच में 2 बार झड़ चुकी थी, जिसके कारण मेरे लंड पर उनकी चूत का पानी लगने से चिकनाहट हो गयी थी और मेरा लंड और आसानी से अंदर जा रहा था.
फिर कुछ देर के बाद में भी अपनी चरण सीमा पर था और ज़ोर के धक्के देते हुए में मामी के अंदर झड़ गया. फिर में वैसे ही मामी के ऊपर लेटा रहा और मेरा लंड अभी भी मामी की चूत में ही था, मामी मेरे कंधे और गले को चूम रही थी. फिर कुछ देर के बाद में मामी के बगल में लेट गया. फिर मामी बोली कि जानू आज जाकर में संतुष्ट हुई हूँ, आज तक ऐसा तुम्हारे मामा ने कभी किया ही नहीं था. फिर में बोला कि मामी आप खुश तो में भी खुश. उस रात मैंने मामी को 4 बार चोदा जिसमें से एक बार उनकी गांड भी चोदी, जो कि उनका पहली बार था.

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न्यू इयर पार्टी पे चुद गई नशीली आंटी

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अतुल है और मेरी उम्र 20 साल है. में अंबाला हरियाणा का रहने वाला हूँ, मेरा कलर गोरा है, मेरी लम्बाई 5 फुट 8 इंच और स्मार्ट पंजाबी बॉय हूँ. यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है और ये बिल्कुल सच्ची घटना है. ये कहानी थोड़ी बड़ी है तो में आशा करता हूँ कि आप इस कहानी का आनंद लोगे. राहुल मेरा बहुत अच्छा दोस्त है और मेरा क्लासमेट है इसलिए मेरा उनके घर हमेशा आना जाना था और में उनके परिवार के सदस्यों की तरह था, तो में उनके परिवार के हर प्रोग्राम में शामिल होता था.
राहुल की माँ का नाम सोहिनी है. वो बहुत ही सेक्सी लेडी थी, इतनी खूबसुरत की नूर उसके बदन के हर हिस्से से टपकता था, उनका गोरा रंग, काले-काले बाल और बालों की लटे जो उसके चेहरे पर थी, उससे तो वो और भी खूबसूरत और सेक्सी लगती थी. वो अपने शरीर की फिटनेस का काफ़ी ख्याल रखती थी. वो 45 साल की उम्र में भी 35 साल से ज़्यादा की नहीं लगती थी, उनका फिगर 36-30-36 था और कद 5 फुट 5 इंच था.
उनके काले-काले लम्बें सिल्क जैसे बाल जो कि उनके चूतड़ो को छूते थे तो वो उनको और भी सेक्सी बना देते थे, क्या कसा हुआ बदन, गोरा रंग, बड़े-बड़े गोलाई लिए बूब्स और सेक्सी सुंदरी के गुण भरे थे, कामदेव और रति ने उनमें सेक्स और सुंदरता भरपूर दी थी. उनके पति नेवी में सर्विस करते थे तो उनको ड्यूटी में लंबे समय के लिए जाना पड़ता था. वो करीब 6 महीने तक घर नहीं आते थे.
फिर उनको 15 दिनों की छुट्टी मिलती थी. यानी साल में दो बार वो 15 या 20 दिनों के लिए घर पर आते थे और बाकी समय आंटी अकेली रहती थी. पता नहीं उनका समय कैसे गुज़रता होगा और कैसे वो रात बिताती होगी. में हमेशा से उनकी तरफ आकर्षित होता था, तो उनसे कभी-कभी फ्लर्ट भी कर लेता था. वो बहुत ही हसीन और ख़ुशमिज़ाज किस्म की औरत थी. जब भी अंकल छुट्टियों में आते तो वो बहुत ही खुश रहती और नयी-नयी ड्रेस पहनती थी.
एक बार तो मैंने उनके चेहरे पर गहरे रंग का लाल निशान देखकर पूछ ही लिया आंटी ये क्या है? कल रात ज़रूर कोई खास बात थी क्या? तो वो बोली कि हट तू नहीं समझेगा. आंटी लो कट का ब्लाउज पहनती थी जिससे उनके बूब्स की गोलाई साफ दिखती थी. में जब भी उनसे मिलता तो उनके बूब्स और बॉडी को देखता रहता था. क्या बताऊँ? दोस्तों उनके बारे में वो बड़े-बड़े बूब्स मस्त मोटी गांड देखकर में आज भी मस्त हो जाता हूँ.
इस बार हम दोस्तों ने मिलकर एक होटल में एक न्यू ईयर पार्टी मनाने का कार्यक्रम किया, जिसमें सभी दोस्तो के घरवालों को भी बुलाया. मेरे माता-पिता आउट ऑफ स्टेशन होने के कारण नहीं आ पाये थे. हमने होटल में बड़े अच्छे ढंग से सारा डेकोरेशन किया कई तरह के गेम्स क्विज़, डांस पार्टी और खाने पीने का कार्यक्रम भी था. सभी दोस्त और उनके घरवालें सही समय पर आने लगे और में गेट पर खड़ा होकर सभी को गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत कर रहा था.
तभी मेरे दोस्त राहुल की माँ सोहिनी आंटी गाड़ी से उतरी तो में उन्हें देखकर दंग रह गया. आज उन्होंने काली साड़ी पहनी हुई थी और लो कट स्लीव ब्लाउज, खुले बाल जो कि उनकी नंगी कमर को ढके हुए थे इन सभी से वो क्या सेक्सी लग रही थी? मैंने उनके हाथों में गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत किया और फिर एक और फूल को उनके गाल पर छूते हुए कहा कि आपके लिए डबल वेलकम. फिर हम सभी अंदर हॉल में चले गये. थोड़ी ही देर में कार्यक्रम शरू हुआ. सबसे पहले पार्टी में गेम्स हुए, सभी ने गेम्स का आनंद लिया. में लॉटरी के एक दो गेम में उनका पार्ट्नर बना और हमने साथ में गेम खेला और गेम के बीच में कई बार मेरा और उनका बदन आपस में टकराया तो मेरे शरीर में करंट सा लगता था.
फिर पार्टी में डांस फ्लोर पर सबके पेरेंट्स और सबको सेलिब्रेशन के लिए डांस करने के लिए बुलाया तो में भी आंटी के साथ डांस फ्लोर पर चला गया और डांस करने लगा. अब मैंने आंटी के साथ फ्लर्ट करने की सोची और मैंने आंटी को ड्रिंक ऑफर किया. वो नेवी ऑफिसर की पत्नी होने के कारण कभी-कभी कार्यक्रम में ड्रिंक करती थी, मैंने उनसे कहा आज ग्रेट सेलिब्रेशन है और ड्रिंक का ग्लास उनके हाथ में दे दिया और उन्होंने पीना शुरू किया.
फिर ड्रिंक पीते वक़्त उनके होठों की अदा देखते ही बनती थी, तो आंटी ने पूछा अतुल तुम नहीं लोगे क्या? तो मैंने कहा कि में नहीं लेता. फिर उन्होंने कहा आज तो ले लो, तो में हंसकर बोला कि आंटी में आपके होठों से ही पी लूँगा जो इतने सुंदर लग रहे है और मैंने कहा में मजाक कर रहा हूँ. फिर हम साथ में डांस करने लगे और डांस करते-करते उनका पल्लू नीचे सरकता तो उनके ब्लाउज में से उछलते हुए बूब्स दिखते तो मुझमें जवानी मचलती थी.
फिर अचानक लाईट गुल हो गयी और अंधेरे में आंटी मुझसे चिपक गयी और बोली अतुल मेरे साथ में रहना, मुझे अंधेरे में डर लगता है. फिर मैंने कहा कि में आपके साथ ही हूँ घबराओ मत और में उनके साथ एक बार फिर चिपक गया जिससे उनके बूब्स मेरी छाती से दबे तो मुझे मज़ा आ गया, उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरे सीने पर चुभ रहे थे, लेकिन मुझे हटने का मन नहीं कर रहा था. फिर मैंने धीरे से उनके बूब्स को दबा दिया तो वो कुछ नहीं बोली और फिर मैंने एक हाथ साड़ी के ऊपर से उसके चूतड़ पर फेर दिया और बोला आंटी घबराना नहीं, अभी लाईट आ जायेगी, तभी जनरेटर चलाने से कुछ रोशनी हुई.
फिर मैंने आंटी से कहा कि चलो बाहर लॉन में चलते है. जब हम लॉन में पहुँचे तो वहाँ बारिश के कारण कुछ कीचड़ था तो अचानक आंटी का पैर फिसला और वो ज़मीन पर गिरते-गिरते बची क्योकि मैंने उन्हें बाहों में थाम लिया था, लेकिन फिर भी साड़ी में नीचे की तरफ कीचड़ लग गया तो मैंने कहा कि आंटी चलो इसे साफ कर लो तो वो बोली कि यहाँ कहाँ पर होगा? तो में उन्हें ऊपर रूम में ले गया और कहा कि आप यहाँ बाथरूम में साफ कर लो और में बाहर रूम में बैठ गया.
बाथरूम में कीचड़ साफ करते-करते उनकी साड़ी गीली हो गयी थी तो उसने मुझे आवाज़ दी कि अतुल हेल्प मी. में अन्दर गया और उनकी मदद की और फिर थोड़ा सा दाग उनके पीछे की तरफ भी था तो मैंने वहाँ भी कपड़ा लगा कर पोछा. वहाँ साफ करने से उनके चूतड़ भी दब रहे थे. वो बोली कि बड़ी मुश्किल हो गयी है, मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि मेरी साड़ी भीग गयी है और पार्टी में भींगी साड़ी अच्छी नहीं लगेगी. तो मैंने उनसे कहा कि आप साड़ी खोल दो और उसे सुखा देते है और पंखे की स्पीड फुल कर देंगे तो साड़ी जल्दी सूख जायेंगी. वो राजी हो गयी, उसने साड़ी उतार दी और साड़ी को रूम में सुखा दिया.
फिर वो बोली कि अरे तुम्हारी जीन्स में भी पीछे की तरफ कीचड़ लग गया है लाओ में इसे भी साफ कर देती हूँ और उन्होंने गीले टावल से साफ करना शुरू किया तो मुझे बड़ा मज़ा आने लगा और मेरा लंड भी तन गया, लेकिन मेरी पेंट भी पीछे से गीली हो गई थी फिर में बाहर आया तो सोफे पर बैठने से पेंट सूख नहीं रही थी तो मैंने टावल लपेट लिया और पेंट उतार दी. फिर मैंने रूम में टी.वी चालू किया तो टी.वी पर बड़े ही हॉट डांस आ रहे थे और अब तो उनको पेटीकोट में देखकर मेरा लंड तन गया था. फिर मैंने कहा आंटी अब हम डांस करके टाईम पास करते है और म्यूजिक तो है ही.
आंटी बोली कि पागल है क्या? अभी कैसे डांस करेंगे? तो में बोला कि जैसे है वैसे ही डांस करेंगे और टाईम पास भी हो जायेगा. तो वो बोली कि चल डांस करते है और हम खड़े होकर हिलने लगे, आंटी ने ड्रिंक का एक पैक तो ले रखा था फिर वो बोली कि कोल्ड ड्रिंक पीते है. तो मैंने कहा कि आंटी फ़्रीज़ रखा है में उसमें देखता हूँ तो फ़्रीज़ में कोल्ड ड्रिंक्स और विस्की दोनों रखी थी.
फिर मैंने एक ग्लास में पेप्सी कोल्ड ड्रिंक्स डाला और उसमें थोड़ी सी विस्की भी मिला दी और आंटी को दे दी, लो आंटी यहाँ पेप्सी मिल गयी है. फिर उन्होंने ड्रिंक्स ख़त्म किया और वो मेरे कंधे पर अपनी गर्दन रख कर झूमने लगी. मैंने उनकी कमर में एक हाथ डाल रखा था और एक हाथ उनके कंधे पर रखा था तभी टी.वी पर बड़ा ही हॉट डांस आने लगा, लड़की बिकनी में आ गई थी और डांस के साथ उसकी ड्रेस भी कम होती जा रही थी. फिर में धीरे-धीरे कंधे से हाथ सरकाता हुआ आंटी की छाती पर ले गया और दूसरा हाथ कमर पर फेरने लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली. टी.वी में वो डांस हॉट और सेक्सी था और जो लड़का साथ में था वो भी अंडरवियर में ही था और वे दोनों डांस के साथ लिप किस भी कर रहे थे. आंटी भी उसे देखकर मस्त हुए जा रही थी.
फिर मुझसे रहा नहीं गया तो में बोला कि आंटी क्या गजब का डांस है? ऐसे ही करते है ना. फिर मैंने आंटी के गाल पर किस किया, फिर कानो के पास और फिर उसने भी मुझे गाल पर एक किस किया. फिर मैंने तुरंत ही उनके होठों को चूम लिया और बोला कि आंटी तेरे होंठ कितने सुंदर है, मन करता है आज तो इनका रस पी लूं और मैंने एक जोरदार किस उनके होठों पर किया और साथ-साथ बूब्स दबा दिए तो आंटी बोली कि यह क्या कर रहा है तू?
में बोला कि आंटी प्लीज आज मज़े लेने दो ना, में तो तुम्हारे ऊपर मरता हूँ, क्या सेक्सी और जवान हो तुम? किसी भी रूप में कामदेव की देवी से कम नहीं हो और में उन्हें बाहों में भरकर किस करने लगा. फिर मैंने कहा कि आंटी अगर तुम बिकनी में इस तरह हो जाओ तो क्या सुंदर लगोगी? इसी बीच मेरा टावल खुलकर गिर गया और मेरा तना हुआ लंड अंडरवियर से बाहर आने लगा तो वो मुस्करा दी और बोली ये क्या हो गया है? जल्दी से ठीक कर. तभी मैंने आंटी के पेटीकोट का नाडा खींच दिया और वो भी थोड़ा नीचे खिसक कर उनके चूतड़ पर अटक गया.
अब मैंने आंटी के ब्लाउज में हाथ डाला और उनके बूब्स मसलने लगा और दूसरे हाथ से उनके पेटीकोट को नीचे सरका दिया जो अब नीचे आ गिरा था. अब तो आंटी पेंटी में थी और उनकी सेक्सी गोरी गोरी टाँगे व जाँघ देखकर में दंग रह गया. वो पेंटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी, हाय मेरी सोहिनी आंटी क्या चीज़ है? फिर मैंने झट से उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए और आंटी से बोला कि इसे जल्दी उतारो ना, मुझे आज तुम्हारे छुपे हुए हुस्न को निहरना है और जैसे ही उन्होंने ब्लाउज उतारा तो वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी.
वो क्या सुंदर सेक्सी और मस्त लग रही थी पूछो मत. मेरे पास बयान करने के लिए शब्द नहीं है, उसके बड़े-बड़े बूब्स ब्रा से बाहर आने को बेताब थे और उनके बड़े-बड़े बाल जो उनके चूतड़ से टकरा रहे थे. वो उनकी नंगी कमर पर बड़े ही सुंदर लग रहे थे. तो में बोला कि आंटी तुम्हारे बाल इतने बड़े और सुंदर है तुम्हें तो ब्रा पेंटी की भी ज़रूरत नहीं है इससे ही कवर हो जायेंगे तुम कितनी लकी हो? भगवान ने तुम्हें एकदम फ़ुर्सत में बनाया है एक बार दिखाओ ना प्लीज कैसी लगोगी.
फिर मैंने उनके निप्पल को दबा दिया और अपनी जीभ उनके बदन पर फेरने लगा और उनकी नाभी तक आ गया और पेंटी के ऊपर से ही चूत के ऊपर दाँत गड़ा दिए. तो आंटी बोली कि तुम्हारी बड़ी हिम्मत बढ़ गयी है तो में बोला कि सामने ऐसी सेक्सी सुंदरी हो तो किसी का भी आउट ऑफ कंट्रोल हो जायेगा, मैंने तो नया- नया एकदम ज़वानी में कदम रखा है और अब तो सब कुछ भी हो गया था. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उनका फेस पकड़ के अपने फेस के सामने किया तो हम दोनों की नजरे मिली. हम दोनों ने पहली बार खुलकर एक दूसरे को हवस के साथ देखा. अब जब सब कुछ मेरे लिए ठीक हो रहा था तो मैंने बिना देर किए धीरे से उनके माथे पर चूमा तो उन्होंने अपनी आंखे बंद कर ली. अब मैंने उनके गालों पर किस किया, फिर आँखों पर, फिर नाक पर, फिर गर्दन पर और अब बारी उनके गुलाबो से भी लाल कोमल होंठो की थी.
फिर मैंने उनके होठों को किस किया और फिर आंटी ने मुझे कसकर गले लगा लिया. अब मैंने बड़ी हिम्मत करके उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और में सपने में भी नहीं सोच सकता था कि ये सब सच हो सकेगा. फिर ब्रा खुलते ही उनके बूब्स उछल कर बाहर आ गये. क्या बड़े बड़े बूब्स थे? और उन्होंने तुरंत ही अपने बाल सामने किए और मैंने उनके बालों की क्लिप खोल दी, उनके खुले घने बालों ने उनके बूब्स को ढक दिया था और मैंने अब उनकी पेंटी को भी नीचे खींच दिया और वो अब बिल्कुल नंगी खड़ी थी, लेकिन अपने बालों से चूची को ढका हुआ और नीचे उनकी चूत तक उसके बाल पहुँच रहे थे और बालों के बीच से उनके बूब्स साफ़ दिख रहे थे. ये सेक्सी सीन आज तक मेरी आँखों में नाच रहा है, शायद ये मेरी जिंदगी की सबसे सेक्सी और हसीन शाम थी और अब में उनके बूब्स पर टूट पड़ा और ज़ोर-ज़ोर से बूब्स दबाकर चूसने लगा. वो भी मौन करने लगी थी और अपनी चूचीयों को अपने हाथों से दबाकर मुझे पिला रही थी, में उनकी चूची को निचोड़ रहा था. मुझे ये सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और आंटी मुझसे लिपटे हुए बोले जा रही थी और ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूची को मसलो बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारे हाथों में जादू है.
आंटी मुझसे अपनी चूची चुसवाकर बहुत गर्म हो गयी थी और ज़ोर-ज़ोर से बड़बडाने लगी कि अतुल प्लीज़ और ज़ोर से मेरी चूची चूसो, इनको खूब दबाओ, दबा-दबा कर इनका सारा दूध पी जाओ, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. मेरे पूरे शरीर में कुछ कुछ हो रहा है. में भी पूरे ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूची को पी रहा था. में उन्हें किसी भूखे बच्चे की तरह चूस रहा था.
मैंने आंटी से कहा कि अगर में तुम्हारा बच्चा होता तो में तुम्हारी चूची को अपने दातों से काट-काटकर चूसता, जिससे तुम्हें बहुत दर्द होता और मेरे इतना कहते ही आंटी बोली कि चलो ठीक है कुछ देर के लिए में तुम्हें अपना बेटा मान लेती हूँ, अब तुम मुझे माँ कहो और में तुम्हें बेटा कहूँगी अब जो करना है करो. ये सुनते ही मुझे और होसला मिला और मैंने उसके बूब्स पर ज़ोर से दाँत गड़ाकर उसे चूसना शुरू कर दिया. वो ज़ोर-जोर से कराह रही थी और में अब बहुत गर्म हो गया था.
फिर मैंने आंटी को बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर लेटकर उनके बूब्स को चूसने लगा और बूब्स को दोनों हाथ से दबाता गया और बोला आंटी तेरे बूब्स इतने बड़े-बड़े है, बहुत मज़ा आ रहा है, मन करता है कि आज इसे निचोड़कर सारा रस पी लूँ. तो वो बोली पीयो ना, तेरी इच्छा है पूरा मन भर कर पी ले, निचोड़ दे इनको पूरा उफफफफ्फ़ आहहहह्ह्ह्ह.
फिर मैंने उनके होठों को अपने मुँह में भरा और चूसने लगा, फिर बूब्स को दबाया और एक हाथ से उनकी चूत में फिंगरिंग करने लगा. वो मस्त हो चुकी थी. अब उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी और बोली तेरा भी ये बहुत बड़ा है, लगता है कि पूरी मस्ती आयेगी और उसे ज़ोर-ज़ोर सहलाने लगी.
फिर उन्होंने मुझे ऊपर उठा दिया और मेरे लंड को अपने बूब्स के बीच में दबा लिया और बूब्स के बीच में दबाकर मसलने लगी, में भी मस्त हुआ जा रहा था. फिर मैंने भी अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसा दी थी तो वो बोली आह ओह क्या मस्ती आ रही है, आज मस्त कर दे, अब तो मुझसे बिल्कुल नहीं रहा जा रहा हैं.
मैंने झट से उनके बूब्स के निप्पल को ज़ोर से दबाया तो वो चिल्लाई और बोली चल रे अब जल्दी कर और मैंने झट से अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक झटका लगाया तो वो सरक कर अंदर चला गया और मुझे बहुत दर्द हुआ क्योंकि में वर्जिन था और ये मेरा पहला सेक्स था. फिर 5 मिनट रुका और आंटी को ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और फिर 2 या 3 धक्को में लंड चूत में पूरा अंदर डाल दिया. तभी वो बोली कि फाड़ डाल मेरी चूत को, बेटा कसकर चोद अपनी माँ की चूत को. आंटी के यह कहने से मुझमें जोश आ गया था. फिर मैंने धक्का लगाकर मेरा पूरा का पूरा लंड आंटी की चूत में घुसा दिया. वो इस बार ज़ोर से चिल्ला उठी आआ आआअहह ईईईईईईईई में समझ गया कि मेरा पूरा लंड आंटी कि चूत में घुस चुका था.
फिर वो बोली कि में सहन नहीं कर पा रही हूँ, बेटा तुम्हारा लंड बाहर निकाल दो. तो मैंने कहा मम्मी (आंटी) तुमने खुद मेरे लंड को दावत दी है तो लंड की भूख मिटाने के बाद ही में यह बाहर निकालूँगा. फिर वो बाद में कुछ नहीं बोली और में आंटी की चूत में लगातार धक्के लगा रहा था. फिर ऐसा 15 से 20 मिनट तक में आंटी को इसी पोज़िशन में चोदता गया, अब आंटी को भी मज़ा आ रहा था. वो अपनी गांड को उछालकर मुझसे चुदवा रही थी. फिर मैंने आंटी की चूत को ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद आंटी झड़ गयी और शांत पड़ गयी. फिर मैंने आंटी को डॉगी स्टाइल में सोफे के सहारे खड़ा किया तो वो खड़ी हो गई.
फिर मैंने आंटी के पीछे जाकर पीछे की तरफ से चूत में अपना लंड डाल दिया, इस बार मेरा लंड एक ही धक्के में पूरा का पूरा आंटी की चूत में चला गया और मैंने उनके खुले बालों को पकड़ लिया जैसे कोई घोड़ी पर सवार होता है और में उसके बालों को हाथ में लेकर खींचता हुआ धक्का मारने लगा और आंटी ज़ोर से चीख उठी. उईईइ माँ धीरे-धीरे मेरे राजा, लेकिन मैंने आंटी की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और लंड को पीछे खींचकर जोरदार शॉट लगाया और मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर से अंदर बाहर होने लगा और आंटी फिर से चीख उठी. फिर मैंने आगे की तरफ झुककर मम्मी की चूची को पकड़ लिया और सहलाने लगा. मेरा लंड अभी भी पूरा का पूरा आंटी की चूत के अंदर था. फिर कुछ देर के बाद आंटी को पीछे से चोदता रहा और कमर में हाथ डालकर उनके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा.
अब मैंने दोबारा आंटी के चूतड़ पकड़कर धीरे-धीरे कमर हिलाकर लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. आंटी को घोड़ी बनाकर चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था, अब आंटी भी सिसकारी भरते हुए मज़ा लेने लगी थी. आंटी की मस्ती देखकर में भी जोश में आ गया और मैंने धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बड़ा दी और आंटी के बालों को अपने हाथों में ले लिया. मेरा लंड अब पूरी तेज़ी से अंदर-बाहर हो रहा था. मम्मी भी पूरी तेज़ी से कमर आगे पीछे करके मेरे लंड का मज़ा ले रही थी. लंड ऐसे अंदर-बाहर हो रहा था मानो इंजन का पिस्टन हो और पूरे कमरे में चुदाई की ठप-ठप की आवाज़ गूँज रही थी. जब आंटी के थिरकते हुए चूतड़ से मेरी जांघे टकराती थी तो ऐसा लगता जैसे कोई तबलची तबले पर ठप दे रहा हो. आंटी पूरे जोश में पूरी तेज़ी से चूत में उंगली अंदर-बाहर करती हुई सिसकारी भर रही थी, हम दोनों ही पसीने-पसीने हो गये थे, लेकिन कोई भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था.
आंटी मुझे बार बार ललकार रही थी, चोद लो मेरे अतुल, चोद लो अपनी आंटी को, आज फाड़ लो इसे, शाबाश मेरे शेर और ज़ोर से और ज़ोर से, फाड़ डाली तुमने मेरी तो और में भी उछलकर शॉट लगा रहा था और पूरा का पूरा लंड बाहर खींचकर झटके से अंदर डालता तो आंटी की सिसकारी निकल जाती, मेरा लावा (वीर्य) अब निकलने वाला था. उधर आंटी भी अपनी मंज़िल के पास थी. तभी मैंने एक झटके से लंड निकाला और आंटी को सीधा लेटाकर उनकी चूत में जड़ तक अपने लंड को घुसा दिया. आंटी इसके लिए तैयार नहीं थी. में आंटी के बदन को पूरी तरह अपनी बाहों में समेट कर दनादन शॉट लगाने लगा.
आंटी भी संभल कर ज़ोर-ज़ोर से आह उहह करती हुई चूतड़ आगे-पीछे करके अपनी चूत में मेरा लंड लेने लगी, हम दोनों की सांस फूल रही थी और फिर मेरा ज्वालामुखी फूट पड़ा और में आंटी से चिपककर उसकी चूत में झड़ गया और अब आंटी भी झड़ने के करीब थी और आंटी चीख़ती हुई झड़ गयी.
अब हम दोनों उसी तरह से चिपके हुए पलंग पर लेट गये और थकान की वजह से सो गये. फिर में उनकी चूचीयों पर हाथ फेरने लगा और उसे चूसने लगा और अपनी जीभ फेरने लगा. फिर पेट के बीच से जीभ को उनकी नाभि तक ले आया और नीचे फेरने लगा, वो फिर से मस्त होने लगी. फिर उसने भी मेरा लंड मसलना शुरू कर दिया था. अब मैंने उनकी चूत के अगल बगल जीभ को फेरा और उसने मुझसे घुमकर लेटने को कहा और हम 69 की पोजिशन में आ गये, उनकी चूत की खुशबू बड़ी ही नशीली थी और में अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा और अंदर तक जीभ डाल दी और वो मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह मुँह लेकर चूसने लगी, में बता नहीं सकता हूँ कि लंड चुसवाने में मुझे कितना मज़ा आ रहा था. आंटी के रसीले होंठ मेरे लंड को रगड़ रहे थे.
फिर आंटी ने अपने होंठ गोल करके मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और मेरे अंडो को हथेली से सहलाते हुए सिर को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया, मानो वो मुँह से ही मेरे लंड को चोद रही हो.
में उनकी चूत को चूसे जा रहा था तो. वो बोली और ज़ोर से चूस चूत को, तो मैंने अपनी जीभ को पूरी की पूरी उनकी चूत में पेल दिया और चूत की अन्दर की दीवारों को सहलाने लगा. आंटी मस्ती से तिलमिला उठी और मेरे लंड को और जोर से चूसने लगी, हम दोनों को पूरी मस्ती आ रही थी. हाईईईई क्या मज़ा आ रहा है? अब अपनी जीभ को अंदर-बाहर करो ना, चोदो अतुल चोदो अपनी जीभ से चोदो मुझे, तुम मेरी डार्लिंग हो राजा, तुम ही तो मेरे असली सैयाँ हो, तुम पहले क्यों नहीं मिले? अब सारी कसर निकाल लूंगी, में बहुत तड़पी हूँ, हाँ चोदो मेरी चूत को अपनी जीभ से.
फिर मुझे भी पूरा जोश आ गया और आंटी की चूत में जल्दी जल्दी जीभ अंदर-बाहर करते हुए उसे चोदने लगा. आंटी अभी भी ज़ोर-ज़ोर से कमर उठाकर मेरे मुँह को चोद रही थी और मुझे भी इस चुदाई का मज़ा आने लगा था.
फिर मैंने अपनी जीभ को एक जगह स्थिर कर लिया और सिर आगे पीछे करके आंटी की चूत को चोदने लगा. तो आंटी का मज़ा दोगुना हो गया था. वो अपने चूतड़ को ज़ोर-ज़ोर से उठाती हुई बोली और ज़ोर से अतुल और ज़ोर से हाय मेरे प्यारे राजा बेटे, आज से में तेरी गर्लफ्रेंड हो गयी. अब में जिंदगी भर के लिए तुझसे चुदवाऊंगी. आह उईईइ माआ वो अब झड़ने वाली थी और उसने तुरंत लेटकर जांघे फैला ली और बोली तुरंत अपने इस लंड को चूत में अंदर डालो, अब में झड़ने वाली हूँ.
फिर मैंने अपना तना हुआ लंड आंटी की चूत में डाल दिया और ज़ोर-जोर से धक्के लगाने लगा और आंटी की चूत नीचे से उनका जवाब दे रही थी और घमासान चुदाई चल रही थी और फिर आंटी की सिसकारियां निकलने लगी. आह उईईईईईईईईईईई क्या कर रहा है? ज़ोर से चोदो राजा ऊह्ह्ह्हह जो हर समय चुदवाने के लिए बेचैन रहती है, चोदो और चोदो. अब तो में भी अपनी पूरी स्पीड में चुदाई करने लगा.
फिर में चूत से पूरा लंड निकालता और पूरी गहराई तक पेल रहा था. वो तो स्वर्ग की हवाओं में उड़ने लगी थी. क्या मजा आ रहा है मेरी सोहिनी रानी? हाय राजा और ज़ोर से बड़ा मजा आ रहा है और जोर से. ओह माँ ओह मेरे बेटा बहुत अच्छा लग रहा है. में भी अब ऊपर से कसकर धक्के पर धक्का लगाते हुए बोल रहा था कि हाय रानी तुम्हारी चूत ने तो आज मेरे लंड को पागल बना दिया है. वो तेरी सुंदर चूत को ऐसे चोदकर दीवाना हो गया है. जब तक तुम चाहोगी जन्नत की सैर करूँगा और कराऊंगा, मेरी आंटी बहुत मज़ा आ रहा है. फिर आंटी भी बोली उईईईईईई माँ चोदो चोदो और चोदो और जोर से चोदो राजा साथ साथ झड़ना. ओह हाईईईईईईईईई आ जाओ, चोद दो. ओह ओह अहह मेरे सनम आह्ह्हह्ह अब में नहीं रुक पाऊँगी. ओह में गई.
फिर कसकर दो चार धक्के लगाकर हम साथ-साथ में झड़ गए. सचमुच इस चुदाई से में बहुत खुश था और आंटी ने भी पूरी मस्ती में चुदाई का भरपूर मज़ा लिया था. अब हम दोनों झड़ चुके थे, फिर मैंने आंटी का जोरदार किस लिया और आंटी की चूचीयों के बीच सिर रखकर उनके ऊपर थोड़ी देर पड़ा रहकर और फिर अपनी सांसो को शांत करने के बाद उठ गया और बोला कि आंटी अब चलो तैयार हो जाओ नीचे सब ढूंढ रहे होंगे. फिर आंटी ने भी कपड़े पहन लिए, उनकी साड़ी सूख गयी थी और हम तैयार होकर नीचे पार्टी में चले गये.

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