Quantcast
Channel:
Viewing all 1490 articles
Browse latest View live

कोमल की कुवारी बुर

$
0
0

हैलो दोस्तो, मेरा नाम विकास पटेल (बदला हुआ नाम) है। मैं इंदौर शहर का रहने वाला हूँ। मैं कॉलेज का स्टूडेंट हूँ।

यह मेरी पहली कहानी है जो बिलकुल सत्य है।

एक दिन की बात है मैं किसी काम से मंगल सिटी गया था। वहाँ पर मैंने एक भाभी को देखा जो दिखने में बहुत ही सुंदर थीं। पच्चीस साल की थीं। वो वहाँ पर खरीददारी करने आई हुई थीं। वो अकेली थीं।

उसके साथ कोई नहीं था उसका ख़रीदा हुआ सामान बहुत ज्यादा था और वो उसको ठीक से उठा नहीं पा रही थी।

वो मेरे सामने से निकली तो मैंने कहा- क्या मैं आपकी मदद करूँ?

उसने कहा- ठीक है।

हम माल से बाहर आ गए।

उसके बाद मैंने पूछा- मेम आप घर कैसे जायेगीं?

उसने कहा- बस से जाऊँगी।

मैंने कहा- आपके पास सामान ज्यादा है, आपको घर जाने में परेशानी होगी।

मैंने उसको अपनी बाइक पर बैठाया और हम उसके घर के लिए निकल पड़े।

रास्ते में हम लोग आपस में बात कर रहे थे। उसका घर बापट चौराहे के पास था, जो माल से एक किलोमीटर दूर था।

हम उसके घर पहुँचे तो मैंने कहा- अब मैं जाता हूँ।

उसने कहा- आपने मेरी मदद की है, आप ऐसे कैसे जा सकते है, अंदर तो आइये।

मैंने कहा- ठीक है।

मैं उसके घर में गया, घर बहुत अच्छा था।

वो मेरे लिए चाय बना कर लाई हम दोनों ने साथ में चाय पी।

फिर मैंने उससे पूछा- आपका नाम क्या है?

उसने उसका नाम कोमल (बदला हुआ नाम) बताया।

मैंने पूछा- आप क्या करती हो?

उसने कहा- मैं हॉउस वाइफ हूँ।

उसका पति और वो दोनों साथ में रहते थे। उसका पति किसी निजी कंपनी में काम करता था। वो घर से बाहर टूर पर रहता था।

उसने मेरे बारे में पूछा तो मैंने कहा- मेरा नाम विकास है। मैं कॉलेज का छात्र हूँ।

उसने मुझसे कहा- आप बात बहुत अच्छी करते हैं। मुझे आपकी बातें बहुत ही पसंद आईं।

मैं जाने लगा तो उसने कहा- आप मुझे आपना मोबाइल नंबर दे दीजिए, मैं आप से दोस्ती करना चाहती हूँ।

मैंने कहा- ठीक है।

मैंने उसको अपना मोबाइल नंबर दे दिया।

तीसरे दिन उसका अचानक फोन आया- विकास, मुझे तुम्हारी याद आ रही है। मुझे मिलने मेरे घर पर आ जाओ।

मैंने कहा- ठीक है मैं आता हूँ।

मैं कॉलेज से बाहर निकला और अपनी बाइक उठाई और कोमल के घर के लिए निकला कुछ ही देर में मैं कोमल के घर के बाहर पहुँच गया। मैंने उसके दरवाजे की घण्टी बजाई।

इतने में कोमल ने दरवाजा खोला तो मैं कोमल को देखता ही रह गया क्योंकि उसने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी, वो उस साड़ी में किसी हिरोइन से कम नहीं लग रही थी।

उसने कहा- अंदर आ जाओ।

मैं अंदर गया, हम दोनों बात करने लगे।

कुछ देर बाद उसने मुझ से पूछा- मैं तुमको कैसी लगती हूँ?

मैंने कहा- बहुत ही अच्छी लगती हो।

मैंने पूछा- आज आप ऐसी बातें क्यों कर रही हो?

उसने कहा- विकास मुझे तुमसे प्यार हो गया है, तुम मुझको हर पल याद आते रहते हो।

यह बोल कर उसने मुझे किस कर दिया।

मैंने उससे कहा- ये क्या कर रही हो।

उसने कहा- मैं अपने विकास से प्यार कर रही हूँ।

मैंने कहा- आपके पति क्या आपसे प्यार नहीं करते?

उसने कहा- उनको तो प्यार करने का कभी टाइम ही नहीं मिलता।

यह कह कर वो मेरे पास चिपक कर बैठ गई और मुझे चूमने लगी। फिर मैं कर भी क्या सकता। मेरे पास स्वर्ग की अप्सरा जैसी हसीना बैठी थी, मैं भी गर्म होने लगा, मैंने भी उसको चूमना शुरू कर दिया। मैं उसको चूमते हुए उसके स्तनों पर आ पहुँचा। मैंने उसकी साड़ी को हटाया, उसके ब्लाउज के बटन खोले और उसकी ब्रा को भी निकाल दिया।

मुझे उसके स्तन बहुत प्यारे लग रहे थे, मैं उनको मज़े से चूस रहा था। कोमल सिसकारियाँ ले रही थी। मैंने उसको बेड पर लिटा दिया। उसके बाद मैंने उसका पेटीकोट उतारा।

क्या मस्त फिगर था। उसका ऐसा लग रहा था की बिपासा बसु मेरे सामने नंगी लेटी हुई हो। मैंने उसकी पैन्टी को उतारा और उसकी चूत को देखा। उसके काले बाल चूत के ऊपर बहुत अच्छे लग रहे थे।

मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा। कुछ देर बाद वो झड़ गई और उसकी साँसें तेज हो गईं, उसकी चूत में से नमकीन तरल निकलने लगा, जिसे मैं पूरा चाट गया।

वह बोली- अब अन्दर डालो ना !

मैंने अपना अंडरवियर उतारा और लंड उसकी चूत के छेद पर रखा, एक जोर से धक्का दिया। मेरा लंड कोमल की चूत में पूरा चला गया। मैंने उसको अलग-अलग स्टाइल से चोदा। उसको बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद वो झड़ गई।

अब मेरी बारी थी, मैंने पूछा- मेरा होने वाला है, किधर छोडूं?

उसने कहा- अंदर ही डाल दो, बहुत दिनों बाद आज मुझे शारारिक सुख मिला है।

मैंने अपनी गति तेज की और कोमल की चूत में ही झड़ गया।

यह मेरा पहला सैक्स अनुभव था, जो बहुत ही अच्छा था।

हम दोनों काफ़ी देर बेड पर नंगे ही पड़े रहे। उसके बाद फिर हम दूसरी बार के लिए तैयार हुए और खूब चुदाई की। चुदाई के बाद हम दोनों नंगे बाथरूम में नहाये।

मैं वहाँ से जाने लगा तो कोमल ने कहा- तुमने आज मुझे स्वर्ग की सैर करा दी विकास, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

यह कह कर उसने मुझे एक चुम्बन किया और मैंने उसको अपने गले से लगा लिया।

वो मुझे पाँच हजार रूपए देने लगी तो मैंने कहा- मैं तो तुम्हारा विकास हूँ, अगर तुमने मुझे पैसे दिए तो मैं तुमको हमेशा के लिए भूल जाऊँगा।

वो आज भी मुझे फोन लगा कर बुला लेती है। हम लोग आज भी चुदाई के मज़े ले रहे हैं। हम दोनों साथ में घूमने भी जाया करते हैं।

आप को मेरी यह पहली सत्य घटना कैसी लगी। मुझे ईमेल करें !

The post कोमल की कुवारी बुर appeared first on .


मेरी सहेली थी रांड जाके मार आई गाण्ड

$
0
0

कामिनी जी को प्रणाम और इस बेहतरीन साइट के लिए और मेरे सभी साथी पाठकों की तरफ से धन्यवाद…

तो दोस्तो, मेरा नाम बिंदु है और मेरी शादी आज से 3 साल पहले विमल से हुई थी।

विमल मेरी माँ की सहेली का बेटा है और वो एक कंपनी में जॉब करता है और अक्सर टूर पर रहता है…

उन दिनों हमारी “सेक्स लाइफ” ठीक नहीं चल रही थी।

आप को विश्वास हो ना हो शादी से पहले मैं बिल्कुल “कुँवारी” थी, जी हाँ यानी किसी मर्द ने मेरी चूत नहीं चोदी थी!!!

अब मैं अपने बारे में बता दूँ। मेरा रंग गोरा है, कद 5 फीट 5 इंच और जिस्म थोड़ा भरा हुआ है…

मेरी चूची 36-सी है और गाण्ड 38 इंच और कमर 28 इंच है… …

मैं जवानी से ही अपनी चुचियों और गाण्ड की “सरसों के तेल” से रोज़ाना मालिश करती हूँ, जिससे मेरी चुचियाँ और गाण्ड एकदम कसी हुई और सुडौल हैं!!! !!

इसके साथ ही हफ्ते में एक बार मैं अपनी चुचियों और गाण्ड पर “फेस पेक” भी लगती हूँ और अक्सर अपनी गाण्ड पर “स्क्रब” भी करती हूँ, जिससे मेरी चुचियाँ और गाण्ड बेहद नरम और मुलायम हैं और साथ में चमकदार भी!!! !!

शादी से पहले मेरी एक सहेली थी “शशि” जिसने मुझे यह सब राय दी थी…

उस वक़्त वो “ब्यूटीशियन” का कोर्स कर रही थी!!

शशि, मेरी सहेली भी थी और साथ ही विमल की चचेरी बहन भी थी…

शशि की शादी आज से दो साल पहले “अविनाश” से हुई थी।

अविनाश भी “टूरिंग जॉब” पर था।

शशि, शुरू से ही एक “चालू लड़की” थी, जिसका कई लड़कों के साथ अफेयर चलता था!!!

कई बार अच्छा “मुर्गा” फंसने पर वो “वैश्या वृति” करने से भी नहीं हिचकिचाती थी!!! !!

शादी के बाद उसका ससुराल देल्ही में था, लेकिन अब उसके पति का ट्रान्स्फर हमारे शहर यानी गुड़गांव में हो गया था।

उस दिन अचानक मुझे शशि का फोन आया – साली रंडी बिंदु, मैं तेरे शहर आ रही हूँ… खूब मज़े करेंगे, दोनों… सुन, अगर विमल भैया से मन भर गया हो तो मेरे पास बहुत “हट्टे कट्टे यार” हैं जो मेरी तसल्ली खूब अच्छी तरह करवाते हैं… अगर विमल भैया के लण्ड से बोर हो गई हो, तो बता देना… तेरी चूत को “गरम ताज़े लण्ड” से चुदवा दूँगी… मैं इस इतवार को पहुँच रही हूँ… मेरा पता लिख ले, वहीं मिलते हैं… और बता, विमल भैया का 6 इंच का लण्ड अभी तक तुझे खुश रख रहा है या नहीं… ??

इधर मैं शशि की बात सुन कर शरम से लाल हो रही थी और कहीं विमल ना सुन ले इसलिए बोली – अच्छा, ठीक है यार… चल मिलते हैं…

किसका फोन था, बिंदु… ?? विमल ने पूछा।

मेरी सहेली और आपकी बहन “शशि” का… अविनाश की ट्रान्स्फर भी गुड़गांव में हो गई है… जल्द ही, वो यहाँ आ रहे हैं…

तभी अचानक ही मेरी नज़र विमल की पैंट के सामने वाले हिस्से पर गई, जहाँ मुझे नज़र आ रहा था की उसका लण्ड खड़ा हो रहा था!!! !!

अच्छा, तब तो अच्छा है, तेरी सहेली आ जाएगी और तेरा मन भी बहल जाएगा… शशि बहुत “हँसमुख लड़की” है… नहीं… अच्छी कंपनी मिल जाएगी, हम लोगों को…

विमल नॉर्मल ही बात कर रहा था, लेकिन मुझे लगा की वो शायद शशि के प्रति “आकर्षित” हो रहा है!!!

मेरी आँखों के सामने शशि का “मांसल जिस्म” उभर आया। मेरी सहेली के नितंब भरे थे, जिनको अक्सर मैंने अपने पति को निहारते हुए देखा था!!

आज कल मेरी और विमल की “सेक्स लाइफ” बोरियत भरी हो चुकी थी…

शादी को तीन साल हो चुके थे और रोज़ रोज़ एक ही 6 इंच का लण्ड लेकर मैं बोर हो गई थी… …

इन दिनों जब भी उनका मुझे चोदने का मूड होता, मैं टाल जाती और हमारी बहस हो जाती… अक्सर बहस लड़ाई में बदल जाती थी…

रोज़ रोज़ टालने के बाद भी इनकी समझ में नहीं आता था और कुत्ते की तरह अपना लण्ड हिलाते हुए मेरे पीछे घूमते रहते थे…

लेकिन इधर शशि के नाम पर मेरे “चूत के पिल्लू” पति का लण्ड तन गया था…

खैर, इतवार के दिन मैं और विमल शशि को मिलने गये…

शशि ने उस दिन बहुत ही टाइट जीन्स पहनी हुई थी, जिससे उसके नितंब बहुत उभरे हुए थे…

ब्लू जीन्स के ऊपर उसने सफेद टी शर्ट पहनी हुई थी, जिसमें उसके भारी वक्ष बाहर आने को तड़प रहे थे!!! उसके निप्पल भी कड़क थे और बाहर निकलने को बेताब दिख रहे थे!!! !!

विमल भैया, कैसे हो… ?? अपनी शशि की कभी याद नहीं आई, भैया… ?? आप तो हमको भूल ही गये लगते हो – कहते हुए शशि मेरे पति के गले लग गई और विमल ने उसको आलिंगन में ले लिया।

दोनों ऐसे मिल रहे थे जैसे “बिछड़े आशिक” मिल रहे हों… !!!

उम्मीद करती हूँ, अब तक की कहानी पढ़कर आप सभी सहेलियों की चूत से थोड़ी बहुत “रसधार” जरूर बही होगी और मर्दो के लण्ड ने भी मेरी चूत को खड़े होकर जरूर सल्यूट किया होगा… …

जल्द ही आपकी गीली चूत और खड़े लण्ड के लिए, आगे की कहानी हाज़िर करुँगी… …

फिलहाल विदा…

The post मेरी सहेली थी रांड जाके मार आई गाण्ड appeared first on .

पेहले चुदाई,बाद मे पढाई

$
0
0

मेरा नाम करण सिंह और आज मैं आपको एक ऐसी लड़की की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसने कभी चुत – चुदाई और उसके दर्द को कभी कभी ना समझा था | हालाँकि वो मुझसे मुझसे उम्र छोटी थी पर पुरी तरह से खिलकर कमल का फुल हो चुकी थी और उसकी चुत भी शायद अंदर से चुदाई की पुकार कर रही थी जिसकी पुकार आखिर मैंने एक दिन सुन ही ली और शायद पूरी हद तक पूरी कर दी | दोस्तों मैं एक मशहूर शहर में लोगों को नाचना शिखाता हूँ और करीब १५० बछ एमरे यहाँ अलग – अलग समय में सिखने भी आते हैं |

यूँ तो मैं चुत का इतना शौक़ीन नहीं हूँ पर एक लड़की की भरी जवानी ने उसकी चुत का शौक रखने में मुझे मजबूर ही कर दिया | उसका नाम जसवी था और वो अक्सर ही दोपहर को अपनी कुछ दोस्तों के साथ मेरी क्लास में नाच सिखने के लिए आया करती थी | वो अपनी सभी दोस्तों को मुकाबले इतना अच्छा नहीं नाचती थी इसी कारण मैंने उसके अकेले में क्लास लेने और आची तरह से उसे सिखाने की सोची और गलती से उसे चुदाई का पाठ पढ़ा डाला | उस दिन दोपहर को सब बच्चों के जाने के बाद उसे अकेले में ही सिखा रहा था |

हुआ हुआ यूँ उसके कदम और हाथ की दिशा सही से बन रही थी जिसके कारण अब मुझे उसके हाथ और कभी उसे पीछे सुकी कमर को पकड़ सहारा लगन पड़ जाता था | उसने उस वक्त एक छोटी सी कर्ट और उप्पर के कसा हुआ टॉप पहना था जिसपर से उसके चुचों का उभार्साफ मेरी नज़रों के सामने था | मैं जब उसे सिखा रहा था उसके हाथों और बाहों को पकडे हुए तो मैंने ध्यान दिया की अब उसका ध्यान और हटा जा रहा था | मैंने जब उसकी शकल को ध्यान से सिखा तो उसकी नज़रें एक दम खामोश थी और वो एक शांत पड़ी हुई थी | मैंने उससे जब पुछा की क्या कारण है तो वो मुझे कुछ जवाब ना दे पाई पर शयद सब कुछ समझा चुका था और अंदर से उत्तेजित होता चला गया |

मैं अब जान बुझ कर उसकी बाहों को अपनी हटली से सहलाते हुए उसे सिखाने का प्रयत्न किया जिसे वो फिर से एक दम सुन पड़ गयी और मेरा सामने मुड़कर खड़ी रही | मैं उसे देखता हुआ उसके बाहों को सहलाता आज अ रहा था | धीरे – धीरे मेरा एक हाथ उसके टॉप के अंदर चलता चला गया उसकी कमर से होता हुआ उसके पेट पर पहुँच गया | मैं उसे गरम करता हुआ अपनी एक ऊँगली को उसकी नाभि के चारों और घुमाने लगा | अब तो उसकी गर्म आहें छूट रही थी और मैंने फटाफट उसके चुचों को भींचते हुए उसके टॉप को वहीँ खड़े – खड़े उतार दिया | मैं उसके छोटे – छोटे चूचकों को अपने होठों के तले मिस्मिसात हुए चूसने लगा | मेरा पास वक्त की पाबन्दी थी इसीलिए मैंने उसकी स्कर्ट को भी उप्पर की और उघाड़ दिया और उसकी नीली पैंटी को नीचे को खींच दिया |

मैंने उसे वहीँ सीडी पर बिठाते उसकी चुत में ऊँगली करने लगा | मैंने अब जहत से अपने तने हुए मोटे लंड को निकाला और उसके उप्पर चड़ते हुए उसकी चुत में अपने लंड को दे मारा और देदनादन चोदना शुर कर दिया | मैं बिलकुल मज़े में था और वो दर्द से चींख रही थी | मैं उसकी एक चींख के उप्पर भी ध्यान ना दिया दिया और पूरे समय उसे भरकर चोदा और आखिर में उसके पेट पर ही अपना वीर्य चोदा दिया | उस दिन के बाद से मैंने उसे रोज अकेले में सीखाना शुरू किया और उसकी चुत भी मारता चला गया |

The post पेहले चुदाई,बाद मे पढाई appeared first on .

भाबी की मस्त चुदाई की, जैसे कोई बरदान मिली हो

$
0
0

दुनिया की लगभग सभी जातियों में, सभी समाज में जब लड़के, लड़की सेक्स करने लायक हो जाते हैं तो उनकी शादी कर दी जाती है और ये शादी बहुत ही खुशी, गाजे बाजे और उत्साह से एवं धूमधाम से की जाती है।

यह तो निर्विवाद रूप से मान लेना चाहिए कि सेक्स का मनुष्य जीवन में बहुत महत्व है। इस कारण इस सेक्स की शुरुआत इतनी भव्यता से की जाती है।

मनुष्य जीवन क्या, अपितु इस संसार के सभी जीवों के लिए यह जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

भगवान् ने इसको बनाया भी बहुत ही आनंद दायक है।

इसलिए सेक्स को हमेशा बहुत ही आरामदायक स्थिति में, प्रसन्न रहते हुए और मन व शरीर को सम्पूर्ण रूप से समर्पित करते हुए एवं पूर्ण समय देते हुए करना चाहिए।

यह सामर्थ्यवान है इसलिए सर पर चढ़ कर बोलता है, दिल और दिमाग को अति शीघ्र काबू में कर लेता है और सारे शरीर को तरंगित कर देता है।

यह शक्तिवान है इसलिए यदि यह अपूर्ण रह जाए तो मन को विक्षोभ से भर देता है और मन सारी वर्जनाएं तोड़ने को उतारू हो जाता है।

यह हर बार नयेपन का अहसास देता है, इसलिए इसको करने का बार बार मन करता है।

क्योंकि यह अति आनंद दायक है इसलिए सारी वर्जनायें टूट गई हैं, अब शादी के बाद ही सेक्स करना है – यह वर्जना टूटती जा रही है।

जिस किसी को सेक्स का अनुभव मिल सकता है वो कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता है।

यह इतना विस्तृत है कि सेक्स को करने के इतने तरीके है कि कोई पूरा नहीं कर सकता।

और इतना गूढ़ कि कोई यह नहीं कह सकता कि मैं इसका पूर्ण रूप से एक्सपर्ट हूँ।

इस कारण से ही सेक्स ने दुनिया में तहलका मचा रखा है।

इस दो इंच के खड्डे में पूरी दुनिया है।

इसको नमन, आख़िर ये ही हमारी जन्मस्थली भी तो है।

इस सेक्स पर कितने ही ग्रन्थ लिखे जा चुके हैं। जो इस के बारे में जानते हैं वो भी और जो नहीं जानते है वो भी, जो कुछ इस के बारे में लिखा जाए सब कुछ पढ़ने को तैयार रहते हैं।

तो लीजिये प्रकृति की इस महान कृति पर एक और रचना। आशा है आपको यह पसंद आएगी।

बात आज से लगभग २५ साल पुरानी है जब मेरी उम्र अट्ठारह साल रही होगी और मैं उस समय १२ वीं में पढ़ता था। मेरे पास साइंस थी इसलिए शरीर विज्ञान में रूचि भी बहुत थी, ख़ास तौर से लड़कियों के बारे मैं जानने की उत्सुकता बहुत ही ज्यादा थी।

पता नहीं क्यों लेकिन मुझको बचपन से लड़कियों से बात तक करने में बहुत डर लगता था। आज भी किसी लड़की से सीधे सीधे सेक्स के बारे में बात करनी हो तो मेरी गांड लुप लुप करने लगती है। जबरदस्ती करना तो बहुत दूर की बात है।

हमारे मकान की पहली मंजिल को किराये पर दिया हुआ था। और आंटी जी की उम्र लगभग ३३ साल की होगी। वो मेरे कंधे तक आती थी लेकिन शारीरिक गठन के कारण से मुझको बहुत आकर्षण महसूस होता था और इच्छा होती थी कि उनके साथ मैं सेक्स करू। लेकिन हिम्मत नहीं होती थी। हमारे मकान में सड़क वाली साइड में चारदीवारी के अन्दर बगीचा था।

एक दिन उन दोनों पति पत्नी को कहीं जाना था, सुबह लगभग १० बजे तैयार होकर वो अंकल से पहले नीचे आ गई। उन्होंने नहाने के बाद तैयार होते समय गर्दन से बोबों तक पाउडर लगा रखा था। जो दिख भी बहुत गहरा रहा था। तो मैंने आंटी जी को कह दिया कि आंटी जी इतना पाउडर लगा रखा है। तो उन्होंने मुझसे कहा कि तू ठीक कर दे। अब मेरे होश गुम होने की बारी थी और डर ये लग रहा था कि मेरे घर से किसी ने देख लिया तो मेरी खैर नहीं। सो मैं चुप हो गया।

हमारे मकान के दाईं साइड वाला मकान बना नहीं था। खाली जमीन ही पड़ी थी और मालिक कभी आकर देखता ही नहीं था। हम ही लगभग १० साल से तो उसको खाली ही देख रहे थे। उसमें हम हमारे घर का कचरा भी डाल देते थे। और बरसात में झाड़ झंखाड़ भी बहुत उग आए थे। एक दिन देखा कि उस जमीन में एक मियां बीवी झाडों की सफाई कर रहे हैं और एक घोड़ा-ठेली उनके गेट के पास खड़ी है। पता चला कि वो दूध वाले हैं और उन्होंने किराए पर लिया है। किराए पर लेने से पहले इन लोगों ने मालिक से कह कर बिजली पानी के कनेक्शन चालू करवा लिए थे। उस जमीन के बाद में जो अगला मकान था, उसकी बगल में २ छोटे छोटे झोपड़ी नुमा कमरे इस जमीन पर बने हुए थे और एक हौज जमीन पर बाहर की चारदीवारी के पास उन कमरों के बाद बना हुआ था। उसमे उन लोगों ने पानी भरा और दो दिन लगा कर सारी जमीन साफ़ कर दी। एक कमरे में रसोई बना ली और दूसरे को सोने के काम लेने लगे। फ़िर दो चार दिन बाद २ भैंसे और एक भैंसा ले आए। दूध वाले की औरत का नाम राधा था और वो सुंदर भी खूब थी। कमर लगभग २५ इंच। छरहरी और मेहनती। अब उसके पास आकर रहने से मन उस पर भी डोलने लगा।

जब भी जोर से सेक्स करने की इच्छा होती तो टॉयलेट में जाकर आंटी जी या राधा के सपने देखकर मुठ मारता।

अब एक और मुश्किल हो गई कि राधा के यहाँ जो भैंसा रखा गया था, अकसर आसपास से डेरी वाले अपनी भैंसे ला ला कर उनके भैंसे से चुदवा कर ले जाते थे। अनेकों बार जब स्कूल की। छुट्टी के बाद मैं घर पर होता तो जब भी ऐसा होता तो मैं कोमन बाउंड्री के पास, गैरेज के बाहर खड़े होकर देखा करता और भैंसे की किस्मत से इर्ष्या करता के मुझसे तो यही अच्छा, रोज रोज नई भैंस चोदने को मिल जाती है। भैंसे का लंड दूधवाला अपने हाथों से पकड़ कर भैंस की चूत में डालता था। और कभी जब दूधवाला नहीं होता तो राधा ये काम करती थी और फ़िर मुझको टॉयलेट में लंड को शांत करना पड़ता।

दूधवाला अक्सर चारे और कुछ और काम से अपने गाँव भी जाता रहता था तब राधा घर में अकेली होती थी।

ये गैरेज ही उन दिनों मैंने खुद के रहने और पढने के लिए चुन रखा था।

एक दिन आंटी जी ने मुझको आवाज देकर ऊपर आने को कहा, मैं उनके पास गया तो मुझसे बोली कि तू पड़ोस में क्या देखता रहता है। मुझसे कोई जवाब नहीं बन पडा। मैं बोला कुछ नहीं यूँ ही खड़ा रहता हूँ।

कुछ दिन निकल गए। मार्च की बात है। मैं अकेला सुबह १० बजे मेरे बगीचे में खड़ा था। अचानक ही नजर राधा के टैंक की तरफ़ गई तो धड़कन मेरे गले में बजने लगी, राधा ऊपर से बिना ब्लाउज बिना ब्रा के सिर्फ़ घाघरे में टैंक से लोटे से पानी ले कर नहा रही थी। मेरी नजरों ने आज तक ऐसा नजारा नहीं देखा था। मैंने चोर नजरों से फ़टाफ़ट मेरे घर और आसपास देखा कि कोई देख तो नहीं रहा है ओर मेरी नजरें राधा के चिपक गई, राधा ने बिना मेरी ओर देखे नहाना जारी रखा। उसके जैसे बोबे तो मैंने आज तक कभी नहीं देखे। क्रिकेट की बॉल से जरा ही बड़े बिल्कुल गुम्बद की तरह गोल और तने हुए खड़े। दोनों पहाडों के बीच में तीन इंच के लगभग घाटी। मुझको मेरी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। राधा ने बिल्कुल आराम से अपना काम निबटाया और ऊपर चोली पहनी और सूखा घाघरा गले से डालते हुए नीचे का गीला घाघरा खोल के गले से डाला हुआ घाघरा नीचे कर के बाँध लिया और अपने कमरे में चली गई।

मेरी हालत – लंड अकड़ कर सात इंच के डंडे में बदल चुका था। मुझको इस घटना के तुंरत बाद टॉयलेट जाना पड़ा और बहुत मुश्किल से उसकी अकड़न शांत हो पाई।

फ़िर दो चार दिन बाद ही मेरी दीदी की चिट्ठी आई थी उस को पढ़ रहा था कि आंटी जी भी आ गई और मेरी दांई बाजू की ओर खड़े होकर चिट्ठी देखने लगी फ़िर उन्होंने अपना हाथ मेरी बांह में दे कर मेरी कोहनी अपने बोबे से सटा ली। बोबों की नरमी और गर्मी से मेरे शरीर में झुरझुरी छूट गई और जो करेंट लगा तो लंड ने एक ही उछाल में ओलिम्पिक के सारे रिकोर्ड तोड़ दिए। मुझको लगा कि मैं भट्टी पर बैठ गया हूँ।

चिट्ठी के ख़त्म होने पर माँ ने आवाज लगाई तो आंटी जी मुझसे दूर हुई। आँटीजी के अलग होने पर मुझे तुंरत टॉयलेट जाना पड़ा, मेरे छोटे मुन्ने को शांत करने के लिए। माँ का बताया काम करके मैं ऊपर आंटी जी के पास गया भी और उनके पास खड़े होकर कुछ देर बात भी की। लेकिन उनको हाथ लगाने कि हिम्मत फ़िर भी नहीं हुई।

मैं बहुत चाहता था कि इन दोनों से या किसी एक से मेरे शारीरिक सम्बन्ध बन जाएँ तो मजे ही मजे हो जाएँ। लेकिन बहुत हिम्मत करने पर भी उनको ऊँगली तक लगाने की हिम्मत नहीं होती थी। ये जानते हुए भी कि वो राजी हो जाएँगी मेरी हिम्मत फिर भी नहीं होती थी।

फिर एक बार आँटीजी के पास खड़ा था कि उन्होंने मुझको कहा- आ ! तेरे को एक चीज दिखाऊं !

फिर उन्होंने मुझे अपने पापा की बनाई हुई दही मथने की मथनी दिखाई, और उसको चला कर दिखाते हुए उनका पल्लू नीचे सरक गया जिसको उन्होंने ठीक नहीं किया, अब उनके ब्लाउज में से उनके भरे हुए बोबे अपना जलवा दिखा रहे थे लेकिन फिर बात वो ही हुई कि मैंने अपने आपको जाने कैसे कंट्रोल किया, मेरी हिम्मत एक ऊँगली तक लगाने की नहीं हुई। अब वो खुद तो अपने कपड़े खोल कर मुझसे बोलने से रही कि आ मुझे चोद दे। इस दुनिया की साधारण रीत तो ये ही है कि लड़का पहल करे सेक्स के लिए। और अक्सर देखने में ये आता है, कि एक बार हिम्मत कर लो तो कामयाबी मिल ही जाती है। लेकिन हिम्मत ही तो नहीं होती है।

इस बात को लगभग दो हफ्ते बीत गए, आंटीजी और राधा अक्सर आपस में बातें किया करते थे, जैसा कि आमतौर पर औरतों में होता है।

एक दिन राधा ने अचानक से मां को बोला कि आज लालाजी (राजस्थान में देवर को लालाजी से संबोधित किया जाता है) को शाम को खाना मैं खिलाउंगी क्योंकि ये (उसके पति) तो बाहर गया, और मैंने आज मनौती मानी है (मुझे बाद में पता चला कि उसके बच्चे नहीं हुए तो मनौती मानी थी) । मां ने साधारण तौर से हाँ कर दी। तो राधा ने शाम को मुझे खेलते देख बोला कि लालाजी आज खाना मेरे यहाँ खा लेना, मैं मां को बोल चुकी हूं, बोलो, क्या सब्जी बनाऊं। मुझे आलू की सूखी सब्जी और दाल अच्छी लगती है सो मैंने बता दिया तो राधा ने बोला कि ठीक है, तुम आठ बजे खाना खाने आ जाना। वो समय था जब हमारी कालोनी निर्माण के दौर से गुजर रही थी। इसलिए ज्यादा आबादी नहीं थी। कई मकान बिना बने ही जमीन के रूप में पड़े थे।

रात को आठ बजे मैंने राधा को आवाज लगाईं – भाभी………

तो राधा ने मुझको कहा- लालाजी, रसोई में आ जाओ।

मैं रसोई में चला गया, वो चुनरी पहने हुई थी। जैसा कि राजस्थान में रिवाज है कि पूजा के टाइम चुनरी ओढ़ते हैं। मुझको आसन पर बिठाया, और बहुत ही मनोयोग से थाली सजा कर मेरे सामने रखी।

थाली में मेरी पसंद की दोनों सब्जी-दाल, अच्छे से छौंक कर बनाई हुई, एकदम गरम करारी फूली हुई चपाती – खूब घी से तर, और बर्फी थी। खाना खाया तो मजा आ गया, बहुत ही मन लगा कर बनाया हुआ खाना था। खाना खिला कर मेरी थाली उठा कर उसने खुद उसमें खाना खाया। मैं बहुत आश्चर्य से उसे देखने लगा, लेकिन वो इत्मीनान से खाना खा रही थी। खैर, खाना खा चुकी तो उठी, मुझे नमस्ते की और बोली – लालाजी अब तुम साढ़े नौ बजे दूध पीने आ जाना तो मेरी मनौती पूरी हो जायेगी।

मैंने सोचा कि मानी होगी कोई मनौती। तो मैंने हाँ कर दी। मैं रात को गैरेज में सोता था। इसलिए मुझको कोई ज्यादा परवाह भी नहीं थी कि रात को आने में कोई परेशानी होनी है। आबादी कम थी और टीवी उन दिनों होते नहीं थे, इसलिए अक्सर ही नौ-साढ़े नौ सोने का समय होता था।

रात को जब मुझे पढ़ते में ध्यान आया तो साढे नौ बज भी चुके थे, तो मैंने गैरेज से निकल कर कुण्डी लगाईं, और दीवार फांद कर उसके कमरे के बाहर हौले से आवाज लगाईं – भाभी… तो राधा ने कमरे का दरवाजा खोला और मुझे बोली आओ लालाजी, मैं अन्दर गया तो देखा उस आठ गुना दस के छोटे कमरे में एक और खाट लगा रखी थी। फिर बीच में दरवाजा और दूसरी और एक छोटी सी मेज थी। जिस पर कुछ सामान रखा था। खाट के पास तिपाई पर एक गिलास कटोरी से ढका हुआ रखा था। और दूसरी तिपाई पर टेबल फैन। ये ही थी उसकी छोटी सी लेकिन बहुत बड़ी दुनिया।

मेरे अन्दर आते ही राधा ने दरवाजा ढुका दिया मैंने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया और खाट की ओर इशारा करके बोली- बैठो लालाजी।

मैं खाट पर बैठ गया। राधा तिपाई की ओर गई तो मैंने सोचा दूध का गिलास उठाती होगी। फिर वो मेरी और घूमी और बोली- लो लालाजी आज तक ऐसा दूध कभी नहीं पिया होगा।

वो देखते ही मैं तो हक्का बक्का रह गया। राधा की चोली खुली हुई थी और उसमें से उसके शानदार बोबे निकले हुए थे जिसमें से एक के नीचे उसने एक हाथ लगा रखा था, सीधे मेरे मुँह के सामने वो बोबा कर के मेरा मुँह दूसरे हाथ से सीधा करके मेरे मुँह में दे दिया। मैं इतना हकबका गया था, कि कुछ देर तक तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है और मुझको अब क्या करना चाहिए। राधा ने अपना बैलेंस बनाने के लिए अपना एक पैर मेरे पैर से सटा हुआ जमीन पर और दूसरा पैर मेरे शरीर के बाजू में रख दिया। मैं उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया।

राधा का दूसरा हाथ मेरे सर के पीछे आ गया और जो हाथ उसने अपने बोबे के नीचे लगा रखा था उस से मेरे गालों को बहुत प्यार से हौले हौले सहलाने लगी, और बोली, मेरे प्यारे लालाजी दूध पीना शुरू करो, देखो तो कितने प्यार से गरम किया है। खूब मलाई मारी है इसमें।

जिस के लिए मैं तरस रहा था वो सब मेरे साथ हो रहा था और मैं होश में नहीं था। मुझे गुमान भी नहीं था कि ये सब इस तरह से होगा और मेरी झोली में आ गिरेगा।

धीरे धीरे मैं संभला। राधा का जो पैर जमीन पर था। उस का घाघरा घुटनों तक चढ़ गया था, क्योंकि दूसरा पैर खाट पर था। मैंने अपना मुँह खोला और उसके बोबे की निप्पल मुँह में लेकर दूध पीने लगा। राधा के मुँह से सिसकारी निकलने लगी, वो बड़बड़ाने लगी- पीओ लालाजी पीओ ! जी भर के पीओ ! ये दूध बहुत दिनों से तुम्हारे लिए ही गरम कर के रखा है। ……………. आआआआआह….

आज मेरी आँखों के सामने उसके नहाने का सीन घूम रहा था, मैंने धीरे धीरे अपने हाथ उठाये और राधा का दूसरा बोबा अपने एक हाथ में पकड़ा जिसे छूने की हसरत बहुत दिनों से थी। और अपना दूसरा हाथ उसकी कमर में डाल दिया। मेरा पूरा शरीर उत्तेजना के मारे थरथरा रहा था। फिर मैं अपने को संभाल नहीं सका और मेरा धड़ धीरे धीरे खाट पर पसरने लगा और राधा को अपने ऊपर लिए दिए मैं खाट पर पसर गया।

मेरा मुँह राधा के बोबों में दब गया और मेरी सांस घुटने लगी तो मैंने अपना मुँह खोल के सांस ली, राधा अच्छी तरह से जान चुकी थी कि मैं सेक्स के मामले में निरा भोन्दू हूँ। इसलिए शर्म को उसने पूरी तरह से त्याग दिया वो अपने हाथो पर जोर डाल कर घुटने मोड़े मेरे लंड पर बैठ गई और खुद का घाघरा ऊँचा कर लिया फिर थोड़ा ऊँचा होकर, थोड़ा इधर उधर होकर मेरे पायजामे का नाडा खींच कर खोल दिया, फिर अंडरविअर में हाथ डाल कर लंड को पकड़ कर बाहर निकाल लिया, और मेरे कपडे थोड़ा सा नीचे सरका दिए। फिर अपने मुँह से थोड़ी सी लार निकाली और हाथ में लेकर मेरे लंड के सुपारे पर पोत दी। फिर लंड को खुद की चूत के मुँह पर रखकर मुझ पर पसरती चली गई।

मेरे लंड में मीठी मीठी टीस उठने लगी, जो इतने मजे में मैंने आराम से बर्दाश्त की। उसकी चूत बुरी तरह से गीली हो चुकी थी। और उसकी जांघो तक से पानी टपक कर मेरे लंड के आसपास गिर रहा था, मैंने कहा- भाभी ! सु सु निकल रहा है शायद !

तो राधा बोली- मेरे भोले बालम, मेरे प्यारे देवर, यह चूत का रस है, इससे ही तुम्हारा छोटा मेरे अन्दर घुसा जा रहा है !

वो धीरे धीरे हिल कर पूरा लंड अन्दर ले गई, मेरा लंड अन्दर जाकर कहीं अड़ गया, तो उसके मुँह से जोर की सिसकारी निकली। मैं डर गया कि शायद दर्द हुआ होगा। तो राधा ने मेरा चेहरा देख कर बोला कि देवर जी डरो मत ना, तुम्हारा छोटा मेरे बच्चेदानी के मुँह पर लगा है, और मुझको बहुत आनंद मिला है। फिर उसने मेरे मुँह से खुद का मुँह जोड़ लिया और मेरे होंट और जीभ चूसने लगी।

अब मैं भी ताव में आने लगा था, मैंने अपनी बाहें उसके पीठ पर बाँध ली और उसको कस लिया उसके होंट ढीले पड़े और मुँह से आह निकली। मैंने आव देखा न ताव उसके मुँह पर जगह जगह से पप्पी ली, चूसा फिर उसके होंट अपने होंट में लेकर जोर जोर से चूसने लगा। वो मुझे देख कर मुस्कुराई और आँख मार कर अपने कूल्हे चलाने लगी, कोई २०-२५ बार में वो अकड़ी और फिर ढीली पड़ गई और मुझसे बोली- देवर जी अब ज़रा सा रुक जाओ।

मुझे पहली बार पता चला कि औरत को भी चुदने में आनंद मिलता है, वो भी झड़ती है।

फिर मुझसे रहा नहीं गया तो उसके तने हुए बोबे दबाता रहा। ज़रा सी देर में वो फिर गर्मी में आने लगी, और एक और को खिसक कर खाट पर मेरी करवट में आ गई और बोली- लाला अब तुम ऊपर आओ मेरा गीला छेद ढूंढो और अपना छोटा घुसा कर खुद का काम करो, और मेरा भी।

मुझे समझ नहीं आया कि उसका काम कैसे करना है, लेकिन मैं कुछ नहीं बोला, सोचा कि जरूरत पड़ी तो बाद में बोलूंगा और राधा पर चढ़ गया, उसका छेद ढूंढ कर लंड को लगाया और सोच ही रहा था कि इसको अन्दर डालने के लिए क्या करूँ तो राधा ने नीचे से खुद के कूल्हे ऊपर उठा लिए और लंड अपने रास्ते चला गया। गहरे अन्दर तक, वो फिर सी सी करने लगी, और मैं चालू हो गया, धक्के पर धक्के, जोर से फिर और भी जोर जोर से………… अचानक फिर राधा अकड़ी और ढीली पड़ गई, मैं चालू ही रहा फिर मेरे मुँह से आ आ, निकलने लगा तो राधा चौकन्नी हो गई, उसने अपनी टाँगे मेरी कमर पर लपेट ली और बोली- पूरा दम लगा कर धक्के मारो और जब माल निकले तो पूरी ताकत से दबा कर उसे मेरे अन्दर डाल दो।

मैंने ऐसा ही किया। हम दोनों पसीना पसीना हो चुके थे। फिर अचानक ही मुझे याद आया कि मैं कहाँ हूँ, पता नहीं तो किसी ने देखा होगा, या गैरेज में झांक ले, मुझे ना पाकर, मुझको ही कोई इधर उधर देखता हो…………..

मुझे घबराहट होने लगी, राधा बोली- देवर जी घबराओ मत ना, मैं हूँ ना, मैं कुछ भी बोल दूँगी, सब संभाल लूंगी।

फिर आले में रखी प्लेट लेकर मेरे सामने की, ढेर सी मलाई थी, उस में मिश्री डाली हुई थी, मैं ने एक बार खाई, फिर राधा के न न करते हुए भी उसको भी खिलाई, और मैंने भी खाई, फिर उसने गिलास उठा कर मेरे मुँह से लगा दिया, फिर खड़ी होकर मुझे ठीक से बिठाया और पैर छूकर बोली, देवर जी मुझे वरदान दो कि मेरी मनौती पूरी हो, मुझे बहुत शर्म आई लेकिन मेरे मुँह से निकल पड़ा- ऐसा ही हो।

राधा ने मेरे होंटो का चुम्बन लिया और दरवाजा खोल कर बाहर झाँका फिर मुझसे बोली – अच्छा होता कि तुम आज यहाँ ही सोते, लेकिन ज्यादा अच्छा है कि तुम खुद के कमरे में ही सोवो। किसी को शक नहीं होगा।

मैं चोर कदमों से गैरेज में आकर दरवाजा बंद कर के पलंग पर लेट गया, नींद का दूर दूर तक नाम भी न था। राधा के शरीर की खुशबू, उसकी गर्मी, उसकी नरमी के अहसास, उसके बोबे और अंग प्रत्यंग मेरी आँखों के सामने घूमते रहे, मेरा लंड अकड़ा ही रहा, जाने उस रात मैंने कितनी बार मुठ मारी लेकिन लंड ने नहीं बैठना था और वो नहीं बैठा। मेरा मन भरा ही नहीं था, औरत के शरीर को नापने देखने की हसरत मन की मन में थी, बस चुदाई पूरी हो गई थी।

मेरी मां सुबह साढ़े चार बजे उठ जाती है, और पास की जमीन से भी पॉँच बजे खटर पटर होने लगी, भैंसों की सार संभाल शुरू हो चुकी थी, मेरी बाहर निकलने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी, फिर भी जैसे तैसे करके छः बजे मैं उठा, भारी हाथों से दरवाजा खोला कि सामने राधा नजर आई। मेरी तो हिम्मत नहीं थी उससे नजरें मिलाने की, राधा हौले से मुस्कुराई, फिर अपने काम में लग गई।

मुझमे थोड़ी हिम्मत आई, फिर मैं लैट्रीन, ब्रश आदि से फारिग होकर बाहर दालान में आया तो ऊपर आंटीजी नजर आई जो राधा की और देख रही थी, जैसे ही राधा और आंटीजी की नजरें मिली, आंटीजी ने “क्या हुआ?” के रूप में गर्दन और आँखों की भोएं उठाई, राधा ने गर्दन को “हाँ” के रूप में हिला दी। ये सब रोज का सा काम था। मैंने कोई ध्यान नहीं दिया। अब मुझमे आम रोज की तरह का अहसास होने लगा था। बस रात का अहसास मन को गुदगुदा रहा था।

१० से थोड़ा पहले पिताजी और ऊपर वाले अंकल जी ऑफिस चले गए, मैं मां से कह ही रहा था, कि टंकी का पानी गर्म आने लगा है, अब पानी बाल्टी में भरकर थोड़ी देर रखना पड़ेगा। कि ऊपर से आंटीजी की आवाज आई – मुन्ना, ऊपर आकर नहा ले, यहाँ बाल्टी गुसलखाने में रखी है। मैं कपड़े लेकर ऊपर नहाने चला गया, तो आंटीजी बोली- जल्दी से नहा, फिर अपन नाश्ता करें !

मैंने सोचा कि नेकी और पूछ पूछ। जल्दी से नहाया – ठंडे पानी से मजा आ गया।

सारी रात नहीं सोने के कारण भूख बहुत जोरों से लगी थी, इसलिए मुझे नाश्ते की जोरो से याद आ रही थी, फ़टाफ़ट कपड़े डाले और बाहर निकल कर आंटीजी से बोला तो उन्होंने नाश्ता प्लेट में लगाया और गोल छोटी मेज को पलंग के पास सरकाकर मुझको बैठने को कहा और खुद भी मेरे पास बैठ गई, हम दोनों नाश्ता करने लगे गर्म पोहे और जलेबी।

अचानक ही आंटीजी ने पूछा- दूध पिएगा?

मैं चौंक गया, तो आंटी जी बोली- राधा के जैसा तो नहीं है लेकिन फिर भी अच्छा है………….

मेरी आँखों के सामने इनके और राधा की गर्दन के इशारे घूम गए,

फिर तो एक और बार कमरे का दरवाजा बंद हुआ, और एक मिनट में ही हम दोनों नंगधडंग होकर एक दूसरे से लिपट गए। दूसरा ही नाश्ता शुरू हो गया, आंटीजी के भरे हुए नरम बोबों का स्वाद भी कोई कम तो नहीं था। लेकिन हाँ राधा के जवान शरीर की गर्मी और कसावट मुझे याद आने लगी। हम दोनों ही बेताब होकर एक दूसरे को चूमने लगे, चूसने लगे, होंटो से होंट मिले फिर जीभे चूसी, फिर मैं उनके बोबे पीने लगा, वो ऊपर आ गई, जो कुछ रात को मैं नहीं देख पाया था अब सब कुछ स्पष्ट दिख रहा था, एक स्त्री का पूरा शरीर कैसा होता है, पूरा अहसास मेरे मन को तरंगित किये हुए था। मैंने उनके पूरे शरीर को सहलाया, कौन सा हिस्सा क्या अहसास देता है ये जाना, उसकी गर्मी नरमी जानी, रात का भौचाक्कापन कहीं पीछे छूट गया, और मैं बेशर्म होकर आंटीजी के पूरे शरीर को निहार रहा था, परख रहा था।

मैंने उनकी टाँगे चौड़ी करके उनकी चूत भी ठीक से देखी, लंड की अकड़न तो बस…………….

आंटीजी मेरे लंड से खेलती रही, मुझे जगह जगह से चूमती रही, फिर उन्होंने मुझे पलंग पर सीधा कर दिया और मुझ पर चढ़ कर मेरा लंड अपने चूत पर अड़ा कर धीरे धीरे कूल्हे पर दबाव डाल कर अन्दर लेती चली गई, मैंने भी नीचे से धीरे धीरे धक्के लगाए, लंड में मीठा मीठा दर्द था, बेचारा सारी रात परेशान रहा था और अब भी उसकी परेशानी का अंत नहीं हो रहा था।

मुझे एक लोकोक्ति याद आ गई कि ज्यादा अकड़ेगा तो मार खायेगा।

आंटी जी ने मेरे हाथ अपने बोबों पर रखने को बोला, और खुद का मुँह मेरी गर्दन पर लगा कर मेरी गर्दन चूसने लगी, बहुत ऊंचे वोल्ट के झटके मुझे लगने लगे, मुझसे सब कुछ बर्दाश्त बाहर होता लगा। मेरे मुँह से आहें और सिसकारी निकलने लगी, मैंने आंटीजी के बोबे भींच लिए, आंटी जी भी मजे और बोबों में हो रहे थोड़े दर्द से आहें और सिसकारी भरने लगी। फिर वो अकड़ने लगी और निढाल मेरे ऊपर पसर गई।

थोड़ी देर तो मैं आंटीजी के बोबे दबाता रहा और फिर अपने हाथ उनके बदन पर फिराने लगा।

उनमे चेतना आने लगी, फिर वो सक्रिय हो गई एक बार फिर चूमा चाटी का दौर शुरू हो गया, मेरा लंड अब भी आंटीजी की चूत में घुसा हुआ फुफकार मार रहा था। अब मैंने नीचे से धक्के पे धक्के लगाने शुरू किये और ऊपर से आंटीजी ने, दोनों के बदन टकराने पर फच फच की आवाज होती थी। जब मेरे झड़ने की बारी आई तो मेरे हाथो की कसावट थोड़ा ढीले होने लगी तो आंटीजी बोली कि बस थोड़ा सा और सब्र कर ले १०-५ धक्कों में मैं भी आई……………….. और बस…………………

अगले ४-५ दिन तो न रात और न दिन, न मैं सो पा रहा था और ना ही लंड को बैठने की फुर्सत मिल रही थी। मेरी भूख बढ़ रही थी और मेरे खाने की परवाह दोनों करती थी, मेरा बदन गदराने लगा। एक महीने में ६ किलो वजन बढ़ गया, और मेरा चेहरा चमकने लग गया। लेकिन फिर दोपहर में एक घंटा दोनों हमारे ऊपर मकान में एक साथ होती और हम लोग १-२-३ बार जितना हो सकता मजे करते। अब बाकी समय हम लोग चुदाई नहीं करते थे…………. मैं भी अब बाकी समय में अपनी पढ़ाई में जबरदस्ती मन लगाने लगा।

अचानक एक शाम को फिर राधा ने मुझको कहा- देवर जी, आज रात को दूध पीने आना !

अब यह सब मेरे लिए साधारण बात थी, सो जब रात को मैं दूध पीने गया तो कमरे में जाते ही राधा मेरे पैर छूकर मुझसे लिपट गई, आज फिर से मैं अकबकाया सा देख रहा था कि यह क्या हो रहा है, तो राधा बोली- मेरे प्यारे देवर, मेरी मन्नत पूरी हो गई, मेरे दिन चढ़ गए हैं और ये सब तुम्हारे वरदान के कारण हुआ है…………

मैंने सोचा- काहे का मेरा वरदान, भाभी यदि तूने ही आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं की होती तो मेरी मर्दानगी तो टॉयलेट में ही धरी रह जाती।

कुछ महीने बाद एक सुन्दर सा बेटा राधा के पास था

The post भाबी की मस्त चुदाई की, जैसे कोई बरदान मिली हो appeared first on .

जरा हट के थी मेरी गीता भाबी

$
0
0

मैं मुंबई के एक उपनगर डोम्बीवली का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र २३ साल है। मेरा कद 5’6″, रंग सांवला और बदन कसरत की वजह से अच्छा कसा हुआ है, मेरा लण्ड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है।
यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है।
जब मैं बीस साल का था और बी कॉम के आखिरी साल की पढ़ाई कर रहा था।
यह कहानी एक गुजराती भाभी की है जो मेरी ही बिल्डिंग में हमारे नीचे वाली मंजिल पर रहती थी। उसका नाम लीना है वो अपने परिवार के साथ दो साल पहले ही आई थी। उसके परिवार में वो, उसके पति और दो साल का बेटा थे। उसके पति कपड़े के व्यापारी थे। भाभी दिखने में एकदम क़यामत थी उनकी उम्र तब 27 -28 साल की होगी। वो बदनसे एकदम भरी हुई थी, उनकी फीगर 38-28-38 की होगी और जब वो चलती थी तब उनके दोनों कूल्हे ऐसे हिलते थे कि देखकर तो कोई भी अपने होश खो बैठे।
उनके परिवार और मेरे परिवार में अच्छा मेलजोल था और हमारे परिवार एक साथ कई बार खाना खाने और पिकनिक पर जा चुके थे।
मैं तो मन ही मन उन्हें चोदने के सपने देखता रहता था पर मुझे कोई मौका नहीं मिल पा रहा था। पर एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली और भाभी के पति को बिज़नस के सिलसिले में आठ दिन के लिए गुजरात जाना पड़ा।
जाने से पहले दिन भाभी के पति ने मेरे पिताजी को पूछा- अगर आपको कोई दिक्कत न हो तो वैभव को मेरे घर सोने के लिए भेज दें !
अच्छे सम्बन्ध होने के कारण पिताजी ने भी हाँ कर दी। जब मुझे यह बात पता चली तो मैं मन ही मन भाभी को चोदने के सपने देखने लगा।
पहले दिन जब मैं भाभी के घर सोने गया तब भाभी खाना खा रही थी और उनका बेटा सो चुका था। भाभी ने गुलाबी रंग का नाइट गाऊन पहन रखा था, क्या मस्त दिख रही थी वो ! गाऊन में उनके चूतड़ और चूचे इतने अच्छे दिख रहे थे कि देखते ही मेरे लौड़े ने सलामी दे दी।
पर मैं चुपचाप जाकर भाभी के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया।
भाभी ने पूछा- क्यों वैभव? खाना खा लिया?
तो मैंने कहा- जी खा लिया !
फ़िर इधर उधर की बातें करके हम सो गए। भाभी अपने बेडरूम में और मैं हाल में सो गया। उस रात मैंने भाभी को सोचकर मुठ मार ली और कुछ नहीं कर सका।
दूसरी रात भी कुछ नहीं हुआ पर मैंने तो मन में ठान ली थी कि मैं भाभी को चोद कर रहूँगा।
जब तीसरे दिन मैं भाभी के घर सोने गया तब मैंने पहले से ही एक ब्लू फिल्म की डीवीडी अपने एक दोस्त से ले ली थी। जब मैं उनके घर गया तब भाभी खाना खा चुकी थी और अपने बालों में नारीयल का तेल लगा रही थी।
मुझे देखा तो बोली- आओ वैभव, खाना हो गया?
तो मैंने कहा- जी भाभी !
फ़िर भाभी ने कहा- आओ मैं तुम्हारे बालों में भी थोड़ा तेल लगाकर मसाज़ कर देती हूँ।
तो मैंने भी हाँ कर दी, इसी बहाने से भाभी को छूने का मौका मिल गया।
भाभी मेरे बालों में तेल लगा रही थी तो मैंने भी उन्हें तीन चार बार छू लिया। इस वजह से मेरे छोटे नवाब खड़े हो गए और बरमूडा पहने होने की वजह से उसका उभार दिखने लगा था।
एक दो बार भाभी की नजर भी उस पर पड़ गई। फ़िर भाभी ने कहा- अब चाहो तो तुम सो जाओ !
मैंने कहा- नहीं भाभी, कल रविवार है तो मैं थोड़ी देर टीवी देखूँगा। फ़िर सो जाऊँगा। आप सो जाओ।
भाभी बेडरूम में सोने चली गई और मैंने टीवी चला लिया। आधे घंटे के बाद जब मैंने देखा कि भाभी गहरी नींद में सो रही हैं मैंने ब्लू फिल्म की डीवीडी प्लयेर में डालकर चालू कर दी। उसमें अच्छा दृश्य चल रहा था और मैं भी अपना लण्ड निकाल कर हिला रहा था।
अचानक मुझे कुछ हलचल महसूस हुई तो मैंने पीछे मुड़कर देखा कि भाभी खड़ी हैं और वो भी ब्लू फिल्म देख रही हैं।
तो मैं डर गया और टीवी बन्द कर दिया और भाभी के सामने गर्दन झुकाए खड़ा हो गया।
भाभी ने पूछा- वैभव, यह क्या देख रहे थे?
तो मैंने कहा- कुछ नहीं भाभी, मेरे एक दोस्त ने एक पिक्चर की डीवीडी मुझे दी थी, मुझे नहीं मालूम था कि इसमें यह सब है।
इस पर भाभी सिर्फ मुस्कुराई और कहा- झूठ मत बोलो वैभव ! जब मैं तुम्हारे बालों में तेल लगा रही थी तो मैंने भी देखा था तुम्हारे बरमूडा का तम्बू हो गया है।
और फ़िर पूछा- यह सब सिर्फ देखते ही हो या कुछ किया भी है?
तो मैंने झूठ ही कहा- नहीं भाभी, मैंने कभी ऐसा नहीं किया।
असल में मैं तो कई बार चोद चुका था।
भाभी ने कहा- चलो मेरे साथ मेरे कमरे में ! मैं तुझे आज सब सिखाती हूँ।
फ़िर क्या था ! मुझे तो इसी का इंतजार था ! मेरी तमन्ना आज पूरी होने वाली थी। मैं भाभी के पीछे उनके बेडरूम में चला गया।
जैसे ही भाभी बेड पर लेटी, मैं उन पर चढ़ गया और उनके होंटों को चूसना चालू कर दिया।
भाभी की सांसें तेज़ हो रही थी और मैं एक हाथ से उनके चूचों को मसल रहा था। उन्होंने तो ब्रा भी नहीं पहनी थी।
भाभी ने कहा- वैभव, मेरे संतरों की जरा तेल से मालिश कर दो !
तो मैंने ड्रेससिंग टेबल से तेल की शीशी ली और उनके बड़े बड़े दो संतरे गाऊन से आज़ाद कर दिए।
क्या क़यामत के गोरे और बड़े थे उनके चूचे ! और चुचूक तो एकदम गुलाबी और मोटे हो गए थे।
मैंने थोड़ा तेल उन पर डाला और जोर जोर से मसलने लगा। भाभी भी अब गर्म हो गई थी और मेरे लण्ड को अपने हाथ से सहला रही थी।
फ़िर भाभी ने कहा- चूस लो मेरे इन आमों को !
और मैं भी एक बच्चे की तरह उनके चुचूक चूसने लगा। मैं एक हाथ से उनका दूसरा चुचूक निचोड़ रहा था और दूसरे हाथ से उनकी पैंटी मैंने उतार दी और उनकी चूत में ऊँगली करने लगा।
अब भाभी आह्ह्हह्हाह्ह आह्ह्हा ओहोहोह स्स्सस जैसे जोर जोर से सिसकारियाँ भरने लगी। मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा होकर उनसे लिपट गया। वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर जोर जोर से हिलाने लगी।
फ़िर मैं भाभी पर उल्टा चढ़ गया और हम 69 की अवस्था में आ गए, मैं भाभी की चूत चाटने लगा तो भाभी की सिसकारियाँ और बढ़ गई, भाभी चिल्लाने लगी- और जोर से चाटो वैभव ! आह्हह्हाह्ह आह्ह्हा ओहोहोहोह स्सस बहुत मजा आ रहा है वैभव ! मेरे राजा और जोर से चूसो मेरी चूत को।
फ़िर भाभी मेरे लण्ड को जीभ से चाटने लगी और फ़िर लोलीपोप की तरह उसे चूसने और अन्दर-बाहर करने लगी। मैं तो मानो तब स्वर्ग में था।
मैं भी जोश में आ गया था और उनकी चूत को जोर जोर से चूसने लगा था, बीच बीच में उनके दाने को भी काट रहा था। अब भाभी से रहा नहीं जा रहा था और वो जोर जोर से अपने चूतड़ हिला रही थी और बोल रही थी- कम ऑन वैभव, फक मी ! ओ या …ओ य़ा….ओ यहा…..ओह होहोह स्सस्सस्सस ! कम ओन वैभव ! और जोर से चाटो इसे ! आःह्हा ऊऊह्ह्हू स्सस्स
और मेरे लण्ड को जोर जोर से चूस रही थी।
तब मैंने कहा- ओ ओ ओ भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ।
तो भाभी बोली- मैं भी झड़ने वाली हूँ !
और हम दोनों एक दूसरे के मुँह में झड़ गए। भाभी ने मेरा सारा माल निगल लिया और मैं भी भाभी का सारा रस चाट गया।
थोड़ी देर हम ऐसे ही एक दूसरे पर लेटे रहे। दस मिनट बाद भाभी फिर से मेरा लण्ड चूसने लगी और मैं भाभी के चूचे सहलाने लगा।
हम फ़िर से गर्म हो गए, मेरा लण्ड तन कर आठ इंच का हो गया।
भाभी ने कहा- वैभव, अब रहा नहीं जा रहा ! जल्दी से मेरी चूत में अपना लण्ड डालो।
मैंने अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत के छेद पर रख दिया और एक जोर का झटका मारा तो लंड तीन इंच तक ही अंदर गया था कि भाभी जोर से चिल्लाई- हाय मार डाला मुझे ! वैभव, अपना लण्ड बाहर निकालो ! मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाऊँगी।
तो मैं भी डर गया, अपना लौड़ा बाहर निकल लिया और भाभी से कहा- तुम क्या पहली बार चुदवा रही हो जो तुम्हें दर्द हो रहा है?
भाभी बोली- अरे नहीं, मैं तो मेरे पति से चुदवाती हूँ पर उनका इतना बड़ा और मोटा नहीं है।
फ़िर मैंने थोड़ा सा नारीयल तेल उसकी चूत में डाल दिया और ऊँगली से अन्दर लगा दिया और थोड़ा अपने लण्ड पर भी मल लिया।
उसकी टांगों को अच्छी तरह फैला कर अपना लण्ड उसकी चूत पर रख दिया और एक जोर का झटका लगाया तो मेरा लंड चार इंच तक अन्दर घुस गया और भाभी जोर जोर से चिल्लाने लगी- ओ नो वैभव ! बाहर निकालो ! जल्दी ! मुझे दर्द हो रहा है।
थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे। जब पाँच मिनट बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने और एक झटका लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड अन्दर चला गया। भाभी के चिल्लाने से पहले ही मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रख दिये।
जब धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ तो उसे भी मजा आने लगा और वो अपने चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी, मैंने भी धक्के लगाना चालू कर दिए।
अब उसे भी मजा आने लगा था तो मैंने अपने गति बढ़ा दी। फ़िर से भाभी आहें भरने लगी और सिसकारियाँ तेज़ होने लगी, वो बोल रही थी- ओ वैभव ! कम ओन…फक मी बास्टर्ड…ऊऊह्ह्ह्ह…. आआअ……ह्ह्ह…. अहहहः ….. स्स्स्स्स् ……मादरचोद…चोद दे मुझे !
और गालियाँ सुनते ही मैं पूरे जोश में आ गया और जोर जोर से चोदने लगा। अब मैं भी चालू हो गया, मैं बोला- ले मेरी रण्डी… ले मेरा लवड़ा खा जा… ले और जोर से ले… ले तेरे माँ की चूत…
और मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, पूरे कमरे में सिर्फ गालियों की और फक फक फक और फच फच की आवाजें आ रही थी।
भाभी ने अपने दोनों टांगों से मुझे कस कर पकड़ रखा था और भाभी पूरे जोश में थी, बोल रही थी- भेनचोद और जोर से चोद मुझे… फाड़ दे मेरी चूत को… आआअ….. स्स्सस अहहः……अहहहः …..ओहोहोह….. ले… ले माँ के लवडे… भोसड़ा बना दे मेरी चूत को… आज से गीता तुम्हारी है… जब चाहे इसे चोदना तू।
अब भाभी चरमसीमा पर थी, वो अपने चूतड़ जोर जोर से हिला रही थी, अब भाभी बोली- वैभव, पूरी ताकत से चोद मुझे ! मैं आने वाली हूँ !
मैं भी पूरी तेजी से उसे चोदे जा रहा था। भाभी का शरीर अब अकड़ने लगा था, उसने मुझे कस कर पकड़ा और ह्ह्ह्हह…. अह्हहहः …….ह्ह्ह…. अह्हहः ……स्सस्सस करते हुवे वो झड़ गई।
पर मैं अब तक नहीं झड़ा था, अब मैं कहाँ रुकने वाला था, मैं शॉट पे शॉट मारता गया और लगभग दस मिनट के बाद मैं झड़ने वाला था तो भाभी से कहा- मैं आ रहा हूँ, मैं अपना लवड़ा बाहर निकाल लूँ?
तो भाभी बोली- नहीं पूरा माल अंदर ही डाल दे ! मैंने गोली ले ली है !
फ़िर क्या था, मैंने ऐसे जोर के धक्के लगाये कि भाभी भी चरमरा उठी और उसकी चूत मैंने अपने वीर्य से भर दी। फ़िर थोड़ी देर तक मैं उस पर ही लेटा रहा।
बाद में हमने बाथरूम जाकर एक दूसरे को साफ किया और फिर से बिस्तर पर आ गए।
उस रात मैंने भाभी को दो बार और चोदा, एक बार घोड़ी बना कर और एक बार उनकी गाण्ड भी मारी।
यह कहानी मैं बाद में बताऊँगा। फ़िर दो सालों तक मैं भाभी को इसी तरह चोदता रहा, उसके बाद भाभी का परीवार यहाँ से गुजरात में शिफ्ट हो गया।
अब हम एक दूसरे को नहीं मिल पाते पर आज भी भाभी की बहुत याद आती है।

The post जरा हट के थी मेरी गीता भाबी appeared first on .

मेरी चूत रानी धनिया की चूत

$
0
0

जब से खलनायक फिल्म का गाना आया था कि चोली के नीचे क्या है चुनरी के पीछे, तब से मुहल्ले का मटरू धनिया के पीछे पगला गया था. इस बार वो उसे चोदने के लिए पीछे ही पड़ गया था, जहां तहां खेत, खलियान बस उसके पीछे घूमते घूमते और यहां वहां उससे बुर मांगते हुए शरम नहीं आती उसने. आज उसने धनिया को आते देखा तो बोल उठा, आ मेरी रानी, सबको बांटती है तो हमें क्यों डांटती है और इसलिए, आज तो मुझे दे ही दो. धनिया ने कहा, साले पाकेट में एक रुपया नहीं, और चले हो धनिया को पटाने पिछले बार मेला में घुमाने तो ले नहीं गये और आज आ गये बुर मांगने. देख रहे हो ये चोली, किसने दिलाई है पता है कि नहीं तुम्हें. मंगरू ने दिलाई है, पचास रुपये की डिजायनर चोली जिसे खोलने का हक सिर्प्फ उसको ही है. बताओ भला, ऐसे में कैसे काम हो सकता है कि तुम फोकट में चले आ रहे हो इस डिजायनर चोली को खोलने के लिए. अरे उसने पचास की चोली दिलाई है तो तुमको सौ की चोली दिलानी चाहिए. बात तो दुरुस्त कही थी धनिया ने पर मटरु को जम गयी. उसने आज ही अपने बाप के पाकेट से दो सौ रुपये निकाले और शहर जाकर एक मस्त साड़ी और चोली ले आया. लाकर के धनिया को खलियान में दिया और बोला कि रानी आज आ जाईयो मेरे दुकान में अपनी चूत का पकवान लेकर के.

धनिया भी रेडी हो गयी और चुदवाने के लिए हामी भर दी. शाम को जब धनिया अपनी जवानी लेकर के मटरु के दुकान में पहुंची तो वो शटर गिरा के उसको दबोच लिया. आजाओ रानी चुदाने को आज बहुत दिनों से मेरा मन ललचा रही हो. आज तो दिखा ही दोगी कि चोली के नीचे क्या है. और धनिया ने कहा मैं क्यू दिखाऊं खुद ही देख ले. मटरु के हाथ कापने लगे, पहली बार इतनी मस्त मस्त माल चोदने जा रहा था. आखिर इनवेस्टमेंट किया था बाप के पैसे का तो जरुरी था कि थोड़ा हाथ लरजते. फिर भी, उसने अपने हाथ मजब्बूती से आगे बढाए और उसकी चोली पकड़ के क्खोलने लगा. एक बटन खोलते खोलते उसकी सांसे उखड़ गयीं. धनिया हसी और बोली, तू रे घोंचू चला है मुझे चोदने और ब्लाउज उतारने में तू सूंसू कर देगा. एक दम घोंचू का घोंचू ही रह गया क्या बे, और सच पूछें तो तेरा कुछ नहीं होने का. इत्ना कह कर धनिया ठहाके लगा के हंस पड़ी. मटरू को गुस्सा आया तो उसने चोली खोले बगैर ही धनिया का लहंगा उठाया और उसमें बैठ गया.

अरे धनिया अवाक रह गयी, अरे साले अंदर क्यों घुस गये लहंगे के, अबे क्या करोगे. पर मटरू ने अंदर घुस कर उसकी चूत में अपना मुह किसी मधुमक्खी की तरह लगा दिया. मटरू आज धनिया की खूश्बूदार चूत को पीने वाला था. मस्त होकर उसने अपनी मूंछों सहित मूह को धनिया के चूत के लाबाल्ब भरे दही के कटोरे में डुबा दिया. धनिया भी मस्ताती हुई कहने लगी. चूस बे मटरुवा चूस. एक दम ससुरा बुर्चोन्हर ही रह गया. एक दम बकलंड का बकलंड्. इस बात पर मटरु को और गुस्सा आया और उसने उसकी गांड में दात गड़ा दिया. धनिया को जोरो की चुदवास चढ रहि थी, और मटरु था कि अंदर में आग लगाए जा रहा था. धनिया अब उसके मुह पर बैठ गयी थी. मटरु अपनी जीभ चपर चपर उसके चसकीले बुर पर चला रहा था और धनिया अपनी बेकाबू होती काम वासना को शांत करने के लिए अपनी चोली में हाथ डाल कर के अपने चूंचे सहला रही थी. बेहद मजेदार माहोल था और तब तक धनिया ने उसक्के मुह पर पाद दिया.

फुस्स्स्स!! और मटरु की नाक और मुह में बास की दुर्गन्ध फैल गयी. मटरु का मूड खराब हो गया और उसने लहंगे से निकल कर धनिया को खाट पर पटक दिया. धनिया मटरू की मर्दानगी से अवाक थी. मटरू ने धनिया की चोली खोले बगैर उसके चूंचों को उपर से पकड़ा और पकड़ कर के दबोच लिया. अपना मोटा लंड उसकी खुली खुली सी चूत में धकेल कर के उसने के जोरदार झटका मारा कि साले का गिरह दार लंड अंदर जाने में फंस गया. धनिया कसमसाने लगी, साले का लंड तो गधे जैसा गिरहदार है. गांठदार लंड घुसने में दिक्कत तो करता है पर मजे ज्यादा देता है. और फिर धीरे धीरे मटरू ने अंदर को पूरा तीन गिरह लंड ठेल ही तो दिया. धनिया अपने मुह को हाथो से बंद किये अवाक कि कहीं चीख न निकल जाए और उसने मटरू को मनमानी करने दी. मटरू अब किसी शेर की तरह उसकी चूत में अपने लंड को धकियाए जा रहा था और वो सहमी हुई थी. मटरू ने दहाड़ मारते हुए कहा धनिया तू सिर्फ मेरी है और अब मेरे नाम की चोली पहनेगी. ये ले, माधरचोद, साली रंडी, मुझसे नहीं चुदवाएगी, आगे से सिर्फ मेरे पास आएगी तू ऐसा मजा दूंगा कि.

सच में धनिया को इतना मजा गांव का शायद ही कोई मर्द दे पाया हो. सच तो ये है कि धनिया को आज मटरू से इतनी उम्मीद तो नहीं थी पर मटरु ने आज कमाल कर दिया था. बदन से मरियल दिखने वाला मटरू एक अदद गद्दह लंड का मालिक था. मटरू ने पेल पेल कर धनिया की चूत की चटनी ही बना दी. जब उसने लंड को खींचा तो धनिया की चूत का दरवाजा ऐसा खुला था जैसे कि इंडिया गेट. धत तेरे कि इतनी सजा की उम्मीद न की थी धनिया ने. और अब मटरू ने उसकी चूत से बहता पानी, कामरस को पीना शुरु कर दिया. आह्ह धनिया प्यास बुझा दी साली तूने आज जनम जनम की. मुझे ऐसे ही पिलाती रह और मैं तेरे को मजे चखाता रहू. जहां से जैसीइ भी चोली कहेगी वैसी चोली लाकर दूंगा तेरे को साली. ले अब मेरा लन्ड चूस. धनिया फिर अचम्भा में. साला गांव के किसी मर्द ने अभी तक धनिया को लंड नहीं चटाया पर इसने साले ने मुझे देसी मुखमैथुन करने को कहा. ले भाई, मटरू तू भी क्या याद रखेगा. और धनिया ने घपाघ्प मुह में लंड लेना शुरु कर दिया. झड़ते वक्त लंड निकाल कर सारा माल मटरू ने उस्के मुह पर छिड़क दिया और चोली में लंड पोंछ लिया.

The post मेरी चूत रानी धनिया की चूत appeared first on .

बारिस पे भीगी बदन और चूत की भीनी सुगंध

$
0
0

बात उस दिन कि है जब बारिश हो रही थी और मैं भीगता हुआ अपने घर की तरफ़ अपनी बाइक पे जा रहा था। शाम के करीब ५:३० का समय था। अचानक मैने देखा कि मेरी तरफ़ कोई लिफ़्ट के लिये कोई हाथ हिला रहा था, गौर से देखा तो वो २५-३० साल की एक युवती थी। मैने बाइक रोकी। वो मेरे पास आके पूछने लगी कि आप कहां जा रहे हो? मैने कहा-आपको कहां जाना है?

वो रेलवे स्टेशन जाना चाहती थी। मैने कहा कि मैं भी वहीं जा रहा हूं (जबकि मैं अपने घर जा रहा था)। वो मेरे पीछे बैठ गयि। मैं बाइक को रफ़्तार से दौड़ाने लगा। उसके मोम्मे मेरी पीठ से सटे हुये थे। मैं गरम हो रहा था। बातों बातों में पता चला कि वो शिमला में जोब करती है, उस का पति दिल्ली में कोई प्राइवेट जोब करता था और वो अपनी बेटी को लेने के लिये जा रही थी जो आज़ ट्रैन से आने वाली थी।

हम रेलवे स्टेशन पहुँच गये थे, ट्रैन आने में अभी थोड़ा टाइम था, हम कैंटीन में चाय पीने चले गये। कैंटीन में उस ने जैसे ही उस ने अपना रैन कोट उतारा तो मुझे उस की जवानी के दर्शन हुये। गज़ब की खूबसूरति थी उस की। व्हाइट कलर के टोप में उस की ब्रा भी चमक रही थी सो उस के मोम्मो के साइज़ का अंदाज़ा लगाना कोई मुश्किल नहीं था। एक दम गोरी चिट्टी थी वो। चाय पीते हुये मैने उस के हुस्न का नज़ारा लिया और खूब बातें भी की। सर्दी के मौसम में उस की गरम जवानी ने मेरे रोम रोम में गरमी भर दी थी और मेरा लंड अपने आपे से बाहर हो रहा था।

तभी ट्रैन भी आ गयी। हमने उस की ५ साल की बेटी को साथ लिया और फ़िर मैने उसे कहा-मैं आपके घर तक छोड़ देता हूं, उस ने मना किया लेकिन मैं जानना चाहता था कि वो कहां रहती है क्योंकि वो मुझे बता चुकी थी कि वो अकेली ही रहती है। मैने दोनो को बाइक पे बैठाया और उस के घर की तरफ़ चल दिया। उस का घर आते ही बारिश भी तेज़ हो गयी। उस ने मुझे बारिश रुकने तक रुकने के लिये कहा और मैं भी तो यहि चाहता था। मैं पूरी तरह भीग चुका था। उसने कोफ़ी बनायी और चेंज कर के जब वो मेरे सामने आयी तो ब्लैक सिल्की नाइटी में वो कोफ़ी से भी ज़्यादा गरम लग रही थी। दिल कर रहा था कि अभी चोद डालु साली को।

सफ़र की वजह से उसकी बेटी आते ही सो गयी थी, बारिश रुकने का नाम नही ले रही थी। तभी लाइट भी चली गयी। वो केंडिल लेने के लिये उठी, मैं भी उसकी मदद करने लगा लेकिन केंडिल नहीं मिली। अंधेरे में वो मुझपर गिर गयी। वाह क्या गरमी थी। उसने उठने की कोशिश की लेकिन मैने उसको अपनी बाहों में भर लिया और छोड़ा ही नहीं, पहले उस ने विरोध किया लेकिन वो भी शायद कैइ दिनो की प्यासी थी तो उस ने भी ज़्यादा कोशिश नहीं की।

मैने उसके मोम्मे दबाने शुरु कर दिये, वो गरम हो रही थी। मैने धीरे धीरे अपना एक हाथ उसकी नाइटी उठाते हुये उसकी पैंटी में डाल दिया। वो सिहर उठी। मैने अपना मुँह उस की चुत के पास लाके उस की पैंटी को अलग कर दिया। उस की बालों वाली चूत एकदम सेक्सी थी। मैने उसे चाटना शुरु कर दिया। वो आआआअह कर रही थी। मैं अपनी जीभ उस की चूत में डाल चुका था। मस्ती उफ़ान पे थी। मेरे दोनो हाथ उस के मोम्मो पे और जीभ उसकी चूत पे थी। वो आंखें बंद करके मेरा साथ दे रही थी। जब उस से रहा नहीं गया तो उसने कहा प्लीज़ अब चोद भी दो, मैं बहुत दिन से प्यासी हूं।

मैने अपनी पैंट उतार दी। मेरा लंड देखते ही वो खुश हो गयी। मैने उसकी दोनो टांगों को खोला और फ़िर अपना अंडरवियर।

अपना लंड एक ही झटके में उस की चूत में डाल दिया। वो ऊऊऊउह की आवाज़ में मज़ा ले रही थी। अब कमरे में उस की आहें और फ़चाक फ़चाक की आवाज़ें गूंज रही थी।

वो बोली-और ज़ोर से चोदो मुझे, फ़ाड़ डालो मेरी चूत को। यो साली बड़े दिन से लंड की भूखी है।

आज इस की भूख और मेरी प्यास बुझा दो। चोदो चोदो और ज़ोर से चोदो मुझे। उसके बोलने के साथ ही मेरी स्पीड भी बढ़ रही थी। ये सिलसिला करीब २५ मिनट चला फ़िर हम दोनो शांत होकर एक दूसरे से लिपट के लेटे रहे। १० मिनट बाद वो उठी और मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया। उसने बड़े प्यार से मेरे लंड को कहा-यू आर सो स्वीट और अपने मुँह में डाल लिया। वो लंड को ऐसे चूस रही थी कि मानो लोलीपोप चूस रही हो। मेरा लंड दोबारा से चुदाई के लिये तैयार हो गया था। १५ मिनट के बाद मैने उसे घोड़ी बनाया और फ़िर पीछे से उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया। वो चुद रही थी, मैं चोद रहा था। ये चुदायी सारी रात में ६ बार हुयी। बारिश भी तभी रुकी जब सुबह हुई और उसकी प्यास मैने बुझा दी।

उसके बाद जब भी वो या मैं चाहते तो मिलकर ये चुदाई का खेल खेलते हैं।

The post बारिस पे भीगी बदन और चूत की भीनी सुगंध appeared first on .

पड़ोसन आंटी की तड़प

$
0
0

हाय फ्रेंड्स.. मेरा नाम फ़िरोज़ है. आज में आप सभी को अपने साथ हुई एक सच्ची यादगार घटना बताने वाला हूँ.. यह उन दिनों की बात है जब में 12वीं में था और मुझे ब्लूफिल्म देखना तभी से बहुत अच्छा लगता था और मैंने बहुत फ़िल्मे देखी थी और सोचता था कि मुझे कब यह मौका मिलेगा?.. हम जिस सोसाईटी में रहते थे वहाँ पर साईड वाली सोसाईटी में एक फेमिली में पति पत्नी रहते थे. उनकी दो छोटी जुड़वाँ लड़कियाँ थी.. करीब दो साल की और में उनके साथ खलने के लिए कभी कभी उनके घर पर चला जाता था. में उन आंटी को रूखसाना चाची बुलाता था. उनके पति का उन्ही के साईड वाले फ्लेट में एक बहुत बड़ा स्क्रेप का बिजनेस था और उनके पड़ोस वाली आंटी के पति भी रुखसाना चाची के पति के साथ काम करते थे और शायद मुझ पर धीरे धीरे ब्लू फ़िल्मो का असर होने लगा था.. फिर जब भी में उनकी लड़कियों के साथ खेलता तो बीच बीच में मेरा ध्यान चाची के फिगर पर चला जाता था. उनके वो बड़े बड़े बूब्स उनके कुर्ते के बाहर से भी दिख जाते थे.. वाह क्या नज़ारा होता था?

फिर एक बार की बात है में कॉलेज से जल्दी घर पर आया था.. लेकिन उस समय मेरे घर पर कोई नहीं था और घर पर ताला लगा हुआ था. तभी मुझे साईड वाली रुखसाना चाची ने अपनी खिड़की से झाँककर आवाज़ लगाई और मुझे ऊपर बुला लिया और में उनके फ्लेट के दरवाज़े पर पहुंचा. तो रुखसाना चाची ने मुझसे कहा कि तुम्हारे घर वाले बाहर गये हैं और वो मुझसे कहकर गए थे कि उन्हे आने में थोड़ी देर हो जाएगी. तो मैंने एकदम मासूम सी शक्ल बनाकर उनसे पूछा कि तो तब तक में कहाँ जाऊं? तो रुखसाना चाची ने हंसकर कहा कि क्यों क्या तू अपनी रुखसाना चाची के घर पर नहीं रुक सकता? तभी मेरे तो मन में लड्डू फूट पड़े और फिर भी मैंने अपने पर काबू रखकर उनसे पूछा कि क्यों चाचा बुरा तो नहीं मानेंगे? तो रुखसाना चाची ने मुस्कुराकर जवाब दिया कि वो क्यों बुरा मानेंगे? और वैसे भी वो यहाँ पर वो नहीं है.. वो दोनों बच्चियों को लेकर उनकी दादी से मिलने गये हैं और कल दिन तक ही लौटेंगे.

फिर यह बात सुनकर मेरा तो उछलने को दिल कर रहा था.. लेकिन फिर भी मैंने चाची से पूछा कि अगर बच्चे यहाँ पर नहीं हैं तो में यहाँ बैठकर क्या करूँगा? में तो बोर हो जाऊँगा. तो रुखसाना चाची ने कहा कि क्यों टीवी देखो और मेरे साथ कुछ बातें करो.. उसमे तो बोर नहीं हो जाओगे ना? दोस्तों बस आज तो मेरे दिल की मुराद पूरी हो गयी थी और में भी ठीक है कहकर.. अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया और थोड़ी देर रुखसाना चाची से बात करने के बाद में टीवी देखने लगा और चाची उठकर किचन में चली गयी. तभी डोर बेल बजी तो मैंने दरवाज़ा खोला और मैंने देखा कि बाहर दरवाजे पर पास वाली दूसरी चाची खड़ी थी.. वो मुझे देखकर पहले तो बहुत चकित हो गयी. फिर अपने आपको संभाल कर बोली कि अरे फ़िरोज़ तुम यहाँ कैसे? तब मेरे कुछ कहने से पहले ही रुखसाना चाची ने कहा कि फ़िरोज़ के घर वाले बाहर गये हुए हैं इसलिए वो मेरे कहने पर यहाँ पर रुका है. तो वो चाची भी अंदर आ गई और रुखसाना चाची के साथ किचन में चली गयी और हंस हंसकर बातें करने लगी.

फिर कुछ देर बाद मुझे थोड़ी प्यास लगी थी तो में पानी पीने के लिए किचन की तरफ चला गया. तभी में दरवाज़े पर ही रुक गया क्योंकि रुखसाना चाची और वो चाची बातें कर रही थी और में उनको देखकर वहीं पर रुक गया और चुपके से उनकी बातें सुनने लगा.. तब रुखसाना चाची की बातें सुनते ही मेरे तो मानो होश ही उड़ गए.. मुझे तो अपने कानो पर ही भरोसा नहीं हो रहा था. रुखसाना चाची उन आंटी से कह रही थी कि आज अच्छा मौका मिला है तुम कहो तो मिला दूँ बेहोशी वाली दवा? तो आंटी कह रही थी कि अगर किसी और को पता चला तो क्या होगा? तो रुखसाना चाची बोली कि चिंता मत करो किसी को पता नहीं चलेगा और इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा. फिर उनकी सभी बातें सुनकर में जल्दी से बाहर आ गया और ऐसे बैठ गया जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं.. बस इतना पता चला की चाची और आंटी मुझे कोई बेहोशी की दवा देने वाली हैं.. लेकिन में यह बात नहीं समझ सका कि वो दोनों मुझसे क्या चाहती? और में उसी वक़्त उनसे पूछ लेता.. लेकिन मुझे पता करना था कि वो करना क्या चाहती है.

तभी रुखसाना चाची मेरे पास चाय का कप लेकर आ गयी और मुझे चाय पीने को कहा.. पहले तो मैंने सोचा कि मना कर दूँ.. लेकिन फिर सोचा कि पता लगाना चाहिए कि आख़िर यह दोनों करना क्या चाहती है? फिर मैंने चाची के हाथ से चाय का कप लिया और चाची से कहा कि में चाय थोड़ी देर में पी लूँगा और फिर मुझे चाय देने के बाद चाची जैसे ही किचन में गयी.. में जल्दी से उठकर बाल्कनी में गया और चाय को बाहर एक कोने में गिरा दिया और जल्दी से वापस आकर सोफे पर बैठ गया और अब में बेहोश होने का ड्रामा करने वाला था और मैंने जानबूझ कर धीरे धीरे सोफे पर बेहोशी से गिरने का नाटक किया.. लेकिन थोड़ी सी आखें खुली रख ली. फिर मेरे सोफे पर गिरते ही किचन से रुखसाना चाची और आंटी दौड़ती हुई बाहर आई और पूरा विश्वास कर लिया कि में ठीक से बेहोश हुआ या नहीं. फिर में उन दोनों की बातचीत सुन रहा था. रुखसाना चाची बोली कि.. लगता है बेहोश हो गया?

आंटी : मुझे भी यही लगता है रुखसाना चाची.. लेकिन इसकी तो आखें थोड़ी खुली सी लग रही है.

आंटी : अरे कभी कभी बेहोशी में ऐसे ही आखें खुली रह जाती हैं

रुखसाना चाची : तो फिर देर किस बात की? चलो जल्दी से इसे उठाकर बेडरूम में ले चलो.. बेडरूम का नाम सुनकर तो में बहुत चौंक गया.. लेकिन बेहोशी का ड्रामा जो कर रहा था इसलिए चुपचाप बिना कुछ हलचल किए लेटा रहा. तो रुखसाना चाची ने मेरे हाथ पकड़े और आंटी ने मेरे पैर और इसी तरह वो दोनों मुझे उठाकर बेडरूम में ले गई और मुझे बेड पर लेटा दिया.

रुखसाना चाची : तो क्या फिर शुरू करे अपना काम?

आंटी : हाँ हाँ क्यों नहीं बहुत दिन हो गये किसी जवान लड़के से गांड मरवाए हुए और में तो अपनी तड़पती हुई गांड से बहुत दिनों से परेशान हो चुकी हूँ.. अब तो आज इसका पूरा इलाज करना ही पड़ेगा और इसको शांत करना होगा.

तो बस उनके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तो पूरे बदन में बिजली सी दौड़ गयी और मेरा तो मन कर रहा था कि कि तुरंत उठकर दोनों को रंगे हाथ पकड़ लूँ.. लेकिन में वैसे ही रहा था और उनका काम चलने दिया. फिर जो कुछ हुआ वो में कभी सोच भी नहीं सकता था.. उन दोनों ने मिलकर मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.. जैसे ही मेरी शर्ट पेंट उतर गई.. रुखसाना चाची तो जैसे मुझ पर बहुत बरसों से भूखी हो.. वो एकदम कूद पड़ी और मेरे गालों को और मेरी छाती को चूमने लगी और अपनी जीभ से मेरे पूरे शरीर को चाटने लगी. फिर मेरा तो लंड तुरंत ही अंडरवियर के अंदर तनकर खड़ा हो गया और उनको सलामी देने लगा.. तभी आंटी ने रुखसाना चाची से कहा कि अरे रुखसाना इसका लंड तो तुरंत ही टाईट हो गया.. यह पक्का बेहोश तो है ना?

तो रुखसाना चाची जो कि अब तक पूरे मूड में आ चुकी थी.. उन्होंने आंटी की बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और आंटी से कहा कि बेहोशी में भी इन्सान का दिमाग़ काम करता है और लंड खड़ा हो जाता है.. तो ज्यादा इन बातों पर ध्यान मत दो और अपना काम शुरू करो. तो आंटी ने भी उनकी बात मान ली और आंटी ने जैसे ही मेरी अंडरवियर उतारी तो रुखसाना चाची और आंटी तो मानो किसी भूखी बिल्लियों की तरह मेरे लंड पर झपट पड़ी. तभी मेरे तो मुहं से चीख निकलते निकलते ही रह गई और रुखसाना चाची मेरे लंड को अपने मुहं में एक बार में ही पूरा लेकर चूसने लगी और आंटी मेरी गोलीयाँ मुहं में लेने लगी और धीरे धीरे सहलाने लगी और अब मेरी तो हालत एक अधमरे शेर जैसी हो गयी.. जैसे कि शिकार मेरे सामने हो.. लेकिन में कुछ कर नहीं सकता था. में तो बस चुपचाप पड़ा रहा और तभी थोड़ी देर तक यह सब करने के बाद रुखसाना चाची ने अपने और आंटी के कपड़े उतारे और एक दूसरे को किस करने लगी और बूब्स को दबाने लगी और में थोड़ी सी आखें खुली रखकर यह सब कुछ देख रहा था.

तभी थोड़ी देर के बाद रुखसाना चाची मेरे ऊपर आई और जैसे ही उन्होंने मेरे लंड पर अपनी चूत को सेट करके धीरे धीरे दबाया तो मेरी आधी जान हलक तक आ गयी.. क्योंकि इससे पहले मैंने कभी किसी को नहीं चोदा था.. लेकिन किसी तरह से में अपने आपको संभलकर लेटा रहा और फिर क्या था? रुखसाना चाची तो मेरे लंड से अपनी चूत चुदवाने लगी. तभी में इस दर्द से मन ही मन चीख रहा था कि आंटी ने अपनी चूत मेरे मुहं पर रख दी और घिसना शुरू कर दिया.. मेरा मन तो बहुत किया कि अपनी जीभ से आंटी की चूत का रस चाट लूँ.. लेकिन में एकदम चुप रहा. फिर कुछ देर तक रुखसाना चाची ने मेरे लंड से अपनी चूत को उछल उछलकर चुदवाया और फिर वो नीचे उतार गई और आंटी अपनी प्यासी चूत को लेकर मेरे लंड पर सवार हो गई और अब मेरे मुहं पर चाची की चूत का नंबर आ गया.. लेकिन इस बार जो रुखसाना चाची की चूत का स्वाद मुझे मिला वो आंटी की चूत से कई बेहतर था.. वाह अभी भी वो बात सोचकर मुहं में पानी आ जाता है.

फिर इतना होने के बाद भी दोनों रुकी नहीं.. इस बार रुखसाना चाची ने तो हद ही कर दी.. उन्होंने तो इस बार अपनी एकदम चिकनी सी गांड ही मेरे लंड पर रख दी और अब तो मुझसे रहा नहीं जा रहा था.. लेकिन रुखसाना चाची की गांड में मेरा लंड जा ही नहीं रहा था.. तो आंटी ने उन्हे लंड पर से उठाया और मेरे लंड को चूसा.. लेकिन फिर भी वो नहीं घुसा तो वो उठकर गई और उस पर कोई तेल लाकर लगाया. फिर रुखसाना चाची से कहा कि तुम अब ट्राई करो और फिर उन्होंने वैसे ही किया और अब की बार मेरा लंड रुखसाना चाची की गांड में चिकना होने की वजह से एक ही बार में फिसलकर चुपचाप से चला गया और रुखसाना चाची की एक जोरदार चीख निकल पड़ी और साथ ही मेरी भी.. लेकिन में अपने मन ही मन में चीख रहा था. फिर बस थोड़ी देर गांड मरवाने के बाद रुखसाना चाची थक गयी और मेरे लंड का पानी भी रुखसाना चाची की गांड में निकल गया और लंड एकदम ढीला पड़ गया और तब जाकर रुखसाना चाची मेरे लंड पर से उठी..

लेकिन इतने पर भी उन दोनों को शांति नहीं मिली. आंटी तो अब भी मेरे लंड को लोलीपोप की तरह ज़ोर ज़ोर से चूसे जा रही थी और आख़िरकार दो घंटे के बाद दोनों की आग शांत हो गयी और वो दोनों बहुत थककर पसीने से नहाकर मेरे अगल बगल में लेट गयी. फिर कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से एक बार और टाईट हो गया तो अब की बार मुझसे रहा नहीं गया और मेरे सब्र का बाँध टूट गया और में तुरंत उठकर खड़ा हो गया और फिर मुझे होश में देखकर तो मानो रुखसाना चाची और आंटी की जान ही निकल गयी और उनके मुहं से तो हल्की सी चीख भी निकल गयी और रुखसाना चाची ने कहा कि अरे फ़िरोज़ तो क्या तुम इतनी देर से बेहोश नहीं थे? तो मैंने कहा कि हाँ चाची में तो एकदम पूरे होश में था और जब आप दोनों बारी बारी मेरे लंड से अपनी चूत को चुदवा रही थी और अब जब की मैंने आप दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया है तो अब मुझे तो इनाम चाहिए ही.. फिर क्या था?

फिर हुआ वही जो में चाहता था. ज़िंदगी में मिले उस पहली चुदाई के मौके को में कैसे छोड़ देता. मैंने उसका जमकर फायदा उठाया और रुखसाना चाची और आंटी को जमकर बारी बारी से चोदा. बस फिर क्या था? मैंने उस दिन उन दोनों को करीब तीन घंटो तक लगातार चोदा.. कभी चाची की गांड मारी तो कभी आंटी की चूत और कभी उनके मुहं में झड़ता तो वो दोनों एक एक करके मेरे लंड को चूसकर साफ कर देती और कुछ देर में फिर से खड़ा कर देती. मैंने दोनों की चूत और गांड मार मारकर लाल कर दी थी. मैंने उनको हर तरह से चोदा.. कभी घोड़ी बनाकर तो कभी खड़े खड़े.. दोस्तों उस दिन को आज पाँच साल हो गये हैं.. पर आज भी में रुखसाना चाची और आंटी दोनों को मौका देखकर एक साथ तो कभी अलग अलग चोदता हूँ और उनकी चूत की आग को ठंडा करने की कोशिश करता हूँ ..

The post पड़ोसन आंटी की तड़प appeared first on .


मम्मी की चुदाई

$
0
0

हाय फ्रेंड्स, में प्रिन्स बोहरा सूरत गुजरात में रहता हूँ। उम्र 18, हाइट 5.4, में एक दुबला पतला लड़का हूँ। और मुझे आंटीयां और बड़ी लड़कियां बहुत पसंद है। ये कुछ दिनो पहले की बात जब मेरे पापा 7 दिनो के लिए राजस्थान गये थे। में और मेरी मम्मी घर मे अकेले थे। मेरी मम्मी की उम्र 38 है और वो बहुत मोटी और सेक्सी है, और बहुत गोरी भी। उनको देख के किसी का भी सेक्स करने का मन करेगा। मुझे मेरी मम्मी से सेक्स करने का बहुत मन था। मैने सोचा की मेरा काम डेड की अनुपस्थिति मे पूरा कर सकता हूँ। इसलिए मेने तय कर लिया की अब तो मे मेरी मम्मी को चोद कर ही रहूँगा।
मैने प्लान बनाया की जब मम्मी नहाने जाएगी तब मे उनका टावल छुपा दूँगा और मम्मी बाथरूम मे से मम्मी मांगेगी तब में उन्हे नहाता देख लूँगा और ऐसा ही हुआ, मम्मी ने जब टावल माँगा और थोड़ा हाथ बाहर निकाला तो मैने दरवाज़े को जोर से धक्का दिया और पूरा दरवाज़ा खुल गया और में ये देखता ही रह गया की मम्मी मेरे सामने नंगी खड़ी थी। उनके बड़े-बड़े बूब्स देख के में तो पागल हो रहा था और उनकी चूत पर बहुत सारे बाल थे फिर में फटाफट वहां से चला गया। मैने देखा की आज मम्मी रोज़ से ज़्यादा सेक्सी लग रही थी। मैने ध्यान से देखा तो पता चला की मम्मी ने आज ब्रा नही पहनी है जिससे उनके बूब्स और भी उभर कर दिख रहे थे जब हम लंच कर रहे थे तब मे बार-बार मम्मी के ब्रेस्ट को देख रहा था। मम्मी ने 2-3 बार ये नोटीस भी किया पर कुछ नही कहा। मम्मी बोली की चल रेस्ट कर लेते है। मे आपने रूम मे चला गया और मम्मी अपने रूम मे। जब मेरी नींद खुली तो मम्मी मेरे बाजू मे मेरे उपर हाथ रख के सोई हुई थी। मुझे उनके बूब्स दिख रहे थे। मैने उनके बूब्स को टच किया तो उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी मैने सोचा वो नींद मे है। फिर में उनके बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था फिर अचानक से मम्मी उठ गयी। मैने उनसे पूछा कि वो मेरे रूम मे क्या कर रही थी तो उन्होने बोला की वहा अकेले नींद नही आ रही थी तो वो मेरे पास आ गयी। उस समय मेरा लंड खड़ा था और उन्होने ये नोटीस कर लिया था, वो मुझे देख के स्माईल करने लगी। में शरमा गया और वहां से चला गया।
रात को मम्मी ने एक गुलाबी नाईटी पहनी थी। वो उसमे बहुत ही सेक्सी लग रही थी। फिर मम्मी ने मुझे डिनर करने के लिए बुलाया, में डिनर करता – करता उन्हे ही घूर रहा था। मम्मी ने मुझे घूरते हुए कई बार नोटीस किया पर कुछ नही कहा। में सोने जा रहा था तब मम्मी ने बोला के उनको अकेले नींद नही आती है और वो मेरे साथ सोएगी मैने कुछ नही कहा मम्मी और में साथ मे सो गये। आधी रात को मेरी नींद खुली तो मैने देखा की मम्मी ने आपना सीधा पैर ओर हाथ मेरे ऊपर रखे थे और उनकी नाईटी भी उनकी टागों से ऊपर सरक गयी थी। मैने धीरे से उनकी नाईटी को और ऊपर ले लिया और देखा की मम्मी ने पिंक कलर की पेंटी पहनी है। मैने पेंटी को धीरे से उतार दिया, उनकी बड़ी काली और बालो वाली चूत को देख के में खुश हो गया। में उसकी खुश्बू लेने लगा, एक अजीब सा नशा था उसमे फिर मे चूत को टच कर के देखने लगा और उसे चाटने लगा बहुत ही अजीब सा टेस्ट था।

फिर मे बेड पे जा कर मम्मी की नाईटी मे से बूब्स निकालने लगा, मम्मी ने ब्रा नही पहनी थी. उनके गोरे-गोरे बूब्स को मे किस करने लगा और निपल्स चूसने लगा बहुत मज़ा आ रहा था फिर अचानक से मम्मी हिली में बहुत डर गया और सोने का नाटक करने लगा। मम्मी नही उठी और मुझमें हिम्मत आ गयी मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मम्मी की नाईटी भी उतार दी अब में और मम्मी पूरे नंगे थे। में मम्मी के बाजू मे सो गया और उनके पूरे बदन पे किस करने लगा, उनके बूब्स चूसने लगा, चूत चाटने लगा पर मुझे मेरा लंड मम्मी की चूत मे डालना था मेरी हिम्मत नही हो रही थी। मैने और मम्मी ने कम्बल ओढ़ लिया था और मुझे पता ही नही चला की मुझे कब नींद आ गयी. में सुबह उठा तो मम्मी पास मे बेड पे कम्बल ओढ़ कर बैठी थी। मे मम्मी से नज़रे नही मिला पा रहा था, मम्मी बहुत उदास थी, मम्मी ने मुझे पूछा के रात को क्या हुआ था मैने कहा मुझे कुछ नही पता। मम्मी रोने लगी में उन्हे चुप करने लगा मम्मी ने मुझे किस किया और कम्बल गिर गया। हम दोनो नंगे थे हम दोनो की बॉडी एक दूसरे से टच हो गयी मम्मी बोली के आज-कल तुम्हारे पापा काम में कुछ ज़्यादा ही रुचि दे रहे है वो मुझमे रुचि ही नहीं दे रहे है।
उन्होने मुझे कई महीनो से नहीं चोदा, तो अब तुम मेरी ज़रूरत पूरी करोगे। मैने कहा क्यू नही ज़रूर करूँगा ये सुनके मेरी मम्मी मेरे लिप्स को किस करने लगी में भी पूरे जोश मे आ गया मेरा भी लंड खड़ा हो गया। ये देख के वो हंसने लगी और झट से मेरे लंड को पकड़ लिया। और चूसने लगी मैने भी मम्मी के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया फिर में मम्मी की चूत चाटने लगा और वो मेरा लंड चूस रही थी, हम दोनो 69 पोज़िशन मे थे। कुछ देर बाद मम्मी बोली कि अब और इंतजार नहीं होता मुझे चोदो। मैने मम्मी की टांगे चोडी की और उनकी चूत मे लंड डालने लगा। पर मेरा लंड बार बार फिसल रहा था। मैने मम्मी की चूत मे 2 उंगली डाल कर उनका होल बड़ा किया फिर अपना लंड डालने की कोशिश की मेरा लंड आधा घुस गया मम्मी को भी दर्द हो रहा था फिर मैने एक और धक्का मारा मेरा लंड पूरा मम्मी की चूत मे घुस गया था। मम्मी आअहह की आवाज़े निकल रही थी। कुछ देर अपना लंड अंदर-बाहर करने के बाद मेरा वीर्य निकालने वाला था और 2 मिनिट मे मम्मी की चूत मे ही निकल गया फिर हम दोनों साथ मे ही नहाने गये और हाँ उस सेक्स के अलावा कुछ नही किया अब हम रोज़ जब मन चाहे सेक्स करते है ।

The post मम्मी की चुदाई appeared first on .

अच्छा चुदाई की सुखी बुर का

$
0
0

दोस्तो, मैं फिर आप लोगों की सेवा में आ गया। आप लोगों की काफी मेल आई, बहुत अच्छा लगा कि आप सभी लोगों ने मेरी कहानी को पसंद किया। मेरी जिंदगी ऐसे ही जा रही है, कोई भी माल नहीं था कि मैं भी उसके साथ कुछ चुदाई करता लेकिन जल्द ही वह मौका आ गया।

एक दिन मैं और मेरा दोस्त उसके मारुति गाड़ी से शाम के 3 से 6 बजे की फिल्म देखकर आ रहे थे। फिल्म का नाम था “जिस्म”। आप सब जानते ही है कि यह कैसी फिल्म है। फिल्म देखकर मन कर रहा था कि कोई लड़की होती तो बस। शहर से आते हुए एक सुनसान रास्ते से गुजर रहे थे। कुछ दूरी पर एक औरत अपने सर को झुकाकर बैठी थी। मुझे लगा कि वह बीमार है। हमने गाड़ी रोक कर जा कर देखा तो वह रोने लगी। वह एक गन्दी सी साड़ी पहने हुई थी। बाल उसके बिखरे हुए थे। उसकी उम्र 45 से 50 तक की होगी।

मैंने कहा- क्या हुआ? वह बस रोये जा रही थी। काफी पूछने पर बोली- मैं मरना चाहती हूँ बेटा। मेरे बेटे ने मुझे घर से निकाल दिया है। कई दिनों से मैं भीख मांगकर खा रही हूँ। आज तो मुझे किसी ने भीख में भी कुछ नहीं दिया। भूख से पेट दर्द कर रहा है। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं कहाँ जाऊँ। मुझे उस पर दया आ गई।

मैंने कहा- मेरे साथ मेरे घर चलिए। मैं आप को खाना खिलाता हूँ।

वह मान गयी। मैंने उसे सहारा देकर गाड़ी में बैठाया। मेरा दोस्त गाड़ी चला रहा था। मैंने एक सेब उसे निकाल कर दिया, वह खाने लगी फिर पानी पी कर उसे कुछ आराम महसूस हुआ। उसे नींद आने लगी। वह बैठे बैठे ही सोने लगी। जब वह सो रही थी तो उसका पल्लू उसके कंधे से सरक कर नीचे गिर गया तो मेरी नज़र उसकी चुचियों पर जा टिकी। मैं न चाहते हुए भी बार बार चुचियों को देख रहा था। मुझे लगा कि उसे घर ले जाना ठीक नहीं है। हम दोनों मिल कर उसे कहीं और ले जाना ठीक समझा।

कुछ दोस्तों ने मिलकर एक कमरा किराए पर ले रखा था जिसमें हम सब डांस-प्रक्टिस करते थे। वह कमरा आबादी से कुछ दूर था। क्योँकि म्यूजिक की आवाज़ से लोगों को तकलीफ होती थी। वहाँ केवल दो कमरे थे, एक किचन। किचन का सामान कोई ख़ास नहीं था। कभी कभी हम सब कुछ पार्टी भी वहां मना लेते थे।

किराये के घर के पास गाड़ी रोकते ही मेरे दोस्त ने उसे उठने को कहा। मैंने उसे उठाया और घर के अन्दर चलने को कहा। घर में पहुँचते ही उस औरत ने कहा- अरे तुम्हारे घर में तो कोई भी नहीं है।

हमने उसे बताया- यह किराये का घर है यहाँ कोई नहीं रहता है।

वह थोड़ा घबराई और कमरे के अन्दर चली गयी। मेरा दोस्त गाड़ी पार्क करने अपने घर चला गया। कुछ देर बाद मेरे मोबाइल पर मेरे दोस्त का फ़ोन आया कि वह नहीं आ सकता है। मैंने किचन में कुछ बनाया और उसे भी खिलाया। खाना खाना के बाद मुझे आशीर्वाद देते हुए धन्यवाद किया। जब मैंने उसके परिवार के बारे में पूछा तो वह कहने लगी- मेरे बेटे ने मुझे घर से निकाल दिया हैं। मेरे पति के मरने के बाद मेरे बेटे और बहू ने दोनों मिलकर सताना शुरू कर दिया था। साडरी बातें कहते कहते वह रोने लगी। जब मैंने उसके सर पर हाथ रखा तो वह एकाएक मुझसे लिपटकर रोने लगी। मैंने भी उसे पकड़ लिया। उसके चूचियां मेरे सीने से दब रही थी। यह महसूस करके मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था। मैं वासना में बहने लगा। धीरे धीरे उसे अपनी और खींचते जा रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि अब मैं उसमें समां जाऊंगा। वह पीछे हटने की कोशिश करने लगी। पर मैं उसे कस कर जकड़े हुए था।

वह कह रही थी- नहीं बेटा, मुझे छोड़ दो, मुझे दर्द हो रहा है।

पर मैं उसे वासना भरी नजरों से देखे जा रहा था। वह अब सब कुछ समझने लगी थी। वह छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थी। मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने अपने होंठ उसके सूखे होंठों पर रखे और जोरदार किस करने लगा था। लम्बी किस के बाद अपनी जीभ से उसके जीभ को चाटे जा रहा था। कुछ समय बाद उसकी छटपटाहट कम हुई। पर मैं उसकी जीभ को चाटे जा रहा था। धीरे धीरे उसकी गर्दन और उसकी चुचियों को कपड़ों के ऊपर से ही चाटने लगा था।

वह मदहोश होती जा रही थी। वह बस खड़ी खड़ी मेरी हरकत देखे जा रही थी। मैंने किस करते करते उसकी साड़ी और पेटीकोट को खोल दिया था। जैसे ही मैंने उसके बुर पर हाथ लगाया तो वह मचल गयी। उसके बुर पर बड़े बड़े बाल थे। मैंने एक ऊँगली उसके बुर में डालना चाहा पर पर आसानी से अन्दर नहीं जा रही थी क्योंकि उसकी बुर एकदम सूखी थी। उसके ब्लाउज को खोलकर उसकी चुचियों को चाटने लगा। एकाएक उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया। मैंने फट से अपने सारे कपड़े खोल दिए। वह मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाने लगी। फिर अपने मुंह में लेकर चाटने लगी। हम दोनों ६९ के पोजीशन में आकर एक दूसरे के अंगों को चाटने लगे। वह मेरे लण्ड को जोर-जोर से चाटे जा रही थी और कह रही थी- २ साल के बाद मुझे लण्ड चाटने को मिला है, आज तो खूब चाटूंगी।

सूखी बुर को गीली बनाने के लिए बहुत चटाई करनी पड़ी। काफी देर के बाद उसके बुर ने धीरे धीरे पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। उधर मेरा भी छूटने वाला था। मैं उठा और उसे लिटाकर अपना गीला लण्ड उसकी बुर पर रखा और उसे अन्दर डालने की कोशिश करने लगा। उसने अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ लिया। मैंने लण्ड डालना शुरू किया पर उसे कुछ नहीं हो रहा था। मैंने एकाएक लण्ड को पीछे लाकर जोरदार धक्का दिया जिससे मेरा लण्ड उसके बुर में पूरा चला गया। वह थोड़ा छटपटाई और उसकी चीख भी निकली।

मैंने चोदना शुरू किया तो वह औरत बोली- जरा जोर से बेटा ….. और जोर से … और जोर से करो। फाड़ दो मेरी बुर को। मैं पूरी ताकत लगाकर उसे चोदने लगा। मेरा लण्ड काफी तेजी से उसकी बुर में अन्दर-बाहर हो रहा था। वह मुझे अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ कर अपनी ओर खींच रही थी। उसके झड़ने के बाद मैं भी झड़ कर उसके ऊपर लेट कर सो गया।

रात को मेरी नींद खुली तो देखा कि वह औरत मेरे लण्ड को जोर जोर से चाट रही है। लण्ड खड़ा होते ही वह उस पर अपनी बुर रखकर बैठ गई। लण्ड उसकी बुर में सांप सा चला गया। वह उछल-उछल कर चुदवाने लगी और झड़ गई। करीब 3:30 बजे उसे उठाया और जाने को कहा। वह कपड़े पहन कर जा ही रही थी कि 4 बजे मेरा दोस्त वहां आ गया। मैंने उसे सारी बात बताई। उसने उस औरत को पकड़ कर लिटाया और अपना काला लण्ड उसकी बुर में एक ही बार में डाल दिया। उस औरत के मुंह से चीख निकल गई। मेरा दोस्त का लण्ड मेरे लण्ड से काफी बड़ा है।

चुदाई के बाद मेरे दोस्त ने उसे 500 रूपये दिए और जाने को कह दिया, वह चली गयी और फिर नहीं मिली।

जब कोई लड़का कोई औरत को देखता है तो कहता है कि वह तो बूढ़ी है। यारो, सुखी बुर में भी काफ़ी मजा आता है। कोई आस-पास है तो कोशिश कर के देख लो। मेरी आप बीती आप को कैसी लगी जरुर मेल करें। गन्दी लड़कियों का मैं स्वागत करता हूँ।

The post अच्छा चुदाई की सुखी बुर का appeared first on .

दोस्त की सेक्सी काम वाली

$
0
0

हाय रीडर्स. हमारे यहा एक नौकरानी है मोना नाम की उसकी उम्र भी 20 साल की है उसका रंग सावला है और फेस कटिंग एकदम अमीशा पटेल की तरह है उसके बूब्स एकदम बड़े है और उसकी गांड एकदम बाहर है में उसको चोदने का ख्वाब बहुत पहले से देखता हूँ. और मेरा ये सपना पूरा हुआ जब मेरी मम्मी ऑस्ट्रेलिया मेरे पापा के पास गयी उस दिन में घर में था सुबह मोना आई तो मैने दरवाज़ा खोल दिया वो अपने काम करने लगी. में तभी अपने बेडरूम में जा के एकदम नंगा हो गया उसको चोदने का ख्याल आते ही मेरा लंड एकदम टाइट हो गया मेरे लंड की साइज़ 10 इंच लम्बा और 3 इंच चौड़ा है मै रात में ही वियाग्रा की गोली लाया था मैने उसको खा लिया.
फिर मैने मोना को आवाज़ मारी वो जब मेरे बेडरूम में आई तो हैरान हो गयी उसने मुझे नंगा देख कर हंस के किचन में भाग गयी में उसके पीछे गया जैसे ही में किचन में गया तो वो मुझसे बोली तुम्हारा इरादा क्या है में बोला मोना रानी मुझे तेरी चूत को चोदना है यह सुनते ही वो मेरी तरफ आई और बोली इतना कहने में इतने दिन लगा दिये. मैने उसको फिर गोद में उठा के बेडरूम में ले गया वहा मैने उसको नंगा कर दिया है उसके बोबे एकदम टाइट और बड़े बड़े थे. और उसकी चूत बहुत रसीली थी. मै चूत के बाल अपने मुहँ में ले के चूसने लगा और 1 बोबे को अपने हाथ से मसलने लगा वो आउहह कर रही थी मैने 10 मिनट तक उसके दोनो बोबो को चूसा और मसल के लाल कर दिया तभी मुझे मेरे लंड पर कुछ गीला लगा मैने देखा तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था उसकी चूत पर अपना मुहँ लगा के चाटने लगा और उसकी चूत के दाने (क्लिट) को अपनी जीभ से चाटने लगा तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और तड़पने लगी मैने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया उसकी चूत एकदम टाइट थी जैसे ही में उंगली अंदर बाहर कर रहा था तभी उसका पानी निकल गया.
मैने सारा पानी चाट लिया और फिर उठ गया और उसकी गांड के नीचे मैने दो तकिये रख दिये और उसको अपना लंड बता के कहा देख आज इससे तेरी चूत को चोदूगा तूने कभी चुदाई है उसने कहा नही तो मैने कहा तुझे दर्द होगा सहन करना फिर बहुत मज़ा आयेगा. यह कह के मैने अपने लंड का टोपा उसकी चूत में डालने लगा वो बहुत ही टाइट थी जैसे ही मैने एक धक्का लगाया वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.
मैने एक और धक्का लगाया तो वो चिल्लाने लगी और कहने लगी की छोड़ दो मुझे मुझे नही चुदवानी में एक और धक्का लगाने गया तो मुझे लगा कुछ चीज़ मेरे लंड को उसकी चूत में जाने से रोक रही है में समझ गया उसकी सील है मैने दोनो हाथो से उसके कंधो को पकड़ा और एक ज़ोरदार धक्का लगाया मेरा लंड उसकी चूत की सील फाड़ते हुये 4 इंच अंदर चला गया उसकी चूत से खून आने लगा और पानी भी में रुक गया वो बहुत ही ज़ोर से चिल्ला रही थी और रो रही थी मैने उसके बोबो को मसलना चालू किया और 10 मिनिट के बाद वो शांत हो गयी में फिर धीरे धीरे धक्के लगाने लगा 10 मिनिट तक में धीरे धीरे धक्के लगा रहा था जब मुझे लगा उसको मज़ा आ रहा है तभी मैने एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया और उसकी चूत से पानी निकलने लगा जैसे ही मेंने थोड़ा लंड को बाहर निकाला उसकी चूत से खून निकलने लगा में रुक गया 10 मिनिट के बाद मैने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिया मेंने उससे पूछा अब कैसा लग रहा है वो बोली दर्द तो कम हुआ है पर मज़ा नही आ रहा है.
यह सुन के मैने अपनी स्पीड बड़ा दी कुछ ही देर में उसकी चूत का पानी गिर गया मेंने उसे और ज़ोर से चोदना स्टार्ट कर दिया क्योकी मैने वियाग्रा खाई थी तो मुझे मालूम था की मेरा पानी लेट गिरेगा में उसको और 45 मिनिट तक चोदता रहा वो भी बोलती रही चोद मुझे शान चोद मुझे और ज़ोर से हउहह शान चोद रे चोद मुझे रंडी बनने दे रे चोद मुझे आह मेरा पानी निकल रहा है अहह उहह और उसकी चूत का पानी 4 बार निकल गया तभी मैने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसे उठने को कहा वो उठ नही पा रही थी मैने उसको अपनी गोद में लिया और दीवार के सहारे खड़ा कर दिया उसकी चूत से खून और पानी टपक रहा था मैने उसकी चूत के झाट के बाल एकदम गीले हो गये थे.
मैने उसको खड़ा किया और अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहँ पर रख के उसके पैर अपने हाथ में ले लिये अभी वो पूरी तरह से हवा में थी. दीवार को चिपके मैने झट से एक ही धक्के में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था 10 मिनिट में ही उसका पानी निकल गया मेरे हाथ दर्द कर रहे थे. तो मै उसको बेड पे लिटा कर चोदने लगा मैने उसको एक घंटा वैसे ही चोदा में पूरा पसीने में हो गया था वो कम से कम 8 बार अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकलने वाला है मैने अपना लंड निकाल के उसके मुहँ मे डाल दिया वो उसे एकदम लॉलीपोप की तरह चूसने लगी तभी मेरा वीर्य उसके मुहँ मे निकल गया और उसने उल्टी कर दी मैने उसको गोद में उठा के बाथरूम में ले गया और उसके साथ नहाने लगा मेरा लंड एकदम टाइट था वियाग्रा की वजह से उसके बाद मेंने उसको बाथरूम में भी चोदा और उसने भी में पूरा साथ दिया. तो आप को मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझको जरुर बतायें।

The post दोस्त की सेक्सी काम वाली appeared first on .

पतीने की लन्दन में मेरी चूत की दलाली

$
0
0

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम जूली है.. में 32 साल की हूँ और में लंदन में रहती हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी लाईफ की एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ यह मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है जिसे में कभी भी भुला नहीं सकती. वैसे मुझे यह साईट बहुत पसंद है और में हमेशा इससे जुड़ी रहती हूँ. यह जो कहानी है यह मेरे साथ 2009 में हुई थी.. मेरा मतलब यह पिछले पांच साल पहले की बात है. मेरे पति बशीर जो 32 साल के हैं.. वो लंदन में पिछले पांच साल से थे और उनका कोई भी दोस्त लंदन में नहीं था और उस वक़्त हमारा कोई बच्चा भी नहीं था. तो एक दिन वो पेट्रोल पंप पर पेट्रोल लेने के लिए गये और जब वापस आए तो उन्होंने मुझे बताया कि उनकी एक लड़के से दोस्ती हुई है.. उसका नाम इरफ़ान है और उसकी उम्र साल 28 है.. लेकिन उसका एक साल पहले ही तलाक हो चुका है. फिर धीरे धीरे वो दोनों जब भी समय मिलता तो एक दूसरे से मिलने लगे और फिर उन दोनों ने एक साथ जिम भी जाना शुरू कर दिया और वहाँ पर एक बहुत बड़ा स्विमिंग पूल भी था.

दोस्तों वैसे तो हमारी सेक्स लाईफ अब तक बहुत अच्छी चल रही थी.. लेकिन एक बार उन्होंने सेक्स करते समय मुझसे कहा कि वो चाहते हैं कि कोई और मर्द मुझे चोदे और वो यह सब देखें. तभी यह बात सुनकर में बहुत चकित हो गई और फिर उन्होंने मुझसे माफी माँगी तो यह बात वहीं पर ख़त्म हो गई. फिर एक दिन बशीर यानी मेरे पति जिम से लौटकर घर पर आए और उन्होंने मुझसे कहा कि इरफ़ान ने तो आज हद ही कर दी. तो मैंने पूछा कि ऐसा क्या हुआ? तो उन्होंने मुझे बताया कि इरफ़ान आज तैराकी के कपड़े नहीं लाया और वो सफेद कलर की अंडरवियर में पूल में उतार गया और जब वो पूल से बाहर निकला तो उसका लंड साफ दिखाई दे रहा था. तो यह बात सुनकर में ज़ोर से हंस पड़ी और मेरे साथ वो भी हंस पड़े. फिर जब रात हुई तो हमने सेक्स किया और सेक्स के दौरान मैंने उनसे पूछा कि इरफ़ान दिखता कैसा है? तो उन्होंने कहा कि वो बहुत हेंडसम है फिर वो खुद ही मुझे पूल वाली बात को विस्तार में बताने लगे और उन्होंने कहा कि उसका लंड पूरा खड़ा हुआ था और लगभग 9 इंच लंबा होगा. तो यह बात सुनकर मुझे ना जाने क्यों मज़ा आने लगा और में पूरी बात सुनकर धीरे धीरे गरम हो रही थी और इस बात पर मेरे पति ने बहुत ध्यान दिया.

फिर जब अगली बार जब हमने सेक्स किया तो वो बार बार इरफ़ान की बातें करते और मुझे मज़ा आता.. वो कहते कि अगर तुम उसको पूल से निकलते हुए देख लेती तो तुम्हारे मुहं में पानी आ जाता और तुम ज़रूर उसको चूसती और फिर ऐसे ही हम हर बार सेक्स करते तो वो इरफ़ान का नाम जरूर लेते और हमारे सेक्स का मज़ा दुगना हो जाता. एक दिन मेरे पति और में पेट्रोल स्टेशन गये तो इरफ़ान वहाँ पर खड़ा था और जब मेरे पति ने मेरा उससे परिचय करवाया तो इरफ़ान और में दोनों ही एक दूसरे को देखते ही रह गये.. क्योंकि में बहुत सेक्सी हूँ और बहुत प्यारी भी और इरफ़ान भी कोई कम हेंडसम नहीं था. फिर उससे उस मुलाकात के बाद में रात उसके बारे में सोचती और ऐसा करना मुझे बहुत अच्छा लगता और बशीर भी मुझसे कहते कि इरफ़ान बार बार तुम्हारे बारे में मुझसे पूछता है कि भाभी कैसी हैं. फिर एक दिन मेरे पति ने मुझे कॉल किया कि तुम तैयार हो जाओ हम बाहर रात के खाने पर जा रहे हैं और यह पार्टी इरफ़ान हमे दे रहा है. तो में भी उनके आने से पहले तैयार हो गई और फिर हम एक रेस्टोरेंट में मिले और हम लोगों ने बहुत बातें की और खाना खाया. फिर जब हम वहाँ से बाहर निकले तो इरफ़ान ने कहा कि आप दोनों मेरे घर चलो में चाय पिलाता हूँ. तो मेरे पति जल्दी से मान गये और हम उसके घर पर वहाँ चले गये. वो एक रूम में रहता था.. लेकिन उसका घर ज्यादा छोटा नहीं था.. 3 बेडरूम ऊपर थे और एक नीचे, बाथरूम भी ऊपर ही था. फिर जब हम रूम में गये तो देखा कि वहाँ पर सिर्फ़ एक डबल बेड था.

तो में जाकर बेड पर बैठ गयी और इरफ़ान किचन में जाकर हम लोगों के लिए चाय बनाने लगा.. मेरे पति मेरे साथ थे. फिर उन्होंने कहा कि इरफ़ान तुम्हे बहुत घूर रहा है और उन्हे सेक्सी अहसास हो रहा है तो मैंने एक स्माईल दी और वो उठकर किचन में चले गये और जब वो दोनों चाय लेकर आए तो कुछ गडबड थी दोनों ही नर्वस लग रहे थे. फिर हम चाय पीने लगे और मेरे पति बाथरूम चले गये और मुझे कुछ समय पहले ही पता चला था कि वो मुझे इरफ़ान से चुदवाते हुये देखना चाहते हैं.. लेकिन मुझमें तो आगे बड़ने की हिम्मत नहीं थी. फिर वो बहुत देर लगाकर बाहर आए और बाहर आते ही बोले कि अरे इरफ़ान अभी तक कुछ नहीं हुआ? तो इरफ़ान बोला कि यार भाभी कहीं बुरा ना मान जाए? तो में यह बात सुनकर बहुत परेशान हो गई तो मेरे पति बोले कि तुम चिंता ना करो अगर जूली ने ना कह दिया तो नहीं करेंगे. फिर वो इरफ़ान को बताने लगे कि हम हमेशा सेक्स के बीच तुम्हारे पूल वाले हदसे की बात करते हैं और में जूली को बताता हूँ कि तुम्हारा लंड 9 इंच का है.

तभी मेरे पति के मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गई और मैंने मुहं नीचे कर लिया और मेरे पति बोले कि इरफ़ान यार आज हमे अपना लंड खोलकर दिखाओ ना. तो उसने अपनी पेंट को उतार दिया.. उसका लंड सीधा मिसाईल की तरह खड़ा था और बहुत मोटा, लंबा था. मैंने मुहं नीचे ही रखा था और एक बार लंड को तिरछी नजर से देखकर अपनी दोनों आखें बंद कर ली. तो मेरे पति बोले कि जूली देखो ना.. नहीं तो में तुम्हारी कमीज़ उतार दूँगा. तो मैंने अपनी आखें खोली और इरफ़ान के लंड को घूरती रही और फिर मेरी चूत गीली होनी शुरू हो गयी. फिर मेरे पति मुझसे बोले कि जूली तुम इस लंड को चूसो तुम्हे बहुत मज़ा आएगा. तो मैंने कोई भी हलचल नहीं की.. लेकिन मेरी साँसे तेज़ हो गयी. फिर मेरे पति मेरे पीछे बैठ गये और मेरी कमीज़ उठाकर मेरे बूब्स दबाने लगे और जब इरफ़ान ने मेरी ब्रा देखी तो वो बार बार तारीफ करता रहा.. वाह भाभी क्या फिगर है? और मेरे पति ने मेरी कमीज़ उतार दी और ब्रा को भी उतार दिया.

तभी इरफ़ान की नज़रें मेरे सेक्सी जिस्म पर जम गई और मेरी नज़रें उसके लंड पर.. फिर मैंने देखा कि उसके लंड से जूस निकल रहा था और फिर अचानक से मेरे पति ने मेरा हाथ पकड़कर उसके लंड पर रख दिया और कहा कि जान इसे महसूस करो.. यह कितना सख्त है और यह आज तुम्हारे मुहं में और फिर चूत में जायेगा और अब यह सुनकर इरफ़ान ने आहें भरना शुरू कर दिया और मेरे हाथ खुद ही धीरे धीरे उसके लंड पर ऊपर नीचे होने लगा वाह उसका लंड बहुत सख्त था और फिर मैंने सोचा कि अब कुछ नहीं हो सकता और अब मज़े ही करो. फिर मैंने खुद ही उसके लंड को मुहं में ले लिया और उसके लंड को अपने दोनों हाथों में लेकर बहुत ज़ोर ज़ोर से चूसा.. इरफ़ान ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगा. फिर करीब 5 मिनट के बाद वो मेरे मुहं में ही झड़ गया और मैंने सारा वीर्य अपने मुहं में ले लिया लिया.. लेकिन थोड़ा सा अभी भी मेरे मुहं में था और जब उसने लंड को मेरे मुहं से बाहर निकाल लिया तो मेरे पति बहुत चकित हो गये..

क्योंकि मैंने पहले कभी उनका लंड अपने मुहं के अंदर नहीं लिया था. फिर इरफ़ान जंगली की तरह मेरी चूत को चूसने लगा और मेरी सांसे मेरे बस में नहीं थी में बहुत ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रही थी मेरे दिल की धड़कने बड़ने लगी और में अपनी चूत को उसके मुहं पर दबाकर चुसवा रही थी. फिर बहुत देर चूसने के बाद वो बोला कि क्या भाभी अब अंदर डाल दूँ? तो मैंने कहा कि हाँ.. तो वो मेरे ऊपर चड़ गया और मेरे दोनों पैरों को फैलाकर लंड को चूत के अंदर डाल दिया और जैसे ही उसने मेरी चूत में लंड को थोड़ा सा अंदर सरकाया तो मेरी हालत बहुत खराब हो गई क्योंकि इतना मोटा, सख्त लंड मेरे पति का भी नहीं था और ज़ोर से चीख पड़ी और कहने लगी कि प्लीज धीरे करो में मर गई.

तो वो वहीं पर रुक गया और मेरे बूब्स को सहलाने लगा और जब उसे लगा कि मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो धीरे धीरे अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और उस वक़्त मुझे इरफ़ान के लंड से अपनी चुदाई का बहुत मज़ा आने लगा था और मेरे पति अपना लंड हाथ में पकड़कर यह सब देख रहे थे. फिर इरफ़ान इतनी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था कि में अपने होश में नहीं थी. फिर उस बीच वो झड़ गया और मेरे पति को पता चल चुका था.. तो वो बोले कि क्यों इतनी जल्दी झड़ गए? तो मैंने अपनी आखें बंद कर ली और एक मिनट बाद इरफ़ान ने लंड को चूत से बाहर निकाला और मेरे मुहं में डाल दिया. में फिर से उसे चूसने लगी कुछ देर उसे चूसने के बाद वो फिर से खड़ा हो गया.. तो उसने मुझे कुतिया बनाया और मेरा सर मेरे पति की जांघ पर रख दिया और में अपने पति का लंड चूसने लगी और इरफ़ान ने मेरी गांड में लंड डाला और मुझे चोदने लगा. फिर मेरे पति ने मेरा सर पकड़कर अपने लंड के ऊपर दबा दिया और में कुछ बोल ना सकी.. मुझे दर्द के साथ साथ इतना मज़ा आ रहा था कि में चाहती थी कि यह मज़ा खत्म ना हो.

तभी थोड़ी देर बाद मेरे पति मुझसे बोले कि अरे जूली तुमने तो कमाल कर दिया.. तुम अभी तक चूदवा रही हो.. अभी तो कुछ देर पहले तुम झड़ी थी और मेरे साथ चुदाई में तो तुम दोबारा चूत मरवाने में बहुत देर लगाती थी. फिर मुझे बोलने का मौका मिला और मैंने कहा कि जान आपका दोस्त मेरी गांड मार रहा है और में बोल नहीं सकी क्योंकि आपने मेरा सर अपने लंड पर दबाया हुआ था और वो बहुत देर से अपनी उंगली से मेरी गांड को खोल रहा था और अब तो उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में है. तो यह सुनकर मेरा पति भी झड़ गया और उसका सारा वीर्य मेरे मुहं पर गिर गया और वो धोने के लिए टॉयलेट की तरफ भागा और इरफ़ान कभी मेरी चूत में तो कभी मेरी गांड में लंड डालकर चोदता रहा.

दोस्तों यह मेरी पहली बार गांड का अनुभव था और फिर जब मेरे आए तो हम अभी भी चुदाई कर रहे थे. में इतनी देर में बोली कि इरफ़ान में फिर झड़ने लगी हूँ. तो वो बोला कि भाभी में भी अब झड़ने वाला हूँ और उसने कहा कि भाभी में कहाँ पर निकालूँ? तो मैंने कहा कि मेरी चूत में और हम दोनों एक साथ झड़ने लगे.. उफ्फ़ इरफ़ान का वीर्य इतना ज्यादा निकला कि मुझे मेरी चूत में उसका गरम गरम लावा महसूस हो रहा था और शायद उसने अपने वीर्य से मेरी पूरी चूत भर दी थी. फिर हम दोनों उठकर टॉयलेट की तरफ भागे और वहाँ पर जाकर नहाने लगे और नहाते हुए भी उसने फिर से मुझे चोदा और फिर वहाँ पर मेरे पति भी आ गये.. उसके बाद मेरी चलने की हिम्मत नहीं थी तो उन दोनों ने मुझे गोद में उठाया और ऊपर एक बेडरूम में लेटा दिया और वहाँ पर कोई नहीं था. फिर मेरे पति ने मुझे अपने लंड पर बैठाया और अपने से चिपका लिया और इरफ़ान पीछे से आराम आराम से चोदने लगा. इस तरह मैंने दो लंड एक साथ लिए और वो दोनों मेरे अंदर झड़ गये और में भी उस रात को कभी भी भूल नहीं सकती ..

The post पतीने की लन्दन में मेरी चूत की दलाली appeared first on .

ममता की चुदाई

$
0
0

रात में ममता की चूत में उंगली करने के बाद उसे बाथरूम में अपने लण्ड का रस पिलाया और बोला- कल चुदने के लिए तैयार रहना…
उसने बोला- काम कर अपना… जो हो गया काफी है, मुझे नहीं चुदना!

उसके बाद वो भाभी जी के पास जाकर सो गई और मैं टीवी वाले कमरे में सो गया।

सुबह उठ कर मैं अपनी आदत अनुसार छत पर टहलने चला गया।
हमारी छत बहुत बड़ी है।

अब मैं घूमते घूमते योजना बना रहा था कि इस ममता को कैसे निपटाऊँ क्योंकि वो शादीशुदा है तो उसे तो रोज लण्ड मिलता होगा तो ऐसा ना हो वो कोई गड़बड़ कर दे क्योंकि मामला रिश्तेदारी का है।

पर बोलते हैं ना कि ‘डर के आगे जीत है…’
मुझे पूरा विश्वास था कि वो थोड़ी देर में बेचैन होकर छत पर जरूर आएगी क्योंकि कहीं ना कहीं वो भी लण्ड लेना चाहती होगी्।
सुबह करीब 9 बजे वो स्नान करके कपड़े सुखाने के लिए छत पर आ।
उसके बाल खुले थे।
वो कपड़े फ़ैलाने लगी और मैं उसकी चूत फाड़ने का प्लान बनाने लगा।

सीढ़ियों के ठीक बाद एक छोटा सा कमरे टाईप का केबिन बना है, वहाँ मैंने उसे पकड लिया।

उसने सलवार-सूट पहन रखा था और सीढ़ियों का दरवाजा अटका हुआ था तो कोई डर भी नहीं था।

मौका अच्छा देख कर उसकी चूचियाँ जो चीकू के आकार के थे, उन्हें मसल दिया।

उसकी ‘आह ऊह…’ सब निकलने लगी।

मैंने उसे कहा- मुझे चुम्मा दे…

और अपने लिप उसकी ओर किये।

उसने मना किया- नहीं दूंगी, मुझे छोड़ दे!

पर मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके बूब्स मसलता रहा।

उससे कंट्रोल नहीं हुआ और वो मेरे लबों को चूमने लगी।

करीब दस मिनट में मैंने उसकी कुर्ती के और ब्रा के अंदर हाथ डाल के उसके बूब्स मसल मसल कर लाल कर दिये।

वो बोली- अब नीचे जाने दे, कोई आ जायेगा।

मैंने बोला- एक शर्त पर… शाम को मम्मी भाभी सब्जी लेने हाट में जाएँगे तो तू घर पर ही रुकना और अपनी चड्डी और ब्रा कपड़ों के अंदर से निकाल कर रखना।

उसने बोला- हाँ मेरे बाप… नेहा ने जैसा बताया था तुम वैसे ही हो। एक बार मैं तुम्हारे चक्कर में आ गई तो अब तो मुझे चुदना ही होगा।

अब आप सोच रहे होंगे कि यह नेहा कौन है?
दोस्तो, यह वही लड़की है जिसकी वजह से मैं इतना बड़ा चोदू बना…
नेहा से दोस्ती और उसके ठुकराने के बाद चोदू बनने और नेहा को निपटाने की स्टोरी भी आपको जरूर बताऊँगा लेकिन फिर कभी!

मम्मी, भाभी करीब 4 बजे सब्जी लेने हाट में जाने वाले थे, मैं 3 बजे ही घर से बाहर अपने दोस्त के यहाँ चला गया।

करीब 4.15 पर मैं घर पहुँचा, मुझे पता था कि मेरे पास सिर्फ एक घंटा है इसकी चूत ठोकने के लिए क्योंकि मम्मी भाभी 5.30 तक वापस आ सकते हैं।
अन्दर जाते ही मेन-डोर बंद किया तो वो बोली- यह क्या कर रहा है?

मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे पकड़ के आनन फानन में उसका ब्लाउज उतार दिया और आजाद कबूतरों को जम के मसला तो पता चला कि उसने सही में अंदर ब्रा नहीं पहनी है।

वो चिल्लाई- उई माँ… मार डाला! धीरे धीरे मसल हरामजादे… फ्री का माल हूँ तो क्या जान लेगा?

मैं उसे पकड़ कर भाभी वाले रूम में ले गया।

‘हरामजादे’ सुन कर मुझे जोश आ गया और मैं बोला- मादरचोद चुप हो जा, भोसड़ा फाड़ दूँगा तेरा !

और उसके होंठ छूसते हुए उसे पलंग पर लेटा लिया, उसकी साड़ी खोल दी खींच खींच कर, फिर उसके लब, गर्दन, कान के पास और बूब्स को चूसा और काटा।

एक बार तो उसके बूब्स इतनी जोर से चूसे कि वो बोली- ओ माँ माम्म… म्म्म्मम्मा… उईईई… ईईईई… मर जाऊँगी रे…

फिर मैंने उसका घाघरा ऊपर किया उसकी चूत भी नंगी और साफ़ बाल रहित थी।

मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए, बस चड्डी पहने रहा।

वो बोली- प्लीज़ अमित, जल्दी से चोद दे… कोई आ ना जाए!

मैंने एक कपड़े से उसकी गीली चूत साफ़ की और उसकी चूत को चूसने लगा।

वो मस्त होकर हाथ पैर पटकने लगी, बोली- मेरे पति ने भी आज तक मेरी फ़ुद्दी नहीं चाटी…

‘सूपड़ सूपड़’ कर उसकी चूत चाटता रहा मैं और उसके दाने को अपनी जुबान से छेड़ता रहा।

वो बोली- अब नहीं रहा जाता… प्लीज़ अन्दर घुसा कर चोद दे…

मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाली और अंदर-बाहर की और जो रस उंगली पे लगा, वो उसे चटवाया।
दो तीन बार ऐसे ही किया, फिर उसको बोला- चल टांगें चौड़ी कर के लेट जा…

अपनी चड्डी उतार कर अपना सात इंच का औजार उसकी चूत पर लगाया और उसके निप्पल चूसने लगा।

वो खुद चूतड़ उठा कर लण्ड अंदर लेने की नाकाम कोशिश करने लगी।

जब वो पूरी तरह से बेचैन हो गई तो एक ही झटके में मैंने अपना पूरा लण्ड अंदर कर दिया।

वो जोर से चिल्लाई- ऊऊऊ…ऊह… ऊई… उम्म… म्म्म धीरे जालिम…

मैंने बिना रुके धड़ाधड़ लण्ड अंदर-बाहर किया, बोला- हरामजादी शादीशुदा है तू तो, तुझे तो आदत होगी लण्ड एकदम अंदर लेने की, चुप हो जा साली कुतिया चुदाई के मजे ले, ले लण्ड भोसड़ी की, ले तेरी चूत की सारी गर्मी निकाल देता हूँ।
वो भी मस्त होकर गांड उठा उठा कर ठुकवाने लगी।

मैंने बोला- मेरी जान, लण्ड का रस तेरी चूत में डालूँ या तेरे मुँह में?

वो बोली- मेरी चूत में ही भर दे हरामी…

15-20 जोरदार झटके देने के बाद उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गाड़ दिए और अपना लावा छोड़ा उसकी गर्मी और चूत के संकुचन के कारण मेरा भी सारा माल उसकी चूत में चला गया।

फिर जो तूफान आया था, वो शांत हो गया।

दस मिनट हम ऐसे ही पड़े रहे।
मैंने टाइम देखा तो 5.15 हो गए थे, मैंने उसे बोला- अपनी साड़ी पहन ले, मम्मी भाभी आने में ही होंगे।

मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और पैंट के अन्दर से सुस्त लण्ड बाहर निकाला और बोला- चूस इसे…

वो बोली- बाद में चूस दूँगी, वो आ जाएँगे…

मैंने बोला- नहीं, अभी चूस…

और वो सुपुड़ सुपुड़ करके चूसने लगी।

वो लण्ड का सुपारा मस्त होकर चाट और चूस रही थी, बहुत मजा आ रहा था।

अभी दस मिनट हुए होंगे, इतने में दरवाजे की घण्टी की आवाज आई और मेरी गांड फटी कि अब क्या होगा, घर का दरवाजा बंद और हम दोनों अंदर और गेट पर पता नहीं कौन है?

The post ममता की चुदाई appeared first on .

गांड में लंड डाल के शांत किया बीवी की हवस

$
0
0

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है और में इस वेबसाइट का बहुत बड़ा फेन हूँ और मुझे इस साईट पर कहानियाँ पड़ना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और यह लगभग आज से दो साल पुरानी बात है. में एक बहुत बड़ी प्राइवेट कंपनी में जनरल मेनेजर की नौकरी करता था. फिर कुछ समय पहले ही मेरे माता पिता ने मेरी शादी के लिए लड़की देखना शुरू कर दिया था और फिर उन्होंने मेरी शादी एक सुंदर लड़की अवनी से करवा दी.. वो दिखने में एकदम सुडौल.. बदन 36 की छाती.. पतली कमर और बहुत ही सुंदर थी और मैंने सुहागरात को उसे 5 बार चोदा और उसने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया. फिर ऐसे ही 3-4 महीने गुज़रे गये और एक दिन मेरी बीवी ने मुझसे कहा कि मुझे ब्लूफिल्म देखना है. तो में बहुत अचंभित हो गया.. लेकिन फिर भी मैंने पूछा कि तुम्हे किस तरह की ब्लूफिल्म देखनी है? तो उसने मुझसे कहा कि कोई भी ग्रुपसेक्स वाली फिल्म चलेगी. तो मैंने कहा कि क्यों क्या तुम्हे बहुत सारे मर्दो से चुदवाना है? फिर उसने कहा कि नहीं ऐसे ही.. बस आप मुझे सीडी ला दो.

तो मैंने कहा कि ठीक है और में सीडी लेकर आ गया और उस रात में हम दोनों ने मिलकर ब्लूफिल्म देखी और सेक्स किया. तभी अचानक मुझे कंपनी के किसी जरूरी काम से जर्मनी जाना पड़ा.. मेरी पत्नी ने बहुत जिद कि तो मैंने भी उसे अपने साथ ले लिया और जर्मनी में मैंने एक फ्लेट बुक करवाया और एक दिन ऑफिस का काम खत्म करके रात को में अपने फ्लेट पर लौटा तो मैंने देखा कि एक ब्रा बेड के नीचे गिरी हुई है क्योंकि में अपनी पत्नी की सभी ब्रा पहचानता था इसलिए में जान गया कि यह मेरी पत्नी की ब्रा नहीं है.. लेकिन फिर भी मैंने उससे कुछ नहीं बोला और रूम में एक छोटा सा केमरा लगवा दिया और जिसकी जानकारी मेरी पत्नी को नहीं थी. फिर उसके अगले दिन से मैंने उस पर निगरानी रखनी शुरू कर दी. फिर लगभग दोपहर के 2 बजे मैंने देखा कि वो किसी को फोन कर रही है और एक घंटे के बाद रूम में अंदर एक विदेशी लड़की आई.. उस लड़की को रूम पर देखकर में बहुत चकित हो गया और फिर अगले ही पल मेरी पत्नी और वो एक दूसरे को किस करने लगे.. आहह की आवाज़ कैमरे के माइक्रोफोन से बहुत धीमी धीमी सुनाई देती थी.

फिर उस लड़की ने अपना गाऊन उतारा.. मेरी पत्नी का चेहरा एकदम लाल हो गया और मेरी पत्नी उस लड़की की छाती को दबाने लगी और उसकी ब्रा को खोल दिया. में पहली बार एक दूसरी लड़की के बूब्स को देखकर मुठ मारने लगा.. तब विदेशी लड़की ने मेरी बीवी की साड़ी को उतारा और फिर पेटिकोट, फिर पेंटी को भी उतारा.. फिर वो उसकी चूत को चूसने लगी. तभी मेरी बीवी की ज़ोर ज़ोर से आहह उफ्फ्फ आईईइ आहह आवाज़ आने लगी और फिर उस लड़की ने अपने पर्स से लंड के आकार का एक खिलौना निकाला और उससे मेरी बीवी को चोदने लगी और फिर कुछ देर बाद मेरी बीवी की चूत से चूत का रस निकलने लगा.. वो एकदम निढाल होकर पड़ी रही और उसके कुछ समय के बाद मेरी बीवी ने उसको पूरी तरह नंगा कर दिया और दो लडकियों को एक रूम में इस तरह एकदम नंगी देखकर मेरे शरीर में करंट लगने लगा और में ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा. फिर वो विदेशी लड़की उस लंड को मेरी बीवी के मुहं में डाल रही थी.. लेकिन वो रबड़ का बना हुआ था इसलिए वो लंड बड़ी आसानी से उसके मुहं के बहुत अंदर तक चला गया और दूसरी तरफ अवनी अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डालकर ज़ोर ज़ोर से हिला रही थी. तभी कुछ ही देर के बाद वो झड़ गई और फिर दोनों ने एक दूसरे को किस किया और एक दूसरे का दूध पिया..

बारी बारी से एक दूसरे की चूत में लंड डालकर एक दूसरे की चूत को शांत किया. फिर उस लड़की ने मेरी बीवी को एक कपड़े का सेट दिया और वो दोनों कपड़े पहनने लगी. फिर मेरी बीवी ने चाय बनाई और उन दोनों ने एक साथ बैठकर चाय पी और बहुत देर तक बातें कि.. फिर वो लड़की चली गयी. दोस्तों यह सिलसिला 12 दिनों तक चला और तेरहवें दिन मैंने बीच में ही आने का प्लान बनाया. फिर मैंने केमरे से देखा कि वो लड़की फ्लेट के अंदर जा चुकी थी.. मेरे फ्लेट की दो चाबी थी तो उसके अंदर जाने के 10 मिनट बाद में आया और चुपके से गेट खोला और अंदर घुस गया. तो मैंने देखा कि बेडरूम में मेरी पत्नी अवनी और वो विदेशी लड़की सेक्स कर रहे थे. में अचानक से बेडरूम में घुस गया और मैंने देखा कि वो दोनों बड़ी ही आपत्तिजनक स्थिति में थी और मेरी पत्नी तो एकदम नंगी खड़ी रही.. लेकिन उस विदेशी लड़की ने मुझे देखकर एक कपड़े से अपने आप को ढकने का प्रयास किया.

तो मैंने कहा कि यह सब क्या हो रहा है? तब वो दोनों भौचक्के होकर मुझे देख रहे थे. तभी मेरी बीवी ने कहा कि यह एक डॉक्टर है और मुझे चेक करने आई है कि में कब तक गर्भवती हो जाउंगी. तो मैंने पूछा कि.. लेकिन इसमे कपड़े खोलने की बात कहाँ हुई? तो उसने कहा कि वो मेरी चूत को चेक करना चाहती थी इसलिए.. मैंने कहा कि ठीक है.. लेकिन उसके लिए तुम्हे कपड़े खोलने थे.. लेकिन इस डॉक्टर ने अपने पूरे कपड़े क्यों खोल रखे है? तो अवनी ने कहा कि नहीं मैंने इससे ऐसा करने को कहा था. तो मैंने कहा कि ठीक है और पूछा कि यह तुम्हे कितने दिनों से चेक कर रही है? तब मेरी पत्नी बोली कि पिछले 12 दिनों से. तो मैंने पूछा कि इसका मतलब पिछले 12 दिनों से तुम दोनों एक ही रूम में नंगे होकर रहते हो? तो उन दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया और मैंने कहा कि मैंने तुम दोनों केमरे से सेक्स करते हुए देखा है. तब उस विदेशी लड़की ने अपने ऊपर से वो कपड़ा हटा लिया और वो बोली कि जब तुमने यह सब देख ही लिया है तो अब तुमसे शरमाना कैसा? आओ हम तीनो मिलकर सेक्स करते है बड़ा मज़ा आएगा.

फिर उसने जल्दी से मेरी पेंट के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और मेरे लंड को सहलाने लगी.. फिर क्या था? में भी जोश में आ गया और अपनी बीवी के बूब्स के निप्पल को दबाने लगा. फिर उन दोनों ने मिलकर मेरे सारे कपड़े खोल दिए और वो विदेशी लड़की बेड पर अपने पैर फैलाकर बैठ गयी.. उसकी चूत में से चूत रस बह रहा था और वो एकदम गुलाबी रसीली थी. तो मैंने झट से अपना लंबा लंड उसकी चूत में डाल दिया. वो एकदम कुवांरी चूत थी और फिर उसके मुहं से बहुत ज़ोर की चीख निकली आहह उईईइ अह्ह्ह्ह और दर्द के मारे उसकी जान निकल गयी. फिर दूसरी तरफ मेरी बीवी उसके निप्पल को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रही थी और कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर मुहं में डाला. वो अपना मुहं आगे पीछे करके मेरे लंड की मुठ मार रही थी और कुछ देर बाद मैंने उसके मुहं में ही अपना वीर्य छोड़ दिया और वो पूरा का पूरा लंड चाट चाटकर साफ करने लगी और उसने मेरा पूरा वीर्य चाटकर साफ कर दिया.

फिर हर रोज की तरह आज भी मेरी बीवी ने हम सभी के लिए चाय बनाई और हम सब ने चाय पी और उसने अपना नाम चरिष्टिना बताया. फिर दोबारा मिलने का वादा करके वो चली गयी और उसके जाने के बाद में अपनी बीवी को रात भर चोदता रहा. तो अवनी ने कहा कि क्या बात है आज मेरी चूत को फाड़कर ही रहोगे? तब मैंने कहा कि तुमने इतनी सुंदर लड़की को मुझसे इतने दिनों तक अलग रखा यह उसी का दंड है. फिर दूसरे दिन से वो हर रोज मेरे फ्लेट पर आने लगी और इस तरह हम तीनों ने 15 दिन तक मिलकर सेक्स किया और टूर खत्म होने के बाद हम इंडिया लौट आए. तो एक दिन अवनी ने मुझसे कहा कि तुम तो एक पराई लड़की से सेक्स कर चुके हो अब में भी कोई पराए लड़के के साथ सेक्स करना चाहती हूँ. तो में भी उसके इस प्रस्ताव के लिए बैताब था.. क्योंकि मैंने नेट पर अमेरिका के एक प्रॉस्टिट्यूशन सेंटर के बारे में पता कर रखा था और वहां पर एक इंडियन कपल की ज़रूरत थी और इससे यह फायदा होता कि मेरी बीवी को सेक्स का मौका भी मिल जाता और मुझे एक मोटी रकम भी और मैंने अपनी कंपनी से आग्रह करके अपना टूर अमेरिका में फिक्स करा दिया और हम अगले महीने ही अमेरिका चले गये.

वहां पर उस प्रॉस्टिट्यूशन सेंटर में हम दोनों पहुंच गये.. चूँकि मेरी पत्नी इतनी सुंदर थी कि वहां के मेनेजर ने उसे एक बार देखते ही रख लिया और 1 लाख डॉलर का प्रस्तव् रखा. तो मेरी बीवी ने उसके सामने एक शर्त रखी और कहा कि में जहाँ भी जाउंगी वहां पर मेरे पति भी जाएँगे? तब उस मेनेजर ने कहा कि हाँ क्यों नहीं आप एक कपल की तरह यहाँ पर रह सकते है और आपको ग्राहक का फोन नंबर, नाम, पता मेसेज कर दिया जाएगा. फिर हम अपने फ्लेट पर चले गये और उसके दो दिन के बाद हमे एक मेसेज आया कि आपको एक कपल ने शाम को बुलाया है. तो हम दोनों दिए हुए पते पर पहुँच गये और मैंने दरवाजे पर लगी हुई बेल बजाई.. तभी अंदर से एक बहुत सुंदर औरत निकली उसका जिस्म एकदम सेक्सी दिख रहा था और उसके बूब्स बहुत अच्छे दिख रहे थे. तो उसने मुझसे पूछा कि आप कौन हो और क्या काम है? तो मैंने पूछा कि क्या यह चार्ली मट्टिंसों का घर है? तो उसने कहा कि हाँ तब हमने कहा कि हम प्रॉस्टिट्यूशन सेंटर की तरफ से आए है. उसने कहा कि में ही चार्ली मट्टिंसों हूँ वो औरत लगभग 42 की रही होगी.. कसी हुई छाती, उभरी हुई चूचियाँ वो एक नॉर्मल स्कर्ट टॉप में थी.. लेकिन वो इस कपड़े में बहुत सुंदर लग रही थी.

तो उसने अवनी मतलब मेरी वाईफ को सामने वाले रूम में जाने को कहा क्योंकि उसके पति उसी रूम में थे और हम दोनों को अलग अलग रूम में रखा गया और उन दोनों रूम के बीच की दीवार में एक 10 इंच का मोटा शीशा लगा हुआ था ताकि उसकी पत्नी भी अपने पति को सेक्स करते हुए देख सके.. लेकिन उसको उसका पति नहीं देख सकता था. फिर उस औरत ने अपना टॉप खोल दिया और मुझे किस करने लगी.. उसका होंठ मानो रस से भरा था और में उसको किस करते हुए उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और साथ में अपनी बीवी और उसके पति का सेक्स देख रहा था. फिर मैंने उस औरत की ब्रा को उतार दिया और उसके एकदम गुलाबी निप्पल देखते ही में जोश में आ गया और चूसने लगा. मैंने उसकी स्कर्ट को भी उतार दिया और उसकी पेंटी में हाथ घुसाकर चूत में उंगली करने लगा. तभी अचानक मैंने देखा कि एक ग्रुप में 8 और लड़कियां आ गयी और उन सबने मिलकर मेरे सारे कपड़े उतार दिए और उसी वक़्त मैंने देखा कि मेरे सामने वेल कमरे में भी 8 लड़के और आ गये. तो में समझ गया कि आज हम दोनों की वॉट लगने वाली है..

एक लड़की ने मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरे मुहं पर चूत रखकर चटवाने लगी और एक लड़की मेरे लंड को अपने दोनों हाथों से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से हिलाकर मुठ मार रही थी और एक लड़की मेरे मुहं पर किस कर रही थी. एक लड़की मेरी छाती दबा रही थी तो दूसरी लड़की मेरे मुहं में थूक रही थी फिर एक ने मेरे शरीर पर पेशाब कर दिया और में पूरी तरह बेहाल हो गया. तभी मैंने देखा कि दूसरे कमरे में अवनी की चूत में एक मर्द ने अपना मोटा लंबा सा लंड डाला.. वो ज़ोर से चीख पड़ी.. लेकिन वहां पर किसे उसकी परवाह थी और दूसरी तरफ उसकी गांड में.. उसके मुहं में लंड घुसाया जा रहा था.. वो आह्ह्ह आह्ह्ह ईईई बचाओ चिल्ला रही थी. फिर मुझे बेड पर से उठाया और उन सब लड़कियों ने बारी बारी से मेरे मुहं में थूका.. में चुपचाप सबका थूक पीता गया.. तब एक लड़की ने कहा कि आओ मुझे चोदो.. मैंने ख़ुशी से उसके ऑर्डर को माना और मैंने एक झटके में अपना लंबा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.. वो ज़ोर से चिल्लाई आहह ऑश ईडियट और वो कहने लगी कि झड़ते टाईम लंड को चूत से बाहर निकालकर पूरा वीर्य उसके मुहं में डालना. तो में दस मिनट में ही झड़ गया और सारा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया और फिर उसने कहा वीर्य बहुत टेस्टी था. फिर एक लड़की ने कहा कि दोनों पति पत्नी की गांड को साथ में चुदवाया जाए.

तो में बहुत डर गया क्योंकि मैंने आज तक यह काम नहीं किया था और मेरी गांड बहुत टाईट भी थी. लेकिन कभी कभी में अपनी बीवी की गांड चाटता था. फिर हम दोनों को कुत्ता और कुतिया बना दिया गया और दो लंबे लंबे लंड वाले दो लोग आए और उन्होंने एक साथ में हम दोनों की गांड में लंड डाल दिया. मेरी बीवी की गांड में लंड तुरंत घुस गया.. लेकिन में चिल्ला पड़ा.. आहह मदरचोद चोद दिया मेरी गांड इसे छोड़ दे.. इसमें लंड नहीं जाएगा.. यह चूत नहीं मेरी गांड है.. लेकिन फिर भी उसने किसी तरह मेरी गांड में अपना लंड घुसा ही दिया और मेरी गांड से खून निकलने लगा. तब वो सब लड़कियां हंसने लगी और उन्होंने कहा कि हमे चोदने चला था और इसी की चुदाई हो गयी. फिर करीब दस मिनट तक वो मेरी गांड में लंड को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा और उधर मेरी बीवी का भी हाल बहुत बुरा था. उसकी गांड भी उस लंड को ज्यादा देर तक नहीं सह सकती थी. फिर हमारी किस्मत से वो जल्दी ही झड़ गए और हमारी गांड को थोड़ी राहत मिली. फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने कपड़े पहने.. कॉफी पी और वहां से सीधा अपने घर चले गये.. लेकिन 10 दिनों तक मुझसे ठीक से चला नहीं जा रहा था. क्योंकि उन्होंने हमारी गांड को बहुत बेरहमी से चोदा था. तो दोस्त्तों यह थी मेरी आपबीती कहानी ..

The post गांड में लंड डाल के शांत किया बीवी की हवस appeared first on .

एक लड़की जो मेरे लंड की थी दीवानी

$
0
0

मैं पुणे मे पेईंग गेस्ट बनकर एक घर में रहता था। घर के मालिक काफ़ी अच्छे थे लेकिन उनकी पत्नी हमेशा अकेली और उदास रहती थी। उसका नाम मेनका था। जैसा नाम वैसे ही रूप। भगवान ने फ़ुर्सत में उसको बनाया था। बला की ख़ूबसूरती थी उसमें। उमर कोई ४०-४५ होगी। लेकिन चेहरे से मदमस्त मदमाती नशीली लगती थी जो कि रस से भरी हुई हो और उनके अंग-अंग से रस छलकता था।

उसके पति को उनमें कोई रूचि नहीं थी, ऐसा मुझे अक्सर लगता था। एक दिन मेनका ने मुझे रात के खाने के लिए आमंत्रित किया। मैंने अपने व्यस्त होने का नाटक किया लेकिन उसके आग्रह करने पर मैं मान गया। दूसरे दिन शाम को मैं जल्दी ही ऑफिस से आ गया और मौक़े का इंतज़ार करने लगा।

रात के करीब साढ़े आठ बजे मेनका ने मुझे खाने के लिए आवाज़ दी। मैंने कहा कि ५ मिनट में आता हूँ।

मैंने मेनका के लिए एक प्यारा सा फूलों का गुलद़स्ता खरीदा था जो मैं लेकर उसके पास चल दिया। वहाँ पहुँचते ही मैने पूछा कि अंकल (मकान मलिक) किधर हैं। इस बात पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मैं समझ गया कि आज समय मुझ पर मेहरबान है। उन्होंने मुझे डिनर टेबल की तरफ इशारा कर बैठने को कहा और ख़ुद दूसरे कमरे में चली गईं।

डिनर टेबल कई तरह के पकवानों से सज़ा हुआ था। पर दोस्तों मुझे तो कोई और पकवान चाहिए था। थोड़ी देर मे वो एक पारदर्शी नाइट-गाउन पहन कर बाहर आई और मेरे सामने की कुर्सी पर बैठ गई। उनको देखकर मेरा पप्पू सलामी के लिए अचानक तैयार हो गया। अचानक लण्ड खड़ा होने से मुझे बैठने मे दिक्कत होने लगी। ऐसा देखकर मेनका ने पूछा कि क्या हुआ?

मैंने कहा- कुछ नहीं !

और फिर वो मुस्कुराने लगी और मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई और मेरे सिर पर हाथ फेरने लगी, ऐसा करने पर मेरी साँसें तेज हो गईं।सिर पर हाथ फेरते हुए उसने अचानक मेरे कानों को भी छू लिया। उसी समय मैंने उसके नाज़ुक हाथों को पकड़ लिया और उन हाथों को अपने होंठों से चूम लिया। ऐसा करते ही उसकी साँसें तेज़ हो गईं, बिना देरी किए मैं कुर्सी से उठा और उसको अपनी बाहों मे भर लिया। वो भी मुझसे कस कर चिपक गई और फिर मैंने अपने होंठ उनके नर्म होंठों पर रख दिए। उसने मुझे और मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया। मेरे हाथ उनके कबूतरों की तरफ बढ़ गए जो कि सदियों से किसी चाहने वाले के लिए बेताब थे। मैंने बिना देर किए, उनको आज़ाद किया और मेरे हाथ उनसे खेलने लगे। उसने भी अपने हाथ मेरे पप्पू की तरफ बढ़ाए। मैंने अपने पैंट की ज़िप खोल दी। ऐसा करते ही मेरा पप्पू उसको सलामी देने को तैयार हो गया क्योंकि मैंने अंडरवीयर नहीं पहन रखी थी।

उसने मेरे पप्पू की सलामी ली और उसको नीचे झुक कर अपने मुँह में ले लिया और ऐसे चूसने लगी जैसे वो जन्मों की प्यासी हो। मैं भी उनके कबूतरों को दाना खिलाने लगा। थोड़ी ही देर में उन्होने मेरी पैंट नीचे खींच दी और मेरे बदन से पैंट को अलग कर दिया। अब पप्पू पूरी तरह से आज़ाद होकर उन होंठों का गुलाम हो गया। वह धीरे-धीरे मेरे पप्पू के चमड़े को ऊपर नीचे करने लगी। ५ मिनट में मुझे ऐसा लगा कि मैं किसी ज़न्नत में पहुँच गया हूँ।

मेरा पप्पू उसके मुख का स्वाद ले रहा था, अचानक उसने ( www.desisexstory.com ) मुझसे कहा कि बेडरूम में चलो। मुझे भी यही चाहिए था। वहाँ पहुँचते ही मैंने उसके गाउन को उतार दिया और उसके मख़मली ज़िस्म का दीदार करने लगा। ऐसा करते देख कर उसने मुझसे कहा कि बुद्धू ऐसे ही देखते रहोगे या मुझे कुछ करोगे भी। आज की रात मैं तुम्हारी हूँ और मुझे प्यासमुक्त करो।

मैंने उसे अपनी बाँहों में उठाकर बेड पर लिटा दिया और फिर दोनों ६९ की पोज़ीशन मे आ कर एक दूसरे के जननांगों को चाटने लगे। मैंने मेरी पूरी जीभ उनकी प्यारी सी पप्पी मे घुसा दी जिससे उनक पूरा बद़न सिहर उठा और उसने मेरे पप्पू को अपने मुख से अलग कर दिया और अजीब क़िस्म की आवाज़ें निकालने लगी। इसके बाद मैं और तेज़ी से उसके पप्पी की पूजा करने लगा।इसी दौरान वो दो बार झड़ गई और मैंने उसका सारा रस पी लिया। फिर भी रस रिस-रिस कर पप्पी से बाहर आ रहा था। वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से गालियाँ देने लगी और कहने लगी की मुझे तृप्त कर।

अब समय आ गया था कि मैं उसकी पप्पी का मिलन अपने पप्पू से करवा दूँ। पप्पू को मैंने पप्पी के मुख पर रखने से पहले मेनका के मुख-चोदन का आनंद लिया और फिर पप्पी के मुख पर रख कर धीरे से एक हल्का धक्का दिया ऐसा करने से पप्पू थोड़ा अंदर गया लेकिन पप्पी टाइट थी, इस वजह से मेनका दर्द से चिहुँक उठी। उसी समय मैंने अपने हाथों से मेनका के कबूतरों को धीरे-धीरे दबाना शुरू किया और पप्पू को भी धक्का देना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे पप्पू पप्पी में समा गया। पूरी तरह से पप्पी में समाने के बाद मेनका ने अपनी चिकनी चूतड़ उपर उठा-उठा कर पप्पी के पप्पू से मिलन की खुशियाँ मनाने लगी।

बीस मिनट तक ऐसा करते रहने के बाद मेरा पप्पू अपनी मलाई निकालने की तैयारी करने लगा तो मैंने मेनका को पूछा की वो पप्पू की मलाई पप्पी को खिलाएगी या खुद खाएगी। उसने कहा कि उनको पप्पू की मलाई खानी है, फिर मैंने मेरे पप्पू को पप्पी से जुदा कर मेनका के मुख में डाल दिया और सारी मलाई उनके मुख में आ गई और उसने सारी मलाई एक ही झटके मे चट कर ली।

काफ़ी देर तक मैं और मेनका नंगे बदन बिस्तर पर लेटे रहे और आधे घंटे बाद बाथरूम में जाकर साथ मे नहाया और उस दौरान भी पप्पू-पप्पी एक बार फिर मिल गए। बाद मे साफ हो कर हमने साथ में खाना खाया और फिर साथ में बेडरूम मे चले गये।

उस रात हमने ५ बार रसपान किया और करवाया। जब तक मैं पुणे में रहा उसको अच्छी सेवा देता रहा। आज भी मैं उसे बहुत याद करता हूँ।

The post एक लड़की जो मेरे लंड की थी दीवानी appeared first on .


लंड देखकर भूखी शेरनी बनगई

$
0
0

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अमन है। मे अमन उम्र 24 साल में पुणे कंपनी में काम करता हु। में भोपाल का रहने वाला हु। में स्टोरी पे आता हू। एक लड़की थी सपना उम्र 22 साल उससे बात करके मैने जाना की वो थोड़ी ग़रीब परिवार से है। दिल की अच्छी है। और सेक्स की भूखी है। उसके घर मे माँ, बाप, भाई, भाभी और वो है। मैने उससे बहुत बार सेक्स चैट करी हे। और उसको नेट भी ज़्यादा चलाना नही आता था तो मैने उसे समझाया ओर उसके लिए आई-डी बनाई। वो जब भी मुझे सेक्स चैट करती थी तो वो बहुत जज्बाती हो जाती थी। और कहती थी मुझे कुछ डालना है चूत मे ओर कभी बोलती की मोमबती डाल रही हू तो कभी बोलती केला डाल रही हू।
मुझे तो लगता था झूट बोल रही है। उसने मुझसे कहा की मे तुमसे जीवन मे एक बार ज़रूर चुद्वाऊगी। फिर धीरे धीरे समय चलता गया। कभी कभी बात होती थी। फिर जब मुझे उस पर विश्वास हुआ तो मैने उसको अपनी फोटो दिखाई। जब तक वो नेट में एक्सपर्ट हो गयी थी। उसको मे बहुत अच्छा लगा। उसने मुझे कहा की वो मिलना चाहती है। मुझे लगा था की वो घर से नही निकल पाएगी। तो मैने उससे कहा तो उसने कहा की घर से निकालने की क्या ज़रूरत है। जब आप मेरे घर पर ही रुकोगे तो उसने मुझे बताया की हम टूरिस्ट लोगो को अपने यहा रेस्ट करने देते है। पैसे लेकर आप आ जाना और पापा से बात कर लेना। तो वो आपको 1 रात के लिए 400 रु. किराया लेगें। मैने कहा ठीक हे। उसने कहा की आप ऐसे दिखावा करना की आप मुझे जानते नही। तो मैने कहा ठीक है। मे शुक्रवार को निकला और रात 8 बजे पहुचा और उसके पापा को फोन किया और कहा की मेरा दोस्त आपके यहा रुका था तो उसी से नंबर मिला मुझे 3 दिन के लिए रुकना है उन्होने मुझे रूम बताया मे पहुचा तो सपना मुझे पहली बार दिखी क्या माल थी गोरी नही थी। सावली थी। हाइट 5’5 इंच होगी। और फिगर देखने लायक था। उसका फिगर 34 28 36 था। मे तो देखते ही खुश हो गया। वो मुझे देख के मुस्कुराई वो आगन मे काम कर रही थी घर का। और वो अपना काम करने लगी। उसने ब्लाउस टाइप का शर्ट पहना था। बॉडी ज़्यादा भी टाइट नही। पर उसका बोब्स दिख रहे थे।
और वो नीचे लोंग स्कर्ट पहनी थी मे तो मन ही मन बहुत खुश हुआ। और वो चल रही थी तो उसकी गांड क्या हिल रही थी। मुझे लड़कियो की मटकती गांड कुछ ज़्यादा ही पसंद है। मेरा लंड हिलना शुरु हो गया। मे ज़्यादा नहीं देख पाया क्योंकि उसका बाप वही कुछ और काम कर रहा था। मे उनसे मिला उन्होने मुझे एक कमरा दिया। मैने खाना खाया वो मुझे नही दिखी उसके बाप ने ही खाना खिलाया। रात के 10 बज गये। खाना खाते खाते फिर सोचने लगा कब मिलेगी ये। मैने लैपटॉप चालू किया और ब्लू फिल्म देखने लगा अपने रूम मे। वहा पर लोग जल्दी सो जाते है। 11 बजे करीब पूरा सुनसान था। तो मुझे आगन मे से झूला हिलने की आवाज़ आई। मे खुश हुआ देखा तो वो झूला झूल रही थी और मेरे दरवाजे की तरफ ही देख रही थी। वो वही कपड़े पहनी थी। और झूले की वजह से उसके बोब्स मस्त हिल रहे थे। लग रहा था की ब्रा नही पहनी।
मैने दरवाजा खोला और उससे अंदर आने का इशारा किया। तो वो इधर उधर देख के दबे पाँव मेरे रूम मे आ गयी मैने दरवाजा बंद किया और उसे देखने लगा। बहुत सुंदर थी और उसकी बड़ी बड़ी लिप्स किस करने लायक थे। वो मेरे पास आई और मेरे गले लग गयी। मैने बनियान पहने हुवे था। वो जब मेरे गले लगी तो उसके बोब्स क्या प्रेस हो रहे थे। तब मुझे लग गया की ब्रा नही पहनी। मैने उसका चेहरा पकड़ा और ढेर सारे होटो पर किस करने लगा। फिर मे अपना हाथ कमर से लेते हुए। उसकी गांड पे ले गया। उसने पेंटी नही पहनी थी। मे उसकी गांड को ज़ोर से दबाने लगा। उसको जोश आ गया और मेरा सर के पीछे बॉल पकड़ कर मुझे ज़ोर से किस करने लगी। मेरी जीभ चुस रही थी। और अपनी डाल रही थी। मज़ा ही आ गया।
मे एक हाथ से उसके गांड दबा रहा था और दूसरा हाथ आगे लाकर स्कर्ट के उपर से चूत पर फेरने लगा। वो गीली हो गयी थी। मेरा तो मन कर रहा था की अभी नीचे जाके चूत चाट लू। और फिर मैने किस रोक दिया। वो तो करे ही जा रही थी। और क्या मुह से आवाजे निकल रही थी। किस करते वक्त।
फिर हमने एक दूसरे को देखा और मुस्कुराए। फिर मैने उसका हाथ पकड़ के उल्टा किया और पीछे से उसके बॉल एक तरफ किये। और उसके कंधे को किस करने लगा और मेरा लंड उसके गांड से टच हो रहा था। और एक हाथ से बोब्स दबाने लगा और दूसरे हाथ से स्कर्ट उपर करके चूत धीरे धीरे हाथ फेरने लगा। क्या चूत थी। मज़ा आ गया। वो कह रही थी की तडपती हू मे तुमसे मिलने के लिय आज तो खा ही जाना। छोड़ना मत। और सिसकारिया ले रही थी। जैसे जैसे मे बोब्स के निप्पल और चूत हाथ फेर रहा था। वैसे वैसे उसकी आवाज़े और सिसकारिया बडती जा रही थी। उसने कहा की मुझे पीछे कुछ चुभ रहा है।
और वो अपने आप मेरे लंड को पकड़ने लगी। मेरा लंड लंबा हो गया था। वो उसको अपने हाथ से दबा रही थी, और आवाज़े निकल रही थी। क्या मस्त लंड है। इसको तो मे खा जाउंगी। कितने दिन से चुदना चाहती थी तुमसे और ना जाने क्या क्या बोल रही थी। मेरा लंड बाहर निकाला और अपनी स्कर्ट उपर करी और गांड के बीच में मूठ मार रही थी। और उसकी आखे बंद थी वो मुझे होटो पे किस करने लगी मदहोश होकर। वो सच मे भूखी शेरनी लग रही थी।
मै उसके बोब्स दबाने लगा और निप्पल को भी दबाने लगा। तो वो कहने लगी और ज़ोर से दबाओ। मैने उसके शर्ट के बटन खोलने लगा। फिर पूरे बटन खोल दिए और उसके बोब्स जो बाहर आये तो देखने लायक थे। उसके निपल्स अच्छे थे और बड़े थे। लग रहा था की खुद इनको रोज मालिश करती है। तभी इतने बड़े है।
मैने दोनो बोब्स को हाथ मे लिया। मैने कहा जान क्या बोब्स है। खुद दबाती हो की कोई आता है दबाने इतने बड़े हो गए। उसने कहा की पड़ोस का लड़का कभी कभी दबा देता है। और जब स्कूल जाती थी तो दोस्त और टीचर से दबाते थे। मैने कहा जान पहले तो कभी नही बताया ये सब और कितने राज छुपाए है। वो कहने लगी बस तुम मेरी इस भूख को शांत करो मे सब बताती हू। मे उसके बोब्स दबाए जा रहा था दोनो हाथो से। वो स्पंज बॉल की तरह लग रहे थे। सॉफ्ट।
मे उसके पीछे से दबा रहा था और वो एक हाथ मे लंड पकड़ के गांड और चूत मे फेर रही थी और दूसरे हाथ से अपने निपल्स दबा रही थी। और कह रही थी की ऐसे दबाओ और आ…. आ… की सिसकारिया ले रही थी और फिर कहने लगी। आज जम कर चोदना मुझे खा ही जाना सुबह तक चोदते रहना।
जब मैने देखा की साली खुद ही अपने निप्पल दबा रही है। तभी इतने बड़े हुए हे। उसने कहा ऐसा क्या देख रहे हो। कभी लड़की को खुद से खेलते नही देखा क्या और मुझे आगे कर के मेरा सिर अपने बोब्स मे डाल दिया और कहने लगी खा ले मेरे राजा….चूस डाल…काट ना…..मेरे निप्पल को बारी बारी….कितना मज़ा आ रहा है….भगवान तुमने चुदाई क्या चीज़ बनाई हे। शरीफ से शरीफ लड़की भी चुदते वक्त रांड़ बनना चाहती है। मैने उसका शर्ट पूरा निकाल दिया अब वो सिर्फ़ स्कर्ट मे थी।
मेरा हाथ तो उसके गांड मे था। स्कर्ट के कपड़े के उपर से सहलाने मे जो मज़ा आ रहा था वो बता नही सकता। उसने मेरा बनियान निकाला और मेरे निप्पल को चाटने लगी।
मुझे तो मज़ा आ रहा था। मे लंड उसकी चूत लंड से रगड रहा था। लंड रगड करने से वो मुझे और ज़ोर से पकडने लगी और जो आवाज़े निकलती थी उससे तो मदहोश हो रहा था। उसने मुझे छोड़ा और नीचे झुक कर मेरा लंड मुह मे ले लिया। एक बार मे पूरा। मे तो समझ गया था की ये तो रंडी है। खूब मज़ा आएगा पर वो हमेशा मुझसे कहती थी की वो केला डालती रहती है चूत मे। मैने उससे कहा कितने लंड ले चुकी हो। तो उसने लंड को चूसते हुए कहा की एक लंड लिया है बहुत बार एक महीने मे। मैने कहा कौन तो उसने कहा की छोटे चाचा ने तो मैने उसे उपर उठाया और कहा पहले क्यू नही बताया तो उसने कहा की क्या कहती की चाचा ने चोदा है मुझे मैने उससे बेड पे बैठाया और उसका स्कर्ट उपर करते हुए किस कर रहा था। क्या टाइट थे… मे उससे प्यार से बाते करता हुआ उसकी चूत पे आया। क्या सुगंद थी यार मज़ा ही आ गया। और मैने कहा की पेंटी क्यू नही पहनी तो उसने कहा की अभी उतार के आई हू। तो मैने कहा की मुझे तुम्हारी पेंटी की सुगंद लेनी है तो उसने कहा क्यू मैने कहा की मुझे सुगंद अच्छी लगती है। और तुम्हारी चूत की सुगंद बहुत मस्त है तो उसने कहा ठीक है पर पहले मेरी चूत चूसो और मेरा सर पकड़ के डाल दिया।
मैने उसकी चूत कुत्ते की तरह चाटी और अपनी जीभ से अंदर बाहर करने लगा। वो अपनी गांड हिला के चुसवा रही थी। वो क्या आवाज़े निकाल रही थी और ज़ोर से हिल हिल कर करवाना चाह रही थी उसे और जोश आ रहा था। उसने कहा मुझे लंड चूसना है। मे नीचे और वो मेरे उपर मैने उससे अपने मुह पर बैठाया पहले और उसकी चूत को खूब मूह लगाया जीभ डाली। वो मेरे उपर बेठ के हिल रही थी और दूसरे हाथ से मेरा लंड उपर नीचे कर रही थी। फिर थोड़ी देर बाद उसे नही रहा गया और उसने मेरे मूह मे बैठे बैठे अपना चूत रस छोड़ दिया। मेने पूरा चाट लिया। और फिर वो नीचे झुकी और लंड चाटने लगी क्या मज़ा आ रहा था। फिर मैने थोड़ी देर लेटा रहा। फिर वो अपनी चूत मेरे मूह मे रगड़ करने लगी तो मे समझ गया की फिर से आ गयी जोश मे।
मैने इस बार उसकी गांड को दबाने लगा। वो तो उचकने लगी और कहने लगी ये क्या कर रहे हो।।किसी ने आज तक वहा किस नही किया। तुम क्या कर रहे हो।।।और वो सिसकारिया ले रही थी। मैने पूछा तुमको मज़ा आ रहा है की नही तो वो बोलने लगी बहुत आ रहा है। मैने बारी बारी चूत और गांड खूब चाटी और उसने भी लंड खूब प्यार से चाटा। मेरा निकालने वाला था तो मैने पूछा की मेरा निकालने वाला है तो वो और ज़ोर से चूसने लगी। और मे उसके मूह मे छुट गया। वो लंड घुमा घुमा के चूस रही थी। मज़ा आ गया…मैने चाट चाट के गांड और चूत लाल कर दिए थे। उसको बड़ा मज़ा आया।
फिर उसने मेरा लंड छोड़ा और कहने लगी की मुझे घोड़े की सवारी करनी है। मे समझ गया आज तो पुरा मज़ा देगी ये। वो सीधी हुई और मेरे मुह मे सीधे आकर बैठ गयी और पलंग को हाथ से पकड़ कर आगे पीछे होने लगी। वो कह रही थी…आ..हा मेरे घोड़े और ज़ोर से भाग और ऐसे कहते कहते झड़ गयी। और मेरे पास मे लेट गयी। ये सब देख के तो मेरा लंड खड़ा हो गया था। उसने मेरा खड़ा लंड देखा और वो बिना कुछ कहे मेरे लंड पर बैठ गयी और उपर नीचे होने लगी और सिसकारिया ले रही थी। आ…आआ…उ.ऊ.. मज़ा आ गया…. यह दिन मे आज तक नही भूल पाया। क्या गांड हिला हिला के गोल गोल लंड ले रही थी। मे तो उसको देख कर और जोश मे आ गया, ऐसा लग रहा था की जन्नत यही है। उसका चेहरा इतना नशीला लग रहा था बताना मुश्किल होगा। वो अपने बोब्स को खुद दबा रही थी और एकदम से उसको पता नही क्या हुआ। कहने लगी…मार भोसड़ी के…आज तो मेरा भुर्ता बना दे। गली के लड़के तो मेरे आगे पीछे घूमते रहते है। मैने कभी उनमे से किसी से नही चुदवाया…मे खुद भी चाहती हू की कोई मुझे निचोड़ के रख दे….इतना प्यार करे की मेरी सारी प्यास भुझ जाए….पर मैने कभी उनको मोका नही दिया बदनामी के वजह से….अब तुम आ गये हो….छोड़ना मत…बस चोदते रहो। मैने उसकी कमर पकड़ी और एक बार मे उसको लेटा दिया लंड डाले रहने दिया। और जो शॉट मारने शुरू किया पलंग हिलने लगा और पूछ पूछ की आवाज़े आने लगी। इतने ज़ोर से मैने कभी किसी की चुदाई नही की होगी। वो बनी ही चुदाई के लिए थी।
मे लगातार 5 मींनट तक शॉट मारता रहा। कभी बोब्स दबाता…निपल्स दबाता….वो मचल उठती। वो जब अपने हाथ से चूत रगड रही थी। और मे चुदाई मे लगा हुआ था। ये सीन देख कर और जोश आ गया। ये सारा जोश मुझे अपने लंड पे महसूस हो रहा था। में अपनी गांड हिला हिला के चुदाई कर रहा था। फिर जब वो झडने के लिए हुई….तो उसकी आखे बड़ी हो गयी और अपनी गांड ज़ोर से उचकाने लगी। मुझे ये देखकर झडने का मन हुआ तो में भी झड़ गया। क्या आवाज़े निकल रही थी….आआ..आआ.. करते झड़ गये हम दोनो पसीना पसीना हो गये थे। मे उसके उपर लेट गया और थोरी देर लेटा रहा। उसके बाद हम उठे पानी पिया। वो बाथरूम जा रही थी। उसकी पीछे से गांड देखने लायक थी क्या हिल रही थी। बिल्कुल टाइट थी और मोटी गांड थी। उपर नीचे होते जा रही थी।दोस्तों यह थी मेरी सच्ची कहानी।
ये कहानी मेने उसकी मंज़ूरी से लिखी है।…

The post लंड देखकर भूखी शेरनी बनगई appeared first on .

बहन पूनम की चुदाई

$
0
0

मेरा नाम अमित है और मेरी बहन का नाम पूनम है और हमारी फेमिली में मेरी माँ और मेरी बहन है। मेरे पापा की कुछ समय पहले एक बीमारी की वजह से म्रत्यु हो गयी थी। मेरी उम्र 21 साल है और में एक कॉलेज में पड़ता हूँ.. मेरी बहन की उम्र 25 साल है और वो एक प्राईमरी स्कूल में पड़ती है। मेरी बहन पूनम बहुत ही सेक्सी है। उसका फिगर 34-32-37 है.. रंग गोरा नहीं है.. लेकिन काली भी नहीं है.. वो थोड़ा साफ कलर की लड़की है जिसको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता होगा.. उसके बाल बहुत काले है और लंबे भी है।
दोस्तों में अब स्टोरी पर आता हूँ.. पूनम का स्कूल एक बजे ख़त्म हो जाता है। एक दिन में उसके स्कूल के पास से गुजर रहा था तो मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ खड़ी थी और कुछ बातें कर रही थी। तभी थोड़ी ही देर में एक मेडम आई और पूनम को साथ लेकर चली गयी और मैंने देखा कि वो लड़का और एक दूसरा आदमी उसके पीछे चले गये.. वो दोनों लड़के शायद उसके स्कूल के टीचर थे। फिर रास्ते में उन्होंने अपनी बाईक रोकी और एक पान की दुकान पर खड़े हो गये और एक दूसरे से बातें करने लगे। में भी उसके पास में रुक गया और उनकी बातें सुनने लगा.. वो आपस में बातें कर रहे थे कि यार अश्विन तूने तो पूनम मेडम को चोदा है ना?
अश्विन : हाँ विजय कई बार चोदा है.. पूनम बड़े मज़े करती है.. लेकिन तू क्यों पूछ रहा है? क्यों तूने भी तो रेखा मेडम को चोदा है ना?
विजय : हाँ यार.. लेकिन वो तो बड़ी औरत है। यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे । उसमे मज़े नहीं है वो 36 साल की है और पूनम मेडम तो शायद 24-25 साल की होगी।
अश्विन : हाँ यार पूनम की तो बात ही कुछ और है उसके बूब्स बड़े ही मस्त है और उसकी गांड तो जैसे कयामत है यार।
विजय : और उसकी चूत?
अश्विन : अरे यार तुझे चोदना है क्या पूनम को? साफ साफ क्यों नहीं रहा है?
विजय : तू कुछ करवा सकता है क्या? तो प्लीज़ तू रेखा को चोद सकता है।
अश्विन : चल पहले रेखा मेडम के घर देखते है कि कुछ होता है कि नहीं?
फिर वो दोनों लोग रेखा मेडम के घर पर चले गये और मैंने देखा कि मेरी बहन पूनम की स्कूटी वहां पर खड़ी थी और वो लोग अंदर चले गये.. में बाहर से देखना चाहता था कि अंदर क्या होता है? तो मैंने एक खिड़की से अंदर देखा कि क्या हो रहा है? और जैसे ही वो लोग अंदर गये।
रेखा मेडम : आइए अश्विन.. सर आप तो पहली बार हमारे घर पर आए है ना।
अश्विन : पूनम मुझे लेकर ही नहीं आती और मैंने तो उसे कई बार बोला है।
पूनम वहां पर एक तरफ खड़ी थी और दोनों के लिए पानी लेकर आई और उन्हें पानी दिया और बाद में हॉल में सब लोग बैठ गये और बातें करने लगे। तभी अश्विन बोला कि चलो कुछ करते है। बातें करते करते तो बोर हो गये है। तो पूनम यह बात सुनकर हल्की सी मुस्कुरा उठी तो रेखा मेडम ने उससे बोला कि पूनम क्या तुझे भी जल्दी है अश्विन की तरह? तो पूनम शरमा गयी और कुछ नहीं बोली सिर्फ़ एक स्माईल दे दी।
अश्विन : मुझे जल्दी नहीं है.. रेखा मेडम में तो कुछ और ही कहना चाहता था कि कुछ टीवी और खेल खेलते है.. वैसे रेखा मेडम आपका बाथरूम कहाँ पर है?
रेखा मेडम : चलो में दिखाती हूँ और यह कहकर वो और अश्विन सर अंदर चले गये और पूनम और विजय बाहर बैठे थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे।
विजय : पूनम मेडम आप तो बहुत ही सुंदर हो अश्विन का तो नसीब ही खुल गया है जो आप जैसे।
पूनम : आप जैसे क्या?
विजय : मेरा मतलब है कि आप जैसे सेक्सी लड़की के साथ उसकी तो ऐश है।
पूनम : में इतनी सुंदर हूँ क्या?
विजय : मैंने आपसे अच्छी किसी लड़की को नहीं देखा.. क्या सेक्सी फिगर है आपका ?
इतने में ही रेखा मेडम और अश्विन सर बाहर आते है और वो लोग बातें करना बंद कर देते है और अश्विन सर आते ही कहते है कि मैंने कल रात को एक इंग्लीश फिल्म देखी थी। उसमे आपस में एक बहुत ही मस्त खेल खेलते है।
रेखा मेडम : तो फिर क्यों ना हम भी खेलें? क्यों पूनम क्या ख्याल है तेरा?
पूनम : हाँ हाँ क्यों नहीं.. पहले बताओ तो सही क्या खेल है? और रूल्स क्या है?
अश्विन : में रूल्स और खेल खेलने के बाद ही बताऊंगा बोलो क्या तुम्हे मंजूर है? तो सब खेलो वरना कोई बात नहीं। फिर सब कहते है कि ठीक है खेलते है और फिर अश्विन रेखा मेडम को कार्ड लाने को कहता है। सब सोफे पर बैठे थे है और खेल शुरू करते है और 30 मिनट खेलने के बाद स्कोर होता है। रेखा मेडम 5 बार जीती और पूनम 4 बार हारी.. विजय 3 बार हरा और अश्विन सर 2 बार जीते। अब अश्विन सब को बताता है कि रूल्स क्या है उस फिल्म में जिसका सबसे ज्यादा स्कोर होता है वो किसी को भी पूरी रात अपने कमरे में ले जा सकता है और हम यहाँ पर 6 बजे तक का टाईम फिक्स करेंगे क्यों ठीक है?
रेखा मेडम : यानी किसी भी पार्ट्नर के साथ मजा और कोई भी पार्ट्नर.. यही ना।
अश्विन : हाँ ठीक है.. लेकिन बड़े स्कोर वाला पहले चुन कर सकता है।
फिर सब एक दूसरे के सामने देख रहे थे। तभी रेखा मेडम ने सबसे पूछा कि क्यों किसी को कोई समस्या नहीं है ना? अगर है तो वो बता दे हम यह खेल बंद कर सकते है। तभी विजय बोला कि कोई समस्या नहीं है.. पूनम ने भी धीरे से अपना सर हाँ में झुका दिया।
रेखा मेडम : आप सब तो जानते ही है कि मैंने और विजय सर ने तो कई बार मजा किया है तो में विजय सर का तो नहीं चुनाव करूँगी। पूनम के साथ में एंजाय कर नहीं सकती.. पूनम मुझे माफ़ करना.. लेकिन मुझे अश्विन को ही चुनना करना पड़ेगा.. तुम्हे कोई विरोध तो नहीं है ना?
पूनम : सब की मर्ज़ी है तो में कोई विरोध नहीं करूँगी।
फिर इतना कहकर रेखा मेडम अश्विन सर का हाथ पकड़कर कमरे में चलने लगी और पूनम को बोली कि अपना ख्याल रखना और तुम अपने कमरे में चले जाना.. वहां है तुम्हारा कमरा और वो लोग कमरे में चले गये। मेरी बहन और विजय सर बाहर ही थे.. तो विजय सर ने पूनम को बोला कि क्यों चलना है कमरे में या फिर यहीं पर बैठते है? तो पूनम थोड़ी देर बाद बोली कि जैसी आपकी मर्ज़ी.. आप कमरे में जाइए में अभी आती हूँ।
फिर विजय सर कमरे में चले गये और पूनम किचन से पानी की बोतल लेकर अंदर कमरे में गयी। तो मैंने भी अब अपनी खिड़की बदल दी थी और दूसरी खिड़की से अंदर की तरफ देख रहा था। पूनम ने काली कलर की स्कर्ट और काले कलर का टॉप पहना हुआ था.. फिर वो कमरे में अंदर आ गयी। तो विजय सर ने बोला कि पूनम ज़रा दरवाजा बंद कर देना। तो उसने दरवाजा बंद कर दिया और दरवाजे के पास ही खड़ी रह गयी।
विजय : शरमाओ मत आ जाओ पूनम.. में तुम्हे बहुत मज़े दूंगा जो अश्विन नहीं देता होगा।
पूनम : में आपको इतनी अच्छी लगती हूँ क्या? तो यह सुनकर विजय बेड से खड़ा हुआ और पूनम के पास जाकर उसको अपनी बाहों में उठा लिया।
पूनम : छोड़िए ना क्या करते हो? क्या में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.. मुझे नीचे उतारिए ना।
विजय पूनम को बेड के ऊपर उतार देता है और उसके हाथ पकड़ कर चूमता है और बोलता है.. पूनम मेरी रानी आज मुझे करने दो.. दिल खोलकर अपने हुस्न के जलवे दिखा दो मुझे.. तुम खुश तो हो ना मेरे साथ.. तुम्हे कोई समस्या हो तो में चला जाता हूँ।
पूनम : नहीं नहीं मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है जानू और में तो बहुत खुश हूँ कि मुझे आज एक नया आनंद मिलने वाला है।
विजय : वाह मेरी रानी आजा अपने यार की बाहों में आ जा।
फिर यह कहकर विजय सर ने पूनम को अपनी बाहों में भर लिया और उसको चूमने लगे.. पूनम भी विजय सर को सहलाने लगी थी और वो दोनों एक दूसरे को लिप किस करने लगे.. पूनम बोल रही थी कि आअहह विजय क्या चूमते हो तुम.. बहुत मज़ा आ रहा है और चूमो मुझे आआहह मेरे राजा आहह क्या बाहें है तुम्हारी में तो पूरी की पूरी समा गयी इसमे अह्ह्ह। तो विजय बोल रहा था.. पूनम क्या रसीले होंठ है तुम्हारे जी करता है खा जाऊँ इनको.. क्या गुलाबी होंठ है रानी तुम तो सच में सेक्स की टीचर हो.. मुझे बाकी के अंगो का भी तो दर्शन करवाओ ना मेरी जान।
पूनम : थोड़ा सब्र करो मेरे राजा.. सब कुछ दिखा दूँगी यह बदन अब तुम्हारा ही है.. लेकिन पहले यह बताओ तुम्हे रंग कौन सा पसंद है मेरे राजा?
विजय : क्यों रंग का क्या करना है? वैसे मुझे काला कलर पसंद है क्यों?
पूनम : नहीं ऐसे ही अश्विन को लाल पसंद है तो में उसके लिए.. लेकिन तुम्हारी पसंद का इंतजाम हो जाएगा मेरे राजा। अब तुम मुझे चोदो और तुम भी कपड़े चेंज कर लो में अभी आती हूँ।
तो यह कहकर पूनम बाहर चली गयी और बेग लेकर वापस आ गयी और बाथरूम में चली गयी। फिर थोड़ी देर बाद जब वो वापस आई तो पूछो ही मत.. मेरा लंड भी खड़ा हो गया। क्या कयामत लग रही थी? वो खुले बाल, एक छोटी सी पारदर्शी मेक्सी उसके घुटनों के ऊपर तक.. क्या पैर थे उसके? जाँघ भी साफ साफ दिख रही थी.. एकदम चिकनी कसी हुई थी। विजय सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसका लंड साफ दिख रहा था।
पूनम बेड के पास खड़ी हो गयी तो विजय ने उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ पर रख दिए और चूमने लगा और साथ ही साथ उसने पूनम के बूब्स को भी दबाना शुरू कर दिया था। तो पूनम भी उसके ऊपर अपना बदन रगड़ रही थी और फिर विजय ने पूनम के पैरों के पास जाकर उसको चूमना शुरू कर दिया और मेक्सी को ऊपर उठाता गया। फिर विजय ने अब पूनम की मेक्सी को निकाल दिया.. तो पूनम अब सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी और वो काले कलर की पेंटी क्या सेक्सी लग रही थी।
विजय : पूनम मेरी रानी मेरे लिए तूने अपनी यह ब्रा और पेंटी बदल दी ना? मज़ा आ गया क्या लग रही हो जानेमन?
पूनम : तुम भी तो मुझे अपना दिखाओ ना विजय और फिर यह कहकर पूनम ने विजय की अंडरवियर पर हाथ रख दिया और ऊपर से ही सहलाने लगी और लंड को बाहर निकाल दिया।
विजय : पूनम कैसा है? क्यों अश्विन से बड़ा है या नहीं?
पूनम : हाँ थोड़ा बड़ा होगा.. लेकिन प्यारा भी है और यह कहकर उसने उसे अपने हाथों में भर लिया और सहलाने लगी। तो विजय बोला कि अरे अपने इन गुलाबी होंठो से उसे थोड़ा प्यार तो करो.. यह कहकर उसने अपना लंड पूनम के मुहं के पास रख दिया और उससे कहा कि पूनम लंड चूसो मेरी रानी.. यह लंड आज तुम्हारा ही है।
पूनम : बस आज ही मेरा है दोबारा इसको नहीं दोगे मुझे.. यह कहकर उसने उसे अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।
फिर मेरी बहन एक रांड की तरह बड़े अच्छे से लंड को चूस रही थी और अपने गले तक लंड को भर लेती थी। विजय ने अब पूनम की ब्रा को खोल दिया और उसके बड़े-बड़े बूब्स आज़ाद हो गये.. विजय उसे दबाने लगा और लंड पूनम को चुसवा रहा था और बोल रहा था कि क्या लंड चूसती है तू और ज़ोर से चूस रंडी.. क्यों अब तक कितने लंड चूस चुकी हो पूनम रानी?
पूनम : तुझे उससे क्या है कि कितने लंड चूस चुकी हूँ में? हाँ तुझे बता दूँ कि तेरा लंड चूसकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है राजा।
फिर विजय ने अब पूनम को बेड पर लेटा दिया और उसके एक बूब्स को चाट रहा था और एक को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बोल रहा था कि पूनम आज से तू मेरी रंडी है में जैसे चाहूँ तुझे चोद सकता हूँ और तेरे बूब्स को दबा सकता हूँ समझी मेरी रंडी। तो पूनम बोली कि हाँ रे मेरे भडवे में तेरी रंडी हूँ और ज़ोर से दबा भोसड़ी के। फिर विजय ने पूनम की पेंटी उतार फेंकी और उसकी चूत को देखकर पागल हो गया। क्या चूत है पूनम तेरी? मैंने ऐसी चूत कभी नहीं देखी है एकदम चिकनी है रूई की तरह.. मेरा तो जी करता है खा जाऊँ इसको और उसकी चूत को चाटने लगा।
पूनम : खा जाना तेरी ही है यह चूत मेरे राजा खा जा या फिर फाड़ दे इस चूत को आज और थोड़ी देर तक चूत चूसने के बाद विजय अब खड़ा हो गया और बोला कि मेरी पूनम रानी तैयार हो ना अपनी चूत में मेरा लंड लेने के लिए और लंड का सुपाड़ा पूनम की चूत पर रगड़ने लगा तो पूनम बोली कि मेरे राजा अब डाल दे लंड को मेरी चूत में.. आज इसकी आग बुझा दे। आज एक नया लंड लेने के लिए मेरी चूत बहुत बेकरार हो रही है डाल दे जल्दी मेरे राजा।
यह बात सुनते ही विजय ने एक झटका मारा और आधा लंड पूनम की चूत में डाल दिया और पूनम ने भी नीचे से अपनी गांड को उठाकर लंड का स्वागत किया। फिर एक झटके के साथ पूरा का पूरा लंड पूनम की चूत की गहराईयों में समा गया और विजय उसे चोदने लगा।
पूनम भी बड़ी मस्ती के साथ उसके हर एक धक्को का साथ देती हुई उससे चुदवा रही थी और बोल रही थी आआअहह ऊईईईईई माँ क्या लंड है तुम्हारा? विजय चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो ना विजय.. आह्ह्ह्ह्ह्ह् मेरी चूत धन्य हो गयी तुम्हारे लंड से चुदवाकर.. फाड़ दो अपनी पूनम की चूत को विजय आहह मज़ा आ गया। बड़ा मस्त चोदते हो तुम.. सच में मुझे मज़ा आ गया। फिर विजय भी पूनम को ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए उसके बूब्स को दबाते हुए बोल रहा था.. हाँ पूनम अब तक तू कहाँ थी मेरी रानी पहले क्यों नहीं चुदवाया तूने मुझसे। में तो कब से तुम्हे चोदना चाहता था.. जब भी में स्कूल में तुम्हारी गांड को मटकता हुआ देखता था तो जी करता था कि अभी तुम्हारी गांड मार दूँ। मेरी जान क्या चूत है तुम्हारी और क्या बूब्स है आज मज़ा ही आ गया रानी तुझे चोदने में और अब तू तैयार हो जा.. में तेरी गांड में भी लंड डालना चाहता हूँ.. मेरा लंड भी तो देखे कि तेरी गांड में कितना दम है।
पूनम : हाँ में गांड भी मरवा लूँगी पहले अच्छे से चोद तो सही और यह गांड भी तुम्हारी है और यह चूत भी तुम्हारी है और हाँ अब तू मुझे जब चाहे चोद सकता है मेरे राजा.. तू जब भी चोदना चाहे में यह चूत लेकर आ जाउंगी तेरा लंड लेने के लिए और चोद ज़ोर से और ज़ोर से चोद मेरे राजा।
विजय ने अब अपना लंड पूनम की चूत में से निकाल लिया और बोला कि चल खड़ी हो जा में तुझे कुतिया की तरह चोदना चाहता हूँ.. तो पूनम भी जल्दी से कुतिया की तरह अपने दोनों पैरों पर खड़ी हो गयी और बोली कि चल आ जा मेरे राजा में तैयार हूँ लंड लेने के लिए। तो विजय ने अपना लंड पूनम की चूत में डाल दिया और उसको पीछे से पकड़कर चोदने लगा और उसके बूब्स भी दबा रहा था और गांड भी सहला रहा था।यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे ।
पूनम अपनी गांड पीछे धकेलती हुई लंड अपनी चूत में डलवा रही थी और आआऊऊऊईईईई माँ और चोद और ज़ोर ज़ोर से चोद.. अपनी पूनम की चूत फाड़ दे आज मेरे राजा.. मार और ज़ोर से धक्के मार.. तेरा लंड मेरी चूत के अंदर तक ठोकर मार रहा है। विजय अब थक गया था तो उसने पूनम की चूत में से लंड निकाल दिया और बेड पर लेट गया और पूनम को बोला कि आ जा मेरे ऊपर और ऐसे चुदवा अपनी इस रसीली चूत को।
तो पूनम ने अपने दोनों पैर फैलाए और विजय सर का लंड अपने हाथ में लेकर उसको अपनी चूत पर रखकर अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर बैठकर उचकने लगी और विजय नीचे से उसके बूब्स को पकड़कर दबाता हुआ नीचे से लंड को पूनम की चूत में डालने लगा और वो दोनों बड़ी मस्ती से चुदाई का खेल खेल रहे थे।
तभी थोड़ी देर में पूनम की सांसे तेज होने लगी और वो बोल रही थी हाँ और ज़ोर से चोदो विजय और ज़ोर से चोदो में अब झड़ने वाली हूँ.. अहह और ज़ोर से आअहह माँ में गईईईईईइ में झड़ गई विजय.. फिर पूनम की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया.. लेकिन विजय अब भी धक्के लगाता जा रहा था और थोड़ी देर में विजय भी तेज़ी से चोदने लगा और बोल रहा था कि पूनम मेरी रानी कहाँ लेगी मेरा पानी.. बोल ना जल्दी मेरी रंडी.. कहाँ लेगी बोल।
पूनम : मेरी चूत में ही निकाल दो.. में पहली चुदाई में पानी चूत में ही लेती हूँ.. भर दो मेरी चूत को अपने पानी से और थोड़ी ही देर में विजय के लंड से वीर्य का फव्वारा निकला और पूनम की चूत में भर गया और दोनों एक दूसरे के ऊपर थोड़ी देर पड़े रहे। तभी थोड़ी देर बाद पूनम उठी और बाथरूम में चली गयी और वापस नंगी ही बाहर चली आई। फिर विजय ने अपनी बाहें फैलाई और वो उसके पास में लेट गयी और दोनों एक दूसरे को किस करने लगे।
तभी विजय बोला कि पूनम मेरी रानी अगली बार चुदवाओगी ना मुझसे? पूनम बोली कि हाँ ज़रूर चुदवाऊँगी तुझसे मेरे राजा.. तू तो बहुत अच्छा चोदता है। जब भी तेरा लंड मेरी चूत को बुलाएगा तो मेरी चूत पानी छोड़ते हुई आ जायेगी तेरे लंड से चुदवाने के लिये और हाँ अगली बार में तुम्हारा पानी अपने मुहं में लूँगी.. समझे मेरे गांडू राजा।
फिर थोड़ी देर के बाद वो दोनों हॉल में वापस आए। यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे ।पूनम मेक्सी में और विजय सर सिर्फ़ अंडरवियर में और वहां पर पहले से ही अश्विन सर और रेखा मेडम बैठे थे.. वो दोनों भी यानी अश्विन सर अंडरवियर में और रेखा मेडम सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी।
फिर पूनम को बाहर निकलते देख अश्विन सर ने उसे एक स्माईल दी और इशारा किया उनके पास आने का तो पूनम उनके पास चली गयी। पूनम थोड़ा शरमा रही थी और उनसे नज़रे नहीं मिला रही थी तो अश्विन सर ने पूनम का हाथ पड़ाकर उसे अपनी गोद में बैठा लिया और एक किस देकर पूछा कि पूनम मज़ा नहीं आया क्या? तेरी चूत ठंडी हो गयी ना.. बोल ना कैसा था विजय का लंड?
पूनम : हाँ मेरे राजा मुझे तो विजय सर के लंड से चुदवाने में मज़ा आया.. लेकिन क्या तुझे रेखा मेडम की चूत में लंड डालकर एक नयी चूत चोदने में मज़ा आया कि नहीं?
अश्विन : हाँ.. रेखा तो बहुत चुदक्कड़ है साली.. पूरी की पूरी रंडी की तरह टाँगे उठा उठाकर चुदवाती है।
विजय : अरे यारो मुझे तो पूनम की चूत चोदने में बहुत ही मज़ा आया.. क्या चुदवाती है रंडी? क्या बूब्स है रे साली के?
रेखा मेडम : मुझे भी अश्विन के नये लंड में बहुत मज़ा आया।
दोस्तों इस तरह उन सभी की बातें चलती रही और वो थोड़ी देर बाद एक दूसरे को सहलाने लगे। करीब एक घंटे के बाद वो सभी अपने अपने कपड़े पहनने लगे और में भी मौका देखकर वहां से निकल गया.. लेकिन उसके बाद मेरी बहन ने उनसे चुदाई का सिलसिला जारी रखा और वो चुदवाती रही।

The post बहन पूनम की चुदाई appeared first on .

कामवाली की चुदाई

$
0
0

हैल्लो फ्रेंड्स.. में आपका दोस्त राहुल एक बार फिर से आ गया हूँ एक नई कहानी लेकर और में आज आपको बताता हूँ कि कैसे मैंने अपनी नौकरानी को चोदा. अब में अपनी स्टोरी शुरू करता हूँ.. लेकिन दोस्तों इससे पहले में आपको बता दूँ कि मैंने एम.बीए किया हुआ है और में अभी दिल्ली में नौकरी करता हूँ. में एक अपार्टमेंट में रहता हूँ और मेरे घर पर काम करने के लिए मैंने एक बाई रखी हुई है. मेरी उम्र अभी 26 साल है और यह बात कुछ ही दिन पहले की है.

मेरी मौसी भी दिल्ली में रहती है तो मैंने उनकी बेटी को बहुत बार चोदा था.. लेकिन अब उसकी शादी हो गई है और मेरी भाभी अपने पति के साथ अमेरिका जा चुकी है. तो यह तो हुआ मेरा पुराना हिसाब किताब.. अब में आप लोगों को वो बताता हूँ जो मैंने नया किया है. जैसा कि मैंने बताया कि में घर पर अकेला रहता हूँ तो मैंने घर में सभी काम के लिए एक बाई लगा रखी है वो घर की सफाई भी करती है और खाना भी बनाती है.. उसकी उम्र लगभग 24 साल है और वो सुंदर बहुत थी. मतलब उसको देख ऐसा नहीं लगता था कि उसे नौकरानी होना चाहिए. उसका सावलां सा रंग था.. ठीक ठाक हाईट और सुडौल बदन, उसका फिगर रहा होगा 37-26-34 और वो शादीशुदा थी. में हर पल यही सोचता कि उसका पति कितना किस्मत वाला है और वो साला इसको बहुत चोदता होगा. उसके बूब्स दिखने में ऐसे थे कि बस दबा ही डालो और ब्लाउज में समाते ही नहीं थे. वो कितना भी साड़ी से ढकती वो इधर उधर से ब्लाउज से उभरते और उसकी चूचियाँ दिख ही जाती थी. फिर जब झाडू लगाते हुए वो झुकती तो ब्लाउज के ऊपर से चूचियों के बीच की दरार को छुपा ना सकती थी.

फिर एक दिन जब मैंने उसकी इस दरार को तिरछी नज़र से देखा तो मुझे पता लगा कि उसने सफेद कलर की ब्रा पहनी हुई थी और जब वो ठुमकती हुई चलती तो उसके चूतड़ हिलते और जैसे वो कह रहे हो कि मुझे पकड़ो और दबा दो. फिर वो जब अपनी पतली सी कॉटन की साड़ी जब वो संभालती हुई सामने अपनी चूत पर हाथ रखती तो मेरा मन करता कि काश उसकी चूत को में छू सकता और करारी, गरम, फूली हुई और गीली गीली चूत में कितना मज़ा भरा हुआ था? काश में इसे चूम सकता और चूचियों को चूस सकता और इसकी चूत को चूसकर चूत का पानी खाली कर देता. वो हर रोज 2 बार मेरे घर पर आया करती थी और सुबह जब में ऑफिस जाने को तैयार रहता था.. तब वो आती और मेरे पूरे दिल में हलचल कर जाती. फिर में उसको देखता और नहाते टाईम उसके बारे में सोचकर मुठ मारा करता था. जब तक मुझे अपनी बहन और भाभी की चूत मिल रही थी तब तक मैंने उसको इस नज़र से नहीं देखा था.. लेकिन अब मुझे 3-4 महीनों से कोई चोदने को नहीं मिला था तो मेरी नज़र उस पर जा रही थी. वो तो मुझे देखती ही नहीं थी.. बस अपने काम से मतलब रखती और ठुमकती हुई चली जाती और मैंने भी उसे कभी ऐसा एहसास नहीं होने दिया कि मेरी नज़र उसे चोदने के लिए बैताब है और अब चोदना तो था ही.

तो मैंने अब सोच लिया कि इसे पटाना ही होगा और धीरे धीरे मेरी तरफ आकर्षित करना पड़ेगा.. वरना कहीं वो बुरा मान गई तो मेरा सारा काम बिगड़ जाएगा. तो मैंने उससे थोड़ी थोड़ी बातें करना शुरू किया.. उसका नाम शांति था. एक दिन सुबह उससे बात करते करते मैंने उससे उसके घरवालो के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसके पति नौकरी पर है और वो गुडगाँव में रहते है.. उसके एक 2 साल की लड़की है और फिर वो चली गई. फिर कुछ दिन तक में ऐसे ही उससे बात करता रहा और हम दोनों की दूरियां कम कर रहा था और अब करीब करीब रोज़ में चाय बनवाता और उसकी बड़ाई करता. फिर मैंने एक दिन ऑफिस जाने के पहले अपनी शर्ट प्रेस करवाई और उसको बोला कि शांति तुम प्रेस अच्छी तरह कर लेती हो. तो उसने कहा कि साहब मुझे दो दिन की छुट्टी चाहिए मेरे वो आ रहे है. फिर मैंने उसी बात पर उससे कहा कि मतलब अब तो सिर्फ़ तुम और वो और दरवाजा बंद करके रखना.. तो वो बोली कि क्या साहब आप भी? फिर मैंने उसको 500 रुपये दिए और कहा कि जाओ.. लेकिन दो दिन से ज्यादा मत लगाना.. तो वो बहुत खुश हो गई और चली गई.

फिर जब वो दो दिन के बाद काम पर आई तो वो बहुत खुश लग रही थी और में जब शाम को घर आया तो मैंने उससे पूछा कि क्यों मिल आई क्या अपने पति से.. कैसे है वो? कितने कमा कर लाया था और क्या क्या किया तुम लोगों ने. तो वो कहने लगी कि साहब मेरे वो तो बहुत अच्छे है वो बहुत सारे पैसे लाए थे और हमने बहुत मज़े भी किये और बात करते करते में हमेशा उसके बूब्स देखता और उसकी गांड देखता.. वो मुझे कई बार देख लेती और फिर वहाँ से जाने लगती और ऐसे ही बातों का सिलसिला चलता रहा. फिर एक दिन मैंने उससे ऐसे ही कहा कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और अगर तुम्हारी शादी नहीं हुई होती तो में तुमसे शादी कर लेता. तो वो कुछ नहीं बोली.. मैंने धीरे से अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया और उससे कहा कि मेरे पास आकर बैठो.. लेकिन उसने मना कर दिया और बोली कि साहब में अभी चलती हूँ. तो मैंने उससे कहा कि तुम जा रही हो तो चली जाओ.. लेकिन ज़रा सोचकर बताना.

फिर शाम को जब वो आई तो उसने घर का काम किया और चली गई.. मुझे ऐसा लगा कि वो शायद नाराज़ हो गई है तो उसके लिए एक सिंपल सी साड़ी लेकर आया और जब वो दूसरे दिन आई तो मैंने उससे चाय लेते समय उसको वो साड़ी दे दी और मैंने उससे कहा कि तुम मुझे ग़लत मत समझो शांती.. तुम मुझे सच में बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ. तो वो शरमाते हुए चली गई और किचन में जाकर खाना बनाने लग गई. फिर मैंने 3 दिन बाद ऑफिस से 2 दिन की छुट्टी लेने का फ़ैसला किया और मैंने सोच लिया कि इसको इन्ही 3 दिन में सेट करना पड़ेगा.. लेकिन 2 दिन चोदना है और जब वो दूसरे दिन आई.. तो मैंने उससे कहा कि सुनो शांती तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुमको बहुत सारा प्यार देना चाहता हूँ.. मैंने तुमको जब से देखा है में पागल सा हो गया हूँ और मेरा दिल चाहता है कि में तुमको दिन रात प्यार करता रहूँ. तभी वो यह बात सुनकर नाराज़ सी हो गई और वो कहने लगी कि साहब मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि आप मेरे बारे में ऐसा सोचते होंगे.. में जा रही हूँ और अब कभी नहीं आउंगी और आप सब मर्द एक जैसे होते है.

फिर मैंने उससे कहा कि शांति तुम ग़लत समझ रही हो में तुमको बहुत खुश रखूँगा और तुम मेरा साथ दो तो में तुमको इतने पैसे दूँगा कि तुमको कहीं और काम भी करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.. लेकिन वो बिल्कुल भी मानने को तैयार ही नहीं थी. फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसको अपनी और खींचने लगा और वो मुझसे दूर जाने की नाकाम कोशिश करती रही. फिर मैंने उसको ज़ोर से पकड़कर अपनी गोद में बैठा लिया और मैंने उससे कहा कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो शांति.. प्लीज़ समझो मेरी बात को. मेरा कोई ग़लत इरादा नहीं है प्लीज़.. शांती और उसको ज़बरदस्ती पकड़कर दबाने लगा. फिर मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया और उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा. तभी इतने में ही शांती बोली कि साहब में आपसे एक ही शर्त पर सब कुछ करने को तैयार हो जाउंगी. तो मैंने पूछा कि कौन सी शर्त? तो वो बोली कि आप मुझ पर कभी कोई भी ज़बरदस्ती नहीं करेंगे और कभी किसी से कहेंगे नहीं तो.. फिर मैंने कहा कि में पागल हूँ क्या.. जो किसी से कहूँगा कि मैंने तुम्हारे साथ कुछ किया है? तो वो बोली कि फिर ठीक है और फिर वो धीरे से बोली कि साहब प्यासी तो में भी बहुत समय से हूँ और मेरी भी आपके ऊपर पिछले 3-4 महीने से नज़र है.. लेकिन मेरी हिम्मत नहीं होती थी कि में आपसे कैसे कहूँ? और आज आपने ही कह दिया है तो मेरी भी परेशानी खत्म हो गई है.

शांति आज का काम पूरा कर चुकी थी और मेरा भी ऑफिस जाने का टाईम हो चुका था तो में भी तैयार हो गया और मैंने उससे कहा कि आज शाम को मिलना. तो वो बोली कि ठीक है साहब और वहाँ से चली गई. फिर में भी तैयार हो गया और जब शाम को वो आई.. तो मैंने उसे अपने साथ बैठाकर दोनों दिन की बात की मैंने उससे कहा कि तुम दो दिन के लिए मेरे ही घर पर रुक जाओ ताकि हम अच्छे से काम कर सके. तो उसने बहुत देर नाटक करने के बाद बोली कि ठीक है साहब और फिर मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और उसके बूब्स को दबाने लग गया और वो मेरा हाथ छुड़ाने लगी.. लेकिन में करीब 2-3 मिनट तक उसके बूब्स दबाता रहा.

फिर मैंने उससे कहा कि में आज तुमको कपड़े दिलवाने चलता हूँ तो वो बहुत खुश हो गई. मैंने उससे कहा कि तुम अच्छे से मेरे घर पर नहा लो और तब तक मैंने उसके लिए एक हरी साड़ी निकाल ली जो मैंने भाभी को दिलाई थी उनको चोदने के लिए और फिर जब वो बाहर आई.. तब मैंने उसको वो साड़ी पहनने को दी और वो वहां पर सिर्फ़ ब्रा पेंटी में बाहर आई थी और जैसे ही वो बाहर आई.. तो मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबा दिए और उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को दबाने लग गया. फिर मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसके बूब्स को चूसने लगा वो भी एकदम मदहोश हो गई और फिर बोली कि साहब अभी रहने दो मुझे आज घर भी जाना है और पता नहीं आप खरीदारी में कितनी देर लगाओगे है? तो मैंने कहा कि ठीक है. फिर हम लोग मेरे घर से साथ में निकले और मैंने एक ऑटो किया और हम दोनों लेडीस मार्केट में गए.. मैंने वहां पर उसको न्यू ब्रा पेंटी, मेक्सी और साड़ी के दो दो सेट दिला दिए और फिर वहीं पर बाहर से मैंने उसको शेम्पू और टूथब्रश और पेस्ट भी दिला दिया और फिर मैंने उससे कहा कि चलो अब तुम अपने घर पर चली जाओ और में भी वो सब सामान लेकर अपने घर पर आ गया और मैंने रास्ते में एक मेडिकल पर रुककर केप्सूल और कन्डोम ले लिया.

फिर दो दिन बाद जब वो आई.. तो मैंने उससे पूछा कि क्यों घर पर बताकर आई हो ना? तो उसने कहा कि हाँ में बताकर आई हूँ और फिर मैंने उसको घर के अंदर बुला लिया और घर का दरवाज़ा बंद कर दिया.. वो मेरे घर पर 2 दिन और 3 रातों के लिए आई थी. मेरा मतलब है वो शाम को जब मेरे घर पर आई तो तब से ही वो मेरे घर पर अगले 2 दिन के लिए रुकने वाली थी. तो वो जैसे ही अंदर आई.. मैंने उससे कहा कि शांति में नहाने जा रहा हूँ.. तुम जब तक टी.वी देखो और फिर में नहाने चला गया.

फिर जब में वापस आया तो मैंने उससे कहा कि अब तुम भी नहा लो और तुम्हारे जो नए कपड़े है उनको पहन लो और तैयार हो जाओ. तो वो बोली कि ठीक है साहब और मैंने उससे कहा कि तुम अपनी चूत के बाल भी साफ कर लेना और मैंने रेज़र वहीं पर रखा है. फिर वो बोली कि ठीक है साहब और नहाने चली गई और में वहीं पर बैठा उसका इंतजार कर रहा था. फिर करीब 20 मिनट के बाद वो नहाकर बाहर आई और जब वो बाहर आई तो उसके बाल खुले थे और उसको देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता था कि वो एक काम वाली बाई है और मैंने उससे कहा कि तुम तो बहुत सुंदर लग रही हो और में जब उसके पास गया तो उसके पास से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी और बाई वाली बदबू उससे बहुत दूर जा चुकी थी और मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और किस करने लगा. फिर जब मैंने उसको छोड़ा तो वो बोली कि साहब मुझे खाना भी तो बनाना है? तो मैंने उससे कहा कि ठीक है तुम तब तक खाना बनाओ और जब तक में आईसक्रीम लेकर आता हूँ और फिर में वहां से हम दोनों के लिए आईसक्रीम लेने निकल गया और वो भी खाना बनाने किचन में चली गई. फिर में करीब 20 मिनट के बाद आया तो उस टाईम तक उसका काम भी बस खत्म ही हो रहा था और में सीधे किचन में गया और उसको जाकर पीछे से पकड़ लिया और वो रोटी बना रही थी और वो एकदम से डर गई.

फिर हम लोगों ने साथ में खाना खाया और फिर जब हमारा खाना पीना खत्म हो गया तो मैंने उससे कहा कि चलो टी.वी देखते देखते आईसक्रीम खायेगें. तो वो बोली कि साहब आप चलो में बस 5 मिनट में आती हूँ और फिर मैंने कहा कि ठीक है और में बाहर कमरे में जाकर बैठ गया. तो करीब 5 मिनट के बाद वो आई और आईसक्रीम भी साथ में लेकर आई और उसने कहा कि साहब अब क्या करना है? तो मैंने उसको अपने पास बैठा लिया और फिर मैंने उसको एक किस किया और बोला कि अब हम एक साथ आईसक्रीम खायेगें और फिर उसने एक प्लेट में आईसक्रीम निकाली और फिर मैंने उसके हाथ में से आईसक्रीम ले ली और में उसको किस करने लगा और फिर थोड़ी देर तक उसको किस करता रहा और में उसके बूब्स को धीरे धीरे से मसलने दबाने लगा.. तो उसने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली. फिर मैंने उससे कहा कि जब तक में ना कहूँ तुम आँखें बंद ही रखना.. समझी? वरना तुम शर्त हार जाओगी. तो वो बोली कि ठीक है साहब और वो शरमाते हुए आँखें बंद करके खड़ी थी.

तभी मैंने देखा कि उसके गाल धीरे धीरे लाल हो रहे थे और होंठ काँप रहे थे और उसने दोनों हाथों को सामने अपनी जवान चूत के पास समेट रखा था.. मैंने हल्के से पहले उसके माथे पर एक छोटा सा चुंबन किया.. लेकिन अभी मैंने उसे छुआ भी नहीं था.. उसकी दोनों आँखें बंद थी. फिर मैंने उसकी दोनों पलकों पर बारी बारी से चुंबन किया फिर मैंने उसके गालों पर आहिस्ता से बारी बारी से चूमा.. उसकी आँखें बंद थी.. लेकिन इधर मेरा लंड तनकर लोहे की तरह खड़ा और सख़्त हो गया था. फिर मैंने उसकी गर्दन पर चुंबन लिया और अब उसने आँखें खोली और सिर्फ़ पूछते हुए कहा कि साहब? तभी मैंने कहा कि शांति शर्त हार जाओगी आँखें बंद रखो. तो उसने झट से आँखें बंद कर ली और में समझ गया कि लड़की तैयार है बस अब मज़ा लेना है और चुदाई करनी है और मैंने अबकी बार उसके थिरकते हुए होठों पर हल्का सा चुंबन किया.. अभी तक मैंने उसे छुआ नहीं था. तो उसने फिर से आँखें खोली और मैंने हाथ के इशारे से उसकी पलकों को फिर ढक दिया और अब में आगे बढ़ा उसके दोनों हाथों को सामने से हटाकर अपनी कमर के चारों तरफ घुमाया और उसे अपनी बाहों में समेटा और उसके काँपते होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमता रहा और कसकर चूमा.

अब की बार क्या नरम होंठ थे मानो शराब के प्याले हों. मैंने होठों को चूसना शुरू किया और उसने भी जवाब देना शुरू किया. उसके दोनों हाथ मेरी पीठ पर घूम रहे थे और में उसके गुलाबी होठों को बहुत ज़ोर ज़ोर से चूस चूसकर मज़ा ले रहा था. तभी मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूचियाँ जो कि तन गयी थी.. मेरे सीने पर दब रही हैं और बाएँ हाथ से में उसकी पीठ को अपनी तरफ दबा रहा था.. जीभ से उसकी जीभ और होठों को चूस रहा था और दाएँ हाथ से मैंने उसकी साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया. फिर मेरा हाथ अपने आप उसकी दाईं चूची पर चला गया और उसे मैंने ज़ोर से दबाया. वाह क्या बूब्स थे? मलाई थे बस मलाई और अब मेरा लंड फूँकारे मार रहा था. तो बाएँ हाथ से मैंने उसके चूतड़ को अपनी तरफ दबाया और उसे अपने लंड को महसूस करवाया.. दोस्तों शादीशुदा लड़की को चोदना बहुत आसान होता है क्योंकि उन्हे सब कुछ आता है और बिल्कुल भी घबराती नहीं हैं. फिर ब्रा तो उसने पहनी ही नहीं थी और ब्लाउज के बटन पीछे थे. मैंने अपने हाथों से उन्हे खोल दिया और ब्लाउज को उतार फेंका दोनों बूब्स जैसे क़ैद थे एकदम उछलकर हाथों में आ गए.. एकदम सख्त.. लेकिन मलाई की तरह प्यारे भी. तो मैंने साड़ी को खोला और उतार फेंका बस अब बचा भी क्या था? वो खड़ी नहीं हो पा रही थी और में उसे हल्के हल्के खीचते हुए अपने बेडरूम में ले आया और लेटा दिया और अब मैंने कहा कि शांति रानी अब तुम आँखें खोल सकती हो.

तो वो शरमाते हुए बोली कि आप बहुत पाजी है साहब और उसने आँखें खोली और फिर बंद कर ली.. तो मैंने झट से अपने कपड़े उतारे और नंगा हो गया और मेरा लंड पहले से ही तनकर उछल रहा था.. मैंने उसका पेटीकोट जल्दी से खोला और खींचकर उतार दिया. तभी मैंने देखा कि उसने कोई पेंटी नहीं पहनी हुई थी और मैंने उसे बात करने के लिए कहा कि यह क्या तुम्हारी चूत तो नंगी है? क्या तुम पेंटी नहीं पहनती? तो उसने शरमाते हुए कहा कि नहीं साहब.. सिर्फ़ एम.सी में पहनती हूँ और साहब पर्दे खींचकर बंद करो ना.. बहुत रोशनी है. तो मैंने झट से पर्दों को बंद किया जिससे थोड़ा अंधेरा हो गया और उसके ऊपर लेट गया.. उसके होठों को कसकर चूमा.. दोनों हाथों से चूचियाँ दबाई और एक हाथ को उसकी चूत पर घुमाया तो उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल बहुत अच्छे लग रहे थे और थोड़ा सा नीचे आते हुए उसके बूब्स को मुँह में ले लिया. वाह क्या रस था? लेकिन बस मज़ा बहुत आ रहा था. अपनी एक उंगली को उसकी चूत की दरार पर घुमाया और फिर उसकी चूत में घुसाया. उंगली ऐसे घुसी जैसे मक्खन में छुरी.. चूत गरम और गीली थी और उसकी सिसकियाँ मुझे और भी मस्त कर रही थी.

फिर मैंने उसे छेड़ते हुए कहा कि शांति रानी अब बोलो क्या करूँ? तो वो बोली कि साहब अब और मत तड़पाओ.. बस अब कर दीजिए.. उसने सिसकियाँ लेते हुए कहा. तो मैंने कहा कि ऐसे नहीं बोलना होगा मेरी जान. तो उसने मुझे अपने करीब खींचते हुए कहा कि साहब डाल दीजिए ना. तो मैंने थोड़ी शरारत से कहा कि क्या डालूं और कहाँ पर डालूं? दोस्तों चुदाई का मज़ा सुनने में भी बहुत है. फिर वो बोली कि डाल दीजिए ना अपना यह लंड मेरे अंदर और मेरे होठों से अपने होंठ चिपका दिए और इधर मेरे हाथ उसकी चूचियों को मसलते ही जा रहे थे.. कभी जोर से दबाते, कभी मसलते, कभी में चूचियों को चूसता, कभी उसके होठों को चूसता और अब मैंने कह दिया कि हाँ रानी और अब मेरा यह लंड तेरी चूत में घुसेगा.. बोलो क्या चोद दूँ? वो बोली कि हाँ हाँ चोद दीजिए साहब.. बस जल्दी से चोद दीजिए और वो एकदम गरम थी. फिर क्या था.. मैंने लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोर का धक्का देकर घुसा दिया अंदर वो एकदम ऐसे घुसा जैसे चूत मेरे लंड के लिए ही बनी थी.

दोस्तों.. फिर मैंने हाथों से उसकी चूचियों को दबाते हुए होठों से उसके गाल और होठों को चूसते हुए चोदना शुरू किया और बस चोदता ही रहा और मेरा ऐसा मन कर रहा था कि चोदता ही रहूं और मैंने बहुत ज़ोर ज़ोर से चोदा. चोदते चोदते मन ही नहीं भर रहा था.. क्या चीज़ थी यारों? बड़ी मस्त थी.. उछल उछलकर चुदवा रही थी. फिर वो बोली कि साहब आप बहुत अच्छा चोद रहे हैं.. चोदो और चोदो.. चोदना बंद मत कीजिए और उसके हाथ मेरी पीठ पर कस रहे थे. उसने दोनों पैर मेरी चूतड़ पर घुमा रखे थे और चूतड़ से उछल रही थी और चुदवा रही थी और में पूरे जोश से चोद रहा था. में भी उसके कहने से भी रुक ना सका और बोला कि शांति रानी तेरी चूत तो चोदने के लिए ही बनी है रानी क्या चूत है? बहुत मज़ा आ रहा है और बोल ना कैसी लग रही है मेरी यह चुदाई?

साहब रुकिये मत.. बस चोदते रहिए और चोदो और ज़ोर से चोदो. इस तरह हमने ना जाने कितनी देर तक मज़े लेते हुए बहुत कस कसकर चोदते हुए झड़ गये.. क्या चीज़ थी? शायद एकदम चोदने के लिए ही बनी थी दोस्तों.. मन भरा ही नहीं था. तो 20 मिनट बाद मैंने फिर से अपना लंड उसके मुँह में डाला और बहुत देर तक चुसवाया. हमने 69 पोज़िशन ली और जब वो लंड चूस रही थी तो मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदना शुरू किया. दोस्तों बड़ी अजीब सी बात है ना.. किसी दूसरी औरत को चोदने में बड़ा मज़ा आता है और खासकर दूसरी बार तो इतना मज़ा आया कि में बता ही नहीं सकता? क्योंकि में अबकी बार बहुत देर तक चोदता रहा और लंड को झड़ने में बहुत समय लगा और मुझे और उसे भरपूर मज़ा देता रहा.

फिर कपड़े पहनने के बाद मैंने कहा कि शांति रानी बस अब चुदवाती ही रहना है वरना यह लंड तुम्हे तुम्हारे घर पर भी आकर चोदेगा. तो वो बोली कि साहब आपने इतनी अच्छी तरह चुदाई की है. में भी अब हर मौके पर आपसे ही चुदवाऊंगी.. चाहे आप पैसे ना भी दो तो भी चलेगा. फिर कपड़े पहनने के बाद भी मेरे हाथ उसकी चूचियों को हल्के हल्के मसलते रहे और में उसके गालों और होठों को चूमता रहा. एक हाथ उसकी चूत पर चला जाता था और हल्के से उसकी चूत को दबा देता था. फिर वो बोली कि साहब अब मुझे जाना होगा और यह कहकर वो उठी तो मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और कहा कि रानी एक बार और चोदने का मन कर रहा है.. कपड़े नहीं उतारूँगा. दोस्तों सच में लंड खड़ा हो गया था और चोदने के लिए में फिर से तैयार था और मैंने उसे झट से नीचे लेटाया साड़ी उठाई और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.. अब की बार खचाखच चोदा और कसकर चोदा और बहुत चोदा और चोदता ही रहा. चोदते चोदते पता नहीं कब लंड झड़ गया और मैंने कसकर उसे अपनी बाहों में कस लिया और फिर लंड ऐसे ही डाले रहा ..

The post कामवाली की चुदाई appeared first on .

चुदासी भाबी की चुदाई

$
0
0

एम एस एस के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार…

मुझे “एम एस एस” की कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है!!

सही पूछो, तो मैं एम एस एस का बहुत बड़ा फ़ैन हूँ… …

पहले मुझे ये सब झूठ लगता था कि कहीं ऐसा भी होता है… ?? पर एक दिन कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ जिसे मैं आप लोगों के सामने रख रहा हूँ…

यकीन है, आप लोगों को बहुत मज़ा आएगा… …

अब मैं अपने बारे में बताता हूँ।

मेरा नाम सूरज है। उम्र 28 साल, रंग गोरा और मैं वाराणसी का रहने वाला हूँ।

ये कहानी मेरी भाभी “सपना” के साथ है!!!

वो देखने में बिल्कुल एक “परी” जैसी हैं और क्या फिगर है उनका “36-28-36″

जो एक बार ध्यान से उन्हें देख ले, उसका तो खड़े खड़े ही पानी निकल जाए!!!

खैर, अब मैं कहानी पर आता हूँ…

मेरे भाई की शादी कुछ साल पहले हुई थी और मेरे आस पड़ोस में शादी के बाद से मेरी भाभी की सुंदरता के बड़े ही चर्चे थे… …

इधर मैं अपनी भाभी का दुलारा देवर था क्यूंकी हम दो ही भाई थे और मैं उनको बहुत ही मानता था पर मेरे मन में उनके लिए कभी भी कोई ग़लत विचार नहीं था…

हम लोग अपनी दुनिया में खुश थे और मेरा कॉलेज का फाइनल एग्जाम चल रहा था।

मैं रात भर पढ़ाई करता था ताकि मेरे मार्क्स अच्छे आएँ!!

एक दिन पढ़ते समय मुझे नींद आ रही थी, तो मैंने सोचा की जाकर मुँह धो लूँ और मूत भी लूँ…

मैं उठकर अपना जाने लगा पर मुझे भाभी के कमरे में कुछ हलचल सुनाई दी और मैं उनके कमरे की तरफ चल दिया!!

करीब जाकर मैंने देखा कि भाभी अपनी साड़ी को उठा रखी हैं और अपनी चूत में उंगली कर रही हैं… …

पहले तो मुझे ये सब अजीब लगा पर जवान तो मैं भी था मेरे अंदर भी कुछ होने लगा और मैं अपने लण्ड को पकड़कर वहीं सहलाने लगा और भाभी की “सेक्सी अदाओं” को देखकर मूठ मारने लगा!!!

मैं ये भी भूल गया की मैं भाभी के रूम के बाहर ही खड़ा हूँ और भाभी ने भी मुझे देख लिया और तुरन्त बाहर आ गईं।

अब मेरी उनसे नज़र ही नहीं मिल रही थी।

उल्टा मैं डर रहा था कि वो ये सब घर वालों को बता देंगी पर उन्होंने पूछा – तुम यहाँ क्या कर रहे हो? और मेरे चेहरे की तरफ एकटक देखने लगीं…

मेरी नज़र मिलाने की हिम्मत ही नहीं हो रही थी और मैं चुपचाप अपने रूम में चला गया… …

अगले दिन मैं जल्दी से उठा और अपना अगला पेपर देने चला गया और जब दोपहर को लौटा तो भाभी का “अंदाज” कुछ बदला बदला लग रहा था… …

शाम हुई सब लोगों ने खाना खाया और मैं बैठकर टीवी देखने लगा और टीवी पर “ए एक्स एन” लगा लिया…

उस पर टाइटैनिक मूवी आ रही थी, वो मुझे बहुत ही पसंद है।

कुछ देर में भाभी भी आकर मेरे पास ही बैठ गईं!!!

कुछ देर बाद मूवी में शुरू हुआ “किस्सिंग सीन” और उसे देख कर मेरा लण्ड अपने आकार में आने लगा!!!

अभी कुछ ही देर हुई थी कि मूवी में हेरोइन ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और “सेक्सी अंदाज” में एक दूसरे को चूमने लगे…

अब मेरे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ… ??

मैं वहाँ से उठकर जाने लगा तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपने ऊपर खींच लिया…

मैं कुछ समझ पता इससे पहले ही उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख कर उन्हें ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया…

मैं भी उनका साथ देने लगा और मैंने भी उनके बूब्स को पकड़कर मसलना शुरू कर दिया!!!

उन्हें सेक्स का सुरूर छाने लगा और वो रिक्वेस्ट करने लगी – प्लीज़, सूरज मेरी प्यास बुझा दो… मैं कब से भूखी हूँ…

मैं भी “भूखे भेड़िए” की तरह उन पर टूट पड़ा और करीब आधे घंटे तक हमारा सेक्स का दौर चला… …

उस दिन के बाद तो मेरी दुनिया ही बदल गई!!! !!

अब तो हम दोनों जब भी घर में कोई नहीं होता भरपूर मज़ा लेते हैं… !!

भाभी की मेहरबानी से मैंने पड़ोस की एक आंटी को भी सेक्स का मज़ा दिया…

The post चुदासी भाबी की चुदाई appeared first on .

पहली चुदाई बॉयफ्रेंड के साथ

$
0
0

हेलो फ्रेंड, मेरा नाम रिया है और मैं छपरा बिहार की रहने वाली हु. मैंने इस वेबसाइट पर बहुत सी स्टोरीज पड़ी है और आज मैं अपने जीवन की एक सच्ची कहानी आप लोगो के साथ शेयर करने जा रही हु. के कहानी मेरी यहाँ पर फर्स्ट कहानी है. अगर प्लीज कोई मिस्टेक हो जाए, तो मुझे माफ़ कर दीजियेगा. आई हॉप, आप लोगो को मेरी पहली चुदाई की कहानी पसंद आये. ये कहानी कुछ मंथ पहले की है. सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता देती हु. मैं फेयर कोम्प्लेशन वाली १८ इयर की लड़की हु और मेरी हाइट ५.५ फिट है और फिगर ३२ – २८- ३४ है और मेरा एक बॉयफ्रेंड है, जिसका नाम मैं बता नहीं सकती अभी. यहाँ मैं उसको सोनू बुला लुंगी. वो १९ साल का है और उसके लंड ६ इंच लम्बा और २ इंच मोटा है. वो थोड़ा काला है, लेकिन बहुत मस्त है.

तो बात मार्च की है, कि मेरे कॉलेज में समर वेकेशन चल रही थी. जिस वजह से मैं घर में ही रहती थी. हमारे रिलेशन को करीब २ साल हो चुके थे, मगर बात किस से आगे नहीं बड़ी थी. पहले मुझे चुदाई में कोई खास इंटरेस्ट नहीं था और मुझे ये बहुत गन्दा लगता था. मैंने सोचा था, कि अपनी सुहागरात पर ही तुद्वाऊगी बट सेक्स की आग ने मुझे पहले ही कली से फूल बना दिया. वेकेशन थे, इसलिए मैं घर पर रहती थी, नेट सर्फिंग करते हुए मुझे पोर्न विडियो मिले और मुझे वो इन्तेरेस्तिंग लगे. फिर मैं इस वेबसाइट पर डेली स्टोरीज पढ़ने लगी. पहले तो मुझे बहुत अजीब फील होता था. या ये बोलू, कि मैं अब काम वासना में जलने लगी थी. पहले तो मैं अपनी चूत को रगड़ कर शांत कर लेती थी. मगर ये आग हर दिन बुझाने के बजाय भड़कती ही जा रही थी. अपने रिलेशनशिप के बारे में बता दू, एकदम नार्मल है और वो मुझे फ्रेंड की तरह ही ट्रीट करता है. मैंने सोनू के साथ किस के अलावा कुछ भी नहीं किया.. ना ही कभी सेक्स चैट की. इसलिए मैं उस से इसके बारे में बात करती हुई शर्माती थी.

फिर एक दिन हमने मिलने का प्रोग्राम बनाया और मैं घर से फ्रेंड के घर जाने का बहाना करके निकली. हम पार्क में मिले शाम का टाइम था, इसलिए कोई ज्यादा लोग भी नहीं थे. फिर उसने कहा, कि मुझे हग करना है. दोस्तों, मेरे लिए तो वो बहुत हसीं मोमेंट था, जब वो मुझे हग कर रहा था. उसका लंड मेरी चूत में सटने लगा था. सेक्स में इंटरेस्ट आ जाने के बाद, मुझे वो बहुत अच्छा लग रहा था. मैं अपनी चूत को रगड़ने लगी और उसमे से पानी रिसने लगा. उसे ये फील हुआ और वो बहुत दूर हो गया. फिर मैंने उसे किस करना स्टार्ट किया और वो मुझे बहुत मज़े से किस कर रहा था. मैं भी पागल हो रही थी. उसने अपना एक हाथ मेरे लेफ्ट बूब पर रखा और धीरे – धीरे से दबाने लगा. फिर पता नहीं उसने क्या सोचा और अपना हाथ हटा लिया. मैंने पूछा – क्या हुआ? जान करो ना प्लीज. तो उसने कहा – नहीं, तुम बुरा मान जाओगी. फिर मैंने कहा – अगर अब नहीं करोगे, तो बुरा मान जाउंगी.

वो फिर से मेरे बूब्स को दबाने लगा और हम लोग इतने ज्यादा सट गए, कि बीच में से हवा भी नहीं पास हो सकती थी. क्या बताऊ दोस्तों, मैंने लाइफ में फर्स्ट टाइम उस फीलिंग को एन्जॉय किया था. हम लोग किस करने में इतने मस्त थे, कि टाइम का पता नहीं चला. अँधेरा गहरा हो जाने के बाद, वहां पुलिस ने चक्कर लगाने शुरू कर दिए थे. पार्क में से हम दोनों जाना नहीं चाहते थे, बट मज़बूरी में जाना पड़ा था उस दिन. फिर तो लोगो ने फ़ोन सेक्स भी करना शुरू कर दिया था. मेरी चूत से बहुत ज्यादा पानी रिसता था, मैं ऊँगली डालती, तो बहुत दर्द होता था मुझे. मैं ये बात उस से कहती, तो वो कहता. टेंशन मत लो.. मैं भी अभी तुम्हारी याद में ही जोर – जोर से मुठ मार रहा हु. कुछ दिन तक इसे ही चला और हम लोग रात भर फ़ोन सेक्स करते. एकदिन उसने मुझसे कहा, कि जान कल सुबह रेडी हो कर आ जाना. कल हम लोग सुहागरात मनाएंगे. आई क्नो, कि ये गलत है. पर तुम चिंता मत करना. मैं तुमसे ही शादी करूँगा. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु. मैंने पहले से ही सोच रखा था, कि हम पहले शादी करेंगे और उसके बाद सुहागरात. लेकिन अब मुझसे रुका नहीं जा रहा है.

मैं बहुत खुश थी. पर डर भी रही थी, कि ये मेरा फर्स्ट टाइम सेक्स था. मुझे पता था, कि पहली बार सेक्स में बहुत तकलीफ होती है. मैं मन ही मन में उसके लंड को इमेजिन कर रही थी और उस रात मुझे एक्स्सित्मेंट के कारण नीद भी नहीं आई. अगले दिन मैं रेडी हुई और वो मेरे घर आ गया. फिर वो बाइक पर मेरा वेट करने लगा था. मैंने पहले ही दिन मम्मी को बता दिया था, कि प्रोजेक्ट के सिलसिले में कॉलेज जाना होगा और मैं उसके साथ बाइक पर एकदम चिपक कर बैठ गयी. मेरे चुचे उसकी पीठ में गड रहे थे. उसने कहा – क्या बात है जान? आज पहली बार ऐसे बैठी हो. मैंने बस – आई लव यू कहा और उसके कंधे पर किस कर दिया. फिर मैंने पूछा – हम लोग कहाँ जा रहे है? तो उसने कहा – मैंने एक रिसोर्ट में कमरा बुक किया है. रूम का नाम सुनते ही, मेरा गीला होने लगा. गाइस आप लोग बोर तो नहीं हो रहे हो ना.. चुदाई का वेट करते – करते… तो प्लीज माफ़ी चाहती हु… चुदाई की असली कहानी तो अब शुरू होगी.

हम लोग वहां पहुचे और रूम में आ गए. उसने दूर बंद किया और फिर मेरे बगल में आके बैठ गया. उसने कहा – जान, ये मेरा फर्स्ट टाइम है. अगर कोई कमी हो तो प्लीज बता देना. नेक्स्ट टाइम उसे दूर कर लूँगा. बट मैं तुम्हारे लिए सिख कर आया हु. मैंने कहा – जान, ये तो मेरा गुड लक है, कि तुम सिर्फ मेरे हो. ऐसे कहते हुए, मैंने उसके गाल पर एक किस कर दिया. उसने मुझे फॉरहेड पर किस किया. फिर उसने मेरे चेहरे को पकड़ा और मेरे पुरे चेहरे पर किस किया. अब उसने मेरे लिप्स को अपने लिप में लेकर लिप लॉक कर दिए और हम लिप लॉक में डूब गये. वो मेरी चूची को ऊपर से ही मसलने लगा और मेरे मुह से सिसकारी निकलने लगी. फिर वो मेरे नेक पर किस करने लगा. ये सब मैंने बस फिल्म में देखा था और आज मेरे साथ रियल में हो रहा था. फिर वो मेरी कमीज़ उतारने लगा. मैंने कहा – मुझे शरम आ रही है. वो मुझ पर हसने लगा और फिर उसने लिफ्ट ऑफ कर दी. उसने कहा – अब ठीक है? मैंने कहा – हाँ. अब आओ. उसने मेरी कमीज़ उतार दी और फिर टेप के ऊपर से ही मेरी चूची को मसलने लगा. अब मेरी आँखे बंद हो रही थी.

फिर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे टेप को निकाल दिया. धीमी – धीमी रौशनी में मेरे गोरे – गोरे बूब्स चमक रहे थे. वो दो मिनट तक उनको देखता रहा और फिर धीरे – धीरे उनको दबाने लगा. वो पूरी बॉडी पर पर और फेस पर किस कर रहा था. जब वो नैक को चाट रहा था, तो मेरी सिसकारी निकलने लगी थी. फिर मैंने उसका शर्ट, पेंट सब कुछ एक ही झटके में उतार दिया. मैं उसका लंड देखना चाहती थी. मगर वो छुपा रहा था. फाइनली मैंने देख ही लिया. पूरा खड़ा हो चूका था उसका लंड.. उसकी नसे निकल रही थी.. सुपाडा एकदम फुल कर लाल हो गया था. बहुत ही ज्यादा अट्रेक्टिव लग रहा था. फिर उसने मेरे बूब्स को चुसना स्टार्ट कर दिया. आई थिंक यही एक चीज़ है, जो फीमेल को बहुत ज्यादा पसंद आती है. चूत चटवाने से भी ज्यादा. वो एक को दबाता और दुसरे को चूसता. ऐसे करते – करते मैं एकदम गरम हो गयी थी. वो पूरा गरम हो चूका था. उसकी गरम साँसे जब मेरी बॉडी पर लगती, तो एक अजीब सी गुद्गुद्दी मेरी चूत में होने लगती थी.

फिर उसने मेरी चूत को देखा और कहा – जान, गुलाबी – गुलाबी सी ये चीज़ कितनी सुंदर है. तुमसे भी ज्यादा सुंदर. फिर वो अपने एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा. उसका हाथ लगते ही, मुझे कुछ लिक्विड सा निकलता हुआ महसूस हुआ. शायद मैं झड चुकी थी. वो मेरी चूत के दाने को मसल रहा था. मैं आनंद के मारे अहहाह अहहाह उम्म्म्म उम्म्म्म बेबी… बेबी किये जा रही थी. फिर मैं भी एक हाथ से उसका लंड दबाने लगी थी. उसमे से अजीब टाइप का कुछ फ्लो हो रहा था. मुझे थोड़ा अन्कोम्फ़ोर्ताब्ल लग रहा था. मगर सेक्स के प्लेजर में सब कुछ भूल गयी थी. उसने कहा, कि जान रेडी हो जाओ. अब हम दोनों एक जिस्म दो जान बनने जा रहे है. मैं सीधे लेट गयी वो मेरे ऊपर सोया. फिर उसने अपना लंड मेरे चूत पर सेट किया और एक हल्का सा धक्का मारा. गीला होने के वजह से वो सेट हो गया. मगर अन्दर नहीं जा रहा था. उसने एक और धक्का मारा और लंड फिसल कर बाहर निकल आया. उसने दौबारा सेट किया.

और मुझे सोरी कहते हुए जोरदार धक्का मारा. लंड का सुपाडा अन्दर घुस गया. मुझे बहुत जोर से दर्द हुआ और ऐसा लगा, कि किसी ने गरम लोहे की रॉड मेरे चूत में डाल दी हो. उसने थोड़ा अन्दर और पेला, तो लंड आधा तक अन्दर चले गया. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मैं जोर से चीखी…. मम्मी… अहह्हहः अहहहः प्लीज निकालो…. निकालो… मैं मर जाउंगी… उसने कहा – जान.. प्लीज थोड़ा सा… उसे भी दर्द हो रहा था.. उसके चेहरे से साफ़ पता चल रहा था. उसने मेरे होठो को अपने होठो में भर लिया और चूसने लगा. दर्द के कारण मेरे आंसू निकल आये थे. उसने वो अपनी जीभ से चाट कर साफ़ कर दिए. दर्द की वजह से मेरा जिस्म काप रहा था. वो मेरे ऊपर सोया था और मैं नीचे से उसका लंड मेरी चूत में घुसा हुआ था. कुछ देर के बाद जब मैं नार्मल हुई, तो उसने हिलाना स्टार्ट किया. लंड मेरी सील तोड़ता हुआ अन्दर तक जा पंहुचा. उसका लंड अन्दर बाहर हो रहा था. एक अजीब सा दर्द हो रहा था. मुझे मगर उस दर्द का मज़ा आ रहा था. वो बस अन्दर बाहर करता गया और मैं अहः अहहाह उम्म्म उम्म्म्म म्मम्म म्य्य्यय्य्य्य बेबी…. प्लीज माय्य्य्यय्य बेबी…. लव यू…. उम्म्म्म उम्म्म्मम्म उम्म्म्म अहहः अहहः करके चीख रही थी.

फिर उसने अपने धक्को की स्पीड बड़ा दी और उसका लंड मेरी चूत में पूरी जड़ तक जा रहा था. मैंने देखा, कि मेरी चूत का दाना फुल चूका था और चुचे भी फुल कर गुब्बारा बन गये थे. वो बीच – बीच में अपनी ऊँगली से दाने को रगड़ रहा था और उनको चूस भी रहा था. कभी मेरे होठो को… मैं सिस्कारिया ले रही थी. मैं पागल हुए जा रही थी और करीबन १० मिनट की चुदाई के बाद, मुझे मेरी बॉडी में सिहरन हुई और मेरे चूत से ढेर सारा पानी निकला. मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और वो मुझे किस करने लगा. वो अभी भी नहीं झड़ा था, इसलिए उसने धक्के मारने जारी रखे और चूत लबालब भर गयी थी, इसलिए फच फच फच फच की आवाज़े आ रही थी उसके और मेरे चूत के टकराने से. ५ मिनट बाद, वो तेजी से चोदने लगा और कुछ देर बाद, मुझे कुछ गरम सा महसूस हुआ, वो झड़ चूका था. हम फ़ोनों पसीने से लथपथ थे. जब वो मुझसे अलग हुआ तो मैं उठ गयी. मैंने देखा, कि पूरा बिस्तर खून और कामरस से भीगा हुआ था. मेरी चूत भी फुल गयी थी और खून लगा था. उसके लंड पर भी खूब लगा था. कुछ देर बाद, मैंने उसको कहा – मुझको सुसु करनी है.

तो उसने मुझे उठाया और बाथरूम ले गया. मैंने कहा – आँखे बंद कर लो. तो उसने बंद कर ली और फिर मैंने मूतना स्टार्ट कर दिया. उसकी आवाज़ सुनकर उसने अपनी आँखे खोल ली और मुझे शर्म तो आयी, लेकिन मैं क्या कर सकती थी. मैंने मुझे फिर से उठाया और बाथरूम से बाहर ले आया. फिर वो एक मग में पानी ले आया और मेरी चूत को धोने लगा. उसके हाथ लगते ही, मैं फिर से गरम होने लगी और उसने पहले मेरी चूत को किस किया और फॉर उसके दाने को चाटने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था. वो अपनी जीभ से चाट रहा था. जीभ को छेद के अन्दर डाला रहा था. मैं अहहाह अहहाह उम्म्म्म उम्म्म्म म्मम्म अहहहः हाहाहा.. मैं उसके बालो को नौच रही थी. मुझे बहुत दर्द हो रहा था… इसलिए दौबारा चुदवाने की हिम्मत नहीं हुई. मुझसे चला भी नहीं जा रहा था. एक घंटा हम दोनों चिपक कर सोये और फिर उठ कर रेडी हुए और घर आ गये. उसके बाद नार्मल होने में, मुझे ५ दिन लग गये.

उसके बाद हम दोनों की लाइफ पूरी चेंज हो गयी. हम पहले से ज्यादा क्लोज हो गये और जहाँ मौका मिलता, हम किस कर लेटे और बूब्स दबाने और ऊँगली करने लग जाते. इसके बाद मैं ३ बार और उस से चुदवा चुकी हु. मैंने उसका लंड भी चूसा है और वो मुझे बहुत मज़े देता है. अब मेरी चूत भी थोड़ी खुल चुकी है और दर्द ज्यादा नहीं होता है. अब मैं भी मज़े से उस से चुद्वाती हु.. बैठ कर सेक्स करना मुझे बहुत पसंद है. इस तरह से लंड पूरा अन्दर जाता है और ठोकता है. मैं उसके लंड की दीवानी हो चुकी हु. वो भी मेरी चूत का दीवाना है. तो गाइस, ये थी मेरी पहली चुदाई की स्टोरी… प्लीज मुझे जरुर बताना, कि आप लोगो को कैसी लगी….

The post पहली चुदाई बॉयफ्रेंड के साथ appeared first on .

Viewing all 1490 articles
Browse latest View live