Quantcast
Channel:
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1490

नमकीन थी मेरी बुर की पानी

$
0
0

हेल्लो फ्रेंड्स.. में देव एक ऐसी घटना जो हमारे समाज की कुरीतियों को बयान करती है और मेरे जैसे भाभीयों के देवर को भाभीयों की जमके चुदाई करने का मौका देती है.. पढ़िये मेरे साथ घटी इस घटना को. मेरी भाभी मधु.. थोड़ी हेल्थी भरा हुआ बदन, बड़ी बड़ी चूचीयाँ, बड़ी सी गांड और खूबसूरत आँखें.. जब से वो शादी करके आई है तब से में उसे चोदने को बेकरार था.

तब भाभी इतनी मोटी नहीं थी पर सेक्सी बहुत थी.. अमित भैया हमारे सामने ही भाभी की चूचियों से खेलते और भाभी सेक्सी सिसकियाँ भरती थी और में सिर्फ़ अपना लंड मसलते हुये रह जाता था. धीरे धीरे वक़्त बड़ता गया और भाभी की एक के बाद एक 5 लड़कियाँ हुई.. भाभी काफ़ी परेशान थी और उसे किसी भी कीमत पर एक बेटा चाहिये था.

फिर किसी ने भाभी को बताया कि चंदन नगर गावं मे एक बाबा रहते हैं.. जो कि कुछ ऐसी दवाई देते हैं और जिससे बेटा पैदा होने की गारंटी होती है.. भाभी तब मेरे पीछे पड़ गयी कि मे उसे उस बाबा के पास ले जाऊं.. में उसे अपनी बाईक पर बैठाकर बाबा के पास ले गया और रास्ते भर भाभी मेरे साथ चिपक कर बैठी रही. उसकी चूचियाँ मुझे उसे चोदने को ललकार रही थी.. ऐसा लग रहा था कि भाभी को अभी चोद दूं..

लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और उसे बाबा के पास ले गया. फिर बाबा ने कहा बेटी ऐसे नहीं.. जब तुम्हारा पीरियड शुरू हो और उसका अंतिम दिन हो.. जब तुम आना और में तुम्हे दवाई दूँगा. फिर देखना तुम्हे बेटा ज़रूर पैदा होगा.

फिर एक दिन मैंने देखा कि भाभी सुबह सुबह तैयार हुई.. उन्होंने एक पीले कलर की साड़ी और मेचिंग ब्लाउज पहने हुये भाभी एकदम मस्त लग रही थी.. अगर इस तरह से भैया उसे देख लेते तो शायद आज काम पर ही नहीं जाते और दिन भर भाभी को चोदते.. लेकिन भैया घर पर नहीं थे. भाभी ने मुझे आवाज़ लगाई कि चलो बाबा जी के पास जाना है.. में भाभी को अपनी बाईक पर बाबा के पास लेकर गया..

उस दिन भी भाभी मेरे साथ चिपक के बैठी थी और जिससे मेरी नियत खराब हो रही थी. मेरा लंड पेंट के भीतर ही उछल रहा था.. शायद मेरी हालत को भाभी भी समझ रही थी. फिर भी वो मुझसे चिपक कर बैठी हुई थी.. हम बाबा की कुटिया मे पहुँचे.. बाबा ने कुछ मंत्र पढ़े और भाभी को एक पुड़िया केले के साथ खाने के लिए दी और कहा कि बेटी इस दवाई को केले के साथ अभी खा लो और आज ही जाकर अपने पति के साथ संभोग करना.. तुम्हे ज़रूर बेटा होगा.

भाभी काफ़ी खुश थी. फिर हम वापस लौट रहे थे.. लेकिन मौसम का मिज़ाज कुछ खराब था और हम गावं के रास्ते को पार करते हुए कुछ खेतों के बगल से गुजर रहे थे.. जहाँ दूर दूर तक कोई घर नहीं दिख रहा था. हम चले जा रहे थे कि अचानक तेज बारिश शुरू हो गयी.. में इधर उधर देखते हुए काफ़ी तेज बाइक चलाने लगा.

फिर अचानक से रास्ते के किनारे थोड़ी दूर खेत की तरफ एक झोपड़ी दिखाई दी.. मैंने बाइक रास्ते पर रोक दी और भाभी से कहा कि जल्दी उस झोपड़ी मे चलो.. भाभी बाईक से उतरकर झोपड़ी की तरफ भागी और में भी बाइक खड़ी करके झोपड़ी में चला गया. हम बारिश से बच गये थे.. कुछ भीगे ज़रूर थे.. लेकिन राहत थी कि पूरी तरह से भीगे नहीं.. लेकिन भाभी इतनी ज़रूर भीगी थी कि उसकी साड़ी उसके ब्लाउज के साथ चिपक गयी थी और बारिश की कुछ बूंदे उसकी नाभि के पास झलक रही थी.

भाभी अपनी आँचल को अपने सीने से हटाकर उससे अपना मुँह पोंछ रही थी.. जिससे ब्लाउज से निकलती हुई उसकी चूचियां मुझे पागल बना रही थी.. लेकिन अचानक से भाभी का फोन बजा.. भाभी ने देखा कि भैया का फोन आया था.. तभी भाभी ने फोन पर बात की और उसके बाद भाभी का चेहरा उतर गया. फिर मैंने भाभी से पूछा कि क्या हुआ? पर उसने मुझे कुछ बताया नहीं.. वास्तव भैया का फोन आया था कि आज भैया घर नहीं आयेगें.. उन्हें काम के लिए आउट ऑफ स्टेशन जाना पड़ रहा है. ये बात मुझे बाद में पता चली.. भाभी का चेहरा बिल्कुल उतरा हुआ था.. लेकिन में तो उसकी मस्त चूचियों मे नज़र रखा हुआ था.

अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने अपना एक हाथ धीरे से भाभी की कमर पर डाला.. तो भाभी ने हल्की सी अपनी सांस उपर की तरफ खींचा.. लेकिन मैंने अपना दूसरा हाथ भाभी के पेट में डालकर उसके पेट और नाभि को सहलाने लगा. भाभी अब धीरे धीरे और ज़्यादा मुझसे चिपकने लगी.. जैसे ही मुझे लगा कि अब भाभी विरोध नहीं करेगी. फिर मैंने ज़ोर से भाभी को अपनी बाहों मे खींच लिया और उसे किस करने लगा और अचानक से भाभी मुझसे खुद को छुड़ाकर पीछे घूम गयी.. लेकिन मेरे लिए अब रुकना मुमकिन नहीं था. मैंने पीछे से भाभी की चूचियों को ब्लाउज और साड़ी के ऊपर से ही मसलने लगा.. भाभी सिसकियाँ लेने लगी. मैंने उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और ब्लाउज के हुक्स खोल दिए.. भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी तो उसकी चूचियां बाहर निकल गयी.. जिन्हें में बेदर्दी से मसलने लगा.

मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था और अब में बिल्कुल भी रुकना नहीं चाह रहा था. मैंने अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर भाभी की साड़ी को उपर उठाया.. पूरी गांड अब मेरे सामने थी. यारों क्या बोलूं.. सिर्फ़ उस घटना को याद करते हुए लिखने से ही मेरा तो लंड खड़ा हो रहा है.. पता नहीं आप लोगों का क्या हो रहा होगा? जैसे ही उसकी गांड मेरे सामने नंगी दिखी.. में उसकी गांड दबाने लगा.. इसी दौरान में और भाभी दोनों चुप ही थे.. सिर्फ़ हमारी सिसकियाँ निकल रही थी. मैंने अपनी पेंट उतार दी और मेरा लंड अब भाभी को चोदने के लिए तैयार खड़ा था. फिर मैंने भाभी को दीवार के सहारे थोड़ा सा झुकाया.. जिससे भाभी की चूत बिल्कुल उभर कर मेरी आँखों के सामने आ गयी और मैंने सीधा अपना लंड भाभी की चूत मे डालकर उसे चोदने लगा.. भाभी को चोदते हुए मैंने अपना सारा माल भाभी की चूत मे डाल दिया. फिर हम अलग हुए और अपने कपड़े ठीक किये.. तभी अचानक से भाभी ने मुझे एक किस किया और कहा कि थैंक यू. में कुछ समझ नहीं पाया और चुप ही रहा.. बारिश रुकी और हम घर आ गये.

फिर ना तो कभी मैंने और ना ही भाभी ने उस बारे मे कोई बात की.. बाबा की दवाई का असर हुआ और भाभी प्रेग्नेंट हुई.. बाद में उसे एक चाँद सा लड़का पैदा हुआ. मैंने लड़के को देखा और भाभी से कहा कि भाभी मुबारक हो. बाबा की दी हुई दवाई ने तुम्हारे अरमान पूरे किए.. उस समय घर पर कोई नहीं था.

फिर भाभी ने मुझे पास बुलाया और मुझे एक जोरदार किस किया और कहा कि.. हाँ बाबा की दवाई ने और तुम्हारे वीर्य ने. ये तुम्हारा ही बेटा है.. थैंक यू. उस दिन दवा खाने के बाद मुझे सेक्स करना ज़रूरी था और तुम्हारे भैया आउट ऑफ स्टेशन थे.. अगर उस दिन तुम मेरे साथ सेक्स नहीं करते.. तो शायद मुझे ये ख़ुशी कभी नहीं मिलती.. यह कहकर उसने मुझे फिर एक बार किस किया. में भी अब जोश मे आ गया और उसकी चूचियों को दबाने लगा.. लेकिन उससे आगे भाभी ने मुझे बड़ने नहीं दिया.. क्योंकि उस समय भाभी सेक्स करने के लायक नहीं थी. आज भी सिर्फ़ मुझे और भाभी को ही पता है कि वो बच्चा मेरा है और अब हमें जब भी मौका मिलता है.. तो खुलकर सेक्स करते है.

The post नमकीन थी मेरी बुर की पानी appeared first on Desi Sex Stories.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1490

Trending Articles