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टीचर की कमीना गिरी

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मैं आपको एक नई कहानी सुनाने जा रही हूँ जो की बिल्कुल सच्ची कहानी है मैं 19 साल की हूँ और सुंदर लड़की हूँ। मेरी कहानी एक माँ और उसके आशिक़ द्वारा एक मासूम लड़की को गंदे कामों में धकेलने की है मेरे पापा एक बैंक में काम करते हैं और उनकी मम्मी के साथ पटती नही है वे हमेशा देर से घर आते हैं और खाना खा कर सो जाते हैं मेरी तरफ़ उनका ज़रा भी ध्यान नहीं है ये कोई 5 साल पहले की घटना है तब में 18 साल की थी। मम्मी ने मुझे पढ़ाने के लिए एक टीचर रखा था जिसकी उम्र क़रीब 28 साल की होगी। पहले ही दिन मम्मी ने उन्हें और मुझे अपने कमरे में बुलाया और हिदायतें देना शुरू कर दी।

मम्मी ने मुझसे टीचर के लिए चाय बनाने को कहा और मैं चली गई जब में चाय लेकर आई तब मैने देखा की मम्मी के कपड़े अस्त व्यस्त थे और टीचर के शर्ट पेर मम्मी के लंबे बाल थे। मम्मी का पावडर भी उन पर लगा हुआ था। में समझ गई थी कि वे दोनो प्यार कर रहे थे।

मुझे देख के वे पहले की तरह ही बैठ गये जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो। टीचर शाम के 5 बजे आया करते थे और मुझे पढ़ाने और समझाने के बहाने इधर उधर हाथ फ़िराया करते थे। मुझे ये सब अच्छा नही लगता था। मगर मैं किससे अपनी बात कहती। एक दिन उन्होने मुझे कुछ याद करने को कहा था और मैने नही किया था। बस उन्होने मेरी गोल चूचियों की चुटकी ली और बोले की” तुम कुछ भी पढ़ती नही हो में तेरी मम्मी से बात करूँगा”।

इतना कहकर वे रसोई में चले गये जहाँ मम्मी खाना बना रही थी।

उनके आते ही मम्मी ने पूछा “तुम्हारा काम हो गया?”

उसने कहा “हाथ ही रखने नही देती, चूत क्या देगी। मेरा तो लंड बड़ा हो गया है उसे शांत करना पड़ेगा”।

मम्मी ने कहा।”मैं हूँ ना”

इतना कहकर उन्होने टीचर की पैंट का ज़ीप खोलकर टीचर के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी टीचर का लंड बहुत बड़ा था जिसे देखकर मेरी चूत में चींटियाँ रेंगने लगी। मैं वो दृश्य देख ना सकी और अपने रूम में आ गई। यह दृश्य मेरे मन में कई दिनो तक छाया रहा और मैं रात भर सो नहीं पाती थी।

कभी अपनी चूचियों को सहलाती तो कभी चूत को। मेरे बुर से पानी झरने लगता था। में यह सोचती थी की लंड को चूसना शायद अच्छा लगता होगा और यदि मैं किसी का लंड चूसती हूँ तो वो मेरी भी बुर चाटे। ये सोचकर मेरी चूत में खलबली मच जाती थी। मैं भी टीचर का लंड चूसने बेताब हो गई। उस दिन टीचर बोले “आओ तुम्हें ड्राइंग सीखा दूं”। मैं उनके पास बैठ गई और वे बहाने से मेरी चूचियों सहलाते रहे। मुझे यह अच्छा लग रहा था और मैंने अनजाने में अपनी टाँगें फैला दीं। बस उन्होने अपना हाथ वहाँ रखा और धीरे से मेरे बटन खोलने लगे।

मैने कहा,”मम्मी आ जाएगी अभी कुछ मत करो”

उसने कहा,”चल मेरी जान तेरी मम्मी भी मुझसे डलवाती है आ भी जाए तो भी कोई फ़रक नही पड़ेगा। उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया और मेरी चूचियों और बुर को चाटने लगे और अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया।

इतना बड़ा लण्ड पाकर मैं ख़ुश हो गई और मज़े से चूसने लगी तभी मेरी मम्मी आ गई और ग़ुस्से से लाल होकर बोली ‘ये तुम दोनों क्या कर रहे हो। ज़रा मुझे भी बताओ”। टीचर ने कहा “में तुम्हारी लड़की को तैयार कर रहा हूँ। इसकी चूत बहुत मीठी है इसे तुम भी चाटो।” मेरी मम्मी ने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और चाटने लगी में टीचर ने अपना पूरा लंड मेरी मम्मी की चूत में घुसा दिया और फिर उसने मुझे जी भर के चाटना शुरू किया। मम्मी मेरे साथ की चुदाई मुझे नर्वस कर रही थी। मगर मन में यह बात भी थी की मम्मी ने मुझे सारी चीज़ें सिखाईं।

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