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चुदाई का मज़ा लोगे क्या मैडम जी

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बात कॉलेज के दिनों की है। हम सभी दोस्त लोग हॉस्टल में बहुत मज़े करते थे और पूरे दिन हॉस्टल में ब्लू-फिल्म चलती थी। अक्सर कॉलेज की लड़कियों को पटा-पटाकर कहीं चोदने जाते थे।

मैं और मेरा दोस्त हरीश सारे दिन एक साथ रहते थे। हम दोनों दिखने मे ठीक-ठाक हैं और शरीर भी अच्छा है।

हमारे विभाग में एक नई-नई मैडम पढ़ाने आई थीं, उसका नाम सौम्या था, नई-नई शादी हुई थी, पूरा सेक्सी बदन, बड़े-बड़े बोबे और एक मस्त सी गाण्ड थी।

जब लाल कपड़े पहन कर आती थी, तो मन करता था बस यहीं पर चोदना शुरू कर दूँ।

सौम्या पर मैं और हरीश दोनों लाइन मारा करते थे। उसकी क्लास में बैठ कर उसे ही घूरा करते थे। उसने भी हमको बहुत बार नोटिस किया।

हम दोनों पिछली लाइन में बैठा करते थे।

वो हमें कुछ पूछने के लिए खड़ा करती थी और जब हमें कुछ नहीं आता था, तो डाँट कर बैठा देती थी।
मध्यावधि परीक्षाएँ चल रही थी। जो विषय सौम्या पढ़ाया करती थी उस का पेपर था। हम दोनों कभी पढ़े तो थे नहीं, इसलिए पेपर में कुछ नहीं आता था। मैडम बीच में आईं और पूछा- पेपर कैसा आया है?

हम दोनों ने कहा- कुछ नहीं आता है, आप अच्छे मार्क्स दे देना नहीं, तो हम दोनों फेल हो जाएँगे।

तो मैडम बोली- पेपर के बाद मेरे ऑफिस में आकर मिलना।

हमने कहा- ठीक है!

हम उससे मिलने के लिए उस के ऑफिस गए। वहाँ पर मार्क्स के लिए बहुत लंबी लाइन थी।

हम दोनों को मैडम ने डाँटते हुए कहा- थोड़ी देर बाद में आना!

हम वहाँ से चले आए।

थोड़ी देर बाद एक सहपाठी आया और बोला- तुम दोनों को सौम्या मैडम बुला रही हैं। हम दोनों उस के केबिन में चले गए। मैडम का केबिन कंप्यूटर लैब के अन्दर था और शाम के 4 बज चुके थे। सारे छात्र जा चुके थे। मैडम अकेली अन्दर बैठी थीं।

मैडम हम दोनों की कापियाँ चैक कर रही थीं। पहले मुझे पास बुलाया और ग़लतियाँ बताने लगीं। वो थोड़ा सा झुक गई थीं उस के उभार साफ दिखने लगे। मैं भी नज़र बचा कर देखने लगा।

हरीश अभी भी केबिन के बाहर ही था। फिर कहने लगी- मैंने नोटिस किया है कि तुम मेरी ओर घूरते हो।

मैंने कहा- नहीं मैडम!

वो चिल्ला कर बोली- झूठ मत बोलो।

उस के उभार देख कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था। मैडम का वहाँ पर ग़लती से हाथ लग गया।

मैडम ने कहा- अगर तुमको पास होना है तो मैं जो कहूँ वो करना पड़ेगा।

मैंने कहा- ठीक है मैडम!

मैडम ने अपने ब्लाउस का एक बटन खोल दिया और कहने लगीं- बहुत गर्मी है!

और मेरे लंड की ओर देखने लगीं।

मुझे पास बुलाया और मेरे लण्ड को पकड़ लिया।

मैंने कहा- मैडम क्या कर रही हो?

तो बोली- शादी के 15 दिन हो गए हैं, मेरे पति का खड़ा ही नहीं होता है। एक मिनट में ही झड़ जाता है और मैं प्यासी रह जाती हूँ! तुमको मार्क्स तभी मिलेंगे जब तुम मुझे चोदोगे!

मैडम ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने चूचों पर रख दिया। मैंने चूचों को दबाना शुरू कर दिया। मैडम सिसकारियाँ भरने लग गई- सी सी सी सी आहह आअहह ओह..!

मैंने ब्लाउज के बटन खोल कर ब्रा भी खोल दी। उसके सख्त बोबे देख कर मैं हैरान रह गया था। इतने बड़े बोबे तो मैंने ब्लू-फिल्म में भी नहीं देखे थे।

मेरा लंड भी गीला हो गया था। उसने मेरी पैंट को खोल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी।

कहने लगी- ज़ोर से दबाओ मज़ा आ रहा है..!

उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया था। लंड को चूसना शुरू कर दिया और ज़ोर-ज़ोर से झटका मार रही थी। कमरा पूरा सीत्कारों से गूँज उठा था।

बोली- अब और मत तड़पा.. मेरी चूत में डाल दे.. वो भी गीली हो चुकी है..!

मैंने पैंटी उतार दी थी। उस पर काली-काली मस्त सी झाँटे थीं। चूत से मदहोश कर देने वाली खुश्बू आ रही थी। कुछ देर तक चटवाने के बाद मैडम ने टांगें खोल दीं।

मैंने तुरंत अपना लंड पेल दिया उसमें..! इतने में हरीश अन्दर आ गया था। अन्दर का माहौल देख कर दंग रह गया। मैडम ने उसको पास बुलाया और उसकी पैंट भी खोल दी।

मैंने भी कहा- हरीश चल आज मिल कर चोदते हैं इस रंडी को!

मैडम उसका लौड़ा चूसने लगी। मैं चूत में झटके मारने लगा था। मैं मैडम के नीचे था और वो मेरे ऊपर थी। हरीश भी ऊपर आ गया और उसने मैडम की गाण्ड में अपना लंड डाल दिया था।
हम दोनों के लंड बहुत बड़े हैं। मेरा 8″ का और हरीश का 7.5″ का लंड है। मैडम को ऊपर और नीचे दोनों ओर से झटके लगने लग गए।

मैडम अब ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगीं। इतने में गार्ड अन्दर आ गया। वो आनाकानी करने लगा और सबको बताने की धमकी देने लगा। मैडम ने उस को कुछ पैसे देकर बाहर भेज दिया।

अब हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने लग गए थे। मैडम दो बार झड़ चुकी थी। मैंने और हरीश ने पोज़िशन बदली। मैंने गाण्ड में और हरीश ने चूत में लंड डाल दिया था। सब का पसीने से बहुत बुरा हाल हो रखा था। हम कुत्तों की तरह झटके लगाए जा रहे थे और मैडम चिल्लाए जा रही थी- ज़ोर से चोदो… ज़ोर से चोदो..आअहह आअहह…!

हम दोनों का भी छूटने वाला था। मैडम से हमने पूछा- कहाँ छोड़ना है?

बोली- मुझे पीना है!

लगभग 15 मिनट के बाद हम दोनों ने अपना वीर्य उस के मुँह में डाल दिया और वो उसे पी गई थी। बाद में सौम्या ने हम दोनों के लंड को चाट कर साफ कर दिया था।

हम तीनों चुदाई करके बहुत खुश थे। सौम्या ने भी उस पेपर मे हम दोनों को पूरे मार्क्स दिए। हम दोनों ने सौम्या मैडम को उस साल कई बार चोदा था। जब रिज़ल्ट आया तो हमारे पूरी क्लास में सबसे ज़्यादा मार्क्स थे।

सब आश्चर्यचकित थे कि इन दोनों ने पूरे साल पढ़ाई नहीं की फिर भी ये दोनों अच्छे मार्क्स से पास कैसे हो गए।

अब दुनिया को कौन समझाए कि हमारे हाथ खजाना लगा था। मैं और हरीश अब भी अक्सर अकेले में बैठ कर उस दिन को याद कर करके मुट्ठियाँ मारते हैं।

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