Quantcast
Channel:
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1490

बुर का पानी ने बुझाया सावन की आग

$
0
0

दोस्तों उन दिनों मैं अपने मामा के घर पर गया हुआ था . वही पर मेरी एक मोसी की लड़की भी अपनी सर्दियों की छुट्टियों में आई हुई थी। उस वक्त मेरी उमर २१ साल थी और मौसी की लड़की जिसका नाम इशिका था उसकी उमर कोई १८ साल के आस पास होगी . हम दोनों अपनी पूरी जवानी की मस्ती में थे . उसके बदन के उभरे हुए अंगों की गोलाई उसकी जवानी में चार चाँद लगा रही थी। उसकी तारीफ मै क्या करू खूबसूरती में कैटरीना कैफ जैसी थी। लेकिन चूचियां उससे भी ज्यादा लगती थी। उसे देख कर मेरी रातों की नींद गायब होने लगी .

एक रात में ख़ुद को रोक नही पाया . और चुपके से जाकर मैंने उसकी रजाई हटा दी तो देखा कि चुचियों से इस तरह लिपटी हुई थी मनो की काला नाग किसी खजाने की पहरेदारी कर रहा हो . इससे पहले कि मैं उस जवानी के खजाने को छू पाता सर्दी लगने की वजह से इशिका की आँख खुल गई। आँख खुलते ही उसने मुझे देखा इससे पहले वो कुछ बोलती मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया। और चुपचाप चला गया लेकिन मै डरा हुआ था की शायद वो किसी से कुछ कह न दे . और फ़ैसला कर लिया की इशिका का ख्याल छोड़ कर आज ही घर चला जाऊंगा .

मैंने बहाना बनाया कि घर से फ़ोन आया है मुझे किसी जरुरी काम के लिए घर वापस जाना होगा. मैंने अपना सामान पैक किया कि उसी वक्त इशिका वह आई और उसने मुझसे मेरा मोबाइल नम्बर और ई-मेल आईडी माँगा । मेरा नंबर और ई -मेल आईडी लेकर वो वहा से चली गई। और मै सामान उठा कर स्टेशन के लिए रवाना हो गया।

स्टेशन से पहले ही इशिका का फ़ोन आया और वो बोली की आग लगा कर जाना अच्छी बात नही होती . और फ़ोन काट दिया। इतना सुनते ही मेरी हसरते जवान होने लगी . और वहीँ से वापसी के लिए टैक्सी पकड़ी और एक घंटे मै अपनी इशिका के पास पहुँच गया। सभी ने पूछा कि वापिस क्यो आ गया मैंने बहाना बनाया और कह दिया कि मेरे किसी दोस्त ने पापा की आवाज निकाल कर मजाक किया था. अब तो मै बेचैनी से रात होने का इंतज़ार करने लगा.

जैसे ही रात को सब सोने चले गए तो इशिका भी मामी के साथ उनके कमरे में चली गई मैं सब के सोने का इंतज़ार कर रहा था . मैंने देखा सब सो गए है तो में चुपके से मामी के रूम में गया और जाकर इशिका को देखा तो मालूम हुआ वो भी नही सोयी थी। मैंने पूछा सोयी क्यो नही तो कहने लगी कि जब तन बदन में कोई आग लगा दे तो भला नींद कैसे आएगी . मैंने उसे अपनी बाँहों में उठा लिया जैसे उसका फूल सा बदन मेरे बदन से छुआ तो मनो मेरे तन में बिजली सी लग गई हो .

ऊपर एक रूम हमेशा खाली रहता था वो गेस्ट रूम था मै इशिका को वहीँ ले गया। मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके मदमाते बदन को एक टक देखने लगा . इशिका बोली तुम्हारी बेशरम निगाहें मेरे बदन को और ज्यादा बेकरार कर रही है। मैंने एक एक करके इशिका के सारे कपड़े उतर दिए उसके तन पर सिर्फ़ ब्लैक कलर की चोली (ब्रा ) और कच्छी (पैंटी ) थी उसने उठकर मेरे कपड़े उतार दिए अब मै उसे मस्त अहसास से किस करने लग गया। मैंने उसके अंग अंग पर अपने गरम होंटों से बहुत देर तक किस की .

मैंने अपने मुंह से इशिका की पैंटी को हटाया जो कि चूत के पानी से बिल्कुल. गीली हो चुकी थी। मगर उस पैंटी से इशिका की जवानी की खुशबू आ रही थी। अब इशिका की वो मस्त और मोटी चूत मेरे सामने थी जिसे मै सिर्फ़ अपने खयालो मै ही सोचा करता था . मैंने इशिका की ब्रा उतार दी तो उसकी बिंदास चूचियां अब मेरे होठों की गिरफ्त मै आ गई थी। मैंने जी भरके उन्हें चूसा तो इशिका तड़पने लगी .इशिका के मुंह से मस्त मस्त आवाजे आ रही थी अआया अ …………ह्ह्ह्ह्ह्छ , ऊऊऊ ऊऊऊऊ फ . ईईई ईईईईईई …..सस सस …..ह्ह्ह . ऊह मेरे सावन अब और न तड़पाओ अब और न तड़पाओ मुझे . मैं चूचियों को चूसता हुआ उसके तन को चूमने लगा

चूमते चुमते मैं अपने होंटों को इशिका की मस्त और सेक्सी चूत के पास ले आया . इशिका और ज्यादा बर्दाश्त नही कर पा रही थी इसलिए उसने मेरे लंबे और मोटे लन्ड को अपने नरम नाजुक और गरम होंटों के बीच कैद कर लिया और बिंदास होकर चूसने लगी साथ ही साथ मै चूत को अपनी जीभ से सहला रहा था . १० मिनट तक हम दोनों इसी तरह करते रहे तभी इशिका की जवानी का रस उसकी चूत से निकल कर बाहर आ गया और मैंने उस रस की एक एक बूँद को अपने होंटों पर ले लिया सच मुच उस रस को पीकर तो कोई भी वासना का प्रेम पुजारी हो जाए . तभी मेरे लन्ड के वीर्य ने इशिका की जवानी को भी भिगो दिया इशिका ने एक एक बूँद का स्वाद चखा . हम दोनों एक दूसरे को कस के पकड़े हुए थे . साथ साथ एक दूसरे के लन्ड और चूत को सहला रहे थे .

हम दोनों फ़िर से तैयार थे मैंने बिना देरी किए इशिका को अपने नीचे कर लिया अब इशिका मेरे लन्ड को चूत मै लेने के लिए बेकरार थी उसकी चूचियां और ज्यादा मोटी और टाइट हो गई थी और चूत की भी चमक इतनी बाद गई की लन्ड चूत को देखकर उसमे सामने के लिए बेकरार हो रहा था . हम दोनों मै अब और इंतज़ार का होसला नही था इसलिए मैंने लन्ड को चूत के दरवाजे पर टिका दिया और जोर से झटका लगाया झटके के साथ इशिका की चीख निकल गई लेकिन मैंने उसकी आवाज अपने होंटों से वही कैद कर दी .

मैंने बहुत सी लड़कियां चोदी लेकिन जितनी टाइट चूत इशिका की थी उतनी शायद किसी की नही थी। चार पॉँच बार ट्राई करने पर भी लन्ड चूत मै समां नही पाया . मुझे डर था की इस तरह तो इशिका को बहुत प्रॉब्लम होगी हो सकता है इशिका बेहोश भी हो जाए . इसलिए मै नीचे से कोल्ड क्रीम और एक पानी की बोतल ले आया . इशिका को दर्द हो रहा था मैंने कोल्ड क्रीम इशिका की चूत और अपने लन्ड पर लगा दी . और लन्ड को चूत पर रख कर धीरे धीरे अंदर डालने लगा लन्ड जितना अंदर जाता इशिका उतनी ही दर्द से कराह कर मुझसे लिपट जाती .मैंने एक दम ज़ोर से झटका लगाया और पूरा लन्ड चट की आवाज के साथ चूत के अंदर चला गया। इशिका की चीख निकल गई और खून चूत से बाहर आने लगा . दर्द के कारण इशिका सह नही पाई और बेहोश हो गई।

मैंने अपना लन्ड चूत मै ही रक्खा और ठंडे पानी के छींटे इशिका के मुंह पर मारे इशिका ने आँखे खोली . इशिका मेरी तरफ़ देख रही थी की मैंने तभी अपने होंठ उसके होंटों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा . धीरे धीरे लन्ड को हिलाया तो चूत कुछ नरम लगने लगी और इशिका के करहने की आवाजे अब अआया …..ह्ह्ह सस ……ईई. ऊओऊ ………फफफफफ ………..……. च्च्च्क सावन चोदो…ऽऽ मर गई मैंऽऽ.।

अब इशिका की चूत अपने वासना के जादू से मेरे लन्ड को अपने भीतर पागल कर रही थी मेरा लन्ड भी इशिका की चूत को जी भर कर चोद रहा था . वास्तव मै इशिका की चूत को चोद कर मै सवर्ग की किसी अप्सरा को छोड़ने का अहसास कर रहा था . हम दोनों चूत लन्ड के इस खेल को आधे घंटे तक खेलते रहे तभी इशिका की पकड़ मुझ पर और ज्यादा हो गई और मै समझ गया की इशिका का सेक्स पूरा हो गया है। उसकी चूत का गरम पानी मुझे अपने लन्ड पर महसूस हुआ . अब मेरे लिए भी ख़ुद को ज्यादा देर रोक पाना आसान नही था और मैंने भी अपनी वासना के बादलों को इशिका की चूत की प्यासी धरती पर बरसा दिया।

और इसके बाद हम दोनों एक दूसरे पर काफी देर तक लेटे रहे . इशिका बोली सावन ये आज मेरी पहली सुहाग रात है आज रात मुझे जी भर के चोदो और लगा दो अपनी इशिका पर सावन की मोहर . उस रात मैंने इशिका को चार पॉँच बार चोदा . लेकिन उस दिन इशिका की चूत पर बहुत ज्यादा स्वेल्लिंग आगई . साथ ही मेरे लन्ड को भी दर्द का अहसास हो रहा था क्योंकि चूत ज्यादा टाइट थी। इशिका से चला नही जा रहा था मैंने उसे अपनी बांहों मै उठाया और उसके बिस्तर पर लिटाया और उसे एक किस करके चला आया .

उस दिन के बाद जब तक मै मामा के घर पर रहा। हम दोनों की सारी रात उसी गेस्ट रूम में गुजरती थी अकेले तनहा एक दूसरे की आगोश में . सच मुच चुदाई का मज़ा लेने के बाद कुछ ही दिनों में इशिका के चेहरे की चमक अपने आप बढ़ने लगी वो और ज्यादा ख़ूबसूरत और सेक्सी हो गई। तो दोस्तों कभी अपने इस सेक्सी सावन को भी अपनी प्यास बुझाने के लिए याद कीजिये

The post बुर का पानी ने बुझाया सावन की आग appeared first on Desi Sex Stories.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1490

Trending Articles