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दीदी के साथ सेक्स चाटिंग

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दीदी ने लैपटॉप ऑफ किया और मम्मी के पास जाके बातें करने लगी मैं धीरे से अलमारी के पीछे से निकला और कैमरा उठाया और उसे चेक करने लगा की क्या 2 रिकॉर्ड हुआ है कैमरा ओन किया तो मेरी ठुक गयी उसमे बैटरी लो का साइन आ रहा था मैंने उसे चार्जिंग पे लगाया और विडियो क्लिप देखि वो 57 mins की थी मैंने सोचा ये क्या हुआ इतनी छोटी क्लिप केसे हो गयी क्योंकि कैमरा तो बहुत पहले ही एडजस्ट कर दिया था मैंने उस क्लिप को प्ले करके देखा एंड के 27 मीन्स की क्लिप में काम का बस ये रिकॉर्ड हुआ था दीदी आयी लैपटॉप ओन किया स्क्रीन पे फ्लाइंग किस्स किया बस यहाँ तक रिकॉर्ड हुआ था फिर कैमरा ऑफ हो गया था मुझे फिर इतना गुस्सा आया की मैंने बैटरी क्यू नहीं चेक की पहले फिर मैंने उस क्लिप को लैपटॉप मे डाला और जब दीदी पासवर्ड डाल रही थी तब zoom करके क्लिप को बार 2 pause कर कर के देखा और मुझे मजा आ गया क्योंकि मुझे दीदी का पासवर्ड मिल चूका था उनका पासवर्ड था ” I love you janu ” अब मैंने browsing हिस्ट्री चेक की पहले दीदी ने gmail खोला था तो मैंने दीदी की ID डाली और पासवर्ड बॉक्स में I love you janu डाला और उनका अकाउंट ओपन हो गया मैं खुद पर बहुत फक्र महसूस कर रहा था अब मैंने उनकी chats चेक की दीदी की और उनके bf से ये chats थी :-

raj2002 – hi जानेमन केसी हो …
priti214 – अच्छी हु जानू तुम केसे हो …
raj2002-बस तुम्हे याद कर रहा हु जान I love u so much
priti214 – I love u 2 so much जानू
raj2002- क्या पेहेन रखा है जान तुमने अभी
priti214 – कपडे और क्या हा हा हा हा हा !
raj2002- ढंग से बताओ न जान क्या पेहेन रखा है अभी
priti214 – टी शर्ट और लोअर जानू
raj2002 – उसके अंदर क्या पेहेन रखा है मेरी जानेमन
priti214 – जो सब पहनते है वही और क्या
raj2002 – बताओ न जान प्लीज
priti214 – ब्रा और पेंटी जानू
raj2002 – कौनसे कलर की ब्रा और पेंटी पेहेन रखी है मेरी सेक्सी
priti214 – जानू ग्रे कलर की ब्रा है और ब्लैक और ग्रे स्ट्राइप्स वाली पेंटी है , क्यू तुम क्यू पूछ रहे हो
raj2002 – क्योंकि मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है जान , जान मैं 1 बात बोलू वो करोगी
priti214 – अच्छा जी बड़ी याद आ रही है हमारी जानती हु ना शैतान तुम्हे क्यू याद आ रही है
raj2002 – बताओ ना जान मैं 1 बात बोलू वो करोगी
priti214 – हा जानू बोलो ना
raj2002 – अपना 1 अच्छा सा विडियो बना के भेजो ना इन ब्रा पेंटी को उतारते हुए प्लीज
priti214 – पागल हो गए हो दिमाग ख़राब है क्या तुम्हारा
raj2002 – प्लीज जान प्लीज मेरे लिए भेजो ना प्लीज
priti214 – तुम पागल हो गए हो क्या लैपटॉप मेरे पापा भाई दोनों use करते है किसी ने कुछ देख लिया तो कुछ रह गया तो नहीं नहीं मैं नहीं करुँगी एसा कुछ भी
raj2002 – कुछ नहीं रहेगा जान मै सब डिलीट करवा दूंगा तुमसे भरोसा रखो किसी को कुछ नहीं मिलेगा
priti214 – नहीं यार राज समझा करो मै ये सब नहीं कर सकती और ना ही करना चाहती हु इसलिए ही मै तुमसे कही बाहर नहीं मिलती हू स्कूल के अलावा मै एसा कुछ नहीं करुँगी this is my final rply
raj2002 – ठीक है जान विडियो मत भेजो फोटो ही भेज दो खुद की 1 ब्रा पेंटी मे और 1 बिना ब्रा पेंटी के बिलकुल नंगी
priti214 – न मै कोई विडियो भेजने वाली हु न कोई फोटो ok मुझे इस तरह की demands अच्छी नहीं लगती है तो आगे मुझसे इस matter पे कोई बात मत करना ok

raj2002 – अरे जान तुम तो नाराज हो गयी अच्छा सॉरी अब कम से कम FB पे विडियो चैट पे तो आजाओ
priti214 – हां जानू अभी आती हु मम्मी को बाहर जाने दो
raj2002 – ok और मेरी सेक्सी उस दिन तो स्कूल मे मेरा खड़ा हो गया था पीछे से तुम्हारी ब्रा स्ट्रैप्स को देख के लेकिन क्या करू कुछ कर भी तो नहीं सकता था
priti214 – हा हा बड़े शरीफ हो तुम जो कुछ नहीं कर सकते थे बदमाश तो हो 1 नंबर के
raj2002 – क्यू जान मैंने क्या किया
priti214 – अच्छा उस दिन 5th पीरियड मे मेरी स्कर्ट मे हाथ डाल के मेरी पेंटी कौन चेक कर रहा था और किसने नीचे पेंसिल उठाने के बहाने मेरी स्कर्ट के अंदर देखा था की मै कौनसे कलर की पेंटी पेहेन के आयी हू बताना तो शैतान इंसान …
raj2002 – हा यार जान उस दिन तो मजा आ गया था तुम्हारी ब्लैक पेंटी बहुत सेक्सी लग रही थी ,और तुम भी तो शैतान हो जानेमन तुम भी तो मेरे लंड पे अपना हाथ फेर रही थी उस दिन डेस्क के नीचे
priti214 – ओये मै कोई हाथ नहीं फेर रही थी तुमने मेरा हाथ पकड़ के उस पे लगाया था और कहा था प्लीज प्लीज करके की थोड़ी देर सहला दो ना
raj2002 – हा हा तो क्या हुआ तुमने मेरा लंड तो सहलाया था ना केसा लगा था तुम्हे बताओ ना
priti214 – अच्छा लगा था लेकिन वो कितना गरम हो रहा था एसा क्यू
raj2002 – तुम अपनी चूत में ऊँगली डाल के देखो अभी वो भी गरम हो रही होगी हा हा हा हा हा हा
priti214 – चुप करो बदमाश
raj2002 – अरे तुमने वो विवेक सर और सिम्मी का matter सुना अपने स्कूल में
priti214 – नहीं तो क्यू क्या हुआ
raj2002 – अरे पता है विवेक सर हमेशा सिमी के डेस्क के पास जाके खड़े हो जाते थे और उसकी पूरी पीठ पर हाथ फेरते रहते थे और पूछते रहते थे होमवर्क कर लिया कॉपी चेक करवाली nd all…
priti214 – क्या !!!!! क्या बात कर रहे हो
raj2002 – हां फिर 1 दिन उन्होंने पीठ पे हाथ फेरते 2 सिम्मी के कंधो पे हाथ फेरा और उसकी ब्रा स्ट्रैप्स पकड़ ली
priti214 – हे भगवान !!!! फिर
raj2002 – हा यार फिर 1 दिन गेम्स पीरियड मे विवेक सर ने सारे बच्चो को गेम्स के लिए भेज दिया और सिम्मी से कहा की ये copies लेके स्टाफ रूम मे आजाओ
priti214 – फिर !
raj2002 – फिर वहा पर सर ने सिम्मी की स्कर्ट ऊपर कर दी और उसकी शर्ट जोर से खीची तो सिमी की शर्ट के ऊपर के 3 बटन टूट गए उसने जेसे तेसे अपने आप को छुड़ाया और भाग गयी प्रिंसिपल मैडम के चेम्बर मे और complain कर दी
priti214 – सही किया उसने एसे लोगो के साथ तो एसा ही होने चाहिए साले कमीने बस साले इधर उधर हाथ लगाने का मौका ढूंढ़ते है
raj2002 – -क्यू जान कभी तुम्हारे साथ भी एस कुछ हुआ क्या
priti214 – नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है
raj2002 – नहीं जान बताओ तुम्हे मेरी कसम है
priti214 – अरे यार पापा के 1 फ्रेंड है दिनेश अंकल वो काफी अच्छे फ्रेंड है पापा के वो करते है एसी हरकते इधर उधर हाथ लगाते रहते है

raj2002 – क्यू कहा 2 हाथ लगाया जान उन्होंने तुम्हारे
priti214 – अरे यार मैं जब भी उनके पैर छूती हु वो सर पे हाथ रख के आशीर्वाद नहीं देते पीठ पे हाथ रख के देते है हमेशा मेरी ब्रा के स्ट्रैप्स और हुक को फील करते है पीठ पे से फिर मेरी पीठ से अपने हाथ मेरे कंधो पर लाते है और वहां ब्रा के स्ट्रैप्स खीचते है फिर गालो पे हाथ फेरते हुए बोलते है बड़ी सुंदर बिटिया है आपकी साला कमीना इस तरीके से सब करता है की किसी को कुछ पता ही नहीं पड़ता बस मेरे अलावा

raj2002 – और क्या किया उसने और तुम्हे कब पता पड़ा की उसकी नीयत ख़राब है तुम पे
priti214 – 1 बार हम लोग बाहर गए थे घुमने के लिए तो दिनेश अंकल की गाडी लेके ही गए थे तो जब मै पीछे बेठे तो वो भी मेरे साथ पीछे की सीट पे बैठ गए अब जेसे ही गाडी थोड़ी सी हिलती तो वो मुझे बार 2 धक्का देते और बार 2 कभी मेरे हाथ कभी मेरी टाँगे कभी मेरी जांघ पे हाथ लगते मुझे लगा नॉर्मली होगा लेकिन 1 बार उन्होनी अपनी कोहनी से मेरे वहां दबाया ..

raj2002 – कहा दबाया जान बताओ ना
priti214 – वही ना यार समझो ना
raj2002 – कहा बताओ ना मैं समझा नहीं
priti214 – मेरे बूब्स पे
raj2002 – हे !!! क्या बात कर रही हो केसे
priti214 – 1 दम से गाडी मे दचका आया और उन्होंने मेरे साइड बूब्स पे अपनी कोहनी से मारा मुझे लगा की गलती से लगा होगा उनसे लेकिन फिर मुझे अपनी चुन्नी के नीचे अपने बूब्स पर कुछ महसूस हुआ और वो उनकी उंगलिया थी

raj2002 – क्या तो तुमने किसी को बताया क्यू नहीं
priti214 – क्या बताती यार फिर वो सोने का नाटक करने लगे और मेरे कंधे पर अपना सर रख दिया अब वो बार 2 मेरी गर्दन पे अपने होंठ फेर रहे थे और मैं कुछ नहीं कर पा रही थी फिर उन्होंने मेरे कंधे पे से मेरी चुन्नी और मेरे कुर्ते के strap को साइड से थोडा सा नीचे किया और मेरी कंधे की ब्रा स्ट्रैप्स को किस किया मुझे इतना गुस्सा आ रहा था बस मैं उनसे छूटने की कोशिश कर रही थी फिर उन्होंने मेरी चुन्नी के नीचे से मेरे कुर्ते का गला पकड़ा और उसे हलके से खींच कर अंदर मेरी ब्रा देखने लगे और फिर मुझे गुस्सा आया मैंने सोचा enough is enough ये ऐसे नहीं मानेगा मुझे ही कुछ करना पड़ेगा

raj2002 – तो फिर क्या किया तुमने जान
priti214 – मैंने पापा से बोल की पापा मुझे आगे बेठना है अब गाडी मे
raj2002 – फिर क्या हुआ जान
priti214 – फिर क्या साला कमीना था वो भी जेसी ही पापा ने गाडी रोकी मैं आगे जाके बैठ गयी और मेरे भाई को पीछे बैठा दिया इतने मैं उस दिनेश कमीने ने पापा से बोल यार राजेंद्र तू गाडी ड्राइव कर 2 के थक गया होगा चल अब मैं ड्राइव करता हू मुझे इतना गुस्सा आया मैंने घूर के उसे देखा और वो कमीन मुस्कुरा रहा था मुझे देख के

raj2002 – फिर
priti214 – फिर क्या घर पहुचने मे अभी 2 घंटे का टाइम था और रात के 12:30 हो रहे थे मुझे थोड़ी सी झपकी लग गयी तभी मुझे 1 हाथ अपनी सलवार पे से अपनी जांघ पे महसूस हुआ वो हाथ मेरी जांघ को सहला रहा था और धीरे 2 ऊपर की तरफ आ रहा था ऊपर आते 2 वो हाथ मेरी दोनों जांघो के बीच मे आगया मुझे समझ मे आ गया था की यही कमीना है पर क्या करती उसने मेरे घुटने से लेके मेरी जांघ तक सब जगह हाथ फेरा और सब जगह अपने हाथो से सहलाने लगा फिर उसने अपने हाथ से मेरे दोनों जांघो के बीचे गैप बनाया और मेरी पेंटी पे से मेरे वहां हाथ फेरने लगा ..

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गज़ब की प्यासी दो बुर की कहानी

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हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर से आप लोगों की सेवा में हाजिर हूँ. वैसे तो आप सब लोग जानते है कि मे मेरी भाभी और उनकी 2-3 दोस्त को चोद चुका हूँ. उस दिन मैंने भाभी की दोस्त अंजली की खूब चुदाई की और हम उनके घर पर बैठकर चाय पी रहे थे कि उनका फोन बजा तो अब वो ख़ुशी से उछल पड़ी. फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि मेरी कज़िन आ रही है उसे लेने जाना है, वो भी हमारे साथ में कॉलेज में थी. अब इतना कहकर वो जल्दी से बोली कि एक काम करते है, मुझे अभी जाना है और में तुम्हें कल फोन करती हूँ तो मैंने कहा कि ठीक है.

फिर 3-4 दिन तक मेरी अंजली से कोई बात नहीं हुई तो मैंने मेरी भाभी से फोन करवाया तो अंजली बोली कि मेरा देवर आज कहीं जा रहा है, में थोड़ी देर बाद तुम्हें कॉल करती हूँ. अब इतना कहकर अंजली ने फोन रख दिया और फिर लगभग 2-3 घंटे के बाद अंजली का फोन आया कि हम शॉपिंग के लिए बाहर जा रहे है, तुम मुझे मॉल में मिलो.

फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर लगभग 2 घंटे के बाद हम मॉल में मिले, उसके साथ एक बहुत ही खूबसूरत भाभी थी और वो बहुत ही क़यामत लग रही थी. फिर उन्होंने अपना नाम पूनम बताया और फिर भाभी ने मुझे उनसे मिलवाया कि यह मेरे देवर का दोस्त है. फिर पूनम बोली कि आपकी भाभी जी आपकी बहुत तारीफ कर रही है, पूनम काफ़ी खुले विचारों वाली औरत थी और वो 4-5 साल से लन्दन में रहती थी. अब हम लोगों की काफ़ी अच्छी दोस्ती हो गयी थी और फिर हमने मॉल में काफ़ी शॉपिंग की और फिर में वहाँ से निकल गया.

अब मैंने रात को पूनम का नाम लेकर 2 बार मूठ मार ली थी और अब में उससे मिलने के लिए बैचेन था और काफ़ी टाईम हो गया था और अब अंजली भाभी को चोदने का कोई मौका नहीं मिल रहा था. फिर लगभग 2 दिन के बाद अंजली भाभी का दोबारा फोन आया और बोली कि आज हमारे साथ मूवी देखने आओगे, तो मैंने कहा कि यार कब से तुम्हारे फोन का इंतजार कर रहा हूँ, तो उसने कहा कि तुम उसी मॉल में आ जाओ जहाँ हम पहले मिलते थे.

फिर लगभग 2 बजे हम मॉल में मिले और फिर मैंने अंजली से कहा कि कितने दिन हो गये यार तुम्हें अपना लंड चुसवाये, कुछ जुगाड़ करो ना. फिर अंजली बोली कि यार जब से मेरी दोस्त आई है तब से मेरा देवर कही बाहर जाता ही नहीं है और मेरी दोस्त पूनम के साथ वो दिन में 2-3 बार चुदाई करता है.

फिर मैंने कहा कि क्या यार? इस दूसरे देवर का भी कुछ ध्यान रखो. फिर अंजली बोली कि मैंने उससे तेरी बात की है और मुझे पता है कि वो मना नहीं करेगी, लेकिन यार ये मेरे घर पर ही संभव होगा. हम पूनम की बात कर रहे थे कि तभी पूनम कुछ शॉपिंग करके स्टोर में से बाहर आई और उसके साथ अंजली भाभी के देवर भी थे. फिर वो मुझे देखकर बोली अरे यार तुम यहाँ क्या कर रहे हो?

मैंने कहा कि यार में यहाँ मूवी देखने आया था और यहाँ पर भाभी को देखा तो उससे बात करने लगा. अब पूनम ने मेरे सामने देखकर स्माइल दी और ऐसे बर्ताव किया कि जैसे वो मुझसे पहली बार मिल रही है. फिर अब मुझे मालूम हुआ कि अंजली भाभी ने ही उसे मना किया होगा कि उसके देवर के सामने मुझे नहीं जानती ऐसे बर्ताव करना है. फिर अंजली बोली कि चलो सब साथ में नाश्ता करते है और अब हम साथ में रेस्टोरेंट में गये. अब भाभी का देवर ऑर्डर करने के लिए काउंटर पर गया और अब हम साथ में बैठकर बात कर रहे थे.

फिर मैंने कहा कि भाभी कुछ करो ना यार, तो अंजली बोली कि पूनम को मेरा देवर काफ़ी पसंद आ गया है. फिर पूनम बोली कि मुझे तो तुम्हारे सारे देवर पसंद है. अब मुझे उसकी बातों से लगा कि वो बहुत ही चालू और सेक्सी औरत है. तभी मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा कि कुछ हमारा भी ध्यान रखो.

तभी अंजली बोली कि मेरा देवर 2-3 घंटे के लिए कही जायेगा तो तुम्हारा कुछ काम होगा. फिर पूनम ने कहा कि उसे भी साथ में बुला देते है और ज़ोर से हंस पड़ी. तभी अंजली बोली यार अगर मेरे देवर को पता चला कि में उसके साथ चुदवाती हूँ तो मेरा घर में रहना मुश्किल हो जायेगा, प्लीज यार. तभी पूनम बोली एक काम करती हूँ, में तुम्हारे देवर को बाहर भेजने का प्लान करती हूँ और फिर हम कुछ देर तक ऐसे ही बात करते रहे.

फिर हम सब नाश्ता कर रहे थे कि तभी पूनम भाभी अंजली के देवर राज से बोली कि अरे राज मेरा एक छोटा सा काम है, क्या तुम करोगे? फिर राज ने कहा कि अरे पूनम भाभी आपके लिए तो जान भी हाजिर है. फिर पूनम बोली कि मेरी फ्रेंड मेरे लिए कुछ कपड़े लाई है, क्या तुम अभी जाकर ले आओगे? तो राज ने कहा कि ज़रूर तो अब अंजली भाभी ने मेरे पैर पर अपना पैर दबाया. फिर पूनम भाभी बोली में उनका एड्रेस आपको देती हूँ तुम वहाँ पहुँच कर मुझे कॉल करना. फिर राज ने कहा कि ठीक है, अब इतना कहकर राज ने कहा कि तुम मेरी भाभी को घर पर छोड़ देना में आधे घंटे में पहुंचता हूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है.

फिर इतना कहकर राज गाड़ी लेकर पूनम की दोस्त के घर के लिए निकल गया और में अंजली भाभी और पूनम भाभी मुस्कुराते हुए उसे गाड़ी तक छोड़ने गये. अब वो जैसे ही निकला तो हम तीनों ज़ोर- ज़ोर से हँसे और फिर मैंने कहा कि पूनम भाभी थैंक्स यार, तो उसने एक सेक्सी स्माइल दी और बोली कि तुम दोनों का मैंने काम कर दिया, अब चलो जल्दी घर चलो. अब हम सब अंजली भाभी के घर पर बैठे थे, तो पूनम बोली तुम लोग मज़े करो और में अन्दर बैठती हूँ.

तभी अंज़ली बोली कि अरे यार मेरा देवर आ गया तो हमें बहुत परेशानी होगी और मेरा घर से निकलना भी बंद हो जायेगा. तभी पूनम भाभी ने अपनी दोस्त को फोन किया और बोली कि कोई लड़का तुम्हारे यहाँ मेरे कपड़े लेने आ रहा है, जैसे ही वो तुम्हारे घर पहुँचता है तो तुम मुझे कॉल करना.

फिर थोड़ी देर में पूनम भाभी कि दोस्त का फोन आया तो पूनम ने फोन पर उसको सब समझा दिया कि उसे क्या बोलना है? उसको बोलना कि कपड़े सही होने के लिए दिए है और 1-2 घंटे के बाद टेलर के वहाँ लेने जाना है, ऐसा कहकर तुम अपने यहाँ उसे 2-3 घंटे तक बैठाना और जब वो वहाँ से निकल जाए तो तुरंत मुझे फोन करना, अब उसकी दोस्त ने कहा कि ठीक है. फिर पूनम बोली लो अब तुम्हारा देवर मेरी दोस्त के घर पर है और अब तुम मज़े करो, में अन्दर बैठती हूँ. फिर जैसे से ही पूनम दूसरे रूम में गयी तो में दरवाजा बंद करके उसको चूमने लगा. अब अंजली बोली शांति से करो यार, फिर मैंने कहा कि नहीं बहुत दिनों के बाद तुम्हारे इन बड़े-बड़े बूब्स को चूस रहा हूँ.

अब उसका हाथ मेरे लंड के ऊपर था और वो मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी. फिर वो तुरंत मेरे ऊपर बैठकर मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी और अब वो मेरा पूरा लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थी. अब हम दोनों अपनी मस्ती में थे और तभी पूनम रूम से बाहर आई तो उसको पता नहीं था कि हम हॉल में ही चुदाई कर रहे थे. अब अंजली भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया था, फिर वो एकदम से आई और बोली कि क्या यार तुमको शर्म है या नहीं, तो में थोड़ा शरमाया.

फिर अंजली बोली कि तुम तो रोज मेरे सामने ही चुदवाती हो, तो तुमसे कैसी सी शर्म? अब इतना कहकर वो फिर से मेरे लंड को चूसने में लग गयी और पूनम भाभी अपने रूम की और चली गयी. फिर मैंने भाभी को इशारे में बताया कि पूनम से बोलो कि कंपनी दे. तभी भाभी ने ज़ोर से चिल्लाते हुए कहा कि पूनम तुम्हारा देवर अकेला पड़ रहा है उसे कंपनी चाहिए. फिर पूनम रूम से बाहर आई और बोली कि किसे कंपनी चाहिए? तो मैंने कहा कि मुझे चाहिए.

फिर उसने कहा कि तुम अभी बच्चे हो तो मैंने कहा कि ट्राई कर लो. तभी अंजली बोली कि कर लो फिर ऐसा मौका नहीं मिलेगा. फिर मैंने हाथ बढ़ाकर उसे बुलाया तो उसने कहा कि रहने दो बाद में कभी. फिर अंजली ने उसका हाथ पकड़कर खींचा और उसके बाजू में बैठा दिया. अब मेरे सामने 2 सेक्सी लेडीस अपना मुँह खोले खड़ी थी.

फिर अंजली अपने मुँह से मेरा लंड निकालकर पूनम के मुँह की और ले गयी. फिर पूनम ने एक ही झटके में पूरा लंड उसके मुँह में ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, कभी अंजली मेरे लंड को अपने मुँह में लेती तो कभी पूनम मेरे लंड को अपने मुँह में ले रही थी. तभी अंजली भाभी बोली कि तुमसे चुदे हुए बहुत दिन हो गये है, आज मेरी गांड और चूत दोनों अपने पानी से भर दो. अब भाभी अपनी पूरी चूत फैलाकर मेरे लंड को अपनी चूत में डलवा रही थी और उसकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी.

अब में काफ़ी ज़ोर-ज़ोर से उसको चोद रहा था और अब में बीच-बीच में पूनम की चूत में भी अपना लंड डाल देता था, पूनम भाभी भी एक नंबर की चुदासी औरत थी. फिर पूनम भाभी ने कहा कि तुम अभी तुम्हारी भाभी की चुदाई करो, में दूसरी बार में चुदवाउंगी. अब वो भी पूनम भाभी की चूत में उंगली डाल-डाल कर उसे एक साथ 2 लंड का मज़ा दे रही थी.

अब मैंने अंजली भाभी को उल्टा करके अपनी उंगली को उनकी गांड में डाल दिया था और अब वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांड हिला-हिलाकर मेरा लंड ज़्यादा से ज़्यादा अन्दर लेकर चुदवा रही थी. अब पूरे हॉल में फच फच की आवाज़ आ रही थी. अब मेरा निकलने वाला था तो मैंने कहा कि कहाँ निकालूं? तो भाभी बोली कि तुम्हारा लंड मेरी गांड में से निकाल कर मेरी चूत भर दो. फिर मैंने भाभी को ज़ोर-ज़ोर से चोदकर अपना सारा पानी भाभी की चूत में डाल दिया और कुछ देर तक उनके ऊपर ही पड़ा रहा. फिर दूसरी बार में मैंने पूनम भाभी को चोदा.

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कुंवारी बुर की चुदाई तिन दिन तक

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हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और जो अभी एक महीने पहले मेरे साथ घटी है. दोस्तों मेरा नाम रजत शर्मा है और में बी-कॉम के दूसरे साल में अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ. दोस्तों अपनी कहानी को शुरू करने से पहले में आप सभी को बताना चाहता हूँ कि यह मेरी पहली कहानी है तो अगर मुझसे कोई भी ग़लती हो जाए तो प्लीज आप सभी मुझे माफ़ जरुर करना. यह कहानी मेरे दोस्त की बहन की है जो 12th क्लास में पढ़ती है और उसका नाम पूजा है, लेकिन घर में सब उसे विन्नी बुलाते है और वो दिखने में बिल्कुल करीना कपूर लगती है और शायद उससे भी ज्यादा अच्छी और सेक्सी है. दोस्तों में बचपन से ही उसे जानता था, क्योंकि उसका भाई मेरा बहुत अच्छा दोस्त था और वो उस समय थोड़ी छोटी थी, लेकिन वो धीरे धीरे अपनी उम्र के साथ साथ बड़ी होती गई और अब एकदम गजब पटाका हो चुकी है, उसके फिगर का साईज 34-30-36 उसका गोरा रंग, वो बहुत मस्त और इतनी सेक्सी कि पूछो मत, आस पास के सब लड़के उस पर लाईन मारते और उसके सच्चे आशिक़ो की तो कोई कमी ही नहीं थी.

दोस्तों मेरी उससे हमेशा किसी ना किसी छोटी बात पर लड़ाई होती ही रहती थी, लेकिन धीरे धीरे जैसे वो बड़ी हुई हमारी लड़ाई कम और दोस्ती बढ़ने लगी और अब में उसके साथ बहुत हंसी मजाक किया करता था और में मजाक़ में कभी कभी उसे कई बार छू भी लेता था और मन ही मन अब उसकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित होने लगा था और में मन ही मन उसकी चुदाई करने की बात सोचने लगा था. एक बार मैंने होली के दिन उसे रंग लगाने के बहाने उसके मुलायम मुलायम बूब्स को छुआ तो में मानो उस समय उनको छूकर जैसे जन्नत में चला गया और उसके बूब्स इतने मुलायम थे कि जैसे वो कोई रुई से बने हो और शायद उन्हें आज तक किसी ने छुआ भी नहीं था और उस दिन से मैंने उसे चोदने की बात मन ही मन ठान ली थी और अब जब भी मुझे कोई अच्छा मौका मिलता है तो में उसे स्माईल पास करता या छेड़ने लगता था और फिर धीरे धीरे वो भी मुझे लाईन देने लगी थी.

एक दिन की बात है, में उस दिन उसके घर पर था और उससे हंसी मजाक कर रहा था और वो भी मेरे पास सोफे पर बैठी हुई थी, लेकिन कुछ देर बाद वो अचानक से उठकर पानी लेने फ्रिज के पास चली गई. फिर में भी तुरंत उसके पीछे पीछे चला गया, उसने पीछे मुड़कर देखा और वो मुझे देखते ही मुझसे पूछने लगी कि क्या चाहिए? फिर मैंने उससे कहा कि तू मुझसे शर्त लगा ले कि में तुझे बिना छुये किस कर सकता हूँ, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और मेरी बात को सुनकर चकित होकर खड़ी खड़ी मेरी तरफ देखती रही. फिर मैंने उससे कहा कि तू अपनी आखें बंद कर, उसने तुरंत अपनी आखों को बंद कर दिया और में बहुत धीरे से उसके पास गया और मैंने उसको एक बहुत छोटा सा किस कर दिया.

फिर उसने आँख खोली और वो मुझसे कुछ नहीं बोली बस वो थोड़ा सा मुस्कुरा रही थी और अब में दोबारा उसके करीब गया और इस बार मैंने उसे बहुत धीरे और दमदार फ्रेंच किस किया, थोड़ी देर में वो भी जोश में आ गई और मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और थोड़ी देर बाद में उससे अलग हो गया और मैंने देखा कि उसकी आखों में हवस की आग लगी हुई थी और जिसको देखकर में अब समझ चुका था कि उसको अब मुझसे क्या चाहिए? फिर मैंने उससे कहा कि जब घर पर कोई ना हो तो मुझे बता देना में चला आऊंगा और उससे यह बात कहकर में अपने घर पर चला आया और उस रात को मैंने उसकी चुदाई के बारे में सोचकर एक बार मुठ मारी और पूरी रात उसके बारे में सोचता रहा और मुझे नहीं पता कब में सो गया. दोस्तों उसके घर पर ऐसा मौका बहुत कम ही मिलता है, जब घर पर कोई ना रहता हो, लेकिन एक दिन भगवान ने मेरे मन की बात सुन ली और मेरी वो इच्छा पूरी हो गई. एक दिन उसका मेरे पास फोन आया कि उसके घर वाले तीन चार दिनों के लिए कहीं बाहर जा रहे है और वो खुद अपनी बीमारी का बहाना बनाकर घर पर ही रुक गई है और अब उसकी यह बात सुनकर मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था.

फिर में अपने घर पर यह बात बोलकर निकल गया कि में अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर घूमने जा रहा हूँ तो में उसके घर पर रात के ठीक दो बजे पहुंचा और उसके मकान की पीछे की दीवार कूदकर उसे फोन किया और फिर उसने पीछे का दरवाज़ा खोल दिया. दोस्तों वो क्या लग रही थी उस गुलाबी कलर की टी-शर्ट में, जिसमें से उसके बूब्स बहुत साफ साफ दिख रहे थे और एक छोटी सी केफ्री जिसमें उसकी दूध जैसी गोरे गोरे पैर मुझे पागल कर रहे थे. वो मेरे आगे आगे चल रही थी और में उसकी गांड को देखकर यह बात सोच रहा था कि अब तो तीन, चार दिन जब तक इसके घर वाले नहीं आ जाते तब तक यह मेरी ही है और जैसे ही में रूम के अंदर पहुंचा तो उसने ए.सी. चला दिया और अपने भाई के लेपटॉप पर एक फिल्म को भी चला दिया.

फिर में भी धीरे से उसके पास जाकर बैठ गया. फिर मुझे एक आइडिया आया और मैंने लेपटॉप पर एक मस्त सी ब्लूफिल्म को चला दिया, क्योंकि मुझे पहले से ही पता था कि उसका भाई अपने लेपटॉप में ब्लूफिल्म कहाँ पर छुपाकर रखता है, वो भी यह सब देखकर बहुत चकित थी कि और उसका भाई यह सब देखता है, लेकिन धीरे धीरे वो भी फिल्म देखकर मदहोश होने लगी और जैसे ही फिल्म में लड़के ने अपना लंड लड़की की चूत में डाला तो उसने एकदम से मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली कि प्लीज थोड़ा आराम से करना, क्योंकि में अब तक वर्जिन हूँ और में तो उसके मुहं से यह बात सुनकर पागल हो गया था, क्योंकि इतनी सेक्सी चूत का ताला आज मुझे जो खोलना था. फिर मैंने उसका हाथ अपने दूसरे हाथ में लिया और सहलाने लगा और जिसकी वजह से वो भी जोश में आ रही थी और थोड़ी देर के बाद हम दोनों बहुत गरम हो चुके थे.

फिर उसने खुद ही लेपटॉप बंद करके दूर रख दिया और मैंने भी अपना वो बेग अलग रख दिया, जिसमें ढेर सारे कंडोम और चोकलेट थी, में धीरे से उसके पास गया और अपने होंठ उसके होंठो के बहुत करीब ले गया और कुछ देर वैसे ही रहने के बाद उसे प्यार से किस किया और फिर हम दोनों एक दूसरे को प्यार से किस करने लगे. दोस्तों जब माल इतना तगड़ा हो तो उसे चोदना भी आराम से ही चाहिए और में उन तीन, चार दिनों की बहुत अच्छी प्लानिंग करके आया था.

फिर धीरे से में अपनी जीभ को उसके मुहं में घुमाने लगा और फिर मैंने अपने हाथ उसकी पीठ से उसकी टी-शर्ट के अंदर ले गया और जब मैंने उसे छुआ तो वो क्या मस्त अहसास था और उसकी त्वचा इतनी मुलायम थी कि जैसे वो कोई गुलाब हो. फिर हम दोनों एक दूसरे को बुरी तरह से किस करने लगे और वो भी अब बहुत गरम हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को धीरे से उतार दिया और अब मेरे सामने उसके गोरे बूब्स एक गुलाबी कलर की ब्रा में बंद थे और मुझसे बाहर निकालने की बात कह रहे थे. फिर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूसना दबाना शुरू कर दिया था और वो धीरे धीरे मोन करने लगी.

फिर में उसकी चूत को केफ्री के ऊपर से किस करने लगा और फिर चाटने, चूसने लगा, जिसकी वजह से वो तो बिल्कुल पागल हो रही थी और उसका यह पहला सेक्स अनुभव भी था. फिर मैंने उसकी केफ्री को थोड़ा नीचे सरका दिया और मैंने उसकी चूत के अंदर झांककर देखा तो अंदर से बिल्कुल सफेद और एकदम साफ थी, में अब अपने आपको रोक नहीं पाया और उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ घुसाकर चाटने, चूसने लगा, वो और ज़ोर से मोन करने लगी.

दोस्तों उसकी चूत की वो मदहोश खुशबू इतनी नशीली थी कि में उसे सूंघकर एकदम पागल हो गया था और फिर मैंने एक झटके में उसकी केफ्री को पूरा खोलकर उससे अलग कर दिया, वो अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी में थी और क्या सेक्सी लग रही थी? अब हम दोनों एक बार फिर से किस करने लगे और इस बार जोश कुछ ज़्यादा ही था और मैंने अपना हाथ जैसे ही उसकी पेंटी में अंदर घुसाया और उसकी चूत को छुआ तो उसने मेरे होंठो को हल्का सा काट लिया.

फिर में अपनी उंगली उसकी चूत के आस पास घुमाने लगा और वो किसी जानवर की तरह तड़पने लगी और कुछ देर बाद बहुत सारे पानी के साथ वो झड़ गई, वो शायद आज पहली बार झड़ी थी और जिसकी वजह से उसकी पेंटी और मेरा हाथ पूरी तरह भीग चुका था. फिर मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकाला और उसकी चूत के रस को चखकर देखा तो उसमें एक वर्जिन चूत की खुशबू आ रही थी और में ज्यादा गरम हो गया. फिर मैंने उसकी ब्रा को खींचकर फाड़ दिया और उसके बूब्स को पागलों की तरह चूसने लगा और दबाने लगा, जिसकी वजह से वो बहुत बुरी तरह से चीख रही थी और चिल्ला रही थी, लेकिन में नहीं रुका.

फिर में उसके निप्पल को अपनी जीभ से सहलाने लगा और धीरे से काटने लगा, वो और ज़ोर से मोन करने लगी और वो मेरा सर अपने बूब्स पर दबाने लगी, करीब तीस मिनट तक उसके बूब्स को चूसने के बाद में अब थोड़ा नीचे उसकी नाभि पर आया और अपनी जीभ से चूसने लगा तो वो जैसे पागल ही हो गई. फिर बहुत देर तक उसकी नाभि को चाटने, चूसने के बाद में उसकी पेंटी के पास चला गया और मैंने सूंघकर महसूस किया कि उसकी वाह क्या खुशबू थी और में उसकी चूत को उसकी पेंटी के ऊपर से ही चाटने लगा और वो बहुत मोन करने लगी. फिर मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया, जिसको देखकर में उसे देखता ही रह गया और सोचने लगा कि ऐसी चूत को चोदने के लिए कोई भी इंसान अपना सब कुछ बेच सकता है, वो बिल्कुल साफ चमकीली और एकदम गोरी और अंदर से बिल्कुल कामुक दिख रही थी और उसकी खुशबू तो किसी को भी पागल कर दे. फिर में उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा और वो अपने हाथ से मुझे अपनी चूत के ऊपर दबा रही थी.

फिर मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर घुसा दिया और वो बहुत तेज मोन करने लगी और मुझे उसका मोन करने की आवाज बहुत अच्छी लग रही थी. फिर में अपनी जीभ को अंदर बाहर करने लगा और चूत के दाने भी छूने लगा और साथ में अपनी एक उंगली से उसकी चूत के साथ खेल रहा था. फिर थोड़ी देर ऐसे करते हुए में अपना दूसरा हाथ उसकी गांड की तरफ ले गया और अपनी एक उंगली को उसकी गांड में घुसा दिया और अब में उसके यह तीनों काम एक साथ करने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से आहह्ह्ह्ह आईईईईइ करती रही और थोड़ी देर में उसका पूरा बदन एकदम से अकड़ गया और कुछ देर बाद मेरे मुहं में उसके नमकीन पानी का तूफान सा आ गया और वो इतना ज़्यादा झड़ी कि में भी उससे अलग हो गया और अब उससे लगभग आधा बेड भीग चुका था. अब वो बेड पर बेहोश पड़ी थी और में उसकी नंगे बदन को आराम से देख रहा था और उसके चेहरे को सहला रहा था.

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मैडम ने सिखाया मुझे प्यार का खेल

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विक्की युवा लड़का था जो अपने मा-बाप के साथ एक अच्छे शहर में रहता था।

उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी थी।

इकलौता होने के बावजूद वह ज्यादा जिद्दी नहीं था।

दिखने में वह अपने मा-बाप की तरह गोरा-चिट्टा था।

उसके पिता एक बिजनेसमैन थे।

मा एक गृहिणी थी।

शहर की एक अच्छी कालोनी में घर था।

सम्पन्न घर होने की वजह से विक्की* को अच्छे स्कूल में भेजा जाता था।

स्कूल के अलावा उसे उसी कालोनी में ट्यूशन पर भी भेजा जाता था।

ट्यूशन चलाने वाली उसकी कालोनी की एक महिला थी जिसका नाम मिनी था।

मिनी का पति दुबई में नौकरी करता था।

साल में एक बार ही घर आता था।

अकेली होने की वजह से वह ट्यूशन पढ़ाया करती थी।

इससे उसका वक्त कट जाया करता था।

ऐसे ही समय गुजर रहा था।

मिनी का दिन तो बच्चों को पढ़ाने में गुजर जाता था लेकिन रात में उसे बैचेनी होने लगती थी।

शरीरक सुख न मिलने से उसकी बैचेनी बढ़ने लगती।

जब पति घर आता तब तो समय कैसे कटता उसे पता ही नहीं चलता था।

लेकिन जब पति नौकरी पर होता तो उसे पति का साथ याद आता और उसकी योनि में खलबली मच जाती।

उसे समझ न आता कि योनि की खुजली कैसे शांत करे?

उसने कई उपाय आजमाए।

उंगली, बैंगन, गाजर।

पर लिंग के अनुभव के आगे इन चीजों का अनुभव बेकार लगता।

उसे समझ न आता क्या करें और क्या ना करे?

ऐसी ही उहापोह में उसकी रातें कटती।

एक दिन की बात है उसकी एक सहेली थी, जिसका नाम सरला था, उससे मिलने आई।

वह भी अच्छे घर से थी इसलिये उसके शोक भी अच्छे ही थे।

महंगे जेवर, मोबाईल, चूडि़या या झुमके।

उसने नया मोबाईल खरीदा था।

वह मिनी को नया मोबाईल दिखाने लगी।

मिनी भी उस मोबाईल को गौर से देख रही थी।

उसने सरला से पूछा – अरे, इसमें और नया दिखाने लायक क्या है?

सरला ने शरारती मुस्कान के साथ उसे कहा – धीरज रख बताती हूँ, इसमें खास क्या है?

और सरला ने मोबाईल में डली ब्लू फिल्मों की क्लिपिंग मिनी को दिखाना चालू किया।

एक के बाद एक फटाफट दिखाती गई।

मिनी का तो बुरा हाल होने लगा।

उसकी योनि में तेज खुजली होने लगी।

फिर एक क्लिप चालू हुई जिसमें एक मैडम और उसका स्टूडेंट क्लास में खड़े थे।

स्टूडेंट लड़का काफी छोटा लग रहा था।

मैडम उस स्टूडेंट के सामने घुटनों के बल बैठ गई और उसकी पैंट खोलकर उसका लिंग बाहर निकाल लिया।

अब मैडम लड़के के लिंग को लालीपाप की तरह चूसने लगी और लड़का सिस्कारियां लेते हुए मैडम का सिर पकड़कर अपना लिंग उसके मुँह में अन्दर बाहर करने लगा।

थोड़ी देर लिंग चूसने के बाद मैडम टेबल पर पैर फैलाकर बैठ गई।

अब लड़का मैडम की योनि चाटने लगा और मैडम सिस्कारियां लेने लगी।

थोड़ी देर बाद मैडम ने लड़के को पकड़ कर खड़ा कर दिया और लड़के ने अपना लिंग मैडम की योनि में डाला और अन्दर बाहर करने लगा।

मिनी की योनि से काम रस नदी की तरह बहने लगा।

अब लड़के ने मैडम को डागी स्टाईल में चोदना शुरू किया।

थोड़ी देर बाद दोनों झड़ गये और लड़का सिस्कारियां लेते हुए मैडम से चिपक गया और मैडम भी सिसकारी लेते हुए ठण्डी पड़ गई।

मिनी का हाल बहुत बुरा हो चुका था।

अब तो वो अपनी योनि में लिंग लेने के लिये तड़प् उठी।

लेकिन कर भी क्या सकती थी?

उसकी सहेली थोड़ी देर गपशप कर चली गई लेकिन मिनी की योनि में आग लगा गई।

थोड़ी देर बाद काल बेल बजी।

मिनी ने दरवाजा खोला तो विक्की अपना बैग लेकर सामने खड़ा था।

उसने विक्की को अन्दर बुला लिया और विक्की अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गया।

विक्की को देखकर मिनी की आँखों के सामने टीचर और स्टूडेंट की फिल्म घूम गई।

अब मिनी को विक्की की जगह वही स्टूडेंट नजर आ रहा था।

उसका मन कर रहा था कि विक्की की पैंट खोलकर उसका लिंग अपनी योनि में घुसा ले और अपनी प्यास बुझा ले।

लेकिन छोटे से लड़के के साथ सेक्स करना बहुत ही मुश्किल काम था।

शायद वो सेक्स के बारे में जानता ना हो और ऐसी हरकत पर वह जाकर अपने घरवालों को बता दे तो बहुत बेईज्जती होगी।

अब मिनी के दिमाग में योजनाओं ने आना-जाना चालू कर दिया था।

मिनी रोज की तरह उसके पास बैठकर उसे पढ़ाने लगी।

आज वह विक्की से कुछ ज्यादा ही चिपक कर बैठी थी।

मिनी के दिमाग में एक आईडिया आया।

वह विक्की को कुछ सवाल देकर बोली – विक्की, ये सवाल हल करो जब तक मैं चेन्ज करके आती हूँ।

विक्की ने हाँ में सिर हिला दिया।

मिनी कमरे में गई और उसने सारे कपड़े निकाल दिये और गहरे गले का गाऊन पहन लिया।

उस गाऊन के गले में से उसकी घाटियों की दरार स्पष्ट दिखाई देने लगी थी।

थोड़ा सा झुकने पर अन्दर का सारा हाल साफ दिखाई देता था।

अब वो बाहर आकर फिर विक्की से चिपक कर बैठ गई और सवाल देखने लगी।

सवाल चैक करते-करते वो विक्की की तरफ थोड़ी घूम गई और थोड़ा झुक कर सवाल देखने लगी।

इस हरकत की वजह से विक्की को उसके गाऊन के अन्दर का सारा दृष्य दिखाई देने लगा।

मिनी ने धीरे से सिर उठाकर विक्की को देखा तो वो गाऊन के अन्दर हैरानी से देख रहा था और जैसे ही उसका मिनी की तरफ ध्यान गया तो वह सकपका गया।

मिनी ने उससे दिखावटी गुस्से से पूछ लिया – विक्की क्या देख रहे थे?

वह सकपकते हुए बोला – क.. क.. कुछ नहीं, मैडम।

इतने मे डर कर बिक्की बाहर चला गया.

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पडोसी अंकल ने मेरी मम्मी की चूत मारी

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मेरा नाम चीनू है और अभी मैं इन्जनियरिंग कर रहा हूँ।

यह बहुत पुरानी घटना है, कहानी उदयपुर(राजस्थान) की है जहाँ मेरे नानाजी भी काम के सिलसिले में ठहरे हुए थे और उनके साथ उनका एक अच्छा दोस्त भी था जिनका नाम गोपाल था। वो मेरी मम्मी को अच्छी तरह से जानते थे और मेरी मम्मी भी उनको जानती थी, अक्सर नानाजी के साथ उनसे भी मिलना हो जाता था पर मैं उनके सम्बन्ध को नहीं जानता था। मेरी यह कहानी मेरी मम्मी और उन गोपाल अंकल की है।

जब मैं छोटा था तब “संभोग” के बारे में नहीं जानता था लेकिन आज इतना बडा हो गया हूँ तो सब समझ में आता है कि उस दिन मेरी मम्मी और वो अंकल क्या कर रहे थे !

सबसे पहले मैं आपको मेरी मम्मी और उन अंकल का परिचय कराता हूँ। मेरी मम्मी एक घरेलू महिला हैं, गोरा रंग, उस वक्त उम्र 26 साल थी, कद 5 फ़ुट 2 इन्च और अंकल की उम्र करीब 50 और 55 के बीच की रही होगी।

तो अब यहाँ मेरी कहानी शुरु होती है। एक दिन मेरी मम्मी ने मुझसे कहा- चलो, नानाजी से मिलकर आते हैं।

उनका घर एक घुमावदार टीले पर था और थोड़े कच्चे मकान भी थे आसपास।

जब हम नानाजी के घर पहुंचे तो गोपाल अंकल ने दरवाजा खोला, उन्होंने अन्दर आने के लिये बोला। मुझे देख कर वो खुश भी हुए और बोले- अरे चीनू भी आया है !

और उन्होंने मुझे प्यार किया और गोद में उठाया और अन्दर आ गये। मेरी मम्मी ने नानाजी के बारे में पूछा तो उन्होने कहां वो किसी काम से बाहर गये हैं।

मैं घर को इधर उधर देखने लगा, वो लोग बातें कर रहे थे पर मुझे उनकी बातों से क्या मतलब था क्योंकि मैं बहुत छोटा था। वो धीरे धीरे बातें कर रहे थे, वो दोनों एक बिस्तर पर ही बैठे थे जो एक खटिया जैसी थी।

थोड़ी देर के बाद बात अंकल ने मुझे बाहर खेलने को कहा। मैंने मम्मी की तरफ़ देखा तो उनके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी और ऐसा लग रहा था जैसे मेरी मौजूदगी से उनको किसी तरह की शर्म आ रही हो।

मैं वहाँ से जाना नहीं चाहता था क्योंकि मैं बहुत छोटा था और जिद्दी भी। फिर मम्मी ने मुझसे कहा- बेटा तुम थोड़ी देर बाहर जाकर खेलो, हम तुझे आवाज लगा देंगे।

अब मेरी मम्मी बिस्तर पर लेट गई। ऐसा लग रहा था कि दोनों की रजामंदी आँखों ही आँखों में हो गई थी पर मैं वहीं एक तरफ़ खडा हो गया, बाहर की तरफ़ देखने लगा और वो एक-दूसरे में ही खो गये। शायद उन्होंने अपना ध्यान मेरी तरफ़ से हटा लिया था। अब मेरी मम्मी ने अपनी साड़ी ऊपर करने के किये अपने पैर फ़ैलाए तो उनकी पायल ने मेरा ध्यान खींचा पर वो दोनों मेरी ओर ध्यान नहीं दे रहे थे।

तब मैंने देखा कि मेरी मम्मी ने अपने एक हाथ से अपनी साड़ी ऊपर की जिससे मैंने अपनी मम्मी की गोरे-गोरे गदराई हुई जांघों को देखा, मम्मी की जांघों को देखकर अंकल की आँखों में चमक आ गई और वो अपने होंटों पर जीभ फेरने लगे जैसे भूखे शेर के सामने गोश्त का टुकड़ा रख दिया हो।

इधर मैं हैरत में पड़ गया कि मेरी मम्मी की इतनी गोरी गोरी टाँगें कैसे हैं, बाहर से इतनी गोरी तो कभी नहीं दिखती थी।

इतनी देर बाद भी उनका ध्यान मेरी तरफ़ नही गया। उधर अंकल घुटनों क बल बिस्तर पर खड़े हुए थे। अब मम्मी ने अपनी गदराई हुई टांगों को फ़ैलाया, अंकल मम्मी को “संभोग” के लिये तैयार होने तक रुके हुए थे।

अब मम्मी ने अपनी साडी के अंदर हाथ डालकर अपनी अंडरवीयर का थोड़ा सा हिस्सा एक तरफ़ किया पर मैं उसे साफ़ नहीं देख सका। अब मेरी मम्मी अंकल को अपनी योनि का भोग देने के लिये पूरी तरह से तैयार थी और अंकल का इंतजार कर रही थी। इधर अंकल ने भी अपनी पैंट का हुक खोला और फिर जिप… और बाद में अंडरवीयर।

तो मैंने देखा कि दस इंच का काला मोटा लण्ड मेरी मम्मी की योनि भोगने के लिये बैचेन हो रहा था। अब अंकल धीरे धीरे मेरी मम्मी के ऊपर लेटने लगे और मेरी मम्मी को पूरा अपने कब्जे में ले लिया और पूरी तरह से मम्मी के ऊपर चढ़ गये जैसे कोई उनसे मम्मी को छीन न ले।

अब मैंने देखा उनकी वो पैंट का वो खुला हुआ हिस्सा और मम्मी का खुला हुआ हिस्सा आपस मे मिल रहे हैं, पर मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये लोग कर क्या रहे हैं।

तभी अंकल ने झटका मारा, जिससे पूरी खटिया हिल गया।

तभी उन दोनों का ध्यान मेरी ओर गया और मेरी मम्मी ने मुझे कहा- बेटा, तुम थोड़ी देर बाहर जाकर खेलो, थोड़ी देर बाद में आना !

तब मुझे बहुत गुस्सा आया कि मुझे बाहर क्यों भेज रहे हैं, लेकिन मैं, इन सब बातों को समझने के लिये बहुत छोटा था। करीब पांच मिनट बाद मैंने सोचा कि आखिर ये लोग कर क्या रहे हैं। तो फिर मैं एकदम से अंदर चला गया तो वो हक्के-बक्के रह गये, शायद वो दोनो गर्म हो चुके थे और मेरे एकदम से आने के कारन उनके संभोग मे बाधा पड़ गई थी तो अंकल ने मुझे कहा- तुमको कहा ना कि थोड़ी देर बाहर जाओ, हम तुझे बुला लेंगे। और कहा कि इस गेट को बंद करके जाना और अब अंदर मत आना।

इस बार अंकल के स्वभाव में थोड़ी नाराजगी थी।

तो मैं फिर बाहर चला गया। फिर मैंने उनको छुप कर देखने की योजना बनाई पर डर के मारे हिम्मत नहीं हो रही थी। तभी मैंने देखा कि दरवाजे में छोटा सा छेद है।

मैंने उसमें से अंदर झांका तो सब कुछ साफ़ दिख रहा था। वो आपस में धीरे-धीरे बात कर रहे थे पर उनकी बातें मुझे समझ में नहीं आई।

फिर मैंने देखा कि अंकल मम्मी को जोर-जोर से झटके मार रहे थे और पूरी खटिया हिल रही थी। इन झटकों की वजह से मम्मी की पायल भी सुर से ताल मिला रही थी। मैंने देखा कि अंकल के जबरदस्त झटकों से मम्मी की जांघों के लोथड़ आवाज कर रहे थे और दोनों एक दूसरे से आपस में पैरों को उलझाए हुए थे, साथ में बात भी कर रहे थे और “संभोग” का भरपूर आंनद ले रहे थे।

पूरा कमरा फ़च…फ़च… की आवाज से गूंज रहा था और एसा लग रहा था कि खटिया अभी टूट जायेगी अंकल के करारे झटकों से !

उनकी वासना भरी बातें मुझे समझ में नहीं आ रही थी क्योंकि इन सब बातों के लिये बहुत छोटा था। इधर अंकल हर चार पांच झटकों के बाद एक जोरदार झटका देते मम्मी को तो मम्मी की चूड़ियाँ और पायल भी बज उठती और अंकल को और जोश आ जाता। मेरी मम्मी अपने हाथ से उनकी कमर को प्यार से ऊपर से नीचे तक बच्चे की तरह सहला रही थी और उनको भरपूर यौनसुख दे रही थी।

15 मिनट बाद अंकल का शरीर अकड़ने लगा और नौ-दस झटके मारने के बाद अंकल के चेहरे से ऐसा लगा वो मेरी मम्मी कि योनि को जी भरकर भोगने के बाद पूरी तरह से तृप्त हो गये !

दोनो पसीने से पूरी तरह भीग चुके थे, उनकी सांसें बहुत तेज चल रही थी और फिर वो मम्मी के स्तनों पर लेट गये और स्तनो को धीरे-धीरे दबाने लगे। मेरी मम्मी उनके बालों में हाथ डालकर उनको प्यार से सहला रही थी और फिर बाद में उनके माथे को चूमा, उनको छोटे बच्चों की तरह प्यार देने लगी। दोनों पसीने से नहाए हुए थे और हांफ़ भी रहे थे। थोड़ी देर मेरी मम्मी और अंकल एसे ही लेटे रहे, फिर अंकल मेरी मम्मी के उपर से हटकर बगल में लेट गये।

अब मैंने देखा कि अंकल मेरी मम्मी से उनके कान में कुछ बोल रहे थे, तब मेरी मम्मी ने अपनी साड़ी ठीक की और अंकल मेरी मम्मी के बराबर से थोड़ा नीचे सरक गये, मेरी मम्मी अंकल की तरफ़ मुँह करके लेट गई और अंकल मम्मी के स्तनों के बराबर आ गये। अब मैने देखा कि मेरी मम्मी ने अपना पल्लू अपने स्तनों से हटाया और अपने ब्लाउज के हुक खोलने लगी और फिर हाथ पीछे करके अपनी ब्रा का हुक खोला और अपने कोमल, मुलायम स्तनों को अंकल के सामने परोस दिया। इधर अंकल नर्म-नर्म स्तनों को देखकर उस पर टूट पडे और मेरी मम्मी प्यार से उनके बालों में हाथ फ़ेरते हुए बोली- आप तो बहुत भूखे हो !

तो अंकल बोले- पहली बार किसी जवान और दूध वाली स्त्री के स्तनों का भोग लगा रहा हूँ।

थोड़ी देर के बाद मेरी मम्मी एकदम से चीखी। अंकल ने कहा- क्या हुआ?

धीरे-धीरे पियो, काटो मत ! दुखता है !

फिर पंद्रह मिनट तक मम्मी ने अंकल को अपना दूध पिलाया… इस दौरान अंकल ने मम्मी के स्तनों काट-काट कर अनार जैसा लाल कर दिया। मम्मी को बहुत दर्द भी हुआ था।

जब अंकल मम्मी के स्तनों को जी भरकर भोगने के बाद पूरी तरह से सन्तुष्ट हो गये तब कहीं जाकर मम्मी को राहत मिली और मम्मी ने अपना ब्लाउज बंद किया।

अंकल का मुँह दूध से भरा हुआ था, तब वो मम्मी से कहने लगे- तुम्हारे स्तनों का दूध गरम और मीठा है, मैंने आज जी भरकर तुम्हारे स्तनों का भोग लगाया है।

तब मेरी मम्मी ने उनके बालों में प्यार से हाथ फ़ेरते हुए उनके सर को चूम लिया और उठकर दरवाजे की ओर आने लगी तो मैं वहाँ से फ़टाफ़ट भाग गया…

मेरी मम्मी दरवाजा खोलते ही मुझे देखने के लिये आई, मैंने वहीं सीढ़ियों पर खड़े होकर सड़क पर चल रही गाड़ियों को देखने का बहाना बनाया और उनको एहसास भी नहीं होने दिया कि मैंने सबकुछ देख लिया था। मेरी मम्मी ने मुझे आवाज लगाई पर मैने कोई जवाब नहीं दिया, मैने देखा कि दूध रिसने के कारण मेरी मम्मी के ब्लाउज के आगे के हिस्से गीले हो रहे थे।

वो मेरे पास आई, मैं तब भी चुप था, हकीकत में मैं उदास भी था क्योंकि मुझे डांट कर बाहर जाने के लिये बोला गया था, मैं अपनी मम्मी से नाराज था क्योंकि उन्होंने भी मुझे जाने से नहीं रोका, मैंने अपनी मम्मी की तरफ़ नहीं देखने की ठान ली। मेरी मम्मी बार-बार मुझे अपनी तरफ़ देखने के लिये मना रही थी, काफ़ी देर बाद मनाने के बाद मैंने उनकी तरफ़ देखा, तो मेरी आँखों से आँसुओं की बरसात होने लगी। तब मेरी मम्मी ने मुझे अपने सीने से लगा लिया और रोने का कारण पूछा।

तो मैंने अंकल के डांटने की वजह बताई, तब मेरी मम्मी ने बहुत प्यार किया और कहा- अब कोई नहीं डांटेगा, मैं हूँ ना।

और मुझे कमरे में ले गई और मुझे खूब प्यार किया और खाने के लिये चीजें भी दी, मैं खुश हो गया।

दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है, बिल्कुल सच्ची घटना है। अपने विचार जरूर भेजना

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टीचर को मिली कुवारी चूत चोदनेको

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गावं की गोरी को चोदने का मज़ा ही अलग होता है. उसकी कँवारी मस्त चिकनी चूत पर जब आदमी का मस्त मोटा लंड रगड़ता है, तो उसके कामुक गरम बदन को अकड़ता देखकर, वो जवान मर्द और भी मस्त होकर लड़की या औरत की चूत का भोसड़ा बना देता है. क्या हुआ? ये सब मुझेकैसे पता? अरे! मेरी चिकनी चूत को मेरे गावं के स्कूल के मास्टर ने रगड़ा था और उस कमीने ने मुझे लंड का ऐसा स्वाद लगाया, कि शादी के बाद भी मेरा मन केवल पति के लंड से नहीं भरता, मेरी नज़र हर जवान मर्द को घूरती है और उसके लंड की लम्बाई और मोटाई को नापती रहती है.मेरा नाम कमली है, मुझे पढ़ने का शौक था और गावं ने शुरुवाती कक्षा में मैने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली. कुछ सालो बाद, गावं की हालत थोड़ी सी सुधरी और गावं में पढ़ा लिखा मास्टर आया. वो स्कूल में आगे की कक्षा तो नहीं खोल पाया, लेकिन उसने पढ़ने में रूचि रखने वाले लड़को औरलड़कियों को अपने घर में पढ़ना शुरू कर दिया था. वो कक्षा रात में लेता था, तो गावं में किसी को ऐतराज़ नहीं था, कि लड़के और लडकिया घर के और खेत के काम नहीं कर पाये. मै१८ के ऊपर की हो चुकी थी और बापू मेरे लिए लड़का ढूंढ रहे थे. मैने भी स्कूल जाना शुरू कर दिया. पढ़ने में,मै अच्छी थी और जल्दी ही मास्टर मेरे प्रति आकर्षित होना लगा था. मेरे कपड़ो से कभी-कभी मेरा कोई अंग दिख जाता, तो मास्टर के मुँह से लार टपकने लगती.

अब मास्टर मुझे छूने के मौक़े ढूंढने लगा और वो मुझे कुछ न कुछ सिखाने के बहाने मुझे छू लेता था. मेरा खून भी जवान था, तो मुझे भी उसका गरम स्पर्श अच्छा लगता और उसके हाथो की छूयन को महसूस करके मुझे अपनी पेशाब वाली जगह पर गिला महसूस होता. मै आपको बतानाचाहती हु, कि मास्टर ही वो पहला शख्स है, जिसने मुझे चूत, गांड, मुम्मे के बारे में बताया. मास्टर की हिम्मत बढ़ने लगी थी और अब वो मेरे मुम्मे को छूता और दबाता और मै मुस्कुराकर रह जाती, मास्टर समझ गया था, कि अब मुर्गी फस चुकी है. एकदिन, घर में कुछ काम के कारण सेमुझे कुछ देरी हो गयी और इस बात का फायदा उठाकर, मास्टर ने सबकी छुट्टी कर दी. मुझे कुछ पता नहीं था, तो मै मास्टर के घर पहुँच गयी. वहां कोई नहीं था, तो मैने सबके बारे में मास्टर से पूछा; वो बोला, तुझे सिखाऊंगा और वो तेरी आगे आने वाली जिंदगी में काम आएगा. मास्टर अंदर लेकर दरवाजा बंद कर दिया। उस दिन बत्ती नहीं आ थी, तो मास्टर ने मोमबत्ती जलायी हुई थी. मैने देखा मास्टर सिर्फ बनियान और लुंगी में था और उसके लंड को मुँह लुंगी से बाहर झांक रहा था. मुझे समझ तो आ गया था; लेकिन डर लग रहा था. मास्टर मेरे पास आया और आँखोंमें आँखे डालकर अपने हाथो से मेरे बालो से खेलने लगा. मै कुछ समझ पाती, उससे पहले ही मास्टर ने मेरे होठो को अपने होठो में दबा लिया और मेरी चुन्नी उतार फेंकी. मास्टर ने मेरे बालो को खीच दिया और मेरे होठो को काठने लगा. उसकी तड़प और बैचेनी मुझे अच्छी लगा रही थी औरमैने भी उसकी लुंगी खोल दिए और उसके लंड को पकड़ लिया. मुझे कुछ पता तो नहीं था, लेकिन मैने उसके लंड को पकड़े रखा. मास्टर हाथ के ऊपर अपना हाथ रखा और अपने लंड को ऊपर नीचे करने लगा.

अब मास्टर ने अपना बनियान उतार दिया और उसका काल नंगा बदन मेरी आँखों के सामने था. उसने मुझे एक ही बार में नंगा कर दिया और मेरे मुम्मो को अपने हाथो से कस लिया और मस्ती मे दबाने लगा. उसने मेरे मुम्मो को को खींचकर मेरे निप्पलो को मुँह में दबा लिया और अपनेदाँतो से चबाने लगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन जवानी के जोश में मज़ा भी आ रहा था. मास्टर मेरे गोरे बदन को मसलने पर लगा हुआ था. मेरी चूत पूरी तरह से लाल और गीली हो चुकी थी और मेरे ऊपर वासना हावी हो चुकी थी. मै बार-बार बोल रही थी, मास्टर मेरा बदन गरम होगया है और अब सहन नहीं हो रहा है. मेरे पेशाब वाली जगह की खुजली बहुत बढ़ गयी है, कम कर उसे. मास्टर ने मुझे बिस्तर पर लिटा लिया और पैरो को ऊपर करके अपने कंधो पर रख लिया और खोल दिया. मेरी कँवारी चूत खुल गयी थी और मास्टर की नज़रो के सामने थी. मास्टर ने अपनीउंगलियो पर थूक लगाया और अपनी ऊँगली मेरी कँवारी चूत पर रख दी. मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया और मेरे मुह से एक लम्बी सी सीइइइइइइइइइइइइइइ निकल गयी. मास्टर मेरी आवाज़ से थोड़ा डर गया और उसने अपने लंड को मेरी चूत पर सटा दिया और झुककर अपने एक हाथ मुँह कोबंद कर दिया. अब मास्टर ने पूरा जोर लगाकर अपने लंड को मेरी गीली चूत में उतार दिया.

मेरे मुँह बहुत तेज चीख निकलने लगी थी, लेकिन मास्टर के हाथ से मुँह बंद होने से मेरे मेरे गले में ही घुटकर रह गयी. मास्टर का मोटा-बड़ा लंड मेरी चूत फाड़ चूका था और मुझे लग रहा था, कि मेरी चूत में गरम कोयला डाल दिया हो. मेरे तड़पने के बावजूद, मास्टर रुका नहीं और जोर-जोरसे धक्के पर धक्के मारे जा रहा था. कुछ देर में, मेरे दर्द कम हुआ, तो मेरी गांड मस्ती में चलने लगी और मास्टर के धक्को का जवाब धक्को से लगी. मास्टर ने मेरे मुँह से अपना हाथ हटा लिया और मेरे पैरो पकड़कर चोदने लगा. मेरे और मास्टर के मुँह से हलकी-हलकी तड़पती हुईसिसकिया निकल रही थी. मेरा गांड अब तेज चलने लगी थी और एक मिनट बाद मुझे अपनी चूत से कुछ तेजी से बाहर आता हुआ महसूस हुआ. मास्टर ने एकदम अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मुँह के ऊपर आकर अपना मुठ मारने लगा और देखते ही देखते उसके लंड नेपिचकारी की तरह उसका रस बाहर निकाल दिया और मेरे सारे मुँह पर फेल गया. जैसे ही मुझे अपने मुँह पर गीला – गीला लगा, मैने अपने हाथो से मास्टर के लंड का मुँह दूसरी तरफ कर दिया. अब मास्टर मेरे पास बैठ गया और मेरे होठो को मस्त चूसा। मास्टर ने गीले तौलिये से मेरे औरअपने बदन साफ़ किया और मै वापस अपने घर आ गयी. उसके बाद तो, जब भी मास्टर का मन होता, मुझे चोदने के लिए बुला लेता और उसने मुझे तब तक चोदा, जब तक मेरी शादी नहीं हो गयी.

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भाभी की चूत मे लंड डाली उनके घर में

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हाई रीडर, दिस इस माय फर्स्ट स्टोरी है और मैं इस देसी सेक्स स्टोरी का रेगुलर रीडर हु. मैं आज आप सबको अपना रियल इंसिडेंट बताने जा रहा हु. आई हॉप यू विल लाइक माय स्टोरी. बाई – दी – वे, माय नेम इज रिषभ अगरवाल, एज २२ इयर्स, रंग फेयर फ्रॉम पंजाब. मैं कॉलेज बॉय हु. मैं बीबीऐ २न्द इयर में हु. वैसे तो मेरी स्टडी में, मेरा बिलकुल भी मन नहीं लगता है, पर आजकल बिना पढ़े – लिखे को लड़की कोण देता है. तो इसलिए मुझे इतनी पढाई करनी पढ़ रही है. मेरे घर में माँ – डेड, सीस और ग्रैंडफादर रहते है. मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है पूजा. आज मैं इसी भाभी की चूत चुदाई की कहानी आप को बता रहा हूँ.

वो ३२ साल की है और उनकी फिगर ३०-२८-३२ होगी. यकीं मानो दोस्तों, जब भी वो घर से बाहर निकलती है, तो सारे मोह्हले के लड़के उनकी मटकती चाल पर, अपना दिल हारने को तैयार रहते है. पूजा भाभी हमारे घर के बगल वाले घर में रहती है. वो हमारे घर काफी आती – जाती है और इसी वजह से मेरी उनसे अच्छी दोस्ती हो गयी थी. उनके हसबैंड स्कूल में टीचर थे और वो मेरी स्टडी में काफी हेल्प भी करते है. ये इंसिडेंट, आज से एक हफ्ते पहले का है. अब मैं आपको ज्यादा बोर ना करते हुए, सीधे स्टोरी पर आता हु. जैसा कि आप लोग जानते है, कि आज कल सब लोग व्हाट्स ऐप बहुत यूज़ करते है. मेरी स्टोरी भी व्हाट्स ऐप से ही शुरू हुई. एकदिन मुझसे गलती से भाभी को पोर्न मूवी सेंड हो गयी, जो कि मुझे अपने फ्रेंड को भेजनी थी.

वो पोर्न मूवी का बहुत दीवाना था और उसका नाम भी “पी” से शुरू होता है, इस कारण, मुझसे वो पोर्न मूवी पूजा भाभी को सेक्स्द हो गयी. थोड़ी देर बाद, भाभी का मुझे मेसेज आया, कि ये क्या बद्तिमिज़ी है. मैंने कहा – भाभी, ये मुझसे गलती से सेंड हो गयी है. ये मैंने किसी और को सेंड करनी थी. वो गुस्से से बोली – अभी तेरी मम्मी को ये बताती हु. तो काफी मना करने के बाद, वो मान गयी और ऐसे करके बात शांत हो गयी. मैंने अपनी इस गलती के कारण उनसे आँखे भी नहीं मिला पा रहा था. एकदिन भाभी हमारे घर आई और मेरी मम्मी को बोली, कि मुझे मार्किट जाना है. तो क्या मैं अपने साथ रिषभ को ले जा सकती हु? मम्मी ने हाँ बोल दिया और मैं रेडी होने के लिए चले गया. मार्किट जाने के लिए, मैंने कार बाहर निकाली और हम मार्किट चले गये. रास्ते में, मैंने दोबारा से उनसे उस गलती के लिए माफ़ी मांगी. तो उन्होंने मुझे माफ़ कर दिया और फिर अचानक से उन्होंने मुझसे पूछा, कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? तो मैंने जवाब दिया, नहीं. उनका अगला क्वेश्चन सुनकर तो मैं हैरान ही हो गया.

उनका अगला क्वेश्चन था, कि क्या तुमने कभी सेक्स किया है? मैंने जवाब में अपना सिर नहीं में हिला दिया. वो बोली – सेक्स करना चाहते हो? मैंने शरमाते हुए बोला – किस से? वो बोली – मेरे साथ. ये तो सुनकर मेरे पेरो के नीचे से जमीन ही सरक गयी. अब तक हम मार्किट भी पहुच गये थे. मार्किट में उन्होंने कुछ शौपिंग की और १ घंटे बाद, हम वापस घर की ओर चल पड़े. रास्ते में उन्होंने, मुझसे फिर से वही क्वेश्चन पूछा. तो मैंने मना कर दिया और कहा – ये सब गलत है. उस दिन तक, मेरे मन में उनके लिए कोई गलत फीलिंग नहीं थी. मैंने उस रात तक़रीबन ४-५ बार मुठ मारी. मुझे सारी रात नीद नहीं आई. अगले दिन सुबह भाभी का मेसेज आया, क्या सोचा? अगर हाँ है, तो आज रात घर आ जा. तेरे भैया बाहर जा रहे है, ऑफिस के काम से. मैंने दिन भर बहुत सोचा और मैंने हाँ कर दी. मैं रात होने का बेसब्री से वेट कर रहा था. शाम को भाभी हमारे घर पर आई और मम्मी से बोली – आज रात रिषभ हमारे यहाँ सो सकता है? मेरे हसबैंड ऑफिस के काम से बाहर जा रहे है.

वो कल शाम तक आ जायेंगे. मम्मी ने हाँ बोल दिया. भाभी, जाते वक्त मुझे नॉटी सी स्माइल पर कर गयी. रात होते ही, मैं उसके घर चले गया और उस टाइम वो किचन में बिजी थी. मैं टीवी देख ने बैठ गया और पंजाबी सोंग सुनने लगा. कुछ देर बाद, भाभी भी फ्री हो गयी और हम सोफे पर बैठ कर बात करने लगे. तक़रीबन हाफ अन ऑवर के बाद, हम दोनों बेडरूम में चले गये और भाभी ने उस वक्त, ब्लैक कलर की नाईटी पहनी हुई थी. उनके निप्पल साफ़ दिख रहे थे. मैंने लोअर पहनी हुई थी. बेडरूम में जाने के बाद, उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और उन्होंने सारी लाइट्स बंद कर दी और सिर्फ लैंप ओन कर दिए. फिर भाभी मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी. मैं भी उनका साथ दे रहा था. तक़रीबन १० मिनट तक हम दोनों ने किस करते रहे और एक दुसरे के होठो को चूसते रहे. मैं साथ ही उनकी गांड पर हाथ घुमा रहा था. उन्होंने नाइटी के नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था. फिर भाभी ने मेरे क्लॉथ उतारने शुरू किये और मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को चाटने लगी. मेरे लंड का साइज़ ६.५ इंच है और वो २ इंच मोटा है.

फिर मेरा अंडरवियर उतार कर, ५ मिनट तक मेरे लंड को चूसती रही. मैंने भी भाभी को बेड पर लिटाया और मैं उसकी पूरी बॉडी को किस करने लगा. वो बहुत ही गरम हो चुकी थी. किस करते – करते, मैं भाभी की चूत तक पहुच गया. क्या मस्त चूत थी. एकदम क्लीन शेव और गुलाबी.. मैं भाभी की चूत को चाटने लगा और २ मिनट बाद ही वो झड़ गयी. मैं उसका सारा पानी पी गया. वो बोली – मेरे राजा.. आजा, अब चोद डाल मुझे. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा है. मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सेट किया और एक झटका मारा और सारा लंड भाभी की चूत में घुसा दिया. वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी आआआअह्हह्हह्ह आआआआआअ… ह्म्म्मम्म की आवाज़ पुरे कमरे में गूंजने लगी. तक़रीबन १५-२० की चुदाई के बाद, हम दोनों झड़ गये और मैं उसके ऊपर ही लेट गया. मैं उसे किस कर रहा था और ऐसे ही हमने उस रात ३ बार सेक्स किया. तो दोस्तों, ये थी मेरी पहली चुदाई की स्टोरी, अपनी पड़ोस वाली भाभी के साथ…. आपको मज़ा आया, पढ़कर… तो मुझे बताना .. हाँ .. प्लीज…

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आज सारा माल डाल दे मेरे भाई

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्जुन है और में पुणे से हूँ. यह मेरी इस साईट पर पहली कहानी है और में आशा करता हूँ कि आपको यह बहुत पसंद आयेगी. मेरे घर मे 5 लोग रहते है माँ, पापा, दीदी, मेरा छोटा भाई और में. मेरे पापा एक बिज़नेस मैन है और हमारा कॉटन मिल है और मेरी माँ हाऊस वाईफ है. दीदी का MBA पूरा हो गया है और उसकी शादी भी फिक्स हो चुकी है और में बी.ए. कर रहा हूँ और अब में आपको बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.

मेरे दीदी विभा मुझसे 4 साल बड़ी है और दीदी की उम्र 26 साल है, उसका फिगर कमाल का है और उसकी गांड जो किसी का भी दिल जीत ले, में उसे हमेशा से पसंद करता था और उसे हवस की नज़रों से देखता था. मैंने कई बार उसके नाम की मुठ भी मारी है. ये बात पिछले साल जून की है जब मेरे घरवाले किसी रिश्तेदार की शादी में इंदौर गये थे. घर पर बस में और मेरी दीदी और मेरा छोटा भाई ही थे. दीदी को शायद पता था कि में उसे पसंद करता हूँ, लेकिन वो कुछ नहीं कहती थी.

एक दिन मौसम बड़ा खराब था तो दीदी बाहर गयी थी, शायद उस साल की वो पहली बारिश थी. उस टाईम रात के 9 बज चुके थे और उतने में ही मुझे दीदी का कॉल आया, उसकी गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही थी. उसने मुझे उसकी दोस्त के घर लेने बुलाया. फिर मैंने अपने छोटे भाई बबलू से कहा कि में दीदी को लेने जा रहा हूँ तू खाना खाकर सो जाना. फिर मैंने मेरी बाईक निकाली और उसकी दोस्त ऋतु के घर चला गया.

फिर उसकी दोस्त ऋतु ने कहा कि आज रात यही रुक जाओ मौसम बहुत खराब है, लेकिन मैंने कहा कि मेरा छोटा भाई घर पर अकेला है तो हमें जाना होगा. इतने में रिमझिम बारिश स्टार्ट हो चुकी थी. फिर में और दीदी निकल पड़े और थोड़ी ही देर में जोर की बारिश होने लगी तो दीदी और में एक जगह रुक गये. फिर लगभग रात के 11 बजे के करीब बारिश कम हो गयी तो दीदी ने कहा कि वो बाईक चलाना चाहती है तो दीदी बोली कि तू पीछे बैठ में सब संभाल लूंगी.

फिर दीदी बाईक चलाने लगी और में पीछे बैठ गया. हम बारिश के कारण पूरे गीले हो चुके थे और दीदी क्या कमाल की लग रही थी? में दीदी से पीछे चिपक कर बैठ गया. अब मेरा लंड दीदी की गांड को टच हो रहा था और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और शायद दीदी को भी बहुत मजा आ रहा था, मुझे पीछे से दीदी की ब्रा साफ़ साफ़ नज़र आ रही थी. फिर मैंने सोच लिया कि आज दीदी की चुदाई का अच्छा मौका है. फिर थोड़ी ही देर में हम घर पहुँच गये और दीदी की गीली गांड देखकर मेरा बुरा हाल हो रहा था.

फिर थोड़ी देर में दीदी फ्रेश होने गई और नाईट गाउन पहनकर आ गई, दीदी कभी गाऊन नहीं पहनती थी और यह मेरे लिए सर्प्राइज़ था. फिर दीदी ने कहा कि जा फ्रेश होकर आ जा और फिर खाना खाते है फिर में फ्रेश होकर आया और छोटे भाई के कमरे में गया तो वो सो रहा था. फिर में और दीदी खाना खाने लगे, दीदी को ठंड लग रही थी तो खाना ख़ाने के बाद में और दीदी रूम में बातें करने लगे. फिर दीदी ने कहा कि आज रात यही सो जा, मुझे मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही.

में बहुत खुश था, मैंने पजामा और टी-शर्ट पहना हुआ था, अब हम सोने की तैयारी करने लगे, शायद दीदी आज चुदाई के मूड में थी. फिर दीदी ने कहा कि यार मुझे सर दर्द हो रहा है, प्लीज़ मुझे सर पर बाम लगा दे ना तो में बोला जी जरुर दीदी. फिर में उसके सर पर बाम लगाने लगा, अब मुझे उसके बूब्स नज़र आ रहे थे और उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी और अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था तो दीदी बोली कि यार थोड़ा पीठ पर भी लगा दे इससे मुझे थोड़ी राहत मिलेगी, मेरी तो जैसे लॉटरी लग गयी थी.

फिर दीदी उल्टी लेट गयी और मैंने उसके गाउन की चैन नीचे कर दी और बाम लगाने लगा, में अब पूरी पीठ पर बाम लगाने लगा. फिर मैंने कहा कि दीदी में बाम ठीक से लगा नहीं पा रहा हूँ, क्या में आपकी जांघो पर बैठकर बाम लगा दूँ? तो उसने हाँ बोल दिया. अब में उसकी जांघो पर बैठकर दीदी को बाम लगा रहा था और अब मेरा 6 इंच लंबा लंड दीदी की गांड को छूने लगा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैंने दीदी से कहा कि तुम बहुत सुंदर हो और तुम्हारा फिगर भी बहुत अच्छा है, अब दीदी शायद मेरे इरादे समझ गयी थी. फिर दीदी ने कहा कि चलो बहुत रात हो गई है और अब हम सोते है, लेकिन मुझे कहाँ नींद आने वाली थी, क्योंकि मेरा खड़ा लंड तो दीदी की गांड मारने को बेताब था. अब दीदी मेरी तरफ अपनी गांड करके लेट गयी, उसके गाऊन की चैन अब तक खुली थी और में उसके साथ चिपक कर लेटा था. अब मेरा खड़ा लंड उसकी गांड को टच हो रहा था और में उसकी खुली पीठ पर किस करने लगा.

फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी गर्दन के नीचे से उसके बूब्स पर रख दिया और दूसरे हाथ से उसका पेट सहला रहा था, मेरे ऐसा करने से दीदी पूरी गर्म हो चुकी थी और वो अपने एक हाथ से चूत सहलाने लगी और ऐसा लगभग 5 मिनट तक चलता रहा. फिर मैंने दीदी का हाथ उसकी चूत से हटाया और मैंने अपना हाथ रख दिया और उसकी चूत सहलाने लग गया और अब मैंने अपना लंड भी पजामे के बाहर निकाल लिया था, अब दीदी से रहा नहीं गया और उसने मेरी तरफ मुँह किया और मुझे किस करने लग गयी.

मैंने दीदी को 5 मिनट तक किस किया और उसका गाऊन उतार दिया, अब दीदी पूरी नंगी थी और उसका गोरा बदन देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा था. फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे. फिर मैंने दीदी को बेड पर लेटाया और उसकी चूत चाटने लगा और में उसकी गांड से भी खेल रहा था, दीदी की चूत पर एकदम बारीक-बारीक बाल थे और मानो उसने 8 दिन पहले ही शेव की हो.

फिर मैंने उसे उल्टा किया और उसकी गांड चाटने लगा, अब दीदी ज़ोर-ज़ोर से सिसकियां ले रही थी. फिर मैंने दरवाजे की तरफ देखा तो दरवाजा बंद नहीं था तो में उठा और दरवाजा खिड़की सब बंद कर दिए. फिर मैंने दीदी से कहा कि दीदी मेरा लंड चूसो ना तो दीदी ने मना किया, लेकिन में रिक्वेस्ट करने लगा तो फिर वो मान गयी और मेरा लंड चूसने लगी और मेरा लंड उसकी गर्दन तक जा रहा था.

फिर हम 69 की पोजिशन में आ गये, दीदी मेरा लंड चूस रही थी और में उसकी चूत और गांड चूस रहा था और अब तक हम दोनों एक एक बार झड़ चुके थे. फिर मैंने दीदी की टाँगे फैलाई और मेरा लंड दीदी की चूत पर रगड़ने लगा और मैंने अपने लंड का टोपा दीदी की चूत में उतार दिया. उसने अपने होठों को दांतों से दबा लिया था, उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर उसने कहा कि थोड़ा दर्द हो रहा है. तो मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और लंड उसकी चूत में पेल दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में था, उसे मज़ा आने लगा था और वो कह रही थी कि आराम-आराम से करो.

फिर मैंने आराम-आराम से पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा, अब हम दोनों चुदाई का पूरा आनंद लेने लगे थे. फिर 20 मिनट के बाद में उसके पेट के ऊपर आ गया. फिर मैंने टाईम देखा तो रात के 1 बज रहे थे. फिर थोड़ी देर में दीदी फ्रेश होने बाथरूम में चली गयी तो में भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम में चला गया. अब दीदी की गांड देख़कर मुझे जोश चढ़ने लगा और मेरा लंड खड़ा होने लगा.

फिर मैंने दीदी को पीछे से गले लगा लिया और कहा कि दीदी में आपकी गांड मारना चाहता हूँ. फिर वो बोली कि नहीं गांड मारने में बहुत दर्द होता है. फिर मैंने कहा कि दीदी में बड़े आराम से करूँगा और अगर फिर भी दर्द होता है तो हम नहीं करेंगे. फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर उल्टा लेटा दिया. फिर उसके पेट के नीचे एक तकिया रखा और फिर में बाथरूम से साबुन लाया और उसे उसकी गांड पर लगाने लगा और अपने लंड पर भी लगाया, इससे उसकी गांड और मेरा लंड एकदम चिकने हो गये थे.

फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड पर टिकाया और धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया और वो चिल्ला पड़ी. फिर मैंने कहा कि दीदी आराम से और उसके बूब्स दबाने लगा और जब वो नॉर्मल हुई तो में धक्के मारने लगा. फिर मैंने पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया और अब उसे भी मज़ा आने लगा था. फिर थोड़ी देर के बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया और हम दोनों नंगे सोने लगे तो दीदी ने कहा कि आई लव यू भाई तूने तो मुझे जन्नत की सैर कराई है. फिर में बोला कि आई लव यू टू दीदी और हम सो गये. सुबह दीदी से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था और उसके बाद मैंने कई बार दीदी की चुदाई की और अब उसकी शादी हो चुकी है और मुझे जब भी मौका मिलता है तो में उसकी चुदाई करता हूँ.

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बुर से पानी निकला काम वाली की

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बात उन दिनों की है जब मैं दिल्ली में एक कंपनी में नौकरी करता था. हम लोगों ने एक घर किराये पर ले रखा था. घर में तीन कमरे थे. पहला कमरा एक बड़ा ड्राइंग रूम था और बाकी दो कमरे बेडरूम थे. मैं आखरी वाले कमरे में रहता था बिल्कुल अकेला.

हमने एक काम वाली रखी जो सिर्फ़ १९ साल की थी. देखने में तो वो ठीक थी, लेकिंग उसके मम्मे बहुत ही बड़े थे. उसका नाम सोनिया था. सोनिया आगरा की रहने वाली थी लेकिन उन दिनों वो अपने माँ बाप के पास रहती थी क्योंकि उसके पति के साथ झगडा हो गया था. उन दिनों मेरा लण्ड बहुत ही ज़्यादा परेशान करता था मुझे.

सोनिया रोज़ सुबह ७ बजे आती थी और पहले झाडू पोछा करती थी और फिर वह हम लोगों का खाना बनाती थी. मेरे मन में वो पहले दिन से ही छा गई थी, और मैं उसकी चूत मारने की सोचता रहता था.

एक रोज़ वह सुबह सुबह जब मेरे कमरे में झाडू कर रही थी तो मैंने उसे सर दबाने के लिए कहा, उसने आने कोमल हाथों से मेरा सर दबाना शुरू कर दिया. फिर तो यह रोज़ के किस्सा हो गया. धीरे धीरे मैंने उसके हाथ पकड़ना शुरू कर दिया और जब उसने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई. फिर एक सुबह मैंने अपना सर दबवाते हुए उसके मम्मे पकड़ लिए और वह मुझसे अपना हाथ छुड़वा कर चली गई. मैंने सोचा कोई बात नहीं तुझे तो मैं अच्छे से चोदूंगा .

एक शाम को मेरे दोस्त ने कहा कि उसको १० दिन के लिए जयपुर जाना पड़ेगा ऑफिस के काम से. मेरी तो जैसे लॉटरी ही निकल गई.

अब बस मैं अकेला ही बचा था उस फ्लैट में. अगली सुबह जब कामवाली ने दरवाज़े की घंटी बजाई तो मैंने दरवाज़ा खोला और वो मुझे देख कर चौंक गई. मैंने कहा की मेरा दोस्त जयपुर गया है, १० दिन बाद लौटेगा. सोनिया ने शायद यह भांप लिया था कि अब तो उसको चुदना ही पड़ेगा. खैर मैंने उसे कहा कि तुम आज खाना सिर्फ़ मेरे लिए और अपने लिए ही बनाना. फिर उसने झाडू लगना शुरू किया तो मैं वापस अपने बिस्तर पर आ कर लेट गया. जब वोह मेरे कमरे में आई तो मैंने उसे कहा,” सोनिया आज शरीर में बहुत दर्द हो रहा है, लगता है आज छुट्टी लेनी पड़ेगी।”

उसने कहा” मैं आपको दबा देती हूँ”

फिर सोनिया ने मुझे धीरे धीरे दबाना शुरू किया. मुझे तो लग रहा था जैसे मैं जन्नत में हूँ. मैंने उससे पूछा ‘ सोनिया तुम अपने घरवाले के पास क्यों नहीं जाती हो?”

तो उसने जवाब दिया” वो मुझे छोड़ कर चला गया था एक लड़की पैदा होने के बाद, अब आता है माफ़ी मांगने के लिए लेकिन मैं उस पर कैसे विश्वास कर लूँ?’

फिर मुझे समझ में आ गया कि उसकी चूत मारने में ज़्यादा टाइम नहीं लगेगा. मैंने धीरे धीरे उसे कहा की मेरी पीठ को भी दबाओ. उसने मेरा कहना माना और वो मेरे बिस्तर पर बैठ गई. मैंने उसकी जांघ पर हाथ फेरना शुरू किया और उसने ज़्यादा आना कानी नहीं की. फिर मैंने उसकी चुचियों को उसके कमीज़ के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया और वह कराहने लगी. मैंने ज़्यादा टाइम बर्बाद नही करते हुए उसके बिस्तर पर लेटा लिया और उसका कमीज़ निकल दिया. फिर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रखे और एक लम्बी सी किस दे दी. फिर मैंने उसकी ब्रा उतारी और मैंने उसके मम्मे चाटना शुरू कर दिया . वो तो जैसे सातवें आसमान पर थी. मैंने उसके मम्मों को दबाना भी जारी रखा. उसने कहा अब बस भी करो, अगर मैं जोश में आ गई तो गड़बड़ हो जायेगी.

मैंने उसकी सलवार उतारी और उसकी जाँघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. धीर धीर मैंने उसके जाँघों पर अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. वोह ” ऊउह्ह्ह्ह्ह् आआआआआआःःःःःःःः ऊऊऊईईईईई कर रही थी, और मैं रुकने का नाम भी नहीं ले रहा था.

फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी टांगें फ़ैला कर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. उसकी चूत में से एक नमकीन सा स्वाद आ रहा था. उसकी गर्मी बढती जा रही थी उसने मेरा लण्ड ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया. मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और उसके मुँह में अपना लण्ड रख दिया. उसने मेरे लण्ड को लोलीपोप के जैसे चूसना शुरू कर दिया.

मैंने फिर उसकी चूत को ज़ोर ज़ोर से चाटना शुरू किया और वोह भी मेरे लण्ड को चूस रही थी।

फिर मैंने अपना लण्ड उसके मुँह से निकाला और उसकी चूत पर रख दिया और एक ज़ोर से धक्का मारा. मेरा ६.५” का लण्ड उसकी चूत में चला गया. उसकी तो जैसे जान जी निकल गई और बोली ” ज़रा धीरे धीरे से करो ना, बहुत दर्द हो रहा है, आपका लण्ड तो बहुत ही मोटा, और तगड़ा है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है”

मैंने अपना लण्ड थोड़ा सा बाहर निकाला और पूछा,” अब ठीक है क्या?”

वोह बोली,” हाँ अब ठीक है”

फिर मैंने धीरे से एक और धक्का मारा और इस बार मेरा सारा का सारा लण्ड उसकी चूत में समां गया.

ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ साहब बहुत अच्छा लग रहा है ! चोद दो मुझे ! आज से मैं आपकी हो गई हूँ ! आह्ह्ह् उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ उईईईई

आआआआआ ! बहुत मज़ा आ रहा है !

मैं उसकी चुदाई ज़ोर ज़ोर से करने लगा और साथ में उसके मम्मों को चूस रहा था. मुझे बहुत दिनों के बाद कोई अच्छी चूत मिली थी इसलिए मैं अपनी सारी भड़ास निकलना चाहता था. मैंने उसके मम्मे चूसने के साथ साथ दबाना भी चालू रखा था. उसकी सिसकियों से कमरे का माहौल काफ़ी गरम हो रहा था.

ऊऊऊऊ आआआआआ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ उईईईईईईई ! साहब और ज़ोर से करो ना ! मुझे और प्यार करो ! मेरा पानी निकाल दो ! आज बहुत दिनों के बाद एक असली मर्द से पला पड़ा है ! आआआआआह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊऊउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआआआआ ! मैं आआआअ रहीईईई हून्न्न्न्न साहब

मैंने भी ज़ोर ज़ोर से उसको पेलना शुरू रखा और थोड़ी देर के बाद मैं भी आ गया उसकी चूत में सारा माल निकाल दिया मैंने अपना.

उसने मेरा लंड अपने मुँह से साफ़ किया और फिर मेरी बाहों में आ कर लेट गई

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चाची थी कुवारी,लेकिन क्या बुर है तुम्हारी

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मैं आप लोगों से बताना चाहता हूँ, खासकर उन आंटी और शादीशुदा महिलाओं को जो अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नहीं हैं।
मेरा नाम सँदीप है उस समय मेरी उम्र २३ साल थी जब मेरे छोटे चाचा की शादी हुई थी। मैं घर कम ही जाता था क्योंकि उस समय मैं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था, पर उन दिनों मेरे घर में दो शादियाँ थी एक मेरे चाचा जी की और दूसरी मेरे बुआ के लड़के की। इसलिए न चाहते हुए भी मुझे घर जाना पड़ा। पर मुझे क्या पता था कि वक़्त मेरी जवानी को नया रंग दिखलाना चाहता है।
मेरी घर में बहुत इज्जत है क्योंकि मैं पढाई में बहुत तेज हूँ और छोटे चाचा ८ क्लास के बाद नहीं पढ़े। जब मैं शादी में गया तो चाची को देखता ही रह गया। वो बहुत मस्त थी, उस समय उनका फिगर ३२-२८-३४ था। चाचा और चाची की जोड़ी बिल्कुल नहीं जम रही थी, जैसे लंगूर के हाथ में अंगूर या हूर !
मन तो कर रहा था कि ये अंगूर मुझे खाने को मिल जाये !
घर में शादी के बाद एक रिवाज़ की वजह से पहली रात चाची को अलग सोना था। घर पर मेहमान काफी थे इसलिए मैं पहले से जा कर चाची के कमरे में सो गया। चाचा को बाहर ही सोना था। रात में मेरी नींद खुली तो देखा कि चाची मेरे बगल में सोयी हैं, शायद शादी की वजह से उन्हें थकान बहुत थी इसलिए वो बेधड़क सो रही थी। उनका पल्लू सीने से हट गया था। उनकी काले रंग की ब्रा देख कर मेरा ७ इंच का लंड बेकाबू हो गया।
मैंने धीरे -२ उनके ब्लोउज के बटन खोल दिए। उनकी गोरी-२ चूचियां देख कर मेरा लंड फ़नफ़ना रहा था। मैंने हौले से उनकी ब्रा की पट्टी कन्धों से किनारे हटा दी और एक हाथ से चूची को हलके-२ दबाने लगा, दूसरी चूची को अपने मुँह में भर के चूसने लगा। मुझे लगा चाची जाग गयी हैं पर सोने का बहाना कर रही हैं तो मैं धीरे से उनकी साड़ी को उपर खिसका कर उनकी चूत पर उपर से हाथ फरने लगा। थोड़ी देर में मुझे पैंटी में गीलापन महसूस हुआ। मुझे लगा चाची को मजा आ रहा है तो मैंने धीरे से उन्हें आवाज दी- चाची….. !
उन्होंने कहा- कुछ मत बोलो बस करते रहो….!
यह सुनते ही मैं उनके उपर आ गया और उनके रसीले होटों को चूमने लगा..
अब चाची मेरा पूरा साथ दे रही थी…
उन्होंने मेरे पायजामे में हाथ डाल कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसकी सुपाड़े की चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी। मैं भी दोनों हाथो से उनकी गोल-२ चूचियां दबा रहा था। उनके मुँह से सेक्सी आवाजें आ रही थी- चोदो मुझे मेरे राजा ….. आज मेरी सुहागरात है …. १८ साल से ये अनचुदी है आज इसकी प्यास बुझा दो मेरे राजा ….
मैं भी गरम हो रहा था, मैंने उनकी पैंटी को उतार फेंका…और उनकी चूत में मुह लगा दिया। वो शायद एक बार झड़ चुकी थी। उनकी चूत से पानी निकल रहा था, मैं सब पी गया। मैंने दो उंगलियाँ उनकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।
उन्हें मजा आने लगा….
उन्होंने भी मेरा लंड पकड़ के मुँह में भर लिया और सटासट चाटने लगी…
मैं उनके मुँह में ही झड़ गया, वो मेरा सारा रस पी गयीं। उन्होंने चूस-२ कर फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया….
वो बोली- जान अब और न तड़पाओ ! अपनी रानी को चोद दो ! मुझे मेरी प्यास बुझा दो…
मैं तो तैयार था, उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुहाने पर रखा और कहा- धक्का मारो !
मैंने भी बहुत जोर से पेल दिया पर चूत बहुत टाइट थी, लंड घुसा ही नहीं तो उसने लंड पकड़ कर ढेर सारा थूक मेरे सुपाड़े पर पोत दिया……
अबकी बार मैंने धीरे-२ धकेला तो आधा लंड अंदर चला गया….
वो दर्द से पागल हो गई, बोली- निकालो ! बाहर करो ! मैं नहीं सह पाऊँगी !
पर अब मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उसे कमर से पकड़ कर पूरे जोर से एक धक्का मारा और लंड उसकी चूत की गहराइयों को छू गया……
वो दर्द से रोने लगी पर मैं धीरे धक्के लगाने लगा। थोड़ी देर में उसे भी मजा आने लगा, उसके मुँह से आवाज निकलने लगी थी- चोदो….और जोर से…..आह…आह….मेरे राजा…..मुझे जन्नत की सैर कराओ….और अंदर डालो…आह….सी…सी….
आह…. मैं पूरे जोर से पेले जा रहा था- हाँ रानी… ले… खा ले … पूरा मेरा खा जा … ले … ले … पूरा ले …
आह …राजा….मैं गई….सी….थाम लो….मुझे…..आह….
मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है तो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी…..१०-१५ धक्कों के बाद हम दोनों साथ ही झड़ गये…
मैंने अपनी सारी गर्मी उसकी चूत में भर दी…
मैंने उठ कर देखा- खून से उसकी साड़ी लाल हो गई थी…
मुझे गम न था आज एक कुंवारी चूत का रसपान जो किया था…
उस रात मैंने उसे ४ बार चोदा…. वो शायद सबसे हसीं रात थी….
आपको अपने जीवन की कुछ और घटनाओ से अगली कहानी में वाकिफ करूँगा।
तब तक आप मुझे जरूर बताएं कि ये मेरी पहली घटना कैसी लगी !

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माँ ने कहा बहन को चोदो

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आरव है और मेरी इस साईट पर ये पहली स्टोरी है. इस कहानी में आपको बताऊंगा कि कैसे मेरी शादी मेरी ही बहन से हुई? तो अब में आपको शुरुवात से बताता हूँ कि ये सब कैसे स्टार्ट हुआ? में पहले मेरी माँ और बहन के साथ बेंगलोर में ही रहता था और मेरे पापा की मौत हो गई थी, हमारा एक छोटा सा बिज़नेस था और कोई रिश्तेदार हमारी मदद के लिए आगे नहीं आया तो माँ ही पापा के बाद उसे संभालती थी.

जब मेरी पढाई पूरी हुई तो मेरी दिल्ली में जॉब लग गई और में दिल्ली आ गया. उस टाईम मेरी बहन 12वीं क्लास में थी, उसका नाम गीतू है और उसका कलर फेयर था और बॉडी भी अच्छी मैंनटेन थी और उसका फिगर बहुत अच्छा था, वो स्कूल ड्रेस में स्कर्ट पहनती थी और जब भी में उसे स्कूल छोड़ने जाता था तो सभी लड़को की नज़र उसकी तरफ़ होती थी, लेकिन वो किसी को घास नहीं डालती थी. मैंने उसके लिए कभी गलत नहीं सोचा था और वो भी मुझे भाई के जैसे ही प्यार करती थी.

फिर दिल्ली आने के बाद मेरी जॉब अच्छी चल रही थी और मुझे यहाँ 2 साल हो गये थे. फिर मैंने यहाँ पर फ्लेट लिया हुआ है और जब बेंगलोर में हमारा बिज़नेस बंद होने को था तो मैंने माँ को कॉल करके कहा कि वो दोनों दिल्ली ही आ जाए, क्योंकि अब मेरी बहन ने भी 12वी क्लास पूरी कर ली थी. फिर मैंने कहा कि में उसकी एड्मिशन यहीं पर ही करवा दूँगा तो माँ मान गई और उन्होंने वहाँ पर सब कुछ बेच दिया. फिर मैंने उनकी ट्रेन की टिकट भी बुक करवा दी थी तो जब वो दिल्ली आए.

फिर में उन्हें लेने स्टेशन गया और अब में इतने टाईम के बाद उन्हें देखकर बहुत खुश हुआ, लेकिन जब मैंने अपनी बहन को देखा तो देखते ही रह गया, वो 2 साल में एकदम चेंज हो गई थी, उसके बूब्स, गांड और उसका फिगर चेंज हो गया था और कोई भी उसे देखता तो देखते ही रहता था.

फिर जब वो आई तो उस टाईम उसने पिंक टॉप और ब्लेक जीन्स पहनी हुई थी और वो पूरी मस्त हॉट लग रही थी. मुझे उसको देखकर फर्स्ट टाईम गलत सोच आई, लेकिन फिर मैंने अपने आपको संभाला और उसे हग किया और हम सब घर आ गये. फिर मैंने कुछ दिन के बाद मेरी बहन का कॉलेज में एड्मिशन करवा दिया और अब माँ ने भी सारा घर संभाल लिया था. में भी बहुत खुश था और हम सभी यहाँ बहुत मस्ती करते थे और लाईफ दुबारा से बहुत अच्छी हो गई थी. माँ और बहन भी यहाँ आने के बाद बहुत खुश थे, में और मेरी बहन बहुत अच्छे फ्रेंड्स बन गये थे. एक दिन माँ ने मुझसे कहा कि अब मुझे शादी कर लेनी चाहिए और उन्हें भी उनकी मदद के लिए कोई मिल जायेंगी. फिर मैंने माँ को मना नहीं किया और शादी के लिए हाँ कर दी.

फिर माँ बहुत खुश हुई, अब अगले दिन रविवार था तो माँ ने घर पर पंडित जी को बुला लिया और में उस टाईम घर पर ही था और बहन कोचिंग क्लास के लिए गई हुई थी. फिर पंडित जी ने मेरी कुंडली देखी और कुछ सोचने लग गये.

माँ – क्या हुआ पंडित जी? कोई प्रोब्लम है क्या?

पंडित – इसकी कुंडली ठीक नहीं है, ये लड़का बाहर की किसी लड़की से शादी नहीं कर सकता है और अगर करेगा तो ये ठीक नहीं रहेगा और इसे कुछ भी हो सकता है.

माँ – इसका कोई रास्ता तो होगा ना. (माँ ने डरते हुए पूछा)

पंडित – इसका एक ही रास्ता है कि इसकी शादी आप अपने ही परिवार में किसी से कर दो, तभी इसके लिए ठीक रहेगा और ये खुश भी रहेगा.

माँ – लेकिन हमारी किसी रिलेटिव से नहीं बनती है तो ये कैसे संभव होगा? इसका कोई और रास्ता तो होगा. (अब माँ बहुत चिंतित हो गई थी)

तभी मेरी बहन कोचिंग से वापस घर आ गई, उसने फुल साईज फ्रोक पहनी हुई थी और जो उसकी बॉडी से बिल्कुल फिट थी, वो एकदम हॉट लग रही थी. एक बार तो में भी उसे देखे जा रहा था और तभी उसने सभी को हैल्लो कहा और अपने रूम में चली गई.

पंडित – ये लड़की कौन है?

माँ – ये मेरी बेटी है और अभी कॉलेज में पढाई कर रही है.

पंडित – तो आप अगर मेरी बात का बुरा ना माने तो आप इसकी शादी इस लड़की से ही क्यों नहीं करवा देती है? इससे आपकी बेटी भी हमेशा आपके साथ रहेगी और आपके बेटे को भी लाईफ में कोई प्रोब्लम नहीं होगी और बाकी आपकी मर्ज़ी, क्योंकि इसका कोई और रास्ता नहीं है तो आप आराम से सोच लेना और मुझे बता देना. फिर पंडित जी चले गये और में और माँ अभी भी सोफे पर बैठे थे और कोई कुछ नहीं बोल रहा था.

में – माँ चिंता मत करो सब ठीक होगा और ये सब तो कहने की बातें है और में नहीं मानता इन्हें.

माँ – नहीं बेटा ऐसा नहीं होता है और मैंने पहले ही तुम्हारे पापा को खो दिया है और अब तुम्हें नहीं खोना चाहती, मुझे लगता है कि पंडित जी ठीक कह रहे थे.

में – लेकिन माँ वो मेरी बहन है और में ऐसा कैसे कर सकता हूँ? ये असंभव है.

माँ – प्लीज बेटा यहाँ हमें कोई नहीं जानता है तो कोई प्रोब्लम भी नहीं होगी, प्लीज मेरे लिए मान जा और में तुम्हारी बहन से बात करती हूँ.

फिर माँ ने मुझे समझा कर मना लिया तो मैंने भी उन्हें हाँ कर दी. फिर उसके बाद माँ बहन के रूम में गई और अब में बाहर ही बैठा था, में दुखी भी था कि मुझे ऐसा करना पड़ेगा, लेकिन कहीं ना कहीं खुश भी था कि मुझे इतनी हॉट लड़की मिल रही है. फिर कुछ देर के बाद माँ बहन के रूम से बाहर आई और उन्होंने कहा कि वो मान गई है और अब माँ बहुत खुश लग रही थी, तभी में मेरी बहन के रूम में गया तो अब वो अजीब सा महसूस कर रही थी.

में – तुम खुश तो हो ना और अगर तुम्हें कोई प्रोब्लम है तो तुम मुझे बता सकती हो.

गीतू – नहीं भैया, आई एम वैरी हैप्पी मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है और में तो बहुत खुश हूँ कि में हमेशा आपके और माँ के साथ ही रहूंगी.

अब ये सुनकर में बहुत खुश हुआ और हम दोनों ने हग किया, लेकिन इस टाईम ये हग अलग था, उसके चेहरे पर एक स्माईल थी. फिर में बाहर आ गया और माँ अगले दिन पंडित के पास चली गई और उनसे शादी की तारीख ले ली. फिर हमने डिसाईड किया कि हम शादी मॉर्निंग टाईम घर पर ही करेंगे और उसके बाद दिन में क्लोज़ फ्रेंड्स के साथ पार्टी कर लेंगे, जो यहाँ मेरे साथ दिल्ली में है और जिन्हें मेरे और बहन के बारे में नहीं पता है. उसके बाद हमने शादी की तैयारी शुरू कर दी और शॉपिंग करने लगे, अब शादी की तारीख बहन के एग्जॉम के बाद की थी तो शादी का दिन आ गया और पंडित जी घर पर थे. अब में तैयार होकर उनके पास बैठा था और बहन रूम में तैयार हो रही थी.

फिर कुछ टाईम के बाद माँ गीतू को लेकर आई, उसने शादी की लाल कलर का ड्रेस पहना हुआ था और वो किसी परी से कम नहीं लग रहीं थी, मेरी एक मिनट के लिए भी उससे नज़र नहीं हट रहीं थी. फिर शादी के बाद हम सीधा रिशेप्शन पार्टी की जगह पर चले गये, वहाँ पर मेरे और बहन के कुछ क्लोज़ फ्रेंड्स थे. उसके बाद माँ, में और गीतू घर आ गये. फिर मैंने देखा कि माँ ने मेरा रूम पूरा रूम सुहागरात के लिए सजाया हुआ था. फिर वो गीतू को लेकर रूम में चली गई और अभी में बाहर ही था. फिर कुछ टाईम के बाद माँ रूम से बाहर आई और उन्होंने मुझे रूम में जाने के लिए कहा. फिर जब में रूम में जा रहा था तो मुझे थोड़ा अजीब सा भी महसूस हो रहा था और उतेजित भी था, क्योंकि यह सबके जैसी नॉर्मल सुहागरात नहीं थी और मेरी सग़ी बहन के साथ सुहागरात थी.

फिर में ख़ुशी में रूम में दाखिल हुआ और देखा कि क्या मस्त रूम और बेड को सजाया था? बेड को सारे फूलों से सजाया हुआ था और मेरी बहन वहाँ बेड पर लाल कलर की साड़ी पहनकर बैठी थी, वो उस साड़ी में क्या मस्त दिख रही थी? उसे देखकर में बहुत उत्तेजित हो गया था. फिर वो मुझे नहीं देख रही थी और में भी उसे नहीं देख रहा था, अब वो भी अजीब सा महसूस कर रही होगी. अब में बेड पर जाकर बैठा और गीतू से बातें करने लगा.

में – गीतू तुम इस शादी की ड्रेस में बहुत सुन्दर लग रही हो.

गीतू – थैंक्स भैया.

में – अब में सिर्फ़ तेरा भैया ही नहीं तेरा पति भी हूँ.

गीतू – हम्म.

में – फिर मैंने उसके हाथ को मेरे हाथ में लिया और पूछा कि क्या हुआ बेबी? तुम्हें अजीब सा महसूस हो रहा है क्या?

गीतू – हाँ भैया अजीब सा तो होगा ही ना, लेकिन अब हम दोनों पति पत्नी है, मेरा मतलब अब हम इस फिलिंग का कुछ नहीं कर सकते है तो अब हमें अपनी सुहागरात करनी चाहिए.

फिर मेरी बहन की यह बात सुनकर में और ज़्यादा उत्तेजित हो गया और अब में समझ गया था कि वो भी सुहागरात एन्जॉय करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. फिर मैंने गीतू को मेरे पास लिया और उसे हग किया और बोला आई लव यू डार्लिंग लेट्स एन्जॉय और सुहागरात तो गीतू ने भी मुझे हग कर लिया. फिर मैंने उसकी आँखों में देखा तो मुझे नशा सा लगने लगा.

फिर मैंने पहले उसके गालों पर किस किया और फिर किस करते-करते मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैंने उसके लिप को स्मूच करना शुरू कर दिया. अब वो भी मुझे अच्छे से रेस्पॉन्स दे रहीं थी, अब हम दोनों अपने स्मूच में खो गये थे. फिर मैंने स्मूच करते-करते उसके बूब्स पर हाथ लगाया तो गीतू एकदम जैसे उसकी बॉडी में करंट आ गया हो तो वैसा उसको झटका लगा. फिर हमने स्मूच ब्रेक किया और अब में उसके बूब्स को महसूस कर रहा था.

गीतू – भैया यह मेरा पहला स्मूच था, इट वाज़ ओसम भैया.

में – भैया नहीं, अब में तेरा पति हूँ और अब में उसकी साड़ी की पल्लू हटाकर उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था.

गीतू – हह्ह्ह्ह भैया धीरे से करो, मुझे तो आपको भैया ही बोलना है और हमारे पास एन्जॉय करने के लिए सारी रात है.

अब में फिर से गीतू को स्मूच करने लगा और अब में उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और मेरा उसके टाईट सेक्सी बूब्स से हाथ निकालने का मन नहीं हो रहा था, अब स्मूच करते-करते मैंने गीतू के ब्लाउज के हुक निकाल दिए और उसने अंदर लाल ब्रा पहनी थी और लाल ब्रा में उसके बूब्स देखकर में पागल हो गया था. मैंने पहले कभी गीतू को ऐसे नहीं देखा था. फिर मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल दिया और उसके बूब्स चूसने लगा.

गीतू – आह्ह्ह्ह भैया, धीरे करो दर्द हो रहा है.

में – इतने सेक्सी बूब्स है तेरे गीतू कंट्रोल नहीं होता और अब में उसके बूब्स को एक के बाद एक चूसता रहा. अब गीतू बस मज़े में हहह्ह्ह्ह की आवाज़ें कर रही थी, अब मेरी बहन की सेक्सी जवान निप्पल खड़ी हो गई थी. फिर में उसके निप्पल को अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और मेरे चूसने से वो पागल हो रही थी. फिर मैंने उसके एक हाथ को मेरे लंड पर लगाया तो वो मेरे लंड को ड्रेस के ऊपर से ही सहला रही थी, लेकिन कुछ नहीं कर रही थी. फिर मैंने उसकी निप्पल को अपने दातों के बीच में लेकर काट दिया तो उसने मेरे काटने से मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया. फिर मैंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया, अब गीतू मेरे लंड को सीधे नहीं देख रही थी, शायद वो थोड़ा शर्मा रही थी.

फिर में उसके ऊपर गया और उसकी सेक्सी गहरी नाभि को किस करने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा. अब गीतू मदहोश हो चुकी थी और हहह्ह्ह भैया की आवाज़ें कर रही थी, अब गीतू की नाभि को किस करते-करते मैंने उसकी साड़ी और पेटिकोट उतार दिया. अब वो सिर्फ़ पेंटी में थी जो कि लाल कलर की थी, अब में उसकी जांघो को किस करता रहा.

मैंने एक के बाद एक उसकी टांगो को अपनी जीभ से चूसा, लेकिन अब तक उसकी पेंटी को हाथ भी नहीं लगाया. अब उसकी पेंटी पहले से गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी जांघो को किस करते-करते उसकी पेंटी पर हाथ लगाया तो गीतू ने मेरा हाथ पकड़ लिया. फिर मैंने ऐसे ही उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को टच किया तो अब उसकी चूत को टच करते ही वो मचल रही थी. फिर मैंने उसकी पेंटी पर से उसकी चूत को किस किया.

गीतू – भैया आप मुझे यह क्या कर रहे हो अहह? फिर मैंने उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी पेंटी को निकाल दिया, वाउ क्या मस्त चिकनी चूत थी? उसकी चूत एकदम क्लीन थी, शायद उसने शादी के एक दिन पहले ही शेव की थी.

फिर में उसकी चूत को देखकर पागल हो गया और चाटना करना शुरू किया तो अब वो आह भैया अहह की सिसकियां निकाल रही थी. अब में उसकी चूत को चाटते हुये अपनी उंगली भी अंदर डाल रहा था, अब वो दर्द और मज़े से मचल रही थी. फिर मैंने उसकी चूत के दाने को चूसना शुरू किया, जवान वर्जिन चूत और वो भी मेरी बहन की. उसकी चूत का टेस्ट क्या मस्त लग रहा था? अब वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी, अब वो मेरे चेहरे को अपने हाथ से उसकी चूत पर दबाने लगी थी.

गीतू – हह्ह्ह्ह भैया आह्ह्ह्ह, अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है भैया प्लीज़ मुझे चोदो, मेरी चूत में आपका लंड डालो भैया. अब में उसकी चूत में दूसरी उंगली भी डालकर अपनी 2 उँगलियों से फिंगरिंग कर रहा था और वो अहह भैया, प्लीज चोदो मुझे, फक मी भैया आह्ह्ह्ह बोले जा रही थी. फिर मैंने मेरे लंड को उसकी चूत पर लगाया और रब किया. फिर अंदर डालने की कोशिश की. वो वर्जिन थी, अब उसे बहुत दर्द हो रहा था और अब वो उसके पैरों को चौड़ा नहीं कर रही थी.

फिर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर थोड़ी क्रीम भी लगा दी. फिर मैंने उसके ऊपर आकर अपने लंड को उसकी चूत पर लगाकर ज़ोर से झटका दिया तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया तो अब गीतू दर्द से तड़प रही थी. फिर मैंने उसको स्मूच करना शुरू किया और स्मूच करते करते ज़ोर से एक झटका दिया और उसकी सील टूट गयी और उसकी आँखों से पानी आ रहा था.

फिर में थोड़ी देर तक उसी पोज़िशन में रहा और फिर धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही करने के बाद उसका दर्द कम हो गया तो उसने मुझे हग किया, अहह भैया चोदो मुझे और अंदर डालो भैया आह्ह्ह्ह चोदो मुझे. फिर मैंने अपनी स्पीड तेज करनी शुरू कर दी, अब में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद मेरा पानी निकलने वाला था. फिर मैंने बोला कि गीतू डार्लिंग मेरा निकलने वाला है. फिर उसने बोला कि भैया फर्स्ट सेक्स का पानी मेरे अंदर ही छोड़ना. फिर मैंने एक ज़ोर के झटके से मेरा सारा पानी उसकी चूत में डाल दिया. अब वो मुझे उसके पैरों से लॉक करके उसी पोज़िशन में थी और हमने इसी पोज़िशन में 15 मिनट तक आराम किया.

फिर मैंने गीतू से पूछा कि कैसा लगा? फिर उसने बोला कि भैया बहुत मज़ा आया, लेकिन दर्द भी हो रहा है. फिर मैंने बोला कि चिंता मत करो बेबी ये दर्द तो मीठा होता है, अगली बार से बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा और मैंने उसे स्मूच किया. फिर हम दोनों ऐसे ही स्मूच करते रहे. फिर मैंने गीतू से मेरा लंड चूसने को कहा तो अब वो थोड़ा अजीब सा महसूस कर रही थी.

फिर मैंने बोला कि बेबी बहुत मज़ा आयेगा. फिर में बेड पर नीचे लेट गया और अब वो मेरे लंड को पकड़कर हिला रही थी. फिर मैंने बोला कि गीतू चूस मेरे लंड को तो अब वो मेरे लंड पर किस कर रही थी, लेकिन पूरा अंदर नहीं ले रही थी. फिर मैंने उसको 69 पोज़िशन में आने को बोला और अब उसकी चूत मेरे चेहरे पर थी.

फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया और अब वो मेरे लंड को किस कर रही थी और में उसकी चूत से लेकर गांड तक अपनी जीभ से चाट रहा था और वो हह्ह्ह आह भैया और करो भैया और चाटो मेरी चूत को ऐसे आवाज़ें कर रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चूसते चूसते उसकी गांड में अपनी एक उंगली डाल दी. अब वो मेरे लंड को पूरा अंदर लेकर चूस रही थी, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो मेरे लंड के टोपे को उसकी जीभ से चाट रही थी और फिर सारा अंदर ले रही थी. फिर में भी उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर चाट रहा था और उसकी गांड में उंगली कर रहा था और अब वो मेरे लंड को अपने मुँह में गले तक ले रही थी.

अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उसको डॉगी स्टाईल में आने के लिए बोला और वो बेड पर अपनी गांड मेरी तरफ करके झुक गई. फिर मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और मेरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. अब मेरा लंड अंदर जाते ही वो मचल गई और मैंने पीछे से उसके बूब्स को पकड़ लिया और चोदना शुरू किया. अब में उसके बूब्स को दबाते हुये उसे चोद रहा था और गीतू हह्ह्ह भैया हह्ह्ह फक मी हार्ड भैया, फक मी चूत भैया, हह्ह्ह भैया फक मी डीपर, ऐसी आवाज़ें कर रही थी. अब में उसे चोदते-चोदते उसकी गांड और बूब्स को प्रेस कर रहा था और अब पूरे रूम में ठप ठप ठप की आवाज़ें आ रही थी.

अब मेरा पानी उसकी गांड में निकलने वाला था और मेरी सुहागरात थी तो में उसके अंदर ही अपना पानी छोड़ना चाहता था. फिर मैंने बोला कि बेबी आई एम कमिंग. फिर उसने बोला कि भैया चोदो और चोदो. फिर मैंने भी उसकी चूत को मेरे स्पर्म से भर दिया और हम बेड पर एक दूसरे के ऊपर लेट गये. ऐसे ही हमने उस रात अलग-अलग स्टाईल में सेक्स किया और ऐसे ही एक दूसरे को नंगे हग करके सो गये. फिर सुबह माँ ने दरवाजे को खटखटाया तो हमारी नींद खुल गई, अब गीतू मुझे स्माईल दे रहीं थी, अब मुझे वो संतुष्ट लग रही थी. फिर हमने स्मूच किया और बेड से नीचे आ गये और अपने कपड़े पहन लिए और फिर हमने सेक्स को खूब एन्जॉय किया.

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मामाजी के अनुभवी लंड मेरी चूत को मिला

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नमस्कार …

मैं आपके लिए अपनी पहली कहानी लेकर आई हूँ। मुझे रिश्तेदारी में हुए सेक्स की कहानियाँ बहुत पसंद आती हैं। आज आपको अपनी ऐसी ही एक कहानी सुनाती हूँ।

मैं उस वक़्त बी ए के दूसरे साल में थी, अकेली रह कर पढ़ती थी। परीक्षा से पहले पढ़ाई की छुट्टियों में मैं घर जाने की जगह वहीं पास में अपने रिश्ते के एक नानाजी के यहाँ रुक गई। वहाँ नाना-नानी, मौसी और मेरे मामा रहते थे। मामा मुझसे सिर्फ 5 साल ही बड़े थे और हम दोनों काफी खुले हुए हैं आपस में। वो मुझसे अपनी हर बात कह देते थे और मैं भी।

वहाँ दोपहर को सबकी सोने की आदत है, उस दिन भी सब सो रहे थे और मैं और मामा पीछे के कमरे में बिस्तर पर बैठ कर बातें कर रहे थे। बातें करते करते मैं लेट गई, मामा वहीं पीठ टिका कर बैठे थे इसलिए मेरे स्तन उन्हें साफ़ दिखाई दे रहे थे। उनकी आँखे नशीली होने लगी। धीरे से वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगे, मुझे अच्छा लग रहा था। मैं उनसे सट कर लेट गई। मेरा चेहरा उनकी तरफ था, वो मुझे सुलाने लगे, मैंने अपना एक हाथ उनकी ताँगों के ऊपर रख दिया। मैंने एक चादर ओढ़ी हुई थी जिसे उन्होंने अपने ऊपर भी डाल लिया।

उनका एक हाथ मेरे बालों में और एक हाथ मेरे हाथों से होते हुए मेरी पीठ पर था। अब वो भी थोड़ा सा मेरी तरफ मुड़ गए। अब मेरा चेहरा उनके पेट से सटा था और उनके हाथ अब पीठ से आगे की तरफ बढ़ रहे थे। उस पल की मदहोशी में हमें ध्यान ही नहीं था कि घर में बाकी लोग भी हैं जो कभी भी आ सकते थे। मेरी आँखें बंद हो चली थी, उनका एहसास अच्छा लग रहा था।

धीरे से उन्होंने मेरे वक्ष पर हाथ रखा, मेरे शरीर में जैसे बिजली दौड़ गई हो, मैं एकदम से सिहर गई, वो भी पीछे हो गए। तब हमे होश आया कि हम क्या कर रहे थे। पर वो एहसास इतना प्यारा था कि हम वैसे ही काफी देर लेटे रहे।

मैं थोड़ी और करीब हो गई उनके। अब वो नीचे सरक गए थे, बिलकुल मेरे बगल में लेट गए। उनकी गरम साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही थी, मेरी आँखे बंद थी। उन्होंने मेरे माथे पर एक चुम्बन लिया और मुझे अपनी बाँहों में भर लिया। मैंने भी उन्हें कस कर जकड़ लिया अपनी बाहों में। पर हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कर पाए।

पर अगले दिन हमें मुंह मांगी मुराद मिल गई। घर के सब लोग एक रिश्तेदार के यहाँ गए थे। मैं नहीं गई क्योंकि मुझे पढ़ना था। हालाँकि मामाजी भी उनके साथ चले गए थे। कुछ करने के बारे में सोचा तो नहीं था पर उस एहसास को फिर से महसूस जरूर करना चाहती थी। मैं बैठी कुछ सोच रही थी कि घंटी बजी, दरवाज़ा खोला तो सामने मामा खड़े थे।

मैंने पूछा- इतनी जल्दी कैसे आ गए?

उन्होंने अन्दर आकर दरवाज़ा बंद किया और कहा- तुम अकेली थी ना इसलिए !

मैंने कहा- हटो तो, सच्ची बताओ?

तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर कहा- सच में, तुमसे दूर जाने का मन ही नहीं था, वैसे थोड़ा सर दर्द भी है।

मैंने कहा- आप बैठिये, मैं बाम ले आती हूँ।

वो मेरे कंधे से सर टिका कर बैठ गए और मैं धीरे धीरे मालिश करने लगी। वो थोड़ी देर में सरक कर नीचे हो गए और अपना सर मेरे वक्ष पर रख दिया। मेरी साँसें तेज़ हो गई। यह देखकर उन्होंने अपने हाथों से मेरे दोनों स्तनों को मसलना शुरू कर दिया, मैं बस सिसकारियाँ लेने लगी। वो धीरे धीरे मेरे चुइचूकों को टॉप के ऊपर से ही काटने लगे।

मैं तो पागल हुई जा रही थी। मैंने उन्हें अपने से अलग किया तो उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मुझे चूमने लगे। हम दोनों एक दूजे में इस तरह खो गए कि ध्यान ही नहीं रहा कि कब उन्होंने मेरा टॉप और बा़ खोल दिया और कब मैं उनकी जिप खोल के उनके लंड से खेल रही थी।

अब वो बारी बारी मेरे दोनों स्तन चाट रहे थे। मुझे इतना मजा आज तक नहीं आया था। उनका एक हाथ मेरी कपड़ों के अन्दर से मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरे चूत पर था जिसे वो धीरे धीरे सहला रहे थे।

मैंने कहा- अब नहीं रुक सकती !

तो उन्होंने बड़े प्यार से मुझे एक चुम्बन देकर कहा- बस थोड़ी देर और तब तक इसे संभालो।

और पलट कर अपना लंड मेरे मुँह पर कर दिया और खुद मेरा स्कर्ट ऊपर करके मेरी पैंटी निकाल दी। उन्होंने मेरी चूत मुँह में भर ली और अपनी जीभ से पागलों की तरह चाटने लगे। मुझे उनका लंड चूसने में पहले तो अजीब लगा पर शायद अपने मामा के साथ होने से या किसी के आ जाने का डर या उनकी जीभ जो मेरी चूत में थी उसका एहसास, मैं बस उनके लंड को चूसने लगी। मुझे लंड चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं उनके लंड की त्वचा को थोड़ा सा पीछे करके अपनी जीभ से उनके टोपे को चाट रही थी।

फिर धीरे धीरे चाटते हुए उसे अपने गले के अन्दर तक ले गई। हालांकि वो काफी मोटा था और मुझे तकलीफ हो रही थी पर बहुत मजा भी आ रहा था, और शायद मामा को भी अच्छा लगा तभी उन्होंने अपना लंड हिला हिला कर मेरे मुँह में चोदना शुरू कर दिया। अब वो अपनी जीभ और उंगली से मेरी चूत चोद रहे थे।

मैंने उनका लंड निकाल कर कहा- बस अब और नहीं, डाल दो इसे अन्दर ! वरना पागल हो जाऊँगी।

वो फौरन मेरी बात सुन कर सीधे हो गए और अपने कङक लंड का टोपा मेरे दाने पर रगड़ने लगे। मैंने उनका चेहरा अपनी तरफ खींच कर उन्हें चूमना शुरू कर दिया। मैं पूरी तरह गर्म थी और अब कुछ भी कर सकती थी। मैंने उनका लंड अपनी चूत के ऊपर किया, उन्होंने एक ही धक्के से उसे आधा अन्दर कर दिया। मेरी चूत से पानी बह रहा था और मैं लंड लेने को बेताब थी पर मोटा होने की वजह से वो तकलीफ दे रहा था। अब मामा नहीं रुकनेवाले थे, दूसरे ही धक्के से उन्होंने लंड चूत में उतार दिया। अब मेरा दर्द मजा दे रहा था। मैं अपनी गांड ऊपर करके उनका साथ दे रही थी।

थोड़ी ही देर में मेरा पानी छुटऩे को था, मैंने कहा- मेरा छुटऩे वाला है।

तो उन्होंने स्पीड बढ़ा दी। मैं और वो लगभग एक साथ ही छूट गए। उन्होंने मेरी चूत में सारा पानी छोड़ दिया। हम काफी देर ऐसी ही एक दूसरे के ऊपर पड़े चूमते रहे। जब होश आया तो उन्होंने पूछा- कहीं गड़बड़ तो नहीं हो जाएगी?

मैंने कहा- सेफ पिऱीयड है, डरो मत।

फिर हम दोनों साथ ही बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुए। मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे नहलाया.तैयाऱ होकर वो बाहर चले गए। थोड़ी देर में ही बाकी घरवाले भी आ गए।

उसके बाद मैं 12 दिन वहाँ थी। रोज़ किसी ना किसी बहाने से हम एक दूसरे के करीब आते और 4-5 बार वो मुझे चोद भी चुके थे। वो पल भूलते नहीं। लोगों के लिए यह गलत हो सकता है, पर हम दोनों के लिए बहुत खास एहसास था।

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चाचाजी के खेलौना

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कैसे हैं आप सब। आप सबका मैं बेहद शुक्रगुजार हूँ कि आपने मेरी कहानियों को सराह कर मेरा हौंसला और मान दोनों बढ़ाया। आज मैं फिर से एक रोमांचक किस्सा आप सब को बताने जा रहा हूँ। यह कहानी तब शुरू हुई थी जब मुझे लण्ड और नुन्नी का मतलब सही से मालूम भी नहीं था। मेरे चाचा सुशील मुझे बेहद प्यार करते थे। जब मैं छोटा था तो वो मुझे अपने कंधो पर बैठा कर पूरे गाँव में घुमाते रहते थे। तब तक वो कुँवारे थे और गाँव मस्त अल्हड़ जिंदगी का मज़ा ले रहे थे। गाँव के सभी निखट्टू लड़कों का लीडर था मेरा चाचा। दसवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ कर खेत का काम संभाल रहे थे। क्यूंकि मेरे पिता जी भी खेत का काम देखते थे तो चाचा के करने के लिए कुछ ज्यादा बचता नहीं था। इसका एक कारण यह भी कह सकते हो की पिताजी अभी चाचा पर बोझ डाल कर उसकी मस्ती के दिनों को खराब नहीं करना चाहते थे। क्यूंकि मैं चाचा के साथ ही रहता था ज्यादा समय तो चाचा की कुछ बातें भी पता लगनी शुरू हो गई थी। चाचा मुझे डाकिये के रूप में इस्तेमाल करता था और गाँव की सुन्दर सुन्दर लड़कियों को चिट्ठी देकर आने का काम मेरे ही जिम्मे था। जिस कारण मुझे बहुत बार प्यार तो बहुत बार मार और गालियाँ भी मिल चुकी थी। पर चाचा बदले में मुझे खाने को चीज़ देता और मेरी हर मांग को पूरा करता था सो मुझे भी इस सब से कोई ऐतराज़ नहीं था। मुझे चाचा के बहुत से गुप्त राज पता लग गए थे। वक्त गुज़रता गया। मैं भी अब जवान हो गया था। चाचा की भी शादी हो गई थी और चाची भी एकदम मस्त और खूबसूरत औरत है। सच कहूँ तो चाचा जैसे निठल्लू को संगीता जैसी खूबसूरत बीवी मिलना सौभाग्य की ही बात है। चाची बहुत खुशमिजाज थी और घर के काम में एकदम निपुण। सब कुछ सही चल रहा था पर बस एक कमी थी कि चाचा की आदतों में कुछ भी सुधार नहीं हुआ था जिस कारण सभी घर वाले परेशान थे। वैसे अब एक बात तो थी कि पिता जी ने भी अब थोड़ी सख्ती करनी शुरू कर दी थी जिसके चलते अब चाचा खेत में कुछ न कुछ मेहनत तो करते ही थे पर हमेशा इस ताक में रहते थे कि कब भागने का मौका मिले और जैसे ही मौका मिलता चाचा छूमंतर हो जाते। और फिर मैं तो चाचा का सबसे नजदीकी दोस्त और लाडला भतीजा था। कुछ और समय बीता अब मैं अट्ठारह साल का हो गया था और चाचा की संगत और सीख की मेहरबानी से कुछ मज़े लूट भी चुका था। और एक बार….. चाचा ने मुझे बुलाया और बोला- राज… वो जो गाँव में सुमेर लुहार की लड़की है ना.. मेरा दिल आ गया है उस पर… कुछ मदद कर ना…! “अरे चाचा ! क्या बात कर रहे हो? अभी तो वो छोटी है और तुम… तुम मरवाओगे एक दिन..” “बेटा तू तो पागल है ! जो मज़े इस कच्ची उम्र की लड़की के साथ है, वो दूसरी किसी में कहाँ?

” “नहीं चाचा… वो तो तुम्हारे बच्चो जैसी है और तुम…. चाचा आजकल तुम बहुत ठरकी होते जा रहे हो।” “बेटा, अगर तूने मेरा यह काम करवा दिया तो तुझे एक ऐसा तोहफ़ा दूँगा कि पूरी जिन्दगी में चाचा को नहीं भूलेगा।” “हाँ…..मुझे मालूम है कि बदले में क्या मिलने वाला है …. पिटाई मिलने वाली है वो भी सारे गाँव की..” चाचा मेरी बहुत मिन्नत करने लगा तो मैंने बोल दिया- मैं बात तो कर लूँगा उससे ! पर पहले यह बताओ कि तोहफ़े में क्या मिलेगा मुझे? चाचा बोला- तू भी उसके साथ मज़े ले लेना। पर मैंने मना कर दिया। कुछ दिन बीते पर चाचा सुमेर की लड़की की चूत का कुछ ज्यादा ही प्यासा होता जा रहा था। वो हर रोज मुझे सुमेर की लड़की पूजा से बात करने को बोलता और उपहार का लालच भी देता। मैंने एक दो बार कहा भी- तुम खुद क्यों नहीं बात कर लेते? पर पूजा उससे बात ही नहीं करती थी। और सच कहूँ तो शादी के बाद अब चाचा की भी फटने लगी थी। अब वो मेरे कंधे पर रख कर बन्दूक चलाना चाहता था। एक दिन मैंने उसको बोल ही दिया- चाचा तोहफ़ा बताओ और काम करवाओ। चाचा बोला- तू ही बता, क्या चाहिए? “चाचा ! बुरा तो नहीं मान जाओगे?” “अरे राज तू बोल तो बस एक बार …पूजा की चूत के बदले कुछ भी…” “क्या चाची की एक पप्पी दिलवा सकते हो होंठो पर?” मैंने मजाक में बोल दिया। चाचा पहले तो एकदम से गुस्सा हो गया पर फिर एकदम से उफनते दूध की तरह नीचे हो गया और बोला- अगर मैं तुझे तेरी चाची की एक पप्पी दिलवा दूँ तो क्या तू मुझे पूजा की चूत दिलवाने में मदद करेगा? “हाँ चाचा क्यों नहीं… अगर तुमने अपना वादा पूरा कर दिया तो जो तुम कहोगे कर दूंगा मेरे चाचा !” “चल मैं कोशिश करता हूँ !” कह कर चाचा चला गया। चाचा के जाते ही चाची मेरी नज़रों के सामने घूमने लगी। आज तक मैंने चाची को इस नज़र से नहीं देखा था और ना ही चाची के बारे में मेरे दिल में कुछ कभी ऐसा कुछ ख़याल आया था। पर जब चाचा ने कहा कि वो कोशिश करेगा तो मेरा दिल उछल कर बाहर आने को हो गया, मेरा जवान दिल धड़क उठा, दिमाग में हथोड़े से बजने लगे थे। चाची के गुलाबी होंठों के बारे में सोचते ही लण्ड देवता हलचल करने लगे थे पजामे में। हाय क्या रसीले और गुलाबी गुलाबी होंठ थे मेरी चाची के … चाचा के दोस्तों में कोई ही ऐसा होगा जो चाची के इन रसीले होंठो को चूसना नहीं चाहता होगा। ऐसा मुझे उन कमीनों के बीच में बैठ कर उनसे बात कर कर के पता लग ही गया था। उस दिन के बाद से मैं चाचा के पीछे पड़ गया। चाचा जब भी मिलते मैं पूछ ही लेता- चाचा, कब तक इंतज़ार करवाओगे… अब चुसवा भी दो चाची के होंठ… फिर हम दोनों में पहले तुम-पहले तुम की बहस शुरू हो जाती। चाचा कहता कि पहले तू पूजा की चूत के दर्शन करवा फिर तेरी चाची के होंठ। और मैं कहता पहले चाची के होंठ फिर पूजा की चूत। चाचा शायद सोच रहे थे कि मैं मजाक कर रहा हूँ पर मैं अब सच में चाची के होंठो का रसपान करने को उतावला हो रहा था। कुछ दिन फिर ऐसे ही बीत गए। चाचा का लण्ड पूजा की चूत पाने को ललक के चलते एक दिन चाचा बोला- आज शाम को तू मेरे कमरे में आना। मुझे तब मालूम नहीं था कि चाचा मुझे अपने कमरे में क्यों बुला रहे हैं। मैं शाम होते ही चाचा के कमरे में पहुँचा तो चाचा और चाची बिस्तर पर बैठे थे। तभी चाचा ने कुछ जो बोला उसको सुनकर मैं हैरान हो गया। चाचा ने चाची को कहा- राज तुम्हारे होंठो पर एक चुम्बन करना चाहता है अगर तुम्हें कोई ऐतराज़ ना हो तो। यह सुन कर चाची का मुँह खुला का खुला रह गया और वो हैरान परेशान सी चाचा के मुँह की तरफ देखने लगी। फिर चाचा ने चाची के कान में कुछ कहा और फिर चाची ने बोला- बस एक बार कर सकता है और वो भी मुझे छुए बिना। यह सुन कर तो मैं ऊपर से नीचे कच्छे के अंदर तक हिल गया। “चाचा मैं तुम्हारे सामने नहीं करूँगा…. पहले आप बाहर जाओ !” “अच्छा जी ! मेरी बीवी का चुम्मा लोगे और हम ही बाहर जाएँ?” “देख लो ! तुम्हारी मर्ज़ी।” “ठीक है बेटा… पर सिर्फ एक… मुझे मालूम है कि तू बहुत बदमाश हो गया है आजकल !” कहकर चाचा बाहर चले गए। मैं शर्माता हुआ सा जाकर चाची के पास बिस्तर पर बैठ गया। “क्यों रे… इतना बड़ा हो गया तू कि अपनी चाची को ही किस करने का मन करने लगा तेरा?” “वो चाची….बस ऐसा कुछ नहीं है….” मैं हकलाता हुआ सा बोला। चाची हँस पड़ी, फिर मेरे सर पर हाथ फेरते हुए बोली- कोई बात नहीं राज… ऐसा होता है इस उम्र में ! “तो क्या आप सच में मुझे अपने होंठो पर किस करने देंगी ?” “हाँ क्यों नहीं..” चाची को नहीं पता था कि मैं छुपा-रुस्तम हूँ और पहले भी कई लड़कियों का यौवन-रस चख चुका था अपने गुरु चाचा की मदद से। मैंने चाची का खूबसूरत चेहरा अपने हाथो में लिया तो मेरे हाथ थोड़े कांप रहे थे पर चाची मुस्कुरा रही थी। मुस्कुराती हुई चाची के गुलाबी होंठ देख कर मैं अपने काबू में नहीं रहा था। मैंने चाची को अपनी तरफ खींचा और अपने होंठ चाची के होंठों पर रख दिए। मैं आनन्दित होकर चाची के रसीले होंठो का रसपान करने लगा। चाची भी “किस” का भरपूर मजा ले रही थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी। किस करते करते ना जाने कब मेरे हाथ चाची की मदमस्त जवानी की निशानी यानि चाची की चूचियों पर चले गए और मैंने चाची की एक चूची पकड़ कर दबा दी। चाची के मुँह से “आह्ह” निकल गई और चाची ने मुझे अपने से अलग कर दिया। “तू तो कुछ बड़ा बेशर्म हो गया हैं रे… शक्ल से तो कितना भोला लगता है और अपनी ही चाची की चूची दबा रहा है?” “चाची…तुम्हारी चूचियाँ हैं ही इतनी मस्त कि इनको देखते ही कुछ कुछ होने लगता है।” “अच्छा..क्या होता है..?” “वो..वो…मुझे नहीं पता पर कुछ कुछ होता जरूर है।” मेरे पजामे में तम्बू बन चुका था, चाची ने देखा और हँस कर बोली- तो यह होता है.. कहकर चाची ने अपने हाथ से मेरे लण्ड को हल्के से छू लिया। मैं तो सीधा जन्नत में पहुँच गया। मैंने एक बार फिर चाची को अपनी बाँहों में भर लिया और अपने होंठ एक बार फिर चाची के होंठो पर रख दिए। चाची गर्म होने लगी थी और उसके मुँह से मादक सीत्कारें निकलने लगी थी। मैं किस करते करते चाची की चूची को मसल रहा था। तभी चाचा ने दरवाज़ा खटखटा दिया और … अगले भाग में !

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मेरी कामुक मम्मी

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मेरा इस कहानी से हमेशा कुछ अजीब सा सम्बंद था इसीलिए आजा आपके सामने पेश करनेका दिल कर रहा हे. मेरी मां की उमर येही ३५ साल की होगी,लेकिन देखते बहुत सेक्सी लगती थी…एक रात मे अपने कमरे मे सोने की कोसिस कर रहा था पर कम्बख्त नींद नजाने कहा चली गयी.कुछ अजीब सा ख्याल आ रहा था दिमाग पे.घबराहट के मारे मे सो नहीं पा रहा था की तभी दरवजा खुलने कि अवज़ से मैं घबरकर रुक गया लेकिन मैं तकिये के उपर था। फिर मैं तकिये पर से बगल मे लेत गया। मोम ने पुछा कया हुअ,कया कर रहे थे? मैने कहा कि निनद नहि आ रह है, कुच बैचेनि सि है । फिर मैने मोम से पुछा कया तुमको निनद नहि आ रहि है। वो बोलि हान मुझे भि निनद नहि आ रहि है। मैने कहा कि आप भि यहिन लेत जैये। फिर वो मेरे पस भैथ गयि। मैने फिर कहा कि यहि सो जओ मेरे पस। फिर वो लेत गयि। कुतच देर बद मैने पुछा निनद नहि आ रहि है तो कहनि पधते है, मैने पपा कि कितब कि रसक से एक सेक्सी कहनि कि बूक निकलि और कहा कि इसको पधते है –मोम बोलि कया है, मैने कहा पधने मे बहुत मजा अयेगा, बहुत गुदगुदि भि होति है इसको पधने से। फिर मैने कितब को बितच मे रखकर दोनो पधने लगे, फिर मैने कहा मैं पधकर सुनता हु लिघत कम थि। मैने उनको सेक्सी कहनि पधकर सुनने लगा और उसमे एक लदी का दुसरे मरद के सथ सेक्स का किस्सा था बहुत देतैल मे था वो बोलि ये सब कया है मैने कहा अलमरि मे रखि थि, वो बोलि इसमे बदो कि गनदि बते है, इसको नहि पधना चहिये, मैने कहा फिर तुमहरि और दद कि अलमिरह मे कयो रखि है, एक बर पधते है,सुनो ना फिर उसको भि मज़ा अने लगा वो भि एक्ससितेद होने लगि और बिच बितच मे अपनि बुर खुजला रहि थि मैने कहा गुदगुदि हो रहि है ना, मेरे भि इसमे(अपने लनद पर इसरा करते हुए कहा) बहुत हो रहि है सरे बदन मे हो रहि है। फिर मैने कहा कि अब आप पधिये, फिर वो पधने लगि वो बहुत एक्ससितेद हो गयी। फिर उसने कितब बनद करके रख दि और बिसतर पर लेत गयी। मैने पुचा कया हुअ तो वो बोलि बैचेनि हो रहि है, कुच खुजलि भि बदन पर हो रहि है। मैने पुचा पोवदेर बदन पे लगने से अरम मिलेगा वो बोलि हान थिक है पोवदेर हि लगा दो मैं बगल रूम से पोवदेर लेकर अया तब मोम पेत के बल लेति थी बोलि कमर मे लगा दो, मैने देखा क्कि उनहोने बलोवसे के बुत्तोन खोले हुए थे और बरा भि खोल दि थि।

मैं पोवदेर कमर पर बलोवसे के अनदर हथ देकर मलने लगा अहिसता अहिसता पुरि कमर पर मलते हुए सिदे से बूबस भि मसलने लगा फिर मैने सिदे से बूबस पर पोवदेर लगते लगते दबने लगा उसको मज़्ज़ा आ रहा था। फिर मैन कहा कि समने घुमो गरदन के पस भि लगा देता हुन। वो घुमि तो बलोवसे के बुत्तुन खुले हुए थे और बूबस बहर ननगे थे। ।बदे बदे बूबस बहुत सेक्सी लग रहे थे, मैने तुरनत गरदन और फिर बूबस पर पोवदेर लगने लगा और अब तो बूबस भि मसल रहा था वो कुच नहि बोल रहि थि। फिर मैने मसलते मसलते हथ बूबस के निचे पेत पर फिर नवहि पर मसला और धिरे से उनका पेतिकोत का नरा खोल दिया, और अपने हथ अनदर दलकर जनघ पर फेरते फेरते बुर पर भि पोवदेर लगने लगा वो बोलि ये कया कर रहे हो मैने कहा थिक से लगा देता हु फिर निनद भि थिक से आ जयेगि। फिर मैने हथ उनके गोल गोल चुतर पर फेरने लगा सच मे बदा मज़ा आ रहा था – मैने पुचा कया मज़ा आ रहा है अरम मिल रहा है अब तो अछा लग रहा है, मैने चुतर पर हथ फेरते फेरते उनके उपर चद गया और बोला अब बान भि दब जयेगा फिर मैने कमर के निचे से बूबस पकद कर जोर जोर से दबने लगा अब वो पुरि तदप रहि थि मैने कहा कितब वला ससेने करते है मेरे बदन मे जोर जोर से गुदगुदि हो रहि है फिर अचनक वो बोलिये कया कर रहे हो, मैने कहा दरवजा बनद है, किशि को पता नहि चलेगा, मैं किसिसे नहि कहुनगा,तुमहरि कसम, और मज़ा भि आ जयेगा,पलेअसे मना मत करो। मैने फिर से उनको कहा कि कहनि कि तरह मज़ा करते है मैने अपना पज़मा खोल दिया और उनके जनघो पर बैथा तो उनहोने मेरा लंद पकद कर लनद पर हथ फेरते हुए कहा कि परोमिसे करो तुम किसिसे कभि भि नहि कहोगे। मैने कहा परोमिसे और फिर कया था उनहोने अपने सरे कपदे बदन से अलग कर दिये मैने कहा कि आप जैसे बोलेनगि वैसे करुनगा उनहोने कहा वैसे हि करते जओ जैसे जैसे कहनि मे पधा था मैने उनके बूबस को चुसना शुरु किया और दबा भि रहा था फिर वो भि मेरे लंद पर हथ फेरने लगि मैने भि एक हथ कि अनगुलि से बुर दबने लगा और अनगुलि अनदर कर दि।

फिर वो मुह से शह्हह्हह अवज़ निकलने लगि। फिर मैने उनसे कितब के ससेने कि तरह उनसे दोग्गी सतयके मे उथने को कहा और अपने लंद को पिचे से उनके बुर के छेद के पस ले जकर लंद को फेरने लगा उधर दोनो हथो से बूबस भि दबा रहा था। फ़नतसतिस, बदा मज़ा आ रहा था, अचनक हि लंद फिसला और झतके के सथ बुर मे घुस गया, कयोकि उनकि बुर का छेद चुदवते चुदवते कुच तो बरा हो गया था, उनके मुह से भि मेरे मुह से भि जोर कि शह्हह …।।आह … आह …शह्हह कि आवज़ निकलने लगि। मैने अब धक्का लगना सुरु किया, धिरे धिरे धक्के कि सपीद भि भि बधा रहा था, कया मज़ा आ रहा था, वो भि बोलि और जोर से और जोर से, मैने बूबस को जोर से दबकर घुनदियो को खिचा और धक्के लगने लगा।।अह…उह…।ओह…सुपेरब…श्शश……और और जोर से ,कया बत है, और झतका दु, बोलने लगा, फिर अपना लंद बहर निकला और वो बेद पर सिधा लेत गयी मैने धिरे धिरे बदन पर हथ फेरा

फिर बुर मे उनगलि घुसकर भितर के पोइनत को सहलने लगा ये उनका गसपोत था,वो बहुत जोर से हिलगयी और आअ…आअ।।श्शश।।उह…।।आवज़ निकलि, मैने अब लंद को उनके बदन पर बूबस पर फिरना शुरु किया उपर से निचे कि तरफ़ लने लगा,फिर उनहोने मेरा मुह अपने मुह के पस लकर जोर से किस्स किया मैं भि जोर जोर से किस्स करने कगा और अपनि जिभ भि उनके मुह पा फरने लगा चुसने मे मज़ा आ रहा था , वो सथ सथ मेरे लंद को ऐक हथ से जोर जोर से सहला रहि थि, मैं भि बोला बहुत मज़ा दे रहि हो। फिर उनहोने मेरे को जोर से अपनि तरफ़ खिनचकर बहो मे जकद लिया मैने भि उनको भिच दिया उनके बूबस मेरे बूबस से चिपक कर दब रहे थे, कया रगद का मज़ा था। फिर उनहोने अपनि जनघ फैलयी और कहा अब जलदि जलदि जो जोर जोर से यहा ले आओ और मैने लंद तुरनत हि उनकि बुर मे घुसकर धिरे धिरे हिलने लगा, फिर वो बोलि आअह ऐसे नहि चलेगा जोर जोर से झतके लगओ और मैने जोर जोर से धक्का लगना शुरु किया, कया मसत चुदै का अननद आ रहा था वो भि मज़्ज़ा ले रहि थि शह…शह।आ……कया बत है आह…आ।।शह…।अह्हह्हह्ह…ओह्हह्हह्ह और जोर जोर से लगओ बहुत मज़ा आ रहा है, मैने भि पुरि तकत से लंद को भितर थोकने लगा, चुदै पुरि सपीद पर थि और अब मैं झरने लगा मेरा रस झरने लगा और मैं शनत होकर उनके ननगे बदन से जोर से लिपत गया और सोया रहा, गुदगुदे बदन पर बदा मज़ा आ रहा था फिर वो बोलि चलो हतो बहुत देर हो गयि है सोते है, और वो अपने कपदे थिक करने लगि। फिर बोलि ये रज हि रखना किसिसे कभि मत कहना। मैने परोमिसे कहते हुए उनके बूबस को दबकर किस्स कर लिया और बुर को दबते हुए कहा फिर कभि गुदगुदु होगि तो ……और वो हसने लगि मैं भि समझ गया। बोलि बदमस हो गये हो, चल सो जा और वो अपने कमरे मे सोने चलि गयी।

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मैंने अपनी हॉट आंटी की गांड मारी

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हाई फ्रेंड, मेरा नाम नारंग है और मैं राजस्थान का रहने वाला हु. मैंने आज तक बहुत साड़ी सेक्स वेबसाइट पर बहुत सी सेक्स कहानिया पड़ी है. लेकिन, ये वेबसाइट मेरी पसंदीदा है. इसलिए मैं आज यहाँ पर अपना सेक्स एक्सपीरियंस शेयर कर रहा हु. ये मेरी रियल स्टोरी है. मुझे शादीशुदा आंटी और भाभी ज्यादा पसंद है और मैं सपने में भी उन्ही की चुदाई करता हु और उनके कामुक बदन की कल्पना करते ही, मेरा लंड फुंकारने लगता है.

वैसे भी आंटी के साथ सेक्स का फायदा ये है, कि उन्हें ज्यादा गाइड करने की जरूरत नहीं होती. वो पहले से ही बहुत एक्सपीरियंस होती है. उन्हें पता होता है, कि कैसे क्या करना है. मेरी भी एक ऐसे ही आंटी थी, बहुत सुंदर और उनका फिगर तो मानो लाजवाब है. मैं जब भी उन्हें देखता था या उनके बारे में सोचता था, मेरा लंड ७ इंच लम्बा हो जाता है. मैं हमेशा ही उनको चोदने के फ़िराक में रहता था.

बहुत बार कोशिश करी, मगर हिम्मत नहीं हो पाती थी. पहले मुझे कुछ मालूम ही नहीं था, मगर जब से मैंने सेक्स कहानी पढनी शुरू की है और उसमे सिद्यूज़ करने की ट्रिक पता चले है, तो मुझे सब समझ आ गया. मै आंटी को बुरी नज़र से देखने लगा. जब कभी भी वो मेरे सामने आती, तो मैं जानबूझकर अपने लंड को मसलता और जान कर तना हुआ लंड दिखा कर मज़ा लेता. अब शायद आंटी को भी कुछ – कुछ समझ आने लगा था.

मेरी किस्मत तब खुली, जब एकदिन मैंने नोटिस किया, कि आंटी मेरे तने हुए लंड को देख रही है. इससे मुझे समझ आ गया, कि आंटी भी मुझमे इंटरेस्टेड है, बस अब तो मुझे मौके का इंतज़ार था. एकदिन मैं अपने कॉलेज से अपने घर आ रहा था, कि मुझे मेरी आंटी दिखाई पड़ी. उनका घर भी मेरे घर के रास्ते में ही पड़ता था.

मेरा लंड उन्हें देखते ही खड़ा हो गया. मैंने आंटी को लिफ्ट दी. वो मेरी बाइक पर बैठ गयी और रास्ते में ब्रेकर के कारण, उनके बूब्स मेरी पीठ पर टकरा रहे थे. इस से मैं और भी ज्यादा उतेजित होने लगा था. मैंने आंटी से कहा, कमर पर हाथ रख लो. जैसे ही उन्होंने मेरी कमर में पीछे से हाथ डाला, मुझे लगा कि मेरी पूरी बॉडी में करंट दौड़ गया हो. मैंने फिर से ब्रेक लगाया, तो उनका हाथ मेरे तने लंड को छु गया. उन्होंने हाथ वहीँ रखे रखा. अब तो मैं समझ गया था, कि मेरी लाटरी है और हम उनके घर के बाहर पहुच गये. मैंने आंटी को कहा – अब मैं चलता हु, क्योंकि मुझे लगा, कि उनके घर उनके बच्चे और उनके पति होंगे. मैं जाना तो नहीं चाहता था, पर मज़बूरी थी. तो जाना जरुरी था. तभी आंटी ने कहा – घर नहीं आओगे? मैंने कहा – फिर कभी.

मगर आंटी नहीं मानी और मुझे घर के अन्दर आने के लिए मजबूर किया. मैंने देखा, घर पर कोई नहीं था. मुझे ये देख कर बहुत ख़ुशी हुई और मुझे लगा, कि अब मैं अपनी सेक्सी आंटी के साथ टाइम बिता सकता हु. आंटी चाय बनाने चली गयी. तभी मैंने देखा, कि उनके अंडरगारमेंट्स सूखने के लिए रस्सी पर टंगे है. मैं झट से वहां गया और सूंघने लगा. बहुत ही मनमोहक खुशबु थी. आंटी ने मुझे देख लिया. मगर कुछ बोला नहीं और मैं चुपचाप चेयर पर आकर बैठ गया.

मैंने सिर उठाकर देखा, तो आंटी की नज़र मेरे तने हुए लंड पर थी. मैंने कुछ साहस दिखाया और उनके पास जाकर बैठ गया और उनसे पूछा – आंटी, क्या देख रही हो? आंटी शर्मा गयी. मैंने बिना और कुछ बोले या सुने हुए, उनके लिपस पर किस कर लिया. फिर मैंने आंटी से पूछा – क्या आपको मेरा चाहिए? मैंने उनके जवाब का इंतज़ार किये बिना ही, अपनी जीन्स और अंडरवियर उतार दिया.

मेरा ७ इंच का खड़ा लंड उनको सलामी दे रहा था. अब आंटी से भी रहा नहीं गया और वो एक भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड पर टूट पड़ी. उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और सीधे मुह में डाल दिया. मुझे बहुत मज़ा आया और इस एक्स्सित्मेंट में मैं चीख उठा. आंटी ने मेरे लंड को पूरा मुह में ले लिया और फिर उन्होंने मेरी शर्ट उतार दी और मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए. मैं भोचक्का रह गया, उनका फिगर देख कर. मैंने उनके बूब्स अपने हाथ में लिए और जोर – जोर से दबाने लगा और चूसने लगा. मैंने आंटी को थैंक्स बोला.

फिर आंटी लेट गयी और दोनों पेरो को फैला लिया. मुझे न्योता देने लगी. मैं भी तैयार था और मैंने अपना लंड उनकी चूत पर एडजस्ट किया और एक जोर का झटका मारा, तो मेरा आधा लंड उनकी चूत के अन्दर चले गया. वो बहुत जोर से चिल्लाई… उनके आँखों से आंसू भी आ गये. मैंने कहा – आंटी, बहुत दर्द तो नहीं हो रहा? वो बोली – तेरे लंड को अन्दर लेने के लिए, इतना दर्द तो मुझे मज़ा दे रहा है. ये सुनकर मैंने उन्हें चूम लिया.

उनकी चूत काफी टाइट थी. दो बच्चो के बाद भी, उनकी चूत एकदम फ्रेश लग रही थी. मैंने आंटी से पूछा, आपकी चूत इतनी टाइट कैसे? वो बोली – मेन्टेन करना पड़ता है. फिर मैंने उन्हें काफी देर तक चोदा और करीब १५-२० मिनट के बाद, मैं झड़ने के कगार पर था, तो मैंने उनसे पूछा – आंटी, मैं झड़ने वाला हु. कहाँ करू? वो बोली – मेरी चूत के अन्दर. फिर उन्होंने अपनी टाँगे मेरे कमर से लॉक कर ली और मैं उन्हें जोर – जोर से चोदने लगा. मैंने तक़रीबन ७ -८ स्पर्म के शॉट उनकी चूत के अन्दर छोड़ दिए. मैं थक चूका था. इसलिए उनके ऊपर ही आराम करने लगा. वो मेरी पीठ को सहला रही थी.

२ मिनट बाद, जब मेरा लंड छोटा हो गया और मैं उनकी उनकी चूत से निकालने लगा. तो मुझे आंटी ने रोका और कहा – उसे वहीँ रहने दो. तुम अभी जवान हो. तुम्हारा लंड जल्दी ही लम्बा हो जायेगा. उसके बाद, तुम मुझे और अच्छे से और देर तक चोदना. मैंने उनका कहना माना और उनको २ बार और चोदा. फिर मैंने उनको कहा, कि आंटी अब मुझे आपकी गांड भी मारनी है. पहले तो उन्होंने मना कर दिया. मगर मेरी उतेजना देखकर वो मान गयी. मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और फिर अपने लंड को तेल में सरोबार कर लिया. मैंने बहुत सारा तेल उनकी गांड के छेद पर लगा दिया और अब मैंने अपने लंड को उनकी गांड के छेद पर सेट किया. आंटी ने मुझे पूछा – दर्द तो नहीं होगा ना.. मैंने कहा – आंटी, मैं बिकुल धीरे से ही डालूँगा. आपको बहुत मज़ा आयेगा. मैंने खूब अच्छे से उनकी गांड मारी और तक़रीबन २ घंटे के बाद, हम सो कर उठे. तो आंटी बहुत खुश लग रही थी.

उन्होंने कहा – अब से तुम्ही मेरे साथ सेक्स करोगे. जब भी सेक्स करने का मन करे, तो मेरे पास आ जाना. मैं तुम्हे तैयार मिलूंगी. फिर मैं वहां से चले गया. आंटी को काफी बार चोदा. जब भी मैं उतेजित होता, तो डायरेक्ट आंटी के पास चले जाता और वो मेरी प्यास बुझा देती. हम अब तक सारी पोजीशन में सेक्स कर चुके है और हर बार कुछ नया ट्राई करते है.

तो दोस्तों, आप को मेरी कहानी कैसी लगी… मुझे आप लोगो के कमेंट का इतंजार रहेगा….

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चाची की चूत का चाट बनाकर खाया

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हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी चाची सुजाता यादव और स्कूल के चपरासी रमेश के बीच की है. मेरी चाची का तलाक 8 साल पहले हो गया था, तभी से वो अकेली ही रहती थी. वो दिखने में साधारण हिन्दुस्तानी औरत जैसी ही थी, वो 38 साल की है और उनकी हाईट 5 फुट 8 इंच है, वो गोरी, थोड़ी सी मोटी है, उनका फिगर कुछ 42-48-47 है. में अपनी चाची के साथ शिमला में रहता था, क्योंकि हमारे गावं में स्कूल की कमी थी, में तब 12वीं क्लास में था और मेरी चाची भी उसी स्कूल में लाइब्रेरियन थी. उन्हें कोई भी मर्द ज़्यादा लाईन नहीं देता था, क्योंकि ज्यादातर मर्दों को सुंदर दिखने वाली दुबली पतली लड़कियां पसंद थी, लेकिन मेरे स्कूल का चपरासी रमेश मेरी चाची से बहुत बात करता था और उनकी काफ़ी इज़्ज़त भी करता था, उसकी उम्र 32 साल थी और वो काफ़ी मोटा था, 5 फुट 10 इंच हाईट, चौड़ा सीना, मजबूत बाहें और वो थोड़ा सांवला था. स्कूल का कोई भी टीचर या बड़ी क्लास के बच्चे उससे भिड़ने की गलती नहीं करता था, लेकिन वो दिल का बहुत ही साफ था और कभी कोई गन्दी बात नहीं करता था, ना किसी टीचर को गन्दी नज़र से देखता था. अब में समझ चुका था कि वो मेरी चाची को बेहद प्यार करता है और दिल से पसंद करता है और मेरी चाची भी उसको काफ़ी चाहती थी.

फ़िर एक दिन मैंने स्कूल की छुट्टी के बाद देखा कि वो मेरी चाची से कुछ कह रहा है, उसके बाद वो स्टोर रूम की तरफ़ चले गये, उसने मेरी चाची को कहा कि वो उनसे प्यार करता है. फिर चाची ने भी अपनी दिल की बात उससे कह दी. फिर वो किस करके एक दूसरे के गले लग गये. फिर उसने पूछा कि क्या वो कल रात न्यू ईयर उसके साथ मनायेगी? तो चाची ने भी हाँ कर दी. फिर अगले दिन मैंने चाची को बताया कि में न्यू ईयर अपने दोस्तों के साथ मनाऊंगा और कल दोपहर को घर आऊंगा. फिर चाची ने थोड़ी देर के बाद उसे फोन किया कि रात को कितने बजे मिलोगे तो उसने 9 बजे का प्रोग्राम बनाया.

फिर में भी रात को 9 बजे घर से थोड़ी दूर जाकर उन दोनों का इंतजार करने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद रमेश बाईक पर आया. फिर उसने चाची को कॉल किया, चाची ने एक ब्लेक कलर की साड़ी, ब्लाउज पहने हुई थी, उनकी नंगी कमर साफ दिख रही थी, उनके पेटीकोट और ब्लाउज के बीच काफ़ी दूरी थी. अब उनकी वो नंगी कमर देखकर रमेश बहुत खुश हो गया, चाची उस दिन बहुत सुंदर लग रही थी, जब ठंड काफ़ी थी तो इसलिए चाची ने एक शॉल और ओढ़ ली थी. फिर उन दोनों ने कुछ बात की और वो एक सुनसान जगह पर जाने लगे. फिर उसने एक जंगल की तरफ़ गाड़ी रोक दी और एक मकान के सामने गाड़ी खड़ी कर दी और वो दोनों हाथ पकड़कर जंगल के अंदर जाने लगे.

फिर मैंने भी अपनी गाड़ी वहीं खड़ी की और उनका पीछा करने लगा. फिर थोड़ी देर तक चलने के बाद वो एक झोपड़ी के पास पहुंचे, वो झोपड़ी जंगल के काफ़ी अंदर थी और उस जंगल में कोई भी ज़्यादा आता जाता नहीं था, क्योंकि वो हाइवे से काफ़ी दूर था. उस झोपड़ी के बाहर एक लालटेन जल रही थी, चाची उस झोपड़ी को देखकर काफ़ी खुश हुई. फिर उन्होंने उससे पूछा कि क्या हम न्यू ईयर यहाँ मनायेंगे? फिर उसने कहा कि हाँ तुम्हें यह जगह पसंद आई. फिर चाची बोली कि बहुत अच्छी जगह है और यहाँ कितनी शांति है. फिर वो उस झोपड़ी के दरवाज़े पर पहुंचे. फिर उसने चाची को बाहर रुकने को कहा और बोला कि जब वो बुलायेगा तो अंदर आ जाना. फिर कुछ देर के बाद अंदर से आवाज़ आई सुजाता घूम जाओ और अपनी आँखें बंद कर लो तो मेरी चाची मान गई और मुस्कुराते हुए घूम गई और अपनी आँखें बंद कर ली.

तभी मैंने देखा कि वो पूरा नंगा उस झोपड़ी से बाहर आया, अब वो मेरी चाची के ठीक पीछे खड़ा था तो इसलिए मुझे उसका लंड दिखाई नहीं दे रहा था. फिर उसने चाची की आँखों पर एक पट्टी बांध दी और उनको झोपड़ी के अंदर ले गया और दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर में उस झाड़ी के पीछे से निकलकर उस झोपड़ी के साईड में चला गया और वहाँ बने एक सुराख से अंदर देखने लगा. अब अंदर एक लालटेन जल रही थी और जिसके उजाले से पूरी झोपड़ी चमक रही थी. अब वो ठीक मेरी चाची के पीछे चिपककर खड़ा था. फिर उसने मेरी चाची की आँखों से पट्टी उतार दी. फिर मेरी चाची की आँखें जैसी ही खुली तो उनके मुँह से सिर्फ़ एक आवाज़ निकली, वॉऊ वो उस झोपड़ी को निहार रही थी, वहाँ एक लालटेन, एक पलंग, एक मोटी सी रज़ाई और एक पानी की बाल्टी रखी हुई थी. फिर उसने धीरे से पूछा.

वो – कैसा लगा?

चाची – बहुत प्यारा है, में अपनी पूरी ज़िंदगी इस झोपड़ी में तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ.

फिर वो मेरी चाची से पीछे से लिपट गया. फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चाची की नंगी कमर पर रख दिया और उनकी गर्दन को चूमने लगा. तभी मेरी चाची किसी झटके से आगे होना चाहती थी, लेकिन उसने मेरी चाची को फिर से अपनी बाहों में खींचा तो अब में समझ गया था कि उसका लंड मेरी चाची की गांड में चुभ रहा था.

चाची – तुम पूरे नंगे हो?

वो – ह्म्‍म्म्म.

फिर उसने मेरी चाची के बालों के क्लिप खोल दिए और फिर उनकी पल्लू को नीचे गिरा दिया और मेरी चाची को पीछे से चूमने लगा और उनकी नंगी कमर को अपने मजबूत हाथों से सहलाने लगा और उनको कह रहा था.

वो – सुजाता आई लव यू, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में तुम्हारे बिना रह नहीं सकता, जब से तुम्हें देखा है सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही सोचता हूँ और जिस दिन तुम नहीं आती हो तो मेरा पूरा दिन खराब जाता है.

चाची – सच ऐसा क्या है मुझमें? जो तुम मुझे इतना प्यार करते हो, में तो इतनी मोटी हूँ कि सारे मर्द मुझे बहन जी कहकर बुलाते हैं, सिर्फ़ एक तुम ही जो मेरे ऊपर अपनी जान छिड़कते हो.

वो – में नहीं जानता सुजाता, लेकिन जब भी तुम्हें देखता हूँ तो दिल को एक सुकून मिलता है, एक अलग सी खुशी मिलती है और तुम मोटी बिल्कुल भी नहीं हो, तुम संपूर्ण स्त्री हो जो सिर्फ़ एक अच्छे मर्द को ही पसंद आती है.

चाची – जैसे कि तुम.

वो – ह्म्‍म्म्म.

इतने में उसने मेरी चाची की साड़ी को उनकी कमर से अलग करके एक कोने में फेंक दिया. तभी चाची ने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपने ब्लाउज के हुक खोल दिए और तभी उसने मेरी चाची के पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया, जिससे मेरी चाची का पेटीकोट ज़मीन पर गिर गया. मेरी चाची पेंटी नहीं पहनती थी, उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे. अब वो बहुत शरमा गई थी. फिर वो अपने हाथों से अपनी चूत छुपाने लगी थी. फिर उसने मेरी चाची को एकदम से पकड़कर अपनी तरफ़ खींच लिया, इससे उसका लंड मेरी चाची की गांड की दरार में चला गया और वो बस उफफफफफफफफफ्फ़ की आवाज़ ही निकाल पाई. फिर उसने मेरी चाची के ब्लाउज को निकालकर बाजू में फेंक दिया. अब मेरी चाची पूरी नंगी हो चुकी थी, गोरा जिस्म, सुडोल स्तन, नरम कमर, गोरी जाँघ, अब वो बिल्कुल एक अप्सरा लग रही थी. तभी उसने अपने लंड को पकड़कर कुछ किया और मेरी चाची अपनी दोनों जाँघो के बीच ठीक अपनी चूत के नीचे देखने लगी. उसने अपने लंड को मेरी चाची की दोनों जाँघो के बीच डाल दिया था, उनकी चूत के ठीक नीचे जिससे उसका सुपाड़ा मेरी चाची की जाँघो के बाहर आ गया था. फिर मेरी चाची ने प्यार से उस पर हाथ फेरा.

चाची – तुम्हारा कितना प्यारा लंड है? यह कहकर उसके सुपाड़े को अपनी उंगलियों से सहलाने लगी.

वो – अहह उफफफफफफफ्फ़.

फिर चाची उसकी तरफ़ पलटी और उसके गले लग गई. अब वो भी मेरी चाची के गले लगकर उन्हें प्यार कर रहा था. फिर उसने मेरी चाची को अपने से अलग करके उनके होंठ पर अपने होंठ रखकर उन्हें चूमने लगा. अब मेरी चाची उसके लंड को पकड़कर धीरे-धीरे सहलाने लगी, जिससे वो और प्यार से मेरी चाची के होंठ चूमने लगा. उसका लंड काफ़ी मोटा और लंबा था, लगभग 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. फिर मेरी चाची उसके लटकते हुए दोनों अंडकोष को पकड़कर सहलाने लगी, अब वो इससे बहुत उत्तेजित होने लगा था. फिर वो मेरी चाची से अलग हुआ और पास में पड़ी अपनी पेंट से कुछ निकालकर चाची को दिखाया, जिसे देखकर चाची बहुत खुश हुई. वो मेरी चाची के लिए दो पायल खरीद कर लाया था. फिर वो नीचे घुटनो के बल बैठ गया.

वो – सुजाता मेरी जाँघो पर अपने मुलायम पैर रखो तो उसने अपना एक पैर उसकी जांघो पर रख दिया और फिर उसने उसके एक पैर पर पायल बांध दी.

फिर उसने दूसरा पैर रखने को कहा तो उसने वो पैर भी उसकी जांघ पर रख दिया. फिर उसने उस पर भी पायल बांध दी, लेकिन फिर उसने उनकी जाँघ को अपने कंधो पर रख दिया और मेरी चाची की मुलायम, चिकनी, हल्के-हल्के बाल वाली चूत पर चूम लिया तो मेरी चाची बस ह्ह्ह्हह की आवाज़ ही निकाल पाई. फिर वो धीरे से बिस्तर में जाकर उस मोटे, गद्देदार रज़ाई के अंदर घुस गई. फिर वो उठा और उसने पास में पड़ी अपनी शर्ट की जेब से कंडोम का पैकेट निकाला और उसमें से एक निकाल कर अपने मोटे लम्बे लंड पर लगाने लगा. मैंने आज तक इतना मजबूत लंड नहीं देखा था. फिर वो भी बिस्तर में जाकर गद्दे के अंदर घुस गया और मेरी चाची के ऊपर चढ़ गया. अब वो मेरी चाची को बहुत प्यार से निहार रहा था.

चाची – क्या देख रहे हो?

वो – तुम्हें, तुम कितनी खुबसूरत और प्यारी हो, में सबसे किस्मत वाला इंसान हूँ जिसे तुम्हारी जैसी औरत मिली है, बिल्कुल मेरी पसंद की.

अब मेरी चाची अपने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़े हुई थी और एकदम से उसके होंठ चूमने लगी.

चाची – लेकिन तुम मुझ पर भरोसा नहीं करते हो.

वो – किसने कहा?

फिर चाची ने गद्दे के अंदर हाथ डाल दिया और कुछ ही पलो में हाथ बाहर निकाल लिया, अब उनके हाथों में उसका पहना हुआ कंडोम था.

चाची – तो यह क्या है? में 8 साल के बाद किसी मर्द के साथ सो रही हूँ, मेरे पति भी मुझे बहुत कम ही छूते थे.

वो – में नहीं चाहता कि तुम अभी से गर्भवती हो इसलिए.

चाची – में गोली ले लूँगी, वादा कीजिए कि आज के बाद कभी भी मेरे साथ सेक्स करते वक्त कंडोम नहीं पहनेंगे.

वो – मैंने तुम्हारे सिवा और किसी के साथ ना तो किया है और ना ही करूँगा, में यह वादा भी दे रहा हूँ.

चाची फिर से उसे चूमने लगी, अब वो भी मेरी चाची को बहुत प्यार से चूम रहा था. फिर वो मेरी चाची के गले लग गया.

चाची – आई लव यू रमेश, आई लव यू वेरी मच.

रमेश – आई लव यू टू, में बता नहीं सकता हूँ कि मुझे तुम्हारी बाहों में कितना सुकून मिल रहा है, तुम्हारे जिस्म से आ रही यह खुशबू मुझे पागल कर रही है.

चाची – ह्म्‍म्म्ममम.

फिर वो मेरी चाची की गर्दन पर चूमने लगा. फिर छाती पर चूमने लगा. फिर उसने उस कम्बल को नीचे सरका दिया, जिससे मेरी चाची के ऊपर का नंगा जिस्म दिखने लगा. उनके 42 साईज़ के गोरे-गोरे बूब्स और उस पर वो काली सी निप्पल उनकी खूबबसूरती पर चार चाँद लगा रही थी. उनके बूब्स काफ़ी बड़े थे, वो रमेश के हाथों में नहीं समा रहे थे. फिर वो अपने एक हाथ में बूब्स लेकर उस पर अपने होंठ लगाकर चूसने लगा. फिर धीरे-धीरे वो उनके आधे बूब्स को अपने मुँह में डालकर चूसने लगा, अब चाची भी धीरे- धीरे मदहोश होने लगी थी, अब वो बहुत ही प्यार से उनके बूब्स चूस रहा था.

चाची – अहह रमेश उःम्म्म्मममम क्या कर रहे हो यह? ह्म्‍म्म्ममम ह्म्‍म्म्ममममम और चूसो उम्म्म्ममम अहह, दूसरा वाला भी चूसो ना प्लीज़ ह्म्‍म्म्ममम.

फिर वो 20 मिनट तक मेरी चाची के बूब्स चूस रहा था, अब मेरी चाची पलंग को पकड़कर तड़प रही थी. अब उनके बगल में उगे बाल से रमेश बहुत आकर्षित हुआ. फिर वो मेरी चाची की बगल को चाटने लगा, (गावं के मदों को चूत और बगल में उगे बालो वाली औरते बहुत पसंद आती है) अब चाची बस आँख बंद करके आहें भरती रही. फिर वो मेरी चाची की कमर को चूमने लगा और अपने गाल से उनकी कमर को सहलाने लगा. फिर वो अपनी जीभ मेरी चाची की नाभि में डालकर उन्हें सहलाने लगा तो अब मेरी चाची पूरी उत्तेजना में पागल हुए जा रही थी, अब वो अपना सर इधर उधर कर रही थी. उसके बाद वो मेरी चाची की चूत को चूमने लगा और 15 मिनट तक मेरी चाची की चूत चाटता रहा.

चाची – अहह बहुत अच्छा लग रहा है रमेश, अहह पहली बार में अपनी चूत चटवा रही हूँ अहह ह्म्‍म्म्ममममम उफफफफफफफफफफ्फ़.

फिर वो मेरी चाची की जाँघो को चूमने लगा. फिर वो मेरी चाची के दोनों तलवो को बारी-बारी से चूमने लगा और उनके पैरों की उंगलियों को अपने मुँह में लेकर चूमने लगा. अब मेरी चाची खुशी के मारे पागल हुए जा रही थी, आईईईई. फिर उसने मेरी चाची की जाँघो को खोल दिया और उसके बीच में आ गया और अपने लंड को उनकी चूत के ऊपर रगडने लगा तो फिर मेरी चाची उठी और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर 5 मिनट तक चूसती रही और वो मेरी चाची की गांड को सहलाने लगा. फिर जब उन्होंने उसके लंड को अपने मुँह से निकाला तो वो पूरी गीली और चमकदार हो गई थी.

चाची – रमेश प्लीज़ धीरे डालना, तुम्हारा काफ़ी बड़ा और मोटा है और मेरे पति का तुमसे काफी छोटा था, उनका सिर्फ़ 4 इंच का था.

रमेश – अगर तुम्हें दर्द हो तो बता देना में नहीं करूँगा, में तुम्हें दर्द नहीं देना चाहता हूँ.

यह कहकर उसने अपना लंड मेरी चाची की चूत में रखकर धीरे-धीरे अंदर डालने लगा. अब चाची को हल्का सा दर्द हो रहा था, लेकिन वो कुछ नहीं कह रही थी. अब उसका 5 इंच लंड अंदर जा चुका था, लेकिन उसके बाद डालते वक्त चाची काफ़ी चिल्ला रही थी.

चाची – उहह में मर गईईई, कितना बाहर है?

वो – 3 इंच.

चाची – प्लीज़, एक बार में ही डाल दो.

वो – लेकिन तुम्हें काफ़ी दर्द होगा.

चाची – प्लीज़ डाल दो, में सह लूँगी.

फिर वो मेरी चाची के ऊपर लेट गया और उनके होंठो को अपने होंठ में दबाकर चूसने लगा. फिर उसने अपनी कमर को थोड़ा पीछे करके एक झटका दिया और अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया. अब मेरी चाची चिल्लाना चाहती थी, लेकिन उसने अपने होंठ से उनके होंठ को दबा रखा था. फिर 5 मिनट तक वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को चूमते रहे. फिर जब मेरी चाची का दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. फिर चाची ने उसे अपने गले से लगा लिया और अपनी टांगो को उसकी कमर से लपेट लिया और आहें भरने लगी.

चाची – अह ह्म्‍म्म्मम उहह रमेश हहह्ह्ह धीरे उहह.

फिर वो मेरी चाची के सीने से लिपटकर उन्हें धक्के लगा रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद चाची भी पूरी तरह से उत्तेजित होकर उसका साथ दे रही थी. फिर उन्होंने अपना एक बूब्स रमेश के मुँह में डाल दिया, जिससे वो और भी तेज धक्के देने लगा. फिर लगभग 5 मिनट के बाद ही चाची चिल्ला उठी, में गई रमेश अहहह और वो झड़ चुकी थी, लेकिन रमेश उनके बूब्स पीते हुए ताबड़तोड़ धक्के दे रहा था, अब वो 15 मिनट तक वैसे ही चोदता रहा, इस बीच चाची एक बार और झड़ चुकी थी. फिर उसने मेरी चाची को घोड़ी बनने को कहा तो मेरी चाची घोड़ी बन गई. फिर वो पीछे से मेरी चाची को चोदने लगा, अब वो मेरी चाची के कंधो पर हाथ रखकर उन्हें चोद रहा था.

फिर 10 मिनट के बाद मेरी चाची ने उसे रुकने को बोला और उसके लंड को बाहर निकाल कर उसकी गोद में बैठ गई और उसके लंड को फिर से अपनी चूत में डालकर चुदने लगी. अब वो मेरी चाची को अपनी गोद में बैठाकर उनके बूब्स पीते हुए चोदता रहा, तभी मेरी चाची ने अपनी चूत का पानी उसके लंड पर निकाल दिया. फिर मेरी चाची ने उससे पूछा कि तुम कब झड़ोगे? तो वो बोला कि पता नहीं. फिर थोड़ी देर के बाद मेरी चाची उठी और दरवाज़े से चिपक कर खड़ी हो गई और वो अपनी दोनों टाँगे खोलकर उसे उंगली दिखाकर अपनी तरफ़ बुलाने लगी. फिर वो आया और उसने अपना लंड मेरी चाची की चूत में डालकर उनसे चिपक कर उन्हें चोदने लगा. अब लगभग 15 मिनट के बाद उसकी स्पीड काफ़ी बड़ गई थी, अब में समझ चुका था कि वो झड़ने वाला है.

फिर चाची उसे अपनी बाँहों में लेकर उसे प्यार करने लगी थी. तभी वो जोर-ज़ोर से झटके देकर झड़ने लगा, अब जब वो पूरी तरह से झड़ चुका था और तभी वो मेरी चाची की बाहों में लिपट कर हाँफने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद उसका लंड अपने आप ही मेरी चाची की चूत से बाहर आ गया और पूरा गीला होकर लटकने लगा. फिर मेरी चाची ने उससे कहा कि तुम जाकर सो जाओ में टायलेट करके आती हूँ, अब उनकी चूत से उसका वीर्य बहकर बाहर निकल रहा था.

फिर मेरी चाची झोपड़ी से बाहर आई और एक पानी की बोतल लेकर वो एक झाड़ी के पीछे जाकर पेशाब करने बैठ गई और खुद से ही बातें करने लगी.

चाची – अहह रमेश आई लव यू तुमने मेरी जन्मों की प्यास बुझा दी, आई लव यू में तुम्हें इतना प्यार दूँगी कि तुम मेरे बिना रह नहीं पाओंगे. उसके बाद वो उठी और अपनी चूत और जाँघ साफ करके झोपड़ी में आ गई और लालटेन की रोशनी को थोड़ा कम करके बिस्तर में घुस गई. फिर रमेश मेरी चाची की बाहों में लिपट गया और मेरी चाची भी उसे प्यार करती हुई सो गई और उसके दो मिनट के बाद में भी वहाँ से अपने घर आ गया.

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घरके दोनों भूके लंड का स्वाद चख कर मजा आया

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेहान है और में दिल्ली के जामिया नगर में अपनी फेमिली के साथ रहता हूँ, मेरी फेमिली में मेरे मम्मी पापा के अलावा मेरे सात बड़े भाई है, जिसमें सबसे बड़े भाई की उम्र 40 साल है. में सबसे ज़्यादा प्यार उनसे करता हूँ और डरता भी उन्ही से हूँ, सारा काम वो ही संभालते है, वो 6 फुट लंबे और काफ़ी हट्टे कट्टे है, वो हल्की शेव और मूँछे रखते है, में सबसे छोटा हूँ और सबसे ज़्यादा स्मार्ट हूँ और सबसे ज़्यादा गोरा हूँ.

ये बात तब की है जब में 19 साल का था, उस वक़्त मुझे ज़्यादा कुछ सेक्स के बारे में नहीं पता था. में टी.वी. की वजह से उनके रूम में ही सोता था और चुपके से रज़ाई से झाँककर फिल्म देखता था, क्योंकि घर में एक ही टी.वी. था और वो भी उनके रूम में था. उस रात मैंने 9 बजे ही खाना खा लिया. मैंने अपनी एक कॉटन की शर्ट पहनी और बिस्तर लगाकर लेट गया, मेरे भाई की एक आदत है, जब वो ड्रिंक करके आते है तो वो खाना नहीं खाते थे और हम सबके लिए चॉकलेट ज़रूर लाते थे.

अचानक डोर बेल बजी और में समझ गया कि भाई आ गये है. फिर मैंने जल्दी से रज़ाई ओढ़ ली और सोने का नाटक करने लगा. फिर पापा ने गेट खोला और बोले कि तू आज पीकर आया है? तो भाई कुछ ना बोले और सीधे कमरे में आ गये. उनके साथ मेरे मामा भी थे, मेरे मामा 42 साल के है और एकदम काले है, काफ़ी भारी है, उनकी पैंट से ही उनके लंड का साईज़ पता लगता है, उनका लंड कम से कम 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा होगा.

फिर अंदर आते ही उन्होंने लाईट चालू की और अंदर से गेट बंद कर लिया और मुझे सोता देख मुस्कुराए, उनकी आँखे एकदम लाल थी. फिर उन्होंने अपनी पेंट उतारी, उनकी पीठ मेरी तरफ थी, में रज़ाई से चुपके से देख रहा था, उनकी जांघे काफ़ी भारी थी. अब पेंट को एक तरफ रखा और अब वो सिर्फ़ अपनी सफ़ेद कलर की चड्डी में थे और टी.वी. का रिमोट लेकर जब वो मुड़े तो में उन्हें देखकर हैरान रह गया, क्योंकि मैंने पहली बार उन्हें इस तरह देखा था. उनका लंड एकदम सीधा खड़ा था, वो करीब 7 इंच लम्बा और काफ़ी मोटा था. तभी मेरे मामा भी लूँगी पहनकर आ गये, वो बहुत ही सेक्सी लग रहे थे और वो चैनल लगाकर टीवी देखने लगे.

फिर अचानक से वो पानी की बोतल उठाने के लिए मेरी तरफ मुड़े तो उनका खड़ा हुआ लंड सीधे मेरे होंठो पर लगा, जो कि गीला सा हो चुका था. ये देखकर मामा की हँसी निकल गयी और वो अपना काला और काफ़ी मोटा लंड बाहर निकालकर हिलाने लगे. ये देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया, ये उन्होंने चुपके से देख लिया था और फिर भाई ने मुझे दूसरी तरफ पलटकर लेटा दिया और मुझसे चिपक कर लेट गये और आगे से मामा अपने लंड से मेरे लंड को दबाने लगे. अब मुझे उनकी छाती के घने बाल महसूस हो रहे थे और उनका लंड मेरी शर्ट के ऊपर से ही गांड में घुसा जा रहा था.

फिर उन्होंने मुझे सीधा करके लेटा दिया और खुद भी वैसे ही लेट गये और मेरा हाथ पकड़कर अपनी चड्डी में डाल दिया और अपना गर्म और मोटा लंड थमा दिया, उनकी झांटे काफ़ी घनी और लंबी थी. अब में सातवें आसमान पर था, अब वो मेरी उंगली अपने लंड के छेद पर रगड़ने लगे और अब काफ़ी वीर्य मेरी उंगली पर लग गया था और फिर वही उंगली मेरे मुँह में दे दी, उनके वीर्य का काफ़ी नमकीन सा टेस्ट था.

फिर में सोने का नाटक करता रहा, अब वो मेरे कान में धीरे से बोले कि बेटा अपनी चॉकलेट नहीं खाओगे, मुझे पता है तुम जाग रहे हो? तो में चुप रहा और फिर वो चॉकलेट मेरे होंठ के पास लाए तो चॉकलेट के टेस्ट की वजह से मैंने जैसे ही मुँह खोला तो उन्होंने पूरी की पूरी चॉकलेट मेरे मुँह में दे दी.

अब मेरा मुँह पूरा भर गया था, क्योंकि वो मेरे भाई का काफ़ी मोटा लंड था और वो भी चॉकलेट से ढका हुआ था. अब में उसे मज़े लेकर चूसने लगा, ये देखकर मामा भी जोश में आ गये. फिर भाई ने उनकी तरफ आँख मारी और मामा एक कप लाए, उसमें ऊपर तक शहद भरा था. फिर उन्होंने अपना लंड उसमें डूबो दिया और फिर शहद में डूबा हुआ लंड मेरे मुँह के पास लाए, अब मेरा मुँह और नहीं घुस पा रहा था तो वो अपना लंड मेरे गालों पर रगड़ने लगे. फिर कुछ देर तक मुझे चाटने के बाद वो फिर से अपने लंड को मेरे मुँह में डालने लगे और ज़रा सी जगह मिलते ही उन्होंने ज़ोर का झटका मारा तो उनका 8 इंच का पूरा मीठा लंड अब मेरे मुँह में था.

फिर वो कुछ देर तक ऐसे ही रहे. फिर वो दोनों ही झटके लगाने लगे, अब मेरे मुँह में शहद और चॉकलेट दोनों का टेस्ट आ रहा था. फिर अचानक से उन दोनों ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मेरा मुँह भर दिया और मुझे वो सारा मीठा चॉकलेटी वीर्य पीना पड़ा. फिर वो दोनों अपने लंड साफ करवा कर एक तरफ सो गये.

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टीचर की कमीना गिरी

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मैं आपको एक नई कहानी सुनाने जा रही हूँ जो की बिल्कुल सच्ची कहानी है मैं 19 साल की हूँ और सुंदर लड़की हूँ। मेरी कहानी एक माँ और उसके आशिक़ द्वारा एक मासूम लड़की को गंदे कामों में धकेलने की है मेरे पापा एक बैंक में काम करते हैं और उनकी मम्मी के साथ पटती नही है वे हमेशा देर से घर आते हैं और खाना खा कर सो जाते हैं मेरी तरफ़ उनका ज़रा भी ध्यान नहीं है ये कोई 5 साल पहले की घटना है तब में 18 साल की थी। मम्मी ने मुझे पढ़ाने के लिए एक टीचर रखा था जिसकी उम्र क़रीब 28 साल की होगी। पहले ही दिन मम्मी ने उन्हें और मुझे अपने कमरे में बुलाया और हिदायतें देना शुरू कर दी।

मम्मी ने मुझसे टीचर के लिए चाय बनाने को कहा और मैं चली गई जब में चाय लेकर आई तब मैने देखा की मम्मी के कपड़े अस्त व्यस्त थे और टीचर के शर्ट पेर मम्मी के लंबे बाल थे। मम्मी का पावडर भी उन पर लगा हुआ था। में समझ गई थी कि वे दोनो प्यार कर रहे थे।

मुझे देख के वे पहले की तरह ही बैठ गये जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो। टीचर शाम के 5 बजे आया करते थे और मुझे पढ़ाने और समझाने के बहाने इधर उधर हाथ फ़िराया करते थे। मुझे ये सब अच्छा नही लगता था। मगर मैं किससे अपनी बात कहती। एक दिन उन्होने मुझे कुछ याद करने को कहा था और मैने नही किया था। बस उन्होने मेरी गोल चूचियों की चुटकी ली और बोले की” तुम कुछ भी पढ़ती नही हो में तेरी मम्मी से बात करूँगा”।

इतना कहकर वे रसोई में चले गये जहाँ मम्मी खाना बना रही थी।

उनके आते ही मम्मी ने पूछा “तुम्हारा काम हो गया?”

उसने कहा “हाथ ही रखने नही देती, चूत क्या देगी। मेरा तो लंड बड़ा हो गया है उसे शांत करना पड़ेगा”।

मम्मी ने कहा।”मैं हूँ ना”

इतना कहकर उन्होने टीचर की पैंट का ज़ीप खोलकर टीचर के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी टीचर का लंड बहुत बड़ा था जिसे देखकर मेरी चूत में चींटियाँ रेंगने लगी। मैं वो दृश्य देख ना सकी और अपने रूम में आ गई। यह दृश्य मेरे मन में कई दिनो तक छाया रहा और मैं रात भर सो नहीं पाती थी।

कभी अपनी चूचियों को सहलाती तो कभी चूत को। मेरे बुर से पानी झरने लगता था। में यह सोचती थी की लंड को चूसना शायद अच्छा लगता होगा और यदि मैं किसी का लंड चूसती हूँ तो वो मेरी भी बुर चाटे। ये सोचकर मेरी चूत में खलबली मच जाती थी। मैं भी टीचर का लंड चूसने बेताब हो गई। उस दिन टीचर बोले “आओ तुम्हें ड्राइंग सीखा दूं”। मैं उनके पास बैठ गई और वे बहाने से मेरी चूचियों सहलाते रहे। मुझे यह अच्छा लग रहा था और मैंने अनजाने में अपनी टाँगें फैला दीं। बस उन्होने अपना हाथ वहाँ रखा और धीरे से मेरे बटन खोलने लगे।

मैने कहा,”मम्मी आ जाएगी अभी कुछ मत करो”

उसने कहा,”चल मेरी जान तेरी मम्मी भी मुझसे डलवाती है आ भी जाए तो भी कोई फ़रक नही पड़ेगा। उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया और मेरी चूचियों और बुर को चाटने लगे और अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया।

इतना बड़ा लण्ड पाकर मैं ख़ुश हो गई और मज़े से चूसने लगी तभी मेरी मम्मी आ गई और ग़ुस्से से लाल होकर बोली ‘ये तुम दोनों क्या कर रहे हो। ज़रा मुझे भी बताओ”। टीचर ने कहा “में तुम्हारी लड़की को तैयार कर रहा हूँ। इसकी चूत बहुत मीठी है इसे तुम भी चाटो।” मेरी मम्मी ने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और चाटने लगी में टीचर ने अपना पूरा लंड मेरी मम्मी की चूत में घुसा दिया और फिर उसने मुझे जी भर के चाटना शुरू किया। मम्मी मेरे साथ की चुदाई मुझे नर्वस कर रही थी। मगर मन में यह बात भी थी की मम्मी ने मुझे सारी चीज़ें सिखाईं।

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अनजान आंटी के साथ पहली चुदाई

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हाई फ्रेंड, मैं देसी सेक्स स्टोरी का रेगुलर रीडर हु. मेरा नाम उमेश है और मैं बैंगलोर में नया – नया शिफ्ट हुआ हु. आई एम् वर्किंग इन सम एम्एनसी कंपनी. मेरा नाम पावनी है. अब मैं स्टोरी पर आता हु. ये बात उस समय की है, जब मैं बैंगलोर जा रहा था हैदराबाद से. उस समय फेस्टिवल टाइम था, तो मुझे टिकेट नहीं मिला और जब मैं टिकेट काउंटर पर गया और मैंने मेनेजर से रिक्वेस्ट की, कि मेरा बैंगलोर जाना बहुत जरुरी है और जब मैंने उसे डबल कॉस्ट देने का ऑफर दिया, तो उसने मुझे एक सीट दे दी.

मुझे दरवाजे से घुसते ही सीट मिली और थकान होने के कारण, मैं जल्दी ही सो गया. आधे घंटे बाद, किसी ने मुझे जगाया और मुझे मेरी टाँगे फोल्ड करने के लिए कहा. मैंने अपनी आँखे खोली, तो मेरी आँखे एकदम से चौड़ी हो गयी. क्या बला की खुबसुरत थी! बहुत ही कामुक, बिलकुल किसी काम की देवी की तरह. वो मेरे बराबर वाली सीट पर आकर बैठ गयी और फिर उसने मुझसे पूछा, कि बस डिनर के लिए कहाँ पर रुकेगी? मैंने कहा – मुझे नहीं मालूम. थोड़ी देर बातो के बाद, हमने अपने को इंट्रोडीयूज़ किया. उसने बताया, कि उसकी ३ साल पहले ही शादी हुई है. उसका पति हैदराबाद में काम करता है और वो बैंगलोर में रहती है.

जब डिनर के लिए बस रुकी, तो उसने मुझे भी डिनर के लिए इनविट किया. मैंने उसको कहा – नो थैंक्स. वो डिनर करके वापस बस में बैठ गयी. वो अपने साथ कोल्ड ड्रिंक लायी थी. उसने मुझे कोल्डड्रिंक ऑफर की. मैंने मना कर दिया. रात काफी हो चुकी थी और हम दोनों सो गये. मुझे पता नहीं चला, कि मेरा हाथ कब उसकी सीट पर चले गया. कुछ देर बाद, मेरी आँख खुली. तो देखा, कि वो मेरा हाथ दबा रही थी. मैंने तुरंत अपना हाथ खीचा और उसको सॉरी बोला. हम लोग फिर से सो गये. अचानक से वो मेरे कंधे पर सिर रख कर सो गयी. मैंने उसका सिर नहीं हटाया और ना ही कोई ऑब्जेक्ट किया.

जब हम उठे और उसने देखा, तो उसने मुझे सॉरी बोला. मैंने कहा – इट्स ओके. उसके बाद, उसने मुझसे पूछा, कि मैं कहाँ रहता हु. मैंने कहा – बी टी एम्. फिर मैंने उससे पूछा, तो उसने बताया, कि वो माराथली में रहती है. फिर हमने अपनी प्रोफेशन के बारे में डिस्कस किया. वो भी एक एम्एनसी में काम करती थी. बस रुकने पर और अपने – पाने स्टॉप पर जाने से पहले, हमने अपने नंबर एक्सचेंज किये.

एकदिन, उसने मुझे मेसेज किया..

शी – हेलो…

मैं – हाई…

शी – हाउ आर यू?

मैं – गुड, अबाउट यू…

फिर हम लोगो में कुछ इधर – उधर की बाते होती रही और उसने मुझसे आने वाले वीकेंड का प्रोग्राम पूछा. मैंने कहा – कुछ नहीं. बस दोस्तों के साथ वीकेंड पार्टी का प्रोग्राम है. मैंने उसको पूछा – क्यों? उसने कहा – कुछ नहीं. बस सोचा, अगर तुम्हारा कोई प्रोग्राम नहीं है. तो कहीं मिलते है. मैंने कहा – कोई बात नहीं. दोस्तों के साथ प्रोग्राम कुछ खास नहीं है. हम मिलते है. फिर मैंने उसको जगह का नाम बताया और कहा – मैं तुमको वहांसे ले लूँगा. मैंने उसको मूवी के लिए पूछा. तो उसने मना कर दिया. फिर हमने साथ कहीं बाहर जाने का प्रोगाम बनाया.

मेरे पास वेरना कार है. मैंने उसको पिक किया और फिर हम लॉन्ग ड्राइव पर निकल गया. हाईवे पर हम पोलिस ने रोक लिया और हम दोनों के बारे में पूछने लगे. उसने कहा – कि मैं उसका हस्बैंड हु. मैं तो बस उसकी तरफ देखता ही रह गया. हमने काफी फन किया और मस्ती की. हम दोनों अब अच्छे दोस्त बनने लगे थे. हम अक्सर चैट करते, या फ़ोन पर बात करते और हम हफ्ते में एक बार अब मिलने भी लगे थे.

एक दिन उसने मुझे अपने घर पर इनविट किया. मैंने कहा – नो नीड… व्हाई? उसने कहा – डोंट वोर्री, तुम मेरे अच्छे दोस्त हो. कोई प्रॉब्लम नहीं है. मैं तैयार हुआ और कार से उसके घर पंहुचा. मैंने उसके घर पहुच कर डोरबेल बजायी और जब उसने दरवाजा खोला, तो मैं उसे देखता ही रह गया.

उसने एक ट्रांसपेरेंट ब्लू साड़ी पहनी हुई थी. उसने मुझे अन्दर आने को कहा. मैं उसके ड्राइंगरूम में जाकर सोफे पर बैठ गया. उसने कहा – मुझे आधा घंटा दो, मैं लंच बना लेती हु. मैंने कहा – ओके. मेरे दिमाग में कुछ गलत नहीं था. मैं थका हुआ था, तो मैं एक रूम में चले गया और वहां सो गया. उसने कुछ देर बाद, मुझे आवाज़, लेकिन मैं गहरी नीद में होने के कारण नहीं सुनी. वो मुझे देखने की लिए रूम में आ गयी और पूछा – क्या हुआ? मैंने कहा – मैं थोडा थका हुआ था. इसलिए आँख लग गयी. फिर उसने कहा – कोई बात नहीं. अभी बहुत टाइम है? ये सुनकर मुझे थोडा डाउट हुआ. लेकिन, मैंने अपने एक्सप्रेशन को फेस पर आने नहीं दिया. फिर उसने कहा, चलो पहले लंच कर लेते है. फिर तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है.

हम लोगो ने साथ लंच किया और मैंने उसको पूछा – व्हाट थे स्पेशल? उसने कहा – आज उसका बर्थडे है. मैं उसको कहा – इडियट, तुमने पहले क्यों नहीं बताया? उसने कहा – आज मैं तुम्हारे साथ पूरा दिन बिताना चाहती हु. फिर, बातो के दौरान; हम लोग ने सेक्स की बात भी शुरू कर दी और उसने बताया, कि वो जब भी उसके पति के पास जाती है या वो यहाँ आती है. तभी वो सेक्स कर पाती है. उसने बोला – कि वो मुझे बहुत पसंद करती है और अपने सपने में देखती है. फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे एक रूम में ले गयी. वो रूम बहुत डेकोरेट था, बहुत सुंदर सजा था. मैं बहुत खुश था और जब मैंने उसकी चमकती हुई आँखों में देखा, तो उसने मुझे एकदम से पकड़ लिया और टाइट हग कर दिया. वो मुझे बोली – आई लव यू. यू आर माय हस्बैंड फ्रॉम टुडे.

मैंने उसको पूछा – क्या हुआ? उसने बहुत बैचेन होकर कहा – प्लीज आज मुझे सैटइसफाई कर दो आज. उसने मुझे बेड पर पुश किया और मुझे गिरा दिया. उसने मेरे होठो पर अपने होठ रख दिए और लिप लॉक कर दिया. मेरे अपने आप से कण्ट्रोल छुट गया और मैंने भी उसका चेहरा पकड़ा और उसको बहुत जोर से किस करने लगा. हम दोनों एक दुसरे में खोये हुए, एक दुसरे को किस कर रहे थे और फिर अचानक से उसने मेरे कपड़े खोल दिए और अपने कपड़े भी उतार दिए. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और वो ब्रा और पेंटी में. उसके बूब्स को देख कर मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी. मेरे मुह से एकदम निकला – वाओ.. और मैंने अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और मस्ती में मसलने लगा. फिर, मैंने अपना मुह उसके निप्पल पर लगा दिया. उसके मुह से अब सिस्कारिया निकलने लगी थी आआआआआ आआअह्हह्हह्ह …

वो बहुत बैचेन हो गयी और बोली रही थी. अब मुझे चोदो प्लीज.. उसने मेरे अंडरवियर को उतार दिया और मेरा लंड बाहर निकाल लिया. वो एकदम से चौक गयी, मेरे ६ इंच के लंड को देख कर और उसकी आँखों में चमक भी आ गयी. उसने मेरे लंड को अपने मुह में रख लिया और चूसने लगी. मुझे नहीं मालूम था, कि वो इतनी मस्त ब्लोजॉब देती है. फिर उसने धक्का मारा और मेरे ऊपर चढ़ गयी. उसने अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत पर टिकाया और धम्म से मेरे ऊपर बैठ गयी और मेरे ऊपर उछलने लगी. मेरे लंड में दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. उसने मुझे करीब ३० मिनट तक राइड किया और फिर मैंने अपना पानी छोड़ दिया. फिर वो मेरे लंड से उठकर मेरे मुह पर आ गयी और मैं मस्त उसकी चूत को चाटा और उसने अपना पानी मेरे मुह पर छोड़ दिया.

उसके बाद हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे. कुछ देर बाद, उसने कहा – मैं डिनर बना लेती हु. जब वो किचन में डिनर बना रही थी. मैं उसके पीछे गया और उसकी बेक पर किस करने लगा. उसने कहा – प्लीज रात को. अभी काम करने दो. मैं उसकी बात मान कर रूम में वापस आ गया. फिर जब वो रूम में आई, तो मैंने एक भी मिनट वेस्ट नहीं किया और उसको मस्त चोदा. फिर हम साथ में सो गये. जब हम सुबह उठे, तो हमने एक बार फिर से चुदाई की और फिर मैं ब्रेकफास्ट करके घर वापस आ गया. उसके बाद, हमने कई बार और सेक्स किया. कुछ महीनो बाद, उसे भी एक नई जॉब हैदराबाद में मिल गयी और वो अपने पति के साथ शिफ्ट हो गयी. मैं आज भी उसे मिस करता हु…

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पति के सामने चुदाई दुसरे लंड से

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हैल्लो फ्रेंड्स, में आपके लिए फिर से एक नई कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरा नाम समीर है, हाईट 5 फुट 8 इंच और 7 इंच लम्बा लंड है. ये बात आज से 2 महीने पुरानी है. दोस्तों फेसबुक पर मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई. उसने मेरा नाम और पता पूछा तो मैंने उसे अपना नाम और पता बता दिया. फिर वो बोली कि ये तो दिल्ली के पास ही है और अगर में आपसे मिलना चाहूँ तो मिल सकते हो. फिर मैंने कहा कि पहले एक दूसरे को थोड़ा जान पहचान लेते है और उसके बाद मिलेंगे तो उसने कहा कि ओके ऐसे ही 3-4 दिन उसकी और मेरी बात होती रही.

फिर एक दिन मैंने उसका मोबाईल नम्बर मांगा और उसने नम्बर दे दिया, इस बातचीत के दौरान वो सिर्फ 9 से 5 बजे के बीच में ही बात कर सकती है. अब मेरे पास उसका नम्बर था तो मैंने अगले दिन उसको कॉल किया तो दूसरी साईड से एक सेक्सी सी आवाज मेरे कानों में पड़ी, यारो में तो अपने होश ही खो गया, वो उधर से हैलो हैलो बोलती रही और मैंने कॉल कट कर दिया. फिर उसका पलटकर कॉल आया और अब तक में नॉर्मल हो चुका था.

मैंने उसका कॉल उठाया और बताया कि में कौन बोल रहा हूँ. फिर उसने कहा तो पहले क्यों नहीं बोले थे? फिर मैंने उसे बताया कि उसकी आवाज इतनी प्यारी है कि में अपने होश ही खो बैठा था तो उसने कहा कि मेरी आवाज इतनी भी प्यारी नहीं है. फिर मैंने कहा कि ये तो में डिसाईड करूँगा. फिर उसने हार मानते हुए कहा कि चलो जैसा तुम चाहो. फिर उसने कहा कि बाद में बात करते है और कॉल कट कर दिया, अब हम दोनों की रेगुलर फोन पर बात होने लगी थी. एक दिन उसने मुझसे बोला कि में तुमसे मिलना चाहती हूँ तो तुम दिल्ली आ जाओ. फिर मैंने कहा कि ओके में आ जाता हूँ और हमने दिन और जगह दोनों फिक्स कर लिए. फिर हमने एक रेस्टोरेंट पर मिलने का प्लान बनाया. फिर में वहाँ पर पहुँचा तो वो पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रही थी, वो लड़की क्या कयामत लग रही थी? उसने एक काले कलर की शॉर्ट स्कर्ट और ग्रीन कलर का टॉप पहना हुआ था.

फिर मैंने उससे पूछा कि क्या आप काजल हो? फिर उसने हाँ बोला. फिर में बोला कि में समीर हूँ. में उसे देखकर बहुत खुश हुआ और वो भी मुझे देखकर बहुत खुश हुई, वो दिखने में बहुत सुंदर थी और उसका फिगर साईज 36-26-34 होगा, मस्त मोटी गांड, गोल-गोल टाईट चूचे टॉप से बाहर आने को तैयार थे. हम लोग मिले और अपने लिए लंच ऑर्डर कर दिया और हम बातें करने लगे. फिर बातों-बातों में पता चला कि वो शादीशुदा है और अभी 3 महीने पहले ही उसकी शादी हुई है और उसकी उम्र 26 साल है और वो अपने पति की बिज़नेस में हेल्प करती है. फिर मैंने उससे कहा कि यार तुम लगती नहीं कि 26 साल की हो, लेकिन तुम बस 20 साल की लगती हो और ऐसे कपड़े पहनती हो जैसे कि कोई कुंवारी लड़की पहनती है तो उसने कहा कि उसे ऐसे ही कपड़े पसंद है.

फिर कुछ और देर बातों के बाद हमने एक दूसरे को फिर मिलने के लिए कहा और बाय बोला. फिर उसने आगे बढ़कर मुझे हग किया और बोला कि वो मुझसे जल्दी ही मिलना चाहती है और अब में दिल्ली से वापस आ चुका था और 2 दिन हो चुके थे, उसका कोई कॉल नहीं आया था. फिर मैंने सोचा कि क्यों ना में ही उसे कॉल कर लूँ?

फिर मैंने कॉल किया तो उसने कॉल उठाया और बोला कि वो थोड़ी देर में मुझसे बात करेगी. फिर कोई 2 घंटे के बाद उसकी कॉल आई तो वो थोड़ी दुखी थी. फिर मैंने उससे कहा कि क्या हुआ कोई परेशानी है? तो उसने पहले तो मना किया, लेकिन मेरे बहुत बार पूछने पर वो बोली कि आज उसका सेक्स करने का मन था तो उसने अपने पति का पूरा साथ दिया, लेकिन उसका पति उसका साथ नहीं दे पाया और 3-4 धक्के मारकर ही झड़ गया और साईड में लेट गया. फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं कभी-कभी मर्द के साथ ऐसा हो जाता है. फिर उसने कहा कि उसके साथ ऐसा हमेशा ही होता है, वो उसके अंदर आग लगाकर छोड़ देता है और खुद ठंडा पड़ जाता है.

फिर मैंने कहा कि तुम किसी यौन रोग के डॉक्टर से मिल लो तो उसने कहा कि ओके तुम ही कोई तरीका बता दो कि वो मेरी प्यास बुझा सके. फिर मैंने कहा कि अगर तुम चाहों तो मेरी बात अपने पति से करवा दो, जिसस में उसे समझा सकूँ कि एक हॉट लेडी को कैसे ठंडा किया जाए. फिर उसने कहा कि ओके में देखती हूँ. फिर 2-3 दिन तक उसका कॉल नहीं आया तो में इन बातों को भूल चुका था, लगभग 1 हफ्ते के बाद उसका कॉल आया. मैंने फोन उठाया तो वो बोली कि उसने अपने पति से बात कर ली है और वो मुझसे बात करना चाहता है. फिर मैंने कहा कि ओके अब उसका पति मुझसे बात कर रहा था, उसने पूछा कि यार मुझे एकदम से इतना जोश चढ़ जाता है कि में कंट्रोल नहीं कर पाता और चूत में लंड डालकर तेज-तेज धक्के मारकर में झड़ जाता हूँ.

फिर मैंने कहा कि तुम्हारे साथ ये परेशानी है कि तुम रोमांस पर ध्यान नहीं देते हो, बस अपनी बीवी की हॉट चूत देखते हो और लंड खड़ा करके उसकी चूत में लंड डाल देते हो और जल्दी ही ठंडे पड़ जाते हो, लेकिन लड़की को तब तक मज़ा नहीं आता जब तक कि उसको चूमा चाटा ना जाए और उसकी गर्दन, बैक साईड, होठों, पेट को किस किया जाए, चूचियों को चूसा जाए और दबाया जाए, नाभि की गहराई को अपनी जीभ से नापा जाए और सबसे जरुरी बात चूत को चूसा जाए. फिर तुम उसका पूरा साथ दे पाओगे. फिर उसने कहा कि यार मुझे ये सब नहीं आता, बस लंड खड़ा करके चूत में डालना आता है. फिर मैंने कहा तो सीखो यार वरना बीवी को किसी और का लंड पसंद आ जायेगा. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुझे सिखा सकते हो? काजल ने मुझे बताया है कि तुम काफ़ी अनुभवी हो. फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन उसके लिए मुझे दिल्ली आना होगा तो उसने बोला प्रोग्राम तय करो और मुझे बता दो तो में उस दिन फ्री रहूँगा और एक लड़की का जुगाड़ करके रखूँगा.

फिर मैंने मंगलवार का प्रोग्राम फिक्स कर दिया और डिसाईड किया कि वो लड़की तैयार रखेगा और मेरे सामने उसके साथ सेक्स करेगा और में उसे बताऊंगा कि कैसे सेक्स करना है? तो दोस्तों मंगलवार आ गया और मैंने दिल्ली पहुँचकर उसे कॉल किया तो उसने मुझे अपना पता दिया, लेकिन वो वहाँ से बहुत दूर था तो उसने अपनी गाड़ी भेज दी और मुझे वहाँ पर पहुंचा दिया. फिर में वहाँ पहुंचा तो वो पॉश कॉलोनी में एक हसीन 4 BHK का फ्लेट था और बहुत सुंदर तरीके से सजाया हुआ था, वो काफ़ी अमीर फेमिली थी. फिर काजल के पति ने मेरा वेलकम किया और बोला कि वो मेरा ही इंतज़ार कर रहा था और लड़की का उसने इंतजाम कर लिया है. फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब जल्दी करो मेरे पास टाईम थोड़ा कम है तो जल्दी से तुम्हें बताकर में वापस अपने शहर चला जाता हूँ. फिर वो बोला कि इतनी जल्दी मत करो और तुमने ही बोला था कि सेक्स प्यार से किया जाता है ना कि जल्दबाज़ी में. फिर में अपनी ही बात पर हार चुका था तो मैंने कहा कि ठीक है और में अब जल्दी नहीं करूँगा.

फिर उसने मुझसे नाश्ते के लिये कहा और नाश्ता करने के बाद वो बोला कि चलो अब मेरे बेडरूम में चलते है, वो हमारा इंतज़ार कर रही होगी और हम उसके बेडरूम में चले गये. फिर मैंने वहाँ क्या देखा? कि एक लड़की मेरी तरफ कमर करके खड़ी थी, लेकिन उसका एकदम मस्त फिगर था, बहुत छोटे कपड़ो में और पूरी बॉडी वेक्स की हुई थी. फिर काजल के पति ने कहा कि तुम ज़रा समीर को अपना चेहरा तो दिखाओ तो उसने अपना चेहरा मेरी तरफ किया तो मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी, वो और कोई नहीं काजल ही थी. वो अपनी बीवी को ही मेरे सामने चोदना चाहता था और में उसे देखता ही रह गया. फिर काजल बोली कि क्या देख रहे हो? में ही हूँ जो तुम्हारे सामने अपने पति से चुदवाऊंगी.

फिर उसके पति ने भी कहा कि में काजल के अलावा किसी और को चोदना नहीं चाहता हूँ तो काजल ही इस काम के लिए सही थी, वो मेरी पत्नी है तो कोई परेशानी ही नहीं है. फिर मैंने कहा कि यार पर तुम मेरे सामने ही अपनी बीवी को चोदोगे. फिर उसने कहा तो क्या हुआ? तुम भी इसका मस्त बदन और फिगर देख लेना. फिर मैंने कहा कि ओके तो शुरू करो. फिर काजल ने कहा कि तुम बताओ कैसे करना है? फिर मैंने कहा कि वैसे ही करो जैसे तुम करते हो, उसके बाद में तुम्हारी गलतियां देखूंगा और फिर बताऊंगा कि कैसे करना है? फिर वो दोनों शुरू हो गये और वो पहले किस कर रहे थे, लेकिन में कुछ और ही सोच रहा था कि काजल को अपने लंड से चोदना है और इसे सुख देना है और वो ही प्लान बना रहा था और प्लान बन भी चुका था. फिर किस करते-करते ही उसके पति ने उसके कपड़े उतार दिए और काजल ने भी अपने पति के कपड़े उतार दिए, उसके पति का लंड छोटा था, 5 इंच का होगा और खड़ा हुआ था तो उसने काजल को पूरा नंगा करके सीधे उसकी चूत में ही लंड डाल दिया और धक्के मारने लगा.

फिर 20-25 धक्के मारने के बाद वो उसकी चूत में ही झड़ गया और साईड में लेट गया, उनका पूरा सेक्स मुश्किल से 10 मिनट में पूरा हो गया होगा. फिर मैंने कहा कि यार ऐसे थोड़ी ना सेक्स होता है, तुम तो एक समझोते की तरह सेक्स को करते हो कि साईन किया और ख़त्म, वैसे ही लंड झड़ा और सब ख़त्म. फिर काजल और उसके पति ने एक साथ कहा कि इसलिए तो तुम्हें बुलाया है कि बताओं में काजल को कैसे संतुष्ट करूँ? इसकी सेक्स की भूख कुछ ज़्यादा ही है.

मैंने कहा कि ऐसे तुम करोगें तो में बता नहीं पाऊँगा, इसका तो एक ही तरीका है कि में तुम्हें सेक्स करके दिखाऊंगा कि किस तरह से सेक्स के मज़े लिए जाते है. ये सुनकर काजल की आँखो में चमक आ गयी, लेकिन उसके पति का मन थोड़ा सा उदास हो गया. फिर वो बोला कि यार ये मेरी पत्नी है और में ऐसे कैसे किसी के भी साथ सेक्स करने के लिए उसको हाँ बोल दूँ. फिर मैंने कहा कि इसलिए तो मैंने तुम्हें लड़की का इंतजाम करने के लिए बोला था, लेकिन तुम तो अपनी ही पत्नी को मेरे सामने चोदने लगे, अब तुम बोलो कि क्या करना है? तुम्हें सीखना है या नहीं.

फिर काजल बोली कि एक बार में कोई फ़र्क नहीं पड़ता है, अगर आप कहो तो आपको और मुझे पता चल जायेगा कि संतुष्टी कैसे होती है? फिर काजल के समझाने पर उसके पति ने हाँ बोल दी, अब काजल को चोदने की बारी मेरी थी और में उसके मस्त फिगर का तो दीवाना हो चुका था. फिर मैंने काजल से कहा कि अपने सारे कपड़े वापस पहन लो तो वो बोली क्यों?

फिर मैंने कहा कि अब जैसे में बोलूं वैसे ही करो. फिर वो अपने कपड़े फिर से पहनने लगी और जब उसने अपने पूरे कपड़े पहन लिए तो मैंने उसके पति से बोला कि अब वो जाकर सोफे पर बैठ जाए और देखे कि कैसे सेक्स किया जाता है? फिर वो जाकर सोफे पर बैठ गया और हमें देखने लगा.

फिर मैंने काजल से कहा कि बाथरूम में जाकर अपनी चूत को अंदर तक साफ करे, जिससे उसका झड़ा हुआ सारा वीर्य साफ हो जाए. फिर उसने ऐसा ही किया और साफ करके वापस आ गयी. अब वो बेड पर बैठी थी और में उसके साथ पास में बैठा था और उसका पति सोफे पर बैठा हमें देख रहा था. फिर सबसे पहले में उसे किस करने लगा, उसके होंठ बहुत ही स्वीट थे और में उसकी जीभ को चूस रहा था और वो मेरी जीभ को चूस रही थी. अब में हल्के हाथ से धीरे-धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा और उसका पति मुझे देख रहा था, बल्कि बहुत गौर से देख रहा था और काजल मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा. वो मज़ा ले रही थी और उसका पति उससे भी ज़्यादा मज़ा ले रहा था. फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और अब उसके बूब्स मेरे सामने थे.

में उसके निप्पल को ज़ोर-ज़ोर से अपनी उंगलियों के बीच में दबाने लगा तो वो सिसकारियां लेने लगी और मेरी छाती पर शर्ट के ऊपर से ही हाथ फेरने लगी.

फिर वो बोली कि मैंने तो अपनी ब्रा तुम्हें दिखा भी दी और टेस्ट भी करवा दी, अब तुम भी तो कुछ दिखाओ. फिर मैंने कहा कि में तो तुम्हारा ही हूँ जैसे चाहो टेस्ट करो या देखो. फिर इतना सुनकर उसने जल्दी से मेरी शर्ट उतार दी, जैसे कि फाड़ ही देगी. में नीचे बनियान कम पहनता हूँ तो मेरी छाती सीधे उसके सामने थी. फिर वो भूखी शेरनी की तरह उस पर टूट पड़ी और मेरे निप्पल को चूसने लगी. मुझे बहुत ही मस्त महसूस हो रहा था और वो 10 मिनट तक मेरे निप्पल सक करती रही और में मज़े लेता रहा.

फिर उसका पति बोला कि यार जल्दी करना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. फिर मैंने कहा कि इसलिए तुम्हारी पत्नी पूरा मजा नहीं कर पाती है तो तुम बस बैठे रहो और देखते रहो. अब में काजल के कंधो पर आ गया था तो उसने ही मेरी जीन्स निकाल दी और अंडरवियर भी निकाल दिया और मेरा मोटा लंड फनफनाता हुआ एकदम से बाहर आ गया और काजल के मुँह से टकराया तो वो बोली नॉटी बहुत शरारती हो बस सीधे मुँह पर टक्कर मारते हो.

फिर मैंने कहा कि ये पहले तुम्हारे मुँह में जाना चाहता है ना कि चूत में. फिर वो बोली अब में तुम्हारे प्यारे लंड को निराश नहीं करूँगी और कहकर लंड मुँह में भर लिया. में तो अब सातवें आसमान पर था और वो मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी गोलियां दबा रही थी और में भी पूरा मज़ा ले रहा था.

लगभग 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उससे कहा कि मेरा वीर्य छूटने वाला है तो वो और ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी और गले तक मेरा लंड जाने लगा, इतने में ही में झड़ गया और वो मेरा सारा का सारा पानी पी गयी. अब उसके मुँह पर ऐसी चमक थी जैसे सारा दूध पीने के बाद बिल्ली के मुँह पर होती है. अब उसकी चूत लेने की बारी मेरी थी तो मैंने उसे लेटा दिया और फिर से उसे किस करने लगा और साथ ही साथ उसकी चूची को भी दबाने लगा.

अब में उसकी आँखो पर किस करने लगा, वो सिसकारियां ले रही थी तो में उसके होठों को चूसने लगा, वो भी पूरा मज़ा ले रही थी. अब में उसके गले पर आ गया और अपने थूक से उसके गले को थोड़ा गीला कर दिया और उस पर मुँह से हल्की-हल्की फूंक मारने लगा, वो तो एकदम पागल जैसी हो गयी. अब में उसके बूब्स को सक करने लगा और दूसरे को कस-कसकर दबाने लगा और उसने मुझे अपनी चूची से ऐसे चिपका लिया, जैसे कि में कोई छोटा बच्चा हूँ और वो मुझे दूध पिला रही हो और में मज़े से उसकी चूचियाँ चूस रहा था, वो एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थी.

अब में उसकी नाभि पर आ गया और नाभि के होल में जीभ डालकर उसकी गहराई नापने लगा तो उसने मेरे चेहरे को अपनी नाभि के ऊपर एकदम से दबा लिया. फिर थोड़ी देर तक नाभि को चूसने के बाद फिर मैंने उसकी चूत के ऊपर ढके हुए कपड़े यानी कि स्कर्ट भी उतार दी, अब उसके बदन पर बस एक पेंटी थी और जिसने जन्नत को छुपाकर रखा हुआ था.

फिर मैंने हल्के से पेंटी के ऊपर ही उसकी चूत के दाने पर किस किया तो वो पागल सी हो गयी, लेकिन फिर में हट गया और उसकी जांघो पर किस करने लगा और उसकी जांघो पर किस करते-करते नीचे पैरों की उँगलियों तक आ गया और उनको मुँह में लेकर चूसने लगा, वो तो सेक्स से भरी हुई थी और मस्त हो गयी थी. फिर में वापस से ऊपर आने लगा और फिर से उसकी चूत के पास एक किस की और धीरे धीरे उसकी पेंटी उतार दी. अब उसकी क्लीन शेव चूत मेरे सामने थी और बहुत ही प्यारी लग रही थी. वो ऊपर से एकदम गोरी और अंदर से लाल थी, जैसे कि वनीला आइसक्रीम पर एक लाल चिल्ली रख दी हो, में इस आइसक्रीम को टेस्ट करने से खुद को रोक नहीं पाया और उसकी चूत पर एक किस कर दी और उसके बाद दूसरी किस की और उसके बाद तो किस की झड़ी लगा दी. वो पागल हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी चूत के दाने को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और साथ ही साथ उसकी चूत में एक उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.

फिर उसने एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ लिया, उसमें इतना सेक्स चढ़ चुका था कि वो ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना और फिंगरिंग करना चालू रखा, उसकी आँखे बंद थी और उसने अपने सर को पीछे की तरफ करके बेड में दबाया हुआ था और एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ा हुआ था और दूसरे से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा रही थी. में उसे चाट रहा था तो मुझे भी पूरा मज़ा आ रहा था, इतने में ही वो झड़ने लगी और झड़ते हुए उसने बुरी तरह से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा दिया था.

फिर उसका झड़ना शुरू होते ही में हट गया, क्योंकि में देखना चाहता था कि वो झड़ते हुए कैसी लग रही है? वो बड़ी प्यारी लग रही थी. फिर जब वो झड़ चुकी थी तो वो एकदम से हल्की पड़ गयी और उसके हल्की पड़ते ही मैंने फिर से उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उसके अमृत के समान पानी को चाटने लगा और फिर से फिंगरिंग करने लगा.

मेरा ये पूरा काम उसके पति ने बड़े गौर से देखा था. फिर से में कस-कसकर उसकी चूत को चाटने लगा और 5 मिनट के बाद ही वो कहने लगी कि समीर और मत तड़पाओ, प्लीज अब अपना लंड अंदर डाल दो. फिर मैंने उससे कहा कि जैसा तुम कहो जान. फिर में उसे पकड़कर बेड के कोने तक ले गया, अब उसकी कमर से ऊपर का हिस्सा बेड पर टीका हुआ था और बाकी का मेरे हाथों पर था. फिर मैंने उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखा और खड़े हुए 7 इंच के लंड को उसकी चूत पर सेट करके एक ही धक्के में पूरा डाल दिया. वो तो एकदम से चीख ही पड़ी और बोली कि समीर प्लीज धीरे-धीरे, लेकिन अब में कहाँ मानने वाला था. फिर मैंने पूरा लंड बाहर निकाला और फिर से एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड चूत में डाल दिया और वो फिर से चिल्ला पड़ी.

फिर मैंने 4-5 बार ऐसे ही किया और एक बार लंड अंदर डालकर तेज-तेज उसे चोदने लगा, अब उसके मुँह से कामुक आवाजे आ रही थी और वो बोल रही थी समीर आई लव यू प्लीज मुझे चोदो और कस कसकर चोदो, तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है. अब में इस पोज़िशन में धक्के मार-मारकर थक चुका था तो मैंने पोज़िशन बदल दी और अब वो मेरे ऊपर थी और हम पूरे बेड पर आ चुके थे. अब वो मेरे लंड पर अपनी चूत को उछाल रही थी और उसका पति सब देख रहा था, हमें ऐसे चोदते-चोदते लगभग 15 मिनट हो चुके थे तो उसका बदन अकड़ने लगा और उसने अपनी चूत से मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया.

फिर मैंने एकदम से पोज़िशन चेंज की और उसके ऊपर आ गया और पूरी जान से उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. फिर लगभग 10-12 धक्को के बाद वो और में एक साथ झड़ गये और में उसके ऊपर ही पड़ गया और उसकी चूचियों को चूसने लगा, वो पूरी तरह से संतुष्ट दिख रही थी और मेरे लंड ने उसे पूरा मज़ा दिया था.

अब उसका पति मेरे पास आया और बोला यार थैंक यू तुमने मुझे बताया कि सेक्स का मज़ा कैसे लिया जाता है? और में इससे पूरा संतुष्ट हूँ और आगे से में ऐसे ही काजल के साथ सेक्स किया करूँगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है यार, लेकिन अलग अलग पोज़िशन में करना तभी तुमको मज़ा आयेगा. अब मैंने खड़े होकर अपने कपड़े पहन लिए और काजल ने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर काजल बोली कि समीर प्लीज आज रात यहीं रुक जाओ ना, में एक बार और तुम्हारे साथ मजा करना चाहती हूँ.

फिर मैंने उसके पति की तरफ देखा तो उसने भी कहा कि हाँ यार आज रात को यहीं रुक जाओ. फिर से पूरा मज़ा करेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है जब तुम कह रहे हो तो में आज रात यहीं रुक जाता हूँ और में रुक गया, उस रात हमने बहुत सेक्स किया और थ्री-सम भी किया. फिर जब सुबह में जाने लगा तो काजल ने मुझे बताया कि ये सारी प्लानिंग उसकी थी, असल में वो मेरे लंड से चुदना चाहती थी, लेकिन अपने पति से धोखा भी नहीं करना चाहती थी. फिर उसने प्लान बनाया और अपने पति को ये आइडिया दिया और अपने पति के सामने ही मेरे लंड का मज़ा लिया. फिर में हंसने लगा और उसे एक किस करके वापस अपने शहर आ गया.

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